Heena (excited) - इस बार टूर्नामेंट पाकिस्तान में नहीं बल्कि दुबई में होगा।

हिना ने जब ये कहा तो अनिकेत चौंका। उसको यकीन नहीं हो रहा था कि सेम टाइम पर दो देशों के मैच कैसे हो सकते हैं? उसने हँसकर कहा,

Aniket (confused) - फिर तो इस बार भी टूर्नामेंट कैंसिल होगा, मैं गारंटी से कह सकता हूँ।

Heena (shocked) - what? ऐसा क्यों बोल रहे आप? वो भी गारंटी के साथ?

Aniket (explained) - मैं शर्त लगा सकता हूँ, क्योंकि इंडियन क्रिकेट लीग भी इस साल दुबई में ही होने वाला है। अब तुम्हें तो पता ही है इंडियन क्रिकेट बोर्ड, पूरी दुनिया का सबसे रिचेस्ट बोर्ड है, अगर ICL भी उसी टाइम पर अनाउंस हो गया, तो फिर PCL के मैचेस तो तुम भूल ही जाओ।

Heena (worried)  -  हम आपकी बात नहीं मानते। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पहले ही बुक कर दिया होगा दुबई स्टेडियम। आप शर्त लगा लीजिये।

Aniket (notty)  - ठीक है लगा लीजिये शर्त। सोच लो एक बार, कही हार गयी, तो मुश्किल में पड़ जाओगी।

Heena (confused) - कैसी मुश्किल? आप, आपका सोचिये, हम भी आपसे कुछ भी माँग सकते हैं फिर आप पीछे नहीं हट सकते।

Aniket (agreed)  - ठीक है फिर शर्त लॉक करते हैं। हम दोनों में से जो भी जीतेगा, वो हारने वाले से कुछ भी मांग सकता है और हारने वाला मना नहीं कर सकता।

दोनों ने अंजाम की परवाह किये बिना, शर्त क़बूल कर ली थी। उन्होंने एक बार भी नहीं सोचा था कि इसका अंजाम कितना बड़ा हो सकता था। अब किसे मिलेगी जीत और कौन अपना सब-कुछ लुटा बैठेगा, ये तो वक्त ही बता सकता था।

इसके अगले दिन अनिकेत नोएडा पहुँच गया था। लॉक-डाउन के बाद नोएडा उसे थोड़ा फ़ीका और ख़ाली लग रहा था। ज़्यादातर ऑफिस पूरी तरह ओपन नहीं हुए थे और उनके एम्पलॉईस वर्क फ्रॉम होम काम रहे थे। अनिकेत का काम ही कुछ ऐसा था कि वो चाहकर भी घर से रिमोट काम नहीं कर सकता था। एयरपोर्ट से अपने रूम पर जाते टाइम उसे नोएडा की सड़कों पर पहले जैसा ट्रैफिक नहीं दिखा। लोग मज़बूरी में अपने घर से बाहर ज़रूर निकल रहे थे, पर अभी तक कोविड का डर उसके ज़हन से निकला नहीं था।

वो अपने रूम पर पंहुचा। उसका कमरा पिछले एक साल से बंद था। कोविड की दस्तक के बाद से ही उसने नोएडा छोड़ दिया था। उसने जैसे ही दरवाज़ा खोला, कमरे की स्मेल उसकी नाक से टकराई और वो नाक पकड़कर पीछे हटने के लिए मज़बूर हो गया। किचन के प्लेटफार्म से किसी चीज़ के सड़ने की स्मेल में उसके वहां खड़ा रहना मुश्किल कर दिया था। वो अपनी नाक पकड़कर बड़बड़ाया,

Aniket (thinking) - कोविड से तो मैं बच गया हूँ, पर यहाँ ज़्यादा देर खड़ा रहा, तो ये कमरा मुझे ज़रूर मार देगा। यहां से निकलने में ही ख़ैरियत है।

उसने कहा और अचानक चौंक गया। उसने अपने आप से पूछा,

Aniket (thinking) - अभी क्या बोला मैंने “ख़ैरियत?” उर्दू शब्द कब से बोलने लगा मैं? धीरे-धीरे हिना का रंग चढ़ने लगा है मुझ पर, अगर और 2-4 मंथ उसके साथ रहा, तो उर्दू का टीचर बन जाऊँगा मैं।

सोचकर वो मुस्कुरा दिया, तभी उसको याद आया कि वो हिना को नोएडा पहुँचने के बारे में बताना तो भूल ही गया है। उसने हिना को मैसेज किया और अपना सामान अपने मकान मालिक के कमरे के बाहर रखकर वहां से डायरेक्ट ऑफिस निकल गया।

वो ऑफिस पंहुचा, तो देखा, वहाँ भी सब-कुछ बदला-बदला सा लग रहा था। उसके कुछ कलीग्स अभी भी ऑफिस आने की जगह घर से ही काम कर रहे थे. बिना सेनेटाईज किये ऑफिस में अंदर आना अलॉव नहीं था। एम्प्लोयी कम थे और स्पेस ज़्यादा, इसलिए सब मास्क लगाकर दूर-दूर बैठे थे। उसने भी मास्क लगा था। ऑफिस बॉय उसको पहचान नहीं पाया और उसने पूछा, “क्या काम है?” उसने अपना मास्क थोड़ा नीचे किया, तब उसका ऑफिस बॉय उसको पहचान पाया था। अनिकेत ने उससे पूछा,

Aniket (asking) - बॉस अंदर ही है क्या?

“अपने केबिन में ही है, सुबह मुझसे आपके बारे में पूछ रहे थे। मैंने कहां, अभी तो उन्होंने ऑफिस ज्वॉइन नहीं किया। तो वापस अपने केबिन में चले गए थे” ऑफिस बॉय ने उससे कहा। वो डायरेक्ट अपनी डेस्क के पास पहुँचा। उसकी डेस्क पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी थी। उसने अपनी डेस्क अरेंज की और चेयर पर बैठकर आराम करने लगा। वो अपने बॉस के केबिन में जाने से पहले थोड़ा रेस्ट करना चाहना था। अपने आप को मेंटली प्रिपेयर करना चाहता था।

अनिकेत लगभग 1 साल बाद अपने घर से आया था। नोएडा आते टाइम ग़ुस्से में उसने अपनी मम्मी से बात तक नहीं की थी, पर अब उसको अपनी उसी गलती पर रिग्रेट हो रहा था। अपनों की वेल्यू इंसान को अपनों से दूर जाकर ही पता चलती है। उसके साथ भी वही हो रहा था। वो अपनी मम्मी को मैसेज करके सॉरी बोलना चाहता था। उसने मैसेज टाइप किया,

Aniket (apologize) - सॉरी मम्मी, मैं कुछ ज़्यादा ही ग़ुस्सा हो गया था आपसे। मैं नोएडा पहुँच गया हूँ। आप मेरी टेंशन मत लीजिये। आप ईशान भईयाँ के लिए भाभी लेकर आने पर फोकस कीजिये।

वो मैसेज करने ही वाला था, तभी बॉस के कैबिन का दरवाज़ा खुला। उसका बॉस कैबिन से बाहर निकला। अनिकेत खड़ा हो गया। उसके बॉस ने उसको देखा, तो सीधा उसके पास आया और मज़ाकियाँ अंदाज़ में पूछा, “आ गए महाराज? All good? कोई प्रॉब्लम तो नहीं आई न आने में? क्या बात है काफ़ी उदास लग रहे हो?”

Aniket (trying to happy) - सर, आज ही घर से आया हूँ न, इसलिए आपको ऐसा लग रहा होगा।

उसने अपने बॉस से बोला, पर उसके मन में कुछ और ही चल रहा था। वो सोच रहा था,

Aniket (thinking) - पूरे लॉक-डाउन सैलेरी दी नहीं, अब पूछ रहा है ऑल गुड? बिना पैसों के इंसान अगर गुड रह सकता, तो काम ही क्यों करता? बेवकूफ़ इंसान।

उसके बॉस ने फिर कहा, “मैं तुम्हारा मॉर्निंग से वेट कर रहा हूँ और तुम यहाँ बैठे हो? अपने कंधे मज़बूत कर लो, अब PCL जल्द ही अनाउंस होने वाला है और इस बार मैचेस, पाकिस्तान में नहीं, बल्कि दुबई में होंगे।

इतना सुनते ही उसका चेहरा उतर गया था। PCL के मैचेस दुबई में होने का मतलब था हिना से शर्त हारना। उसको पता ही नहीं था हिना उससे क्या मांगेंगी और क्या नहीं? प्यार में इंसान दिमाग़ की कम और दिल की ज़्यादा सुनता है और दिल की सुनने वाला इंसान मुश्किल में न पड़े, ऐसा हो सकता है क्या (soft laugh). उसने अपने बॉस से कहा,

Aniket (shocked) - सर ऐसा कैसे पॉसिबल है? इस साल ICL भी तो दुबई में ही होने वाला है न? फिर एक ही टाइम पर दोनों कंट्री के टूर्नामेंट कैसे पॉसिबल है?

उसकी बात भी सही थी। उसकी बात सुनकर उसके बॉस के चेहरे पर एक पल के लिए शिकन आ गयी थी। उसका कॉन्फिडेंस गिर चुका था। उसका बॉस भी जानता था कि इंडिया का क्रिकेट बोर्ड पैसों के दम पर कुछ ही कर सकता था और अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर से PCL के टूर्नामेंट कैंसिल होना तय थे।

उसके बॉस ने कुछ  सोचकर वही बात बोली, जो हिना ने अनिकेत से कही थी। उसने कहा, “मेरे सोर्सेस कभी गलत नहीं हो सकते अनिकेत। वे मुझे गलत इन्फॉर्मेशन नहीं दे ही नहीं सकते।” ये बोलकर उसने एक गहरी साँस ली और ऑफिस से बाहर जाते हुए बोला, “Wait and watch.”

इसके बाद काफ़ी दिनों तक सस्पेंस बना रहा था। न इंडिया के क्रिकेट बोर्ड ने अपना टूर्नामेंट अनाउंस किया था और न ही पाकिस्तान के बोर्ड ने। इधर अनिकेत और उसके बॉस की टेंशन बढ़ती जा रही थी, लेकिन दोनों की टेंशन के रीज़न अलग-अलग थे। वो अक्सर इस टॉपिक पर हिना से मज़ाक करते हुए कहता था,

Aniket (notty)  - तुम शर्त हारने वाली हो, और शर्त के मुताबिक़ मैं कुछ भी माँग सकता हूँ, फिर तुम पीछे नहीं हट सकती हो।

Heena (denied) - शर्त हम नहीं आप हारने वाले हो, क्योंकि बोर्ड ऑलरेडी PCL की तैयारी भी स्टार्ट कर चुका है। बहुत जल्द अनाउंस भी करने वाला है।

Aniket (funny) - कही ऐसा न हो कि अनाउसमेंट का इंतज़ार करते-करते हम दोनों ही बूढ़े हो जाये। ऐसा हो गया, तो कैमरे के साथ-साथ मेरी गर्दन भी हिलने लगेगी और तुम प्लेयर्स को फिजियोंथैरेपी देने की जगह बुढ़ापे में नींद की टेबलेट्स खाने लगोगी।

Heena (denied) - आप हो सकते हैं बूढ़े, हम नहीं। हम तो हमेशा जवाँ बने रहेंगे।

इसके बाद वक़्त तेज़ी से गुज़रता गया। अनिकेत और उसकी पूरी टीम बेसब्री से PCL के अनाउंसमेंट का इतंज़ार कर रही थी। वो लंच टाइम में ऑफिस के कैफेटेरिया में बैठा था, तभी उसके पास हिना का मैसेज आया, जिसमें लिखा था,

Heena (in message ) - 3 बजे बोर्ड एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है। तैयार हो जाइये शर्त हारने के लिए।”

उसने टाइम देखा, तीन बजने में सिर्फ़ 15 मिनट बाकी थे। उसने जल्दी से अपनी कोल्ड कॉफी ख़त्म की और तेज़ी से चलता हुआ अपने बॉस के कैबिन में पंहुचा। उसके बॉस को न्यूज़ पहले ही मिल चुकी थी। वो उस वक़्त पाकिस्तानी न्यूज़ ही देख रहा था। उसने अनिकेत को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में बताया।

उसका बॉस थोड़ा टेंशन में दिख रहा था, हो भी क्यों न? पहले इंडिया-पाकिस्तान क्लेश और फिर कोविड की वजह से कंपनी बहुत लॉस में चल रही थी। अब उसकी सारी उम्मीदें इस साल के टूर्नामेंट पर टिकी थी, वरना उसको अपनी कंपनी हमेशा के लिए शट-डाउन करनी पड़ सकती थी, क्योंकि कोविड के बाद से उसका बिजनेस पूरी तरह बंद हो चुका था।

उसका बॉस अपनी उंगलियों को क्रॉस करके बैठा था। उसके सामने बैठा अनिकेत अपने बॉस के चेहरे की शिकन देख भी रहा था और उसकी प्रॉब्लम समझ भी रहा था। वो सोच रहा था,

Aniket (thinking) - बॉस की प्रॉब्लम के सामने मेरी प्रॉब्लम तो कुछ भी नहीं। मैं तो सिर्फ़ एक शर्त ही हारूँगा और वो भी इश्क़ में, जबकि मेरे सामने बैठा ये शख़्स अपना सब कुछ हार जायेगा। कंपनी में ताला लगे, मैं ऐसा नहीं सोच सकता। मैं अपनी शर्त हारने के लिए तैयार हूँ। हिना से शर्त हारना भी कोई हार है? प्यार में इंसान हारकर भी जीतता ही है।

वो सोच में डूबा हुआ था, तभी उसका बॉस ख़ुशी से चीख़ पड़ा। उसकी आंखों में ऑंसू आ गए थे। उसकी आवाज़ सुनकर अनिकेत की सोच में ब्रेक लगे। उसके बॉस ने उसकी ओर देखा और अपने आँसू छुपाने की कोशिश करते हुए बोला, “मैंने बोला था न? मेरे सोर्सेस कभी गलत नहीं हो सकते। दुबई जाने की तैयारी स्टार्ट कर दो अनिकेत। PCL मार्च से स्टार्ट हो रहे हैं।”

Aniket (shocked) - इतनी जल्दी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी हो गयी सर?

“तुम कहाँ खो जाते हो भाई? कुछ प्रॉब्लम हो तो मुझे बताओ, मैं कुछ हेल्प कर दूंगा, पर इस तरह बार-बार बैठे-बैठे गुम नहीं होना चाहिए न? तुम न्यूज़ देख भी रहे थे या नहीं?” उसके बॉस ने उससे चिढ़कर पूछा। अनिकेत झेंप गया था। वो शर्त हार गया था, लेकिन फिर भी ख़ुश था। उसने उसके बॉस से कहा,

Aniket (excited) - ठीक है सर, मैं टीम को ये न्यूज़ देता हूँ और दुबई जाने की तैयारी स्टार्ट करता हूँ।

बोलकर वो कैबिन से बाहर निकला, तभी उसके पास हिना का कॉल आ गया। अनिकेत , उसके कॉल करने का रीज़न समझ गया था। कुछ सोचकर उसने कॉल उठाया,

Heena (happy) - आप शर्त हार चुके हो अनिकेत मियां। अब शर्त के मुताबिक़ हम कुछ भी माँग सकते हैं आपसे। सस्ते में छोड़ेंगे नहीं आपको।

अनिकेत क्या बोलता, वो हँस दिया था। उसको यक़ीन था कि हिना बस उससे मज़ाक कर रही थी। हिना उससे ऐसा कुछ नहीं मांगेंगी, जो वो उसको दे ही नहीं पायेगा। अब वो अनिकेत से क्या और कब माँगेगी, ये न हिना ने उसे बताया था और न ही उसने पूछा था।

फाइनली टूर्नामेंट का शंखनाद हो चुका था। लगभग 2 साल के इंतज़ार के बाद अब PCL एक बार फिर से स्टार्ट हो रहा था। पिछले 2 सालों में कितना कुछ देखा था उसकी पूरी टीम ने। उसके बॉस को भी काफ़ी लॉस उठाना पड़ा था। अनिकेत की पूरी टीम लॉक-डाउन के बाद से ऑफिस नहीं आई थी। हालांकि वे लोग ऑफिस के टच में थे। उसने सबसे पहले अपने कैमरा ऑपरेटर को कॉल किया।

Aniket (excited) - hello प्रसाद, अनिकेत here. हमें PCL शूट करने दुबई चलना है, आप कल ऑफिस आ जाओ।

“सॉरी, BUT मैंने कही ओर ज्वॉइन कर लिया है। बॉस ने लॉक-डाउन में सैलेरी देने से मना कर दिया था, मेरे पास और कुछ ऑप्शन भी नहीं था, इसलिए मैंने लॉक-डाउन में दूसरा ऑफिस ज्वॉइन कर लिया।”

Aniket (shocked) - what?

 

क्या इतनी जल्दी दूसरा कैमरा ऑपरेटर हायर कर पायेगा अनिकेत? सैलेरी न देने की उसकी बॉस की गलती कितनी भारी पड़ने वाली थी उसको? ICL के अनाउंसमेंट के साथ ही आख़िर किस बात का सदमा लगेगा उसे?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

 

 

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