पिंकी मनोज को चाय के लिए अपने घर ले गई थीं। पिंकी चाय बना रही थीं और मनोज उनके घर की एक एक चीज़ को बड़ी गौर से देख रहे थे। उन्होंने ज़िंदगी में पहली बार ऐसा साफ़ सुथरा और सुंदर घर देखा था। उनकी नज़रें पूरे घर में रखें सामान को घूर रही थीं। इधर से उधर भागती उनकी आँखें, दीवार पर टंगी पिंकी की जवानी की तस्वीरों पर ठहर गई। मनोज को पता था कि किसी के घर जा कर ऐसे ताका झाकी करना अच्छे manners नहीं माने जाते लेकिन वो भी बेचारे क्या करते? उस तस्वीर को देखकर उनका कोई बस ही नहीं चला। वो अपने आप उठकर चलने लगे और अपने आप ही पिंकी की उस सुंदर सी तस्वीर के आगे मुंह खोले खड़े हो गए।
पिंकी अभी भी सुंदर दिखती हैं लेकिन जवानी में उनका जवाब नहीं था। मनोज ने मन ही मन सोचा कि जवानी में तो पिंकी जी उन जैसे लड़कों को अपने आसपास भी नहीं फटकने देती होंगी। वो किसी हीरोइन की तरह लग रही थीं। मनोज उनकी तस्वीर में इतना खो गए थे कि उन्हें पता ही नहीं चला कब पिंकी चाय लेकर आईं और उनके पीछे आ कर खड़ी हो गईं। उनकी तस्वीर को देखते ही लग रहा था कि पिंकी हमेशा से मॉडर्न रही हैं। जिस जमाने में ज़्यादातर औरतों के लिए सूट सलवार और साड़ी को उनकी पहचान मान लिया गया था, उस ज़माने में भी पिंकी जींस टॉप पहनती थीं हालांकि मनोज ने इस बार उनके कपड़ों को लेकर उन्हें जज नहीं किया क्योंकि अब पिंकी जैसी भी थीं उन्हें बहुत पसंद थीं।
पिंकी ने पूछा कि वो जवानी में सुंदर थीं ना? तस्वीर में अपना ध्यान लगाए मनोज के मुंह से अचानक निकल गया, हाँ किसी हीरोइन जैसी सुंदर। पिंकी को हँसी आ गई। उनकी हँसी के साथ मनोज को ख़याल आया कि वो क्या बोल गए। मनोज अपनी ही बात पर शर्मा गए। पिंकी ने कहा कि वैसे दीवार पर और भी तस्वीरें लगी हुई हैं। सच में मनोज ने अभी दूसरी किसी और तस्वीर को नोटिस नहीं किया था। उनका पूरा फ़ोकस अभी एक ही तस्वीर पर था। पिंकी के कहने पर जब मनोज ने अपनी नज़रें घुमा कर देखा तो उनकी दीवार का एक हिस्सा उनकी तस्वीरों से भरा पड़ा था। इनमें उनके बचपन से लेकर अब तक की तस्वीरें शामिल थीं। पिंकी मनोज को चाय पकड़ा के अपनी तस्वीरों की कहानी बताने लगीं।
उनकी एक बचपन की स्टूडियो की तस्वीर थी। जिसमें उन्होंने मुँह फुलाया था। उन्होंने बताया कि उनके पापा सबकी फ़ोटो खिंचवाने स्टूडियो ले गए थे लेकिन उन्हें फ़ोटो से ज़्यादा स्टूडियो के बाहर खड़े बुड्ढी के बाल वाले में इंट्रस्ट था। वो ज़िद करने लगी थी कि उन्हें वो चाहिए लेकिन पापा कह रहे थे फ़ोटो के बाद मिलेगा। इसीलिए उनका मुँह इस तस्वीर में फूला था। एक फ़ोटो उनके स्कूल के दिनों की थी जिसमें उनके हाथ पर पट्टी बंधी थी। मनोज ने पूछा कि ये उन्हें क्या हुआ था? पिंकी ने कहा कि उनके घर कोई function और वो अपने cousin के साथ मस्ती कर रही थी। उसी मस्ती में उनके हाथ पर चोट लग गई थी। बहुत खून निकला था।
फिर पिंकी ने उन्हें अपनी कुछ कॉलेज टाइम की फ़ोटोज़ दिखायीं। किसी में वो घुड़सवारी कर रही थीं, किसी में वो अपने फ्रेंड्स के साथ थीं, एक में वो राइफल शूटिंग कर रही थीं। मनोज ने पूछा कि क्या उन्हें ये चलानी आती है? पिंकी ने बताया कि वो district level champion थीं राइफल शूटिंग में। मनोज हैरान रह गए। उन्होंने पूछा कि फिर उन्होंने आगे क्यों नहीं खेला। पिंकी हँसने लगीं, उन्होंने बताया कि उनके शौक मौसम की तरह हर छह महीने में बदल जाया करते थे। कभी वो शूटिंग करतीं, कभी उन्हें horse riding सीखनी होती थी, तो कभी उन्हें पेंटिंग का शौक लग जाता था। उन्होंने थोड़ा थोड़ा सब ट्राई किया। पिंकी ने बताया कि अच्छी बात ये रही कि उन्होंने जो भी ट्राई किया वो उन सब में अच्छा करती रहीं लेकिन फिर भी किसी एक field में वो पकड़ नहीं बना पायीं। अब ये योगा ही है जिसमें वो इतना मन लगा पा रही हैं।
पिंकी अपनी बातें सुना रही थीं तभी मनोज की नज़र सबसे आख़िर में टंगी कुछ तस्वीरों पर पड़ीं। ये उनकी शादी की तस्वीरें थीं। मनोज को हैरानी हुई ये सोच कर कि उनके डिवोर्स को इतने साल हो चुके हैं फिर भी उन्होंने इन तस्वीरों को सम्भाल कर रखा हुआ है जबकि आमतौर पर लोग किसी के चले जाने पर उसकी यादें भी मिटा देते हैं। मनोज उस तस्वीर को बड़े गौर से देख रहे थे। पिंकी समझ गईं कि वो क्या सोच रहे होंगे। मनोज सोच रहे थे कि वो उनसे पूछें कि आख़िर उन्होंने इन तस्वीरों को संभाल कर क्यों रखा है लेकिन वो ये सोच कर डर गए कि कहीं पिंकी उस दिन की तरह फिर से ना भड़क जायें। इसलिए उन्होंने अपना इरादा बदल दिया लेकिन पिंकी ने ख़ुद ही कहा कि उन्हें पता है ये तस्वीरें देख वो क्या सोच रहे होंगे। मनोज shocked रह गए ये जान कर कि पिंकी उनके मन की बात कैसे समझ गईं। पिंकी ने ख़ुद ही उस बारे में बताना शुरू किया…
पिंकी(नार्मल)- Divorce के बाद मैंने सोचा था कि इन सभी तस्वीरों को जला दूं मगर मेरे दिल ने मुझे ऐसा करने से रोक लिया। मैंने सोचा कि ये तो मेरी लाइफ़ की सबसे खूबसूरत यादें हैं। भले ही मेरा ex husband रणजीत मुझे धोखा दे गया लेकिन ये शादी अकेले उसी की तो नहीं थी ना, अगर मैं इन तस्वीरों को जला देती तो ये साबित हो जाता कि वो जीत गया और मैं हार गई। इसलिए मैंने इन तस्वीरों को दीवार पर लगाया, अब मैं जब भी ये तस्वीरें देखती हूँ, रणजीत पर ध्यान ही नहीं देती, इन सभी तस्वीरों में होते हुए भी वो अब कहीं नहीं है। उसके लिये इससे बुरी सज़ा नहीं हो सकती। मुझे वो लोग बहुत कायर लगते हैं जो ख़ुद को धोखा देने वालों से मुँह छुपाते हैं। जबकी उनके सामने जा कर उन्हें इग्नोर कर देना उनके लिए सबसे बड़ी सज़ा होती है। मैंने भी यही किया। मुझे अब इन तस्वीरों को देख रणजीत के साथ वाली कड़वी यादें नहीं आतीं। मैं उस मोमेंट को याद करती हूँ जब मैं शादी को लेकर excited थी, खुश थी। कैसे मैंने अकेले ही अपनी तरफ़ के सारे arrangements किए थे।
ये सब कहते हुए पिंकी की आँखों में आँसू आ गए। जिन्हें देख मनोज को बहुत बुरा लग रहा था। उन्होंने सोचा कि वो इस टॉपिक को चेंज कर के कोई और बात करेंगे जिससे पिनकी का मन बदल जाएगा और वो शांत हो जायेंगी। मनोज ने उनसे पूछा कि अचानक से उनका योगा सीखने का कैसे मन कर गया और वो फिर योगा लवर कैसे बन गईं? पिंकी ने एक लंबी आह भरी और एक बार फिर से अपने अतीत में चली गई। मनोज को अंदाज़ा नहीं था कि उन्होंने पिंकी की एक और दुखती रग पर हाथ रख दिया है।
पिंकी ने बताया कि योगा सिर्फ़ उनके लिए शौक नहीं है, योगा वो सहारा है जिससे उन्हें मौत से लड़ने की हिम्मत मिली। पिंकी ने बताया कि उन्हें लास्ट स्टेज breast कैंसर था। हर कोई ये मान चुका था कि वो अब नहीं बचने वालीं लेकिन उन्हें बहुत कुछ करना था। ज़िंदगी से उन्हें इतना प्यार था कि रणजीत से मिले धोखे और डिवोर्स के बाद भी उन्होंने कभी ख़ुद को मारने के बारे में नहीं सोचा। वो अपनी ज़िंदगी के दुखों के साथ बहुत अच्छे से जीना चाहती थीं। एक वक्त आया जब उनकी भी हिम्मत जवाब देने लगी। उनके पास कोई भी नहीं था जो उन्हें हिम्मत देता या कहता कि वो इस बीमारी से जीत सकती हैं। वो एक नार्मल फैमिली से थीं जहाँ कभी भी उनकी खुली सोच को किसी ने सपोर्ट नहीं किया। उसके बाद जब उन्होंने अपने मन से शादी कर ली फिर तो उनका अपने माँ बाप और परिवार से बिल्कुल ही नाता टूट गया। कैंसर के वक्त उन्हें ख़याल आया कि वो एक बार अपने परिवार को बतायें लेकिन उन्होंने ख़ुद को रोक लिए। उन्हें लगा कि उन्हें कमजोर समझा जाएगा और लोग कहेंगे कि जब अपनी मर्जी से ये ज़िंदगी चुनी तो अब मुसीबतों का सामना भी ख़ुद ही करो।
वो किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना चाहती थीं। उनका ex husband सालों पहले ही उनसे नाता तोड़ चुका था इसलिए वो उससे भी हेल्प नहीं माँगना चाहती थीं। जल्दी ही उन्होंने समझ लिया कि उन्हें ख़ुद से ही ख़ुद की मदद करनी होगी। उन्होंने ख़ुद को संभाला। उन्हीं दिनों उन्हें पता चला कि योगा वो ज़रिया है जो इंसान के अंदर पॉजिटिव एनर्जी लाता है। धीरे धीरे वो समझने लगीं कि अगर वो ना चाहे तो मौत भी उनकी ज़िंदगी नहीं छीन सकती। उन्होंने अपना ट्रीटमेंट जारी रखा और योगा classes लेनी शुरू कर दीं। उन्होंने कैंसर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और ख़ुद को positive रखा। योगा ने इसमें उनकी बहुत मदद की और फिर एक दिन वो इस भयानक बीमारी से जीत गईं। जिस हॉस्पिटल में उनका इलाज हुआ, वहां आज भी उनके नाम की मिसालें दी जाती हैं कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो तो पिंकी जी की तरह हर कोई मौत से भी जीत सकता है।
उनके इस पहलू से मनोज अभी तक अनजान थे। उन्हें नहीं पता था कि वो एक कैंसर survivor हैं। उन्होंने पिंकी की एक एक बात को गौर से सुना और उन्हें ये बात बहुत पसंद आई कि अगर आप चाहें तो मौत भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। मनोज अपनी और पिंकी की लाइफ को compare करने लगे। उन्हें अहसास हुआ कि वो दोनों ही अकेले हैं लेकिन दोनों की लाइफ़ स्टाइल में कितना फ़र्क़ है। ये सब जीने की इच्छाशक्ति का नतीजा है। एक तरफ़ पिंकी ने इतना कुछ सहने के बाद भी अपने अंदर से खुल कर जीने की इच्छा को मरने नहीं दिया और दूसरी तरफ़ मनोज काम में इतना डूबे रहे कि उन्हें पता ही नहीं चला कि ज़िंदगी को आख़िर जिया कैसे जाता है? पिंकी ने अपनी पूरी ज़िंदगी को अपने घर की दीवारों पर सजा रखा है लेकिन उनके घर की दीवारें खाली हैं। उन्हें याद भी नहीं कि एक आधी पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो के अलावा उनके पास उनकी कोई अच्छी फ़ोटो भी होगी।
मनोज सोचने लगे कि उन्होंने तो अभी से मान लिया था कि उनका काम खत्म होने के बाद उनकी ज़िंदगी भी ख़त्म हो गई है जबकि ऐसा नहीं है। करने को अभी भी बहुत कुछ है। इसीलिए तो वो बेपरवाह हो कर शराब पीने लगे थे। उन्हें इस बात से कोई फ़र्क़ ही नहीं पड़ता कि मौत आज आए या कल। ये सब उनकी निराशा की वजह से है। मनोज ने मन ही मन सोचा कि वो अपनी ज़िंदगी को इतनी आसानी से नहीं जाने देंगे, वो पिंकी का फार्मूला अपनायेंगे, नई चीज़ें सीखेंगे, अपनी ज़िंदगी में फिर से रंग भरेंगे। वो अपनी second inning शुरू करेंगे और एक शानदार ज़िंदगी जी कर इस दुनिया को अलविदा कहेंगे।
क्या पिंकी की बातें मनोज के जीने का ढंग बदल पाएंगी? मनोज अपनी लाइफ स्टाइल में अब क्या क्या changes करेंगे? जानते हैं ‘रिटायरमेंट के बाद’ के अगले एपिसोड में।
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