प्रतापगढ़ शहर के बाहर बनी एक पुरानी हवेली जो अब लगभग खंडहर हो चुकी थी।
एक अधेड़ उम्र की औरत चारपाई पर मीरा की तस्वीर लेकर बैठी थी, उसकी आंखों में आंसू भरे थे। सिसकियों के बीच उसने मीरा की तस्वीर को सहलाते हुए बहुत ही धीमें स्वर में जैसे खुद से ही कहा, ‘’मेरी बच्ची...मेरी राजकुमारी...तुम कितनी पीड़ा में हो यह मैं ही समझ सकती हूं।
भला मां अपनी बेटी के दर्द को नहीं समझेगी तो कौन समझेगा? चौबीस साल पहले जब तुम दूध पीती बच्ची थी तभी तुम्हें मुझसे छीन लिया गया था, मैंने उस समय भगवान से यही दुआ मांगी थी कि तुम्हारी जिंदगी में आने वाला हर दर्द मुझ पर गिरे, पर मेरी बच्ची शायद ईश्वर बहुत निष्ठुर है, जिंदगी तुम्हें कुछ कड़े सबक सिखाना चाहती है। जिन लोगों ने तुम्हें मुझसे छीना था उनका अंत करीब है, मेरा अनुज तुम्हें वापस लेकर आएगा और तुम्हारी शादी वहीं होगी जहां मैं चाहूंगी, वहां नहीं जहां तुम्हारी मां नीता चाहेगी।
मौसम बहुत ही सुहाना था, छुट्टी का दिन होने के कारण सड़कों पर खूब चहल पहल थी। लोगों को बाहर निकलकर इन्जॉय करने का बहाना जो मिल गया था।
मीरा, पिंकी और रेनू तैयार हो चुकी थी, घर की औरतें ही घूमने जा रही थी, नीता ने अपना पर्स संभालते हुए सबसे कहा, ‘’पहले हम मंदिर चलेंगे वहां से दर्शन करने के बाद शापिंग मॉल चलेंगे, सुना है वहां कुछ कल्चरल प्रोग्राम होंगे और कुछ स्टेट के ट्रेडिशनल ड्रेस की दुकानें भी लगी हैं।‘’
‘’मैं तो अपने लिए राजस्थानी लहंगा लूंगी…’’ पिंकी उत्साहित होकर बोली।
रेनू बुआ बोली, ‘’लंहगे का क्या करोगी? ज्यादा यूज भी नहीं होता है, लहरिया या बांधनी प्रिंट की साड़ी ले लेना खूब यूज हो जाएगी।‘’
रेनू बुआ और भी बहुत कुछ बोलना चाहती थी कि मीरा की शादी में तुमने जी भरकर शापिंग की है, अब और कुछ मत खरीदो, पर अब तो मीरा की शादी की बात करना ही गलत होगा।
पिंकी मुंह बनाकर बोली, ‘’मां तुम्हारे पास पैसे न खर्च करने के कई बहाने हैं...मैं तो लंहगा लूंगी, साथ में कांच की कलरफुल चूड़ियां भी और मिरर वर्क वाला दुपट्टा।‘’
मीरा के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट तैर गई। एक हफ्ते बाद मीरा को मुस्कुराते देख नीता के दिल को सूकुन मिला।
मंदिर में वह भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर खड़ी थी, साइड की दीवार पर एक बड़ा सा पोस्टर लगा था जिसमें छोटे-छोटे प्रवचन जैसी लाइने लिखी थी।
मीरा उन्हें ध्यान से पढ़ रही थी।
‘’जिन चीजों पर हम नियंत्रित नहीं कर सकते हैं, उन्हें स्वतंत्र कर देना चाहिए। समय के साथ वे अपने आप ठीक हो जाती है, इस दुनिया में कुछ भी अकारण ही नहीं होता है।‘’
‘’हर दुख के बाद सुख आता है और यह समय भी बदल जाएगा, इसलिए दुख में टूटो मत और सुख में घमंड मत करना, क्योंकि यह समय भी बदल जाएगा।
पढ़कर मीरा ने गहरी सांस ली…’’सही तो है, जो कुछ हो रहा है क्या पता ऊपर वाले की ही कुछ मरजी हो, वो कहते हैं कि उस मालिक की मरजी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता तो कुछ हो रहा है यूं ही तो नहीं हो रहा होगा, जरूर ऊपरवाले की कोई मरजी होगी…अब समय आ गया है कि मैं इस बहाव में अपने आप को एकदम फ्री कर दूं। देखती हूं भगवान जी कि क्या रजा है, कुछ तो सोचकर रखा होगा मेरे लिए, कई बार हम चाहकर भी अपनी किस्मत नहीं बदल सकते।‘’
मॉल के एंट्री गेट के सामने टैक्सी से उतरकर पिंकी बोली, ‘’बाप रे कितनी भीड़ है, ऐसा लग रह है कि फ्री में सब बंट रहा है और सारे लोग टूट पड़े हैं।‘’
नीता ने टैक्सी वाले को पैसे देते हुए कहा, ‘’इस नोएडा शहर में मॉल और पार्क के अलावा और कोई जगह कहां है जहां घूमने जाया जा सकता है,।‘’
‘’क्यों नहीं, हम दिल्ली तो घूमने जा सकते हैं, कुतुबमीनार, लालकिला, हुमायूं का मकबरा और भी कई सारी हिस्टोरिकल प्लेस।‘’ पिंकी ने कहा।
‘’उसके लिए एक दिन पहले की प्लानिंग करनी होगी, वैसे भी सब कुछ तो तुम्हारा देखा हुआ है। अब चलो, कुछ ज्यादा शापिंग मत करना, वरना बिलिंग के लिए लम्बी लाइन लगानी पड़ेगी, आज भीड़ भी बहुत है और खूब सारी चीजों पर डिस्काउंट भी है, लोग पागलों की तरह शापिंग कर रहे होंगे।‘’ रेनू बुआ मुंह बनाते हुए बोली…उन्हें शापिंग करना तो पसंद था लेकिन बिल करवाने के लिए घंटे भर खड़े रहना एकदम नहीं अच्छा लगता था।
मीरा अपनी मां, रेनू बुआ और पिंकी के साथ मॉल की ओर बढ़ती रांग साइड से आ रही थी कि एक कार उनके सामने लगभग एक इंच की दूरी पर रूक गई।
नीता ने हड़बड़ाकर कहा, ‘’मीरा बेटा देखकर।‘’ वैसे गलती कार वाले की थी।
‘मीरा अचकचा गई,
कैसे गंदे तरीके से कार चला रहा है।‘’ पिंकी धीरे से भुनभुनाई।
कार की ड्राइविंग सीट से एक लड़की निकली उसे देखकर नीता मन ही मन बोली, ‘’ पता नहीं लोग क्या सोचकर औरतों के हाथ में कार पकड़ा देते हैं, अगर हम पीछे न हटते तो यह हमें कुचल ही देती।‘’
मीरा ने नीता को अपनी आंख के इशारे से इट्स ओके कहा और मॉल की ओर चलने के लिए आगे बढ गई।
उस कार वाली लड़की ने अपनी कार की चाभी पार्किंग के एक गार्ड की ओर उछालती हुई बोली, ‘’कार ठीक से लगा देना और यह लो अपनी टिप।‘’ कहकर उस लड़की ने पर्स से पांच पांच सौ के दो नोट निकाले और गॉर्ड को दे दिए।
गार्ड ने लड़की को झुककर सलाम किया।
पिंकी फिर मन ही मन बोली, ‘’क्या बात है, तेवर तो देखो। जरूर कोई बिगड़ैल अमीरजादी है।‘’
वह अपना पर्स बंद करने का नाटक करते हुए आगे बढ़ी और मीरा से टकरा गई, ऐसा लग रहा था जैसे वह जानबूझकर मीरा से भिड़ गई हो, इस टकराव में उस लड़की के पर्स से बहुत सारे फोटो गिरकर बिखर गए।
उनमें से एक फोटो पर यूं ही अनायास ही मीरा की नजर चली गई और उसी पल में उसकी नजर जैसे अकड़ सी गई, मीरा की आंखे इतनी फैल गई कि ऐसा लगा कि पुतलियां किसी भी समय बाहर आ सकती हैं…यह उस शख्स की फोटो थी जिससे मीरा प्यार करती थी, शादी करने वाली थी…यह राघव था…उसका राघव, पर यह किसी और लड़की के साथ था। शादी के कपड़े में, हरे रंग की शेरवानी में दूल्हा बना हुआ किसी दुल्हन बनी लड़की के साथ खड़ा था और भी कुछ फोटोज थी उसी लड़की के साथ ऐसा लग रहा था जैसे वे किसी हनीमून ट्रिप हों।’’
फिर मीरा ने उस कार वाली लड़की को देखा जो मीरा को देखकर मंद-मंद मुसकुरा रही थी।
यूं लगा जैसे उसके दिल के हजार टुकड़े हो गए, यह सामने खड़ी कार वाली लड़की ही तो फोटो में राघव के साथ थी।
पिंकी भी उतनी ही हैरान थी, वह एक एक फोटो को उठाकर ध्यान से देखने लगी।
मीरा नीचे बैठकर बिखरे हुए फोटो को उठाने लगी और एक फोटो जिसमें इस लड़की ने और राघव ने अपनी अपनी एक हथेली को मिलाकर दिल का निशान बनाया था…
मीरा हतप्रभ होकर देख रही थी, उसे भी अपने हाथ में लेकर मीरा से बोली, ‘ओह इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है, मेरे हस्बेंड हैं ही इतने चार्मिंग इतने हैंडसम कि कोई भी लड़की उनपर मर मिटे, आंटिया तक उनके चेहरे से नजरें नहीं हटा पाती हैं।‘’
‘’हस्बेंड! मीरा को ऐसा लगा कि वह अभी जमीन पर गिर जाएगी, मानों आसपास सबकुछ सुन्न हो गया।
मीरा के हाथ से फोटो लेकर वह लड़की मीरा से बोली, ‘’मेरा नाम नैना शर्मा है, मिसेज नैना राघव शर्मा...।
फिर नैना ने पिंकी के हाथ से फोटो लेकर कहा, ‘’तुम्हारी गलती नहीं है पर किसी के हस्बेंड की फोटो को ऐसे घूरना अच्छी बात नहीं है, ये खूबसूरत तो बहुत हैं पर खतरनाक भी है।‘’
मीरा ने एक अनकहे दर्द से अपनी आंखे बंद कर ली, कितने राज छुपा रखे हैं तुमने राघव? जब तक तुम मेरी लाइफ में थे हमारी लाइफ कितनी सीधी, सरल और सपाट थी और तुम्हारे जाते ही सब कुछ कितना कठिन और भयानक हो गया है, अब इन सभी सवालों के जवाब तुम्हीं दे सकते हो।‘’
मीरा को अपना दिल जलता हुआ महसूस हो रहा था, अभी मंदिर में भगवान के सामने क्या कसम खाई थी चाहे जो भी हो, अब मैं किसी भी मुसीबत को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी….शायद ऊपर वाला मेरी परिक्षा लेना चाहता है।’’
मीरा अपने भीतर की पीड़ा को छुपाकर जबरदस्ती अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाकर बोली, ‘’ऐसी कोई बात नहीं है, पर मुझे अजीब लग रहा है कि आप अपनी इतनी सारी फोटोज लेकर मॉल घूमने आई हैं।‘’
‘’ओह, मैं इन्हें फ्रेम करवाने आई हूं। घर की दीवारों पर सजाना है।‘’
‘’आपके हस्बेंड कहां हैं?‘’ पिंकी ने तपाक से पूछा, उसे यह नहीं पूछना चाहिए था, पर उसे जानना था कि राघव है कहां।
नैना, पिंकी को गुस्से और तीखी नजरों से देखकर बोली, ‘’तुम कौन होती हो, मुझसे यह सब पूछने वाली, न तुम मुझे जानती हो और ना ही मैं तुम्हें, एस्क्युजमी...मुझे बहुत काम है।‘’
नीता की समझ में जैसे कुछ नहीं आ रहा था…क्या था यह सब? क्या बोल कर गई..? राघव की पत्नी..?’’
वे जैसे फट पड़ी...ए लड़की क्या बकवास कर रही हो, तुम्हें पता भी है यह लड़का मेरी बेटी से शादी करने वाला था…तुम कौन हो और यह कैसा फ्राड कर रही हो।’’
वह लड़की मुंह बनाते हुए नीता को देखने लगी, सिर झटकते हुए बोली, ‘’व्हाट....व्हाट….आपकी बेटी की शादी मेरे हस्बेंड से ओ आंटी आप सठिया गई हैं क्या या किसी पागलखाने से भाग कर आई हैं...आप मिडिल क्लास वालों की प्राब्लम क्या है...’
नीता चीखकर बोली, ‘’प्राब्लम यह है कि इस लड़के ने मेरी बेटी को धोखा देकर तुमसे शादी कर ली है, मैं पुलिस में इसकी रिपोर्ट करूंगी।‘’
‘आपका दिमाग पूरी तरह से फिर गया है क्या...अपने आप को किसी पागलों के डाक्टर को दिखाओ, जिस थाने में एफआईआर करवानी है करवा दो, अपनी औकात में रहिए, तुम मिडिल क्लास वालों की कोई सेल्फ रेस्पेक्ट नहीं होती है क्या, घर से अमीर लोगों को फंसाने निकलती हो…बड़ी कार और करोड़पति देखकर तुम लोग एक सेंकेंड में क्या से क्या बन जाते हो, हटिए सामने से।‘’ कहकर नैना ने मीरा को आंख मारी और कुटिलता से मुस्कुराते हुए वहां से निकल गई।
मीरा को उसकी हर एक बात जहरीली तीर की तरह चुभ रही थी।
पिंकी उस लड़की को जाते हुए देखकर बोली, ‘’कुछ तो बहुत बड़ा लफड़ा है मामी...यह लड़की जानबूझकर हमें तस्वीरें दिखाना चाहती थी पर मुझे तो कुछ अजीब लग रहा है, राघव जैसा बड़ा आदमी अगर शादीशुदा था तो अब तक यह लड़की कहां थी…राघव ने शादी कब की और…कब इसके साथ टाइम स्पेंड किया...यह लड़की सरासर झूठ बोल रही है।’’
मीरा के नाजुक दिल को एक बार फिर से चोट पहुंच गई थी, कितनी मुश्किल से उसने खुद को संभाला था अब जब किसी तरह मुस्कुराने की कोशिश कर ही रही थी तो एक और हादसा घटित हो गया।
उसका मन हो रहा था कि बस कहीं से राघव मिल जाए तो उसका कॉलर पकड़कर उससे पूछे कि क्यों कर रहे हो मेरे साथ ऐसा...क्या पिछले जन्म में मैंने तुम्हारा कुछ बिगाड़ा था क्योंकि जहां तक मुझे पता है इस जन्म में जब से मैं तुमसे मिली हूं मैंने तुम्हें केवल चाहा है, तुम्हारी लम्बी उम्र की कामना की है, शादी से पहले ही तुम्हारे लिए करवा चौथ का व्रत किया है, मन ही मन खुद को अभी भी मैं सुहागन मानती हूं। क्या जिस राघव को मैं जानती थी वह झूठ था...जब तक तुम सामने आकर खुद नहीं बताते यह सब केवल एक छलावा ही रहेगा राघव...मेरे दिल का एक हिस्सा अभी भी कह रहा है कि तुम मुसीबत में हो और यह सब जो हो रहा है उसमें तुम्हारा किसी भी तरह का कोई हाथ नहीं है’’
मीरा ने एक गहरी सांस ली...वो उस इंसान के साथ पूरी जिंदगी बिताने के सपने देख रही थी जिसके बारे में बहुत कुछ जानकर जैसे कुछ भी नहीं जान पाई थी। पता नहीं था कि झूठ की पोल खुद खुल रही है या सच्चाई की परत सामने आ रही है।
राघव सामने होता तो लगता ही नहीं था कि उसके भीतर इतना कुछ छुपा रह सकता है, आखिर मुझसे इतना सबकुछ छिपाया क्यों गया?
नीता ने फिर सबसे कहा, ‘’क्या हम वापस चलें…तुम्हारे पापा और शोभित अंकल को सबकुछ बताना होगा, इस नकली राघव की पत्नी ने तो सारा मामला खराब कर दिया।’’
मीरा को कहीं ना कहीं लग रहा था कि यह सब करने में उसके मामा का तो हाथ नहीं है, उन्हें पता है कि हम मॉल में घूमने आ रहे हैं, और यह लड़की हमसे ही क्यों टकराई, फोटो क्यों गिराए, जरूर मामा और अनन्या की कोई चाल होगी।
‘’नहीं, हम घूमने आए हैं तो घूमेगें, अब मैं इन सब चीजों को जिंदगी भर का दर्द नहीं बना सकती। चलिए अंदर घूमने, खाने और देखने के लिए बहुत सारी चीजे हैं।‘’ मीरा ने सख्त होकर कहा और मॉल के अंदर बढ़ गई।
आखिर यह नैना है कौन जो अपने आप को राघव की पत्नी बता रही है?
और प्रतापगढ़ की वह औरत कौन है जो मीरा की तस्वीर से बातें कर रही थी?
अनुज क्यों मीरा को नीता से छीनकर उस औरत को सौंपना चाहता है?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहुरूपिया मोहब्बत!
No reviews available for this chapter.