अनिकेत का एक्साइटमेंट देखकर उसका को-पैसेंजर थोड़ा अनकम्फर्टेबल हो गया था। वो थोड़ा सरप्राइज़्ड भी था। पाकिस्तान के लोगों के बारे में उसने जो इमेज़ अपने माइंड में बना रखी थी, ये उससे अलग था। अनिकेत ने उसके चौंकने का कारण बताते हुए कहा,
Aniket (introduced) - My self अनिकेत। मैं नोएडा की एक कंपनी में स्पोर्ट्स प्रोड्यूसर हूँ। PCL को कवर करने के सिलसिले में कुछ दिनों बाद मैं पाकिस्तान जा रहा हूँ। आपने कराची बोला न, इसलिए इस को-इंसीडेंस पर कुछ ज़्यादा ही एक्साइटेड हो गया था।
उसकी उम्मीद के विपरीत उस शख़्स ने उसकी बात में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। वो फिर से अपनी मैगज़ीन में खो गया। उसकी बेरुख़ी से अनिकेत को बुरा लगा था। उसको पाकिस्तान के बारे में जानने का लालच न होता, तो वो उस शख़्स से बात तक नहीं करता। उसने इस बार थोड़ा पोलाइटली पूछा,
Aniket (asking & polite) - आप PCL को लेकर एक्साइटेड नहीं है क्या? आपने कुछ रिप्लाय नहीं दिया।
उस शख़्स ने मैगज़ीन बंद करके एक गहरी साँस ली, और अपना इंट्रोडक्शन दिया, “मेरा नाम सोहेल सिद्दीक़ी है। मेरा कराची में बिज़नेस है। क्या आपको पता है? पाकिस्तान में बिज़नेस टैक्स कितना लगता है? नहीं पता होगा न। आप ये समझ लीजिये कि टैक्स नहीं, जनता का ख़ून चूस रही है हमारी सरकारे हमसे। इकोनॉमी का क्या होगा? ख़ुदा ही जाने। फैसिलिटी कुछ देते नहीं। आम जनता भुखमरी की कगार पर पहुँच चुकी है और इनको PCL खेलना है।”
बाकी चीजों में इंडिया की बराबरी नहीं करना है, बस क्रिकेट में करना है, क्यों? क्योंकि आम पब्लिक को इन्हीं सब चीजों में उलझा कर रखना चाहते हैं।”
बोलते वक़्त ग़ुस्से में उसकी आवाज़ लाउड हो गयी थी। फ्लाइट अटेंडेंट ने उसको साइलेंस मेंटेन करने का इशारा किया, पर अब वो कहां रुकने वाला था। काफ़ी देर तक अपने देश की बर्बादी और अपनी सरकार के फैलियर के किस्से सुनाता रहा। पाकिस्तान में बारे में जानने के लालच में अनिकेत को न चाहते हुए भी उसकी बातें सुननी पड़ रही थी। वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - कहां फँस गया यार। मैंने इसमें फूँक क्या मारी, ये चिंगारी तो आग ही बन गया है। कही ये पॉलिटिशियन तो नहीं है?
(to Sohail) अच्छा सोहेल भाई। कराची में और क्या-क्या ख़ास है? आई मीन घूमने लायक प्लेसेस? या और कुछ स्पेशल चीज़ हो।
उस शख़्स को एक इंडियन से इतने अच्छें सवाल की उम्मीद नहीं थी। वो एक तरह से अनिकेत का टेस्ट ले रहा था। वो देखना चाहता था एक इंडियन उसकी कंट्री के बारे में क्या सोचता है? अनिकेत के इस सवाल ने उसको दोबारा सोचने पर मज़बूर कर दिया था। उसकी बातों का सिलसिला पूरी flight के दौरान ज़ारी रहा।
प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अनिकेत दिल्ली से नोएडा अपने ऑफिस टाइम पर पहुँच गया था। आज सुबह से ही ऑफिस का टेम्प्रेचर बढ़ा बड़ा हुआ था। उसके बॉस ने लगभग 30 एम्प्लॉईज़ को बिना किसी नोटिस पीरियड के ही फायर कर दिया था। इस इंसिडेंट से दूसरें एम्प्लॉईज़ भी काफ़ी डरे हुए थे। अनिकेत को प्रमोट करके जूनियर से डायरेक्ट सीनियर स्पोर्ट्स प्रोड्यूसर बना दिया गया था। कुछ लोगों को बॉस का ये मूव बहुत अनफेयर भी लग रहा था।
“Good morning and Congratulations on your promotion sir.” उसके जूनियर खड़े होकर उसके प्रमोशन के लिए उसे बधाई दे रहे थे। आज ऑफिस का नज़ारा कुछ ज़्यादा ही बदला हुआ नज़र आ रहा था। उसके ज़्यादातर सीनियर्स की डेस्क ख़ाली हो चुकी थी। उनमें से अधिकतर वही लोग थे जिन्होंने बॉस के मुँह पर पाकिस्तान जाने से मना करके उनको एक बड़ी प्रॉब्लम में डाल दिया था। उनके साथ-साथ ऐसे लोग भी फॉयर हो गए थे, जिनका रिकॉर्ड और परफॉर्मेंस दोनों ख़राब थे।
इन्हीं सब के बीच वो अपनी पुरानी डेस्क से अपना लैपटॉप कलेक्ट करने के लिए आगे बढ़ गया। वो डेस्क के पास पहुँचता उससे पहले ही बॉस ने उसको बुला लिया था। अनिकेत उनके केबिन में गया तो देखा, आज बॉस कुछ ज़्यादा ही excited और energetic नज़र आ रहे थे।
Aniket (excited) - Good morning sir.
“Good morning. आइये सीनियर प्रोड्यूसर सर. कैसा लग रहा है जूनियर से सीनियर प्रोड्यूसर की पोस्ट पर प्रमोट होकर? मैंने बोला था न तुम्हारे लिए ये एक बहुत बड़ी अपॉर्चुनिटी है। लाइफ में सक्सेस का यही रूल है। जब कभी अपॉर्चुनिटी मिले, मुट्ठी में उसको इस तरह जकड़ो कि हाथ से फिसल ही न सके।” उसके बॉस आज उस के साथ कुछ ज़्यादा ही humble नज़र आ रहे थे। इतने सालों के स्ट्रगल और मेहनत से काम करने का रिज़ल्ट, फाइनली आज उसको मिल चुका था। वो बॉस से सिर्फ़ यही दो वर्ड बोल पाया था.
Aniket (polite) - Thank you sir
“चलो अब मोटिवेशन बहुत हो गया। हमारे पास ज़्यादा टाइम नहीं है। VISA अप्रूव होते ही तुम्हें पाकिस्तान के लिए निकलना होगा। तुम HR टीम के साथ कॉर्डिनेट करके एक नयी टीम हायर करने के लिए प्रोसेस स्टार्ट करो। एक बात का स्पेशली ध्यान रखना, टीम ऐसी होनी चाहिए, जो amazon के जंगल में जाकर शूट करने से भी न डरे।”
अनिकेत ने “ok” कहां और केबिन से बाहर आ गया। उसके बॉस ने आज उसको भी चार्ज कर दिया था। वो सबसे पहले HR टीम के पास गया और हायरिंग को लेकर कुछ इंस्ट्रक्शंस देते हुए कहा,
Aniket (ordered) - मुझे एक ऐसी टीम चाहिए, जो टेलेंटेड तो हो ही, पर मेहनती और mentally strong भी हो। आप हायरिंग पोस्ट में ही कंडीशन लिख दीजिये कि केंडिडेट को पाकिस्तान जाकर PCL कवर करना होगा, ताकि बाद में कुछ प्रॉब्लम ही न हो।
उसके दिए इंस्ट्रक्शंस के अकॉर्डिंग, HR टीम हायरिंग प्रोसेस स्टार्ट कर चुकी थी। अनिकेत नयी डेस्क पर आकर बैठ गया था। वो बाहर से तो नॉर्मल दिखने की पूरी कोशिश कर रहा था, लेकिन अंदर से ख़ुश और अपने आप पर प्राउड फील कर रहा था। प्रमोशन देकर बॉस ने एक तरह से उसको सरप्राइस दिया था। कल रात कॉल पर उन्होंने अनिकेत से अपनी नई टीम हायर करने के बारे में तो कहा था, मगर प्रमोशन के बारे में हिंट तक नहीं दिया था।
अपनी मम्मी को प्रमोशन की good news देने के लिए उसने मोबाइल निकाला। मोबाइल में मैसेंजिंग एप पर एक नोटिफिकेशन आया हुआ था। वो नोटिफिकेशन PCL ग्रुप में आया था। उसने क्यूरियस होकर मैसेज चेक किया। मैसेज उसी लड़की ने किया था, जिसकी DP कल रात वो ज़ूम करके देख रहा था। लड़की का “वेलकम” मैसेज देखकर वो मन ही मन मुस्कुरा दिया। उसने “थैंक्स” लिखकर मैसेज सेंड किया। इधर-उधर नज़र घुमाकर देखा, उसके आसपास कोई नहीं था। लड़की की DP एक बार फिर से ज़ूम करके देखता रहा, और फिर अपनी ही बेवकूफ़ी पर मुस्कुराकर डेस्क से उठ गया।
HR टीम ने अपना काम बहुत शानदार तरीके से किया था। ख़ुद अनिकेत ने लगभग 50 कैंडिडेट्स का इंटरव्यू लेकर 12 लोगों को सिलेक्ट किया था, जिनमें कैमरा ऑपरेटर, साउंड इंजीनियर, मोशन आर्टिस्ट, वीडियो एडिटर जैसे टेलेंटेड लोग और बाकि क्रू मेंबर्स थे। अगले 2 दिन के अंदर ही सिलेक्टेड कैंडिडेट्स की जॉइनिंग भी हो चुकी थी। उसने इस बार एक ऐसी टीम तैयार की थी, जिनको पाकिस्तान तो क्या, दुनिया के किसी भी कोने में जाकर शूट करने में कोई प्रॉब्लम नहीं थी।
अनिकेत पहले पाकिस्तान का नाम सुनकर ही घबरा गया था, लेकिन अब न जाने क्यों वो वहां जाने के लिए बहुत एक्साइटेड रहने लगा था। उसकी बेसब्री का रीज़न तो वो ख़ुद भी नहीं समझ पा रहा था। VISA अप्रूव होने में हो देरी उसके बॉस के साथ-साथ उसकी टेंशन भी बड़ा रही थी। VISA अप्रूव करवाने के लिए उसकी कंपनी कई बार PCL और अपने पार्टनर चैनल के लोगों के साथ मीटिंग कर चुकी थी। PCL बोर्ड कंपनी की हेल्प भी कर रहा था, लेकिन दोनों देशों के बीच के ख़राब रिलेशन उनके बीच की रुकावट बने हुए थे।
धीरे-धीरे जनवरी का पूरा मंथ निकल चुका था। फरवरी का महीना भी आधे से ज़्यादा गुज़र गया लेकिन टीम का VISA अप्रूव नहीं हुआ। लंच टाइम में अनिकेत अपनी डेस्क पर आंखें बंद करके उदास बैठा हुआ था। उसे इस तरह बैठे देख उसका एक कलीग उसके पास आया और पूछा, “आज लंच नहीं करना क्या? काफ़ी परेशान लग रहे हो? कुछ प्रॉब्लम है क्या?” उसकी आवाज़ से अनिकेत ने ऑंखें खोली और चेयर से उठते हुए कहा,
Aniket (upset & low) - 20 मार्च से PCL स्टार्ट हो जायेगा, BUT हम लोग अभी तक यही बैठे हुए है। न VISA अप्रूव हो पा रहा है और न ही कुछ पता लग पा रहा है कि आख़िर ये लोग हमें VISA दे क्यों नहीं रहे हैं।
इसी टेंशन में, दोनों ऑफिस कैफ़ेटेरिया में आकर बैठ गए थे। उसके कलीग ने लंच आर्डर किया और कुछ सोचकर उससे पूछा, “पर तुम्हें तो ख़ुश होना चाहिए न? पाकिस्तान जाने से बच गए। तुम तो वहां जाना भी नहीं चाहते थे न?”
Aniket (tensed) - जाना नहीं होता, तो फिर इतनी बड़ी टीम हायर क्यों करता रवि? बिलकुल जाना चाहता हूँ, बल्कि मैं तो काफ़ी एक्साइटेड हूँ वहां जाने के लिए।
आख़िरी लाइन उसने काफ़ी नज़ाकत के साथ कही थी। बिना कुछ कहे ही उसकी नज़ाकत बहुत कुछ कह गयी थी, जिसे रवि तुरंत समझ गया था। उसने अनिकेत को छेड़ते हुए पूछा, “कुछ ज़्यादा ही एक्साइटेड लग रहे हो भाई। आख़िर बात क्या हैं? कहीं तुम इंटरनेशनल रिलेशन मज़बूत करने के काम में तो नहीं लग गए हो? मुझे तो ऐसा ही कुछ लग रहा है, वरना तुम इतने ज़्यादा एक्साइटेड तो नहीं होते। पाकिस्तान जाने के लिए तो बिलकुल नहीं होते।”
अनिकेत मुस्कुरा दिया था। उसने अपना सेंडविच का बाइट लिया सीमा पार कर रही रवि की थिंकिंग पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए कहा,
Aniket (cool & smile) - कहा कनेक्शन जोड़ रहे हो भाई? मैं इससे पहले कभी पाकिस्तान गया ही नहीं हूँ, तो फिर........
“उसकी बात पूरी होने से पहले ही रवि ने कहा, “आज-कल कही जाने की ज़रूरत ही कहां पड़ती है भाई? सोशल मीडिया का ज़माना है। दुनिया भर से इतनी तो न्यूज़ आती है, “गांव के लड़के से हुआ जर्मनी की गौरी को इश्क़, शादी के बाद लड़के के साथ रहेगी इंडिया के एक गांव में।” हो सकता है तुम्हारे तार भी सीमा पार जुड़ गए हो। वो कहते हैं न “everything is possible in love and war.”
रवि ने उसका मूड हल्का कर दिया था। लंच ख़त्म करने के बाद दोनों ऑफिस जाने के खड़े हो गए, तभी ऑफिस बॉय घबराया हुआ आया और उससे कहा, “सर आपको बॉस बुला रहे हैं, जल्दी चलिए कुछ बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो गयी है।”
अनिकेत ने रवि की ओर देखा और तेज़ कदमों से चलता हुआ ऑफिस में पहुँचा तो देखा, हर एक डेस्क पर एक ही न्यूज़ चल रही थी, “kashmir में सेना पर हुआ आतंकी हमला। सेना के 40 जवान हुए शहीद।”
इस न्यूज़ को सुनते ही वो हड़बड़ाकर बॉस के कैबिन की ओर दौड़ा। अंदर गया तो देखा, उसके बॉस भी वही न्यूज़ देख रहे थे। उरी अटैक के बाद एक और कायराना अटैक ने पूरे देश को झकझोर दिया था। उसके बॉस ने उसकी ओर देखा, उनकी आँखों में डर और ग़ुस्सा दोनों नज़र आ रहे थे, मानों पूछ रहे हो, “अब क्या होगा अनिकेत?”
वो क्या बोलता? वो ख़ुद सदमें में था। आख़िर सहने की भी एक सीमा होती है। आतंकवादियों की इस कायराना हरकत ने एक बार फिर साबित कर दिया था कि वो जिस देश में जा रहा था, वो देश भरोसे के लायक ही नहीं था। पूरे देश की तरह अपने जवानों को खोने का दुःख उसकी आँखों में उतर आया था, हालाँकि पाकिस्तान ने इस टैररिस्ट अटैक की निंदा करते हुए इस अटैक में अपना हाथ होने इंकार कर दिया था, लेकिन हर कोई जानता था कि हाथी के दांत खाने के कुछ और होते हैं और दिखाने के कुछ और।
इस इंसिडेंट के बाद उसके ऑफिस में बहुत कुछ बदल गया था। उसके बॉस ने ऑफिस आना छोड़ दिया था। दोनों देशों के बीच तनाव काफ़ी बढ़ चुका था। पूरा देश एक और सर्जिकल स्ट्राइक की मांग कर रहा था। मीडिया में फिर से भारत-पाक वॉर की ख़बरें आने लगी थी। एक दिन बॉस ने कॉल करके उससे पूछ ही लिया, “वैसे तो उम्मीद बहुत कम हैं, लेकिन अगर तुम्हें वीसा मिल गया, तो तुम वहां जाना चाहोगे या नहीं?”
बॉस ने उससे एक ऐसा सवाल पूछ लिया था, जिसका उसके पास कोई ज़वाब नहीं था।
वीज़ा मिलने पर क्या करेगा अनिकेत? जाने से कर देगा इंकार? क्या इंडिया-पाकिस्तान की दुश्मनी उसके करियर पर पड़ने वाली थी भारी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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