वो भूत सुनील के अंदर घुस गया था। एक-एक कर के उसने सारी शारब की बोतलें भी गटक ली। मानो सदियों से वोह शराब की तलाश में था और आज उसे आखिरकार मौका मिल ही गया अपनी प्यास बुझाने का। पर क्या उसकी प्यास यही पर ख़त्म होगी?
जहाँ एक तरफ़ साधुपुल गाँव में शराब पीने वाले लोगों में कमी आ गई थी, वहीं बगल के गाँव वालो ने भी यहाँ से शराब लेना बंद कर दिया था। जिससे ठेके पर भारी नुक़सान हुआ, उन्होंने शराब बेचने के लिए अपने बोर्ड पर "1 के साथ 3 फ्री " वाला ऑफर भी लगाया, लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। सोनू और अन्नू को समझ नहीं आ रहा था कि उनके साथ हो क्या रहा है। शराब की दुकान के मालिक ने उनसे कहा,
मालिक
सुनो, तुम दोनों को कल से आने की कोई ज़रूरत नहीं है।
सोनू
क्यों हमसे कोई गलती हुई क्या?
मालिक
तुम दोनों की सबसे बड़ी गलती ये है कि तुमसे बड़ा पनौती इंसान मैंने आज तक नहीं देखा! ये दुकान पिछले 70 साल से आज तक बिल्कुल मक्खन की तरह चल रही थी, लेकिन आज तुम्हारे आने के बाद अब ये नौबत आ गई है कि एक बोतल भी नहीं बिकी।
अन्नू
इसमें हमारी क्या गलती है, हम थोड़ी उस भूत को लाए हैं! वैसे भी अगर लोगों में अब अकल आ गई है कि शराब पीना बुरी बात है... अब ये तो अच्छी बात है।
मालिक
दफ़ा हो जाओ दोनों के दोनो, अब दुबारा अपनी शक्ल मत दिखाना॥
इसके बाद दोनों दुकान से बाहर निकल गए, लेकिन जब सोनू और अन्नू घर की तरफ़ जाने लगे तो उन्होंने देखा की पूरे गाँव में शराब न पीने के पोस्टर लगे हुए थे, जिस पर साफ़ साफ लिखा था कि “शराब पीना मना है, नहीं तो भूत उठाकर ले जाएगा”। दुकान से निकाले जाने की वज़ह से उदास होकर सोनू अपने ख्यालों में खोया हुआ था। ऐसे में अन्नू ने सोनू से कहा
अन्नू
तू अपने पापा के साथ चूड़ियाँ बेचना शुरू कर और मैं अपने पापा के साथ भैंस का दूध बेचता हूँ। ऐसे तू भी कुछ कमाता रहेगा और मैं भी।
सोनू:
नही यार, मुझे चूड़ियों का काम नहीं करना, मेरा सपना है कि मैं भी संजीव कपूर जैसे एक बड़ा शेफ़ बनूं और अपना एक रेस्टोरेंट खोलूं। पिंकी भी यही चाहती है, नहीं तो उसका हलवाई बाप उसकी शादी कनाडा के किसी एन.आर.आई से करवा देगा
ये बोलकर सोनू फिर से उदास हो गया और वही बगल में एक घर की सीढ़ियों पर बैठ गया, अन्नू भी उसके बगल में आकर बैठ गया
अन्नू
सोनू वैसे तू भूत पर भरोसा करता है?
सोनू
मैने तुझे कल रात भी बोला था, भूत वूत कुछ नहीं होता। ये सब लोगों की सुनी सुनाई बाते है। ऐसा कुछ नहीं होता दुनिया में।
अन्नू:
अच्छा फिर वह शराबी आदमी कैसे मरा?
सोनू
तूने पुलिस वाले का बयान नहीं सुना? उन्होंने ख़ुद बोला की शराबी ने ज़्यादा शराब पी ली थी इसलिए मर गया।
अन्नू
... लेकिन शराब की दुकान से जो 2 कार्टन शराब की बोतले चोरी हुई उसका क्या?
सोनू
तू उल्टा पैदा हुआ था क्या? हर चीज को भूत का ऐंगल क्यू दे रहा है, वह असली चोरी भी तो हो सकती है और तुझे क्या लगता है वह भूत चुराकर ले गया, अगर उसको शराब से इतनी ही नफ़रत है तो बस 2 ही कार्टन क्यों लेकर जाएगा? बता?
अन्नू
बेचारे में दम नहीं होगा, 2 ही कार्टन उठा पाया होगा?
सोनू
धतूरे का बीज खा कर आया है क्या आज?
अन्नू
लेकिन?
सोनू
लेकिन वेकिन कुछ नहीं होता, ये सब बकवास है... तुझे पता है ना, अभी मेरा दिमाग़ वैसे ही बाक़ी ज़रूरी चीजों में उलझा हुआ है, मेरा दिमाग़ और खराब मत कर
ये बोलकर सोनू सीढ़ियों से उठ गया और आगे-आगे जाने लगा। तभी पीछे से अन्नू ने आवाज़ दी,
अन्नू
ओए पुत्तर सुन ना
ये सुनकर सोनू को एकदम से कल रात की घटना याद आई और उसके क़दम वही जम गए। तभी अन्नू बोला,
अन्नू
ये आवाज़ भी झूठ थी क्या? जो हमने कल रात में सुनी थी? बता?
सोनू
हाँ झूठ थी, कोई हमारे साथ मज़ाक कर रहा था, चल अब मैं जा रहा हूँ। कल सुबह मिलते है।
सोनू का अब एक ही सपना था कि वह जल्दी अपना रेस्टोरेंट खोले, जिसके लिए उसने हाथ पैर मारने शुरू कर दिए थे। वही पिंकी ने भी इस बार सोनू से मिलने पर उसे अल्टीमेटम दे दिया।
पिंकी
देख, सोनू मैं तुझसे प्यार करती हूँ। लेकिन अब बहुत हो गया, या तो तू कुछ बड़ा कर और ख़ुद का रेस्टोरेंट खोल या फिर मेरी शादी में लोगों को खाना खिलाना। पैसा भी अच्छा मिलेगा
ये बोलकर पिंकी वहाँ से चली गई और सोनू अकेला बैठा रह गया, तभी उस तालाब के पास गाँव का एक आदमी आया और फ़ोन पर किसी से ज़ोर-ज़ोर से बात करने लगा।
आदमी
हाँ यार, मेरा तो मन कर रहा है, वह खंडहर हवेली ले लूं, काफ़ी बढ़िया जगह है। लेकिन गाँव में अब हर तरफ़ उस हवेली को लेकर बहुत बाते हो रही है।
वैसे मैंने आज ही सुना की रातों रात उस खंडहर हवेली का दाम भी ज़मीन पर आ गए है। हाँ हाँ, वह जगह बिल्कुल हाईवे पर है, अगर भूत की बात न होती तो मैं ही ज़मीन लेकर एक बढ़िया-सा रेस्टोरेंट खोल लेता। बढ़िया बिजनेस चलता।
उस आदमी की ये बात सुनकर सोनू के दिमाग़ में आइडिया आया, इसलिए
सबसे पहले इस आइडिया के साथ वह अन्नू के घर पहुँचा, अन्नू तबेले में बैठकर भैंसो का गोबर साफ़ कर रहा था। सोनू ने पहुँचकर आवाज़ लगाई,
सोनू
अन्नू... अन्नू... अन्नू, कहाँ है तू?
अन्नू
यहाँ हूँ अंदर आ जा॥
सोनू उसके पास गया
सोनू
अन्नू तुझे पता है, आज क्या हुआ मेरे साथ
अन्नू
नही मुझे कैसे पता होगा, तू बताएगा तो पता चलेगा न की तेरे साथ क्या हुआ है?
इस पर सोनू ने उसे उस गाँव वाले आदमी के साथ हुई सारी बातें बताई। ये सुनकर अन्नू डर गया और बोला,
अन्नू
नहीं भाई, तू पागल है क्या? तू वह जगह मत ले। हम कोई और जगह ढूँढ लेंगे।
सोनू
अन्नू मेरे पास ये आखिरी मौका है, अगर मैने जल्दी से रेस्टोरेंट नहीं खोला तो पिंकी उस कनाडा चली जाएगी और मैं यहाँ पर निठल्ला बनकर रह जाऊंगा। देख तू तो मेरा भाई है न, हैं न मेरा सबसे अछा भी? तू मेरी मदद कर॥
अन्नू
ठीक है मैं तेरे साथ हूँ लेकिन हम पैसे कैसे अरेंज करेगे?
सोनू
देख मेरे पास एक आइडिया है, हम बैंक से लोन ले सकते है, फिर जैसे-जैसे काम चलता रहेगा, आराम से लोन चुका देंगे।
अन्नू
अच्छा आइडिया है लेकिन हम बेरोजगार नल्लो को लोन कैसे मिलेगा।
सोनू
लोन हमें नहीं, श्रीमान जोगिंदर राजपूत को मिलेगा॥
अन्नू
ये इंसान है कौन और हमारे लिए लोन क्यों लेगा?
तभी सोनू अन्नू की तरफ़ स्माइल करते हुए देख रहा था। अन्नू समझ गया कि वह उसके पापा की ही बात कर रहा है।
अन्नू
नही नहीं भाई, मेरा बाप मेरी जान ले लेगा, मैं नहीं करूंगा।
सोनू
तू अपने भाई के लिए इतना नहीं कर सकता। तू क्या चाहता है, तेरी पिंकी भाभी की शादी किसी और के साथ हो जाए, तेरा भाई यूं ही रण्डवा रह जाए?
अन्नू
ठीक है, ज़्यादा सेंटी मत हो॥ लेकिन मैं अपने बाप को बोलूंगा क्या?
सोनू
वो सब मैं देख लूंगा, तू बस अपने बाप को मना ले॥
अन्नू
ठीक है, लेकिन अगर हम लोन नहीं चुका पाए न, तो सोनू एक काम करियो, उसी हवेली के नीचे मेरी भी लाश दफना देना॥ क्योंकि उसके बाद मेरा बाप तो मुझे ज़िंदा नहीं छोड़ने वाला।
सोनू
हाँ ठीक है, डन।
अन्नू
पता नहीं मैंने भी किस मनहूस घड़ी में, तुझे अपना दोस्त बनाया था।
ये बोलकर अन्नू ने अपने गोबर से सने हाथो को अपने माथे पर लगा लिया, जिससे उसका पूरा मुंह गोबर हो गया। ये देखकर सोनू हंसने लगा और पीछे से भैंसो की आवाज़ तेज़ आने लगी। सोनू का रेस्टोरेंट वाला सपना अब जल्दी पूरा होने वाला था, सबसे पहले दोनों ने बैंक वाले एजेंट को थोड़ा खिलाकर लोन पास करवा लिया। जिसके बाद दोनों सबसे पहले लोन से मिले पैसे लेकर उस प्लॉट पर गए, जहाँ पर प्रॉपर्टी डीलर खड़ा था, जो मुंह में हमेशा पान चबाता रहता था, उसने सामने से सोनू और अन्नू को आता देख, इशारे से कुर्सी पर बैठने को कहा,
प्रॉपर्टी डीलर
हाँ बोलिए, क्या मदद करूं?
सोनू
हमें एक ज़मीन खरीदनी है?
प्रॉपर्टी डीलर
आप पार्टी है या ब्रोकर?
अन्नू
हैं?
प्रॉपर्टी डीलर
आप पार्टी है या ब्रोकर?
सोनू
पार्टी, हम पार्टी हैं
प्रॉपर्टी डीलर
तो पहले ये बताइए क्या लेंगे, आप चाय लेंगे या कॉफी या कुछ और?
सोनू
नहीं नहीं, पहले आप हमें उस हाइवै के पास हवेली के बारे में बताइए
प्रॉपर्टी डीलर
वो वाली हवेली?
सोनू
हाँ उसका क्या प्राइस है?
इसपर प्रॉपर्टी डीलर एकदम से चुप हो गया और कुछ नहीं बोला। जिसपर अन्नू ने पूछा।
अन्नू
आपको कौन-सा सांप सूंघ गया? कुछ है क्या, वहाँ पर।
प्रॉपर्टी डीलर
नहीं जी, ऐसा कुछ नहीं है, वह सब तो गांववालो का फैलाया हुआ झूठ है। ऐसा कुछ नहीं है, हमारी गारंटी है। आप ये बताओ आपको कब चाहिए?
सोनू
पहले ये बताइए, उसका प्राइस क्या है?
प्रॉपर्टी डीलर
देखिए वैसे तो प्रॉपर्टी ओनर उस प्रॉपर्टी का शुरुवात में, 25 लाख मांग रहा था, क्योंकि हवेली अंग्रेजो के ज़माने की है और एकदम कमर्शियल है लेकिन फिर मैंने उनको बोला की देखिए बहुत टाइम से हवेली खंडहर है, जो भी इंसान लेगा, उसे भी काम करवाना ही पड़ेगा। उसका भी पैसा लगेगा। इसलिए मेरे कहने पर वह 15 लाख में मान गए और आपको एक अंदर की बात बताऊ इसका जो ओनर है, वह भी विदेश में रहता है तो कोई झंझट भी नही, यहाँ आप एक हाथ से पैसे दो और दूसरे हाथ से प्रॉपर्टी आपके नाम। एकदम चट मंगनी पट ब्याह।
प्रोपर्टी डीलर ख़ुद ये बात बोलकर हंसने लगा और अन्नू उसकी ये बात सुनकर उसे गुस्से में देख रहा था, उसे पता था कि ये प्रॉपर्टी डीलर बस झूठ बोल रहा है, जगह के दाम भूत की वज़ह से गिरे है।
अन्नु
... पर हमारे पास तो इतने नहीं है।
ये बोलकर सोनू और अन्नू उठ गए और सोनू ने अन्नू से कहा॥
सोनू
चल भाई, ये हवेली तो हमारी क़िस्मत में नहीं है।
प्रॉपर्टी डीलर
अरे रुकिए तो, अच्छा बताइए आपके पास कितना है, मैं फिर बात करके देखता हूँ।
सोनू ने अन्नू की तरफ़ देखकर आँख मारी और फिर मुड़कर प्रॉपर्टी डीलर को बोला,
सोनू
वह हमारे पास तो बस 5 लाख ही है
प्रॉपर्टी डीलर
बस 5 लाख? बिलकुल हाईवे की प्रॉपर्टी है इतना कम पैसा?
सोनू
हाँ, तभी तो मैंने आपको बोला कि शायद ये हवेली हमारी ही क़िस्मत में नहीं है। कोई बात नही, चलिए हम चलते है।
ये बोलकर सोनू और अन्नू वहाँ से जाने लगे। जैसे ही दोनों थोड़ी दूर आगे बढ़े, प्रॉपर्टी डीलर ने पीछे से आवाज़ लगाई
प्रॉपर्टी डीलर
अच्छा सुनिए 5 लाख कैश या ऑनलाइन?
ये सुनकर अन्नू और सोनू ने एक दूसरे की तरफ़ देखकर स्माइल किया। जहाँ एक तरफ़ सोनू और अन्नू ने मौके का फायदा उठाते हुए वह खंडहर हवेली बिल्कुल कम दाम में खरीद ली थी। वही दूसरी तरफ़ गाँव में भूत आतंक बढ़ता जा रहा था। रात का समय हो गया था, गाँव के उसी तालाब के पास सुनील बैठा हुआ था, उसके अंदर अब भूत घुस चुका था, कूड़ेदान से लाई व्हिस्की की बोतल हाथ में लेकर बैठा था और उसके पास में 4 खाली बोतले रखी हुई थी। सुनील एक घूंट व्हिस्की का लेकर हिचकी लेते हुए बोला,
सुनील
पुत्तर, ये साले शराब में पानी वानी मिलाने लग गए क्या? हमारे समय में तो एक बोतल में नशा चढ़ जाता था, यहाँ 4 पीने पर भी नशा नहीं हो रहा॥।
तभी पीछे से एक आदमी आया और उसको बैठा देख बोला,
आदमी
सुनील। ओए सुनील। यहाँ क्या कर रहा है इतनी रात में?
सुनील पीछे नहीं मुड़ता, चुपचाप बैठा रहता है, तभी वह आदमी सुनील के और करीब आया और बोला,
आदमी
तुझे पता नहीं शराब पीना मना है, अब इस गाँव में? वह भूत आ गया तो? चल अपने घर जा।
तभी सुनील ने गुर्राने वाली आवाज़ निकाली और बोला,
सुनील:
पुत्तर, वह कहाँ है?
आदमी
अरे कौन कहाँ है? किसको ढूँढ रहा हैं तू? क्या हो गया तुझे सुनील?
तभी सुनील ज़ोर से हंसने लगा और एकदम से हवा में उड़ने लगा, ये देखकर वह आदमी घबराकर भाग गया।
सुनील
शराब कहाँ है, शराब-शराब शराब, अब मैं रुकने वाला नहीं, हा-हा हा हा-हा हा
आख़िर ये भूत आगे क्या तहलका मचाने वाला है? क्या सोनू अपना रेस्टोरेंट खोल पाएंगे? जानने के लिए पढ़िए काके दी हवेली का अगला एपिसोड।
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