दिल भर के रो लेने के बाद काव्या ने रिकार्ड प्लेयर के टूटे पड़े टुकड़ों को समेटा और डस्टबिन में डाल दिया।

और पागलों की तरह हंसकर बोली,

काव्या: “काश! इस भोंपू की जगह पीयूष का सिर होता!”

निकिता काव्या के पास आई और उसके कंधे पर सिर रखकर बोली,

निकिता: चिंता मत कर! एक दिन वो भी आयेगा। अभी रिकार्ड प्लेयर आया है। एकदिन वो खुद भी आयेगा! और जब वो आए न, प्लीज सबसे पहले उसका मुंह जूती से लाल करियो। ऐसे लड़कों के साथ यही करना चाहिए।”

विवेक को निकिता का सुझाव पसंद नहीं आया। उसने कहा,

विवेक : “न, न! किसी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए। मानता हूं उसने धोखा दिया है। पर आदमी से गलती हो जाती है। और अगर उसे सच में पश्चाताप है तो एक मौका देने में क्या चला जाता है?”

निकिता अब कहां पीछे हटने वाली थी। और सिलसिला शुरू हुआ दोनों की दलीलों का। उनमें से किसी ने भी विक्टिम से सवाल नहीं पूछा कि उसे अपना केस लड़ना है कि नहीं। दोनों नशे में होने के बाद भी अपने पक्ष को रखते हुए पूरा कोर्ट कचहरी खोल लिया था।

काव्या को पीयूष के साथ क्या करना चाहिए इस बारे में बहस करते करते दोनों वहां से भी निकल गए।

काव्या और आर्यन बचे रह गए थे। काव्या का दिल आज कितने समय बाद खाली हो गया था। अपने भरे हुए पिटारे को आज उसने खोल डाला था।

आर्यन ने प्रज्ञा की मॉम का मैसेज ऊपर से देखकर इग्नोर कर दिया था। वो फिलहाल इस बारे में कुछ नहीं सोचना चाहता था। उसका पूरा अटेंशन काव्या के ऊपर था। वो काव्या के पास आ कर बैठ गया। दोनो कुछ देर तक एक दूसरे के बगल में शांति से बैठे थे। कुछ देर बाद काव्या ने आर्यन के पास आ कर पूछा,

काव्या:सिगरेट?”

आर्यन को समझ नहीं आया कि वो आज किस काव्या से मिल रहा था। उसने आजतक कभी सिगरेट पीते हुए नहीं देखा था। उसने भौंह उठाकर काव्या की तरफ देख कर पूछा,

आर्यन: “सीरियसली? तुम सिगरेट पीती हो?”

काव्या आर्यन की तरफ देखकर बोली,

काव्या: “सीरियसली! आप मुझे जज कर रहे हैं?”

इस पर आर्यन तुरंत बोला,

आर्यन: नहीं नहीं मैं तो शॉक्ड हूं। तुम्हारे इस नए अवतार को देख कर!”

काव्या ने धीरे से मुस्कुरा कर कहा,

काव्या: तो कैसा लग रहा है आपको ये नया अवतार?”

 काव्या के इतना कहते ही आर्यन की नज़र काव्या के होठों पर गई। काव्या के गुलाबी से होंठ! आर्यन के मन में तेज लहरें उठने लगी थी। ऐसा लगने लगा जैसे बारिश की छीटें उसके पूरे शरीर पर पड़कर बदन में सिरहन पैदा कर रही हों।

आर्यन को लगा जैसे उसे धीरे धीरे अब काव्या से प्यार हो गया था। आगे काव्या के पास थोड़ा और झुकते हुए जैसे ही आर्यन ने कहा,

आर्यन: आपका ये अवतार, आपका वो अवतार, आपके सारे अवतार सब मुझे पसंद है! सब काफी खूबसूरत हैं!”

इससे पहले कि आर्यन थोड़ा और झुक कर अपने होंठ से काव्या के होठों को छू पाता। काव्या वहां से उठ गई। और कमरे की तरफ जाते हुए बोली,

काव्या: गुड नाईट!”

आर्यन बाहर वहीं अकेले बैठा अंदर ही अंदर मन में हंसता जा रहा था। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसे फ्लैटमेट में अपनी पर्मानेंट रूममेट मिल जायेगी।

कुछ देर बाद वो भी अपने कमरे में जा कर सो गया। उसके अगले दिन सुबह होते ही आर्यन जल्दी जल्दी ऑफिस जाने के लिए रेडी होने लगा। सबसे बड़ा सवाल जो उसके सामने था, वो ये था कि क्या उसका प्रोजेक्ट वापस से शुरू कराने के लिए उसे प्रज्ञा की मॉम से मिलना चाहिए?

पर मिलने से कोई फायदा नहीं होने वाला था क्योंकि कुछ भी हो जाए वो दोबारा प्रज्ञा को अपनी जिंदगी में वापिस नहीं लाना चाहेगा। पर वो इसके बारे में अपने बॉस से जरूर बात कर सकता था।

ये सब सोचते हुए वो नहाने के लिए घुसा। कुछ देर बाद अपने बॉडी पर साबुन लगाने के बाद उसने शावर ऑन किया। तो पानी की एक बूंद भी नहीं टपक रही थी। आर्यन ने एक दो टैब और खोले पर किसी में भी पानी नहीं आ रहा था। उसके पूरे बदन पर साबुन लगा था और पानी अचानक से गायब हो गया था।

कई देर तक इंतजार करने के बाद भी जब पानी नहीं आया तो आर्यन जोर से चिल्लाया,

आर्यन: काव्या! काव्या!”

काव्या दूसरे कमरे में बेसुध सो रही थी। कल उसने इतने आंसू बहाए और नशा किया था जिसके बाद काव्या घोड़े बेच कर सो रही थी। उधर आर्यन ऐसी हालत में तड़पते हुए बार बार उसका नाम चिल्ला रहा था।

जब उसे समझ नहीं आया कि वो क्या करे। वो ऐसे ही बदन पर साबुन लगे, अंडरवियर पहने वाशरूम से बाहर आ गया। और उसने अपने फोन से काव्या का नंबर डायल किया।

काव्या का फोन बज तो रहा था पर उसको उठाने के लिए फोन की घंटी भी कम पड़ रही थी। लेकिन आर्यन ट्राई करता रहा। उसने वाशरूम का नल भी बार बार चेक किया पर पानी कहीं नहीं था।

बाद में आर्यन ने नल खुला ही छोड़ दिया ये सोचकर कि पानी अगर आया तो उसे पता चल जायेगा। पर जब उसने घड़ी को देखा तो चौंक गया, उसके ऑफिस का टाइम भी होता जा रहा था और काव्या फोन नहीं उठा रही थी।

गुस्से में आ कर आर्यन ने फोन को बेड पर पटका और कमरे से बाहर निकल आया। उसकी हालत देखकर किसी को भी दया आ सकती थी।

आर्यन ने देखा किचन में अगर कोई पानी की बॉटल हो। पर पानी कहीं नहीं था सिवाय फ्रिज में रखी बोतलों को छोड़कर।

पर फ्रिज में रखी बोतलों में रखे पानी को यूज़ करने के अलावा उसके पास कोई और चारा नहीं था। उसने फ्रिज से बोतलों का पानी निकाल कर बाल्टी में डाला। जैसे ही वो उसको अपने कमरे में ले जाने लगा। काव्या अपने कमरे से जम्हाई लेते हुए बाहर निकली।

जैसे ही उसने अपनी अधजगी आंखों से अपने सामने साबुन में लथपथ खड़े आर्यन को सिर्फ अंडरवियर में देखा तो डर के मारे उसकी चीख निकल पड़ी।

अचानक से निकली काव्या की चीख को सुनकर आर्यन भी डर गया और हड़बड़ाहट में बाल्टी का सारा पानी फर्श पर फैल गया जिसे देख कर आर्यन को जोर का झटका लगा।

आधी बाल्टी पानी भी फर्श पर फैल चुका था। अब वो कैसे बदन पर लगे साबुन को धोएगा?

अपने सामने फैले पानी को देखकर काव्या को थोड़ी देर कुछ समझ नहीं आया। काव्या पहले पहचान ही नहीं पाई थी कि उसके सामने साबुन में सना हुआ लड़का आर्यन ही था।

आर्यन को इस हालत में देख कर काव्या ने अपनी आंखे बंद कर लीं। उसने चीखते हुए कहा,

काव्या: “तुम यहां क्यों नहा रहे हो? ये कोई नहाने की जगह है!”

आर्यन को काव्या की बात सुनकर बहुत गुस्सा आया। वो पहले से ही पानी के गायब हो जाने की वजह से इरिटैट हो चुका था, ऊपर से बचा खुचा पानी भी फर्श पर फैल गया। अब काव्या के इतना कहने से ही उसके शरीर पर एक गरम लहर दौड़ गई। आर्यन ने जवाब देते हुए कहा,

आर्यन: “तुम पागल हो गई हो क्या? मैं यहां क्यों नहाऊंगा। मैं तो फ्रिज से यहां पानी ले कर जा रहा था!”

काव्या आंखे बंद किए खड़ी थी। वैसे भी कल की पार्टी के बाद से हैंगओवर होने लगा था। और सिर दर्द से फट रहा था। काव्या ने झल्लाते हुए कहा,

काव्या: नहाने के लिए फ्रिज का पानी कौन ले जाता है?”

ये सुनकर तो आर्यन तिलमिला गया और वो बोला,

आर्यन: “मेरी मां! पानी नहीं आ रहा है! कहीं भी पानी नहीं है! वाटर सप्लाई बंद हो चुकी है! और मुझे ऑफिस जल्दी जाना है। प्लीज कहीं से पानी ला कर दो!”

काव्या को आर्यन की बात समझ आ गई थी पर जिस टोन में आर्यन उससे कह रहा था। उससे इरिटेट हो कर वो बोली,

काव्या: ओ हेलो! मैं तुम्हारी बीवी अभी नही बनी हूं। जिससे तुम इस तरह बात कर रहे हो! ऑफिस अकेले तुमको ही नहीं जाना। मुझे भी जाना है!”

अचानक से बोलते बोलते काव्या को लगा जैसे वो निकिता की तरह बोलने लगी थी। और ये रियलिटी हिट होते ही वो शांत हो गई और आंख खोल कर बोली,

काव्या:तुम वाशरूम में जाओ! मैं अगल बगल से पानी का बंदोबस्त करती हूं। न हुआ तो हम बाहर से एक पानी की केन मंगा लेंगे!”

 आर्यन वाशरूम में बैठा काव्या का इंतजार करने लगा था। इस दौरान अचानक उसे हंसी आने लगी। कैसे काव्या ने कहा था कि वो उसकी बीवी अभी नहीं बनी है।

ये सोचते हुए उसने साबुन के हाथ अपनी आंखों में लगा लिए। अब हंसी के बदले आंसू बहना चालू हो गए थे।

काव्या ने आसपास के घरों में घंटी बजाई। तो सबका कहना था कि उनके घर भी पानी नहीं आ रहा था। और सबके पास थोड़ा सा पानी ही रह गया जो वो खुद किसी और को दे नहीं सकते थे।

ये सारे झमेले को देख कर काव्या का दिमाग और खराब हो गया था। उसे पहली बार लगा कि क्यों उसके घरवाले उसे बाहर रहने से मना कर रहे थे। लाइफ के इतने स्ट्रगल के बीच में ये सारी दिक्कतें झेलना तो सिर दर्द था।

काव्या को समझ नहीं आया कि वो क्या करे? उधर आर्यन ने अपनी आंखों में साबुन लगा लिया था जिससे उसकी आंखें जलने लगी थी। उसने तौलिया से पोछने की कोशिश भी की लेकिन जलन कम नही हुई। वो जलन कम करने के लिए बड़बड़ाने लगा,

आर्यन: प्लीज काव्या! जल्दी! जल्दी!”

काव्या ने एक बार अपने फ्लोर के ऊपर वाले घर में पूछने का सोचा। उसने ऊपर जाते ही जब बेल बजाई तो सामने से काव्या की उमर का एक लड़का बाहर निकला।

काव्या को देखते ही उसने फिल्मी अंदाज में कहा,

हमज़ा: “येस! किस्से मिलना है आपको?”

काव्या जो अभी अभी सो कर ही उठी थी। उसके बाल बिखरे थे और उसने कुर्ती पजामा पहन रखा था। सामने खड़ा लड़का काफी हैंडसम लग रहा था। जैसे कोई मॉडल हो! काव्या ने बाल को ठीक करते हुए कहा,

काव्या:जी! मुझे पानी चाहिए था!”

पानी सुनकर वो लड़का कन्फ्यूज हुआ पर अंदर जा कर एक ग्लास में पानी ले कर आ गया। ग्लास में पानी देख कर काव्या ने अपने सिर पर मारते हुए कहा,

काव्या:सॉरी! मुझे बाल्टी में पानी चाहिए था। एक्चुअली सोसाइटी में शायद किसी के यहां पानी नहीं आ रहा है। और मेरे घर में कोई है जो अंदर नहाते वक्त वाशरूम में अटक गया है। तो थोड़ा अर्जेंट है!”

काव्या की बात सुनते ही उस लड़के ने अपनी बेवकूफी पर हंसते हुए कहा,

हमज़ा: “माफ कीजिएगा! मुझे लगा आपको पीने के लिए पानी चाहिए! आप अंदर आइए! मैं आपको नहाने के लिए पानी देता हूं!”

काव्या चाहती तो थी कि वो उसे अंदर घर बुला ले। पर अभी मामला थोड़ा अर्जेंट था तो उसने कहा,

काव्या:नहीं मुझे नहाने के लिए नहीं चाहिए! वो मेरे घर में चाहिए मेरे …मेरी फ्लैटमेट को!”

 काव्या एक लड़के के साथ रह रही थी ये बात वो किसी और को नहीं बताना चाह रही थी इसलिए उसने आर्यन का जिक्र नहीं किया। वैसे भी इतने हैंडसम लड़के के सामने अगर वो आर्यन का जिक्र करती तो उसे लगता कि आर्यन उसका बॉयफ्रेंड या पति है। वो उस लड़के के साथ आगे बढ़ने की उस पॉसिबिलिटी को खो देती जो शायद अभी एक बाल्टी देने के बाद बन जाए।

वो लड़का अंदर से एक बाल्टी पानी भर के ले आया। उसने काव्या से उसके घर का नंबर पूछते हुए कहा,

हमज़ा:“चलिए मैं आपके घर तक रख आता हूं!”

 इतना सुनते ही काव्या का दिल फुदकने लगा था। पर वो नहीं चाहती थी कि वो उसके घर तक आ कर आर्यन को देखे।

पर उसके बार बार मना करने पर भी वो लड़का नहीं माना और काव्या के साथ बाल्टी ले कर हॉल तक चला आया।

काव्या ने अपना हाथ बढ़ाते हुए कहा,

काव्या:थैंक यू सो मच! वैसे मेरा नाम काव्या है!”

उस लड़के ने भी हाथ बढ़ाते हुए कहा,

हमज़ा:मिल कर अच्छा लगा आपसे काव्या! आप मुझे हमज़ा बुला सकती हैं।”

काव्या को उसके मुंह से निकला हर एक शब्द इतना प्यारा लग रहा था जैसे वो किसी नवाब से बात कर रही हो।

तभी अंदर से आर्यन के चिल्लाने की आवाज आई।

आर्यन: काव्या! जल्दी! तुम आ गई न? जल्दी पानी ले कर आओ! मेरी आंखें जल रही हैं।”

अंदर से लड़के की आवाज सुनकर हमज़ा हैरान हो कर काव्या से बोला,

हमज़ा:ये तो किसी लड़के की आवाज है? आपने तो कहा था कि आप किसी लड़की के साथ रह रही हैं।”

काव्या के चेहरे का रंग ही उड़ गया। आर्यन के चक्कर में उसका झूठ पकड़ा गया। काव्या ने शर्मिंदा होते हुए कहा,

काव्या: “सॉरी! वो जल्दी जल्दी में मेरी मुह से गलत निकल गया। वैसे आपका बहुत बहुत शुक्रिया। अब मैं अंदर पानी दे आती हूं। वरना मेरे भैया नाक में दम मचा देंगे!”

भैय्या शब्द सुनकर हमज़ा ने पूछा,

हमज़ा:“तो आप अपने भाई के साथ रहती हैं?”

काव्या ने मजबूरी में हां में सिर हिला कर कहा,

काव्या: वैसे मैं ये बाल्टी आपको वापस करने आ जाऊंगी। आपका बहुत बहुत शुक्रिया!”

अपने मुंह से अचानक शुक्रिया सुनकर काव्या ने हमज़ा के जाते ही खुद को चपत मारी। और जल्दी से वो बाल्टी आर्यन के पास ले गई।

इतने समय बाद आर्यन को पानी नसीब हुआ था। उसकी आंखें लाल पड़ चुकी थी। नहा धो कर जब वो बाहर आया तो उसने काव्या को देख कहा,

आर्यन: “वैथैंक यू! देर से ही सही पर पानी ले कर आने के लिए, बहुत बहुत धन्यवाद!”

काव्या हमज़ा के ख्यालों में डूबी हुई खड़ी थी। उसने आर्यन की बातों पर कोई रिएक्शन नहीं दिया। लेकिन जब आर्यन ने तैयार होते होते काव्या से पूछा,

आर्यन: “वैसे तुम्हारे साथ पानी देने और कौन आया था?”

काव्या ने ब्लश करते हुए जवाब दिया,

काव्या: “कोई नही। बस ऊपर रहने वाला लड़का था। उसी ने मेरी हेल्प की।”

 ऐसा बोलते हुए काव्या के चेहरे पर अलग ही चमक आ गई। काव्या के चेहरे पर आती चमक का कारण आर्यन समझ गया था। और समझते ही आर्यन के सीने में तेज़ी से जलन हुई। उसके मन में ये इच्छा हुई जानने की कि आखिर ऐसा कौन था वो जिसको देखने के बाद से ही काव्या के गालों का रंग लाल हो चुका था?

क्या इस नए आए लड़के के बारे में आर्यन जान पाएगा? क्या होगा जब हमज़ा को पता चलेगा कि आर्यन काव्या का भाई नहीं है और काव्या ने उसे झूठ बताया था? क्या होगा जब काव्या पीयूष से दोबारा टकरायेगी? जानने के लाइ पढ़िए अगला एपिसोड। 

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