अयाना ने हैरान होते "माहिर खन्ना?" कहा तो माहिर खुद की ओर इशारा कर एटीट्यूड वाले लहजे में बोला - "यस माहिर खन्ना, सुनो (अपने ड्राईवर से) इसका जो भी नुकसान हुआ है पैसा फैंको और इसे यहां से रफा दफा करों!"
माहिर खन्ना का एटीट्यूड और उसका बिहेवियर अयाना को बिल्कुल रास न आया, वो माहिर से बोली -"कोई जरूरत नहीं मुझे आपके पैसों की…"
माहिर मुस्कुराते - "तो क्या चाहिए तुम्हें (अयाना की टूटी स्कूटी की ओर देख) नयी स्कूटी, बोलो क्या कीमत है तुम्हारी स्कूटी की, पैसे दे देता हूं न्यू ले लेना!"
अयाना कुछ बोलती कि माहिर खन्ना का ड्राईवर बोल पड़ा - "ये तो चाहती ही ऐसा है...आप पैसे क्यों देगें सर, ये लड़की जानबूझकर अपनी टूटी फूटी स्कूटी हमारी गाड़ी के आगे लेकर आई, जो ये अपनी टूटी स्कूटी का इल्जाम हम पर डाल नयी स्कूटी ले सके, मरम्मत के नहीं नयी स्कूटी के पूरे पैसे हम से ले सके, इन जैसों को मैं बहुत अच्छे से जानता हूं सर, बड़ी गाड़ी देख खूब ऐसी चालाकी करते है ये लोग।"
माहिर खन्ना एटीट्यूड दिखाते - "इट्स (अपने ड्राईवर से) ओके, हम इसके नुकसान की कीमत चुका सकते है, इसकी स्कूटी के बदले इसे गाड़ी भी दिला सकते है, आगे से किसी गाड़ी के आगे तो नहीं आएगी।
वो आगे कुछ कहता कि अयाना हंस दी - "रियली....वाह क्या बात है गलती भी आपकी और फिर गलती पर नसीहत भी आप की मतलब सही तो हम ही है फिर चाहे सही हो ही ना, सुनिए (ड्राईवर से) ना तो मैं जानबूझकर आपकी बड़ी गाड़ी के आगे आई और ना ही मैं फालतू की कोई चालाकी आई मीन अमीरों को लूटने का शौंक रखती हूं, इतनी जल्दी मुझे मरना भी नहीं है जो मैं चलती बड़ी सी गाड़ी के आगे जानबूझकर चली आऊं (माहिर की ओर देख) और हां ना तो मुझे पैसे चाहिए और ना ही नयी स्कूटी, आप से मैं गाड़ी लूंगी? कभी नहीं, पता है क्यों? क्योकि मुझे गाड़ी चलानी ही नहीं आती, तो क्या करूंगी मैं गाड़ी का, मुझे मेरी स्कूटी ही प्यारी है जो अभी सलामत है थोड़ी सी टूटी है जो मैं खुद ठीक करवा लूंगी और हां माहिर खन्ना आप नुकसान की कीमत बेशक चुका सकते है पर स्वाभिमान की नहीं और मेरा स्वाभिमान मुझे परमिशन नहीं देता उनसे एक भी पैसा लेने कि जो लोग अपने पैसों के घंमड से चकनाचूर है, आपको क्या लगता है आप लोग गलती करेगें, पैसे फैकेगें और आपकी गलती, गलती न रहेगी, आप सही हो जाएगें?"
माहिर खुद की ओर इशारा कर - "तुम मुझे गलत बोल रही हो?"
अयाना - "हां बोल रहे है आपको भी और आपके ड्राईवर को भी क्योकि आप गलत है...गलती भी करते हो और रौब भी दिखाते हो....नही चाहिए मुझे उनका एक भी पैसा..…नहीं करवानी अपने नुकसान की भरपाई उनसे जिनको अपनी गलती का भी एहसास नही होता, सिर्फ खुद से मतलब है ना किसी की जान-मान की परवाह है एंड मिस्टर माहिर खन्ना आई नों आपको कोई चीज रोक नहीं सकती है क्योकि आप गलत भी होगे तो आपका पैसा आपको सही प्रूफ कर देगा पर जरा नजर डालिए दूसरी ओर?"
"जिस ओर से आपकी गाड़ी को आना चाहिए था वो उस साइड ना होकर गलत साइड पर है आप देखिए (गाड़ी की ओर इशारा करते) उधर से जाने का रास्ता है और इस साइड से आने का, पर आप जैसे बड़ो लोगो को तो पूरी सड़क अपनी लगती है जिनका ड्राईवर जहां मर्जी गाड़ी घुसा सकता है किसी को भी ठोक सकता है और तो और वो ब्लेम भी दूसरों पर डालते है, उन्हें कोई कुछ नहीं कह सकता है क्यों? क्योकि बहुत पैसे वाले जो है पर गलत तो गलत है!"
इतना कह अयाना ने अपना हेलमेट उठाकर सिर पर पहना और स्कूटी खड़ी कर उस पर बैठते हुए फिर बोली - "ये आपका घर नहीं है सड़क है जिसे सभी यूज कर सकते है अच्छा इसी में है आप भी रूल के अकोर्डिग चलिए अगर नहीं तो आपके पास बहुत सारा पैसा है, एक काम कीजिए खुद के लिए हेलिकॉप्टर खरीद लीजिए आसमान में जहां जैसे आपकी मर्जी हो निकाल लेना, कोई आगे नहीं आएगा.....आपके लिए तो कुछ भी इम्पोसिबल नहीं है राईट तो आप वहां जाकर उड़िए (ऊपर की ओर इशारा करते) और सड़क को हम जैसो के लिए छोड़ दीजिए क्योकि हमारे पास बहुत पैसा नहीं है। हमारे पास बस सच है जिसे आप जैसे बड़े लोग अपने पैसों से दबा देते है, खैर सोचिएगा जरूर जो मैने कहा क्या पता आपकी जान के साथ दूसरों का भी कुछ भला हो जाए वरना आपका ड्राईवर कल को आपको भी उड़ा सकता है फिर सबकुछ धरा का धरा ही रह जाएगा पॉवर पैसा माहिर खन्ना का, अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो ये तो होना भी पॉसीबल है....है ना!"
अयाना की ये बातें माहिर खन्ना और ड्राईवर दोनों उसकी ओर देखते सुन रहे थे, इन बातों ने माहिर खन्ना का गुस्सा बढ़ा दिया, वो अपनी भौहे सिकोड़ते, दांत पीसते, मुठ्ठी भींचते अयाना को कुछ कहने ही लगा कि अयाना वहां से उसी वक्त अपनी स्कूटी लेकर चली गयी।
उसके जाते ही माहिर ने गुस्से से अपना हाथ गाड़ी पर दे मारा - "व्हाट द हेल, उस लड़की की इतनी हिम्मत मेरे ही सामने मेरी इंसल्ट कर के चली गईं, आज तक किसी ने मुझसे नजरें उठाकर बात तक नहीं की और ये आम सी लड़की अपना भाषण देकर चली गयी।"
तभी ड्राईवर बोला - "सर, सर वो लड़की बतमीज थी आप उसको इग्नोर कीजिए, हम लेट हो रहे है चलिए"
तभी माहिर ने उसे धक्का देकर पीछे की ओर धकेल दिया और उस पर चिल्लाया - "तुम्हारी वजह से वो मुझे सुनाकर चली गयी, हटो यहां से और अपने लिए दूसरी नौकरी ढूंढ लेना!"
इतना कह माहिर खुद वहां से अपनी गाड़ी लेकर चला गया और ड्राईवर सर सर करते रह गया!!
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अयाना ने अपनी स्कूटी हॉस्पिटल के बाहर रोकी, हेलमेट उतार स्कूटी की टूटी लाईट की ओर देख मुंह बनाते बोली - "खर्चे तो और भी बहुत है, अब एक और आ गया…..इसे भी ठीक करवाना पड़ेगा, थोड़ी देर पहले मैं प्रार्थना कर रही थी माता रानी से कि मुझे माहिर खन्ना के यहां पर जॉब दिलवा दीजिए....पर माता रानी आपने तो मुझे माहिर खन्ना से ही मिलवा दिया, और अब माहिर खन्ना से मिल कर मुझे लग रहा है कि मुझे उसके यहां जॉब नहीं मिलने वाली, बड़ा घंमडी और बेरहम इंसान निकला ये तो (स्कूटी से उतर हेलमेट को स्कूटी पर रखते हुए) क्या लगता है माता रानी माहिर खन्ना मेरी हेल्प करेगा?"
"मुझे तो नहीं लगता उस जैसा अकड़ू इंसान जो अपनी गलती तक नहीं मानता, वो पैसों का रौब झाड़ता है किसी की मदद मन से कर सकता है, उस बूढ़ी औरत पर उसे तरस न आया जो कल उसकी गाड़ी के आगे आकर चोटिल हो गयी थी कहां मेरी हेल्प के लिए आसानी से राजी होगा? जिसे बात करने की तमीज नहीं ड्राईवर भी जिसका बड़ा बतमीज था, अब तक जवाब नहीं आया, मतलब साफ है कि दूसरा दरवाजा भी बंद हो चुका है, मैनैजर है वो बॉस थोड़ी, चलती बॉस की ही है, मना कर दिया होगा, दस लाख भी कौन सी छोटी रकम है!"
"अपने पैसों से सबको प्यार होता है, पहले काम लेते है फिर पैसे देते है...माहिर खन्ना कौन सा अजूबा है जो पहले पैसे देकर फिर काम लेगें, कम से कम हां ना तो कह देते, लगता है अब मुझे तीसरा दरवाजा (अपना सिर खुझाते हुए) ढूंढना होगा"
तभी अयाना का फोन रिंग किया, अयाना ने फट से अपनी पैंट की जेब से फोन निकाला, फोन की सक्रीन पर "मैनैजर" नाम शो हो रहा था उसे देख अयाना की आखें फैल गयी - "माहिर खन्ना के मैनेजर का कॉल?" इतना कह अयाना ने फट से कॉल रसीव किया पर बोली कुछ नहीं…"
अनुज दूसरी तरफ से -"हेल्लो"
अयाना धीरे से - "हेल्लों…."
अनुज - "व्हाट हेपन अयाना मिश्रा, आप ठीक है ना आपकी मां ठीक है?"
अयाना गहरी सांस भर - "जी सब ठीक है"
अनुज - "लग तो नहीं रहा है.... आप ठीक, स्लो साऊंड कर रही है और आपकी सांसे.....कि तभी अयाना बोल पड़ी - "एम फाइन, हॉस्पिटल में हूं जोर से नहीं बोल सकती ना…"
अनुज - "ओह हां, हॉस्पिटल में अलाओ नहीं होता जोर से बोलना एनीवे सॉरी देरी से आपको कॉल कर रहा हूं, मेरी बॉस से बात हो गयी है आई मीन माहिर खन्ना से, आपके बारें में मैने माहिर खन्ना को बताया और एंग्रीमेट वाली बात भी कर ली, सर रेडी है, आपको जॉब मिल जाएगी, बस आपको एक बार सर से आकर मिलना होगा"
अयाना चौंकते हुए - "क्या ....मिलना होगा?"
अनुज - "जी.......वो एक्चुअली पहली बार हम किसी को सेलरी पहले दे रहे है…तो मिलना तो बनता है, एक छोटी सी मीटिंग होगी आपकी बॉस से फिर आपका काम हो जाएगा, अयाना मिश्रा आप अभी के अभी खन्ना इंडस्ट्रीज के ऑफिस चली आईए, बॉस आने ही वाले है ऑफिस में, मैं जल्द आपकी उनसे मुलाकात करवा दूंगा और फिर एग्रीमेट कर हम आपको पैसे दे देगें, आपको भी जल्दी है ना, फिर आप पैसे लेकर अपनी मां का ऑपरेशन करवा लीजिएगा और दो चार दिन में ऑफिस भी जोईन कर लीजिएगा ओके, अभी आपको एडरेस सेंड कर रहा हूं मैं, आप जल्दी आईएगा ओके!"
अयाना कुछ नहीं बोल पाई, अनुज ने फोन कट कर दिया...हाथों हाथ ही अयाना के फोन पर अनुज की ओर से खन्ना इंडस्ट्रीज के ऑफिस का एड्रेस भी आ गया, अपने फोन में एडरेस देख अयाना ने उसी वक्त अपना सिर पकड़ लिया - "माहिर खन्ना के मैनेजर ने उनसे बात भी कर ली एग्रीमेंट वाली जॉब के लिए मना भी लिया, वो रेडी है मुझे जॉब आई मीन पैसे देने के लिए और अब मुझे उनसे जाकर मिलना है पर मैं तो मिल चुकी हूं, आज जो तमाशा सड़क पर हुआ उसके बाद उनके सामने जाना सही होगा क्या? वो मुझे देख कर अपना डिसीजन तो नहीं बदल देगें, क्या होगा अब पता भी नहीं, मेरी बातें सुनकर खुश तो नहीं हुए होगे वो, पक्का गुस्सा ही होगें और जिस तरह वो बोल रहे थे अपने ड्राईवर से देखकर ही लगता है बहुत गुस्सें वाले है!"
"ऊपर से टू मच एटीट्यूड वाले प्राणी, कैसे जाऊं अब मैं माहिर खन्ना से मिलने? जल्द आने को कहा है उनके मैनेजर ने, कहीं ऐसा ना हो मैनेजर के किये कराये पर अब मेरी वजह से ही पानी फिर जाए, ऐसा लग रहा है जैसे मैने आज तो अपने ही पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली है माता रानी, क्यों लड़ी मैं माहिर खन्ना से? क्यों इतना सुना आई? अब क्या करूं? क्या है (अपने पैर पटकते) इतने स्यापे करने जरूरी होते है क्या? जब हम़े माहिर खन्ना के पास जाना ही था मदद के लिए उनसे मुझे मदद मिलनी ही थी तो आज की वो बुरी वाली मुलाकात होना जरूरी थी क्या? कुछ तो आसान रखते लाइफ में माता रानी, अब मुझे बुलाया है तो जाना तो पड़ेगा ही बस (हाथ जोड़ते) आज कोई गड़बड़ मत होने देना" कहते अयाना ने खुद को माहिर खन्ना से मिलने के लिऐ रेडी किया, पिहू को जल्दी से मैसेज किया "हम किसी काम से जा रहे है मामा मामी आ जाए तो बोल देना, मां से कहना हम जल्द आ जाएगें"
और फिर अपनी टूटी फूटी स्कूटी लेकर अयाना वहां से निकल गयी।
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अयाना खन्ना इंडस्ट्रीज के ऑफिस पहुंच गयी पर अभी तक वो ऑफिस के अंदर नहीं गयी थी क्योकि उसने आते ही अनुज को कॉल किया तो उसने उसे बाहर ही रूकने को कहा था, वो खुद उसे ले जाने आ रहा था और वो मेहरा इंडस्ट्रीज के ऑफिस की बड़ीं सी बिल्डिंग के बाहर इधर से उधर चलते हुऐ परेशान सी अनुज का वेट कर रही थी और साथ में माहिर खन्ना से होने वाली मुलाकात को लेकर घबरा रही थी - "अगर माहिर खन्ना ने मुझपर गुस्सा किया तो मैं क्या करूंगी मैं ना उनके गुस्से को शांत करने की पूरी कोशिश करूंगी, माफी मांगनी पड़ी तो म़ांग लूंगी बस मुझे वो देखते ही निकाल ना दे, आज जो हुआ उसकी वजह से कहीं ऐसा न हो कि मेरी बात सुने बिना ही मुझे गेट आऊट बोल दे, नहीं नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसा हुआ तो मैं उनसे बात कैसे कर पाऊंगी?
तभी अनुज आ गया - "अयाना मिश्रा…अयाना ने अनुज की ओर देखा, अनुज अयाना से - "शुक्र है कि आप वक्त पर आ गयी, ज्यादा देर नहीं की आपने"
अयाना - "आपने ही तो मुझे जल्द आने को कहा था?"
अनुज - "या एक्चुअली माहिर खन्ना को वेट करने की आदत नहीं है और मैं नहीं चाहता था आप देरी से आए और बॉस से मिल ना पाए, वो थोड़ी देर बाद बॉस की मीटिंग है वो भी ऑफिस से बाहर, आप लेट हो जाती तो हमारी मीटिंग भी नहीं हो पाती!"
अयाना - "हम्म, वैसे आपने क्या कहकर मनाया आ ईमीन क्या बात की आपने माहिर खन्ना से?"
अनुज - "ज्यादा कुछ नहीं, मैनैं कहा एक लड़की है जो मेरी जानकार है जिसको जल्द जॉब देनी है, जिसे मदद चाहिए वो भी दस लाख की, वो उसे अपनी बीमार मां का इलाज करवाना है, लड़की ईमानदार है सारे पैसे चुका देगी पर खुद्दार है ऐसे ही पैसे नहीं लेगी सो पहले उसके साथ एंग्रीमेट कर लेते है, पैसे दे देते है फिर जॉब दे देगे और वो यहां काम करेगी, काम कर सारे पैसे लौटा देगी, समझदार और काबिल लड़की है, मैं चाहता हूं सर वो अपने यहां जॉब करे, अपनी जिम्मेदारी पर मैनैं आपको जॉब देने को कहा माहिर खन्ना को और वो मान गये।"
अयाना - “ओह.....अच्छा वो मान गये तो फिर मिलने क्यों बुलाया?”
अनुज - "मेरी बात सुन बॉस ने तो कह दिया था दे दो जॉब और एग्रीमेंट कर पैसे भी, जो सही लगे वो कर लो बट मैं चाहता था बॉस से एक बार आपका मिलना हो जाए, और उनके सामने ही एग्रीमेट हो और वही आपको पैसे दे, तो एक बार मिल लो बाकि का काम मैं देख लूंगा, समझा दूंगा क्या करना है, साथ साथ अभी एग्रीमेट बना लेगें और एग्रीमेट साइन कर आपको पैसे भी दे देगें, वैसे भी आपको माहिर खन्ना से हेल्प लेनी थी जो रेडी है।"
ये सुन अयाना क्या बोले उसे समझ नहीं आया तो उसने बस अपना सिर हां में हिला दिया तभी अनुज फिर बोला - "एक बात और आज मेरे बॉस का मूड बहुत खराब है….वो भी किसी लड़की की वजह से, पता नहीं कौन थी? सो बहुत गुस्से में है वो तो आप थोड़ा ख्याल रखना इस बात का ओके!"
ये सुन अयाना थूक निगलते हुए मन ही मन खुद से बोल पड़ी - "मैं ख्याल रखूं, जो पहले ही माहिर खन्ना के बिगड़े मूड की वजह है अब वो उसके सामने जाकर मूड ठीक करेगी या और बिगाड़ेगी ये तो ऊपर वाला ही जाने, ये तो तय है मुझे देख उनका गुस्सा कम तो नहीं होने वाला बाकि पता नहीं क्या होने वाला है, मुझे देखकर कहीं और न भड़क जाए वो!"
आगे जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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