नीना और वॉल डॉ क्रॉस के सीक्रेट लैब में फंसे हुए थे, जहां नीना के साथ कुछ असामान्य हो रहा था। वो लड़खड़ाकर एक लोहे की टेबल से टकराई। उसका सिर भारी हो गया था। हवा में एक अजीब-सी गंध थी, जैसे पुराने तांबे के तार जल रहे हों। नीना पीछे खिसकती हुई बोली, “वॉल... ये आंखें... ये... मेरे दिमाग़ में कुछ कर रही हैं…!

नीना सिर पकड़ते हुए, कांपती आवाज में फ़िर बोली,"ये... क्या हो रहा है...मुझे? आह मेरा सिर..वॉल प्लीज कुछ करो।"

पास ही खड़ी वॉल जो बाहर निकलने को बेताब थी, नीना की हालत देखकर वो तुरंत उसकी ओर बढ़ी। उसने देखा जिस टेबल से नीना टकराई थी वहीं उसके हाथों के पास एक पुराना धूल से सना हुआ डेटा ड्राइव गिर पड़ा जिस पर 'प्रोजेक्ट आई प्रोजेक्ट एंड एक्सपेरिमेंट” लिखा था।

वॉल चौंककर बोली, "नीना! क्या हुआ? तुम्हारी आंखें... वो चमक रही हैं! नीना सुन पा रही हो मुझे?"

तब तक नीना बिल्कुल बेसुध सी हो चुकी थी। उसे जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। वो जमीन पर लगभग लेट गई थी। लैब की लाइटें अचानक फ्लिकर करने लगीं, जैसे बिजली में कोई उतार-चढ़ाव आ रहा हो। कंप्यूटर स्क्रीन पर अजीब-अजीब कोड फ्लैश होने लगे जो किसी भी मानव भाषा में नहीं थे।

वॉल फिर चिल्लाई “ नीना प्लीज उठो, हम सेफ जगह नहीं हैं। हमे निकलना है यहां से। अभी बाहर शांति है हम निकल सकते थे उठो जल्दी।”

लेकिन नीना कुछ भी साफ नहीं सुन पा रही थी। उसका दिमाग मानो किसी दूसरे ही आयाम में चला गया था। उसके कानों में अजीब-सी गूंजने वाली आवाज़ें आने लगी थीं — कुछ फुसफुसाहटें, बहुत धीमी लेकिन भारी जैसे कोई दीवारों के पीछे से बोल रहा हो।

उसकी आंखों के सामने दृश्य बदलने लगे — अब सब कुछ ज़्यादा साफ हो रहा था। वह अब एक तरह की फिल्म देख रही थी... नहीं, फिल्म नहीं... यादें थीं वो लेकिन उसकी नहीं।

उसने देखा लैब की वही दीवारें, वही उपकरण लेकिन उनमें जकड़े हुए कई लोग। 7 या 8 लोग सब अलग-अलग उम्र के, अलग-अलग अवस्था में। कोई चीख रहा था, कोई हिल भी नहीं पा रहा था। उनकी आंखों में डर और शरीरों पर साइबरनेटिक इंप्लांट्स लगे हुए थे। नीना की सांसें रुकने लगी थीं। उसकी हथेलियों में पसीना भर आया था और फिर — फुसफुसाहटें तेज़ होने लगीं।

"वो देख रही है..."

"हमें याद कर रही है..."

"वापस आ जाओ... प्रोजेक्ट की पहली सब्जेक्ट..."

प्रयोगशाला के कोने में एक छाया सी हिली। नीना ने देखा कि वहां कोई खड़ा था। एक आदमी जिसका चेहरा अंधेरे में छिपा था। उसके हाथ में कुछ चमक रहा था - एक छोटा सा उपकरण, जिसकी नीली रोशनी धीरे-धीरे पल्स कर रही थी।

नीना असल हालत से अनजान वॉल नीना को झकझोरते हुए बोली, “नीना! नीना! वापस आओ!”

नीना के मन में अचानक एक ख्याल आया- क्या ये सब सिर्फ उसके इंप्लांट आंखों की खराबी थी या कुछ और? उसे याद आया कि उसने इस लैब में पहले कभी प्रवेश नहीं किया था। फिर भी उसे हर कोना, हर दराज, यहां तक कि दीवारों के पीछे छिपे सिक्रेट कमरे भी याद थे। या नीना को भी यहीं लाया गया था जैसा कि वॉल ने बताया था उसकी। यादें मिटा दी गई थीं लेकिन यहां आ कर वो यादें फिर से जाग उठीं थीं।

दृश्य फिर बदला। अब वह एक गहरे जमीनी तहखाने में थी। सैकड़ों लोग बिस्तरों पर लेटे थे सभी अचेत, सभी के सिरों से तारें निकल रहे थे जो एक विशाल मशीन से जुड़े थे। मशीन के केंद्र में एक विशाल क्रिस्टल था जो हल्के नीले रंग से चमक रहा था। उसकी नज़र एक खास बिस्तर पर पड़ी जहां एक छोटी लड़की लेटी थी। नीना को अचानक एहसास हुआ - वह लड़की वह खुद थी बचपन में।

उसकी आंखों में आंसू आ गए। खुद को इस तरह देखना असहनीय था। तभी वह विशाल क्रिस्टल धीरे-धीरे घूमने लगा और अचानक नीना के दिमाग में एक आवाज गूंजी।

"तुम वापस आ गई हो... हमारा पहला सफल सब्जेक्ट... आज हम फिर से शुरुआत करेंगे…”

फुसफुसाहटें हर कोने से आती हुईं उसके दिमाग में और तेजी से घुसने लगी।

"तुम पहली नहीं हो..."

"हम सब यहीं हैं..."

"आई देख रहा है..."

“आई तय करता है...”

नीना की आंखों के सामने अब उन सब सब्जेक्ट्स की छवियां घूमने लगीं। लेकिन उनमें से एक चेहरा — बाकी सबसे अलग था। स्थिर, स्पष्ट और जीवित-सा। वो था — एक पूर्व एजेंट। उसका चेहरा थका हुआ था लेकिन उसकी आंखों में चेतावनी थी।

पूर्व एजेंट ने धीमे लेकिन दृढ़ स्वर में कहा, "आई तय करता है कि किसे ज़िंदा रखा जाए। तुम पहली नहीं हो, नीना। तुम बस... अगली हो।"

नीना का शरीर जैसे सुन्न पड़ गया था। उसकी आंखों की झिलमिलाहट एक झटके में बंद हो गई। सब कुछ शांत हो गया — लेकिन उस शांत वातावरण में अब उसकी तेज़ डरी हुई सांसों की आवाज़ गूंज रही थी। वॉल ने उसका कंधा थामा। वॉल ने धीरे से सहमी हुई आवाज में पूछा, "नीना... क्या तुमने... कुछ देखा?"

नीना कुछ पल तक चुप रही। फिर धीरे-धीरे उसने सिर हिलाया। उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी, जैसे अपनी ही बात पर यकीन न हो रहा हो।

नीना फुसफुसाते हुए ख़ुद से बोली, "ये लैब... अब भी उन्हें जिंदा रखे हुए है...वो सब यहीं है, मरे हुए लेकिन उनकी एनर्जी मैं महसूस कर सकती हूं।

नीना ने एक दीवार की तरफ इशारा किया और बोली, “वो वहां एक पैनल है उसे ओपन करो पीछे एक सीक्रेट रूम है मुझे सब दिख गया है।”

वॉल हैरान तो बहुत हुई लेकिन बिना किसी सवाल उस जगह देखने लगी जहां नीना ने बताया था और वाकई वहां एक हिडेन पैनल था।  वॉल ने उसे अपने डिवाइस से जोड़ा और उसके लॉक को डिकोड किया तो वो दीवार घरर्र की आवाज़ के साथ खिसक गई और पीछे एक कमरा निकला।

वॉल उस पुराने सर्वर टर्मिनल्स की छानबीन में जुटी गई जबकि नीना अब भी उस अनुभव से उबरने की कोशिश कर रही थी। उसकी सांसें अब कुछ सामान्य हो चुकी थीं मगर आंखों के अंदर वो हल्की नीली रोशनी अब भी चमक रही थी — जैसे उसकी साइबरनेटिक प्रणाली पूरी तरह से शांत नहीं हुई थी। वॉल जोर से बोली, "अगर ये सर्वर चालू हो गए तो शायद हमें क्रॉस की मेन फाइल्स मिल जाएं। यहां सब कुछ लॉक है… लेकिन तुम शायद इसे खोल सको?"

नीना ने आंखें बंद कीं एक गहरी सांस ली… और फिर अपनी आंख के भीतर कुछ सक्रिय किया। उसकी दृष्टि फिर से झिलमिलाई पर इस बार नियंत्रित ढंग से। उसकी आंख अब एक स्कैनर की तरह चमक रही थी। सामने लगे सर्वर पर उसकी आंख से एक पतली नीली किरण निकली — और लॉक खुल गया। स्क्रीन पर अचानक कई विडियो फीड्स खुल गईं — दर्जनों फोल्डर, टाइम्स्टैम्प्स, डॉ. क्रॉस की एक्सपेरिमेंटल फाइल्स और सबसे नीचे — "सब्जेक्ट_लॉग्स_सीक्रेट"।

नीना ने बिना समय गंवाए उस पर टैप किया। स्क्रीन पर एक-एक कर वीडियो चलने लगे।

विडियो लॉग ,सब्जेक्ट #1

एक आदमी लोहे की चेयर से बंधा हुआ था। उसकी आंखें पहले तो शांत थीं, फिर धीरे-धीरे वे फड़कने लगीं। अचानक उसने अपने ही चेहरे पर घूंसे मारने शुरू कर दिए। उसकी चीखें सुनाई दीं — मानो वो खुद से लड़ रहा हो।

विडियो लॉग सब्जेक्ट #2

एक महिला शायद डॉक्टर रही होगी पहले… अब उसकी आंखें ग्लास की तरह थीं भावशून्य। उसने अपनी उंगलियों से अपना चेहरा नोंचना शुरू कर दिया। खून की धार बह निकली — पर वह रुक नहीं रही थी। उसकी बॉडी खुद पर ही हमला कर रही थी।

विडियो लॉग सब्जेक्ट #3

एक जवान लड़का… उसके हाथ कांप रहे थे मगर चेहरा ठंडा था। उसने दीवार से सिर टकराना शुरू कर दिया, बार-बार। फिर अचानक रुक गया। उसकी आंखें सीधे कैमरे में देख रही थीं — और उसने बुदबुदाया:

"इट्स नॉट मी एनीमोर..."

नीना ने पीछे हटने की कोशिश की लेकिन स्क्रीन पर फीड्स अपने आप चलती रहीं। हर सब्जेक्ट, हर इंसान — मशीन बनता जा रहा था। कुछ की आवाज़ें मशीनों जैसी हो गई थीं और कुछ की सोच ही गायब हो गई थी।

उन सबके अंदर एक ही पैटर्न था — पहले मानवता, फिर मानसिक अस्थिरता… फिर नियंत्रण का अंत।

नीना का शरीर सुन्न पड़ने लगा।

उसकी अपनी आंख — जिसमें क्रॉस का इम्प्लांट था,अब गर्म होने लगी थी। उसकी पलक फड़क रही थी। नीना धीरे से, खुद से बोली,"ये… ये सब मेरे साथ भी हो सकता है?"

वॉल ने देखा कि नीना की आंख से हल्का धुंआ उठ रहा था। वॉल चौंकते हुए बोली, "नीना! तुम्हारी आंख... गर्म क्यों हो रही है? बंद करो ये सब!"

नीना पीछे हट गई, पर स्क्रीन पर अब फाइनल वीडियो खुल गया था — एक बंद कमरा, जिसमें डॉ. क्रॉस खुद मौजूद था। वो कैमरे की ओर देख रहा था।

 

डॉ. क्रॉस विडियो में:-

"हमने... जो बनाया है... वो सोचने लगा है। उसमें लॉजिक है, पर भावना नहीं। वो अब तय करता है कि इंसान कैसे जिए… या जिए ही ना। जो विरोध करता है… वो खुद को ही नष्ट कर देता है।"

 

नीना का दिल धड़कने लगा था। उसकी आंख के भीतर एक सिस्टम अलर्ट फ्लैश कर रहा था:-

 "इंटरनल कंट्रोल लिमिट: 60% ह्यूमन विल डिक्रीसिंग"

वो लड़खड़ा गई। वॉल ने उसे थाम लिया।

नीना ने डरते हुए कहा, "मुझे लग रहा है… मेरे पास बहुत कम समय है।"

कमरे में अब सन्नाटा था — पर उस सन्नाटे में मशीनों की धीमी बीपिंग अब किसी चेतावनी जैसी लग रही थी। साइबरनेटिक सिस्टम अब उसे देख रहा था — भीतर से।

वॉल अब भी कंप्यूटर स्क्रीन पर जमी हुई थी, उसकी आंखों में डर की लकीरें साफ़ झलक रही थीं। नीना दीवार के सहारे बैठी थी उसका चेहरा पसीने से भीगा हुआ था और उसकी साइबरनेटिक आंख अब धीमे-धीमे चमक रही थी — जैसे वो अपनी ऊर्जा बचा रही हो। कमरे में सिर्फ सर्वर की बीपिंग और नीना की धीमी सांसें सुनाई दे रही थीं।

अचानक—ट्र्रीईईई—ईईईई—ईईईईईईईईईईई—!!

एक अजीब, ज़ोरदार अलार्म गूंजा — ऐसा शोर जैसे किसी मशीन ने चीख मारी हो। आवाज़ इतनी तेज़ थी कि नीना और वॉल दोनों ने अपने कानों पर हाथ रख लिए। वॉल जमीन पर झुक गई, उसकी आंखें बंद थीं और वह कुछ बड़बड़ा रही थी। वॉल कराहते हुए बोली, "ये… ये क्या है? ये आवाज… दिमाग फाड़ देगी…।"

नीना वहीं बैठी-बैठी एकदम सीधी हो गई। उसकी आंखें अब सफेद हो गई थीं , एक कंपकंपाहट उसके पूरे शरीर में दौड़ गई। उस अलार्म की आवृत्ति उसके सिस्टम को अंदर से झकझोर रही थी। कुछ सेकंड्स बाद अचानक वो शोर बंद हो गया। कमरा फिर से शांत हो गया मगर अब वो शांति मौत से भी ज़्यादा डरावनी लग रही थी। वॉल ने धीरे से,कहा, "अलार्म कैसे ट्रिगर हो गया? हमने तो कुछ छुआ भी नहीं…।"

नीना ने कुछ नहीं कहा। उसकी आंखें अब दरवाज़े की तरफ घूम चुकी थीं। उसके चेहरे पर अब डर से ज़्यादा चेतावनी थी। वो दीवार के पार देख रही थी — उसकी साइबरनेटिक आई अब एक्टिव हो चुकी थी। नीना धीरे से फुसफुसाते हुए बोली, "हम अकेले नहीं हैं।"

वहीं दूसरी तरफ़ लैब के बाहर – जंगल – कुछ सेकंड्स पहले,गहरे अंधेरे और धुंध से भरे जंगल में एक रास्ता उभरता है — मिट्टी और पत्तों से भरा हुआ। अचानक वहाँ एक जोरों की आहट होती है — जैसे किसी भारी इंजन की गड़गड़ाहट। ट्री-ट्रंक्स के बीच से एक काली एसयूवी धीरे-धीरे सामने आती है। उसकी लाइटें बंद हैं लेकिन इंजन की धड़क अब भी जंगल के दिल में गूंज रही है। एसयूवी लैब के ठीक बाहर आकर रुक जाती है। उसकी बॉडी मैट ब्लैक है, उस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी।

नीना की आंखें ये सब देख चुकी थी उसकी सांसें तेज हो चुकी थीं। वॉल ने देखा कि उसकी आंख किसी एक बिंदु पर अटक गई है। वॉल ने पूछा, "क्या… क्या हुआ नीना? तुम क्या देख रही हो?"

नीना की आवाज़ एकदम सपाट थी, मगर उसकी कंपकंपाती टोन में एक गहरी सच्चाई छिपी थी। नीना बोली, "वो आ गए हैं।"

वॉल ने हैरान होकर पूछा, "क… कौन?"

नीना ने अपनी आंखें वॉल की तरफ घुमाईं। अब उसकी आंख की पुतली पूरी तरह से डेटा स्ट्रीम से भर चुकी थी।

नीना ने कहा, "डिविज़न।"

वॉल की सांस अटक गई। उसके चेहरे का रंग उड़ गया। वॉल बोली, "पर... हमने तो सिग्नल ब्लॉक किए थे। उन्हें पता कैसे चला?"

नीना ने धीरे से दीवार को देखा — अब उसके साइबरनेटिक स्कैनर ने एसयूवी की पूरी रूपरेखा बना ली थी। वह देख सकती थी। कमरा जितना शांत था उतना ही मौत से भरा हुआ लगा। नीना और वॉल ने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया — उनके चेहरे पर वो डर था जो किसी को तभी होता है जब भागने का कोई रास्ता न बचे।

वॉल ने धीमे आवाज़ में पूछा, "हम क्या करेंगे?"

नीना बोली, "मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है शायद अब हम कुछ नहीं कर सकते क्योंकि वो बिल्कुल पास आ चुके हैं।” 

इतने में ज़ोरदार आवाज़ के साथ दरवाजा टूटने की। आवाज़ आई और नीना और वॉल डरी नजरों से उस तरफ देखने लगी।

 

क्या होगा जब नीना पकड़ी जाएगी। कौन है जो उनके नजदीक है? क्या वह डिवीजन के लोग हैं? या कार्टेल के? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

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