काव्या: “इतने टाइम बाद उसने ऐसा क्या भेजा था?”
ऐसा सोचते हुए काव्या ने गिफ्ट बॉक्स खोलना शुरू किया। तो उसने देखा अंदर एक वाइनिल रिकार्ड प्लेयर था। जिसको देख कर काव्या के मुंह से निकला,
काव्या: ‘ये कैसे पॉसिबल हो सकता है।”
काव्या ने रीकॉर्डर प्ले किया। तो उसमें मोहम्मद रफी के गाने बज रहे थे। जिसको सुनकर उसने तुरंत रिकार्ड बंद कर दिया।
आर्यन पास खड़े काव्या के चेहरे पर बदलते हाव भाव को देख रहा था। आर्यन ने काव्या से अनजान जगह से आए इस गिफ्ट को ले कर कोई सवाल नहीं किया। पता नहीं क्यूँ उसे ऐसा लगा अगर उसने इस बारे में कोई सवाल किया तो वो जवाब उसके दिल को और ठेस पहुचायेगा।
उसने बड़े ही कैजुअल अंदाज में कहा,
आर्यन: वाह फैन्सी गिफ्ट्स! आज तो फूल ऑन पार्टी होगी!!”
कुछ देर बाद विवेक और निकिता भी उनके नए फ्लैट में आ गए। निकिता ने टेबल पर सजे इतना सारा खाना को देखा तो हैरान हो कर कहा,
निकिता: “थैंक्स काव्या ! मुझे नहीं पता था तुम शेफ भी हो!”
निकिता की बात सुनते हुए काव्या जैसे ही ये कहने वाली थी कि ये खाना उसने बाहर से ऑर्डर किया है! उसके पहले ही आर्यन बोल पड़ा,
आर्यन: “अरे! काव्या बहुत अच्छा खाना बनाती है। उसने आज सारा दिन प्लान करके ये डिनर बनाया है!”
ऐसा कहने के बाद उसने काव्या को आँख मारी! काव्या आर्यन की इस हरकत को देख कर आगे नहीं बोली। पर चेहरे पर एक स्माइल करती हुई वही खड़ी रही।
सब लोगों ने खाने का मज़ा लिया। काव्या का मूड गिफ्ट बॉक्स आने के बाद से चेंज हो गया था वो चाह कर भी सबके बीच में से गायब हो जा रही थी। पर आर्यन ने एक आदर्शवादी फ्लैट्मेट होने के नाते सबको हसाने करने का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था।
डिनर टेबल पर आर्यन के जोक्स से सब लोग हँसते हँसते पागल हो रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे आर्यन का स्टैन्ड अप शो चल रहा हो। उसने एक के बाद एक बचपन के किस्से सुनाए। कैसे वो स्कूल में टीचर की डाँट से बचने के लिए ड्रामा किया करता था। एक बार तो वो फर्स्ट पीरीअड से ले कर लास्ट पीरियड तक सिर्फ ये दिखाने के लिए रोता रहा कि टीचर ने उसके साथ कितना गलत किया था।
उसकी बातों को सुनकर निकिता ने कहा,
निकिता: “हाउ मनिप्युलटिव ”
आर्यन ने पूरे टशन के साथ कहा,
आर्यन: “ये तो मेरे घरवालों से पूछो उन्होंने कितना ड्रामा बर्दाश्त किया है मेरा।”
उसने बताया कि कैसे उसके ड्रामे को देखकर सब लोग यही समझते थे कि वो एक दिन बड़ा ऐक्टर बनेगा। पर आर्यन ने मार्केटिंग की लाइन में अपना हुनर आजमाया। और वहाँ पर भी उसकी ड्रामा करने की स्किल लोगों को इम्प्रेस करने के लिए काफ़ी काम में आती है।
विवेक और आर्यन कॉलेज से ही अच्छे दोस्त थे। आर्यन और विवेक अपने कॉलेज के किस्से सुनाने लगे। कि कैसे एक बार आर्यन और विवेक ने एक दूसरे को सीनियर की रैगिंग से बचाया था। निकिता ये सारी बातें कई बार सुन चुकी थी। फिर भी वही किस्से जो आपने सुने हों हर बार अलग अलग माहौल में अलग अलग तरह से सुनने पर एक अलग मज़ा दे जाते हैं।
काव्या थी जो इन किस्सों को पहली बार सुन रही थी। पर बार बार उसका ध्यान वाइनिल रीकॉर्डर की तरफ़ जा रहा था। और उससे जुड़े उस इंसान से जिसने उसके लिए ये तोहफे में भेजा था।
आर्यन काव्या का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए, अपने हर किस्से को बताते वक्त काव्या को नाम बार बार ले रहा था।
तभी हंसी मज़ाक में निकिता की नजर वाइनिल पर ही पड़ी जो पीछे एक टेबल पर रखा था। उसको देखते ही उसने कहा,
निकिता: “वाह ! तुम्हारे यहाँ तो बड़ी फैन्सी चीजें रखी हैं। घर मिलते ही इन्टीरीअर डिजाइनर की शॉपिंग चालू!”
विवेक भी ऐसी फैन्सी चीज को देखकर इक्साइटिड हो कर बोला
विवेक: “अबे वाह! इस पर कुछ चलाते हैं न? और पार्टी का मजा दोगुना करते हैं। वैसे मैं सबके लिए बियर ले कर भी आया हूँ!”
उसके बाद जिसका काव्या को डर था वही हुआ। वाइनिल रीकॉर्डर चलाया गया और मोहम्मद रफी के गाने बजने लगे।
“खोया खोया चांद खुला आसमां!...”
गाने सुनकर विवेक के मुंह से निकला,
विवेक: “वाह! पुराने गाने! आज तो मजा ही आ जायेगा।”
सबने अपने हाथ में बीयर के केन खोले, और एक साथ चीयर्स करते हुए पार्टी की रात का आगाज़ किया।
काव्या ने खुद को समझाया कि ये सारे गाने जो उसके पास्ट की जिंदगी की याद दिला रहे थे, महज बस कुछ शब्द और संगीत हैं। उनमें कहीं भी किसी की इंसान की मौजूदगी नहीं थी।
पर काव्या के बदले मिजाज को आर्यन नोटिस कर रहा था। वो इस ख्याल में डूबा था कि जिन गानों की थोड़ी सी शुरूआत सुनकर ही काव्या ने कुछ देर पहले रिकॉर्डर को बंद कर दिया था। अब मुखड़े से अंतराल तक सुनने के बाद ये गाने उसके दिल को कितना तकलीफ दे रहे होंगे। पर वो इस तकलीफ को जानना भी चाहता था कि आखिर इस रिकॉर्डर के पीछे की कहानी क्या थी? ऐसा काव्या के साथ क्या हुआ था जिससे काव्या अभी तक नही निकल पाई थी? कहीं इसी वजह से तो काव्या आर्यन के साथ आगे बढ़ने से कतरा रही थी।
इन सवालों के जवाब वो चाहता था पर सही टाइम का इंतजार कर रहा था। अभी काव्या ऐसी हालत में नहीं लग रही थी जब वो ये सारी बातें करने के लिए ready हो। पर जब बीयर की बोतलें एक के बाद एक खाली होती गईं। काव्या धीरे धीरे खुलने लगी।
और वो भी जोर जोर से रिकॉर्डर के साथ गाना गाने लगी थी।
तभी निकिता ने उसका फेवरेट गेम ट्रुथ एण्ड डेयर खेलने का सजेस्ट किया और एक खाली बोतल को चारों के बीच घुमाया गया।
जैसे कि खेल के नियम बड़े सिंपल थे। जिसके पास भी बोतल आ कर रुकेगी उसको ट्रुथ एंड डेयर में से एक ऑप्शन चूज़ करना होगा।
और अगर कोई ट्रुथ चुनता है तो उससे ऐसा सवाल पूछा जायेगा जिसके जवाब में उसे सच बताना है और डेयर चुनने पर कुछ ऐसा करना पड़ेगा जो सब लोग मिल कर डिसाइड करेंगे।
इस गेम को खेलने के लिए क्रिएटिव लोग आस पास चाहिए होते हैं और यहां सब एक से बढ़ कर एक क्रिएटिव थे।
सबसे पहले बोतल घूमते हुए निकिता के पास रुकी जिसका निकिता को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था।
उसने ट्रुथ चूज़ किया।
पर अब कौन था जो निकिता से सच जानना चाहता था। आर्यन ने पहले विवेक की तरफ देखा। विवेक ने कंधे को उचकाते हुए कहा,
विवेक: “देखो भाई! मुझे जितना सच जानने का मन है। उतना मुझे पता है। और मुझे निकिता के बारे में लगभग सभी कुछ पता है। अब उससे ज्यादा क्या ही इसकी लाइफ में सकता है और न ही मेरा और कुछ जानने का मन भी है …”
विवेक की बातों पर जम्हाई लेते हुए काव्या बोली,
काव्या: “बोरिंग”
ये सुनकर विवेक और आर्यन के होश उड़ गए। काव्या दो तीन बीयर की बॉटल पीने के बाद काफी खुल गई थी और उसका ये रूप आर्यन ने कभी नहीं देखा था। निकिता ने काव्या के मुंह से विवेक के लिए बोरिंग सुन कर जोर से हंस दिया। पहली बार विवेक के मुंह पर किसी ने उसको बोरिंग कहा था। विवेक कुछ देर चुप हो कर काव्या को देखता रह गया।
काव्या ने आगे कहा,
काव्या: “मैं सवाल पूछती हूं निकिता तुमसे! और देखना, सवाल का सच सच जवाब देना!”
निकिता ने काव्या के सर पर हाथ रख कर कहा,
निकिता: “तुम्हारी कसम! जो कहूंगी, सच कहूंगी!”
काव्या ने बॉटल को हाथ में लेते हुए पूरी अदा लेते हुए पूछा,
काव्या: “ऐसी क्या चीज है जो तुम्हें विवेक के बारे में बिल्कुल पसंद नहीं। और क्या चीज है जो सबसे ज्यादा पसंद?”
विवेक जो अभी तक कोई सवाल का जवाब पाने में इंटरेस्टेड नहीं था। काव्या के पूछे सवाल के बाद अचानक क्यूरियस हो कर निकिता को देखने लगा।
निकिता ने बताया कि उसे सबसे अच्छी चीज विवेक में लगती है, विवेक का ऑनेस्ट होना। विवेक किसी को खुश करने के लिए झूठी तारीफ नहीं करता। और सबसे बुरी बात में भी उसने यही बात बोली कि वो कभी भी किसी भी चीज के लिए निकिता की तारीफ नहीं करता।
शुरआत के कुछ दिनों तक निकिता की हर बात में उसे इन्टेलिजन्ट दिखती थी पर इतने समय बाद वो अब उसकी हर बात में कमी निकालता रहता है।
निकिता का जवाब सुनकर काव्या का मन भर आया और उसने निकिता को गले लगाते हुए कहा,
विवेक: “बेबी , तुम बहुत होनहार हो”
निकिता और काव्या का आपस में इतना प्यार देख कर आर्यन ने विवेक से कहा,
आर्यन: “साले मेरी बारी के बाद तू भी मुझे इसी तरह हग देना !”
आर्यन की बात सुनकर विवेक ने कहा,
विवेक: “उसके लिए गेम को आगे बढ़ाना होगा और बॉटल घुमानी होगी। चलो हो गया आप लोगों का भरत मिलाप! गेम आगे बढ़ाते हैं।”
आगे बॉटल को फिर से घुमाना चालू किया गया। और एक बाद एक सभी की टर्न आई। और धीरे धीरे ये गेम एक दूसरे को जानने के लिए और गहरे सवालों में जाता चला गया।
विवेक की टर्न में आर्यन ने सवाल पूछा,
आर्यन: “तू लास्ट टाइम कब रोया था और किस वजह से?”
ये सवाल सुनकर सबकी आंखें फटी रह गई। किसी को उम्मीद नही थी कि आर्यन ऐसा सवाल करेगा। पर इसका जवाब जानने की इच्छा सभी को थी।
पर जब विवेक जो कि कूल सा बंदा बने घूमता रहता था, उसने बताया कि वो कल रात ही वाशरूम में रोया था। तो निकिता के साथ साथ सबकी आंखें खुली रह गईं।
निकिता को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि विवेक छुप कर वाशरूम में रोया था। और जब उससे रोने की वजह पूछी तो उसने बताया,
विवेक: “वो मैंने एक रील देखी थी, जिसमें मम्मी बचपन में कैसे अपने हाथ से खाना खिलाती थी, स्कूल यूनिफॉर्म पहनाती थी और अब हम बड़े हो कर अकेले सब खुद से कर रहे हैं। तो उसको देख कर मुझे मम्मी की याद आ गई थी!”
विवेक के मुंह से इन शब्दों को सुनकर सबको उस पर प्यार उमड़ आया। आर्यन ने उसे जोर से हग करते हुए कहा,
आर्यन: “तू तो बड़ा स्वीट निकला भाई!”
निकिता ने आर्यन को हटाते हुए कहा,
निकिता: “हट! ये सिर्फ मेरा है!”
उसने कस कर विवेक को झप्पी दी। काव्या को ये सब देख कर ऐसा लगा जैसे उसे एक नई फैमिली मिल गई थी जिसकी उसने उम्मीद नहीं की थी।
अब बारी आर्यन की आई। और उसने भी सबकी तरह ट्रुथ चूज़ किया था और उससे सवाल किया निकिता ने,
निकिता: “डू यू लाइक काव्या?”
ये सवाल सुनकर जैसे आर्यन की सांस रुक गई। विवेक और निकिता की नजर आर्यन पर ही थी। वो उसको ऐसे देख रहे थे जैसे उसका जवाब शायद उन्हें पता हो।
काव्या की नजरें झुक गई थीं और आर्यन ने कहा,
आर्यन: “येस! आई लाइक हर!”
उसके इतना बोलते ही विवेक और निकिता ने ज़ोर से चिल्लाना शुरू कर दिया।
दोनो ने एक साथ बोला,
विवेक और निकिता: “येस! मुझे पता था!”
अब इसी सवाल का जवाब काव्या से चाहिए था। जिसके लिए बॉटल घुमाई गई। किस्मत से बॉटल रुकी भी काव्या के पास!
काव्या अचानक से सीरियस हो गई थी। उसे डर लग रहा था कि उससे पूछे गए सवालों के बाद कहीं वो अंदर का कोई ऐसा सच न बोल दे जिसकी उम्मीद किसी न की हो।
निकिता और विवेक काव्या से भी सेम यही सवाल करने जाने वाले थे तभी आर्यन ने काव्या से सवाल कर लिया।
जो सबके लिए बड़ा शॉकिंग था!
आर्यन ने पूछा,
आर्यन: “आखिरी बार दिल किसने और कब तोड़ा था?”
ये सुनकर काव्या हक्की बक्की रह गई। कुछ देर आर्यन को देखने के बाद उसे लगा कि वो इसका जवाब सच्चाई से देना चाहती थी।
उसने आर्यन की आंखों में देखा तो एक अपनापन सा नजर आया। जबकि आर्यन को काव्या की आंखों में एक उदासी नजर आ रही थी।
काव्या ने उदास आंखों से कहा,
काव्या:“दिल तो बहुत बार टूटा है। पर सबसे ज्यादा चोट आखिरी वाले में ही लगी थी। जिससे मैं प्यार करती थी। जिसके साथ कितने साल साथ बिताए थे। फिर एक दिन अचानक वो मुझे किसी और लड़की के साथ कार में दिखा। तब मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मैंने जिसको एक लड़की के साथ कार में किस करते हुए देखा वो और कोई नहीं पीयूष ही है।”
पीयूष का नाम सुनते ही आर्यन ने अंदाजा लगा लिया था कि इस तोहफे को भेजने के पीछे वो प नाम का बंदा पीयूष ही होगा।
काव्या के मुंह से जैसे ही पीयूष का नाम निकला उसकी आंखें छलछला उठी थीं।
उसने आगे अपनी रुंधी हुई आवाज में कहा,
काव्या: “मैंने उसके बाद उससे काफी सवाल किए। पर वो झूठ पर झूठ बोलकर बातों को गोल गोल घुमाता रहा। उसके कुछ दिन बाद उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे ब्रेक अप करना चाहता है क्योंकि उसके घरवाले कभी हमारे रिश्ते को मंजूरी नहीं देंगे।”
इसके बाद काव्या ने बॉटल से एक लंबा घूंट लेते हुए कहा,
काव्या: “ये एक और झूठ था वो उसका! पर उसके चक्कर में मैने अपनी नज़र में खुद को गिरा लिया था। मैं बहुत गिड़गिड़ाई थी कि पीयूष प्लीज मुझे छोड़ कर मत जाओ। पर शायद उसके मन में मेरे लिए प्यार खत्म हो गया था। और वो मुझे छोड़ कर चला गया। और कुछ हफ्तों बाद ही मुझे पता चला उसकी शादी होने वाली थी। और लड़की वही थी जिसको मैंने कार में किस करते हुए उस रात देखा था!”
काव्या के इतना बोलने के बाद उसके आंसूओ ने बांध तोड़ कर बहना शुरू कर दिया था। और गुस्से में आ कर उसने पीछे बज रहे विनाइल रिकॉर्डर को जमीन कर फेंक दिया। वो बुरी तरह टूटकर रोने लगी थी।
आर्यन ने उसे तुरंत ही थाम लिया। निकिता और विवेक ने काव्या को कसकर पकड़ लिया था। सबसे मिले प्यार के बाद काव्या सिसकते चुप हो गई। निकिता ने काव्या के गाल पर प्यार करते हुए कहा,
निकिता: “मुझे पहले भी लगता था कि तू अभी पीयूष के ब्रेक अप से पूरी तरह उभरी नहीं है। पर मुझे नहीं पता था कि मैं उसके बारे में तुझसे बात कैसे करूं! पर देख तूने आज ये खुद करके दिखाया! ये तेरी हीलिंग जर्नी का फर्स्ट स्टेप है! अब तू अपना दिल किसी और के लिए खोल पाएगी।”
निकिता की बात सुनकर काव्या ने उसे कसकर गले लगा लिया। आर्यन जो काव्या को अभी दूर से ही समझ रहा था आज उसने काव्या को असली में जाना था।
तभी उसके फोन में नोटिसिफिकेशन आया। उसने फोन चेक किया तो प्रज्ञा की मॉम का टेक्स्ट था। जिसमे लिखा था, ‘आई होप तुम्हें समझ आ गया होगा कि तुम्हारी बदतमीजी की क्या सज़ा हो सकती है! पर मैं अभी भी वो ऑफर तुम्हे दे रही हूं। अगर तुम्हे अपने प्रोजेक्ट दोबारा शुरू करवाने में इंटरेस्ट है तो मुझसे और प्रज्ञा से मिलने हमारे मैंशन में आ जाना! गुड नाइट स्वीटी!’
टेक्स्ट पढ़कर आर्यन के गुस्सा का पारा हाई हो गया। अब उसे समझ आया कि उसके प्रोजेक्ट को कैन्सल करवाने के पीछे किस चुड़ैल का हाथ था।
क्या आर्यन प्रज्ञा और उसकी मॉम से मिलने उनके मैंशन जायेगा? क्या आर्यन अपने प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू करवाने के लिए प्रज्ञा के मॉम की शर्तों को मान लेगा? क्या पीयूष का भेजा तोहफा फिर से काव्या की जिंदगी में आने का इशारा था? जानने के लिए पढ़िये अगला एपिसोड।
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