​​खेल अब सिर्फ कानून का नहीं था, बल्कि इज्जत और छल की उस कश्मकश का था जहां हर चाल जिंदगी बदल सकती थी। अदालत के दरवाज़ों के पीछे, सच्चाई और झूठ के बीच की लड़ाई और भी खतरनाक हो चुकी थी। राकेश माधवानी के हाथ में अब वो सबूत था जो पूरे मामले को उधेड़ सकता था, लेकिन सामने अजीत खंडेलवाल जैसा प्रतिद्वंदी था, जो हर वार को काटने के लिए तैयार बैठा था। सच्चाई की राह पर चलते हुए, अब सिर्फ तर्कों की नहीं बल्कि हिम्मत की भी परीक्षा थी। हर चेहरा नकाब में छिपा था, और हर कदम एक नए मोड़ का इंतजार कर रहा था। आज का दिन सिर्फ अदालत में नहीं, बल्कि उन साजिशों में भी हलचल मचाने वाला था जो पर्दे के पीछे खेली जा रही थीं। फैसले की घड़ी करीब थी, लेकिन रास्ता और भी मुश्किल होने वाला था।​

​​रात का सन्नाटा ऑफिस के अंदर की हलचल को और भी तेज़ कर रहा था। राकेश की आंखों में हल्की थकान थी, लेकिन दिमाग अब भी लगातार दौड़ रहा था। बाहर हल्की सी बारिश हो रही थी, और ऑफिस की खिड़की पर पानी की बूंदों की आवाज़ एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रही थी। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई, और आरव अंदर आया। उसके हाथ में कुछ कागज़ थे, चेहरा चिंता और उत्साह के बीच झूल रहा था।​

​​"सर, वो हैकर मिल गया," आरव ने दरवाज़ा बंद करते ही कहा। उसकी आवाज़ में एक हल्का तनाव था, जैसे कुछ बहुत बड़ा खुलासा होने वाला हो। राकेश ने एकदम से उसकी ओर देखा, मानो सारी थकान एक झटके में गायब हो गई हो।​

​​"क्या पता चला?" राकेश ने सीधे सवाल किया, उसकी आवाज़ में गंभीरता और बेचैनी दोनों थीं।​

​​आरव ने गहरी सांस लेते हुए कहा, "सर, वीडियो पक्का डीपफेक  है। उसे बहुत ही सफाई से मॉडिफाई किया गया है। मेरे हैकर कान्टैक्ट  ने पूरी जांच की है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस पूरी साजिश का सूत्रधार कोई बेल्जियन हैकर है। उस हैकर को बाहर से पैसे दिए गए थे, और ये काम एक विदेशी नंबर से किया गया है। अब तो ये साफ़ है कि ये साजिश यहां से नहीं, बाहर से रची गई है।"​

​​राकेश ने आरव की बातें बड़े ध्यान से सुनीं। उसकी आंखों में अब गंभीरता और बढ़ गई थी। बाहर बारिश की आवाज़ और तेज़ हो गई थी, जैसे ये अंधेरा और गहरा हो रहा हो। उसने कुर्सी पर पीछे झुकते हुए कहा, ​

​​राकेश: "बेल्जियम? मतलब ये कोई साधारण काम नहीं है। कोई रॉकी को बहुत बुरी तरह फंसाना चाहता है। लेकिन सवाल ये है कि वो कौन है जिसने इतना बड़ा दांव खेला?"​

​​आरव ने एक फाइल राकेश की तरफ बढ़ाई। "सर, मेरे हैकर कान्टैक्ट ने ये भी पता लगाया कि इस बेल्जियन हैकर  को डार्कनेट  के ज़रिये कॉन्ट्रैक्ट मिला था। उसने साफ-साफ बताया कि ये सारा लेन-देन डार्क वेब पर हुआ है और सबसे बड़ा सवाल ये है कि ये आईपी अड्रेस किसने दिया।"​

​​राकेश कुछ पलों तक खामोश रहा, उसकी उंगलियां मेज पर धीरे-धीरे थाप दे रही थीं। उसने अपने सामने बैठा आरव को देखा और फिर धीमे स्वर में कहा, ​

​​राकेश: "डार्कनेट ? इसका मतलब खेल और बड़ा है, और इससे निपटने के लिए हमें किसी ऐसे शख्स की जरूरत होगी जो इस गहरे जाल को अच्छी तरह जानता हो।"​

​​उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आई। उसने फोन उठाया और कुछ पलों के इंतजार के बाद दूसरी तरफ से एक धीमी, मगर खुरदरी आवाज़ आई। "राकेश माधवानी, तुमसे बहुत वक्त बाद सुन रहा हूं। क्या इस बार भी कोई बड़ा राज़ खोलने का इरादा है?"​

​​राकेश ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया, ​

​​राकेश: "जितेंद्र, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। एक ऐसा आईपी अड्रेस  है जिसने किसी को हायर किया है रॉकी को फंसाने के लिए। ये सारा खेल डार्कनेट  पर खेला गया है, और तुमसे बेहतर कोई नहीं जानता कि इस अंधेरे में कैसे रोशनी लाई जाए।"​

​​दूसरी तरफ से कुछ पलों की खामोशी रही। फिर जितेंद्र की गंभीर आवाज़ आई, "डार्कनेट  के राज़ कभी आसान नहीं होते, लेकिन अगर कोई इस IP के पीछे है, तो उसे निकालना मुश्किल नहीं होगा। मुझे सारी जानकारी भेजो। कुछ घंटों में तुम्हारे पास वो नाम होगा जिसने ये खेल खेला है। लेकिन याद रखना, इस जाल के पीछे और भी बड़े चेहरे छुपे हो सकते हैं।"​

​​राकेश ने फोन रखा और एक गहरी सांस ली। कमरे में अब सिर्फ बारिश की आवाज़ सुनाई दे रही थी, लेकिन उसके दिमाग में इस केस की गहराई और बढ़ गई थी। उसने आरव की तरफ देखा और कहा, ​

​​राकेश: "अब ये खेल और खतरनाक हो चुका है। हम उस आईपी अड्रेस तक पहुंचने ही वाले हैं जिसने रॉकी के खिलाफ ये साजिश रची है।"​

​​आरव ने सिर हिलाया, "सर, क्या ये वही इंसान होगा जिसे हम ढूंढ रहे हैं?"​

​​राकेश ने एक हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया, ​

​​राकेश: "जल्द ही पता चल जाएगा, आरव। अब सच्चाई सामने आने ही वाली है।"​

​​कोर्ट का माहौल गहरा और तनावपूर्ण था। रॉकी रघुवंशी जैसे ही कोर्टरूम में दाखिल हुआ, उसकी नजर एक आदमी से टकराई, जो सामने से आ रहा था। बिना कोई बात हुए दोनों एक-दूसरे से हल्का सा टकराए। उस आदमी ने हल्की हंसी के साथ कहा, "अरे रॉकी सर, ऑल द बेस्ट! आप ही जीतोगे।"​

​​रॉकी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सीधे आगे बढ़ गया। लेकिन जैसे ही वो आदमी थोड़ा पीछे मुड़ा, उसकी आवाज़ ठंडी हो गई, "तेरा घमंड आज चूर हो जाएगा।"​

​​रॉकी ने इसे नज़रअंदाज कर दिया और अपनी सीट पर जा बैठा, लेकिन कुछ अनजाना सा एहसास उसके दिल में आ गया था।​

​​कोर्टरूम की खामोशी को तोड़ते हुए अजित खंडेलवाल खड़े हुए। उन्होंने एक नए जोश के साथ अपनी दलीलें शुरू कीं। "माय लॉर्ड," अजित ने गंभीरता से कहा, "आज हम यहां सिर्फ एक अभिनेता के व्यक्तिगत जीवन की बात करने नहीं आए हैं। हम यहां एक ऐसे इंसान की बात कर रहे हैं जिसने अपने प्रभाव का गलत फायदा उठाया और एक ऐसी हरकत को अंजाम दिया जिसे समाज माफ नहीं कर सकता।"​

​​उन्होंने कागज़ात उठाए और कहा, "हमारे पास नए सबूत हैं जो दिखाते हैं कि रॉकी रघुवंशी के पास इस वीडियो के असली होने का खंडन करने का कोई ठोस आधार नहीं है। यह वीडियो वायरल हो चुका है और जब तक रॉकी इसका सच साबित नहीं कर पाते, तब तक वो दोषी माने जाएंगे।"​

​​राकेश ने अपनी सीट से खड़े होकर गहरी सांस ली। ​

​​राकेश: "माय लॉर्ड, अब तक हर बात सिर्फ अनुमानों पर आधारित थी। पर अब मैं यहां ठोस सबूत के साथ खड़ा हूं," ​​राकेश ने अपनी आवाज़ को थोड़ा ऊंचा करते हुए कहा।​​ "ये मामला सिर्फ एक वीडियो का नहीं, बल्कि उस तकनीक का है जो आज लोगों की जिंदगी बर्बाद कर सकती है।"​

​​राकेश ने एक स्क्रीन पर डेटा दिखाते हुए कहा, ​

​​राकेश: "हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि यह वीडियो, जो रॉकी के खिलाफ पेश किया गया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक तकनीक से बनाया गया है। आज की दुनिया में, वायरल वीडियो से सच्चाई की पहचान करना लगभग नामुमकिन हो चुका है। लोग सिर्फ विवाद देखते हैं, सच जानने का समय नहीं लेते।"​

​​फिर राकेश ने धीरे से एक और कागज़ात अदालत में प्रस्तुत किए। ​

​​राकेश: "और अब मैं आपको दिखाना चाहता हूं कि इस वीडियो को वायरल कहां से किया गया। यह वीडियो रॉकी के सबसे बड़े फैन क्लब से आया है, जिसका एडमिन वही इंसान है जिसने रॉकी को फंसाने की साजिश रची।"​

​​अचानक, अदालत में हलचल शुरू हो गई। राकेश ने गंभीरता से कहा, "और वो शख्स... वो आज यहां इस कोर्टरूम में बैठा है।"​

​​जैसे ही राकेश ने उंगली उठाई, वही आदमी जो रॉकी से टकराया था, अचानक घबराकर खड़ा हो गया और भागने की कोशिश की। "पकड़ो उसे!" राकेश चिल्लाया, और पुलिस ने उसे फौरन पकड़ लिया और कटघरे में ले आए।​

​​वो आदमी पसीने में लथपथ था। उसकी आंखों में गुस्सा और बेबसी दोनों थे। "मैंने कुछ गलत नहीं किया," उसने चिल्लाते हुए कहा। "मैं रॉकी का सबसे बड़ा फैन था... लेकिन जब मुझे मौका मिला उससे मिलने का, उसने मुझे नज़रअंदाज कर दिया। उसने मुझे कोई भाव नहीं दिया! मुझे ये दिखाना था कि अगर फैन हैं, तो स्टार्स हैं, वरना ये लोग कुछ भी नहीं!"​

​​अदालत में हर कोई चौंक गया। आदमी की आवाज़ कांप रही थी, लेकिन उसके शब्दों में जहर था। "मैंने उसे सबक सिखाया... मैंने उसे दिखाया कि अगर हम नहीं हैं, तो वो भी कुछ नहीं!"​

​​राकेश ने उसकी ओर देखा और कहा, ​

​​राकेश: "माय लॉर्ड, यही वो सच्चाई है जिसे लोग नज़रअंदाज कर रहे थे। एक फैन की दीवानगी और तकनीक का गलत इस्तेमाल, एक ऐसे आदमी को फंसाने की कोशिश जो इस साजिश का शिकार है।"​

​​फिर राकेश ने गहरी आवाज़ में अपना समापन भाषण शुरू किया। ​

राकेश: ​"आज का समय सोशल मीडिया और वायरल वीडियो का है। लोग बिना सच जाने किसी की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं। सच क्या है, ये जानने की फिक्र अब किसी को नहीं रहती। एक इंसान की पर्सनल लाइफ उसके लिए होती है, और जब तक वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, हमें उस पर उंगली उठाने का हक नहीं है।"​

​​राकेश ने अदालत की ओर मुड़ते हुए कहा, ​

​​राकेश: "रॉकी की पर्सनल जिंदगी में क्या होता है, ये किसी और के लिए मायने नहीं रखना चाहिए। लेकिन सोशल मीडिया के इस युग में, कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर आज ये रॉकी है, तो कल आप भी हो सकते हैं। इसलिए हमें किसी भी चीज़ पर यकीन करने से पहले सच जानने की कोशिश करनी चाहिए। हर बार कान्ट्रवर्सी में शामिल होना जरूरी नहीं होता, सच तक पहुंचना जरूरी है।"​

​​अदालत में सन्नाटा छा गया था। राकेश की बातें हर किसी के दिल तक पहुंच चुकी थीं। फैसला अब जज के हाथ में था, लेकिन सच का पलड़ा अब रॉकी के पक्ष में झुक चुका था।​

​​जज मीरा ने अपना फैसला सुनाने के लिए गहरी सांस ली और पूरे कोर्टरूम में एक सन्नाटा छा गया। हर किसी की नजरें उनकी तरफ थीं।​

​​"इस कोर्ट ने प्रस्तुत किए गए सबूतों और गवाहियों पर गौर किया है। यह साफ़ हो चुका है कि वीडियो, जिसे इस मामले की नींव माना गया, एक डीपफेक वीडियो था, और रॉकी रघुवंशी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। इस वीडियो को जानबूझकर मॉडिफाई किया गया था, और इसके पीछे जो साजिश थी, वह खुलकर सामने आ चुकी है। इस कोर्ट का फैसला है कि रॉकी रघुवंशी निर्दोष हैं।"​

​​फैसला सुनते ही कोर्टरूम में हलचल शुरू हो गई। रॉकी ने गहरी सांस ली और एक हल्की मुस्कान के साथ राकेश की तरफ देखा, जिसने सिर झुकाकर उसे इशारा किया।​

​​अजीत खंडेलवाल ने अपना सामान उठाया और बिना कोई शब्द कहे राकेश की तरफ देखा। दोनों की आंखें मिलीं, उन आंखों में पुरानी दोस्ती और अब की दुश्मनी का अजीब सा मेल था। लेकिन दोनों ने बिना कुछ कहे, एक-दूसरे की ओर इशारा किया और अपने-अपने रास्ते चल पड़े। ये लड़ाई खत्म हो चुकी थी—कम से कम अभी के लिए।​

​​कोर्ट के बाहर, रॉकी मीडिया से घिरा हुआ था। कैमरों की लाइट्स और माइक्रोफोन्स की भीड़ के बीच रॉकी ने अपने शब्दों को सटीक चुना। "मैं अपने उस फैन और सभी फैंस से माफी मांगना चाहता हूं। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी किसी हरकत से ऐसा असर पड़ेगा। मैं आप सभी का सम्मान करता हूं और उम्मीद करता हूं कि आप मुझे समझेंगे।"​

​​रॉकी के चेहरे पर पछतावे के साथ हल्की सी शांति थी। माफी का वक्त था, और उसे पता था कि ये जरूरी था।​

​​लेकिन तभी, एक परिचित चेहरा नजर आया—इंस्पेक्टर विक्रम सिंह। वह सीधे राकेश के पास आया और गहरी आवाज़ में बोला, "राकेश, एक नए मामले की जरूरत है तुम्हें।"​

​​राकेश ने हल्की मुस्कान के साथ पूछा, ​

​​राकेश: "क्या बात है, विक्रम?"​

​​कोर्टरूम से बाहर की हवा अचानक और भी भारी लगने लगी। एक नई चुनौती ने राकेश का इंतजार किया, और ये केस पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक लग रहा था।​ क्या होगा आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए 

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