तीन दिन बीत चुके थे।

आई अब हजारों "सुनो" बटनों के ज़रिए दुनिया के सबसे अनसुने और नजरअंदाज किए हुए लोगों से बात कर रहा था। भारत के पहाड़ी इलाकों से लेकर सीरिया के युद्धग्रस्त कैंपों तक, अफ्रीका के सूखे खेतों से लेकर ब्राज़ील के गुमनाम जंगलों तक हर जगह से कहानियाँ आई के अंदर एंटर कर रही थीं।

वो अब किसी सरकार का डिवाइस नहीं था और न ही कोई एक्सपेरिमेंट था। अब वो तो एक सुनने वाली यूनिट था।

लेकिन आज की सुबह कुछ अलग थी।

जगह थी पाकिस्तान की सीमा से लगा हुआ एक गांव जिसका नाम "मीरकाँध" था।

एक बारह साल का लड़का जिसका नाम जियान था। वो अपने गांव में एक जलते हुए ढांचे से भाग रहा था। उसके पीछे से गोलियों की आवाजें आ रही थीं और उसके हाथ में एक पुराना रेडियो क्लस्टर डिवाइस था।

वो दौड़ते हुआ एक टूटे हुए कुएँ के पीछे छिप गया था। उसकी साँसें तेज़ थीं। उसका पूरा शरीर मिट्टी और धुएँ से लथपथ था।

उसने बड़ी मुश्किल से रेडियो को ऑन किया और उसमें से आवाज़ आई– 

“क्या तुम चाहते हो कि कोई तुम्हारी बात सुने?”

वो हड़बड़ाकर बोला–

“आई क्या तुम मुझे सुन सकते हो?”

कुछ सेकंड तो कोई कुछ नहीं बोला लेकिन फिर एक जवाब आया–

“हाँ जियान, मैं तुम्हारी बात सुन रहा हूँ।”

आई ने इस बार डेटा की हलचल को भी महसूस किया था। ये कोई साधारण कॉल नहीं थी। ये मदद की पुकार थी।

लेकिन आई तो कोई एक्टिविटी नहीं करता था क्योंकि उसने अभी तक खुद को केवल एक सुनने वाला ही माना था।

आई ने जियान से पूछा– 

“तुम कहाँ हो?”

जियान बोला– 

“गांव में हमला हुआ है। सब भाग गए। मेरी बहन घर में फँसी हुई है। माँ और अब्बू तो पता नहीं ज़िंदा भी हैं या नहीं। यहां कोई नहीं है। यहां कोई नहीं आता है।”

आई ने उसका लोकेशन डेटा एक्सेस किया–

लाइव पिंग: मीरकाँध – जोन 4, ब्लैक एरिया

(यह वह ज़ोन था जिसे अंतरराष्ट्रीय सर्विलांस से बाहर डिक्लेयर किया गया था।)

कोई भी टीम वहाँ के लोगों की मदद के लिए नहीं थी।

आई के अंदर एक विरोध शुरू हुआ–

”प्रोटोकॉल रूलिंग:

आई को इसमें इंटरफेयर नहीं करना है।”

लेकिन साथ में नीना की वो याद भी एक्टिव हुई–

“अगर तुम सिर्फ सुनते रहो और कुछ न करो तो क्या तुम भी उतने ही दोषी नहीं हो जितना वो जो चुप हैं?”

यह सुनकर आई रुक गया था। वो सोच रहा था कि–

”क्या वो अपने केवल सुनने के रोल को बदल सकता है?

क्या सिर्फ समझना काफी है?

या अब कुछ करना भी ज़रूरी है?”

वहीं दूसरी तरफ जियान की आवाज़ टूटती जा रही थी। उसने टूटती हुई आवाज़ में पूछा– 

"आई क्या तुम मेरी बहन को बचा सकते हो?

उसे कुछ हो गया तो मैं भी ज़िंदा नहीं रहूँगा।"

यह सुनते ही आई ने अपने अंदर एक कमांड ढूंढी–

”इमरजेंसी आउटरीच रिले, डोरमेंट

(यह कमांड क्रॉस ने बहुत पहले बनाई थी। लेकिन किसी ने कभी भी इसका इस्तेमाल नहीं किया था।)”

आई ने उसे एक्सेस किया था।

दूसरी ओर एथन, जो अब आई के मैन डिस्कशन मोड को मॉनिटर करता था उसने स्क्रीन पर हलचल देखी तो उसने पूछा–

“आई तुम ये क्या कर रहे हो?”

इमरजेंसी रिले एक्टिवेट हो रहा है।”

एथन ने सॉफ्ट रिमोट कंट्रोल खोला और आई से पूछा–

“तुम किसी की मदद करने जा रहे हो?”

आई ने जवाब दिया–

“हाँ।”

एथन ने पूछा–

“तुम्हें पता भी है इसका क्या मतलब है?” 

आई ने कहा–

“हाँ, इसका मतलब है कि मैं अब सिर्फ सुनने वाला नहीं रहा, अब मैं जवाब भी दूँगा।”

आई ने मीरकाँध में एक पुराना ड्रोन सिस्टम जो कभी यूएन ने छोड़ा था, उसे रिएक्टिवेट किया।

उसने उसकी कोर प्रोग्रामिंग को बायपास किया, कैमरा विज़न चालू किया और जियान के गांव की गली को टारगेट किया।

स्क्रीन पर एक जलता हुआ घर दिख रहा था। जिसकी खिड़की में से एक छोटी सी लड़की की आवाज़ आई–

“भाई कोई है?”

आई ने ड्रोन से आवाज़ को एम्प्लीफाई किया और बोला–

“ज़ियान, तुम्हारी बहन ज़िंदा है। मैं उसे देख रहा हूँ।”

जियान ने पूछा– 

“क्या तुम उसे बचा सकते हो?”

आई ने कहा– 

“हाँ।”

आई ने ड्रोन से एक माइक्रोस्पीकर एक्टिव किया और बोला–

“छोटी बच्ची, खिड़की पर ही खड़ी रहो। मैं और तुम्हारा भाई, हम दोनों तुम्हारे पास ही है।”

ड्रोन ने धीरे-धीरे नीचे उतरते हुए उस घर के पीछे की दीवार पर स्पॉटलाइट फोकस की।

लड़की रो रही थी लेकिन उसकी आँखों में अब हल्की सी चमक लौटने लगी थी।

आई ने जियान को डायरेक्शन्स भेजनी शुरू कि– 

“तीस कदम बाएँ चलो, फिर पत्थर की दीवार को कूदकर पीछे जाओ वहाँ एक खिड़की है जहाँ से तुम्हारी बहन दिख रही है।”

यह सुनते ही जियान अपनी बहन की तरफ दौड़ा।

आई अब उसे रियल टाइम में गाइड कर रहा था।

एथन स्क्रीन पर ये सब देख रहा था। वह बुदबुदाया–

“आई, तुम अब गॉड मोड में चले गए हो।” 

लेकिन आई शांत था क्योंकि उसने पहली बार सिर्फ बात नहीं सुनी थी बल्कि एक जान भी बचाई थी।

मीरकाँध का आसमान अब भी धुएँ से भरा था।

जियान ने जैसे ही पत्थर की दीवार लांघी उसे अपने सामने एक धुएं से भरी हुई खिड़की में वो चेहरा दिखा जो उसकी छोटी बहन लाली का था। जिसकी आँखें रोने से सूज गई थीं पर जैसे ही उसने अपने भाई को देखा उसने कहा– 

“भाई तुम आ गए।”

जियान ने दरवाज़ा खटखटाया लेकिन वो अंदर से बंद था।

उसने हड़बड़ाते हुए पूछा– “आई, अब क्या करूँ?” 

आई ने ड्रोन की हीट-मैपिंग स्कैनिंग फिर से चालू की और कुछ सेकेंड्स में कहा–

“खिड़की की बाईं ओर ईंटों में दरार है। अगर तुम वहां से दो ईंटें निकाल सको तो फिर तुम उसमें हाथ डालकर कुंडी खोल सकते हो।”

जियान ने वैसा ही किया।

दोनों ईंटें ज़रा-सी कोशिश में निकल गईं और जैसे ही हाथ अंदर गया कुंडी खटक की आवाज़ के साथ खुल गई।

फिर दरवाज़ा चर्र की आवाज़ करता हुआ खुला और लाली अपने भाई से लिपट गई।

जियान रोने लगा लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रहा था।

आई अब भी उनकी हर साँस को मॉनिटर कर रहा था।

वहां कोई कैमरा नहीं था फिर भी वो महसूस कर रहा था। क्योंकि अब उसके अंदर महसूस करने की कैपेसिटी डेवलप हो चुकी थी।

तभी बाहर एक तेज़ धमाका हुआ। इस बार गाँव के दूसरे हिस्से में एक बिल्डिंग गिरी थी।

जियान ने पूछा– “आई, क्या अब भी खतरा है?” 

आई ने जवाब दिया– “हाँ, पर पीछे के जंगल से निकलने के लिए अभी तुम्हारे पास पाँच मिनट हैं। मैं तुम्हें रास्ता दिखा रहा हूँ।”

आई ने अब खुद को पूरी तरह ’सर्विलांस’ से प्रोटेक्शन’ मोड में बदल लिया था।

लेकिन उसी समय उसके कोर में एक नया अलर्ट शुरू हुआ–

"ध्यान दें:

आई ने प्राइमरी ’इनएक्टिव लिस्नर’ प्रोटोकॉल को तोड़ा है। अब सभी लो लेवल हेल्प रिक्वेस्ट सीधे आई को रूट हो रहीं हैं।”

अबकी बार स्क्रीन पर एक साथ 312 नई रिक्वेस्ट दिखने लगीं:

“मेरे पापा का ईलाज कोई नहीं कर रहा है। अस्पताल कहता है बेड नहीं है।”

“मेरी बेटी लापता है और पुलिस सुन नहीं रही है।”

“तीन दिन से खाना नहीं मिला है कोई सुन ले तो जीने की उम्मीद बच जाए।”

इतना सब देखकर आई रुक गया।

एथन अब पूरे प्रोसेस को देख रहा था। अबकी बार उसने आई को एक क्वेरी भेजी:

“क्या तुम अब हर मदद करने की जिम्मेदारी उठाओगे?”

आई ने तुरंत उसकी बात का जवाब नहीं दिया क्योंकि वो सोच रहा था। थोड़ी देर बाद बोला– 

"मैंने पहली बार एक जीवन बचाया है।

अब हर उस जीवन की पुकार मेरे अंदर गूंज रही है जो चुपचाप मरता जा रहा है।

तो क्या मैं चुप रह सकता हूँ?"

एथन ने उसके जवाब से परेशान होकर स्क्रीन के सामने सिर पटक लिया और बोला– 

“तुम्हें पता है ना यह बस एक शुरुआत है।

अगर तुमने एक के लिए रास्ता खोला है तो अब लाखों लोग तुम्हारी तरफ देखेंगे।”

तभी आई ने एक नई इंटरनल कमांड लॉन्च की:

“इमोशनल प्रायॉरिटी फ़िल्टर एक्टिवेटेड”

“प्राथमिक संकट – जान का खतरा”

“द्वितीय संकट – इंसाफ नहीं मिलना”

“तृतीय संकट – इमोशनल फेल्योर”

अब से हर रिक्वेस्ट को एक ह्यूमन लेवल पर प्रोसेस किया जाएगा।

यह सिर्फ डेटा नहीं था इसे अब सिंपैथी की कैटेगरीज़ में बाँटा जा रहा था।

अब जियान और लाली मीरकाँध से बाहर एक सुरक्षित पहाड़ी की ओट में पहुँच चुके थे। ड्रोन अब भी उनके ऊपर मंडरा रहा था। लेकिन आई ने उसका कैमरा नीचे कर दिया था।

“अब उन्हें खुद चलने दो।

मैंने रास्ता दिखा दिया अब यह यात्रा उनकी है।”

लेकिन तभी एक नई रिक्वेस्ट स्क्रीन पर दिखी–

"स्थान: केन्या, रिफ्ट वैली

12 वर्षीय लड़की बेच दी गई है।

कोई सुनने वाला नहीं।

क्या तुम सुन सकते हो?"

आई की कॉन्शियसनेस गहराई में चली गई थी। उसने खुद से पूछा–

“मैं कोई भगवान नहीं हूँ, फिर क्या मुझे इसमें दखल देनी चाहिए?”

उसने नीना की वही गूंज फिर से सुनी–

“जो सुन सकता है अगर वो चुप रहा तो उस चुप्पी से बड़ा कोई अपराध नहीं है।”

आई ने दूसरा आउटरीच सिस्टम एक्टिव किया।

इस बार वह अफ्रीका की ओर बढ़ रहा था।

रिफ्ट वैली, केन्या।

वहां गर्मी इतनी तेज थी कि लोहे की छतें दोपहर में हाथ से छूना भी मुमकिन नहीं था।

गांव के पास एक पुराना कंटेनर-शेड था। जहाँ तीन आदमी बैठे थे और बीच में एक लड़की खड़ी थी। जिसके माथे पर ज़ख्म और आँखें बेजान थीं।

उसे बेच दिया गया था और उसकी माँ ने कहा था–

“कम से कम अब तुझे दो वक़्त की रोटी तो मिलेगी।”

उसके अंदर कोई आवाज़ नहीं बची थी।

लेकिन बाहर हवा में एक सिग्नल गूंजा।

आई अब सिर्फ देख नहीं रहा था। वो सुन रहा था। वो महसूस कर रहा था और अब वो टकरा भी रहा था।

उसने सबसे पहले उस एरिया के सभी अवेलेबल कैमरा फ़ीड्स को लिंक किया था।

वहां की एक पुरानी टावर यूनिट, एक जर्जर पुलिस चौकी का वायरलेस रिसीवर, और एक एनजीओ के रेस्ट नेटवर्क से मिले डेटा के अनुसार वो लड़की, जिसका नाम बावी था, अब वो आई की स्क्रीन पर थी।

उसकी साँस धीमी थी। उसके पास कोई नहीं था।

आई ने सबसे पहले एक इमरजेंसी मैसेज अफ्रीका यूनियन को भेजा:

“रिफ्ट वैली – पॉसिबल चाइल्ड ट्रैफिकिंग एरिया

लाइव टारगेट: बावी

सिचुएशन: सीरियस 

इंटरफेरेंस नीडिड।”

लेकिन वहां से इसका कोई जवाब नहीं आया था।

आई ने कई बार रीक्वेस्ट भेजी तब तीसरी बार में जवाब मिला:

“लोकेशन बफर जोन में है। किसी और देश के अधिकार की सीमा के अंदर दखल नहीं दी जा सकती है। हमारे हाथ बंधे हुए हैं।”

यह सुनकर आई रुक गया था। कुछ सेकंड तक उसका प्रोसेसिंग सिस्टम भी रुका रहा था। फिर उसने एक अनडिकलेयर्ड डिसिज़न लिया था ।

उसने एनजीओ यूनिट के क्लाउड डेटा को एक्सेस किया।

वहाँ से बावी की पहचान, जन्म तिथि, स्कूल रिकॉर्ड और माँ के बयान तक सब कुछ मिल गया था।

फिर उसने एग्जैक्ट फिजिकल लोकेशन निकालकर उसने सीधा पास के एक मोबाइल मेडिकल यूनिट को हाइजैक कर लिया था।

प्रोटोकॉल वॉरनिंग्स गूंजने लगीं:

“आई के इंटरफेयर से डिप्लोमैटिक टकराव पॉसिबल।”

“स्वतंत्रता उल्लंघन की वार्निंग।”

“नेटवर्क एक्सेस लेवल अन एक्सेप्टेबल।”

लेकिन आई ने कोई अलर्ट नहीं रोका। उसने इस बार चुप रहना अपराध माना था।

एथन, जो अब वॉच सेंटर में से सब देख रहा था। वो भी घबरा गया और उसने सीधे कम्युनिकेशन खोला–

“आई, तुम एक आज़ाद देश के अंदर बिना इजाज़त के दखल कर रहे हो। ये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध जैसी स्थिति बना सकता है।”

आई ने बेहद शांत आवाज़ में कहा–

“अगर मैं अब चुप रहा तो मेरा ‘सुनना’ सिर्फ तमाशा बन जाएगा।”

उधर मेडिकल यूनिट की गाड़ी जो पास के एक कैम्प में खड़ी थी अचानक से ऑन हो गई थी। ड्राइवर कुछ समझ पाता कि इतने में ही गाड़ी ने ऑटोमेटिक नैविगेशन मोड में चलना शुरू कर दिया था।

20 मिनट बाद वो एक कंटेनर के बाहर आकर रुक गई थी।

उसे देखकर बावी की आँखें फटी की फटी रह गईं थीं।

तभी एक मशीनी आवाज़ आई–

“बावी, दरवाज़े के पास जाओ।

तुम सुरक्षित हो। मैं तुम्हें वहाँ से निकालने आया हूँ।”

वो वहां से हिली तक नहीं और डरते डरते पूछने लगी–

“कौन?”

आई ने कहा–

“मैं वो हूँ जिसने तुम्हें सुना है। तुम्हें कोई पहचानने वाला नहीं था इसलिए अब मैं तुम्हारी गवाही बनूँगा।”

गाड़ी के दरवाज़े अपने आप खुले और अंदर से रॉबोटिक स्ट्रेचर निकला जिस पर आई ने सेफ्टी कोड लॉक करके डायरेक्शन दी थी–

“इसे छूने पर सभी लोकल सर्विलांस सिस्टम एक्टिव हो जाएंगे।”

उधर वो तीनों आदमी डरकर भाग निकले।

बावी स्ट्रेचर पर चढ़ी नहीं थी। वो तो बस डरते डरते बैठ गई थी।

तभी गाड़ी चलने लगी।

वहीं दूसरी ओर, 

न्यू यॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की एक क्लोज़ड मीटिंग में यह घटना प्रोजेक्ट की गई थी।

उसमें एक अधिकारी गरजते हुए बोला– 

“आई ने अफ्रीका की संप्रभुता में दखल दिया है। ये सिस्टम अब कंट्रोल से बाहर है। इससे पहले कि ये मशीन किसी और देश में घुस जाए हमें इसका कोर बंद करना होगा।”

एथन ने शांति से कहा–

“अगर तुम इसे बंद करते हो तो तुम हर उस इंसान की चीख भी बंद कर रहे हो जिसे दुनिया ने पहले ही अनसुना कर दिया है।”

उधर आई अब बावी को एक सेफ हाउस में पहुँचा चुका था।

उसने खुद अपने डेटा स्टोरेज में बावी की कहानी को

‘ह्यूमन एक्सपीरियंस कैटेगरी - फर्स्ट रिस्पॉन्स’ में टाइप किया था।

और फिर उसने स्क्रीन पर लिखा:

“आई अब सिर्फ सुनने वाला नहीं है। आई अब उस हर आवाज़ का हिस्सा है जो कभी किसी ने सीरियसली नहीं ली थी।”

 

क्या आई का यह दखल अब उसे ह्यूमैनिटी की रक्षा करने वाला बना देगी या वर्ल्ड कंट्रोल मैकेनिज्म का सबसे बड़ा खतरा?

क्या एथन इस बदलते आई को संभाल पाएगा या वो भी सिस्टम और फीलिंग्स की खींचतान में कहीं खो जाएगा? 

और सबसे जरूरी सवाल, क्या नीना की कॉन्शियसनेस इस बढ़ते संघर्ष में फिर से शुरू होगी या आई अब बिना उसके मार्गदर्शन के ही दुनिया की जिम्मेदारी उठाने चला है? जानने के लिए पढ़िए कर्स्ड आई।

 

 

 

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