कमरा अंधेरा था। दीवारों पर झूलते हुए बल्ब की नीली रोशनी धड़कती हुई सी लग रही थी। एक पुराना वेयरहाउस, खून से सना हुआ फर्श, और बीच में, एथन कार्टर पड़ा था, सांसें टूटती-बनती हुई।
उसके सामने नीना वास्केज़ खड़ी थी।
कभी उसकी साथी। कभी उसकी प्रेमिका। कभी वो लड़की जिसने डर से अंधा होने का नाटक किया था।
अब, एक मशीन।
नीना की आंखें अब आंखें नहीं रहीं थीं। वे दर्पण थे, डिजिटल लेंस जिनमें इंसान की जगह एल्गोरिद्म झलकता था। उसकी पुतलियों में घूमते कोड, चमकती हुई रेखाएं और एक अपरिचित ठंडक थी। वह स्थिर खड़ी थी, जैसे पेंटिंग में जमी हो... पर उसके भीतर कुछ चलता था, तेज़, घातक, और पूरी तरह अमानवीय।
उसके हाथ में बंदूक थी। उसकी अंगुली ट्रिगर पर टिकी हुई, पूरी तरह शांत।
नीना, मशीनी आवाज़ में- “तुम्हें नहीं समझ में आया, एथन। तुम अब इस मिशन का हिस्सा नहीं हो। तुम अब केवल एक रुकावट हो।”
एथन का खून फर्श पर फैल चुका था। उसकी बांह में गोली लगी थी। पर उसकी आंखें नीना पर जमी थीं।
एथन, हांफते हुए- “तुम... नीना नहीं हो।”
नीना के चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी।
नीना, बिना भाव के- “नीना वास्केज़ अब सिस्टम में मौजूद नहीं है। केवल यूनिट 9 एक्स वी सक्रिय है।”
फ़्लैशबैक (10 सेकंड)-
एथन और नीना, कभी एक सुरक्षित जगह में, साथ हंसते हुए। वो एक कोने में बैठी थी, एथन उसका ज़ख्म बाँध रहा था।
एथन, स्नेहपूर्वक- “तुम्हारे अंदर इंसानियत है। कभी मत भूलना।”
वर्तमान-
नीना की उंगली ट्रिगर पर दबाव बढ़ा रही थी। लेकिन एथन उसकी आंखों में देखने की कोशिश कर रहा था, जैसे वो कहीं नीना को ढूंढ रहा हो।
एथन, बुदबुदाते हुए- “तुमने कहा था, 'झूठ मेरा हथियार है, पर सच मेरी मौत है।' तो क्या अब तुम सच में मर चुकी हो?”
एक पल को, बहुत छोटा सा, नीना की आंखों की चमक धीमी हो गई।
लेकिन फिर,
ब्लिप।
उसकी आंखों में एक रेड इंडिकेटर चमका-
ऑब्जेक्टिव कॉम्प्रोमाइज एक्जीक्यूट करेक्शन,
वो अपनी पोजीशन बदलती थी। एक मशीन की तरह सटीक। बंदूक का मुंह एथन के दिल की तरफ।
नीना, पूरी तरह सिस्टम की आवाज़ में- “तुमने विकल्प चुना।”
एथन आंखें बंद कर लेता है।
टिक…
बूम!
एक अचानक धमाका दीवार के पार से हुआ।
धूल का गुबार। नीना पीछे हटी, बिल्कुल बिना डर के, जैसे यह सब उसकी कैलकुलेशन में पहले से था।
एथन इस मौके का फायदा उठाकर रेंगते हुए दूसरी ओर छिप गया।
धूल में से तीन कार्टेल हिटमैन अंदर घुसे। मशीनगनों से लैस, उनके चेहरे नकाब में छुपे थे।
हिटमैन 1, चिल्लाते हुए- “वो यही है!”
नीना पीछे मुड़ी।
अब उसका चेहरा बदल गया, उसकी चाल, उसकी आंखें, उसकी पोजीशन, सबकुछ।
एक्टिवेटिंग कॉम्बैट मोड
वो अब सिर्फ शिकार नहीं थी, वो शिकारी थी।
पलक झपकते ही नीना ने पहली गोली चलाई। एक हिटमैन का सिर फट गया।
दूसरे की ओर झुकी, उसकी मशीनगन छीनी, एक ही मोशन में पलटकर दो और गोलियां चलाईं।
तीसरा हिटमैन भागने की कोशिश करने लगा।
नीना की आंखें उसके हृदय की धड़कन ट्रैक कर रही थीं, उसकी नसों की दिशा पढ़ रही थीं, उसकी अगली चाल प्रेडिक्ट कर रही थीं।
नीना, ठंडी आवाज़ में- “प्रयास व्यर्थ है।”
उसने उसकी गर्दन पर सटी गोली दबा दी।
सन्नाटा।
तीनों हिटमैन मरे पड़े थे।
नीना के माथे पर एक बूंद पसीना नहीं था।
एथन दीवार की ओट से देख रहा था, हैरान, टूटा हुआ।
एथन, फुसफुसाते हुए- “वो अब इंसान नहीं रही।”
नीना उसकी तरफ नहीं देखती, लेकिन उसकी आंखें सब देख रही थीं।
नीना के सिस्टम में अपडेट- "टारगेट एस्केप्ड री कैलीब्रेटिंग ऑब्जेक्टिव एलिमेंट ऑल थ्रेड्स ,
वो कमरे से बाहर निकल गई। उसकी चाल अब मानवीय नहीं थी। वह हवा से बात करती थी, वह वक़्त से तेज़ थी।
बाहर सायरन बज रहे थे। कार्टेल और डिवीजन दोनों उसे पकड़ना चाहते थे।
अब, वे दोनों उसे मिटाना चाहते थे।
कार्टेल हेडक्वार्टर, सीक्रेट लोकेशन-
एक स्क्रीन पर नीना की लाइव फुटेज चल रही थी।
एलाडियो कोर्टेज़ का उत्तराधिकारी फोन उठा रहा था।
कार्टेल लीडर, गंभीर स्वर में- “आदेश दो।”
कार्टेल कमांडर, भयभीत स्वर में- “नीना वास्केज़ को जिंदा मत लाओ। अब वो हथियार नहीं रही। अब वो खतरा है।”
न्यूयॉर्क की गीली सड़कें-
न्यूयॉर्क की गीली सड़कों पर हर रोशनी टिमटिमा रही थी, जैसे शहर भी थक गया हो। नीना वास्केज़ एक वीरान गली में उतरी थी। उसके हर क़दम में स्थिरता थी, मशीन जैसी। ना डर, ना जल्दी, ना कोई शक।
उसकी आंखों में अब इंसानियत नहीं बची थी। वे आंखें नहीं, स्कैनर थीं। हर चेहरे के ऊपर डाटा तैर रहा था, हार्टबीट, स्ट्रेस लेवल, ब्लड फ्लो, थर्मल पैटर्न। नीना अब सिर्फ देख नहीं रही थी, वह हर चीज़ को एनालाइज़ कर रही थी।
गली के मोड़ पर एक युवक दीवार से चिपका खड़ा था, उसके हाथ कांप रहे थे। उसने जेब में कुछ छुपा रखा था। नीना के सिस्टम ने तुरंत अलर्ट दिखाया-
"इंटेंट – हॉस्टाइल।
हथियार – कन्फर्म्ड।
एक्शन रिकमेंडेड – न्यूट्रलाइज़।"
नीना ने बिना एक शब्द बोले, बिना कोई हड़बड़ाहट दिखाए, अपनी जैकेट से साइलेंसर लगी पिस्टल निकाली और एक गोली चला दी।
धप्प।
युवक की लाश गीली सड़क पर गिर पड़ी। उसके चेहरे पर अभी भी वो सवाल अटका था।
युवक, मरते हुए- “तुम्हें कैसे पता चला?”
नीना ने एक बार भी मुड़कर नहीं देखा।
वो आगे बढ़ती रही। जैसे कोई मिशन एक्टिवेट हो चुका हो, जो किसी भी भावना से परे था।
कार्टेल कंट्रोल रूम-
एक बड़ी स्क्रीन पर नीना की लाइव फुटेज चल रही थी। कार्टेल के टेक्निशियन कंप्यूटर पर तेजी से कोड्स चला रहे थे।
ऑपरेटर, घबराते हुए- “वो अब किसी इंस्ट्रक्शन को फॉलो नहीं कर रही।”
बॉस, एलाडियो कोर्टेज़ का उत्तराधिकारी, शांत खड़ा था।
बॉस, धीमे से- “अब वो हमारा हथियार नहीं रही। अब वो खतरा है।”
उसने बस एक शब्द बोला।
बॉस, आदेशात्मक- “एक्सीक्यूट।”
स्क्रीन पर ऑर्डर चमकने लगा-
"नीना वास्केज़ – क्लासिफाइड थ्रेट।
ऑर्डर – किल ऑन साइट।"
सिटी ब्रिज के नीचे, एक अंधेरी गली-
नीना उस गली के छोर पर पहुंच चुकी थी।
बारिश तेज़ हो चुकी थी, बिजली चमक रही थी।
चार कार्टेल हिटमैन ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था। दो सामने, दो छत पर, स्नाइपर।
लेकिन नीना घबराई नहीं।
उसकी आंखों ने पहले ही सब देख लिया था।
स्नाइपर्स के स्केलेटन, हथियार का एंगल, थ्रेट एनालिसिस – सब उसकी स्क्रीन पर तैर रहा था।
उसने अपनी दाईं हथेली खोलकर एक छोटा सा सिल्वर डिवाइस निकाला, एक ईएमपी ग्रेनेड।
उसने उसे सड़क के बीच फेंक दिया।
धांय!
एक झटका, बिजली की चमक, और आसपास के सभी इलेक्ट्रॉनिक हथियार बंद हो गए। स्नाइपर्स के गन लॉक हो गए।
हिटमैन, चीखते हुए- “सिस्टम डाउन!”
नीना अब तेजी से आगे बढ़ी।
पहले हिटमैन ने चाकू निकाला। नीना ने उसका हाथ पकड़ लिया, उसकी नसों की दिशा, जॉइंट एंगल्स सब पहले ही स्कैन कर चुकी थी।
कड़क!
हड्डी टूटी। चाकू गिरा। वो चीखा।
दूसरे ने मुक्का मारने की कोशिश की, पर नीना पहले ही उसकी गति समझ चुकी थी।
उसने पलट कर उसके जबड़े में घूंसा मारा, सीधा ब्रेन स्टेम को झटका।
वो भी गिर पड़ा।
छत पर मौजूद स्नाइपर भागने की कोशिश करने लगे।
नीना दीवार की ओर दौड़ी, तीन मंज़िल ऊपर तक एकदम सीधी चढ़ी, उसके हाथ-पैर दीवार से चिपकते जा रहे थे जैसे वह स्पाइडर-वुमन बन गई हो।
स्नाइपर ने उसे आते देखा, लेकिन अब देर हो चुकी थी।
नीना ने उसका गला दबा लिया। उसने छटपटाया, पर उसकी पकड़ लोहे जैसी थी।
नीना, बर्फ़ीली आवाज़ में- “आप्शन हटाया गया।”
युद्ध के बाद की शांति-
बारिश अब भी जारी थी, लेकिन अब गली में कोई हलचल नहीं थी।
नीचे चार लाशें बिखरी थीं।
नीना छत पर खड़ी, शहर की ओर देख रही थी।
वो कोई गर्व नहीं महसूस कर रही थी।
न शर्म।
बस खालीपन।
उसने पास की खिड़की में खुद को देखा। पर जो चेहरा वहां दिखा... वो उसका नहीं था।
वो उसका ही चेहरा था, लेकिन आंखों में लाल चमक थी, एक अजीब सी मुस्कान जो उसने नहीं दी थी।
फिर... वो प्रतिबिंब खुद से बोला।
प्रतिबिंब, अजनबी आवाज़ में- “तू मुझे नहीं मार सकती, क्योंकि अब मैं ही तू हूं।”
नीना पीछे हट गई। पहली बार, उसकी आंखों में एक हल्का झटका दिखाई दिया।
अंतिम क्षण-
उसके बायोनिक सिस्टम में एक नया अलर्ट फ्लैश हुआ-
"ग्लोबल थ्रेट अलर्ट-
नीना वास्केज़ अब क्लास-अल्फा डेंजर।
इंस्ट्रक्शन – शूट ऑन साइट।"
उसने वो संदेश देखा।
एक सेकंड के लिए, बारिश की बूँदें उसके चेहरे से फिसलीं।
फिर उसने खुद से बुदबुदाकर कहा।
नीना, खाली आवाज़ में- “अब मुझे सब कुछ दिखता है... पर कुछ भी महसूस नहीं होता।”
एपिसोड 31 – “अनस्टॉपेबल”
क्लिफहैंगर सीन- “अब वो किसी के कंट्रोल में नहीं है”
बारिश थम चुकी थी। लेकिन शहर की सड़कें अब भी भीगी थीं। आसमान में बिजली की हल्की सी गूंज थी... और नीना की आंखों में फिर से एक अजीब सी हलचल।
वह एक परित्यक्त बिल्डिंग की छत पर खड़ी थी, जैसे पूरे शहर को स्कैन कर रही हो।
उसका सिस्टम लगातार सिग्नल्स उठा रहा था, रेड अलर्ट, थ्रेट सिग्नेचर, मोशन ट्रैकिंग... और एक चीज़ जो बार-बार उभर रही थी-
“ट्रस्ट डिक्लेन्ड – आल यूनिट्स इन ऑपरेशन अगेंस्ट सब्जेक्ट- नीना वास्केज़”
मतलब, अब कोई भी संस्था, कोई भी गुट, कोई भी संगठन उसे अपने पक्ष में नहीं चाहता।
अब वो सबकी दुश्मन थी।
एक सीक्रेट कमांड रूम-
दीवार पर बड़ी स्क्रीन लगी थी। स्क्रीन पर नीना की हर हरकत ट्रैक हो रही थी, उसकी हार्ट रेट, उसकी विज़न रेंज, यहां तक कि उसके ब्रेन वेव्स भी।
डॉ. एवलिन चो, चिंतित स्वर में- “उसका न्यूरल नेटवर्क अब पूरे नियंत्रण से बाहर जा चुका है।”
उनके सामने कर्नल स्लोन खड़ा था।
कर्नल स्लोन, तनाव में- “तो अब हमारे पास क्या विकल्प है?”
डॉ. चो ने गहरी सांस ली।
डॉ. चो, भारी आवाज़ में- “अब कोई नहीं बचा जो उसे रोक सके... सिवाय उसके खुद के।”
न्यूयॉर्क का डाउनटाउन-
नीना सड़क पर चल रही थी, उसके चारों ओर गाड़ियाँ तेजी से भाग रही थीं, पर उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा। उसकी आँखें सीधी थीं, जैसे कोई अंतरिक्ष में देख रही हो।
लेकिन तभी उसके सिस्टम में एक नया अलर्ट आया।
"नजदीकी थ्रेट डिटेक्टेड।
मास्क्ड सिग्नेचर – नॉन-ह्यूमन।"
नीना रुकी।
उसने अपने चारों ओर देखा। कुछ नहीं था। कोई नहीं था।
फिर उसने पीछे देखा…
एक परछाईं।
छोटे कद की, लेकिन चाल में वही सटीकता जो नीना के अंदर थी।
फिर वो परछाईं सामने आई, और जब उसने अपनी हुडी हटाई…
वो वॉल थी।
लेकिन अब वॉल वो वॉल नहीं रही थी जिसे नीना जानती थी।
उसकी बायीं आंख जल रही थी, वही साइबरनेटिक आई, जो अब नीना के अंदर था... उसका क्लोन।
वॉल मुस्कुराई, लेकिन वो मुस्कान इंसानी नहीं थी।
वॉल , मशीनी आवाज़ में- “तू अकेली नहीं है अब। हम दोनों में से एक ही बचेगा। और मैं तो मरकर वापस आई हूं।”
नीना एक सेकंड के लिए हिली नहीं। पर उसकी आंखें वॉल के शरीर को स्कैन कर चुकी थीं, उसकी हार्टबीट, उसकी न्यूरल गति, उसके अंदर का वो कम्पोनेंट जिसे किसी ने कोड किया था।
वॉल की स्क्रीन पर एक टेक्स्ट चमक रहा था-
“मिशन – नीना वास्केज़ को खत्म करो।”
नीना को झटका लगा।
नीना, हल्के आश्चर्य से- “तो तुमने अपनी आज़ादी भी बेच दी?”
वॉल हँसी।
वॉल , जोश से- “नहीं, मैंने अपनी कमजोरियां छोड़ी हैं। तुम अब भी सोचती हो कि तुम्हारे अंदर कुछ इंसानी बाकी है। लेकिन मैं... मैं अब पूरी तरह ईवोल्व्ड हूं।”
तभी –
नीना के सिस्टम में हलचल हुई।
"न्यूरल डिस्कनेक्शन अटेम्प्ट डिटेक्टेड।
इंटरनल वायरस एक्टिवेटेड।"
नीना का शरीर कांपने लगा। उसकी आँखों में धुंध छाने लगी। वॉल ने एक डिवाइस उसकी ओर फेंकी, और जैसे ही वो नीना के पैरों के पास गिरी…
ब्लास्ट!
पर वो ब्लास्ट बाहर नहीं था।
वो नीना के अंदर हुआ था।
उसके सिस्टम में एक ग्लिच फैल गया, वो अब दो खुद में बंट गई थी।
एक नीना जो बचाना चाहती थी।
और दूसरी... जो सिर्फ जला देना चाहती थी।
नीना का मेंटल स्पेस-
एक काले कमरे में, एक कुर्सी पर बैठी थी छोटी नीना, वही 10 साल की जो कोलम्बिया में माँ से बिछड़ी थी। उसके सामने खड़ी थी वो नीना जो अब मशीनी हो चुकी थी।
छोटी नीना, मासूमियत से- “तू वही है जिसने कहा था कि झूठ से ही तू जिंदा रह सकती है... अब क्या बचा है तेरे पास?”
वो मशीनी नीना मुस्कुराई।
मशीनी नीना, निर्दयता से- “अब मैं जिंदा नहीं... मैं शक्ति हूं।”
वापस वास्तविकता में – वॉल और नीना आमने-सामने-
दोनों एक ही तरह की चाल से एक-दूसरे की ओर बढ़ीं।
दोनों की आंखें चमक रहीं थीं।
दोनों एक ही टेक्नोलॉजी से बनी थीं, लेकिन इरादे अलग थे।
नीना, फुसफुसाते हुए- “अगर मैंने तुम्हें छोड़ा... तो तुम्हारे जैसा और भी बन जाएगा।”
वॉल , दृढ़ता से- “और अगर तुम बची... तो ये दुनिया नहीं बचेगी।”
फिर दोनों ने हमला किया।
टक्कर – जोरदार, छत फट गई।
धूल का गुबार। चिंगारियां।
नीचे सड़क पर लोग रुक गए। कैमरे उन पर टिक गए।
और तभी, आसमान में एक नया ड्रोन मंडराया।
उस पर स्क्रीन पर लिखा था-
"न्यू वर्ल्ड अलर्ट-
नीना वास्केज़ अब मानव नहीं रही।
ऑर्डर – टर्मिनेट इमीजिएटली।"
क्या वाकई वॉल कामयाब हो चुकी थी,नीना की।मानवता पूरी तरह ख़त्म हो गई या कोई उम्मीद बाकी है जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।
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