मनोज पिंकी के घर गए तो बस चाय पीने थे लेकिन जब वो वहां से लौटे तो उनमें जोश भरा हुआ था। उन्होंने पिंकी की लाइफ़ स्टोरी सुन कर ये सीखा था कि ज़िंदगी आपको तभी सताती है जब आप उसे सताने की परमिशन देते हैं, वरना अगर आप चाहें तो ज़िंदगी आपका बाल भी नहीं बांका कर सकती। मनोज ने भी सोच लिया था की वो अब ख़ुद को पूरी तरह से बदल देंगे। वो नई नई चीजें सीखेंगे, अपने रहने, कपड़े पहनने के ढंग और बाक़ी सब जो पुराना है उन सबको बदल देंगे। उन्होंने अपने फ़ोन को देखते हुए सोचा कि उन्हें सबसे पहले अपना ये पुराना फ़ोन बदल कर आज के ज़माने का स्मार्ट फ़ोन खरीदना चाहिए।
उन्होंने नए समान की एक लंबी लिस्ट बनाई जिसमें फ़ोन के साथ साथ नए कपड़े, जूते, घड़ी, परफ्यूम जैसे कई आइटम मौजूद थे। आज वो फुल शॉपिंग वाले मोड में थे। उन्होंने राजू को फ़ोन किया और पूछा कि वो दोपहर में कितने बजे फ्री होता है? राजू ने बताया कि 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक काफ़ी कम काम रहता है। मनोज ने कहा कि वो जैसे ही फ्री हो उनके घर आ जाए। राजू घबरा गया, उसने पूछा कि ऐसा क्या हो गया जो वो उसे बुला रहे हैं? मनोज ने कहा वो आने पर सब बतायेंगे, ऐसे फ़ोन पर वो नहीं समझा सकते। राजू ने कहा ठीक है वो जल्दी से जल्दी आ जाएगा। मनोज ने ये कहते हुए फ़ोन रख दिया कि इतनी भी कोई इमरजेंसी नहीं है जो उसे अपना काम छोड़ कर आना पड़े। इसलिए वो काम खत्म करने के बाद ही आए।
इसके बाद मनोज दूध लेकर घर पहुँचे और जाते ही गिल्लू से माफी माँग कर कहने लगे कि उन्हें पिंकी जी के घर जाना पड़ा इसलिए वो लेट हो गया लेकिन आज इसके बदले उसे बड़े सरप्राइज़ मिलने वाले हैं। वो बस तैयार हो जाए। गिल्लू भी खुश हो कर उनके आसपास गोल गोल घूमने लगा। मनोज ने घर के काम खत्म किए, नहाया और फिर राजू का इंतज़ार करने लगे। राजू बारह बजे तक घर पहुँच गया। उसने आते ही पूछा कि वो तो ऐसे कभी फ़ोन कर के उसे नहीं बुलाते फिर आज क्या इमरजेंसी आ गई? मनोज जी ने कहा कि आज बहुत कुछ बदलने वाला है और ये सब वो अकेले नहीं कर पायेंगे इसलिए उसे भी साथ चलना होगा। राजू ने फिर से पूछा कि ऐसा क्या हो गया जो वो सब कुछ बदलने की बात कर रहे हैं? मनोज ने कहा कि वो साथ तो चले सब पता चल जाएगा। इसके बाद मनोज तैयार हुए और राजू के साथ market निकल गए।
मनोज ने अपनी लिस्ट का हर सामान ख़रीद लिए। शाम तक उनके पास इतना कुछ था कि उन्हें ऑटो बुक करना पड़ा। राजू भी बहुत खुश था क्योंकि मनोज ने उसे महंगे जूते और कपड़े ख़रीद कर दिए थे। इसके साथ ही दोनों ने अपने अपने हिसाब से हेयर कट भी करवाया था। राजू ने जब कपड़े ट्राई किए तो वो पहचान में ही नहीं आ रहा था। उसके नए हेयर स्टाइल और कपड़ों को देख कोई नहीं कह सकता था कि वो चाय बेचता है, वो किसी बड़े घर का लड़का लग रहा था। इधर मनोज भी पूरे stylish लग रहे थे। जब वो घर पहुँचे तो उनके पास गिल्लू के लिए भी खूब सारे गिफ्ट्स थे। उन्हें मार्केट जा कर पता चला कि वहाँ एक ऐसी दुकान है जहाँ pets के लिए हर समान मिल जाता है। वहां से उन्होंने गिल्लू के लिए बहुत सुंदर पट्टा और चेन खरीदी। उसके खाने के लिए नई नई चीज़ें लीं, खाना खाने वाला नया बर्तन लिया। सारा सामान देख गिल्लू उछलने लगा। उसे ये सब बहुत पसंद आया था।
मनोज के लिए तो ये पूरी मार्केट ही नयी थी। उनकी तो हर चीज़ की कुछ फिक्स दुकानें हुआ करती थीं जहाँ से वो सामान लाते थे। कपड़े वो हमेशा सिलवाये हुए पहनते थे। नार्मल जूते ख़रीदते थे। आज पहली बार उन्होंने इतना सारा ब्रांडेड सामान ख़रीदा। उनके काफ़ी पैसे खर्च हो गए लेकिन उन्हें कोई परवाह नहीं थी। दरअसल, मनोज के पास बहुत पैसे थे क्योंकि एक अच्छी खासी सरकारी सैलरी मिलने के बावजूद उनके कोई खास खर्चे नहीं थे। मकान का किराया, बिजली पानी के बिल ये सब उन्हें नहीं देना पड़ता था। इसलिए उन्होंने सारी उम्र पैसे बचाये ही थे। अभी उन्हें पेंशन मिल रही थी। वो कभी कंजूस नहीं रहे थे बस उन्हें पता ही नहीं था कि इंसान इतने पैसे भी खर्च कर सकता है। अब जब उन्हें नए नए शौक लग रहे हैं तब उनके अकाउंट से खटाखट पैसे निकल रहे हैं। मनोज ने राजू से पूछा था कि क्या उसे कुछ और चाहिए या वो अपनी फैमिली के लिए कुछ लेना चाहता है? राजू ने मना कर दिया, उसने कहा कि उन्होंने उसे इतना कुछ दिलवा दिया है जो अगले पाँच साल तक उनके काम आएगा।
राजू अब अपने काम पर लौट गया था। मनोज ने भी थोड़ा आराम किया और फिर उठकर रात का खाना बनाया, खाया और सो गए। अगली सुबह उनके लिए खास थी आज से उन्हें बहुत कुछ चेंज करना था। उन्होंने अपने नए running शूज़ निकाले, नया ट्रैक सूट पहना और पार्क की तरफ निकल पड़े। आज उनका लुक आम दिनों के मुकाबले बहुत अलग लग रहा था। बहुत से लोग तो उन्हें पहचान भी नहीं पा रहे थे क्योंकि उनका हेयर स्टाइल बिल्कुल चेंज हो गया था। इस नए लुक में उनकी उम्र काफ़ी कम लग रही थी। उन्होंने पहले राजू के यहाँ से चाय पी। राजू ने कहा कि वो तो पहचान में ही नहीं आ रहे। उनका नया लुक बहुत जच रहा है। मनोज ने कहा जितने पैसे खर्च हुए हैं अगर इसमें भी वो अच्छे ना लगें इसका मतलब वो बदसूरत हैं। राजू हँसने लगा, उसने कहा कि उसके भी नए हेयर स्टाइल की सब बहुत तारीफ़ कर रहे हैं। मनोज ने कहा कि अब वो पार्क में जा रहे हैं क्योंकि आज से उन्हें योगा क्लास ज्वाइन करनी है। वैसे मनोज कुछ देर तक राजू के पास बैठा करते थे लेकिन योगा क्लास की वजह से उन्हें जाना पड़ा। राजू अब समझा कि ये सारा बदलाव सिर्फ़ पहनावे और लुक का ही नहीं बल्कि पूरी लाइफस्टाइल का है।
मनोज जब पार्क में गए तो उनके जानने वाले उन्हें देखकर हैरान रह गए। अपनी age ग्रुप के लोगों में वो सबसे स्मार्ट लग रहे थे। पिंकी तो उन्हें देखते ही shocked हो गईं। उन्होंने मुस्कुराते हुए पूछा कि ये अचानक से उनमें इतना चेंज कैसे आ गया? जो इंसान कभी कभी चपल्लों में वॉक करने चला आता था.. उनके पास वही दो जोड़ी पुराने ट्रैक सूट थे जिसे वो पहन कर आते थे... ऐसा हेयर स्टाइल था जो दुनिया में सबसे कॉमन था... उसने अचानक से अपने आप को इतना बदल लिया हो तो कोई भी हैरान रह जाएगा। मनोज जी ने पूछा वो कैसे लग रहे हैं? पिंकी ने कहा बिल्कुल हीरो लग रहे हैं। मनोज शर्मा गए। फिर उन्हें कुछ याद आया। उन्होंने कहा कि उन्हें आज से ही योगा क्लास शुरू करनी है। पिंकी खुश हो गईं और उन्होंने कहा कि वो बहुत सही टाइम पर आए हैं। आज से ही वो अपने नए बैच का session शुरू करने जा रही हैं।
मनोज ने देखा तो उस क्लास में सभी उनकी ही एजग्रुप के थे। पिंकी ने पूछा कि ऐसा तो नहीं होगा ना कि वो एक दिन आयें और फिर आयें ही ना? मनोज ने कहा नहीं अब वो जो करेंगे वो सीरियस हो कर करते रहेंगे। पिंकी ने पूछा कि उन्हें और क्या क्या करना है? मनोज ने जवाब दिया कि अभी उन्होंने सोचा नहीं है लेकिन वो सब करना चाहते हैं जिससे वो कुछ नया सीख सकें। पिंकी ने कहा उन्हें ये सुनने में काफ़ी interesting लग रहा है। योगा क्लास के बाद वो इस बारे में ज़रूर बात करेंगे। इसके बाद मनोज पिंकी टीचर के instructions पर बाक़ी लोगों के साथ योगा करने लगे। उन्हें आज काफ़ी अच्छा लग रहा था। कैसे एक घंटा बीत गया उन्हें पता ही नहीं चला। क्लास ओवर होने के बाद पिंकी और मनोज पार्क में एक बेंच पर बैठे हुए थे। मनोज ने पिंकी को थैंक यू कहा। पिंकी सोचने लगीं कि उन्होंने तो कुछ किया नहीं फिर मनोज अचानक उन्हें थैंक यू क्यों बोल रहे हैं? उन्होंने पूछा ये थैंक यू किस ख़ुशी में? मनोज ने कहा…
मनोज(नार्मल)- मुझे अपने काम से इतना प्यार था कि रिटायर होते ही मुझे लगने लगा कि मेरे लिए दुनिया अब ख़त्म है। मेरी ज़िंदगी में अब कोई मकसद नहीं बचा। मैं बस ऐसे ही जिए जा रहा था। लेकिन वो कहते हैं किसी का बुरा वक्त बहुतों के लिए सीख बन जाता है। बस कल मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। जब आपने अपने बारे में बताया और कैंसर से अपनी जंग की कहानी सुनायी तो उस कहानी ने मुझे सीख दी कि मैं ज़िंदगी को अपने ऊपर हावी होने दे रहा हूँ। मैंने अभी तक किया ही क्या है? ना दुनिया देखी, न कोई शौक पाला, ना ख़ुद में कुछ सीखने की ललक जगायी। ऐसे तो मैं बस कुछ ही साल जी पाऊंगा और फिर पड़ा रहूँगा किसी हॉस्पिटल के बिस्तर पर। मुझे कल अहसास हुआ कि मुझे ऐसे नहीं जीना बल्कि हमारी पिंकी जी ने जैसे अपनी ज़िदगी की तकलीफ़ों को एक तरफ़ रख कर खुल कर ज़िंदगी जी, उस तरह से जीना है। कल मैंने अपने पुराने सारे सामान के साथ अपने अंदर से पुराना मनोज भी हटा दिया। अब जो होगा सब नया होगा। योगा कर के फिट रहना है, कुछ नया सीखना है, ख़ुद को मेंटेन रखना है।
पिंकी(खुश होते हुए)- मुझे ये सुनकर बहुत अच्छा लग रहा है मनोज जी कि कोई मेरी कहानी सुनकर इतना inspire हुआ कि ख़ुद को बदलने का फैसला ले लिया। अपने आप में बदलाव करना बहुत बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को मंज़ूर करना सबके बस की बात नहीं होती। आपमें हिम्मत है इसलिए आप ये फैसला ले पाये। आपको बहुत बहुत शुभकामनाएँ और इस बदलाव में मेरी जहाँ ज़रूरत पड़े आप मुझे बेझिझक याद कर सकते हैं।
पिंकी मनोज के इस बदलाव वाले फ़ैसले से बहुत खुश थीं। आज पिंकी को मनोज का ये नया लुक इतना पसंद आया कि एक बार के लिए उन्होंने मन ही मन कहा कि ये बुड्ढा कितना स्मार्ट है। मनोज अब अपनी ज़िंदगी बदलने के लिए पूरी तरह तैयार थे। वो योगा करने के बाद वाक करने लगे। वो वॉक ही कर रहे थे कि तभी किसी के चीखने की आवाज़ आई। ये चीख पिंकी की थी जो अभी अभी उनके पास से उठ कर गई थीं। वो भागते हुए पिंकी की और बढ़े, तब तक पिंकी के आसपास भीड़ जमा हो चुकी थी। ये सोच कर मनोज की घबराहट बढ़ रही थी कि कहीं पिंकी जी को तो कुछ नहीं हो गया। वो भीड़ को हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे। जब पिंकी के नजदीक पहुँचे तो उन्हें देख कर हैरान रह गए। उन्होंने सबको वहां से पीछे हटने के लिए बोला।
क्या पिंकी को कुछ हो गया है? क्या मनोज जी की ज़िंदगी में आई खुशियां पिंकी के साथ चली जाएंगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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