【खन्ना विला】
साक्षी हॉल में इधर से उधर चल रही थी-"सार्थक माही को कॉल करो ना,कब से वेट कर रही हूं मैं दोनों का,कब आएगें माही-रियान?"
सार्थक जो सोफे पर बैठा कॉफी पी रहा था-"तुम
ही करो कॉल वॉल मैं नहीं करने वाला,पहले भी दो बार कर चुका हूं,साफ साफ चेतावनी मिली है
तुम्हारे भाई की तरफ से तीसरी बार कॉल किया तो जान ले लेगा व़ो मेरी!"
साक्षी सार्थक की ओर देखते-"कुछ भी बोलते हो तुम सार्थक!"
सार्थक साक्षी की ओर देख-"कुछ भी नहीं,जो होता है वही बोल रहा हूं,अभी कॉल किया था ना दस मिनट पहले तो माही बोला,घर ही आ रहे है
बार बार कॉल करना बंद करो!"
साक्षी उसकी ओर आते-"पहले वाली बात और इस वाली बात में कितना अंतर है सार्थक,जान लेने की बात कब बोली माही ने?"
सार्थक सोफे से उठते-"मेरी जान मुझे प्यारी है और कौन सी हरकत के चलते जान जा सकती
है मेरी ये भी मैं जानता हूं,और मैं माहिर खन्ना को भी जानता हूं तो क्यूं अपनी मौत को बुलावा दूं वो भी जानबूझकर!"
तभी आवाज आई-"डैड मॉम!"
ये सुनते ही सार्थक साक्षी ने आवाज की दिशा में देखा,दोनों का चेहरा खिल उठा,होठों पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गयी,...सामने से माहिर खन्ना और उसके साथ रियान बाहर से चलते अंदर आ रहा था!
रियान छं साल का क्यूट सा और प्यारा सा बच्चा
जिसका एटीट्यूड,चाल चलन,बिल्कुल माहिर के जैसा ही,.....दोनों बड़े ही स्टाईल से चले आ रहे थे,......सार्थक कॉफी मग टेबल पर रख उनकी ओर तेजी से बढ़ा!
रियान के पास आते ही सार्थक ने उसकी तरफ हाथ बढ़ा दिया-"हाय रियान अग्निहोत्री!"
रियान सार्थक से हाथ मिलाता है-"हाय मिस्टर अग्निहोत्री!"
दोनों एक दूजे की ओर देख रहे थे तभी माहिर दोनों से बोला-"जीजू(सार्थक से)रियान आपका बेटा है,कोई क्लाइंट नहीं एंड चैम्प(रियान से)ये डैड है तुम्हारे,डैड से ऐसे मिलते है?"
रियान माहिर से-"नो मामू....इतना कह रियान सार्थक से लिपट गया-"मिस यू डैड आई रियली मिस यू!"
सार्थक रियान को उसी पल गोद में उठा लेता है और उसका सिर चूम-"मिस यू टू मेरा बच्चा एंड रियली लव यू(गाल चूम)रियान को सार्थक अपने गले लगा लेता है,रियान भी"लव यू डैड"बोलते अपनी नन्हीं बाहों को सार्थक की गर्दन के इर्द गिर्द लपेट लेता है!
दोनों को देख माहिर मुस्कुरा दिया,उसने साक्षी की ओर देखा,जो थोड़ी दूरी पर खड़ी अपने पति और बेटे को मुस्कुराते देख रही थी,माहिर साक्षी के पास आया और उसके कंधे पर बाहं डालते बोला-"दी मिलन ही देखोगी या खुद भी मिलोगी चैंप से?"
साक्षी माहिर की ओर देखते-"तुम्हारे चैंप से तो मैं मिल लूंगी पर तुम मुझे ये बताओ कहां रह गये थे इतनी देर लगती है क्या घर आने में!"
"दी,इसमें मेरी कोई गलती नहीं,आपके बेटे को
घर आने से पहले कहीं और जाना था सो पहले वहां गये फिर घर आए?"माहिर रियान की ओर देखते बोला,
ये सुन साक्षी हैरान हो गयी-"कहां गये थे?"
"चैंप से पूछ लेना?"...बोल माहिर वहां से चला गया,तभी रियान "मॉम"कहते साक्षी की तरफ भागा चला आया,उसके पास आते ही साक्षी नीचे बैठ उसे अपने गले से लगा लेती है और फिर उसे प्यार से चूम मुस्कुराते हुऐ पूछती है-"कैसा है मेरा रियू?"
रियान मुस्कुराते हुए-"एम फाईन मॉम,आप कैसे हो मुझे मिस किया!"
साक्षी उसका चेहरा हाथों में भर-"एम आलसो फाईन एंड आप घर आ गये हो सो एम वेरी वेरी हैप्पी एंड मैनैं आपको डैड से भी ज्यादा मिस किया!"
रियान खुश होते-"रियली मॉम?"
साक्षी बोलती कि सार्थक आगे आते बोल पड़ा-
"नो बडी डैड ने ज्यादा मिस किया आपको!"
साक्षी नीचे से खड़ी होते-"नो मैनैं किया!"
सार्थक-"मैनैं किया!"
साक्षी-"मैनैं किया!"
तभी रियान जोर से बोला-"स्टॉप?"ये सुनते ही दोनों चुप हो गये.....रियान दोनों की ओर देखते-
"मैंने आप दोनों को इक्वली मिस किया,मामू को भी!"
ये सुन सार्थक साक्षी दोनों एक दूजे की ओर देख मुस्कुरा दिये और रियान की ओर दोनों ने अपनी बाहें खोल दी,रियान उसी पल खुश होते दोनों से लिपट गया!!
_________
थोड़ी देर बाद
रियान सोफे पर बैठा अपना फेवरेट चॉकलेट सेक पी रहा था,उसकी एक साईड सार्थक तो दूजी साईड साक्षी बैठी थी!
तभी ऊपर से माहिर आ गया-"क्या हो रहा है?"
सार्थक-"बेटे की सेवा?"
साक्षी-"अभी तो शुरूआत ही हुई है,सेक पिया जा रहा है,फरमाइशें भी बताई जाएगी!"
माहिर रियान की ओर देखते-"केरी ऑन!"इतना बोल माहिर वहां से जाने लगा कि रियान उससे बोल पड़ा-"मामू ऑफिस?"
माहिर-"येस चैंप,मैं ऑफिस जा रहा हूं,डिनर पर
मिलूंगा ओके!"
रियान-"ओके ,बाय!"
माहिर-"बाय!"
तभी सार्थक सोफे से उठ गया-"माही मुझे भी आना पड़ेगा क्या?"
माहिर रियान की ओर इशारा कर-"स्कूल ट्रिप से बेटा आया है...,अपने बडी के साथ टाइम संपेड किजिए,ऑफिस से आज आपकी छुट्टी!"
ये सुन सार्थक खुश हो गया-"थैंक्स माही!"
तभी माहिर एटीट्यूड वाले लहजे में-"इतने खुश मत होईए,ऑफिस बुला भी सकता हूं!"
ये सुन सार्थक का मुंह सा बन गया वहीं माहिर तिरछा मुस्कुरा दिया!
तभी साक्षी सोफे से उठ माहिर से बोली-"माही कहां गये थे तुम दोनों घर आने से पहले,रियू कह रहा है,तुमसे पूछूं?"
ये सुन माहिर ने रियान की ओर देखा और रियान माहिर की ओर देखता है,ये देख सार्थक साक्षी से बोला-"रहने दो साक्षी...,कोई फायदा नहीं पूछने का,बताना होता तो बता ही देते,चैंप से पूछ लेना,
मामू से पूछ लेना,ऐसा थोड़ी ना करते,इन्हें कुछ बताना ही नहीं है,चाहे फिर तुम हजार बार पूछ लो?कहां गये थे ये नहीं बताने वाले!"
साक्षी कुछ कहती उससे पहले ही माहिर वहां से चला गया,उसको जाते देख साक्षी ने रियान की ओर देखा,वो रियान से कुछ कहती उससे पहले रियान गिलास टेबल पर छोड़"फ्रेश होकर आता हूं?"बोल वहां से भाग गया!
ये देख सार्थक हंस पड़ा-"देखा?"
साक्षी मुंह बनाते-"दोनों मामा भांजा एक जैसे है?"
सार्थक मुस्कुराते हुऐ-"मैं यही तो कहता हूं दोनों एक जैसे है पर तुम हो जो जानकर भी अनजान बनी रहती हो!"
ये सुन साक्षी सार्थक को घूरने लगी,तभी सार्थक
"मैं बडी को देखकर आता हूं?...."बोल वहां से निकल लिया,...साक्षी धम्म से सोफे पर बैठ गयी और सोचने लगी-"कहां गये होगे माही और रियू,
बता भी नहीं रहे?"
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उसी दोपहर
अयाना अपने घर से अपनी स्कूटी पर हॉस्पिटल जा रही थी-"आज शाम को मां को घर ले आऐगें मां खुश हो जाएगें जब देखेगें मामी भी मामा जी के साथ उन्हें घर ले जाने आए है........सोचा था जिस जॉब के लिऐ सबसे छुपाकर मैनैं अप्लाई किया है वो मुझे मिल जाएगी तो कुछ हेल्प हो ही जाएगी,,,,उन्होनें भी मैसेज देकर एक महीने के लिए वेंटिग पर डाल दिया!"
"ये कंपनी वाले भी ना,मुझे ही वेंटिग पर डालना था जिसको नौकरी की सबसे ज्यादा जरूरत है,
एक मेरी मां है जो चाहते है कि उनकी अयू बहुत सारा पढ़े ,खूब नाम कमाएं,बड़ी सी अफसर बने,
एक बार कहा था कॉलेज के बाद नौकरी करेंगे तो इतनी जोर से डांट और चपत लगाई थी मां ने,कहा सोचना भी मत पहले पूरी पढ़ाई,छोटी नौकरी की क्या जरूरत है जब मेहनत कर बड़ी नौकरी मिल सकती है और मेरा सपना है जो तू पूरा करेगी,अब कैसे बताऊं मै भी चाहती हूं मां आपका सपना पूरा हो!"
"पर आपके लिए अभी जरूरत है,इसलिए जॉब ढूंढ रहे है हम(आह भरते)बड़ी नौकरी अभी कहां संभव है और छोटी के चांस तो वैसे भी कम लग रहे है, मैनैं जॉब के लिए अप्लाई किया है ये मैनै आपसे इसलिए छुपाया क्योकि आप कभी हां न कहते,बताती तो आप साफ मना कर देते मुझे पर मां मुझे तो नौकरी देने वालों ने खुद ही फिलहाल मना कर दिया!"
"एक पल मुंह बनाकर दूजे ही पल मुस्कुराते हुए
-"पर आप सच कहते हो मां ऊपर वाला जब भी
एक दरवाजा बंद करता है तो वो दूजा दरवाजा पहले ही खोल देता है,हमारे साथ ही ऐसा हुआ है एक दरवाजा बंद हुआ....तो दूसरा दरवाजा मिल गया,शायद माता रानी जानते थे मुझे यहां नहीं माहिर खन्ना के यहां जॉब मिलेगी,इसलिए तो उन्होनें मुझे माहिर खन्ना के मैनैजर से मिलवाया
पता था माता रानी को जहां पर अप्लाई किया है वहां तो अभी जॉब मिलनी नहीं मुझे इसलिए तो खुद माहिर खन्ना के मैनेजर से....मुझको जॉब का ऑफर दिलवाया,जिसके चलते सब आसानी से हो जाएगा!"
"आईथिंक मेरा माहिर खन्ना के यहां जॉब करना लिखा है और यही मेरे लिऐ ठीक है,और आप ही कहते हो ना मां जो होता है अच्छे के लिए होता है बस माहिर खन्ना के यहां जॉब मिल जाए फिर तो सब अच्छा हो जाएगा,......बस माता रानी जो मां चाहती है वो प्लीज....आप ना चाहना,मेरी मां
नहीं चाहती ना जॉब करूं बट मुझे जॉब चाहिए माहिर खन्ना के यहां नौकरी सेट करवा ही देना,
जरूरी है वरना मैं क्यूं अपनी पढ़ाई छोड़ नौकरी के पीछे भागती,पढ़ाई भी कर लूंगी मैं बाद में पर फिलहाल पैसे चाहिए जिसके लिऐ कह़ी तो काम करना होगा ना,ताकि मां का अच्छे से इलाज हो सके माहिर खन्ना के यहां जॉब मिली है ये बात हम अपनी मां और फैमिली को अभी तो नहीं बट कुछ दिन बाद जरूर बता देगें,ये वाली जॉब मिल जानी चाहिए माता रानी!"
"हां सही नहीं.... छुपाना गलत है,आज तक कहां कुछ बिन बताए किया है मैनैं,पर हम उनको बाद में सब समझा देगें और वो सब समझ भी जाएगें जानती हूं मैं(हाथ में बंधी हुई घड़ी की ओर एक नजर देख)सुबह से वेट कर रही हूं उनकी ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया,पता नहीं मैनेजर ने अपने बॉस से बात की भी होगी या नहीं,.....की होगी तो वो मानेगें या नहीं,जिस कॉन्फीडेंस के साथ मैनजर बोल रहा था आईथिंक मुझे जॉब तो मिल ही जाएगी उनके यहां,वो मना ही लेगें अपने बॉस क़ो,....बस अब जल्दी से उनका जवाब आ जाए आईमीन उनकी ओर से मुझे जॉब के लिए बुलावा आ जाए और फिर सब ठीक (खुश होते)
हो जाए!"
अयाना स्कूटी पर खुद से बड़बड़ाते हॉस्पिटल की ओर बढ़ रही थी तभी सामने से आती बड़ी सी गाड़ी में उसकी स्कूटी जा टकराई,गाड़ी वाले ने फट से ब्रेक लगाए,गाड़ी माहिर खन्ना की थी -"व्हाट द हेल,"वो अपने ड्राईवर पर चिल्लाया!
अयाना स्कूटी और गाड़ी के टकराने से स्कूटी को संभाल पाती की खुद और उसकी स्कूटी दोनों ही गाड़ी के आगे गिर पड़ें!-"आऊच,अंधे है क्या?
कैसे गाड़ी चलाते है"अयाना अपना हाथ मसलते हुए बोली,नीचे गिरने से उसके हाथ पर थोड़ी सी खरोच आ गयी थी!
माहिर खन्ना का ड्राईवर -"सॉरी सर मैं तो गाड़ी घूमा रहा था पर वो लड़की मतलब उसकी स्कूटी सामने आ गयी!"
माहिर खन्ना गुस्से से तिलमिलाते हुए-"कल भी और आज फिर,कैसे गाड़ी चलाते हो और सबको मेेरी ही गाड़ी मिलती है क्या?जाओ जाकर देखो और हटाओ सामने से मुझे लेट हो रहा है!"
"येस सर" कहते ड्राईवर जल्दी से गाड़ी से बाहर निकला,तब तक तो अयाना भी नीचे से उठ चुकी थी,ड्राईवर अयाना के पास आकर रौब से बोला
-"यही गाड़ी मिली थी क्या ठोकने को ,चलो अब जल्दी से अपनी ये स्कूटी सामने से हटाओ?"
अयाना ने हैरानी से ड्राईवर की ओर देखा और फिर गाड़ी के नंबर प्लेट की(अयाना पहचान गयी थी ये गाड़ी और ड्राईवर वही है कल वाले जिस
की गाड़ी के आगे वो बुढ़ी औरत गिरी थी और उसे चोट आई थी फिर भी ड्राईवर और गाड़ी का मालिक गाड़ी से बाहर नहीं निकले थे)ओर नजर डाली और फिर बोली-"ओह ....तो एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी!"
ड्राईवर-"क्या बोल रही हो!"
अयाना उसकी ओर आते-"आप अंधे हो ये तो मैं कल ही जान गयी थी और बहरे भी हो ये अब मैं समझ गयी,गलती मानना तो दूर ऊपर से मुझे ही आर्डर दे रहे हो आप,जबकि कल उस औरत में गाड़ी दे मारी और आज मेरी स्कूटी में,और हां आगे मैं नहीं आई हूं आपने ही गाड़ी अपनी मेरी स्कूटी में ठोकी है ,देखिए क्या हालत कर दी है मेरी स्कूटी की (स्कूटी की टूटी लाइट की ओर इशारा करते) ऊपर से मुझपर ही रौब चला रहे है जब इतनी बड़ी गाड़ी चलानी ही नहीं आती तो चलाते क्यों है?इतना भी नहीं दिखता गाड़ी किस साईड चला रहे हो? "
ड्राईवर अकड़ते हुए-"मुझको गाड़ी चलानी भी आती है और मैं सही चलाता हूं और तुम चलो अपनी ये स्कूटी हटाओ जल्दी ,मेरे बॉस को लेट हो रहा है हटाओ?"
ड्राईवर का ये बर्ताव देख अयाना उसके सामने हाथ बांधे खड़ी हो गयी,-"ना तो मैं हटूंगी और ना मेरी ये स्कूटी,गलती आपकी है जब तक आप अपनी गलती मान नहीं लेते है हम तो नहीं हिलने वाले,बड़े अजीब प्राणी है आप गलती आपकी है उसे मानने की बजाये उल्टा इल्जाम हम पर डाल रहे है!"
ड्राईवर-गलती तो तुम्हारी ही है और सोचना भी मत मैं माफी मांगूगा,चलो हटो!"
अयाना-"नही हटती जो करना है करलो!"
ड्राईवर-"तुम जानती नहीं हो मेरे मालिक को!"
अयाना बिना गाड़ी की ओर देखे-"तो बुला लो ,
कल की तरह अंधे बन बैठे होगे ना गाड़ी में ?है ना .......मुझे तो समझ नहीं आता है जब उनके नीचे काम करने वालों में फालतू की अकड़ है तो मालिक कैसा होगा और हां आप बड़े लोग है या बड़े लोगों के यहां आप काम करते है इसका ये मतलब नहीं आप अपनी मनमानी कर सकते है,
मेरी गलती होती तो मैं माफी मांग लेती और हट भी जाती,,,आप लोग खुद को समझते क्या है किसी की जान या किसी की चीज(अपनी स्कूटी की ओर इशारा करते) का कितना ही नुकसान हो आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है!"
तभी ड्राईवर कुछ बोलता कि माहिर खन्ना गाड़ी से बाहर आया और चिल्लाते हुऐ बोला-"डेमिड तुम्हें इसे हटाने को कहा था और तुम इससे बातें कर रहे हो!"
ड्राईवर-"सर ये हटा ही नहीं रही है!"
तभी माहिर ने "व्हाट" कहते अपनी आखों से चश्मा उतारा और अयाना की ओर देख उसकी ओर एक कदम बढ़ाया,तभी अयाना ने माहिर पर नजर डाली और उससे बोली-"येस नहीं हटेगी ना मैं और मेरी स्कूटी!"
माहिर ने अपनी कमर पर दोनों हाथ टिकाये और एटीट्यूड वाला लहजे से बोला-"क्यों नहीं हटेगी
,हटो सामने से इसी वक्त!"
अयाना-"आईथिंक आप भी अपने ड्राईवर जैसे अंधे और बहरे है ,सुना नहीं....नहीं मतलब नहीं,
बहुत शौंक है ना आप जैसों को गलती खुद कर दूसरो पर इल्जाम डालने की ,जबकि गाड़ी खुद को चलानी नहीं आती है,ना पता है कैसे चलानी है एक नुकसान कर दिया और ऊपर से तेवर भी दिखा रहे है!"
माहिर खन्ना-"व्हाट यू मीन क्या बकवास कर रही हो!"
अयाना-" मीन यही कि अपना ड्राईवर बदलिऐ आप,जिसे अच्छे से ड्राईव करना नहीं आता है और ना ही गलती कर गलती माननी आती है?
(ड्राईवर को घूरते हुए) या खुद ही ड्राईव किजिऐ खुद को भी नहीं आती है तो छोड़ दिजिऐ गाड़ी यूज करना!"
ड्राईवर-"देखिऐ ना सर....गलती इसकी है और हमें सुना रही है, क्या तुम्हें इतनी बड़ी गाड़ी नहीं दिखी,साइड हट जाती!"
अयाना-"रियली मुझे तो गाड़ी दिखी पर लगता है आंख के अंधो को मैं और मेरी स्कूटी न दिखी,
ठीक वैसे ही जैसे कल वो जख्मी औरत भी नहीं दिखी,,,,,अब दिखे भी कैसे एक तो इतनी बड़ी गाड़ी जिसके आगे हम सब तो बहुत छोटी चीज है ऊपर से काला चश्मा और एटीट्यूड जो इंसान को इतना अंधा बना देता है(माहिर की ओर देख)
कि सामने कुछ भी हो उसे दिखाई नहीं पड़ता है पड़े भी कैसे कोई मरे जिए क्या मतलब? "
ये सुन माहिर खन्ना को गुस्सा आ गया-"तुम ना कुछ ज्यादा बोल रही हो नॉऊ जस्ट शटअप,मेरी गाड़ी भी ठीक है और मेरा ड्राईवर भी,दिमाग तो खराब तुम्हारा है,और हां मुझे किसी से फर्क नहीं पड़ता,ना ही हमारी गलती है सो चुपचाप हटो सामने से और अपना भाषण बंद करो!"
अयाना उसे घूरते हुए-"नहीं हटती,है हिम्मत तो हटा दिजिए?"
तभी माहिर खन्ना अयाना के थोड़ा करीब हुआ और आखों में झांकते हुए बोला-"हिम्मत की तो तुम बात भी न करो,...दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं जो मुझे रोक सके.....माहिर खन्ना को,मेरे लिऐ कुछ भी इम्पॉसिबल नहीं,.....तुम्हें हटाना तो बिल्कुल नहीं.... समझी?"
ये सुनते ही अयाना हैरानी से भर गयी वो अपनी पलकें झपकाती हुई माहिर की ओर एकटक देख थोड़ा हकलाते हुऐ बोली-"क्या मा........माहिर खन्ना?"
(क्रमशः)
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