अजनबी लोगों के बीच एक जाने-पहचाने चेहरे का होना नेहा को अच्छा लग रहा था, लेकिन बीती हुई बातों की वजह से वह पूरी तरह से कम्फ्टेबल नहीं हो पा रही थी। नेहा के मन में कई डाउट थे, जैसे क्या संजू ने जानबूझकर उसे इस कैंप में भेजा है? क्या रोहित को उसके शादीशुदा जीवन की प्रॉब्लेम के बारे में पता है? ऐसे बहुत से सवाल नेहा के मन में घर कर गए थे।
तभी रोहित का यह पूछना कि क्या नेहा को उसका प्रपोज़ल वाला दिन याद है, उसे और भी अन्कम्फ्टेबल कर देता है। कॉलेज के समय में नेहा को रोहित बहुत पसंद था, पर यह पसंद कभी अंजाम तक नहीं पहुंच पाई थी। नेहा, रोहित के इस सवाल का जवाब नहीं देना चाहती, इसलिए बात मोड़ने की कोशिश करती है।
नेहा: “हमे अभी जाकर एक्टिविटीज़ में पार्टिसपैट करना चाहिए।”
यह कहकर नेहा गार्डन से उठकर चली गई। अगले दिन से कैंप के सेशंस और भी बढ़ गए। नेहा के लिए ये एक तरह से ये अच्छा भी था, क्योंकि अब उसे रोहित के सवालों का जवाब नहीं देना था। कुछ सेशंस नेहा को अच्छे लग रहे थे, जबकि कुछ ऐसे भी थे जो उसकी समझ के परे थे।
ऐसा ही एक सेशन था 'शून्य चक्र', जिसमें इंस्ट्रक्टर्स सभी ऑर्गनाइजर्स को मन को स्टैबल और फोकस रखने का इम्पॉर्टन्स समझा रहे थे। नेहा इस बात से अग्री थी कि दिमाग को स्टैबल और फोकस्ड रखने की जरूरत होती है, लेकिन वह इस बात को नहीं समझ पा रही थी कि आखिर दिमाग को सिर्फ अच्छी चीज़ों पर फोकस करने से क्या बुरी चीज़ें चली जाएंगी?
नेहा ने अपने जीवन के आठ साल मृत्युंजय की बुरी आदतों को नजरअंदाज करते हुए बिताए थे, और आज वह कहां है? नेहा की इस बात से असहमति होने ही वाली थी कि पीछे से एक आवाज आती है। इस कैंप में नेहा के अलावा और भी लोग थे जो इन बातों से असहमत थे। यह आवाज थी रोहित की।
रोहित: “माफ कीजिएगा, मैं बीच में बोल रहा हूं, पर मेरा एक सवाल है। मन को पॉजिटिव नहीं बल्कि रियल चीज़ों पर फोकस रखने की जरूरत है। हममें से ज्यादातर लोग यहां किसी न किसी चीज़ से परेशान होकर आए है, और हमारे जीवन में केवल पॉजिटिविटी तो नहीं रह सकती। क्या आप हमें यह बता सकते है कि अगर ज़िन्दगी में नेगेटिविटी हावी हो रही हो तो इंसान खुश कैसे रहे?”
रोहित की इस बात ने सबका ध्यान उसकी ओर खींच लिया, क्योंकि उसने जो कहा, वो शायद वहां कैंप के ज्यादातर मेंबर्स के मन में था। नेहा मन ही मन मुस्कुराने लगी। यही वो रोहित था जिसने नेहा का दिल जीता था। आखिर रोहित हमेशा से ऐसा ही तो था - बेबाकी से अपनी बात रखने वाला। सबसे सहमत होना रोहित की डिक्शनरी में था ही नहीं। शायद इसीलिए कॉलेज की तरह यहां भी रोहित सबका फेवरेट बन रहा था।
सेशंस खत्म होने के बाद, रोहित सबके साथ बैठकर हंसी-मजाक और शरारतें करने लगा। नेहा कुछ दूरी पर बैठकर उसकी हरकतों को देख रही थी। अपने आसपास हंसी का माहौल बनाना मानो रोहित के बाएं हाथ का खेल था। ऐसे ही हंसी-ठिठोली करते-करते शाम हो गई।
शाम को जब सारे मेंबर्स आ गए, तो ऑर्गनाइजर्स ने एक आइस-ब्रेकिंग सेशन कराने का सोचा। इस सेशन में हर मेंबर को कम से कम तीन मेंबर्स से जाकर उनकी ज़िन्दगी के बारे में जानना था, और फिर अपने शब्दों में उन्हें इंट्रोड्यूस करना था। सारे मेंबर्स कॉमन हॉल में जाकर बैठ गए। रोहित बिना कुछ कहे नेहा की बगल वाली सीट पर बैठ गया। नेहा ने भी रोहित को नहीं रोका।
रोहित: "और मैडम? अब तो पहचानती है ना मुझे? इंट्रोड्यूस करवाएंगी या नहीं?" (हंसते हुए)
नेहा: "हो गई गलती, अब तो भूल जाओ।"
इतने में आइस-ब्रेकिंग सेशन शुरू हो गया। नेहा इस कैंप में रोहित के अलावा किसी और को नहीं जानती थी, इसलिए यह सेशन नेहा के लिए थोड़ा मुश्किल साबित हो रहा था। रोहित को यह एहसास हो गया था कि नेहा के लिए यह सब नया है। कॉलेज में भी नेहा जल्दी किसी से बात करना पसंद नहीं करती थी, और यहां तो अजनबियों से बात करनी थी।
रोहित: “घबराओ मत। तुम चाहो तो मुझे इंट्रोड्यूस कर सकती हो। मैं ही तीन लोगों के बराबर हूं।”
नेहा यह सुनकर हंसने लगी। नेहा ने रोहित के बचपन की फोटो देखी थीं। रोहित सच में उन दिनों तीन लोगों के बराबर हुआ करता था। नेहा रोहित को गौर से देखने लगी, उसके सिक्स-पैक एब्स शर्ट के ऊपर से ही दिख रहे थे।
इसी हंसी-ठिठोली के बीच नेहा की भी बारी आ गई। नेहा उठकर तीन लोगों के पास गई और उन्हें इंट्रोड्यूस करवाया। नेहा अब बहुत हल्का महसूस कर रही थी। अब बारी थी रोहित की। इस बीच ऑर्गनाइजर ने कहा "सर, सबको इंट्रोड्यूस न कर दीजिएगा, बाकी लोगों को भी मौका दीजिएगा।"
रोहित सबसे पहले कैंप की एक बुजुर्ग महिला को इंट्रोड्यूस करता है।
रोहित: "ये महिला जो मेरे सामने बैठी है, वह इस कैंप की सबसे खूबसूरत महिला है।"
रोहित फिर दौड़कर दूसरे कोने में चला गया, जहां एक प्यारा सा कपल बैठा था।
रोहित: "और ये प्यारा सा कपल। घबराइए मत, मैं दोनों को इंट्रोड्यूस नहीं करूंगा। मुझे सिर्फ इन जनाब से मतलब है। आप ही तो थे जिन्होंने पार्किंग में खड़ी मेरी बेकुसूर, मासूम सी बाइक गिरा दी थी। याद रखूंगा आपको।"
यह सुनकर पूरे हॉल में हंसी की आवाज गूंजने लगी।
रोहित: "और वो जो वहां शांत बैठी है, वो है नेहा। मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड। तब भी शांत थी, अब भी शांत है। पर हां, उसकी तरफ़ देखकर कोई हंसे मत, वरना कंप्लेन कर देगी।"
नेहा यह सुनकर हंसने लगी, और इस पॉइंट पर सबका ध्यान नेहा की तरफ़ गया। रोहित वापस आकर नेहा के पास बैठ गया। नेहा की हंसी अचानक रुक गई।
रोहित: "रुक क्यों गई? हंस लो! वैसे भी दस साल बाद आज तुम्हें हंसते हुए देख रहा हूं।"
यह सुनकर नेहा को अजीब सा महसूस हुआ। उसे अच्छा भी लग रहा था, पर दिल के किसी कोने में नेहा को यह भी पता था कि यह अच्छा लगना गलत है। न जाने कितने वक्त बाद किसी ने नेहा की हंसी के बारे में बात की थी।
रोहित तो सबके प्रेजेंटेशन में उलझ गया, पर नेहा उसकी तरफ़ देखती रही। सेशन खत्म होने के बाद सारे लोग डिनर के लिए चले गए। सबके जाने के बाद कैंप की कुछ लड़कियां नेहा के पास आ गईं। नेहा को पता था कि ये लड़कियां रोहित के लिए उससे दोस्ती करने की कोशिश कर रही है। नेहा बस मुस्कुराकर डिनर करने चली गई।
डिनर टेबल पर जब नेहा खाना खा रही थी, तभी कोई धीरे से उसकी प्लेट में खीर रखकर चला गया। नेहा ने नज़रें उठाकर देखा, तो वह रोहित ही था। उसने हैरान होकर सोचा, मेन्यू में तो खीर थी ही नहीं! खैर, डिनर के बाद नेहा रोज़ की तरह गार्डन में जाकर अकेले बैठ गई। थोड़ी देर बाद रोहित भी वहां आ गया।
रोहित: "मैडम, बताया नहीं, खीर कैसी लगी?"
नेहा हल्की मुस्कान के साथ धन्यवाद कहते हुए बोल पड़ी, "लेकिन ये बताओ, तुम्हें खीर मिली कहां से? मेन्यू में तो नहीं थी।"
रोहित (मस्ती भरे अंदाज में): "मैडम, आपको खीर पसंद आई ना? तो फिर दादी को थैंक यू बोल दीजिए, उन्होंने खास हमारे लिए बनाई थी।" फिर रोहित ने उसी प्यारी ओल्ड लेडी की तरफ़ इशारा किया, जिन्हें उसने शाम के सेशन में इंट्रोड्यूस कराया था। वह दूर से रोहित को बड़े प्यार से देख रही थीं।
रोहित: "मुझे याद था, तुम्हें खीर कितनी पसंद है। इसीलिए जब दादी ने मुझे दी, तो मैंने सोचा तुम्हारे लिए परफेक्ट ट्रीट होगी।"
रोहित का यूं उसकी छोटी-छोटी बातें याद रखना, नेहा के दिल को गहराई से छू गया। रोहित ने उसे इमोशनल होते देखा और बस चुपचाप मुस्कुरा दिया।
रोहित: "नेहा जी, आपको किसी भी चीज़ की ज़रूरत हो तो हमें ज़रूर बताइए, ये कैंप हमारा ही समझ लीजिए। आखिरकार, आपका सुपरस्टार जो यहाँ है!"
इतना कहकर रोहित वापस उसी दादी के पास उनकी मदद करने चला गया। उधर, नेहा , जो सालों से अपने पति से कुछ पल के लिए भी तरसती आई थी, उसके लिए रोहित की यह छोटी-सी केयर किसी मरहम जैसी थी। लंबे समय बाद किसी ने उसकी पसंद-नापसंद की इतनी फिक्र की थी। अब नेहा का भी ध्यान धीरे-धीरे रोहित की ओर जाने लगा।
अगली सुबह जब नेहा सेशन एरिया में पहुँची, तो उसकी नज़रें रोहित को ही ढूंढ रही थीं, लेकिन वो कहीं दिख नहीं रहा था। उसने कुछ लोगों से रोहित के बारे में पूछा भी, पर किसी को भी रोहित के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। नेहा उसे ढूंढते हुए खुद से ही बड़बड़ाने लगी।
नेहा : "कहाँ चला गया यह आदमी? हर वक्त सबकी नजरों में छाया रहता है, और आज गायब है!"
तभी अचानक पीछे से किसी ने नेहा के कंधे पर हल्का सा हाथ रखा। नेहा ने मुड़कर देखा तो रोहित मुस्कुरा रहा था।
रोहित (हँसते हुए): "यह आदमी आज ज़रा ज्यादा ही सो गया था, इसलिए आपको नजर नहीं आया। लेकिन अब यह आपके सामने ही खड़ा है।"
रोहित ( मजाकिया अंदाज में )- "आप हमें ढूंढें और हम मिलें न? इतनी हिम्मत कहाँ है हमारी!"
रोहित को देखते ही नेहा का चेहरा खिल उठा, मानो किसी ने उसके अंदर नई जान फूंक दी हो। रोहित ने नेहा को सभी से मिलवाना शुरू किया। तभी कैंप की अथॉरिटीज़ आकर सबको सूचना देती है कि जिस क्षेत्र में उनका कैंप है, वहाँ आस-पास कई जंगली जानवर है, इसलिए कोई भी रात में अकेले अपने कमरे से बाहर न जाए। उन्होंने यह भी बताया कि कल रात एक जानवर ने किसी इंसान को मार डाला था। नेहा यह सुनकर बहुत डर गई।
नेहा ने कई बार रोहित को कैंप के बाहर चोरी-छिपे फोन पर बात करते हुए देखा था। जबकि मोबैइल फोन कैंप में मना थे, फिर भी नेहा ने कभी यह बात रोहित को नहीं बताई।
नेहा (थोड़ा गुस्से में): "रोहित, मुझे पता है कि तुम रात में कैंप के बाहर घूमते हो। अब तुम्हें यह सब बंद करना पड़ेगा, वरना मुझे तुम्हारी शिकायत करनी पड़ेगी।"
रोहित उसकी बात सुनकर एकदम चौंक जाता है और नज़रें चुराने लगता है।
रोहित (संभलते हुए): "तुम्हें गलतफहमी हुई होगी नेहा । शायद तुमने किसी और को देखा होगा।"
नेहा को पूरा यकीन था कि उसने रोहित को ही देखा था। लेकिन रोहित उससे झूठ क्यों बोल रहा था? क्या वह कुछ छिपा रहा था? आखिर ऐसा क्या कारण हो सकता था कि रोहित उसे सच बताने से कतरा रहा था? ये सारे सवाल अब नेहा के मन में तेजी से दौड़ने लगे।
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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