रवि ऑफिस की बिल्डिंग में चलकर अपने कैबिन की तरफ जा रहा है। बीच में उसे अनीता रोक लेती है।

अनीता  (हैप्पी): गुड मॉर्निंग सर।

रवि (घबराया हुआ): गु॥ गुड मॉर्निंग अनीता मैडम।

अनीता: परेशान लग रहे हैं? क्या हुआ? कोई प्रॉब्लेम है?

रवि: नहीं, नहीं, कुछ भी तो नहीं।

अजीब हैं दुनिया के लोग भी। कल तक ये खुद मेरे खून का एक एक कटरा पी जाना चाहतीं थीं जैसे ये अनीता नहीं ड्राक्युला हों, और आज, आज देखो कितनी प्यार से गुड मॉर्निंग बोल रहीं हैं। हूँ.. ना जाने क्या बात हुई है कल इनकी और शालिनी मैडम की, जो इनकी वाणी इतनी मधुर हो गई है। मुझे रिज़ाइन करने से भी रोक दिया। कुछ भी कहो शालिनी मैडम हैं तो कमाल की। मेरा मतलब ना जाने क्या मंतर फूंका अनीता मैडम के कान में, कि इनकी तो गंगा ही उल्टी बहने लगी। बस ऐसे दो चार मंत्र ये संजय के कान में भी मार दें, तो ज़िंदगी कितनी आसान हो जाएगी। हाँ, हाँ, दो चार, क्योंकि 1 से इस संजय के कानों पर तो जूं  भी नहीं रेंगने वाली। वन स्टेप एट आ टाइम रवि वन स्टेप एट आ टाइम, इतनी मुश्किल से तो अनीता मैडम ने छैन की सांस लेने दी है, संजय को समझने के लिए तो खुद भगवान को इस धरती पर आना पड़ेगा। खैर, अभी तो थोड़ा बहुत काम देखा जाए।

रवि: अरे अनीता मैडम।

अनीता: मे आई कम इन सर?

हैं? कहीं मैं थोड़ा स बहेरा तो नहीं हो गया न? या किसी सपने में हूँ? वैसे तो कभी इन्होंने मुझसे किसी भी बात के लिए नहीं पूंछा और आज अंदर आने के लिए भी पूँछा जा रहा है। ये भी ठीक है।

रवि: आइए न मैडम, आइए।

अनीता: सॉरी आपको डिस्टर्ब करने के लिए।

रवि: अरे नहीं मैडम, मुझे वैसे भी इस ऑफिस में कोई काम समझ ही नहीं आता करने के लिए। बताइए क्या हुआ?

अनीता: मुझे आपसे सॉरी बोलना था, मैंने आपके साथ बहुत रुडली बिहेव किया पिछले कुछ दिनों, उसके लिए।

ना बाबा, मैं नहीं मानता, ये हो ही नहीं सकता। ये मिलकर मुझे पागल बना रहे हैं। पहले गुड मॉर्निंग फिर मे आई कम इन और अब सॉरी। हे भगवान, जिस स्पीड से ये बाद रहीं हैं, उस हिसाब से तो बस 5 मिनट में ये थैंक यू और आई लव यू पर पहुँच जाएंगी। थैंक यू तक तो मैं बर्दाश्त कर लूँगा पर कहीं ये आई लव यू न बोल दें। इनको यहीं रोकना होगा, घर पर सुमन भी तो है। अगर उसे पता चल गया तो मेरी आत्मा परमात्मा से टाइम से पहले ही मिलवा देगी।

रवि: नहीं, नहीं मैडम। ये आप क्या बोल रही हैं? आप तो मुझसे बहुत ज़्यादा  पड़ी लिखी हैं। मैं समझ सकता हु आपका गुस्सा। अब कल को अगर सन्नी मुझे आकर चाय या कॉफी बनाना सिखाएगा तो मुझे गुस्सा तो आएगा न। माना ठीक थक काम करता है पर मुझसे याची कॉफी या चाय थोड़ी न बना लेगा। मतलब मैं घमंड नहीं कर रहा पर ये तो सच है , मैं दुनिया सबसे याची कॉफी बना लेता हूँ।

आनीता: थैंक यू सर।

ओह्ह शिट, मैंने तो सिच था की यहाँ बात खत्म हो जाएगी पर यहाँ तो थैंक यू भी आ गया, अब तो बस एक ही चीज़  बची है। आई लव यू। अब इन्हें कैसे समझाऊँ, की अपनी गाड़ी पर इधर ही ब्रेक लगा दो मैडम क्यूंकी इस रोड पर डेड एंड है। मेरा छोटा सा एक बच्चा है। एक पत्नी है। माना अनीता मैडम से भी ज़्यादा खूंखार है, पर जैसी भी है मैं प्यार करता हूँ। वो कहते हैं न, टेड़ी है पर मेरी है। और ऊपर से अनीता मैडम का भी इतना खौफ है कि  अगर इन्होंने कुछ बोल तो गार्डन खुद बा खुद दर से हाँ में हिल जाएगी। वाह रे मेरी किस्मत, इससे याचा था कल ही इस ऑफिस के लिए मुझे चन्ना मेरेआ गया लेने देती। मेरा मतलब कल ही इस ऑफिस को बाय बाय बोल देने देती।

अनीता: पर जो भी हो, मुझे ऐसे आपसे बेहेवे नहीं करना चाहिए था। एक्चुअली यू वर राइट, मुझे एक ब्रेक की ही जरूरत थी। अरे बातों बातों में मैं जिस काम के लिए आई थी, वो बताना तो भूल ही गई।  

रवि: क्… क्या काम? और भी कोई काम है?

अनीता: वो ऑफिस में नेक्स्ट मन्थ एक अवॉर्ड फंक्शन है। और अवॉर्ड फंक्शन में स्पीच भी देनी होती है। बस यही बताने आई थी मैं।  

रवि: हाँ मुझे मालूम है, पर वो स्पीच  तो हर बार अतुल सर देते थे। अब वो तो स्पीच देने आ नहीं पाएंगे, स्पीच तो क्या वो बेचारे तो अब किसी भी काम के लिए नहीं आ पाएंगे।  तो फिर स्पीच कैन्सल ही करनी पड़ेगी।

अनीता: अतुल सर स्पीच इसलिए देते थे, क्यूंकी अब तक वो इस कुर्सी पर बैठते थे, पर अब आप बैठे हैं, इसलिए अब ये स्पीच आपको देनी होगी।

रवि: क्या बोल रही हो मैडम? अगर इतना है तो इस कुर्सी को ही ले जाकर इससे ही बुलवा लेना मैडम। मैं ये सब नहीं कर सकता। या आप दे देना मेरी जगह स्पीच।  

अनीता: सर इस कंपनी की हेड मैं नहीं आप हो, और आप चिंता मत करिए मैं आपकी हेल्प करूंगी स्पीच प्रीपेर करने में।  एक महिना है, अच्छे से तयारी कर लेंगे आप। OK सर। हवे आ नाइस दे।

मैंने बोला था ना, की दाल में कहीं कुछ काल है। मैं गलत था, दाल  में कुछ काल नहीं, यहाँ तो पूरी की पूरी दाल ही काली उरड की है। हे प्रभु बस एक बात माँ लो न मेरी प्लीज, जीतने भी बम मेरी छोटी से ज़िंदगी में प्लांट करे हैं आपने एक ही बार में फोड़ दो न। ये एक एक करके मेरा ब्लड प्रेशर क्यू बदते हो? कोन सा डॉक्टर है ऐसा जिसकी इतनी दुआएं माँ रहे हो आप? और उसकी सारी दुकान मेरी ब्लड प्रेशर की ही दवाई से चलाने की सोची है क्या? किसी मूवी राइटर को मेरी ज़िंदगी की कहानी सुना दो तो एक सुपर डुपर हिट पिक्चर तो पक्का बन ही जाएगी, भई इतने प्लॉट ट्विस्ट तो ऐस ऐस राजमौली सर की पूरी पिक्चर में देखने को नहीं मिलते जीतने ये कुछ ही दिनों में मेरी ज़िंदगी में हो चुके हैं। इतनी जल्दी तो मुंबई का मौसम नहीं बदलता मॉनसून में भी जितनी जल्दी मेरी हालत बदल रही है।

अगर मुझे थोड़ा सा भी आइडीआ होता न की मेरी लाइफ में ये सब होने वाला है तो मैं पैदा ही नहीं होता। ये अनीता मैडम नें तो पार्टी बदल लिया यार। कल तक जिस औरत को मेरी आवाज सुनना तक पसंद नहीं था, वही औरत सबके साथ मिलकर मेरी स्पीच सुनना चाहती है। और तो और वो खुद स्पीच तैयार करने में मेरी मदद करेगी। इन्हें कोई समझाए की 1 महिना तो बहुत काम है रे बाबा कम से कम 1 साल का तो वक्त दे रे बाबा। उठा ले रे देवा, उठा ले, अरे तू इन सबको छोड़ मुझे ही उठा ले। क्यूंकी एक बात तो तय है, हमसे न हो पाएगा। वियसे भी यहाँ मेरी सुनने वाला भी कौन ही है? कौनसा इस ऑफिस में अभी तक किसी ने मेरी सुनी है, जो अब मेरे मना करने पर सुन लेंगे। ये पड़े लिखे लोग भी अजीब होते हैं यार। वैसे बोलते रहेंगे की आप हेड हो आप हेड हो, लेकिन अगर कुछ बोलो तो डांट कर चुप करा देते हैं।

मुझे अपने गले का चेक अप कराना चाहिए, शायद इन सबके सामने मेरी आवाज में आवाज ही नहीं आती, क्यूंकी इतने लोग एक साथ बहरे तो नहीं हो सकते, किसी को कुछ सुनाई ही नहीं देता। खैर छोड़ो एक महीने की चिंता अभी से क्यूँ ही करनी। बाहर चल कर डेलहट हु की क्या हो रहा है। सुबह से संजय कुछ नहीं बोला। मुझसे पंगा लिए बिना उसका खाना कैसे हजम हुआ होगा? देखूँ तो, मुझे परेशान करने के लिए अब किस नए तरीके पर काम कर रहा है। जिस तरीके से मुझे और अनीता मैडम को अपने ऑफिस से बैठ कर घूर रहा था, उससे ये तो पक्का है की उसके शैतानी दिमाग में कुछ याचा तो नहीं आया होगा। बस अगर जल्दी पता चल जाए तो शायद बचने का कोई तरीका सोच लिया जाए।

 

(टू बी कंटिन्यूड...)

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