वान्या को अपने पापा की बात सुनकर कुछ समझ नहीं आ रहा था कि उसके पापा वरुण की तरफदारी क्यूँ कर रहे हैं, जब कि उसने उन पर जानलेवा हमला किया है| वान्या अपने पापा को समझाते हुए बोली,
वान्या – पापा, वो कोई बेचारा-वेचारा नहीं है| एक मुजरिम की जगह lockup में नहीं होगी तो कहाँ होगी? आप को एक मुजरिम की side नहीं लेनी चाहिए|
Mister Raizada (irritate होकर) – वान्या, मैं वरुण की बात कर रहा हूँ| तुम वरुण को बार-बार मुजरिम क्यों कह रही हो? उसने ऐसा कौन सा गुनाह किया है?
वान्या सोचने लगी कि अगर वरुण ने सच में Mister Raizada पर हमला किया होता तो उन्हें इस बारे में जरूर पता होता लेकिन वो इस तरह से बात कर रहे थे जैसे वरुण ने कुछ किया ही न हो। वान्या को एहसास हुआ कि शायद उसने समझने में कोई गलती की है।
वान्या – पापा, वरुण ने आप के ऊपर जानलेवा हमला किया है और जिसकी वजह से आप यहाँ हॉस्पिटल में हो| इस वजह से मैंने वरुण के खिलाफ पुलिस complaint की थी| पुलिस उसे arrest करके अपने साथ ले गयी|
Mister Raizada (डांटते हुए) – वान्या, आर यू आउट ऑफ योर माइंड? तुम वरुण को पुलिस के हवाले कैसे कर सकती हो? तुम उस पर कभी चोरी का इल्जाम लगा देती हो, कभी उसकी नीयत पर सवाल उठा देती हो लेकिन आज तो तुमने हद ही पार कर दी| उसे गिरफ्तार करवा दिया? मेरे ऊपर किसी ने भी जान लेवा हमला नहीं किया है| तुमसे ये किसने कहा कि मेरी तबीयत बिगड़ने के पीछे वरुण है?
वान्या Mister Raizada की बात सुनकर हैरान हो गयी| उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसे अब तक गलत फ़हमी हो रही थी| वो बात को clear करने लगी|
वान्या – तो आपके सिर पर ये चोट.. ये कैसे है फिर? डॉक्टर ने कहा कि शायद आपका सिर किसी नुकीली चीज़ से टकराया था। वरुण ने ही आपके ऊपर नुकीली चीज़ से हमला किया होगा न..
Mister Raizada (समझाते हुए) – नहीं बेटा, मेरे ऊपर वरुण ने कोई हमला नहीं किया है| मेरे फ़ोन की charging खत्म हो गई थी। कमरे में कोई था नहीं, तो मैंने सोचा कि मैं ही कोशिश कर के charging बोर्ड तक पहुँच जाऊँ। मेरा हाथ पहुँच भी जाता लेकिन तभी मुझे अचानक से चक्कर आया और मैं बेड से गिर गया और बेहोश हो गया। रही बात चोट लगने कि तो, ये bed के बगल वाली टेबल से सिर टकराने की वजह से हुआ है। वरुण को तो मैंने आज के दिन छुट्टी दी थी| उसे अपनी माँ को हॉस्पिटल ले जाना था| उसे तो पता भी नहीं कि मेरे साथ क्या हुआ है और तुमने उसको पुलिस के हवाले कर दिया| वान्या, तुम नफरत में इतनी आंधी कैसे हो सकती हो कि उसका सच भी नहीं सुन तुमने?
वान्या को सब कुछ समझ आ गया था| उस एक message ने उसके दिमाग को ख़राब कर दिया था| उसने ना चाहते हुए भी वरुण पर शक किया| वान्या मन ही मन सोचने लगी कि उस से बहुत बड़ी गलती हो गयी| अब उसे किसी भी हाल में अपनी गलती सुधारनी थी|
Mister Raizada – बेटा, तुम क्यूँ वरुण के पीछे हाथ धो कर पड़ी हो? तुम हर बार उसके ऊपर गलत इल्ज़ाम लगा देती हो और वो हर बार innocent साबित होता है| मैंने तुमको कितनी बार कहा है कि वरुण एक ईमानदार और अच्छा लड़का है| वान्या, मुझे इन्सान की परख बहुत अच्छे से है। तुमसे भी! किसी को एक बार देखकर पहचान जाता हूँ| मैं ऐसे ही वरुण को रोकने की कोशिश नहीं करता| मैं जानता हूँ वो दिल का बहुत साफ लड़का है| वो कभी किसी के साथ बुरा नहीं कर सकता| वान्या, तुम्हें दुनिया देखने का नज़रिया बदलना होगा| सारे लड़कों को तुम एक जैसा treat नहीं कर सकती| आज तुमने वरुण के साथ बहुत गलत किया है|
वान्या को अपने किये पर पछतावा हो रहा था| उसे अब वरुण को फेस करने में ही डर लगने लगा। वो जानती थी कि इस बार वरुण माफ़ी मांगने पर भी माफ़ करने वाला नहीं है|
वान्या – पापा, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी| मैंने जब आप को बेहोश देखा तो मैं बहुत डर गयी थी| फिर वरुण भी घर पर नहीं था तो मुझे लगा कि उसी ने आप को बेहोश किया होगा| पुलिस complaint करने से पहले मुझे एक बार सोचना चाहिए था|
Mister Raizada – तुम हर बार फैसला लेने में जल्दबाजी करती हो… इस बार भी वही किया। आज के बाद कोई भी फैसला लो तो उसके बारे में दस बार सोचना और फिर तय करना कि वो फ़ैसला सही होगा या गलत|
फिर वान्या, Mister Raizada को discharge करवा के व्हील चेयर पर पुलिस स्टेशन लेकर गई। पुलिस स्टेशन में वरुण की काफी बुरी हालत हो गयी थी| inspector से मार खाने के बाद वो बड़ी मुश्किल से उठ पा रहा था| inspector को अभी तक ये बात हजम नहीं हो पा रही थी कि वरुण ने सब के सामने उससे ऊँची आवाज में बात की| वरुण को बेल्ट से पीटने के बाद भी उसका मन नहीं भरा था| वो दोबारा अपने केबिन से बाहर आया और वरुण के पास गया| वो वरुण को उकसाते हुए बोला, “तुम जैसे लोगों में लोगों को जान से मारने की हिम्मत कहाँ से आती है? पहले Mister Raizada पर हमला किया फिर मेरे साथ जुबान लड़ा रहा था! अगर कानून मेरे हाथ में होता तो तेरी जुबान ही खींच लेता|”
वरुण उस inspector को गुस्से में देखने लगा| इन्स्पेक्टर चुप होने का नाम ही नहीं ले रहा था, “मुझे आँखे दिखा रहा है?”
इन्स्पेक्टर फ़ौरन lockup के अंदर गया और फिर से वरुण को पीटने लगा| उसे सिर्फ वरुण को पीटने का बहाना चाहिए था| तभी Mister Raizada और वान्या वहां पहुंचे| वरुण को मार खाते देख दोनों ही चौंक गए|
Mister Raizada (ऊँची आवाज में) – रुक जाओ inspector|
inspector रुक गया और उसने पलट कर देखा| उसके सामने Mister Raizada wheelchair पर थे| सभी Mister Raizada को पुलिस स्टेशन में देख कर दंग रह गए! Mister Raizada एक बड़ा नाम हैं, उनकी समाज में इज्जत है। उनका पुलिस स्टेशन में आने का मतलब था कि बात सीरियस होगी। inspector को लगा कि Mister Raizada उसकी तारीफ करने के लिए आये हैं। वो lockup से बाहर आया और उनसे बोला, “सर, ये तो मेरी ड्यूटी है। मुझे तो लगता है ये लड़का किसी बड़ी गैंग के साथ जुड़ा है| आप चिंता मत कीजिए, बहुत जल्द इसकी पूरी गैंग को भी पकड़ लेंगे| अभी तो मुंह नहीं खोल रहा है लेकिन थर्ड डिग्री दूंगा तो तोते की तरह बोलने लगेगा|”
inspector ने फिर Mister Raizada की ओर अपना हाथ बढाया| वो उनके हाथ मिलाने का इंतजार करने लगा|
Mister Raizada (डांटते हुए ) – वरुण बिलकुल निर्दोष है| अगर वो दोषी भी होता तो आप उसके ऊपर हाथ नहीं उठा सकते थे| आप को किसने हक दिया उसे मारने का? आपने कानून अपने हाथ में कैसे लिया? आप inspector है तो क्या किसी को भी पीट दोगे? अगर मैं चाहूं तो दो मिनट में आप को सस्पेंड करवा सकता हूँ| इस तरह से लोगों की सेवा करते हैं आप पुलिस स्टेशन में?
वान्या – इन्स्पेक्टर.. वो.. वो मैं अपनी complaint वापस लेना चाहती हूँ| आप वरुण को छोड़ दीजिये|
inspector ने वान्या की बात पर ध्यान नहीं दिया| उसे Mister Raizada की बात चुभ गयी थी| वो मन ही मन सोचने लगा कि कोई उसे suspend करवाने की धमकी कैसे दे सकता है? उसने Mister Raizada की आँखों में देखते हुए कहा, “वरुण नहीं छूट सकता| जाँच पूरी होने के बाद मैं तय करूँगा कि उसे छोड़ना है या नहीं| जाँच चलने तक वो अंदर ही रहेगा|”
Mister Raizada का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया। उन्होंने फ़ौरन inspector के सीनियर को कॉल किया और शिकायत करने लगे। Mister Raizada ने फ़ोन inspector को दिया| inspector को फ़ोन पर अपने senior से जमकर डांट पड़ी| उसे ना चाहते हुए भी वरुण को छोड़ना पड़ा| वरुण लड़खड़ाते हुए चल रहा था| उसकी हालत ठीक नहीं थी, चेहरे पर मार के निशान साफ थे। वान्या को वरुण के लिए बहुत बुरा लग रहा था| जैसे ही वरुण उसके पास आया वान्या उदास होकर उस से माफ़ी मांगने लगी,
वान्या (उदास होकर) – I am so sorry! मुझे पता है मैं माफ़ी के लायक नहीं हूँ| मैंने तुम्हारे साथ जो किया है वो गलती नहीं है बल्कि अपराध है और इस अपराध को कभी भी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता| प्लीज वरुण, मुझे माफ़ कर दो|
वरुण के चेहरे पर ना गुस्सा था और ना ही ख़ुशी थी| वो बस वान्या को देखे जा रहा था| Mister Raizada को भी वरुण के घाव देख कर उस पर दया आ रही थी|
Mister Raizada - क्या हाल बना दिया है इसका? तुम पुलिस वाले हो या हैवान? तुम्हें तुम्हारे किये की सज़ा मिल कर रहेगी| तुम जानते नहीं हो मुझे| तुम्हें सस्पेंड नहीं करवाया तो मैं भी राएज़ादा नहीं|
Mister Raizada का कई बड़े पुलिस ऑफिसर्स के साथ उठाना बैठना था| उन्होंने मन ही मन ठान लिया था कि वो इस inspector को ससपेंड करवा के ही रहेंगे| वहीं वरुण लड़खड़ाते हुए स्टेशन से बाहर निकलने लगा। वान्या इसे आवाज देकर रोकने लगी लेकिन वो उसे अनसुना कर के चलता जा रहा था| Mister Raizada ने वान्या को इशारा किया कि उन्हें वरुण के पास ले जाए| वान्या wheelchair लेकर वरुण के पास गयी| Mister Raizada ने वरुण का हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और बोले,
Mister Raizada (प्यार से) – वरुण बेटा, तुम तो मुझे अपने पापा की तरह मानते हो ना? तुम मेरी बात सुनोगे ना? वान्या को अपने किये पर पछतावा है| उसे माफ़ कर दो| मैं भी तुमसे माफ़ी मांगता हूँ| तुम्हारे साथ जो कुछ भी हुआ वो बहुत गलत हुआ| इस inspector को तो मैं ससपेंड करवा दूंगा| आज के बाद ये किसी को भी मारने से पहले दस बार सोचेगा| तुम हॉस्पिटल चलो| तुम्हें ट्रीटमेंट की जरुरत है|
वरुण ने कोई जवाब नहीं दिया| उसने Mister Raizada का हाथ छुडवाया और आगे चलने लगा| वरुण की चुप्पी Mister Raizada और वान्या को खाए जा रही थी| वो दोनों भी वरुण के पीछे-पीछे चलने लगे| वरुण ने एक ऑटो रुकवाया और उसमें बैठ के वहाँ से निकल गया। वान्या ने उसको रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं रुका|
क्या वरुण Raizada साहब और वान्या को माफ़ करेगा? या फिर अपनी बेइज्जती का बदला लेगा?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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