मोना कुछ देर उसे देखती रही। जाने क्यों उसकी आंखों में सूरज के लिए सहानुभूति दिखाई दे रही थी। शायद सूरज पहला अपराधी था, जिसके लिए उसने ऐसा महसूस किया था। वरना बहुधा अपराधी तो मोना कपूर को सचमुच जल्लाद के ही नाम से याद करते थे।

कुछ देर बाद वह सूरज को उसी हालत में छोड़कर उठी और टेलीफोन इन्सट्रमेंट सम्भालकर उसने डायल घुमाया। कुछ देर बाद दूसरी तरफ से आवाज आई-

'हैलो।'

मोना ने जवाब में कहा, ‘इट इज लेडी इंस्पेक्टर मोना कपूर फॉम सी० आई० डी०।'

'जी, कहिए।'

'पुट मी ऑन टू सिविल सर्जन।'

'प्लीज होल्ड।'

लगभग तीस सैकण्ड बाद आवाज आई, 'यस, मिस मोना कपूर! हीयर इज सिविल सर्जन।'

'उस लाश का पोस्टमार्टम हुआ क्या?'

“जी हां!”

'किसी ने उसका वारिस होने का दावा किया?"

‘जी नहीं।’

'अच्छा, मैं पहुंच रही हूं, कुछ देर में तब तक किसी और को वह लाश न दिखाएं और न ही किसी के सुपुर्द कीजिए।'

मोना ने रिसीवर रख दिया और फिर सूरज की तरफ, 'जो आज्ञा।'

'थैंक्स।'

मुड़ी जो अब आंखें फाड़कर इस तरह मोना को देख रहा था जैसे अपनी नींद भगाने की कोशिश कर रहा हो। मोना ने कहा– 'अब तुम अटेंशन की पोजीशन में हो?'

सूरज ने खड़े होते हुए कहा, "जी हां, आइए।'

उसने बैड की तरफ इशारा किया। मोना ने आगे बढ़कर हाथ घुमाया। निश्चय ही यह चांटा सूरज के गाल पर पड़ जाता तो उसका गाल कचौरी हो जाता लेकिन अचानक सूरज के हाथ में उसकी कलाई आ गई थी। सूरज ने आंखें निकालकर क्रोधित होते हुए कहा, 'बहुत हो चुका, मार खाते-खाते मैं मर्द हूं नामर्द नहीं हूं। एक झटके में कलाई तोड़कर रख दूंगा। मैं जानता हूं कि मुझ पर कितने आरोप हैं- मैं सारे आरोप स्वीकार कर चुका हूं और फांसी पर भी चढ़ने कोर हूं। इसलिए अब आपको मुझ पर हाथ उठाने का कोई अधिकार नहीं है।'

मोना का चेहरा शांत दिखाई देने लगा। सूरज ने एक झटके से उसकी कलाई छोड़ दो और बुरा-सा मुंह बनाकर बोला- 'आपके मन में कोई इच्छा हो तो पूरी कराइए वरना मुझे हवालात ले चलिए अब मुझे रिमांड लेने की भी आवश्यकता नहीं। जहां दो जुर्म स्वीकार किए हैं ऊपर से दस और लगा दीजिए, मैं उन्हें भी स्वीकार कर लूंगा। मैं जानता हूं अब मुझे यहां से जिन्दा वापस नहीं जाना है। यहां मरने ही या था।'

मोना का चेहरा अब भी शांत था। लेकिन अपनी आंखों को वह क्या करती जिनसे ऐसा लगता था जैसे वह अभी अपने सामने वाले पर झपट पड़ेगी। उसने कलाई की घड़ी देखी ओर बोली, 'तुम्हें सिर्फ दो घण्टे में तैयार होना है।'

दोनों चल पड़े। सूरज का दिल बहुत जोर-जोर से धड़क रहा था। उसकी लाश देखकर उसे एक अद्भुत-सी कुढ़न और मानसिक पीड़ा का आभास हुआ था। अगर वह इस समय .मोना के साथ न होता तो शायद उस के आंसू निकल आते। थोड़ी देर बाद जिप्सी मारूती सड़क पर दौड़ रही थी सूरज मोना के साथ ही बैठा हुआ था। मोना कह रही थी-

'वही लड़की थी न?’

सूरज ने थूक निगलकर कहा- 'ज... ज... जी हां।"

"तुमने उसे सचमुच पहली बार देखा था?'

 "आप किसी प्रकार भी पुष्टि कर सकती हैं- मुझे मुंबई आए आठ दिन भी नहीं हुए- उस दिन पांचवां दिन मुझे स्कूल ज्वाइन किए हुए था और पहली बार दो बजे वाली ट्रेन पकड़ी थी वरना सात बजे से पहले ही बोरीवली से चला जाता हूं।'

'हुं, सवाल यह है कि उसने ऐसी चिट्ठी लिखकर भला तुम्हें ही फंसाने की कोशिश क्यों की थी?' 

‘जी, भला मैं क्या कह सकता हूं।'

‘'हो सकता है यह किसी प्रकार के षड्यन्त्र हो।‘ 

'मैं समझा नहीं।'

'वह जानती हो कि आज तुम दो बजे के बाद ही की ट्रेन पकड़ोगे?’

'लेकिन उसे यह कैसे मालूम हो सकता था कि मैं लेडीज कम्पार्टमेंट में ही चढ़ जाऊंगा और उस कम्पार्टमेंट में हम दोनों ही होंगे।'

'इस पक्ष पर भी मैं विचार कर चुकी हूं।’

"व... व... वह लाश कहां मिली थी?"

'एक निर्माणाधीन पुलिया के नीचे-सुबह पी० डबल्यू०.डी० के वर्करों ने देखकर पुलिस को सूचना दी थी।

"उसका रेप भी नहीं हुआ था इसलिए तुम पर ऐसा कोई लांछन तो लगाया ही नहीं जा सकता है।‘

'जी।'

"वह कुंवारी भी नहीं था—यह कोई आश्चर्य की बात नहीं।’

"जी"

फिर मोना चुप हो गई, क्योंकि गाड़ी क्षेत्रीय थाने में प्रवेश कर रही थी। दोनों गाड़ी से उतरे तो स्टाफ के लोगों ने हड़बड़ाकर दोनों को बड़े आदर से सैल्यूट किए। वे लोग बौखलाए हुए से दिखाई दे रहे थे। मोना अन्दर पहुंची तो इंचार्ज जल्दी से खड़ा होता हुआ बोला-

'ओह, मिस कपूर मैं आप ही का इन्तजार कर रहा था।'

मोना ने चौंककर कहा, 'ओहो, सिविल अस्पताल से कोई मैसेज?'

'आपके अस्पताल से चलते ही उस लाश का कोई वारिस आया है।'

'अस्पताल में ही है?'

'सिविल सर्जन ने उसे मेरी तरफ रैफर कर दिया है कि पहले वह इस थाने में रिपोर्ट करें और मुझसे क्लीयरेंस लेकर आए।'

'गुड'

अचानक बाहर कोई गाड़ी रुकी और इंचार्ज ने कहा- 'वह आ गया शायद, यह टैक्सी के इंजन की आवाज है।' कुछ ही देर बाद एक नाटे कद का स्वस्थ, काले रंग और भरे चेहरे वाला सीधा अन्दर घुसता चला आया और बोला- 'मुझे सिविल अस्पताल से सिविल सर्जन ने भेजा है।'

'कहिए।'

'मुझे अस्पताल से एक लड़की की लाश लेनी है।'

मोना उसे बड़े ध्यान से देख रही थी। उसने अचानक अजनबी से सवाल किया— 'कौन है वह तुम्हारी?'

उस व्यक्ति ने तीखे स्वर में कहा- 'आप कौन हैं?

'इंचार्ज जल्दी से बोला— 'यह तो खुद उसी लाश को लेने आई हैं।'

अजनबी ने नथुने फुलाकर कहा, 'मेरी भतीजी की लाश यह कैसे ले जा सकती हैं?'

मोना ने इंचार्ज से कहा, 'मैं इससे इनवेस्टीगेशन चेम्बर में बात करूँगी।’

'यस, मिस कपूर।' फिर चार कांस्टेबल अजनबी को धक्के मारते हुए ले गए। वह बुरी तरह चिल्ला रहा था।

कमरे में काले अजनबी के साथ मोना और सूरज ही थे सूरज को ऐसा लग रहा था जैसे वह कोई सपना देख रहा हो। मेज पर शीशे का एक जार रखा था जिसमें छोटे-छोटे मेंढ़क भरे हुए थे। अजनबी खुद को निश्चित और निडर सिद्ध करने की कोशिश कर रहा था।

मोना ने अजनबी को अपनी विशेष आंखों से देखा तो अज नबी नजरें बचाने की कोशिश करने लगा। मोना ने भारी फुसफुसाहट में पूछा– 'नाम क्या है तुम्हारा?"

अजनबी उपेक्षा से बोला— 'जोजफ।'

'पूरा नाम।'

'जोजफ डिसूजा, मैं निकटवर्ती मिशनरी स्कूल का अकाउंट क्लर्क हूं-स्कूल की इमारत में ही रहता हूं- मेरी भतीजी ऐलिया मेरे साथ रहती थी और कुछ?'

'तुम्हारी भतीजी ऐलिया क्या करती थी?"

'यह चर्च गेट के पास किसी होटल में टेलीफोन आपरेटर थी— चार बजे सवेरे से बारह बजे दोपहर तक की शिफ्ट में काम कर रही थी और कुछ?'

'चर्च गेट का कौन-सा होटल?"

'मैं अपनी भतीजी की निजी दिनचर्या में हस्तक्षेप नहीं करता था।'

'तुम्हारी भतीजी तुम्हारी भांति कुरूप तो नहीं थी?"

अजनबी बुरा-सा मुंह बनाकर बोला- 'रूप को गढ़ना क्या मनुष्य के अपने हाथों में है?"

'ऐलिया के माता-पिता?'

"पिता का देहान्त हो गया था— उसकी मां ब्रिटेन की थी, वह विधवा होने के बाद अपनी छोटी बहन के पास इंगलैंड चली गई थी।'

'और ऐलिया ने आत्महत्या के लिए भारत को ही चुना?'

'मैं क्या जानूं ?'

मीना ने सूरज से कहा– 'इसके बाजू पकड़कर मुंह खोलो।"

जोजफ जल्दी से बोला- 'क्या मतलब?"

लेकिन मतलब बताने से पहले ही सूरज ने उसके दोनों बाजुओं को मरोड़कर इस तरह एक हाथ में पकड़ा कि वह बेबस हो गया और चिल्लाया, 'यह ज्यादती है, गैरकानूनी।' इतनी देर में सूरज ने उसके गालों में उंगलियां गड़ा दी और उसका मुंह खुल गया। मोना ने जार में से एक जिंदा 'मेंढक निकाला तो जोजफ बुरी तरह बिलबिलाया। लेकिन सूरज की पकड़ बहुत मजबूत थी।

मोना ने दूसरे हाथ से रिवाल्वर निकालकर जोजफ की गर्दन पर रख दिया और बड़े निर्दय स्वर में बोली, 'अगर तुमने मेरे तीन गिनने तक यह मेंढ़क अपने गले से नहीं उतारा तो मैं यह गोली तुम्हारे गले में उतार दूंगी।' फिर उसने सूरज कहा, 'जैसे ही मेंढ़क इसके मुंह में पहुंचे इसका मुंह दृढ़ता से बन्द कर देना और नाक से सांस न लेने पाए।'

जोजफ ने बिलबिलाकर अपने आपको हिला डाला और इस तरह गर्दन हिलाई जैसे कुछ कहना चाह रहा हो। सूरज की तरफ देखकर मोना ने कहा, 'इसका मुंह छोड़ दो।'

सूरज ने उसका मुंह छोड़ा तो जोजफ हांफता हुआ बोला, 'म... मैं हर सवाल का जवाब दूंगा।'

'अगर ऐलिया तुम्हारो भतीजी है तो उसकी मौत की खबर तुम्हें कैसे मिली?"

‘प प पी० डबल्यू० डी० का जूनियर इंजीनियर जो ड्यूटी पर था। उसने मुझे बताया कि कल रात कोई लड़की ट्रेन से गिरकर मर गई थी। मैं पुलिस को खबर करके या मैंने ऐलिया की फोटो दिखाई तो वह उछल पड़ा कहने लगा यही लड़की है।'

मोना ने रूखे स्वर में कहा, 'और वह लड़की तुम्हारी भतीजी है?'

‘म॰॰॰म'' मैं सच कहता हूं।'

मोना ने सूरज से कहा ‘मुंह खोलो इसका।'

जोजफ जल्दी से चिल्लाया, 'नहीं नहीं, मैं मर जाऊंगा।'

'हर मेंढ़क इतना जहरीला नहीं होता, जापानी और चीनी तो भोजन के रूप में खाते हैं।'

'म म मैं सच बताता हूँ।'

'तुम तो एक मेंढक गले से उतारे बिना यह भी सच नहीं बताओगे कि तुम किसी मिशनरी स्कूल के कर्मचारी हो।’

‘नहीं म म मैं...!’

‘कोलाबा के गुण्डे हो।'

'तुम्हारा नाम जोजफ नहीं यूसुफ है। मैं बम्बई के हर गुण्डे और हिस्ट्रीशीटर को इसी तरह से पहचानती हूं जैसे अपनी उंगलियों के नाखूनों को।’

‘म... मेरा नाम यूसुफ है।'

‘और मरने वाली का नाम?’

'आलिया था।'

'तुमसे क्या रिश्ता था?"

'कोई नहीं।'

'वह लड़की किसी होटल में टेलीफोन आपरेटर भी नहीं थी।

'नहीं।'

'फिर क्या करती थी?"

'व व वह एक बिल्डर की फर्म में स्टेनोग्राफर थी।

'वीरार में सिर्फ एक ही बिल्डर है तनूजा बिल्डर'।'

'व व वही।'

'तुम उसे कैसे जानते थे?"

'वह एक वर्किंग गर्ल्स होस्टल में रहती थी।'

'कोलाबा का वर्किंग गर्ल्स होस्टल जिसे मंडोना चलाती है।’

‘ज ज, जी हां।'

'तो आलिया की लाश लेने के लिए तुम्हें मैडोना ने भेजा या?'

‘ज ज जी हां।'

'किसलिए?’

‘इसलिए कि इनवेस्टीगेशन में कहीं यह भेद न खुल जाए कि आलिया मैडोना वकिंग गर्ल्स होस्टल में रहती है।' 'आलिया किसी बाहर के शहर से आई थी?"

"ज ज जी हां।'

'उसे मैडोना ने तनूजा बिल्डर के यहां सर्विस दिलवाई होगी।'

'डबल परपज सर्विस, वह बिल्डर का बिस्तर भी गर्म करती होगी।’

‘जी...जी...जी।’

'जी हां।'

‘करती होगी।'

'और उसकी आमदनी में मैडोना का हिस्सा होगा?"

'जी हां।'

'लेकिन आलिया इस नौकर से अप्रसन्न होगी?"

'जी हां, वह मैडोना के जाल से किसी भी तरह निकलना चाहती थी लेकिन मैडोना को उसके हाव-भाव से सन्देह हो गया था— इसलिए उसके पीछे प्रतिदिन एक अजनबी साए की तरह लगा रहता था ताकि आलिया भाग न खड़ी हो।'

इंस्पेक्टर मोना उसे अपलक देखती रही, फिर बोली, 'मैडोना तुम पर किस हद क विश्वास करती है?'. यूसुफ ने थूक निगलकर कहा, 'पूरी तरह, उस इलाके का एक एक गुण्डा मेरे इशारों का गुलाम है। मैं एक घूंसे में किसी भी आदमी का भेजा निकाल देता हूं। वे सब मेरे घूंसे से डरते हैं।'

"ओहहो'

'मैंडोना मुझे अपने अड्डे की सुरक्षा लिए एक बड़ी रकम हर हफ्ते देती है और मैं ईमानदारी और पाबंदी से उसके अड्डे की सुरक्षा करता हूं।'

'किस तरह?"

'हर तरह, दूसरे गुण्डे उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते अड्डे की कोई लड़की बगावत नहीं कर सकती। अड्डे पर आने वाला बड़े से बड़ा ग्राहक किसी लड़की को वरगला नहीं सकता न मैडोना पर कोई धौंस जमा सकता है न उसकी रकम मार सकता है।'

"लेकिन उसका होस्टल तो वर्किंग गर्ल्स होस्टल कहलाता है जहां काम करने वाली लड़कियां रहती हैं जिनमें बाहर से आने वाली भी शामिल हैं।'

'जी हां, देखने में वह वर्किंग गर्ल्स होस्टल है और मैडोना बकिंग गर्ल्स होस्टल पर लोग बहुत भरोसा करते हैं। समझते हैं कि उनकी लड़कियां इस होस्टल में हर तरह से हिफाजत में हैं। इसलिए बाहर के शहर से जो लड़कियां बम्बई आकर नौकरी करती हैं, उनकी कोशिश होती है कि वे मैडोना में ही जगह पा लें।'

इंस्पेक्टर मोना ने नफरत से कहा- 'लेकिन वास्तव में वह होस्टल मकड़ी का जाल है जिसमें से कोई भी लड़की एक बार आकर फंसने के बाद निकल नहीं सकती।'

‘ज ज जी हां।'

'आलिया कैसे फंसी थी ?

'आलिया की एक सहेली मैडोना मे पहले से ही रहती है। आलिया को पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की जरूरत थी सहेली ने आलिया को पूरा भरोसा देकर बुला लिया।'

'फिर?'

'मैडोना ने बिल्डर के नाम सिफारिशी खत लिखा और आलिया को नौकरी मिल गई। फिर एक दिन बिल्डर ने जबरदस्ती आलिया की आबरू लूट ली। बाद में उसने हाथ-पांव जोड़कर आलिया से माफी मांग ली। उसके घरेलू हालात अच्छे नहीं थे। मजबूरन वह इस दावे पर नौकरी करती रही कि बिल्डर एक दिन उससे शादी करके उसे अपनी कानूनी बीवी की हैसियत दे देगा।'

'फिर?’

'बिल्डर उसे इस्तेमाल करता रहा जब पहली बार आलिया को मैडोना ने बिल्डर की तरफ से रखेल बनाने को आधी तनख्वाह दी तो आलिया को अपनी हैसियत मालूम हुई।

'और उसने आत्महत्या कर ली?"

'जल्दी से नहीं, पहले उसने नौकरी छोड़नी चाही, मैडोना ने होस्टल छोड़ने की कोशिश की, शहर से जाना चाहा लेकिन उसे जब अनुमान लगा कि अब वह बूढ़ी होकर ही मैडोना के जाल से निकल सकती है तब उसने आत्महत्या की।'

'क्या मैडोना में रहने वाली सब लड़कियां आलिया की तरह मजबूर हैं।"

'जी नहीं, मैडोना में ज्यादा तादाद ऐसी लड़कियों की है जो इस जिन्दगी से न सिर्फ खुश हैं बल्कि एनजॉय करती हैं पूना की एक इज्जतदार घराने की लड़की ने शादी की बजाय आजाद जिन्दगी पसन्द की है वह नौकरी के बहाने मैडोना आकर रही है लेकिन इस शर्त पर कि वह किसी मर्द के साथ अपने को नत्थी नहीं करेगी। वह फ्री लांसर है- कभी-कभी मैडोना की कार भी इस्तेमाल करती है और उसे मैडोना का आरक्षण भी मिला है।  संरक्षण भी ऊंची सोसायटी में वह बहुत लोकप्रिय है और बड़े-बड़े लोग उसकी एक रात पाना चाहते हैं।'

इंस्पेक्टर मोना ने उसे ध्यानपूर्वक देखकर कहा– 'तुम वर्जीता लिजा की तो बात नहीं कर रहे?"

 

क्रमशः 

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