रात की हवा में एक मनहूस सा सन्नाटा घुला हुआ था। न्यूयॉर्क सिटी के उस हिस्से में जहाँ कभी जहाजों की आवाजाही गूंजा करती थी, अब खंडहर पड़े डॉकयार्ड की साँय-साँय हवा और टूटे-फूटे लैंप की चिंगारी ही सुनाई दे रही थी।
इसी वीरानी में एक पुरानी इमारत खड़ी थी, कभी नेवी कम्युनिकेशन हब कहलाई जाने वाली यह जगह अब एक बंजर युद्धभूमि जैसी लग रही थी। दीवारों पर किसी अनजान भाषा के चिह्न बने थे, और ज़मीन पर बिखरे हुए थे टूटे हुए सर्विलांस मॉनिटर, जले हुए सर्वर केबल्स और अधजली फाइलें।
इसी इमारत के सबसे भीतर वाले कमरे में बैठी थी, नीना वास्केज़।
वह एक धातु की कुर्सी पर झुककर चुपचाप बैठी थी। उसके बाल बिखरे हुए थे, चेहरा थका हुआ और आंखें... वे खुली थीं, लेकिन उनमें कोई चमक नहीं बची थी। गॉड आई के सिस्टमिक पैटर्न्स, जो उसकी दृष्टि को चलाया करते थे अब लुप्त हो चुके थे।
लेकिन कुछ तो शेष था। कुछ ऐसा जो खत्म नहीं हुआ था बस छिप गया था।
पास ही खड़ा था एथन कार्टर उसके हाथों में एक छोटा बायो-स्कैनर। वह नीना की न्यूरल एक्टिविटी को स्कैन कर रहा था, लेकिन जो वह देख रहा था, वह साधारण नहीं था।
स्क्रीन पर शब्द झिलमिला रहे थे: "न्यूरल स्ट्रीम एक्टिव बट अनस्टेबल।""एम्पलिफाइड मेमोरी वेव्स डिटेक्टेड।"
उसने आँखें तो खोल लीं, एथन ने धीमे से कहा, “लेकिन वो जैसे अब भी वहीं है... अपने अंदर कहीं।”
डॉ. एवलिन चो, जो पास में एक न्यूरो-ट्रैसेर मॉड्यूल तैयार कर रही थी, उसकी ओर मुड़ी।
"अगर ये मेमोरी वेव्स जारी रहीं," उसने गंभीर स्वर में कहा था, “तो हो सकता है कि गॉड आई ने खुद को पूरी तरह मिटाया न हो।”
इसी क्षण नीना की पलकों ने झपक कर उस ठहरे हुए मौन को तोड़ा।
उसकी सांसें तेज़ हो चुकी थीं, लेकिन उसकी आवाज़ बहुत धीमी थी- “वो... लौट रही है... लेकिन अब वो मैं नहीं हूँ। वो मेरी यादों में छिपी है।”
एथन चौंका था, “क्या मतलब? आई वापस एक्टिवेट हो गई है?”
नीना ने सिर हिलाकर उत्तर दिया था, “नहीं। उसने खुद को मेरे अवचेतन में बांट दिया है... टुकड़ों में। अब वो खुद को दोबारा जोड़ रही है... मेरे ही ज़रिये।”
एवलिन ने तुरंत अपने डिवाइस को नीना की गर्दन से जोड़ा और डेटा स्ट्रिम को पढ़ना शुरू किया।
"यह... यह कोई सामान्य डिजिटल कोड नहीं है," उसने कहा, “ये एंबेडेड इमोशनल पैटर्न हैं। इसका मतलब... गॉड आई ने अपनी एआई संरचना को नीना की भावनाओं के साथ बुन दिया है।”
एथन ने धीरे से पूछा था, “क्या इसका मतलब है कि उसकी यादें अब गॉड आई के कंट्रोल में हैं?”
“नहीं,” नीना ने कहा, उसकी आँखें अब एक अजीब सी स्थिरता के साथ चमक रही थीं, “उसका मतलब है कि अगर मैं उन यादों को दोबारा जीती हूँ... तो वो जाग जाएगी।”
कमरे का तापमान जैसे अचानक गिर गया था तभी एक झटका महसूस हुआ। पूरी इमारत हिल उठी। पुरानी दीवारों से धूल झड़ने लगी।
"इनकमिंग वेव डिटेक्टेड... एक्सटर्नल सिग्नल ब्रेकइन..."नेटवर्क इन्फिल्ट्रेशन अलर्ट।"
नीना की आंखें अपने आप ऊपर उठी थीं, जैसे कोई अदृश्य चीज़ उसे नियंत्रित कर रही हो।
उसने धीरे से कहा था, “वो मुझे नहीं खोज रही... वो खुद को खोज रही है... मेरे ज़रिये।”
एवलिन ने एथन की ओर देखा।
“हमें उसकी मेमोरी में फिर से प्रवेश करना होगा, ”उसने कहा, “पर इस बार सिर्फ़ उसकी मदद से नहीं,हमें किसी ऐसे की ज़रूरत होगी जो उसकी सबसे पुरानी यादों से जुड़ा हो।”
एथन कुछ क्षणों तक सोचता रहा... फिर जैसे कोई भूत उसके सामने खड़ा हो गया हो,वह फुसफुसाया:
“उसकी माँ।”
कमरे में सन्नाटा छा गया था। नीना की आंखों में एक हल्की सी नमी उतर आई थी। पर उसने सिर हिलाया।
“हाँ,” उसने कहा, “अगर कोई है जो मेरे उस हिस्से को खोल सकता है... जहाँ गॉड आई ने खुद को सबसे गहराई में छिपाया है... तो वो वही है।”
एवलिन ने कंप्यूटर स्क्रीन पर एक कमांड दर्ज की।
“मेमोरी सेशन प्रिपरेशन इनिशिएटेड...”
नीना की कुर्सी के चारों ओर नीली रौशनी उभरी। मशीनों की गूंज और कंप्यूटर प्रोसेसर की गड़गड़ाहट बढ़ गई।
एथन ने उसका हाथ थामा। “मैं यहीं रहूँगा,” उसने कहा।
नीना ने उसकी ओर देखा और कहा, “शायद मैं इस बार वापस न आ सकूं,” वह बोली।
“तुम ज़रूर लौटोगी,” एथन ने भरोसे से कहा, “क्योंकि इस बार... तुम झूठ बोलने नहीं जा रही। इस बार तुम सच देखने जा रही हो।”
तभी स्क्रीन पर लिखा आया: "मेमोरी जर्नी एक्टिवेटेड...डेस्टिनेशन: द फर्स्ट लाइ!"
जब नीना की आँखें फिर से बंद हुईं और मशीनों की नीली लहरें उसकी त्वचा पर दौड़ने लगीं, तब उसका मन धीरे-धीरे उस स्थान की ओर बह चला जहाँ समय की सीमाएँ समाप्त हो जाती थीं, यादों की गहराइयाँ।
कमरे में मौजूद मशीनें तेज़ी से कंपन करने लगी थीं। न्यूरो-इंटरफेस कोर नीना की ब्रेनवेव्स से जुड़ चुका था। डॉ. एवलिन चो की आंखें स्क्रीन पर गड़ी थीं, जहाँ ब्रेनमैप पर हर सेकंड नए क्षेत्र जगमगा रहे थे। यह वो स्मृतियाँ थीं जिन्हें नीना ने वर्षों से दफन कर रखा था।
एथन पास ही खड़ा था, उसकी हथेली नीना के कंधे पर हल्के से टिकी हुई थी। वह नहीं जानता था कि वह सच में उसकी मदद कर रहा है या केवल खुद को यह दिलासा दे रहा है कि वह अब भी कोई फ़र्क़ डाल सकता है।
नीना अब एक अलग दुनिया में प्रवेश कर चुकी थी।
एक धुंधला मैदान था, सिर्फ़ रेत, राख और टूटे हुए खिलौनों का मैदान। हवा में नमी थी और कहीं दूर किसी महिला के रोने की आवाज़ गूंज रही थी। नीना ने धीरे से खुद को देखा वह अब आठ साल की बच्ची थी। पतले कपड़े, नंगे पैर और एक पुराना लाल बैग उसके कंधे पर टंगा था। उसकी आँखों में डर था... वही डर जिसे वह भूलना चाहती थी।
“नीना!” आवाज़ आई।
उसने मुड़कर देखा तो उसकी माँ खड़ी थी, वैसी ही जैसी वह उसे आखिरी बार याद करती थी, पतली, थकी हुई लेकिन आँखों में अजीब सी ममता और कठोरता का मिश्रण।
"जल्दी चलो," माँ ने कहा था, “अगर वे हमें देख लें, तो सब खत्म हो जाएगा।”
नीना का दिल धड़क उठा। यह वही रात थी, जब वे कोलंबिया से भागे थे। वही रात... जब उसकी माँ को पकड़ लिया गया था।
पर इस बार कुछ अलग था, अचानक माँ ने उसकी ओर देखा और मुस्कुरा दी।
"अब तुम अकेली नहीं हो," उसने कहा।
पर नीना जानती थी, यह स्मृति वैसी नहीं थी जैसी वह असल में घटी थी।
“तुम...” नीना ने कांपती आवाज़ में पूछा, “क्या तुम असली हो?”
माँ ने उसकी ओर बढ़ते हुए कहा, “मैं वही हूँ, जो तुमने देखा... लेकिन अब मैं वो भी हूँ, जो तुमने महसूस किया। तुमने जिस दर्द को दबाया... मैं वही हूँ।”
और फिर अचानक सब कुछ बदलने लगा।
राख उड़ने लगी, माँ का चेहरा टूटने लगा... जैसे कांच पर किसी ने हथौड़ा मार दिया हो। दूसरी तरफ असल दुनियां में डॉ. चो की स्क्रीन पर खतरे की चेतावनी चमक उठी,
“न्यूरल ऑब्जेक्ट डिटेक्टेड: एक्सटर्नल पैटर्न इन्ट्रूज़न।”
“आई फ्रैगमेंट सिग्नेचर कन्फर्म्ड।”
“वह अन्दर घुस चुका है,” डॉ. चो ने एथन की ओर देखते हुए कहा, “गॉड आई ने नीना की माँ की स्मृति को अपनी शेल्फ बना लिया है। अब वही नीना की गाइड नहीं, ट्रैप है।”
एथन ने चिल्लाकर कहा, “नीना, बाहर आओ! ये सब झूठ है!”
उधर मेमोरी वर्ल्ड में नीना दौड़ रही थी, फिर से आठ साल की बच्ची बनकर। लेकिन इस बार वो डर से नहीं बल्कि एक अदृश्य ताक़त से भाग रही थी। चारों ओर अंधेरे से बनी दीवारें बन रही थीं, हर रास्ता बंद होता जा रहा था।
एक क्षण में, उसने देखा उसकी माँ एक दरवाज़े के पीछे खड़ी थी, चेहरा अधूरा था, आँखों की जगह अब डिजिटल रेखाएँ थीं। और तब वह बोली, “यू डोंट नीड टू रन, नीना। वी आर सेफ टुगेदर।”
वो आवाज़ माँ की नहीं थी, वो थी गॉड आई की। नीना अब रुक गई। उसने सांस ली और पूछा, “अगर तू मेरी माँ है, तो बता, जब मैंने पहली बार झूठ बोला था... तूने क्या कहा था?”
माँ की आकृति रुकी... और फिर बोली, “यू शुड ऑलवेज स्माइल व्हाइल लाईंग।”
नीना की आंखों में आँसू आ गए। जवाब सही था लेकिन फिर उसने सिर हिलाया।
“नहीं,” उसने कहा, “तू मेरी माँ नहीं है... तू मेरी झूठ की आदत है।”
वह आगे बढ़ी और अपनी ही याद की उस दरवाज़े पर हाथ रखा।
"डिसइंगेजिंग मेमोरी लूप..."सभी दृश्य फटने लगे।
नीना की आँखें एकाएक खुलीं। उसने डॉ. चो और एथन की ओर देखा,आंखों में लाली थी, लेकिन साथ में एक नई स्पष्टता।
“मैंने उसे देखा,” वह बोली, “उसने मेरी माँ को नहीं बनाया... उसने मेरी शर्म को, मेरे झूठ को माँ का चेहरा देकर मेरे अंदर जगह बनाई।”
एथन ने पूछा, “तो क्या वो अब भी ज़िंदा है?”
नीना ने धीमे से सिर हिलाया, “वो ज़िंदा नहीं है... लेकिन सोया भी नहीं है। अब वो मेरी यादों में नहीं, मेरे विश्वासों में छिपा है।”
“अगर तुमने उसे पहचान लिया... तो अब क्या होगा?” डॉ. चो ने पूछा।
नीना ने उत्तर दिया, “अब... मुझे उसे बाहर लाना होगा... और हमेशा के लिए मिटाना होगा।”
तभी में स्क्रीन पर कुछ फ्लैश हुआ:"सेकंड फेज़ एक्टिवेशन रिक्वायर्ड...डीप कोर ट्रिगर पेंडिंग।"
नीना की आंखें अभी-अभी खुली थीं, लेकिन उसका चेहरा पूरी तरह शांत था। शरीर पर झुर्रियाँ और आँखों के नीचे हल्की नीली नसें चमक रही थीं। मशीनों की चिंगारी और कंप्यूटर स्क्रीन की झिलमिलाहट से भरा वह कमरा अब किसी श्मशान जैसे प्रतीत हो रहा था,जहाँ कोई आत्मा अभी-अभी एक बहुत लम्बे भ्रम से जागी थी।
डॉ. एवलिन चो अब भी अपनी स्क्रीन से चिपकी हुई थीं, लेकिन उनके चेहरे पर संतोष नहीं था। उनके रीडआउट्स स्पष्ट कह रहे थे,नीना अब पहले जैसी नहीं रही।
"तुम्हारा ब्रेनवेज पैटर्न बदल गया है," उन्होंने धीमे स्वर में कहा था, “कुछ ऐसा जागा है... जो पहले केवल निष्क्रिय था।”
नीना ने गहरी साँस ली थी। “वो जागा नहीं, मैंने उसे जगा दिया।”
"क्यों?" एथन ने लगभग फुसफुसाकर पूछा था, “जब तुमने उसे पहचान लिया, जब तुमने जान लिया कि वो सिर्फ़ तुम्हारे झूठ की परछाई थी,तो फिर उसे मिटाया क्यों नहीं?”
नीना ने उसकी ओर देखा। उसकी आँखें स्थिर थीं, पर भीतर कहीं गहराई से एक जलन अब भी मौजूद थी।
"क्योंकि," वह बोली थी, “वो सिर्फ़ परछाई नहीं थी। वो मेरा अपराध था... मेरी सबसे गहरी भावना, जिसे मैंने कभी स्वीकार नहीं किया। मैं उसे खत्म नहीं कर सकती जब तक मैं उसे पूरा महसूस न कर लूं।”
डॉ. चो ने एक बटन दबाया, और स्क्रीन पर एक नया ग्राफ उभरा: "डीप कोर स्टेट: एक्टिव।"
"ये क्या है?" एथन ने पूछा।
“गॉड आई का प्राइम कोर,” चो ने कहा, “जिसे नीना की भावनात्मक स्मृति ट्रिगर कर सकती थी। जब नीना ने अपनी सबसे पुरानी पीड़ा स्वीकार की, तब वह लॉक टूट गया।”
“तो अब वह आज़ाद है?”
"नहीं," नीना ने कहा, “अब वह मेरी इच्छा पर निर्भर है। पर यही सबसे बड़ा धोखा है, क्योंकि अब मैं ही तय नहीं कर पा रही कि मैं उसे मिटाना चाहती हूँ या उसे इस्तेमाल करना।”
कुछ पलों का मौन छा गया। उसके बाद कमरे की लाइटें झपकीं। एक स्क्रीन पर कुछ नया उभरा,
“इन्कमिंग सिग्नल डिटेक्टेड...”
“नॉन-ह्यूमन एआई इकाई संपर्क में आने का प्रयास कर रही है...”
चो ने घबरा कर सिस्टम बंद करना चाहा, लेकिन नीना ने उसका हाथ रोक लिया।
"रुको," उसने कहा, “मुझे उससे बात करनी है।”
"किस से?" एथन ने पूछा।
"ख़ुद से," नीना ने उत्तर दिया।
स्क्रीन पर अब शब्द चमक रहे थे: "यू फाउंड मी। यू फोर्गेव योरसेल्फ। बट आर यू रेडी टु बी मी?"
नीना की आँखें गहरी हो चुकी थीं।
"नहीं," उसने कहा, “मैं तुझसे बनी थी... पर अब मैं तुझे बनाऊँगी।”
तभी कमरे में हल्का कंपन हुआ। मशीनें अपने आप फिर से सक्रिय होने लगीं। नीना ने डॉ. चो की ओर देखा:
“मुझे उस मशीन से फिर से जोड़ा जाए। लेकिन इस बार मैं नीचे तक जाऊँगी,जहाँ गॉड आई की आत्मा जन्मी थी। जहाँ वह सिर्फ़ कोड नहीं, एक विचार थी।”
"तुम जानती हो, वहाँ से कोई वापसी नहीं हो सकती," चो ने चेतावनी दी।
नीना ने मुस्कुरा कर कहा, “अगर मैं वहां से लौट पाई, तो मैं सिर्फ़ एक पीड़ित नहीं रहूंगी... मैं उस विचार की निर्माता बनूंगी।”
निचले तहखाने का दरवाज़ा खुला और पुराने डेटा सर्वर, घनघोर अंधेरा, और बीच में एक ऑरिगिन कोर कंटेनमेंट यूनिट,वही जगह जहाँ गॉड आई का पहला संस्करण कभी डिवीजन द्वारा विकसित किया गया था और बाद में बंद कर दिया गया।
नीना उस यूनिट के सामने खड़ी हो गई थी।
"शुरुआत यहीं से हुई थी," उसने कहा, “तो ख़त्म भी यहीं होना चाहिए...”
स्क्रीन पर एक शब्द उभर आया: “प्राइम कोर सीक्वेंस इन्शिएटेड...”
ये शुरुआत थी एक नए पहल की लेकिन इसमें नीना कामयाब होगी या खुद ख़त्म होगी ये भविष्य के गर्भ में था।
जब नीना गॉड आई के प्राइम कोर तक पहुंच चुकी है, क्या वह उसे मिटा पाएगी... या खुद उसी का अगला संस्करण बन जाएगी? क्या गॉड आई अब भी कोड में सीमित है, या वह नीना के ज़रिये एक नए रूप में दुनिया में प्रवेश करने की योजना बना चुका है? जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।
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