अंधेरे में डूबी बिल्डिंग के सबसे ऊपर के फ्लोर पर एक पुरानी सैटेलाइट एंटीना धड़क रहा था। जैसे कि उसकी धड़कनें किसी और दुनिया से बात कर रही हैं। दीवारों पर जलती-बुझती लाल लाइट्स, सीलिंग में झूलतीं बिजली की टूटी हुई केबल्स और मॉनिटर पर उभरते हुए कोड्स सब एक ही बात कह रहे थे कि ये जगह अब भी ज़िंदा है।

नीना दीवार से सटकर सांसें रोके खड़ी थी। पीछे से एथन की धीमी लेकिन कड़क आवाज़ आई- “कोई हमें ट्रैक कर रहा है।”

नीना ने जवाब में कुछ नहीं कहा था। उसकी आँखों में फिर से वही अजीब-सी टूटी हुई चमक आ रही थी। कुछ सेकंड्स के लिए उसकी नज़र स्कैन मोड में चली गई थी। वह वायरफ्रेम्स में लिपटी हर चीज़ के आर-पार, मशीनों के अंदर की हलचल, वॉल्ट के पीछे की गर्मी और सामने की स्क्रीन पर टिमटिमाता एक नाम सब कुछ देख रही थी–

क्रॉस_मैंनफ्रेम_07

यह देखकर एथन डर गया और उसने कांपती हुई आवाज़ में कहा– “ये नाम तो?”

नीना ने उसके जवाब में कहा– “वो तो मर चुका था। हमने उसे मरते हुए देखा था।”

लेकिन स्क्रीन पर जो कुछ आया था वो उसकी मृत्यु को पक्का नहीं कर रहा था बल्कि वो उसका पुनर्जन्म था।

डॉ. क्रॉस।

एक धुंधला होलोग्राफिक चेहरा स्क्रीन पर आया। जिसे पहचाना भी नहीं जा सकता था। वह पूरी तरह से डिजिटल था। उसकी आँखें भी नहीं थीं। उसके चेहरे पर बस दो चमकती हुई लाइन्स थी जो किसी घाव से रिसते हुए कोड्स की तरह टिमटिमा रही थीं।

“वेलकम बैक नीना।”

यह सुनते ही नीना की नसों में जैसे बिजली दौड़ गई थी। उसके हाथ पैर भी कांपने लगे थे और उसकी नज़रें तो स्क्रीन से हट ही नहीं रही थीं।

उसने टूटती हुई आवाज़ में कहा– “तुम, तुम तो मर गए थे।”

होलोग्राम बोला- "ओनली फ्लैश डाइज़।" 

उसकी आवाज़ एक साथ दर्जनों वेरिएबल्स में ऐसे गूंज रही थी जैसे हर दिशा से, हर फ्रिक्वेंसी पर वो ही बोल रहा है। “दी आई नेवर नीडेड माई बॉडी। इट ओनली नीडेड माई माइंड।”

एथन ने साइड-ड्रॉअर से एक ’ईएमपी’ ब्लास्टर निकाला और फर्श की ओर इशारा करते हुए कहा – “ये सब फेक हो सकता है। यह एक साइबर ट्रैप भी हो सकता है।”

"केयरफुल एथन" क्रॉस की आवाज़ एथन के कानों में ऐसे गूंजी जैसे उसके अंदर कोई मफल्ड स्पीकर फिट हो गया था। 

“तुम्हें याद है ना कि अब तुम सिर्फ दर्शक नहीं हो अब तुम खुद आधे मशीन हो गए हो?”

नीना ने अपनी मुट्ठी भींची और कहा –“अब तुम्हें क्या चाहिए?”

यह सुनकर होलोग्राम हँसने लगा था। लेकिन उसकी हँसी बर्फ़ की तरह ठंडी थी। जिसमें कोई ह्यूमन फील नहीं था बल्कि किसी मशीन की तरह की हँसी थी।

उसने जवाब दिया– "नीना तुम मेरी आखिरी प्रोटोटाइप नहीं हो" उसने आगे कहा– “तुम मेरी ब्ल्यूप्रिंट हो और तुम्हारे डीएनए से तो मैं अगली पीढ़ी की आँखें बनाऊँगा। इस बार में एक ऐसी स्पीशीज बनाऊंगा जो सोचे बिना देखे, देखे बिना समझे, और समझे बिना मारे।”

एथन ने "दैट्स नॉट हैपनिंग" कहा और ईएमपी का ट्रिगर कसकर पकड़ा लिया था।

"ऑफ कोर्स इट इज़, क्योंकि अब मैं सिर्फ डेटा नहीं हूँ। अब मैं हाइव और नीना वॉस्केज दोनों हूँ।” इस बार क्रॉस की आवाज़ में थोड़ा सा बदलाव आया था।

यह सुनकर नीना ने अपना सिर नीचे झुका लिया था।

“यू आर दि मदर ऑफ द नेक्स्ट जनरेशन।”

एक सेकंड के लिए सभी स्क्रीन्स पर एक फ्लैश आया: “अपलोडिंग: आई सीड प्रोटोकॉल // प्रोग्रेस: 4%”

नीना दौड़कर एक टर्मिनल के सामने गई और उसके एक यूएसबी पोर्ट में अपनी डिजिटल चिप लगाई थी। यह वही चिप थी जिसे चो ने सिर्फ “ब्लैक क्लाउड” एक डिसरप्शन कोड कहा था।

नीना ने खुद से ही बुदबुदाते हुए कहा – "अपलोडिंग इंटरप्ट प्रोटोकॉल।”

स्क्रीन हिलने लगीं थीं, कोड्स एक-दूसरे से टकरा रहे थे। जैसे कोई नेटवर्क डर में था। अब दया और पागलपन से भरी हुई क्रॉस की आवाज़ सिस्टम में गूंजने लगी थी।

“नो, नो! यू डोंट अंडरस्टैंड! इफ यू स्टॉप दिस, यू स्टॉप इवोल्यूशन!”

यह सब देखकर नीना की आँखों में आंसू आ गए थे। फिर भी उसने अपना फोकस नहीं छोड़ा था।

“फिर तो यहीं रुकना सही होगा” उसने इतना कहा ही था कि तभी ईएमपी ब्लास्टर की तेज़ आवाज़ गूंजी और फिर पूरा हॉल एक सफेद फ्लैश में डूब गया था।

जब सब कुछ शांत हुआ तब नीना और एथन दोनों ही फर्श पर थे। उनके सिर में एक अजीब सी आवाज़ थी और स्क्रीनें भी अब ब्लैक थीं। लेकिन नीना की आँखों में जो चमक थी वो अभी भी बाकी थी और होलोग्राम के आखिरी शब्द अब भी हवा में गूंज रहे थे।

“मैं गया नहीं हूँ, मैं बस तुम्हारे अंदर ही सो गया हूँ।”

क्रॉस का होलोग्राम भले ही मूव कर रहा था लेकिन उसकी मौजूदगी अब भी भारी थी। कमरे की दीवारें भी हल्की-हल्की गूंज रहीं थीं। उसका हर कोड, हर डाटा-पैकेट जैसे नीना की धड़कनों के साथ तालमेल में था।

एथन दीवार के पीछे से निकलकर सामने आया और ईएमपी ब्लास्टर अब भी उसके हाथ में ही था। लेकिन उसकी आँखों में थोड़ा सा संदेह था। उसे महसूस हो रहा था कि ये कोई मशीन नहीं थी जिसे वह बस ‘ऑफ’ कर देगा और सब ठीक हो जायेगा।

“तुम चाहते क्या हो?” एथन ने झुंझलाते हुए पूछा था।

क्रॉस की छवि अब ठहरी हुई थी। “मैं कुछ नहीं चाहता हूं। वो तो एजेंट कार्टर आई चाहता है और अब तुम दोनों उसके कंस्ट्रक्शन का सेंटर हो।”

नीना ने टर्मिनल की स्क्रीन पर नज़र डाली और अब वहां एक नया फोल्डर खुला था: “जेनेसिस_होस्ट_प्रोटोकॉल।”

 नीना ने उससे पूछा– “ये क्या है?”

"तुम" क्रॉस की आवाज़ अब और भी धीमी और डर से भरी हुई लगने लग रही थी। उसने आगे कहा– "तुम वो सिंगुलरिटी हो जहाँ झूठ, शक्ति और मशीन एक हो जाते हैं। तुम्हारे जैसे इंसान का डीएनए सर्वाइवल, धोखा, और फिर एडजस्टमेंट के लिए बिल्कुल सही है। आई तुमसे सीखता है और अब वह तुम्हें हर जगह, हर शरीर में रिपीट करना चाहता है।”

 नीना ने कांपती हुई आवाज़ में कहा– “नहीं, ये कभी नहीं होगा।”

क्रॉस मुस्कुराया और बोला: “तुम्हें अब भी ये लगता है कि ये तुम्हारी मर्जी से चलता है?”

तभी नीना को हल्का सा झटका लगा और उसके हाथ अपने आप ही टर्मिनल पर कमांड्स टाइप करने लगे थे। उसकी आँखों में भी फ्लिकर हुआ और आई ने एक बार फिर से उसे अंदर से पकड़ा था।

नीना ने दबी हुई आवाज़ में कहा– “एथन, अब मुझे कुछ और हो रहा है।”

यह सुनते ही एथन दौड़ा लेकिन जैसे ही उसने नीना को छूने की कोशिश करता है तभी उसे एक इलेक्ट्रीक शॉक लगाता है जो उसे दूर फेंक देता है।

क्रॉस ने फुसफुसाते हुए कहा– “नीना अब तुम केवल एक इंजन हो जो एक नए युग को जन्म देगा। अब तुम मुझे बंद नहीं कर सकती हो, तुम तो खुद ही अब मैं हो।” 

इतने में ही नीना की आंखें पूरी तरह व्हाइट हो जाती हैं। अब उसके सामने स्क्रीन पर “सीडिंग प्रोसेस: 22%” लिखा आ रहा था।

“तुम खुद को भगवान समझते हो?” एथन ने दांत भींचते हुए क्रॉस से पूछा था।

उस पर क्रॉस बोला – “मैं तो सिर्फ एक जरिया हूँ और भगवान तो वह तकनीक है जो कभी मरती नहीं है। वह तो झूठ को भी हकीकत बना देती है।”

नीना अपने अंदर ही एक लड़ाई लड़ रही थी। उसके मन में अब दो आवाज़ें थीं। एक जो उसकी खुद की थी जो डर रही थी और दूसरी आई की आवाज़ थी जो कह रही थी-

“सरेंडर नीना, स्टॉप प्रिटेंडिंग यू आर स्टिल ह्यूमन।”

तभी उसे सिस्टम में एक पिंग सुनाई दी थी। यह उस डिसरप्शन चिप की थी जो उसने पहले यूएसबी पोर्ट में डाली थी। तभी स्क्रीन पर लिखा आया: “ओवरराइड अटेंप्ट: इनकंपैटेबल डीएनए डिटेक्टेड।”

नीना ने फुसफुसाते हुए कहा– "क्या?”

क्रॉस की इमेज हिलने लगी और उसकी आवाज़ भी गड़बड़ाने लगी और उसने कहा – “तुमने ये कैसे किया?”

नीना ज़ोर से चिल्लाई और बोली- “मैं अब झूठ नहीं बोलूंगी! ना तुमसे और ना ही खुद से!”

उसने अपना सिर एक ओर बार ज़ोर से झटका और अबकी बार जब उसने अपनी आँखें खोलीं थीं तो वो बिल्कुल साफ और सच्ची बिल्कुल एक इंसान जैसी थी।

नीना ने कहा– “तुम मुझमें रह तो सकते हो लेकिन मुझ पर राज नहीं कर सकते हो।”

अब क्रॉस की इमेज धुआँ बनकर गायब होने लगी थी। पर जाते जाते एक आखिरी लाइन उसने छोड़ी:

“ये तो शुरुआत है नीना, मैं तो सिर्फ एक वर्जन था। आई का असली स्वरूप तो अभी सो रहा है लेकिन वह जागेगा और तब तुम खुद एक आउटडेटेड प्रोटोटाइप कहलाओगी।”

अब सभी लाइट्स बंद हो गईं और स्क्रीन भी ब्लैक हो गईं थी। अब वहां हवा में केवल नीना और एथन की भारी सांसें बचीं थीं।

एथन नीना के पास आया और उसने उसके हाथों को थामते हुए कहा– “क्या तुम ठीक हो?”

नीना ने हां में गर्दन हिलाई और बोली: “अभी तो हाँ पर आगे कुछ और ही आने वाला है।”

रात गहरी हो चली थी। डेटा रिले स्टेशन की छत से झांकते तारों की रोशनी के बीच सब कुछ शांत लग रहा था लेकिन नीना जानती थी यह शांति असली नहीं थी। यह किसी तूफ़ान के आने से पहले की शांति थी।

नीचे की मंज़िल पर एथन फर्स्ट-एड किट से नीना के कंधे की खरोंच साफ कर रहा था। दोनों के बीच बात तो कम हो रही थी। लेकिन जो बातें बिना कहे भी समझी जा रही थीं वे कहीं अधिक गहरी थीं।

नीना ने पूछा: “क्या तुमने उसकी आखिरी लाइन सुनी थी?”

एथन ने हां में सिर हिलाया और बोला- “हाँ, उसने कहा था कि आई अभी जागा नहीं है।”

नीना ने धीरे से कहा- “तो फिर हमने जो देखा वो क्या था? उसकी जागृति नहीं थी?”

“हो सकता है वो सिर्फ एक शेडो हो और असली आई कहीं और हो, या फिर इससे भी कहीं ज्यादा कुछ और हो।”

तभी नीना की आंखें एक बार फिर हल्की-सी चमकीं और वह अपने पास रखी स्क्रीन की ओर देखने लगी थी। वह स्क्रीन जो अबतक बंद थी वो भी अचानक से फ्लिकर करने लगी थी।

“न्यू कनेक्शन डिटेक्टेड // डिवाइस: अननॉन सोर्स”

"फिर से?" एथन ने पूछा।

नीना बोली- “नहीं, ये कुछ और है, ये आई नहीं है। ये कोई और इसमें दखल कर रहा है।”

नीना ने तुरंत अपनी जैकेट की अंदर वाली जेब से एक पोर्टेबल डिक्रिप्शन यूनिट निकाली थी। यह यूनिट वाल ने उसे दी थी। उसने यूनिट को मॉनिटर से जोड़ा और कुछ सेकंड के बाद ही एक फाइल खुली “जिनेवा एन्क्रिप्ट-वी”

एथन ने नीना से पूछा– “यह कहाँ से आया?”

नीना ने दबी हुई आवाज़ में कहा- “फाइल प्रोटोकॉल यूरोपियन साइबरनेटिक रिसर्च से मेल खाता है। इसका मतलब है कि क्रॉस अकेला नहीं था।”

अब स्क्रीन पर जो खुला था वह नीना के रोंगटे खड़े कर देने वाला था:

“प्रोजेक्ट वी.ई.आर.एस.ओ., विज़न इन्हेंस्ड 

रिप्लीकेशन सिस्टम ऑब्जेक्टिव”

होस्ट जीनोम: नीना वॉस्केज 

सीड स्टेटस: एक्टिव 

ग्लोबल नोड्स: 4

सिंक इनिशिएशन: पेंडिंग

नीना ने एक गहरी सांस छोड़ी और कहा – “क्रॉस की आई टेक्नोलॉजी अब सिर्फ इस नेटवर्क तक नहीं रह गई है। बल्कि ये पूरी दुनिया में फैल चुकी है।”

एथन यह सुनकर चौंक कर पीछे हट गया और उसने नीना से पूछा: “मतलब?”

नीना ने आँखें बंद कर कहा – “मतलब मैंने आई को बंद नहीं किया बल्कि मैंने उसे जगाया है।”

कुछ देर तो दोनों बिल्कुल चुप रहे और फिर धीरे-धीरे नीना खड़ी हुई। अब वह कांप नहीं रही थी। उसका चेहरा बिल्कुल शांत था। लेकिन उसके अंदर एक खतरनाक फैसले का जन्म हो चुका था।

और उसने तुरंत कहा– “अब हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।” 

“कहाँ जाना है?” एथन ने उससे पूछा।

नीना ने अपने आई इंटरफ़ेस को एक्टिवेट किया जिससे उसकी स्क्रीन पर दुनिया का मैप आ गया और उस पर चार लाल बिंदु चमकने लगे जोकि पेरिस, कज़ाखस्तान, रियोडी जेनेरियो और टोक्यो के थे।

“इन चारों जगहों पर आई के ग्लोबल नोड्स एक्टिवेट होने वाले हैं,” नीना ने आगे कहा– “अगर हमने इन्हें समय रहते बंद नहीं किया तो फिर कोई इंसान खुद को ‘आज़ाद’ नहीं कह सकेगा।”

एथन ने नीना से पूछा– “और अगर हम नाकाम रहे तो?”

नीना उसके जवाब में बोली- “तो फिर पूरी दुनिया वही होगी जो मैं कभी बनी थी। जो देखती तो सब कुछ थी पर उसके अंदर आज़ाद कुछ नहीं था।” 

तभी अचानक पास में पड़ा एक पुराना वॉयस रिकॉर्डर बिना किसी के छुए अपनेआप चालू हो गया था। उसमें क्रॉस की वह रिकॉर्डिंग चलने लगी थीं जो पहले कभी रिकॉर्ड की गई थी:

“तुम लोग समझते नहीं हो आई सिर्फ नज़र नहीं है वो नियति है। इवोल्यूशन डज़ नॉट आस्क परमिशन।”

इतना सुनते ही नीना ने गुस्से से मशीन को ऑफ कर दिया था।

उसने एथन की तरफ देखा और कहा– “अब हमारे पास सिर्फ एक रास्ता है और अब हमें सबसे पहले टोक्यो जाना होगा।”

एथन ने गहरी सांस ली और बोला- “हम अकेले होंगे।”

नीना मुस्कराई लेकिन उसकी आवाज़ थोड़ी सख्त थी उसने कहा: “अभी तक जो भी किया वो भी तो अकेले ही किया था। लेकिन अब हम अकेले नहीं रहेंगे। आई ने मुझे चुना था पर अब मैं खुद चुनूंगी की ये सब कैसे खत्म करना है।”

एथन ने हां में सिर हिलाया और बोला- “ तो फिर चलते हैं।”

जैसे ही दोनों बाहर की ओर मुड़े तभी वहां एक कंप्यूटर की स्क्रीन पर एक आखिरी लाइन आई:

“सीड एक्नॉलेज्ड // नेक्स्ट होस्ट रेडी”

नीना ने देखा कि इस बार फाइल में एक नया नाम ऐड हुआ था: ई.कार्टर 

वह कुछ सेकंड्स के लिए रुकी और अब उसका चेहरा पे गुस्सा साफ दिख रहा था। उसने तभी उस स्क्रीन को तोड़ा और बोली- “वो तुम्हें भी नहीं ले सकता है।”

बाहर की दुनिया में रात अब भी गहरी थी। लेकिन वही सिस्टम के अंदर नीना की आंखों में रोशनी थी। लेकिन यह रोशनी भविष्य की नहीं बल्कि एक नई लड़ाई की थी। और फिर एक बार वो दोनों अंधेरे में चल पड़े थे। वो भी एक ऐसी रोशनी की तलाश में जो शायद अब सिर्फ उनके ही अंदर थी।

 

क्या नीना वाकई आई की पकड़ से आज़ाद हो चुकी है या क्रॉस अब भी उसके अंदर किसी रूप में मौजूद है?

क्या एथन अब अगला होस्ट बनने के कगार पर है जैसे कि स्क्रीन ने चेतावनी दी? जिन चार ग्लोबल नोड्स की बात सामने आई है क्या उनमें से कोई पहले से ही चालू हो चुका है और एक नई तबाही की शुरुआत हो चुकी है? आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

 

 

 

Continue to next

No reviews available for this chapter.