दोपहर का समय!
हॉस्पिटल से सारी कागजी फॉर्मेलिटी पूरी करने के बाद मीरा, निहारिका को लेकर घर आ गई थी। मीरा ने अपनी टीम को भी बुला लिया था, पिछले कुछ दिनों के भारी सदमे के बाद आज का दिन उनके लिए बहुत बड़ी राहत और नया जीवनदान मिलने से कम नहीं था।
निका ब्रांड के स्टाफ ने मीरा के घर में सेलिब्रेशन का प्लान बनाया था, मीरा ने सबको बता दिया था कि वह मैम को लेकर अपने फ्लैट में आ रही है....कल उनके घरवाले भी आ जाएंगे फिर कुछ दिन मुंबई में इलाज करवाकर निहारिका को लेकर चले जाएंगे। इसलिए आज का दिन कोई यूं ही नहीं जाने देना चाहता था।
पहले तो मीरा ने मना किया कि मैम की हालत ठीक नहीं है, ऐसे में पार्टी, डांस, म्युजिक ठीक नहीं है।
निधि ने फोन पर कहा, ‘’यार मीरा, हम ऐसा कुछ नहीं करने वाले है...कोई धूमधड़ाका और शोर-शराबा नहीं होगा...मैं केक लेकर आ रही हूं, शांतनु भी मैम की पसंद के स्नैक्स लेकर आएगा, हम खूब सारी बातें करेंगे, घर पर ही खाना बनाएंगे और मैम के साथ खाएंगे। कुछ उन्हें भी अच्छा लगेगा और हो सकता है कि वे अपने साथ हुए हादसे को भूल जाएं।‘’
मीरा ने कहा, ‘’पर निधि…मुझे नहीं लगता कि मैडम इतनी आसानी से अमित को भूल जाएंगी। इस बार उन्होंने हद से ज्यादा भरोसा किया और सबकुछ खो बैठी, पर ऊपरवाला हमारे साथ है, उन्हें वो सबकुछ वापस मिल जाएगा जो उन्होंने खोया था। मगर वह जख्म जो उस चीटर अमित ने दिए हैं वह कभी नहीं भर पाएंगे।‘’
निधि ने कहा, ‘’तभी तो मैं कह रही हूं कि इस समय उन्हें हमारी बहुत जरूरत है, उन्हें याद दिलाना होगा कि वे कितनी स्ट्रांग हैं….समय समय पर उन्होंने हम सभी को मोटिवेट किया है, आगे बढ़ने के लिए हमेशा हमारा उत्साह बढ़ाया है। अब उनके कठिन समय में हम भी उन्हें याद दिलाएंगे कि ऐसे हादसे से सबकुछ खत्म नहीं होता है…आप आगे भी अच्छी शुरूआत कर सकती हैं, वैसे भी अमित बजाज तो समझो हमेशा के लिए बरबाद हो गया।‘
मीरा ने फोन रख दिया.…वह निधि और बाकी सबको बताना चाह रही थी कि यह जो कुछ हुआ संयोग, मैम, हमारी किस्मत और अच्छे कर्मों से नहीं बल्कि आर्यन की सूझबूझ और ज़ोरदार एक्शन के कारण हुआ है।
काश मैं सबको बता सकती कि आर्यन ने हम सबको बचा लिया...वरना मैम तो शायद धीरे धीरे अपना पूरा मानसिक संतुलन खो देती और हम सब अमित बजाज के बंधुआ मज़दूर बनकर रह जाते या फिर इतनी पेनाल्टी ठोकी जाती कि उसे चुकाते-चुकाते हमारी पूरी लाइफ बीत जाती।
आर्यन क्यों नहीं चाहते कि हम सबके सामने उनका एहसान माने...उसका शुक्रिया अदा करे?
उसे पता होना चाहिए कि अगर लोगों को पता चल जाए कि अमित बजाज का सच लाने में केवल आर्यन देशमुख का हाथ है तो वह लोगों की नजरों में देवता समान हो जाएगा, लोग उसे पलकों पर बैठाएंगे.…इससे उसके बिजनेस का भी फायदा होता, पर क्या पता वह आलरेडी इतना फेमस कि उसे और ज्यादा नाम की शायद जरूरत न हो।
…..या हो सकता है कि वह इन सब चीजों में पड़ना ही नहीं चाहता हो, बड़े-बड़े बिजनेसमैन के दिमाग में क्या चलता रहता है मेरी जैसी लड़की जो दिन भर पेंसिल लेकर डिजाइन बनाती रहती है, रंगो से खेलती है, कमप्यूटर पर फूल पत्तियां प्रिंट करती है, रंग-बिरंगे धागो के मेल से डिजाइन बनाती रहती है, वह बिजनेस वर्ल्ड की शह और मात के बारे में भला क्या जाने।‘’
खैर जो भी हो…पर उन्होंने ऐसा क्यों कहा कि अब हम दोबारा न मिले तो अच्छा है, कुछ अजीब ही है वह आदमी अचानक से मुझे ऑर्डर पर ऑर्डर देने लगा, मुझ पर हक जताने लगा, मुझे अपने रूल के मुताबिक चलाने लगा, उस समय तो लग रहा था जैसे मैं उसके चंगुल से कभी आजाद ही नहीं हो पाऊंगी। क्या वह मुझे अपनी अमीरी और अपना पॉवर दिखाना चाहता था, पर इसकी क्या जरूरत थी सारा मुंबई जानता है कि आर्यन देशमुख आखिर चीज क्या है।
वह तूफान की तरह आया….कुछ ही घंटो में मेरे दिल और दिमाग में खलबली मचाकर, मुझे बहुत कुछ लौटाकर हवा के सुगंधित झोंके की तरह बहुत सारी सुखद अनुभूति देकर चला गया।
मीरा ने सिर झटका….अच्छा है दोबारा न मिले…जब तक मैं उसके साथ थी कुछ और सोच ही नहीं पा रही थी, अब कम से कम मैं अपने काम पर फोकस तो कर सकती हूं।
निहारिका को बेड पर लेटाकर मीरा घर सेट करने में लग गई थी....थोड़ी देर में सब लोग आने वाले थे। मीरा घर को ठीक कर के आगे के बारे में भी सोचने लगी - कि ऑफिस का काम करने के बाद चीफ तक कैसे पहुंचा जाएगा और उसके करीब आने के लिए मुझे क्या-क्या करना पड़ेगा…काश मेरे पास भी आर्यन जैसा बिजनेस माइंड होता….ओह नहीं मैं फिर से उसके बारे में सोचने लगी। अभी खुद से ही प्रॉमिस किया था कि उसके बारे में कुछ नहीं सोचूंगी लेकिन सोचने के साथ-साथ उसके जैसा बनने की कोशिश कर रही हूं।
तभी मीरा का फोन बजा, मारिया का फोन था...मीरा ने झट से उठा लिया, जरूर चीफ के बारे में कोई नई जानकारी होगी।
‘’हैलो….मीरा ने कहा।
हैलो मीरा...मुझे कल तुम्हारी निका कम्पनी के बारे में पता चला और आज की न्यूज देखी.…तुम्हारी बॉस के साथ बहुत ही बुरा हुआ।‘’
मीरा ने कहा, ‘’हां मारिया, बुरा तो हुआ पर अच्छा भी हुआ कि हम सब बहुत बड़ी मुसीबत में फंसने से पहले निकल गए, उस अमित को उसकी करतूतों की अच्छी सजा मिलेगी...खैर यह प्राब्लम तो सॉल्व हो गई, बस निहारिका मैम ठीक हो जाए तो सबकुछ पटरी पर आ जाएगा।‘’
‘’वो भी ठीक हो जाएंगी, डोंट वरी।‘’
‘’ओके मारिया....तो अब मुझे यह बताओ कि हम अपने प्लान में आगे कब बढ़ेंगे, क्या चीफ के बारे में कोई जानकारी मिली कि वह मुंबई में कहां है? उसकी अगली मीटिंग कब है? मुझे उससे कब और कैसे मिलना है? उसके लिए क्या तैयारी करनी होगी?’’
"हां, मीरा, मैंने भी तुम्हें इसलिए फोन किया था…मेरे कुछ लोग मुंबई में पिछले कई दिनों से चीफ के बारे में इंफॉर्मेशन निकालने की कोशिश कर रहे हैं, मुझे कम से कम एक हफ्ते का समय दो...तब तक चीफ के नेक्स्ट स्टेप का पता चल जाएगा। एक्चुली हम चीफ की नई फोटो लेने की कोशिश में हैं, जो फोटो तुम्हें जॉन ने दिखाई थी वह करीब आठ साल पुरानी है, अब वह कैसा दिखता है यह जानना बहुत जरूरी है। तब तक तुम अपने आफिस में सेटल होने की कोशिश करो....जैसे ही मेरे लोग चीफ तक पहुंचेगे मैं तुम्हें बता दुंगी...तुम तैयार रहना।‘’
मेरी पूरी तरह से तैयार हूं मारिया’’ कहकर मीरा ने फोन रख दिया।
उस चीफ को तो मैं छोड़ने वाली नहीं हूं, उस मासूम और भोले चेहरे के पीछे कितना बड़ा शैतानी चेहरा छिपा है यह तो केवल मैं ही जानती हूं, उसके कारण राघव मुझसे दूर चला गया, मेरे पापा एक हत्यारे और क्रीमिनल बन गए, मां को धोखा देकर एक दूसरी लड़की जो उनकी बेटी की उम्र की है उसके साथ...छी: कुछ आगे सोचकर भी शर्म आती है, वह मासूम लड़की अनिका मारी गई…साथ में उसका प्रेमी भी, बेचारे दोनों नई जिंदगी के सुहाने सपने संजोकर शादी करने वाले थे, मारिया का पति बेमौत मारा गया…और मारिया…छिपकर रहने के लिए मजबूर है। किसके कारण? आखिर उस चीफ के कारण ही, उस चीफ की करतूतों को दुनिया के सामने लाना ही मेरी जिंदगी का मकसद है।’’
मीरा को अपने घर के मेन डोर के बाहर कुछ हलचल सी महसूस हुई..…कई लोगों की मिलीजुली आवाजें….मीरा समझ गई कि उसके साथी आ गए हैं।
मीरा दरवाजे से कान लगाकर उनकी बातें सुनने लगी….वे मीरा को कुछ सरप्राइज देने का प्लान कर रहे थे। मीरा मुस्कुराई और झट से दरवाजा खोलते हुए बोली, ‘’सरप्राइज…’’
सामने खड़े शांतनु, निधि, राशी, नमन, गौरव और बाकी चार-पांच लोग खुशी और हैरानी से उछल पड़े।
निधि मीरा के गले लगते हुए बोली, ‘’अरे यार...तुमने तो सारा प्लान चौपट कर दिया, हम तो तुम्हें थोड़ी देर परेशान करने वाले थे।‘’
‘’अच्छा क्या?‘’ मीरा बारी-बारी से सबके गले लगते हुए निधि से बोली।
‘’हमने सोचा था कि तुम्हारे घर की बेल बजाकर भाग जाएंगे।‘’
मीरा ने सबको अंदर बुलाते हुए कहा, ‘’यह तो बहुत ही पुराना फॉर्मूला है, कुछ नया ट्राई करो।‘’
शांतनु ने केक को टेबल पर रख दिया और मीरा के पास आकर उससे दोबारा गले मिलते हुए कहा, ‘’आई एम सो सॉरी मीरा...कल मैंने तुमसे अच्छे से बात नहीं की, मैं सच में बहुत ही ज्यादा अपसेट था.…मुझे सबकुछ खत्म होता दिख रहा था…मेरी वाइफ प्रेगनेंट है, इसके पहले उसका एक मिसकैरीज हो चुका है, मैं उसे बताकर मेंटली डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था, पर डर भी रहा था कि अगर कहीं से पता चल गया तो….वह यह सब झेल नहीं पाएगी। पर मीरा तुम बहुत बहुत ज्यादा स्ट्रांग हो...तुमने सबकुछ कितनी आसानी से झेल लिया....मैम को हास्पिटल ले गई, वहां एडमिट करवाकर उनकी देखभाल की और अगले दिन लेकर घर भी आ गई। ऊपर वाला भी तुम्हारी अच्छाई देखकर पिघल गया होगा और उसने कल रात चमत्कार कर दिया।
मीरा सच नहीं बता सकती थी क्योंकि आर्यन ने मना किया था.…उसने तो कुछ किया ही नहीं था, कल पूरी रात तो वह आर्यन की आलीशान बंगले में सो रही थी और आर्यन ने अपनी नींद हराम कर के उसे और उसके साथियों की लाइफ में चैन और सुकून कायम कर दिया था।
राशी ने कहा, ‘’हां मीरा, हमें तुम पर गर्व है।‘’
अपनी टीम को देखकर निहारिका हल्के से मुस्कुराई और तुरंत ही उसकी आंख भर आई। बार-बार उनको अमित की बेवफाई याद आ रही थी और बार-बार उनको शॉक लग रहा था। डाक्टरों ने कहा था कि कोशिश करिएगा इन्हें वे सारी यादें याद न आए जो इन्होंने अमित के साथ बिताई थी...पर क्या यह इतना आसान है, निहारिका तो अमित को ही याद कर रही थी।
मीरा ने सबको बता दिया था कि चाहे जैसे भी हो, मैम का ध्यान किसी और बात पर लगाते रहना है। पर निहारिका तो जैसे अमित को भूलना ही नहीं चाह रही थी....ऐसा लग रहा था जैसे अमित बहुत ही अच्छा लड़का है वह ऐसा कर ही नहीं सकता है।
निधि ने निहारिका को एक पुरानी बात याद दिलाते हुए कहा, ‘’अरे मैम आपको याद है जब हम दिल्ली में काम किया करते थे…..हमने नया ऑफिस खोला था और उस दिन हम सब ऑफिस में पूजा की तैयारी कर रहे थे.….पंडित जी हवन की तैयारी कर रहे थे, हम सब पूरा ऑफिस फूलों से सजा रहे थे.….आप ब्यूटीपार्लर से रेडी होकर ऑफिस पहुंची ही थी की कुछ हिजड़े तालियां बजाते हुए घुस आए आए और नए ऑफिस की बधाई देते हुए एक लाख रूपए मांगने लगे थे। राशी ने कहा, ‘’और मैम आपको याद है कि उस समय दो और लड़कियां हमारे साथ काम किया करती थी....दीप्ति और सीमा….हिजड़ो को देखकर कैसा डरकर भाग गई थी....कहकर राशी ठहाका मारकर हंस पड़ी।
निहारिका का चेहरा उतर आया....हां याद है, मैंने उन हिजड़ो का दिल दुखाया था…लोग कहते हैं कि हिजड़ो की बददुआ में बहुत ताकत होती है, मैं अगर उन्हें एक लाख दे देती तो आज शायद मैं और अमित एक अच्छी मैरिड लाइफ की शुरूआत कर रहे होते...तुम लोग ऐसा कभी मत करना....जब कभी भी हिजड़ो से सामना हो तो वो जब जितना मांगे उन्हें दे देना।‘’
यह सुनते ही सबका चेहरा उतर गया....निहारिका का दिल इस कदर टूटा हुआ था कि वे अमित के दिए घाव से उबर ही नहीं पा रही थी।
शांतनु ने बात बदलते हुए धीरे से सबसे कहा, ‘’हमें निहारिका को थोड़ा टाइम देना होगा, इतनी जल्दी सब चीजें ठीक नहीं हो पाएंगी।‘’
फिर वह ताली बजाते हुए तेजी से बोला, ‘’चलो चलो केक काटते हैं, आज का दिन, निका ब्रांड और हमारे नाम।‘’
बैलून फूटने लगे....सभी एक दूसरे के चेहरे पर केक लगाने लगे। शाम तक यह पार्टी चली, उसके बाद सबने मिलकर मीरा का घर साफ किया।
‘’ओके मीरा, अब हम चलते हैं, कल ऑफिस में मिलते हैं‘’ शांतनु ने सबकी ओर से मीरा को कहा।
‘’हां, कल निहारिका मैम के पैरेंट्स भी इन्हें लेने आ रहे हैं, मैं भी थोड़ी टेंशन फ्री हो जाऊंगी…आई होप मैम भी जल्दी काम पर वापस लौट आएं।‘’
अगले दिन निहारिका के पापा आलोक, मम्मी सुषमा और छोटा भाई विनय उसे लेने मीरा के फ्लैट पर पहुंचे। सुषमा ने मीरा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, ‘’तुम्हारी जैसी अच्छी लड़की मेरी बेटी के साथ है तो मेरी बेटी जल्दी ही ठीक हो जाएगी।‘’
आलोक बोले, ‘’बेटा, तुम हास्पिटल का बिल हमें दे दो, हम तुम्हारे अकाउंट में पैसे डाल देंगे।‘’
मीरा ने तो एक भी पैसा खर्च नहीं किया था, जिस हास्पिटल में निहारिका का इलाज चल रहा था, वह तो आर्यन का था...कोई बिल बना ही नहीं था, और आर्यन ने अपने बारे में किसी को कुछ भी बताने से मना किया था।‘’
मीरा बोली,’’अंकल जी प्लीज, अभी मुझे कुछ नहीं चाहिए। मैम एक बार ठीक होकर आ जाएं तो मैं उनसे ही बात कर लूंगी।‘’
आलोक और सुषमा के बहुत कहने पर भी मीरा नहीं मानी, जब उसने कोई पैसा खर्च किया ही नहीं था तो लेती कैसे? वे सब मीरा को ढेर सारा आशीर्वाद देकर निहारिका को लेकर चले गए।
मीरा ने राहत की सांस ली.....वह धम्म से बिस्तर पर ढह गई।
रात में अच्छी नींद लेने के बाद अगले दिन ऑफिस के लिए निकल गई....इस एक हफ्ते में निका ब्रांड की जो रेप्यूटेशन थी वो थोड़ी खराब हो गई थी….अमित का नाम जुड़ने से ब्रांड को नुकसान हुआ था...सभी मिलकर यही सोच रहे थे कि वापस अपने ब्रांड को मुनाफे में कैसे लाया जाए.….ब्रांड के लिए नया एड बनवाया जाए.....कुछ नए स्लोगन बनाए जाए और नए नए डिजाइन पर काम किया जाए।
अगला एक हफ्ता यही सब प्लान करने में निकल गया।
वह दिन आ गया जब मारिया का फोन आने वाला था, मीरा आफिस के लिए निकलने ही वाली थी....आज एडवरटाइजिंग कम्पनी के साथ मीटिंग थी...निका ब्रांड के लिए कुछ एड फाइनल किए जाने थे।
मीरा मेकअप कर रही थी और मारिया का फोन तभी आया….शायद मारिया चीफ की कोई लेटेस्ट फोटो या जानकारी बताएगी।
‘’हैलो मीरा….कैसी हो?‘’ मारिया की आवाज थोड़ी टूटी हुई लग रही थी।
‘’हाय मारिया...मैं तुम्हारे ही फोन का वेट कर रही थी, बताओ मुझे चीफ से कब मिलना है।''
मारिया ने घबराई हुई आवाज में कहा, ‘’मीरा, मेरे लोगों ने चीफ के बारे में जो जानकारी हासिल की है, उससे हमारे सामने एक बहुत बड़ी प्राब्लम आकर खड़ी हो गई है। मीरा मुझे नहीं लगता कि हम चीफ तक पहुंच सकते हैं....हम कुछ नहीं कर पाएंगे मीरा...कुछ भी नहीं।'
कहते-कहते मारिया की आवाज लड़खड़ा गई, ऐसा लग रहा था कि उसे बहुत गहरा सदमा लगा है।
आखिर चीफ के बारे में ऐसा क्या पता चल गया कि मारिया सकते में आ गई?
अब मारिया अपने पति की मौत का बदला कैसे लेगी?
मीरा अपने पापा को उस अंधेरी दुनिया से कैसे निकालेगी?
जानने के लिए पढ़ते रहिए ‘बहरूपिया मोहब्बत!’
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