वरुण को एक बात तो समझ आ गयी थी कि वान्या जरुर किसी बड़ी problem में है| वान्या कशिश कपूर के clinic उससे help लेने गई थी क्योंकि कुछ दिनों से उसे कुछ ठीक नहीं लग रहा था। उसकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा था। वरुण कशिश को बहुत अच्छे से जानता था| कशिश उसकी दूर की relative थी| वरुण गरीब था लेकिन उसके रिश्तेदार, उससे ज़्यादा financially successful थे। वरुण clinic के बाहर वान्या का वेट कर रहा था| उसने सोचा कि वान्या के जाने के बाद वो कशिश से मिलेगा और उससे वान्या के बारे में पूछेगा| तक़रीबन एक घंटे के बाद वान्या clinic से बाहर निकली| वरुण सोचने लगा कि वान्या को इतना टाइम क्यों लगा? सच में वो किसी बड़ी problem में है| वरुण फ़ौरन कशिश से मिलने पहुंचा। उसे देख कर कशिश हैरान हुई और बोली, “अरे वरुण, कितने टाइम बाद मिल रहे हो। घर पर आंटी ठीक हैं? यहां अपनी बहन से मिलने आए हो या therapist से?

वरुण कशिश की बात सुनकर हँसने लगा|

वरुण (मुस्कुराते हुए) – भगवान करे कि मैं कभी भी तुम्हारे पास patient बन कर न आऊं| मैं तो यहाँ से गुज़र रहा था तो सोचा कि तुमसे मिलता चलूँ।

वरुण कशिश से उसके हालचाल पूछने लगा| कुछ देर बाद वो मुद्दे की बात पर आया।

वरुण – अच्छा कशिश, अभी तुम्हारे clinic पर जो लड़की आयी थी वो वान्या रायज़ादा थी न? Raizada industries की मालकिन?  तुम्हारे पास क्यों आई थी?

वरुण ने कशिश को नहीं बताया कि वो खुद वान्या के लिए जॉब करता है| कशिश उसे शक की नज़रों से देखने लगी और बोली, “तुम्हें बहुत जानना है वान्या रायज़ादा के बारे में? चक्कर क्या है? तुम दोनों एक दूसरे को जानते हो?”

कशिश का सवाल सुनकर वरुण के चेहरे का रंग उड़ गया|

वरुण (हिचकिचाते हुए) – मेरा क्या चक्कर होगा वान्या रायज़ादा के साथ? वो कहाँ और मैं कहाँ| वो तो बस बाहर देखा उसे तो सोचा पूछ लूँ कि किसी अमीर को भी कभी कोई problem होती है क्या? ये लोग तो हर चीज पैसों से खरीद सकते हैं।

कशिश वरुण की बात पर जोर-जोर से हँसने लगी| वो वरुण को समझाते हुए बोली, “पैसों से कभी भी तकलीफें दूर नहीं होती| वान्या की लाइफ में इस वक्त बहुत बड़ी problem है लेकिन वो मैं तुम्हें नहीं बता सकती।”

वरुण कशिश के पीछे ही पड़ गया और उसने ये भी कहा कि वो किसी को नहीं बताएगा लेकिन कशिश ने साफ़ मना कर दिया| उसने कहा, “वरुण, मेरे काम करने के कुछ नियम हैं| जब भी कोई पेशेंट आता है तो उसे सब से पहले मैं भरोसा दिलाती हूँ कि उनकी सारी बातें उनके और मेरे बीच ही रहेंगी। मैं उन लोगों का भरोसा नहीं तोड़ सकती| मेरे घर पर भी सब लोग मुझसे पूछते हैं लेकिन मैं किसी को नहीं बताती| Sorry, मैं तुम्हें वान्या के बारे में कुछ भी नहीं बता सकती|”

वरुण को समझ आ गया कि उसे कशिश से कुछ भी पता चलने वाला नहीं है| वो निराश होकर clinic से बाहर निकल गया| उसे वान्या खास पसंद नहीं थी लेकिन वो उसे परेशान नहीं देख पा रहा था| वरुण ने मन ही मन ठान लिया कि वो वान्या की परेशानी की वजह जान कर रहेगा। वो वापस वान्या के घर पहुंचा| रात हो गई थी, वरुण गार्डन में बैठ था। मिस्टर रायज़ादा ने उसे बताया था कि वान्या जब परेशान होती है तो garden में time spend करती है। वरुण ने सोचा कि अगर वान्या से आराम से बात करनी है तो शायद garden ही बेस्ट जगह रहेगी। ठोड़ी देर बाद, वान्या भी वहाँ आ गई और वरुण को देखकर हैरान हो गई।

वान्या – वरुण, तुम इतनी रात को यहां क्या कर रहे हो? सोना नहीं है क्या?

वरुण – चाँद को देख रहा हूँ|

वान्या को वरुण का जवाब समझ नहीं आया। उसने मुंह बनाया और वहाँ से जाने लगी लेकिन तभी वरुण ने बात छेड़ते हुए उसे जाने से रोक लिया।

वरुण – पता है वान्या जी, मेरी माँ कहती हैं कि कुछ लोग जब भी life में problem हो तो रात को चाँद को देखते हैं| उन्हें लगता है कि चाँद उनकी problems ठीक कर देगा लेकिन ऐसा नहीं होता। मन की बात करने के लिए किसी का पास होना ज़रूरी है। चाँद तो सिर्फ नींद खराब करता है।

वान्या उसकी बात पर हँसने लगी| वो वरुण के दो कदम और पास आई।

वान्या – तो goodboy की तरह अपनी मम्मी की बात मानों और चाँद को अपनी नींद खराब मत करने दो| जाकर सो जाओ, बहुत रात हो गयी है|

वरुण – ये तो cheating हैं। मुझे रूम में भेज कर आप अकेले चाँद को निहारना चाहती हो न? मेरी माँ एक और बात कहती हैं कि अगर problem को किसी के साथ शेयर किया जाये तो problem ख़त्म तो नहीं होती लेकिन उस problem के साथ जो दुख आता है, वो थोड़ा कम हो जाता है| आपके मन पर जो भार है वो हल्का हो जाता है.. इसलिए चाँद के अलावा, किसी इंसान से बातें शेयर कर लेनी चाहिए।

वान्या, वरुण की बात सुनकर सोच में पड़ गयी| उसका मन वाकई में बहुत भारी हो गया था| वो किसी को अपनी problem बता नहीं पा रही थी, अगर वो मिस्टर रायज़ादा को बताती तो वो business को लेकर काफी परेशान हो जाते। वान्या की फ्रेंड भूमिका भी अपनी लाइफ में बिज़ी थी। वान्या का दिल उसके दिमाग के सामने हार गया| उसने वरुण से अपनी परेशानियाँ शेयर करने का सोचा। उसे लगा कि भले ही वरुण से उसकी नहीं बनती है लेकिन वरुण पर वो एक बार तो भरोसा करके देख सकती है। उसके सामने अपना दिल हल्का ज़रूर कर सकती है। वो कुछ बोलती उस से पहले वरुण ने उसको बेंच पर बैठने का इशारा किया| वो जानता था कि बात लम्बी चलने वाली है|

वान्या (दिल की बात बताते हुए) – problem तो है, और बड़ी problem है। ऑफिस में सब लोग जॉब छोड़ कर जा रहे हैं| एम्प्लोयीज़ को रोकने के लिए मैंने उनकी सैलरी तीन गुना बढ़ा दी थी लेकिन मेरा ये decision अब मेरे ऊपर ही भारी पड़ रहा है| कंपनी को काफी नुकसान हो रहा है| पापा को अगर इस बारे में पता चला तो परेशान हो जायेंगे| कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूँ?

वरुण गौर से वान्या की बात सुन रहा था| जब समंदर का पानी तेज़ गति से बहने लगता है तो बहते हुए बहुत दूर जा पहुँचता है| वान्या की भावनाएँ भी चांदनी रात में बहना शुरू हो गई थीं।

वान्या – पापा ने इस कंपनी को बड़ी मेहनत से बनाया था| बिज़नस खड़ा करने के लिए उन्होंने अपने दिन-रात एक कर दिए| उन्होंने कई सारे sacrifices किये हैं। वो काम करते और साथ में मेरी देखभाल भी करते| उन्होंने आज तक मुझे किसी भी चीज़ की कमी महसूस नहीं होने दी| मुझे आज भी याद है, बचपन में मुझे teddy bear बहुत पसंद थे| एक दिन पापा मीटिंग के लिए चेन्नई गए हुए थे| मैंने उनको कॉल किया और उनसे नया teddy bear माँगा| उस वक्त घर पर सिर्फ मेड थी| मेड ने आसपास के इलाके के सारे टॉय स्टोर देख लिए लेकिन मुझे कोई भी पसंद नहीं आया। मैं रो-रो कर पागल हो गयी थी| पापा समझ गए कि मुझे उनसे teddy bear चाहिए। पापा ने अपनी मीटिंग बीच में ही छोड़ दी। Airport से teddy bear ख़रीदा और फ़ौरन घर आ गए| उनके आते ही मैं शांत हो गई और उनके दिए teddybear को देख खुशी के मारे उछल पड़ी। उन्होंने मेरे और कंपनी के लिए बहुत कुछ किया है| उन्होंने अपनी मेहनत से इस कंपनी को top तक पहुंचाया है और मैं हूँ कि अपनी ही कंपनी को डूबाने में लगी हूँ|

वान्या निराश होकर आसमान की ओर देखने लगी|

वरुण – वान्या जी, कई बार हमें लगता है कि हमारे साथ बहुत गलत हो रहा है| दिमाग में एक ही thought आता है कि आसपास के लोग हमसे बहुत आगे निकल गए और हम क्यों उनसे पीछे रह गए| हम अपना 100 परसेंट दे रहे हैं लेकिन फिर भी मन चाहा result नहीं मिल रहा| वान्या जी रिजल्ट तो मिलकर ही रहता है लेकिन कभी-कभी देर हो जाती है| हमारे हाथ में सिर्फ मेहनत करना और इंतज़ार करना है| आप को अभी लग रहा है कि आप कंपनी डूबा रहे हो लेकिन क्या पता कल आप ही कंपनी को सब से ऊपर ले जाओ....  इतना ऊपर, जहां तक मिस्टर रायज़ादा ने भी न सोचा हो।

वान्या को वरुण की बातें सुनकर काफी अच्छा लग रहा था| वान्या उसे अपने बचपन के और भी किस्से सुनाने लगी| वरुण उसकी बात सुन, कभी surprise हो जाता तो कभी हँसने लगता|

वान्या – तुम भी अपने बारे में कुछ बताओ? कब से मैं ही बोले जा रही हूँ|

वरुण –मेरे पास बताने के लिए ज्यादा कुछ है नहीं| घर पर सिर्फ मेरी माँ रहती है| उनके अलावा और कोई है नहीं मेरी ज़िन्दगी में| फिर पापा...

वरुण अपने पापा का जिक्र करते-करते रुक गया। वरुण के अचानक से रुक जाने से वान्या को भी हैरानी हुई| उसे उस दिन की याद आ गयी जब वो पहली बार वरुण के घर गयी थी|

वान्या (शक करते हुए) – फिर पापा, क्या? अपने पापा के बारे में बताओ कुछ? वो तुम्हारे साथ नहीं रहते क्या? तुम कुछ छुपा रहे हो?

वरुण (हिचकिचाते हुए) – वान्या जी, बात दरअसल ये है कि मेरे पापा की death हो चुकी है| मैं बहुत छोटा था, जब वो हमें छोड़कर चले गए। आप ये सब छोड़िये, हम कुछ और बात करते हैं।

वान्या को वरुण के पापा का सुनकर बुरा लगा। उसने वरुण से सॉरी कहा। वहीं वरुण ने राहत की सांस ली।

वरुण – वैसे आप ने कहा कि आपने बचपन में ही अपनी माँ को खो दिया था। आपके लिए तो बड़ा मुश्किल रहा होगा सब?  

वरुण के सवाल से वान्या पुरानी यादों में खो गयी| वो ऊपर चाँद की ओर देखने लगी जिसमें उसे अपनी माँ का चेहरा दिखाई दे रहा था।

क्या ये वरुण और वान्या की दोस्ती की शुरुआत है? क्या वान्या की problems खत्म होगी?


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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