नैना, अपने पिता शेखर के सामने बैठी थी....वह सिगरेट का कश लगाते हुए शेखर को तिरछी नजरों से देख रही थी। शेखर उसे उतनी ही घृणा और गुस्से से देख रहा था, कारण था नैना का ऐसा रवैया और लाइफस्टाइल, पहनावा, उसका और उसकी मां का बदनाम लोगों के साथ उठना बैठना।
इस समय नैना ने ऐसे कपड़े पहन रखे थे जो कोई भी शरीफ और समझदार लड़की अपने बाप के सामने नहीं पहन सकती, नैना ने ब्लैक और व्हाइट कलर का टैंक टॉप जो कोई छोटी सी मेल बनियान जैसा लग रहा था और डेनिम की मिनी स्कर्ट पहन रखी थी। नैना ने जानबूझकर ऐसे कपड़े पहने थे, वह शेखर को चिढ़ाना चाहती थी, उसे शेखर को परेशान करने में बड़ा ही मजा आता था...उसका मानना था कि समाज में अगर उसे नाजायज और दूसरी औरत की औलाद का दर्जा मिला है तो इसी शेखर के कारण, अच्छा होता कि अगर यह शेखर उसे अपना नाम ही न देता, बिन ब्याही मां की अनजान बाप की बेटी कहलाना उसे ज्यादा पसंद आता, कम से कम नाजायज और सौतेली बेटी का लेबल तो उसके सिर पर नहीं लगता और वह शेखर की फैमिली से बदले की भावना नहीं रखती।
‘’क्यों आई हो यहां..?’’ शेखर ने अपना गुस्सा दबाते हुए नैना से पूछा।
इस समय शेखर घर पर अकेला था, बाकी की फैमिली शेखर के छोटे बेटे और राघव के छोटे भाई रमन की होने वाली पत्नी के लिए शादी की शापिंग करने गए थे। शेखर को कुछ काम था इसलिए वे रूक गए थे…नैना उन्हें फोन कर के आई थी……अच्छा हुआ घर में कोई नहीं था, वरना रंग में भंग हो जाता।
‘’मैं तो आपको बधाई देने आई हूं...आपके छोटे बेटे की शादी होने वाली है, भगवान करे इस बार इस घर में बहू आ जाए....पांच साल पहले की तरह इस बार कोई तूफान न आए।‘’
‘जो कुछ हुआ था, वह तुम्हारे और तुम्हारे उन लालची.....छोड़ो मेरा मुंह मत खुलवाओ, और बधाई देने के बजाय तुम इस खुशी में खुद शामिल हो सकती हो पर तुमने तो सारे रिश्तों को ही तार-तार कर दिया है। अपने भाई राघव को उसकी पत्नी बताकर भाई बहन के पवित्र रिश्ते को कलंकित कर दिया।‘’
‘’मुझे ऐसा करने पर कहीं न कहीं आपने ही मजबूर किया है।‘’
‘’अपने आने की वजह बताओ और जाओ यहां से...अब मेरे पास तुम्हारे लिए बिल्कुल भी समय नहीं है।‘’
‘’मैं आप से समय मांग भी नहीं रही हूं‘’ कहकर नैना ने पूरे घर पर अपनी नजर दौड़ाई, एक फोटो फ्रेम में इस घर के सारे मेंम्बर की फोटो थी पर राघव की नहीं थी और जहां भी राघव सबके साथ खड़ा था उसकी फोटो ऐसी लग रही थी मानों किसी ने ब्लेड या किसी धारदार चीज से स्क्रेच कर दिया हो।
‘’क्या देख रही हो?‘’ शेखर ने नैना की नजरों का अनुसरण करते हुए पूछा।
‘’राघव की फोटो खराब क्यों हो गई हैं?‘’
‘मुझे नहीं पता‘ शेखर झुंझलाए स्वर में बोले, वे चाहते थे कि नैना अपने आने का कारण बताए अगर उसे कुछ पैसे चाहिए तो देकर टरका दें क्योंकि किसी भी समय उनके होने वाले समधी यहां आ सकते हैं, नैना को देखकर वे जरूर शेखर से सवाल करेंगे और शेखर झूठ नहीं बोल सकते। इससे उनके बेटे का रिश्ता खतरे में पड़ सकता है, उनके एक बेटे का रिश्ता टूट चुका था अब वे और यह सब सहन नहीं कर सकते।
नैना ने कहा, ‘’एनीवे...मुझे राघव की एक फोटो चाहिए।‘’
शेखर चौंक गए, व्हाट राघव की फोटो? उससे तुम्हारा क्या काम.? अभी तक तुम्हें चैन नहीं मिला, राघव और मीरा की जिंदगियां बर्बाद कर दी तुमने अब जब दोनों बहुत आगे बढ़ चुके हैं और अपनी लाइफ में खुश हैं तो तुम फिर से उनकी जिंदगी में जहर घोलना चाहती हो।‘’
‘’मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली हूं, पर मुझे लगता है कि राघव मुझसे बदला जरूर लेगा इससे पहले कि वह मुझ तक पहुंचे मैं उसे पकड़कर ऐसा करने से रोकूंगी।‘’
शेखर ने हंसते हुए कहा, ‘ओह अब समझा, तो तुम्हें मेरे बेटे और अपने कथित पति से जान का खतरा है इसलिए तुम मुझसे राघव की फोटो लेने आई हो जिससे अपने पाले हुए कुत्तों को दिखाकर उसे ढूंढ सको....क्या दिमाग पाया है? यही दिमाग अगर तुम अच्छे काम में लगती तो तुम आज किसी अच्छे शरीफ घर की बहू होती.....कितनी इज्जत भरी जिंदगी जी रही होती, पर तुमने अपने हाथों से अपनी लाइफ बरबाद कर दी।‘’
‘’मुझे क्या करना है और क्या नहीं - यह मत सिखाइए, मुझे राघव की एक फोटो दे दीजिए और मैं यहां से चली जाऊंगी।‘’
‘सच में, मैं तुम्हें एक फोटो दे दूं जिससे तुम उसकी जान ले लो।‘’
‘’मैं आपसे वादा करती हूं कि मैं उसे जान से नहीं मारूंगी, अगर मारना ही होता तो आज से पांच साल पहले ही यह काम आराम से कर सकती थी, आप लोगों को राघव के गायब होने की खबर के बजाय उसकी मौत की खबर आती।‘’
शेखर ने कुछ पल नैना को अजीब नजरों से निहारा फिर कहा, ‘’मेरे पास कोई फोटो वोटो नहीं है, राघव के गायब होने के कुछ दिन बाद इस घर में एक चोरी हुई थी, कुछ पैसे गहनों के अलावा राघव की लगभग सारी फोटो चोरी हो गई थी और जो फैमिली फोटो है उसमें भी राघव के चेहरे पर किसी ने खरोंच मार दिया।‘’
‘’व्हाट...क्या, क्या कह रहे हैं आप? राघव की एक भी फोटो नहीं है, यह कैसे पॉसिबल है? ओके तो आपके मोबाइल में तो होगी ना, वही दे दीजिए।‘’
शेखर ने रूखे स्वर में जवाब दिया, ‘’मेरे मोबाइल में तो क्या इस घर के किसी मेम्बर के मोबाइल पर राघव की फोटो नहीं है, राघव का चेहरा केवल मेरे दिमाग में हैं, और जहां तक मुझे लगता है कि वह भी तुम्हारे दिल और दिमाग में है। जब हम किसी से बेइंतेहा नफरत करते हैं तो चौबीस घंटे उसी के बारे में सोचते हैं, और तुम तो राघव से कितनी नफरत करती हो यह बताने की जरूरत भी नहीं है।‘’
‘’आप सरासर झूठ बोल रहे हैं, ऐसा कैसे हो सकता है कि यहां राघव की एक फोटो भी न हो?‘’
‘’पूरा घर तुम्हारे सामने है, घर की आलमारी और लॉकर खुले हैं, वैसे फोटो एल्बम वाली आलमारी उधर है, तुम चाहे तो चेक कर सकती हो, पर जल्दी करो और जाओ यहां से….मुझे बैठकर सुकून से काम करना है, जब तक तुम यहां रहोगी मैं कुछ सोच समझ नहीं पाउंगा।‘’
सुनकर नैना क्रुद्ध हो उठी...ऐसे अपमानजनक तरीके से उसे यहां से जाने के लिए कह रहे हैं, मैं भी यहां रहने नहीं आई हूं।‘’ मन ही मन कहकर नैना, शेखर द्वारा इशारा किए गए फोटो एल्बम वाली आलमारी के पास गई।
आलमारी खोलकर ढेर सारी मोटी मोटी एल्बम निकाली।
एल्बम में राघव के भाई बहनों की बचपन की स्कूल की ,घूमने फिरने की, कॉलेज लाइफ, दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए ढेर सारी फोटो थी, शेखर की शादी की फोटो थी और भी कई सारे फंक्शन की फोटो थी पर अफसोस राघव की फोटो गायब थी…अगर राघव की कहीं फोटो थी तो उसका चेहरा बुरी तरह से खरोंचकर बिगाड़ दिया गया था।
सारे एल्बम को गुस्से से पटकते हुए नैना, शेखर पर बरस पड़ी....राघव की फोटोज कहां गायब हो गई है?‘’
‘’जैसा मैंने तुम्हें पहले ही बताया कि मुझे नहीं मालूम, फिर तुम बार-बार यह सवाल क्यों पूछ रही हो, तुम समझ क्यों नहीं रही हो?‘’
‘’मैं सब समझ रही हूं, आप लोगों को अंदेशा था कि कभी न कभी तो राघव की जान खतरे में आ सकती है, जाहिर सी बात है आप लोगों ने खूब दिमाग लगाया है, सब जगह से उसकी फोटो डिलीट कर दी, जिससे मैं उस तक न पहुंच सकूं।‘’
‘’तुम्हें कौन रोक सकता है? वह तो तुम्हारे दिमाग में है, तुम उसका स्क्रेच बनवा दो और अपने पालतू कुत्तों को बांट दो’’
‘’वे मेरे लिए काम करने वाले मेरे एम्प्लाई हैं, कुत्ते नहीं।‘’
‘’काम तो कुत्तों वाला ही करते हैं, ऐसे काम तो इंसान करते ही नहीं।‘’
‘’जा रही हूं, पर लौटूंगी जरूर…मैं इतनी आसानी से आप लोगों को नहीं छोड़ने वाली‘’ नैना ने शेखर को धमकी देने वाले भाव से कहा।
कहकर नैना पैर पटकती हुई बाहर निकल गई, गेट के बाहर आकर उस गेट पर बैठे सिक्योरिटी गार्ड जो नैना का ही आदमी था, जिसे नैना ने ही शेखर के घर का गार्ड बनाकर भेजा था, उससे धीरे से कहा, ‘’इस घर पर आने जाने वालो लोगों पर कड़ी नजर रखना, मुझे एक खास आदमी चाहिए।‘’
गॉर्ड ने हां में सिर हिलाया, हालांकि वह समझ नहीं पाया कि वह खास आदमी है कौन और दिखता कैसा है? अगर मैडम उसका फोटो दिखा देती तो अच्छा था…पर नैना से कौन कहे? उसके गुस्से से उसके अंडर काम करने वाले सारे गुंडे वाकिफ थे।
नैना ने एक बार पलटकर शेखर के चार मंजिला घर को देखा, रमन की शादी है तो राघव जरूर आएगा....इस बार तो मैं तुम्हें बिल्कुल नहीं छोड़ूगी राघव।
मीरा की आंखो से नींद कोसो दूर थी...पहला कारण तो यह कि वह आर्यन के साथ, वो आर्यन जिसके साथ उसकी तीसरी मुलाकात थी और इस बार तो सिचुएशन ही अलग थी...एकदम अकेली कहा जाए तो इतने बड़े बंगले में वह एक अजनबी के साथ थी।
हालांकि आर्यन ने उसे बहुत ही टेस्टी डिनर करवाया था, वह सोच भी नहीं सकती थी कि इतना बड़ा बिजनेसमैन इतना अच्छा कुक भी हो सकता है...पर रह रहकर उसका मन भी घबरा रहा था। उसने रात को सोने के लिए एक रूम चुन लिया था जिसके सामने एक बड़ा सा लॉन था और कई सारे सुगंधित फूल लगे हुए थे।
मीरा को ऐसे ही प्राकृतिक वातावरण में रहने और सोने का शौक था, पर वह डर रही थी कि यह आर्यन का घर था। वैसे तो मीरा ने दरवाजे को अच्छे से बंद किया था, लान की ओर खुलती खिड़की को भी अच्छे से चेक किया था कि हो सकता है आर्यन रात को उसे सोता हुआ देखकर खिड़की के रास्ते से ही घुस आए…पर आर्यन को ऐसा करने की जरूरत क्या थी? मीरा उसके पास थी, एकदम अकेली निसहाय....वह कभी भी कुछ भी कर सकता था।
नींद न आने की कई वजहें सामने आ रही थी...वह डर भी रही थी, पर आर्यन के लिए उसके मन में बहुत ही कोमल भाव भी आ रहे थे। ऐसे भाव जो बहुत पहले उसके दिल में राघव के लिए आते थे, उन दिनों जब वह राघव से पहली, दूसरी और तीसरी बार मिली थी।
मीरा झटके से उठी…मैं, मैं यह क्या सोच रही हूं.? क्या मैं आर्यन से प्यार करने लगी हूं? बिल्कुल नहीं मैं दोबारा प्यार करने का सोच भी नहीं सकती और आर्यन जैसे लड़के से तो बिल्कुल भी नहीं, यह कहीं से भी मेरे टाइप का है ही नहीं....इसका रियल नेचर कैसा है? यह तो मैं जान ही नहीं पा रही हूं, यह केवल अपने पैसों का घमंड मुझ पर दिखा रहा है.…शायद इसे पता है कि अपने पैसों के बल पर मुझे नहीं पा सकता, तो यही सारी हरकतें कर के मुझे रिझाने की कोशिश कर रहा है। क्या लड़कियों को ऐसे ही इम्प्रेस किया जाता है? इसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी क्या?‘’
गर्लफ्रेंड का ध्यान आते ही मीरा का अपने पहने कपड़ो पर ध्यान गया, बाथरूम के उस अलमीरा में लड़की की ढेर सारे कपड़े पड़े थे….मेरे लिए तो आर्यन ने नहीं मंगवाए होंगे, तो जाहिर सी बात है उसकी किसी गर्लफ्रेंड के कपड़े होंगे, मतलब उसकी गर्लफ्रेंड थी या फिर शायद होगी या फिर कहीं वो लड़की तो नहीं जिससे आर्यन के पैरेंट्स शादी करवाना चाहते थे, पर आर्यन ही नहीं करना चाहता। मुझे आर्यन से पूछना ही होगा कि यह कपड़े किसके हैं?‘’
मीरा झट से रूम से बाहर आई…नजर घुमाकर देखा सारा हॉल खाली पड़ा था, हॉल में जीरो वॉट का बल्ब जल रहा था। किचन की लाइट भी बंद हो गई थी। बंगले के बाहर समुद्र की लहरें अपना पूरा जोर मार रही थी…मीरा के मन में आया कि वह बाहर जाए और समुद्र की लहरों को आते-जाते देखती रहे.…कितना सुकून मिलता है अनगिनत लहरों का साक्षी बनना।
तभी उसे किसी के जूते की ठकठक की आवाज सुनाई दी...मीरा बहुत ज्यादा चौंकी नहीं, क्योंकि यहां आर्यन के अलावा और कौन हो सकता है? मीरा ने महसूस किया कि शायद आर्यन उसके पीछे से होकर गुजरा था, ब्लैक ड्रेस, और जूते पहने था, क्या यह आदमी रात को भी पूरा बनसंवर कर सोता है? तभी उसे ध्यान आया कि उसे तो आर्यन से कुछ सवाल पूछना था..।
आर्यन ने बताया था कि वह किस कमरे में सोएगा, अगर कुछ चाहिए तो नॉक कर लेना।
इसे दिखा नहीं क्या कि मैं यहां खड़ी हूं? पूछ भी तो सकता था? सोचकर मीरा उस रूम के बाहर गई, दरवाजा खुला हुआ था...मीरा ने आहिस्ते से डोर ओपेन किया। उसके यह देखकर होश उड़ गए कि आर्यन तो अपने बेड पर बेसुध होकर सो रहा था और उसने व्हाइट कलर की टीशर्ट और ब्लैक लोअर पहन रखा है, तो वह कौन था जो अभी एक मिनट पहले उसके पीछे से होकर गुजरा था?
क्या नैना अपने मकसद में कामयाब हो पाएगी?
क्या वह राघव तक पहुंच पाएगी या फिर राघव उस तक पेहले पहुंचेगा?
आर्यन के बंगले में मीरा के अलावा और कौन है?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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