सूरज के चेहरे पर अब अपनी निजी घनी मूछें थीं, छोटी सी फ्रोचकट दाढ़ी, आधुनिक शैली में संवारे हुए बाल, तन पर एक कीमती सूट, भांखों में हल्के नीले रंग के कनटेक्ट लैस, ऊपर से लाइट नीले शीशों की ऐनक । उसने ऊपर से नीचे तक अपना अवलोकन किया तो मोना ने मुस्कराकर कहा 'बताओ, अब तुम्हें कोई आज से तीन महीने पहले के सूरज के रूप से पहचान सकता है ? चाहे तुम्हारा भाई ही क्यों न हो ?'
'सचमुच नहीं।'
'शक्ति तुम्हारी अपनी थी- मैंने तुम्हें जूडो-कराटे, कुंगफू और बाक्सिग की जो ट्रेनिंग दी है वह तुम्हारी प्रतिभा थी कि तुमने इतने कम समय में पूरी कर ली।'
"जी"
'अब तुम एक कुशल ड्राइवर हो- तुम एक बढ़िया मोटर साइकलिस्ट हो – इस सूट के नीचे तुमने जो कपड़े पहन रखे हैं -उनके ऊपर रिवाल्वर की गोली तो क्या हैण्डग्रेनेड भी असर नहीं कर सकता जबकि वे कपड़ी कोई लोहे के बुलट पा भी नहीं—डैड़ी के एक अमेरिकन वैज्ञानिक मित्र का आविष्कार हैं जो अभी अमेरिकी सेना के भी प्रयोग में नहीं आए।'
'जी।'
'आज जानते हो तुम्हें कहां चलना है?"
'कहां?'
'आज वर्जीना लिजा की अंगेजमेंट है एक बहुत बड़े आदमी के साथ जो इस शहर के अमीरों की नाक कहलाता है।'
'ओहो!'
'मैं वहां एक वी० आई० पी० की हैसियत से आमंत्रित की गयी हूँ।
'जी, और मैं?'
मोना ने मुस्कराकर कहा- 'तुम वहां मेरी जान-पहचान वालों में मेरे मंगेतर और प्रेमी के रूप में परिचित होगे।' 'नहीं।' सूरज के मस्तिष्क में एक छनाका-सा हुआ।
मोना ने कहा, 'हां, सूरज! यह समय की अनिवार्यता है— क्योंकि आज से इस शहर के समाज में तुम्हारा डबल रोल शुरू होने वाला है।'
'डबल रोल ? '
"हां, मेरे मंगेतर के रूप में तुम सोसायटी में एस० के०. भाटिया होगे अर्थात सूरज कुमार भाटिया और इस सूट के नीचे जो पहनावा है – उस पहनावे के साथ तुम ब्लैक वुल्फ कहलाआगे।
सूरज ने आश्चर्य से कहा- 'ब्लैक वुल्फ ?'
'हां, अर्थात काले भेड़िए।'
'जी, लेकिन।'
मोना ने हाथ उठाकर कहा, ‘और आज तुम्हें इस स्कीम का अपना पहला कारनामा पूरा करना है।'
'वह क्या?'
‘आज तुम होटल सेवन स्टार में वर्जीना लिजा के साथ यौन क्रिया करोगे।’
'नहीं'
सूरज हड़बड़ाकर पीछे हट गया। उसका पूरा शरीर इस तरह कांप गया था जैसे वह भूचाल की चपेट में आ गया हो।
वह कांपकर बोला, 'नहीं नहीं, कदाचित नहीं, मुझसे यह पाप कदाचित नहीं होगा।'
मोना ने ठण्डी सांस ली और मुस्कराकर कहा, 'मैं जानती थी, तुम्हारा जवाब यही होगा।'
'मैं, मैंने आज तक किसी भी स्त्री के साथ...!’
"मैं जानती हूं, मुझे विश्वास है तुमने आज तक अपने जीवन में किसी लड़की को बुरी नजर से देखा भी नहीं होगा, लेकिन क्या तुम्हें मालूम है कि जहर को मारने के लिए जहर का ही इन्जेक्शन इस्तेमाल किया जाता है? लोहे से लोहा काट जाता है?'
'जानता हूं, लेकिन पाप करने से पाप का अन्त होगा—यह मैंने किसी किताब में नहीं पढ़ा है और न किसी बड़े बूढ़े से सुना।'
'पाप किसे कहते हैं? तुम किसी सुशील मान-मर्यादा वाली लड़की या औरत का शील बलपूर्वक भंग कर दो— पाप यह होता है।"
'लेकिन किसी वेश्या के साथ रात बिताना क्या पुण्य है? उस औरत में अगर उस पाप से पुण्य के फूल खिलते हों यह पाप अवश्य पुण्य है- निरा उसी तरह जैसे एक पति और पत्नी का मिलाप पाप नहीं पुण्य होता है।'
‘मोना जी वेश्या और पत्नी में धरती-आकाश का अन्तर जानती हूं, पत्नी के साथ जब तुम सहवास करते हो तो उसकी आज्ञा तुम्हें धर्म और समाज से मिल चुकी होती है लेकिन तुम जिस तरह एक वेश्या के साथ यह क्रिया करोगे उसकी इजाजत तुम्हें मैं इस हैसियत से दे रही हूं कि तुम्हारे इस पाप इस अपराध की सारी जिम्मेदारी मेरे सिर होगी और जब इस पाप की अच्छाई तुम्हारे सामने आएगी तो तुम्हें पता चलेगा कि मैंने तुमसे पाप कराया था या पुण्य।’
‘मगर मोना जी!’
मोना ने हाथ उठाकर कहा, ‘नहीं, सूरज! तुम्हें मेरे कहने पर यह पहला पाप करना ही होगा, अगर उसके बाद तुम्हें ऐसा लगे कि मैंने तुमसे सचमुच पाप कराया है- तो तुम मुझे जो सजा चाहो देना।’
सूरज कुछ न बोला। उसकी आंखें अचम्भे से फटी हुई थीं, लेकिन दिल अन्दर से किसी भी तरह राजी नहीं हो रहा था।
मोना ने उससे कहा, 'आओ बैठो, मैं तुम्हें स्कीम समझाती हूं तुम्हें कैसे और क्य करना है।' सूरज चुपचाप बैठ गया और मोना उसे सामने एक नक्शा रखकर समझाने लगी।
होटल सेवन स्टार आज किसी दुल्हन की तरह सजा हुआ या। शहर के सारे जाने-माने वी० आई० पी० आ चुके थे। थे वर्जीना को सूरज ने पहली बार देखा था और उसे देखकर सूरज को लगा था जैसे सचमुच आकाश से कोई अप्सरा उतर आई हो। कुछ उसकी निजी सुन्दरता और कुछ मेकअप का चमत्कार, वर्जीना का मंगेतर लगभग चालीस वर्ष का स्वस्थ व्यक्ति था जो शायद इस समय अपने आपको दुनिया का भाग्यशाली व्यक्ति समझ रहा था।
सूरज मोना के ही साथ था। इस समय कॉकटेल पार्टी चल रही थी। अभी विधिवत सगाई की घोषणा नहीं हुई थी। सूरज और मोना सबसे अलग-थलग ओपन मार्डन में एक खूबसूरत पेड़ के पास हाथों में पैग लिए खड़ी थे और मोना कह रही थी- 'अच्छी तरह याद है पूरी स्कीम?'
'जी हां।'
'बस, अब तुम जाओ।'
सूरज वहां से पैग खाली करके एक वेटर की ट्रे में रखकर हट गया। मोना ने उसी वेटर को एक छोटा-सा पर्चा देकर धीरे से कहा, "बड़ी राजदारी ओर गोपनीयता के साथ अर्जेट।'
'यस इन्स्पेक्टर।' वेटर हटकर लोगों को पैग देता और खाली पैन ट्रे में लेता हुआ वर्जीना लिजा तक पहुंच गया। उसने वर्जीना लिजा को एक पैग दिया। जिसके नीचे एक छोटा-सा कागज लगा था।
सार्जेंट ने बहुत मद्धिम फुसफुसाहट में कहा, 'शायद दस मिनट बाद वह आत्महत्या कर लेगा।'
फिर वह जल्दी से बढ़ गया। वर्जीना ने गिलास मुंह की तरफ बढ़ाया। पेंदे पर चिपके कागज पर लिखा था- अगर "एक बार शक्ल नहीं दिखाई तो मेरी मौत की जिम्मेदार तुम होगी, बारहवाँ माला कमरा नम्बर आठ।'
वर्जीना के होंठों पर मुस्कराहट फैल गई। उसने पैग खाली किया और फिर अपने मंगेतर की तरफ झुककर बहुत आहिस्तगी से कदम उठाई ।
मंगेतर ने उसे दरवाजे तक पहुंचाया। वर्जीना ने धीरे से 'कुछ मिनट लगेंगे डार्लिंग- मेरा रूम बारहवें माले पर कहाँ है।'
'कोई बात नहीं।'
वर्जीना एक लिफ्ट से बारहवें माले पर आई। आठ नम्बर के कमरे पर उसने दस्तक दी तो दरवाजा खुल गया। वर्जीना ने भीतर प्रवेश किया तो सिर से पांव तक चिपके हुए काले पहनावे में एक ऐसा अजनबी नजर आया जिसकी सिर्फ दो आंखों की जगह सूराख थे। वहां भी शीशे लगे थे। इससे पहले कि वर्जीना की चीख निकलती, अजनबी ने अपना मजबूत हाथ उसके चेहरे पर जमा दिया और दहाड़ने की मुद्रा में बोला, 'मैं तुम्हारे लिए पहला मर्द नहीं हूं, सिर्फ मेकअप थोड़ा ठीक करना पड़ेगा। ज्यादा देर भी नहीं लूंगा, इनकार करोगी तो बारहवें माले से तुम्हें नीचे गिरना होगा।'
वर्जीना थर-थर कांप रही थी। वह चुपचाप बैड पर लेट गई। काले पहनावे दाले ने अन्दर से दरवाजा बन्द किया और किसी भेड़िए की तरह उस पर टूट पड़ा।
पन्द्रह मिनट बाद वर्जीना उठी तो वह भयभीत नहीं थी, मुस्कराकर बोली, 'पगले, यह ढोंग न बनाते तो भी मैं तुम्हें निराश नहीं करती। तुम तो मर्दों के मर्द हो तुम कभी मुझसे ना नहीं सुनोगे।'
फिर वह मुस्कराती हुई अपना मेकअप ठीक करके बाहर निकल गई। उसने यह नहीं देखा था कि उसके गाल पर एक काली मोहर-सी लगी हुई थी जिस पर लिखा था— 'ब्लैक वुल्फ’
सूरज ने जल्दी से बाथरूम में घुसकर अपने कपड़े पहने और नकाब पीठ पर चला गया। कुछ देर बाद वह लिफ्ट से नीचे आ रहा था।
वर्जीना ने एक बार फिर अपने कपड़ों को देखा-भाला कि उन पर कहीं सलवटें तो नहीं हैं। फिर वह बड़ी शर्मीली-सी गर्दन उठाए हुए पार्टी कम्पाऊंड में पहुंची। कम्पाऊंड में मद्धिम रोशनी जुगनुओं की तरह टिमटिमाते बल्बों से फैली थी। अभी मेहमान ग्रुप बनाकर खड़े थे और एक ओर कुछ लोगों की मोड़ में वर्जीना का मंगेतर सिंघानी खड़ा था। उसके चेहरे पर भी एक विजयी प्रफुल्ल मुस्कराहट थी।
वर्जीना भिन्न-भिन्न ग्रुपों के बीच से होती हुई अपनी सजीली नजाकत भरी चाल से चलती हुई निकली तो औरतों ने उसे ईर्ष्या से देखा, मर्दों ने लालसा से।
वर्जीना जब सिंघानी को दिखाई दी तो सिंघानी ने आगे बढ़कर किसी राजकुमारी की तरह उसका स्वागत किया और वर्जीना रोशनी में आ गई। अचानक वर्जीना के गाल पर निगाह पड़ते ही सिंघानी चौंक पड़ा। उसने पहले इधर-उधर देखा और फिर झुककर बहुत फुसफुसाते हुए वर्जीता से बोला 'वर्जीना! यह तुम्हारे बाएं गाल पर निशान कैसा है?"
वर्जीना चौंक पड़ी। 'निशान कैसा निशान?'
उसने जल्दी से पहले अपने हाथ से धीरे से गाल को रगड़ा, उसका ख्याल था कि यह निशान उसके व्याकुल प्रेमी का रह गया होगा। लेकिन एक निपुण पेशेवर लड़की होने के कारण उसके चेहरे पर या आंखों में छोटी-सी भी परेशानी नहीं नजर आई। हाथ से रगड़ने के बाद उसने मुस्कराकर सिंघानी से कहा, "अब ठीक है?"
सिंघानी के चेहरे पर हैरत के साथ हल्की-सी परेशानी भी नजर आई। उसने इधर-उधर देखा और धीरे से बोला 'अभी मौजूद है, तुम ठहरो।'
फिर सिंघानी ने रूमाल निकाला। बड़ी नजाकत से वर्जीना का गाल साफ करने की कोशिश करने लगा। लेकिन निशान तो इस तरह लगा हुआ था जैसे कोई मोहर लगा दी गई हो। सिंघानी ने थोड़ी-सी बेचैनी से कहा 'यह नहीं मिट रहा।'
वर्जीना की आंखों में हल्की-सी परेशानी नजर आई। उसने एक बार फिर अपना गाल रगड़कर सिंघानी से पूछा 'निशान कैसा है ?"
सिंघानी ने झुककर ध्यान से देखा और चौंककर बोला, 'यह मोहर तो लगी हुई है।'
वर्जीना ने भी चौंककर कहा- 'कैसी मोहर?"
'जैसे शाही मोहर लगाई जाती है।'
'क्या कह रहे हैं आप?’
'हां, वर्जीना! और उस पर लिखा है— ब्लैक वुल्फ।'
वर्जीना उछल कर अचरज से बोली – 'ब्लैक वुल्फ?"
'हां, ब्लंक वुल्फ अर्थात काला भेड़िया।'
फिर उसने बेचैनी से पहलू बदलकर कहा- 'तुम तो बाथरूम गई थीं। किसने लगा दी यह मोहर?"
एकाएक वर्जेना की आंखों में अन्तर्द्वन्द्व उभरा। चेहरे की रंगत भी थोड़ी सी बदली। सिंघानी ने तीखी फुसफुसाहट में कहा, 'बताओ न, अब कैसे मिटेगी?'
'म म मैं क्या बताऊं?"
ठीक उसी समय एक प्रेस फोटोग्राफर ने उन दोनों को सम्बोधित करके कहा- 'एक्सक्यूज मी, प्लीज !'
जैसे ही उन दोनों ने उसकी तरफ देखा। फ्लैश के झमाके के साथ दोनों का फोटो खिच गया। फोटोग्राफर ने आदर से कहा थैंक्स।
फिर एक वीडियो कैमरे ने उन दोनों की ओर मुंह किया और जैसे ही दोनों के चेहरों पर तेज रोशनी पड़ी, वीडियो कैमरे वाले ने धीरे से आदरपूर्वक कहा 'मैडम ! शायद आपके गाल पर।'
इस बीच उन दोनों की तरफ बहुत से मेहमान आकृष्ट हो चुके थे जिनमें सूरज और इंस्पेक्टर मोना कपूर भी थे। वर्जीना के चेहरे का रंग उड़ गया था। उसने अपना छोटा सा रूमाल अपने गाल पर रख लिया और सिंघानी ने हाथ के इशारे से वीडियो कैमरे वाले को रोककर क्षमा याचना के स्वर में कहा 'ओह, सॉरी!'
कैमरे वाले ने फ्लैश बन्द की ही थी कि मोना ने आगे बढ़कर वर्जीना और सिंघानी का रास्ता रोककर कहा ! एक्सक्यूज मी...।'
सिंघानी ने नरमी से कहा, ‘'प्लीज, मिस लिजा कुछ देर के बाद मेहमानों के बीच होंगी।'
मोना ने कहा, ‘लेकिन मिस लिजा से मेरा बात करना जरूरी है।'
'आप उनकी वापसी पर मोना ने बात काटकर कहा, 'वापसी पर शायद यह निशान मिस लिजा के गाल पर न बात इतने ऊंचे स्वर में कही गई थी कि निशान के नाम पर और लोग भी इस ओर आकृष्ट हो गए बल्कि करीब आने लगे और उनके गिर्द घेरा तंग होने लगा।
सिंचानी ने मोना को अचानक गुस्से से घूरकर कहा, 'किस निशान की बात कर रही हैं आप?'
मोना ने ऊंची आवाज में कहा, 'वह जो मिस लिजा के गाल पर मौजूद है।'
'मिस लिजा के गाल पर धब्बा लग गया है अपना मेक अप ठीक करने हो मिस लिजा अपने कमरे तक जा रही हैं।'
'मैं वह धब्बा हो तो देखना चाहती हूं।"
सिंघानी ने गुस्से से कहा 'आप होश में तो हैं?'
'क्षमा कीजिए, मैं बिलकुल होश में हूं, लेकिन अगर मेर शक ठीक है तो अभी आपके होश जरूर ठिकाने आ जाएंगे।’
'आप जानती हैं, आप किससे बात कर रही हैं?"
'जानती हूं, एक बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति जिनका आदर में स्वयं भी करती हूं।'
‘फिर यह गुस्ताखी ??’
'मैं वचन देती हूं, यहीं सबके सामने मैं मिस वर्जीना स क्षमा मांग लूंगी, अगर मेरा शक गलत निकला।'
‘कैसा शक ?’
क्रमशः
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