जेल से बाहर जा रही श्रेया को एक लड़की दिखाई दी जो लोगों पर झूठे रेप केस लगा कर उनसे पैसे लूटा करती थी। उसे लेकर श्रेया के मन में अनगिनत सवाल उठ रहे थे। तभी उसे उस लड़की का नाम याद आया।

श्रेया (अपने आप से) - हाँ, उस लड़की का नाम प्रिया था।

तभी श्रेया ने प्रिया से बात करने की सोची और वापिस से जेल के गलियारे से गुजरते हुए उस कोने में बैठी लड़की के पास पहुंची। श्रेया धीरे-धीरे प्रिया के पास गई, और कुछ देर उसे देखती रही। फिर हिम्मत जुटाकर बोली -

श्रेया : "तुम कैसी हो, प्रिया?"

श्रेया के इस सवाल पर प्रिया ने पहले तो सिर झुकाए रखा, मानो उसने कुछ सुना ही न हो। लेकिन फिर अचानक उसके चेहरे पर एक बदलाव आया। उसने धीरे से अपना सिर उठाया और श्रेया की ओर देखा। उसकी आंखों जो थोड़ी देर पहले तक शांत थी, अचानक से लाल हो गयी श्रेया के इस सवाल के उसके दिल का गुस्सा उसके चेहरे पर उभर आया। और उसने तीखे स्वर में कहा, “अच्छा हुआ कि आरव पर हमला हुआ। और भी अच्छा होगा अगर वो मर जाए। उसने मेरी जिंदगी में दखल दिया, जो उसे कभी नहीं करना चाहिए था।”

प्रिया का गुस्सा अब और तेज हो गया था। उसकी आवाज में कड़वाहट और तीखापन साफ सुनाई दे रहा था। वह उन शब्दों से अपना दिल हल्का कर रही थी, जो लंबे समय से उसके अंदर घुट रहे थे। वह अब खुलकर बोल रही थी, जैसे उसे किसी की परवाह नहीं थी। प्रिया ने श्रेया की ओर देखे बिना अपनी बात जारी रखी, “आरव को मुझसे कोई मतलब नहीं रखना चाहिए था। मैंने कौन सा उसे लूटा? मुझे फंसाने की कोशिश कर रहा था। और अब देखो, उसे भी भुगतना पड़ा। मुझे खुशी है कि वो हॉस्पिटल में है, अच्छा होगा वो मर जाये।”

श्रेया ने प्रिया की बातें सुनीं, लेकिन वह अंदर से चौंक गई थी। उसे उम्मीद थी कि प्रिया इस वक्त अपनी सजा भुगतते हुए शायद कुछ पछतावा महसूस कर रही होगी, लेकिन उसके मन में आरव के लिए इतनी नफरत देखकर श्रेया को झटका लगा। आरव ने प्रिया की सच्चाई को उजागर किया था, लेकिन उसकी मंशा कभी प्रिया को बर्बाद करने की नहीं थी। वह चाहता था कि प्रिया अपने अपराधों को समझे और उनमें सुधार लाए, लेकिन यहां तो मामला बिल्कुल उल्टा हो चुका था।

इसके बाद प्रिया ने श्रेया की आँखों में देखा और कहा - “ तुम तो हमेशा उसी के साथ रहती थी ना! तुम खुद बताओ मैंने कब आरव को नुकसान पहुंचाया? उसने तो खुद अपनी बर्बादी मोल ली। उसने मुझे फंसाने की ठानी, और अब उसे उसका परिणाम मिला। उसे मेरी जिंदगी में कोई दखल देने की जरूरत नहीं थी।"

श्रेया ने उस  के चेहरे पर नफरत का वो रूप देखा जिसमें प्रिया अंदर तक जल रही थी। उस ने खुद को इस कड़वाहट में इतना डुबो लिया था कि अब उसे अपनी गलतियों का अहसास तक नहीं हो रहा था। उसके शब्दों से साफ झलक रहा था कि वह अपने किए को सही ठहरा रही थी और खुद को निर्दोष मान रही थी।

श्रेया ने महसूस किया कि प्रिया के साथ और बात करने का कोई फायदा नहीं था। वह अब भी अपनी सच्चाई का सामना करने के बजाय दूसरों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रही थी। श्रेया को आरव की याद आई — उसका हमेशा यह मानना था कि हर किसी को अपनी गलती से सबक लेने का मौका मिलना चाहिए। लेकिन प्रिया ने उस मौके को बर्बाद कर दिया था।

प्रिया अब भी श्रेया की ओर देखे बिना अपने मन की भड़ास निकाल रही थी। उसकी बातें और कड़वी हो चली थीं, लेकिन श्रेया ने यह महसूस कर लिया था कि प्रिया अब भी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही थी। वह अब भी अपने अपराधों का दोष दूसरों पर डाल रही थी, और उसकी नफरत ने उसे अंदर से खोखला कर दिया था।

श्रेया ने एक गहरी सांस ली और बिना कुछ कहे वहां से जाने का फैसला किया। उसे समझ आ गया था कि प्रिया से अब और बात करने का कोई मतलब नहीं था। वह अपनी सच्चाई को स्वीकार करने के बजाय, उस नफरत में जी रही थी जो उसे धीरे-धीरे और भी अंदर तक खा रही थी।

श्रेया (अपने आप से सोचते हुए, मन में): "कुछ लोग कभी अपनी गलतियों से सीखने का मौका नहीं लेते। आरव ने उसे सुधरने का मौका दिया था, लेकिन प्रिया अब भी खुद को सही ठहराने की कोशिश कर रही है। कितनी अजीब बात है कि वो अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बजाय और ज्यादा गहराई से नफरत में डूबती जा रही है।"

श्रेया ने गहरी सांस ली और चलते हुए खुद से बातें करती रही -

श्रेया - "आरव हमेशा कहा करता था कि सजा इंसान को सुधार सकती है, लेकिन केवल तब जब वो उसे समझे और उसे अपनाए। पर यहां प्रिया ने अपनी सजा को घृणा और आक्रोश का हथियार बना लिया है। वह समझ नहीं पा रही कि अपनी गलतियों से कुछ सीखना ही असली सुधार है, न कि दूसरों पर दोष मढ़ना।"

उसके कदम और तेज हो गए, लेकिन उसके मन में प्रिया की बातें गूंजती रहीं -

श्रेया (अपने आप से) - "कुछ जख्म इतने गहरे होते हैं कि वो नफरत और गुस्से के साथ बढ़ते जाते हैं। प्रिया भी शायद उन्हीं जख्मों में फंसी हुई है। आरव ने हमेशा लोगों में सुधार की उम्मीद की थी, लेकिन सबके लिए वो उम्मीद नहीं होती।"

श्रेया ने बिना पीछे मुड़े जेल के बाहर की ओर बढ़ते हुए अपने आप से कहा -

श्रेया - "प्रिया ने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती से कुछ भी नहीं सीखा। शायद उसके लिए यह सजा नहीं, एक और बहाना बन गई है दूसरों को दोष देने का। आज आरव की हालत सही होती और वो ये देखता तो शायद उसकी सोच बदल जाती, वो फिर कभी नहीं कहता कि सभी को जीवन में एक मौका मिलना चाहिए। ऐसे ही लोगों के कारण अभी भी आरव हॉस्पिटल में ही जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।"

श्रेया जेल से निकल कर सीधे अपने घर आ गयी और वपिस से कोड लिखने में लग गयी, क्योंकि उसने नीना से केवल एक महीने का ही समय माँगा था ताकि क्लार्क को पूरी तरह मात दी जा सके। श्रेया ने अपने नए सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बनाने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी थी। वह एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहती थी जिसे कोई भी हैक न कर सके, न ही कोई फेक प्रोफाइल बना सके। लेकिन जितनी मेहनत और लगन से वह काम कर रही थी, उतनी ही मुश्किलें उसके सामने आ रही थीं। हर बार जब वह एक नई टेक्निक का इस्तेमाल करके सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश करती, कुछ न कुछ दिक्कत आ ही जाती। कभी सिस्टम क्रैश हो जाता, कभी कोडिंग में कोई बड़ी खामी निकल आती। यह सब देखकर वह अंदर से टूटने लगी थी, लेकिन उसका हौसला अब भी बरकरार था।

श्रेया (मन में सोचते हुए): "मुझे यह करना ही होगा। मुझे क्लार्क को बताना ही होगा कि आरव एक मार्केटिंग स्टंट नहीं है।”

लेकिन श्रेया जानती थी कि इस प्रॉब्लम का सलूशन अकेले उसके बस में नहीं है। उसे किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी, जो इस टेक्निकल प्रॉब्लम को सुलझा सके, और उसके मन में सिर्फ एक ही नाम आया—प्रकाश।

प्रकाश एक बेहतरीन कोडर और टेक्निकल एक्सपर्ट था, जिसने पहले भी कई मुश्किल प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया था। श्रेया जानती थी कि अगर कोई उसकी मदद कर सकता है, तो वह प्रकाश ही था। लेकिन श्रेया को यह भी पता था कि प्रकाश उसे प्यार करता था, और वह कभी भी इस एहसास का जवाब नहीं दे पाई थी क्योंकि वह खुद आरव से प्यार करती थी। यह बात दोनों के बीच एक इन्विंसिबल दूरी बनाए रखती थी, और इसलिए उसने प्रकाश के साथ कभी कोई रिलेशन नहीं बनाए थे। लेकिन अब स्थिति कुछ और थी—उसके प्लेटफार्म का भविष्य प्रकाश के हाथों में था।

श्रेया (खुद से): "प्रकाश ही मेरी आखिरी उम्मीद है। मुझे उससे बात करनी होगी, चाहे कुछ भी हो।"

श्रेया ने प्रकाश को फोन करने का फैसला किया। वह थोड़ी हिचकिचा रही थी, लेकिन वह जानती थी कि और कोई रास्ता नहीं था। उसने फोन उठाया और प्रकाश का नंबर डायल किया। कुछ रिंग के बाद प्रकाश ने फोन उठाया।

प्रकाश (फोन पर, उत्सुकता से): “श्रेया! काफी समय बाद कॉल कर रही हो। सब ठीक तो है?”

श्रेया (थोड़ी झिझक के साथ): "हां, सब ठीक है... नहीं, दरअसल कुछ ठीक नहीं है, प्रकाश। मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है।"

प्रकाश श्रेया की आवाज सुनकर एक पल के लिए मुस्कुराया, फिर वो टेंशन में आ गया क्योंकि उसे पहली बार श्रेया ने फ़ोन किया था। वह हमेशा से श्रेया की मदद करना चाहता था, लेकिन कभी भी उसे अपनी भावनाओं का बोझ नहीं देना चाहता था।

प्रकाश : “तुम्हें कभी कुछ कहने की जरूरत नहीं, श्रेया। बताओ, मैं कैसे मदद कर सकता हूँ?”

श्रेया : "मैं एक नया सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना रही हूँ, लेकिन मुझे बहुत दिक्कतें आ रही हैं। हर बार कुछ न कुछ गलत हो जाता है। मैं चाहती हूँ कि यह दुनिया का सबसे सेफ प्लेटफार्म बने, लेकिन मैं अकेले यह नहीं कर पा रही हूँ। मुझे तुम्हारी टेक्निकल हेल्प चाहिए।"

प्रकाश ने कुछ पल तक सोचा। वह समझ गया था कि श्रेया ने अपनी पूरी कोशिश कर ली थी, लेकिन वह मदद मांगने के लिए बहुत हिचकिचा रही थी। उसे एहसास था कि श्रेया आरव से प्यार करती थी, और उसने कभी भी अपनी भावनाओं को उसके सामने नहीं रखा। लेकिन आज उसकी प्रायोरिटी श्रेया की मदद करना थी, न कि अपने दिल की बात कहना।

प्रकाश : “श्रेया, मैं तैयार हूँ। मुझे बताओ कि तुम्हें किस तरह की मदद चाहिए। मैं तुम्हारे प्रोजेक्ट के साथ हूं।”

श्रेया : "थैंक यू, प्रकाश। तुम्हे पता है कि मैं तुमसे कभी मदद नहीं मांगती, लेकिन यह प्रोजेक्ट मेरे लिए बहुत जरूरी है।"

अगले ही दिन, प्रकाश श्रेया के घर पहुंचा। दोनों ने एक साथ बैठकर पूरे प्लेटफार्म की कोडिंग और टेक्निकल मिस्टेक को देखा। श्रेया ने उसे डिटेल में सारी प्रोब्लेम्स के बारे में बताया, और प्रकाश ने धैर्यपूर्वक हर समस्या को सुना। उसने कई टेक्निकल मिस्टेक्स की पहचान की और फिर उन्हें सुलझाने के लिए नए कोड लिखना शुरू किया।

प्रकाश : “यह कोड में एक लूप है जो बार-बार क्रैश का कारण बन रहा है। मुझे इसे ठीक करना होगा। और हां, तुम्हारी सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत है, लेकिन इसे और बेहतर बनाया जा सकता है।”

श्रेया : "तुम हमेशा सबसे सही बात पकड़ लेते हो। मुझे पता था कि तुम ही यह कर सकते हो।"

प्रकाश ने कई घंटे श्रेया के साथ मिलकर काम किया। दोनों ने मिलकर सिस्टम की खामियों को सुलझाया और सुरक्षा को बढ़ाया। जहां श्रेया थोड़ी थकी हुई और हताश हो चुकी थी, वहीं प्रकाश ने उसे नई ऊर्जा दी। उन्होंने दिन-रात एक करके प्लेटफार्म को ऐसा बनाया कि अब इसमें कोई भी टेक्निकल मिस्टेक नहीं थी। प्रकाश ने श्रेया को टेक्निकल सुझाव भी दिए कि कैसे वे इस प्लेटफार्म को और ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं।

प्रकाश : “अब यह सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है। कोई भी इसे आसानी से हैक नहीं कर पाएगा। यह तुम्हारा सपना था, श्रेया, और अब यह सच होने वाला है।”

श्रेया : “प्रकाश, तुमने मेरा बहुत बड़ा बोझ हल्का कर दिया। मैं नहीं जानती कि तुम्हारा शुक्रिया कैसे अदा करूं।”

प्रकाश : "तुम्हें मुझे शुक्रिया कहने की जरूरत नहीं है, श्रेया। तुम्हारी ख़ुशी मेरी सबसे बड़ी खुशी होगी।"

श्रेया ने महसूस किया कि प्रकाश की मदद के बिना यह संभव नहीं हो पाता। वह जानती थी कि प्रकाश उसके लिए क्या महसूस करता था, लेकिन उसने कभी उसकी भावनाओं का फायदा नहीं उठाया था। फिर भी, आज उसने महसूस किया कि प्रकाश उससे अथाह प्रेम करता था।

अगले दिन श्रेया अपने नए सोशल मीडिया प्लेटफार्म की टेस्टिंग कर रही थी। उसे थोड़ी घबराहट थी कि आखिरकार यह काम कैसे करेगा। पिछली रात वह और प्रकाश दोनों ने मिलकर इस प्लेटफार्म को इतना सेफ और पावरफुल बनाया था कि उसे भरोसा था कि अब इसमें कोई खामी नहीं बचेगी। लेकिन फिर भी, उसे इसे नीना को दिखाने से पहले यकीन करना था।

जैसे ही उसने सिस्टम को ऑन किया और प्लेटफार्म के इंटरफेस को देखा, वह चौंक गई।

 

ऐसा क्या देखा श्रेया ने उस प्लेटफार्म के इंटरफ़ेस में जो वो चौंक गयी??

क्या श्रेया और प्रकाश की मेहनत रंग लायी है या उस पर पानी फिर गया है ?

अब कैसे मुक़ाबला करेगी श्रेया क्लार्क का ?

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

Continue to next

No reviews available for this chapter.