उसके बॉस के सवाल का उसके पास कोई ज़वाब नहीं था। अनिकेत ख़ुद कन्फ्यूज़्ड था। एक ओर उसकी कंपनी PCL कवर करने के लिए Agreement कर चुकी थी और दूसरी तरफ़ देश की सेना पर टैररिस्ट अटैक से वो बहुत ग़ुस्से में था। उसका अब पाकिस्तान जाने का मन नहीं था। उसकी ख़ामोशी में ही उसका ज़वाब था। बॉस ने आगे कहा, “मतलब अब अगर VISA अप्रूव हो भी जायेगा, तब भी तुम वहां नहीं जाओगे। है न?”
Aniket (confused) - सर मैंने अभी कुछ डिसाइड नहीं किया है। मुझे नहीं लगता कि अब VISA मिल पायेगा। हालात अभी भी नॉर्मल नहीं हुए है, कुछ भी हो सकता है।
“OK, देखते हैं क्या सिचुऐशन बनती है आगे।” इतना बोलकर उसके बॉस ने फ़ोन रख दिया था। उसने अपने बॉस को पूरा सच नहीं बताया था। वो पाकिस्तान नहीं जाने का डिसाइड कर चुका था।
अनिकेत ने सच ही कहा था। सिचुएशन अभी भी नॉर्मल नहीं हुई थी। किसी भी टाइम कुछ भी हो सकता था। सेना पर टैररिस्ट अटैक 14 फरवरी को हुआ था, लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों में उसका ग़ुस्सा कम नहीं हुआ था। लोग पाकिस्तान और आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह ही एक बार फिर से एक्शन लेने की लगातार डिमांड कर रहे थे। एक ऐसा एक्शन जिसके बाद भारत की ओर देखने की वे हिम्मत भी नहीं कर सके।
इस सब के बीच भी उसको DP वाली लड़की की याद आ ही जाती थी। वो ऑफिस में अपनी डेस्क पर आंखें बंद करके बैठा हुआ था। उसकी आँखों में DP वाली लड़की. ठीक वैसे ही लगी, जैसे लगातार किसी चीज़ को देखने के बाद ऑंखें बंद करने पर भी वही-वही दिखता है. उस तस्वीर को देखते ही उसके होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गयी थी। लड़की की DP देखने के लिए उसने अपना मोबाइल उठाया। अनिकेत मैसेंजिंग ऐप ओपन करने ही वाला था, तभी उसकी उंगलियां अचानक रुक गयी। उसके होठों की मुस्कान गायब हो चुकी थी। टेररिस्ट अटैक याद आते ही उसको ग़ुस्सा आने लगा और अपने आप से कहा,
Aniket (himself) - क्या कर रहा है तू अनिकेत? भूल मत अभी 10 दिन पहले ही इन लोगों के देश ने तेरे देश की सेना पर टैररिस्ट अटैक करवाया था। तू इतनी जल्दी अपने सैनिकों की कुर्बानी को कैसे भूल सकता है। क्या यहां लड़कियों की कमी है? जो तू बार-बार अपने दुश्मन मुल्क की एक लड़की का फ़ोटो देख रहा है। इतना सेल्फिश कैसे हो सकता है तू?
उनके यहां जब भी ऐसा होता है, तब यहां के लोग हाथों में केंडल लेकर सड़कों पर आ जाते हैं। तूने उनको देखा है कभी ऐसा करते हुए? इस ग्रुप में इतने लोगों में से किसी ने भी तेरे सैनिकों के लिए दो शब्द भी बोले क्या? जब बम ब्लास्ट करने वाले लोग ही पाकिस्तान से आते हैं, फिर वे लोग क्या बोलेंगे? उनको क्या फ़र्क पड़ता है? यहां हमारे सैनिकों के घर उजड़ गए और तुझे उस लड़की की पड़ी है?
अनिकेत अपने अंदर की आवाज़ से डर गया था। वो डिसाइड कर चुका था कि अब कभी वो उस लड़की को याद नहीं करेगा। उसने अपने एक कलीग को अपनी ओर आते देखा और चेयर पर सीधा होकर बैठ गया। अनिकेत के पास आकर उसने कहा, “भाई तुम अब visa तो भूल ही जाओ। तुम यहाँ गेंद-बेट में उलझे हो, वहां उनका प्रधानमंत्री सीधे जंग की बात कर रहा है। ये देखो” इतना बोलकर उसने न्यूज़ चला दी, जिसमें वो खान कह रहा था, “भारत अगर जंग चाहता है, तो हम ज़वाब देने के लिए तैयार है।”
ऑफिस से आने के बाद अनिकेत का मूड कुछ ठीक नहीं था। अपने बॉस के बारे में सोचकर उसको बुरा लग रहा था। उसने अपने दोस्त वीरेंद्र को कॉल करके पूछा,
Aniket (asking) - विरु कहां है तू? फ्री हो तो मेरे रूम पर आ जा, मार्केट चलते हैं।
उसने बिना कुछ पूछें 15 मिनिट में आने को कहा और फोन काट दिया। लगभग 15-20 मिनिट बाद जब वो अनिकेत के रूम पर आया तो काफ़ी एक्साइटेड लग रहा था। उसने आते ही तुरंत पूछा, “भाई तुझे आज की लैटेस्ट न्यूज़ पाता है?” अनिकेत ने थोड़ा सोचकर कहा,
Aniket (confused) - वही न जो अबरार खान ने बोला है?
वीरेंद्र ने उसको हैरानी से देखते हुए कहा, “भाई कौन सी दुनिया में रहता है तू? तुझे सच में नहीं पता, आज क्या हुआ है?” वो और ज़्यादा कन्फ्यूज़ हो गया था। उसने अपने दोनों कंधे उचकाते हुए कहा,
Aniket (confused) - ऐसा क्या हो गया भाई? तू ही बता दे।
वीरेंद्र ने अपने मोबाइल में न्यूज़ प्ले की और एक्साइटेड होकर कहा, “भाई आज इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तान की बाउंड्री में घुसकर आतंकवादियों की लाशें बिछा दी लाशें। ये देख एयरफोर्स ने एक वीडियो भी रिलीज़ किया है। पिछली बार सर्जिकल स्ट्राइक में तो फिर भी कम मारे थे, इस बार तो सीधे एयर-स्ट्राइक की है। देख न वीडियो में।”
अगले आधे घंटे तक दोनों उसी न्यूज़ को देखते रहे। अनिकेत ख़ुश भी था और अपसेट भी। ख़ुश इसलिए था, क्योंकि सेना ने अपने जवानों की शहादत का बदला ले लिया था और अपसेट इसलिए था, क्योंकि वो समझ गया था कि अब उसके बॉस का इन्वेस्टमेंट डूबने वाला था। “चल भाई मार्केट चलते हैं, जश्न तो बनता है न?” वीरेंद्र ने उससे कहा और दोनों कमरे से बाहर निकल गए।
अगले दिन दोनों देशों के बीच तनाव और ज़्यादा गर्म हो गया था। अनिकेत उसके ऑफिस पंहुचा, तो वहां पर भी युद्ध जैसे हालात बने हुए थे। पूरी टीम बैठकर सिर्फ़ एयरस्ट्राइक के बारे में ही बातें कर रही थी। भारत ने किसी भी सिचुएशन से निपटने के लिए सेना को अलर्ट कर दिया था। उधर पाकिस्तान बार-बार अपने बयान बदल रहा था। अनिकेत के एक कलीग ने पाकिस्तान के ड्रामें का मज़ाक बनाते हुए कहा, “क्या देश है यार ये भी। पहले बोलता है कि, “हाँ इंडियन एयरफोर्स ने उसकी टैरेटरी में घुसकर बमबारी की है” और बाद में पलट गया। बाद में बोलने लगा कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है।”
उसके एक दूसरे कलीग ने एक्साइटेड होकर कहा, “हमारी आर्मी ने भी वीडियो रिलीज़ करके सबूत दे दिया। जिनको सबूत चाहिए था, वे आंखें खोलकर देख ले।” अभी चर्चा चल ही रही थी कि न्यूज़ एंकर फिर ज़ोर से चीख़ी, “एक बड़ी ख़बर निकलकर सामने आ रही है, जिसमें दावा किया जा रहा हैं कि हमारे एक पायलेट, विंग कमांडर को पाकिस्तानी सेना ने हिरासत में ले लिया है। ऐसा लग रहा है कि दोनों देशों के बीच कभी भी जंग छिड़ सकती है।”
इस न्यूज़ को सुनकर वहां बैठा हर एक शख़्स सहम गया था। अभी तक उसके जो कलीग मज़े ले-लेकर एयरस्ट्राइक और जंग की बातें कर रहे थे, वे अब ख़ामोश हो चुके थे। इस इंसिडेंट ने दोनों देशों के बीच का तनाव और ज़्यादा बड़ा दिया था। भारत अपनी सेना युद्ध के लिए अलर्ट कर चुका था। भारत सरकार अपने विंग कमांडर को वापस लाने के लिए पाकिस्तान पर लगातार प्रेशर बना रही थी।
आज का दिन उसके लिए काफ़ी भारी था, दिमाग़ में इतना कुछ चल रहा था कि वो दिमाग़ को निकाल कर साइड में रख देना चाहता था. ख़ैर ये तो पॉसिबल था नहीं, इसलिए उसने एक प्लॉन बनाया।
शाम को वो वीरेंद्र के साथ एक कैफ़े पर बैठा हुआ था। मीडिया में चल रही जंग की खबरों से पूरे देश में बस एक ही चर्चा थी, अब आगे क्या होगा? वीरेंद्र ने सीरियस लहजें में पूछा, “पाकिस्तान ने अगर हमारे कमांडर को वापस करने से इंकार कर दिया तो? तुझे क्या लगता है? इंडिया उस पर हमला कर देगा क्या?” अनिकेत कुछ देर खामोश बैठा रहा। उसका दोस्त वीरेंद्र उसको देखता रहा और फिर से न्यूज़ देखने लगा।
Aniket (serious) - मैं कैसे बता सकता हूँ यार, आगे क्या होने वाला है? मैं न तो कोई मिनिस्टर हूँ और न ही मैं सेना में हूँ। वैसे इंटरनेशनल लॉ के हिसाब से उन्हें छोड़ना तो पड़ेगा ही। पाकिस्तान की सिचुऐशन पहले ही ख़राब है, वो इंडिया के साथ वॉर कर ही नहीं सकता। मुझे तो ये समझ नहीं आता, ये पाकिस्तान सुधरता क्यों नहीं है?
“लातों के भूत, बातों से नहीं मानते अनिकेत।” वीरेंद्र ने ग़ुस्से में कहा और अपनी नज़र फिर से न्यूज़ पर टिका दी। अनिकेत ने एंकर को देखा, वो वीरेंद्र से भी ज़्यादा तेज़ आवाज़ में चिल्लाकर पूछ रहा था, “क्या पाकिस्तान, इंडिया से जंग करना चाहता है? आख़िर क्यों नहीं छोड़ रहा वो हमारे airforce officer को?”
इसी तरह एक दिन और गुज़र चुका था, लेकिन पाकिस्तान की तरफ़ से कोई बयान नहीं आया था। अनिकेत का न ऑफिस में मन लग रहा था और न ही अपने कमरे पर। उसको अपनी मम्मी की याद आने लगी थी। वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - इससे अच्छा तो मैं घर पर ही ठीक था। बॉस ने फ़ालतू ही बुलाया मुझे। इतने दिनों तक परेशान हुए। कितना कुछ सोच लिया था मैंने? ये करूँगा, वो करूँगा। ख़ूब मेहनत करूँगा। एक बड़ी और टेलेंटेड टीम के साथ काम करूंगा। इतने बड़े इवेंट को कवर करूंगा। क्या ख़ाक कवर करूंगा? यहां तो वॉर की नौबत आ चुकी है। ये भी नहीं पता, अगले 1 घंटे बाद क्या होने वाला है? शायद भईयाँ को पता हो सकता है। उनसे बात करता हूँ।
यही सोचकर उसने अपने बड़े भाई ईशान को कॉल किया। रिंग जाती रही लेकिन उसने कॉल पिक नहीं किया। वो अपनी मम्मी को कॉल कर ही रहा था कि तभी उसके बड़े भाई ने कॉल बैक किया, “क्या हाल है प्रोड्यूसर साहब?” उसने अनिकेत से एक्साइटेड होकर पूछा।
Aniket (low) - बस बढ़िया हूँ। आप बताइये?
“एक गुड न्यूज़ है तेरे लिए। मम्मी ने एक लड़की पसंद की है। आज मैं तेरे पास कॉल करने वाला था।” उसकी एक टेंशन अभी खत्म भी नहीं हुई थी और उसके बड़े भाई ने दूसरी टेंशन दे दी थी। अनिकेत हल्का रुड होकर बोला,
Aniket (rude) - मुझे जब शादी करनी होगी, तब मैं ख़ुद ही आप लोगों से बोल दूंगा। पिछली बार ये मेटर क्लोज़ हो गया था न? फिर बार-बार आप लोग मुझे शादी के लिए फ़ोर्स क्यों कर रहे हैं? देश का अलग ही मेटर चल रहा है और आप लोगों का अलग।
ईशान समझ गया था कि उसका छोटा भाई भारत-पाक टेंशन की वजह से परेशान है। उसको अचानक याद आया और उसने पूछा, “तू पाकिस्तान जाने वाला था न? तुझे VISA मिला या नहीं?” उसको समझ नहीं आ रहा था, आज भईया को अचानक क्या हो गया? न- समझ जैसी बातें क्यों कर रहे हैं ये? उसने थोड़ा झुंझलाकर कहा,
Aniket (panic) - आप न्यूज़ वग़ैरह नहीं देखते क्या? यहाँ media जंग के हालात banaye हुए है। क्या आपको लगता है कि ऐसी situation में जाना पॉसिबल भी है? और अब मैं वहां जाना भी नहीं चाहता हूँ। ख़ैर छोड़ो, मैं घर आने का सोच रहा था। यहां कुछ ठीक नहीं लग रहा था मुझे, पर आपने मूड ख़राब कर दिया मेरा। चलिए बाय।
“सुन तो........” ईशान कुछ बोलने वाला था, लेकिन वो इतना ज़्यादा चिढ़ गया था कि उसने कॉल कट कर दिया और मोबाइल airplane mode पर डाल दिया।
उसका मूड कुछ ज़्यादा ही ख़राब हो चुका था, इसलिए सो गया। थोड़ी देर कुछ सोचता हुआ इधर से उधर करवट बदलता रहा, मोबाइल में गेम खेलता रहा और फिर सोया गया। वो दिन में सोया था और अब शाम हो गयी थी, लेकिन वो नहीं उठा। वीरेंद्र उसके रूम के बाहर खड़ा होकर काफ़ी देर तक आवाज़ देता रहा। उसने कॉल करके उठाने की कोशिश भी की, पर वो नहीं उठा। वीरेंद्र को अब उस पर डाउट होने लगा था। वो जानता था, अनिकेत किसी बात से परेशान चल रहा है।
उसने घबराकर और ज़ोर से आवाज़ लगाई। गहरी नींद में सोया अनिकेत इस बार हड़बड़ाकर उठकर बैठ गया। उसने इधर-उधर देखा, तब उसको समझ आया कि वो कमरे में सोया हुआ था। वो जल्दी से उठा और दरवाज़ा खोला। वीरेंद्र को घबराया हुआ देख उसकी नींद उड़ गयी थी। उसने पैनिक होकर पूछा,
Aniket (panic) - अब क्या हुआ? इतना घबराया हुआ क्यों है? प्लीज़ कुछ बेड न्यूज़ मत सुनाना यार। वैसे ही बहुत डिस्टर्ब हूँ मैं।
वीरेंद्र की साँसे अभी तक बड़ी हुई थी। उसने कमरे में अंदर आते हुए अनिकेत को घूरकर देखा। वो उसकी ऑंखें देखकर और ज़्यादा डर गया था। वीरेंद्र ने पानी की बॉटल उठाई और एक बार में पूरी बॉटल ख़ाली कर दी। उसने एक गहरी साँस लेकर अनिकेत से कहा, “ऐसे कौन सोता है? कब से आवाज़ दे रहा था मैं। तूने तो डरा ही दिया था यार। ग़ुस्सा तो इतना आ रहा है न तुझ पर, बड़ी मुश्किल से कंट्रोल कर पा रहा हूँ मैं। अब जो मैं तुझे बेड न्यूज़ देने जा रहा हूँ न, उसको सुनने से पहले अपना दिल मज़बूत कर ले। सदमें मैं मर-वर मत जाना कही।”
वीरेंद्र की बात सुनकर किसी अनहोनी के डर से अनिकेत के चेहरे पर हवाइयाँ उड़ने लगी थी। वो खड़ा-खड़ा अपने दोस्त का सीरियस चेहरा देख रहा।
कौन सी बेड न्यूज़ देने वाला था वीरेंद्र उसको? क्या हालात नॉर्मल होने के बाद पाक दे पायेगा VISA अनिकेत और उसकी टीम को? या फिर रह जायेगा उसका ख़्वाब अधूरा ही?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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