लूना उस पोर्टल के क़रीब जाकर खड़ी हो गई थी, तारा ने तभी देखा कि वो पोर्टल लूना को अपने अंदर खींचने की कोशिश कर रहा है, जिसे देखते ही तारा चिल्ला पड़ी, "नहीं... नहीं लूना.... मत जाओ.. इसमें बहुत खतरा है?"
लूना ने पोर्टल के पास जाकर देखा, उसे सामने एक अलग ही दुनिया नज़र आई, जहां से एक तेज़ रोशनी निकल रही थी। तभी उसे सामने एक परछाई दिखाई पड़ी, वो पोर्टल के अंदर हाथ बढ़ाने ही वाली थी कि अचानक से वो पोर्टल बंद हो गया। लूना ने हैरानी से कहा।
लूना:"ये क्या हुआ... कौन था वो.... और वो कैसी दुनिया थी?"
इधर दूसरी तरफ़ ओरायन ने भी पोर्टल के अंदर जैसे ही कदम रखा था, उसे एक अलग तरह की दुनिया दिखाई पड़ी, जिसे उसने आज से पहले कभी नहीं देखा था। उसे भी सामने एक परछाई दिखाई पड़ी, जिसे देखते ही ओरायन चिल्लाया,
ओरायन:"कौन... कौन हैं आप..... ये कौन सी जगह है?"
कहते हुए ओरायन आगे बढ़ता कि उसके शरीर में एक झटका लगा और वो पोर्टल से बाहर निकल कर अपने लैब की दीवार से जा टकराया। "भाई तू ठीक है....क्या हुआ...क्या देखा तूने...." कहते हुए नोवा दौड़ कर ओरायन के पास गया और उसे उठाने लगा। ओरायन नोवा की बात इग्नोर करता हुआ वापस स्क्रीन के पास आया, मगर तभी उसे हैरानी हुई। वहां से वो पोर्टल गायब हो चुका था, अब उस 3D स्क्रीन पर कोई ग्लिच नज़र नहीं आ रहा था। "वो पोर्टल कहां गायब हो गया अचानक से..." कहते हुए ओरायन स्क्रीन में चारों तरफ़ देखने लगा, मगर कहीं कुछ नहीं था।
दोनों दोस्त अभी हैरान परेशान थे कि तभी अचानक से उनका हेड लैब में आकर बोला, "क्या हो रहा है यहां... अभी कुछ देर पहले कैसी आवाज़ आ रही थी?" ओरायन ने एक सांस में सब कुछ कह सुनाया, जिसके बाद हेड ने ओरायन को घूरते हुए कहा, "मुझे लगता है मुझे ये बात काउंसिल ऑफ लॉजिक को बताना होगा.... ओरायन आओ मेरे साथ..."
इधर दूसरी तरफ़ आर्केडिया में लूना और तारा सभी एलडर्स के सामने बैठे हुए थे। लूना इस वक्त एलडर्स को उस पोर्टल के बारे में बताने आई थी क्योंकि वो जानती थी कि अगर उसे एलडर्स की मदद मिल गई तो फिर वो उस पोर्टल की गुत्थी सुलझा सकती है। लूना ने चारों एलडर्स को पोर्टल के बारे में सब कुछ कह सुनाया, जिसके बाद चारों एलडर्स एक दुसरे को हैरानी से देखने लगे।
लूना: "मैं सच कह रही हूं.... तारा भी मेरे साथ थी... उसने भी ये सब देखा है...."
लूना ने जैसे ही कहा, चारों में से एक सीनियर ने पूछा, "तुम कह रही हो कि आर्केडिया के बाहर कुछ है?" लूना अभी जवाब देने ही वाली थी कि अचानक से वो एक बार फिर पूरी तरह से ब्लैंक हो गई। तारा को भी कुछ समझ नहीं आने लगा कि वो अब इस सिचुएशन को कैसे हैंडल करे? "क्या हुआ लूना... जवाब दो..." एलडर्स ने सवाल किया, तभी लूना की पीठ पर तारा ने ज़ोर से हाथ रखते हुए कहा, "लूना हमारे सीनियर्स को पूरी बात बताओ..."
तभी अचानक से लूना ने अपने होश में आते हुए कहा,
लूना:"जी... जी... मैं वही कह रही थी कि मैंने कुछ देखा है, और मैं इसे साबित कर सकती हूँ!"
लूना का जवाब सुन कर सारे एलडर्स उसे घूर कर देखने लगे। लूना को समझ नहीं आने लगा कि वो क्या कहे? तभी एक एल्डर ने पूछा, "लूना तुम्हें और कुछ कहना है तो कह लो.... हम सुन रहे हैं" लूना ने उदासी से कहा।
लूना:"नहीं.... आपको देख कर लग रहा है कि आप चारों को मेरी बात पर यकीन नहीं है तो फिर मैं आगे क्या कहूं?"
उसके जवाब को सुन कर सबसे बड़े एल्डर ने हंसते हुए कहा, "तुम किताबी कहानियों पर यकीन करने को कहोगी तो किसी को भी यकीन नहीं होगा लूना.......तुम्हारी शक्तियाँ ठीक से विकसित नहीं हुई हैं, लूना। इस तरह की कल्पनाएँ हमारी दुनिया में कोई मायने नहीं रखतीं।" उनकी बात ख़त्म होते ही दुसरे एल्डर ने कहा, "हां... लूना... तुम जो भी कह रही हो वो सब मात्र एक कल्पना है और कुछ नहीं..." इतना कहने के बाद एल्डर ने कड़क आवाज़ में आदेश देते हुए कहा, "मैं तुम्हें यही कहूंगा कि इस तरह की खतरनाक खोजों के बारे में दुबारा सोचने की भी हिम्मत मत करना। आर्केडिया के बाहर कुछ नहीं है, ये बात अपने दिमाग़ में बिठा लो।"
इधर टैक्नोटोपिया में ओरायन इस वक्त काउंसिल ऑफ लॉजिक के सभी मेंबर्स के सामने बैठा था। कहीं ना कहीं ओरायन घबरा रहा था मगर वो अंदर से इस बात को लेकर खुश भी था कि यहां काउंसिल ऑफ लॉजिक के सारे लोग उसकी बात अच्छे से सुनेंगे और समझने की कोशिश करेंगे। तभी काउंसिल ऑफ लॉजिक के डायरेक्टर डेविड ने कहना शुरू किया, "हां तो मिस्टर ओरायन, आप अपनी जुबान से पूरी बात बताइए..."
ओरायन एक्साइटेड होता हुआ, एक-एक बात सभी काउंसिल ऑफ लॉजिक के मेंबर्स को बताने लगा, जैसे-जैसे वो सब कुछ एक्सप्लेन कर रहा था, सभी के चेहरे के एक्सप्रेशन्स बदल रहे थे। पूरी बात सुनने के बाद डेविड ने कहा, "क्या तुम श्योर हो... तुमने जो भी बताया... वो सब रियल में हुआ है..."
ओरायन:"हां सर... मेरे साथ नोवा भी था... उसने भी उस पोर्टल को देखा है ...और तो और सबसे बड़ा..."
ओरायन आगे कहता कि डेविड ने बिफरते हुए कहा, "तुम्हारे जैसा इंटेलिजेंट साइनटिस्ट इस तरह की बकवास कैसे कर सकता है?" ओरायन ने अपनी बात रखते हुए कहा, "नहीं सर... ये बकवास नहीं है.... मैं सच..."
"शट अप ओरायन... मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी..." दुसरे आदमी ने कहा। ओरायन अंदर से फ्रस्ट्रेट हो गया था, उसने मन में बड़ाबड़ा कर कहा,
ओरायन:“ये लोग कभी समझ नहीं पायेंगे…मुझे ही कुछ करना होगा इनको बिना बताए….”
ओरायन ये सब ख़ुद में बड़बड़ा रहा था मगर अपने आदत के अनुसार वो ये सब जोर से बोल पड़ा, उसकी ये बात सुनते ही काउंसिल ऑफ लॉजिक के सारे मेंबर मुंह बनाते हुए ओरायन को घूरने लगे। "सॉरी... मेरे कहने का वो मतलब नहीं था.... मगर मैंने आप सब को जो कुछ बताया, सब 100 प्रतिशत सच में हुआ है..." ओरायन ने धीरे से कहा, उसकी बात पर दुसरे काउंसिल मेंबर ने कहा, "बेतुकी बातें मत करो, ओरायन और हां मैं तुम्हें क्लियरली बता रहा हूँ कि इस पर और काम करने की कोशिश भी मत करना.... अपने दुसरे प्रोजेक्ट्स पर फोकस करो।"
ओरायन और लूना की हालत एक जैसी थी, दोनों ही अपनी-अपनी दुनिया में अपनी बात को मनवाने की कोशिश में लगे हुए थे मगर कोई उनकी बात सुन नहीं रहा था। इधर आर्केडिया में लूना और तारा को समझ आ गया था कि एलडर्स उनकी बात पर विश्वास नहीं करने वाले हैं। दोनों मुँह लटकाए एलडर्स के घर से निकल ही रहे थे कि तभी पीछे से एक एल्डर ने कहा, "लूना एक और जरूरी बात का ध्यान रखना...... इस बारे में दुबारा हमारे शहर में किसी से जिक्र तक मत करना.... नहीं तो लोग तरह-तरह की बातें करेंगे।"
लूना:"मैं तो नहीं कहूंगी मगर वो कहते हैं ना कि सच सूरज की तरह होता है, काले बादल उसे ज्यादा देर तक अपने पीछे नहीं छुपा सकते.... ठीक उसी तरह आर्केडिया में भी लोगों को जल्द ही पता चल जायेगा कि इसके बाहर भी कोई दुनिया है...."
लूना ने बेबाकी से कहा, उसका ये अंदाज़ चारों एलडर्स को पसंद नहीं आया। दुसरे एल्डर ने भड़कते हुए कहा, "लूना... हम चाहें तो ये सारी बातें तुम्हारे पिताजी को बता सकते हैं.... जिसके बाद तुम्हारा घर से निकलना भी बंद हो जायेगा...मगर हम नहीं चाहते कि तुम्हें कोई तकलीफ़ हो...." इतना कहने के बाद वो एल्डर लूना के पास आते हुए बोले, "और हां तुम्हारे इस अंदाज़ को देख कर साफ़ पता चल रहा है कि तुम शांत बैठने वाली हो नहीं.... इसलिए हम चारों तुम्हें आदेश देते हैं कि आज से कुछ दिनों तक तुम कोई जादू नहीं करोगी... अगर इसके बाद भी तुमने जादू करने की कोशिश की... तो तुम जानती हो कि इसका अंजाम क्या होगा?"
एल्डर की बात सुन लूना अंदर से और चिढ़ गई, वो अभी कुछ कहने ही वाली थी कि तारा उसे खींचते हुए घर से बाहर ले गई।
उसके जाते ही पहले एल्डर ने बाकी तीनों से कहा, "इस लड़की पर नज़र रखना होगा... कहीं मेरा शक यकीन में न बदल जाए..."
इधर दूसरी तरफ़ टैक्नोटोपिया में ओरायन मीटिंग रूम से बाहर निकला, वो निराश होकर जा ही रहा था कि तभी डेविड ने पीछे से ओरायन के पास आकर कहा, "देखो... अंदर सारे लोग थोड़ा रूड हो गए थे... प्लीज़ डोंट माइंड.... और मैं भी तुम्हें यहीं सलाह दूंगा कि तुम अपने आप को पहले शांत करो और दुसरे प्रोजेक्ट्स में लग जाओ..."
ओरायन:"थैंक्स सर.... मैं कोशिश करूंगा..." कहते हुए ओरायन वहां से जाने लगा। उसे आज हारा हुआ महसूस हो रहा था, वो ये बात अच्छे से जानता था कि जिस सच पर लोग उसका यकीन नहीं कर रहे हैं, उसी सच को उसने अपनी आँखों से देखा था।
ओरायन हताश होता हुआ, जैसे ही अपने लैब के अंदर आया, उसने देखा उसके सारे असिस्टेंट्स उसे देख आपस में खुसुर-फुसुर कर रहे थे। ओरायन इन सब पर ध्यान ना देकर कुर्सी पर जाकर बैठ गया, तभी नोवा भागता हुआ उसके पास आया और बोला, "क्या हुआ वहां... उन लोगों को तेरी बातों पर यकीन हुआ?"
ओरायन:"नहीं नोवा... ये काउंसिल कभी कुछ नया नहीं समझेगा। ये लोग मशीनों के बीच रह कर ख़ुद मशीन बन गए हैं... लेकिन मैं भी इस तरह शांत नहीं बैठने वाला, नोवा मुझे इस पोर्टल के बारे में और पता लगाना होगा।"
ओरायन के इस फैसले को सुनते ही नोवा ने घबराते हुए कहा,
नोवा:"पागल हो गया है.... तू अच्छे से जानता है ना अगर किसी को पता चला कि काउंसिल ऑफ लॉजिक के सभी मेंबर्स के मना करने के बाद भी तू इस चीज़ पर काम कर रहा है... तो फिर क्या होगा?"
ओरायन:"मैं नहीं परवाह करता... मैं बस उस पोर्टल को दुबारा अपने सामने देखना चाहता हूं... बस।"
ओरायन ने आँखों में जुनून लेकर कहा। लूना और तारा एलडर्स के घर से निकल कर सड़क पर चल ही रहे थे कि अचानक से तारा ने पूछा, "तो अब तुम सब कुछ भूल जाओगी ना?"
लूना:"किसने कह दिया तुमसे... उन्हें लगता है कि मैं पागल हूँ, पर मुझे पता है मैंने क्या देखा है और इसलिए अब सब कुछ मैं अपने तरीके से पता लगाऊंगी..."
लूना के कहते ही तारा ने उसे धमकाते हुए कहा, "नहीं लूना... मेरी बात मानो... और भूल जाओ सब कुछ...तुमें पता है ना अब तुम जादू का इस्तेमाल भी नहीं कर सकती....तो फिर..."
लूना:"मैंने कह दिया ना...बस... खैर तुम घर जाओ... मैं कुछ देर बाद घर चली जाऊंगी...अगर मां कुछ पूछे तो संभाल लेना।"
कहते हुए लूना दूसरे रास्ते की तरफ़ जाने लगी। तारा को समझ नहीं आया कि इस वक्त लूना कहां जा रही है, वो उसके पीछे जाने ही वाली थी कि लूना ने उसे घूरते हुए कहा,
लूना:"मैं शहर से बाहर नहीं जा रही हूं...इतना जान लो... इसके अलावा मैं तुम्हें आगे कुछ नहीं बता सकती... अब तुम जाओ... मैं कुछ देर में लौट आऊंगी..."
तारा जानती थी कि लूना जब भी उदास होती थी, वो अकेले रहना पसंद करती थी, इस वक्त भी उसे यही लगा, वो बिना कोई सवाल किए अपने घर की ओर जाने लगी, मगर तारा को एहसास नहीं था कि उसकी दोस्त लूना कहां जा रही है? शाम के क़रीब 6 बजे लूना आर्केडिया के सबसे बड़े लाइब्रेरी के अंदर चली गई और फिर एक-एक करके उस पोर्टल के बारे में हर उस किताब में ढूंढने लगी, जिसके अंदर पुरानी जादुई शक्तियों के बारे में ज़िक्र था।
लूना एक के बाद एक किताबों के पन्ने पलट रही थी मगर उसे कहीं कुछ नहीं मिल रहा था।
"क्या करूं.... यहां पर तो कहीं कुछ नहीं है...." कहते हुए थक हार कर लूना वहां से जा ही रही थी कि तभी उसे अचानक से उसके हाथ से टेबल को धक्का लगा और मोटी-मोटी किताबों के बीच रखी एक पतली सी किताब नीचे गिर गई। लूना उसे बेमन से उठा कर टेबल पर रखने ही वाली थी कि अचानक से उसकी नज़र किताब के कवर पर पड़ी, जिसके ऊपर वैसा ही पोर्टल जैसा डिजाइन बना हुआ था।
लूना:"इस किताब को यहां बैठ कर पढ़ने से कुछ नहीं होगा.... क्यों ना मैं इसे उसी जगह पर ले जाऊं... हां ये ठीक रहेगा..."
ख़ुद से कहते हुए लूना उस किताब को अपने बैग में रख कर, जंगल की तरफ़ जाने लगी, जहां वो पोर्टल था। इधर दूसरी तरफ़ ओरायन अपने अपार्टमेंट के लैब में दुबारा से स्क्रीन पर सेटिंग्स और कैलकुलेशन्स करने में लगा हुआ था ताकि वो पोर्टल खोल सके। वो सब कुछ वैसा ही कर रहा था, जैसे पिछली बार उसने सेट किया था।
ओरायन:"सब कुछ तो सेट कर दिया है... मुझे उम्मीद है इस बार वो पोर्टल खुल जाए... अगर ऐसा हो गया तो फिर मैं सब का मुँह बंद करवा दूंगा...."
कहते हुए ओरायन ने एंटर बटन प्रेस किया और अगले ही पल स्क्रीन पर अजीब-अजीब से पैटर्न बनने लगे, एक बार फिर से ग्लिच दिखाई देने लगा। ओरायन की आँखें चमक उठी, उसकी निराशा गायब हो गई। वहीं दूसरी तरफ़ ठीक उसी वक्त, आर्केडिया में भी लूना उस बरगद के पेड़ के पास पहुंच चुकी थी। वो पोर्टल के सामने खड़ी थी, वो अभी बैग से किताब निकाल कर उसमें देखने ही वाली थी कि अचानक से उसकी आँखों के सामने वो पोर्टल दोबारा खुलने लगा।
"ये.. ये दरवाज़ा तो फिर से अपने आप खुल रहा है... वो भी बिना कुछ किए...." कहते हुए लूना अलर्ट होकर खड़ी हो गई, क्योंकि उसने इस बार डिसाइड कर लिया था कि वो पोर्टल के अंदर जा कर रहेगी।
थोड़ी ही देर में पोर्टल पूरी तरह से खुल गया, लूना उसके अंदर जाने लगी, उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था, मगर आज वो इस दरवाज़े का राज़ जान लेना चाहती थी।
लूना जैसे ही पोर्टल के अंदर गई, उसे तेज़ रोशनी दिखाईं पड़ी, जिसके बीचों-बीच कोई था। उसे देखते ही लूना ने हैरानी से पूछा,
लूना:"कौन हैं आप?"
कहते हुए लूना जैसे ही आगे बढ़ी, उसे एक तेज़ झटका लगा। क्या हुआ आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए
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