क्लार्क बाकी के सोशल मीडिया की ऐसी हालत देखकर खुश था। उसे पता था कि उसकी कंपनी न सिर्फ सबसे बड़ी है, बल्कि उसका मुकाबला करने वाला भी कोई नहीं बचा था।

क्लार्क : "मैंने कहा था, दुनिया में सिर्फ एक ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म रहेगा, और वो है कनेक्ट मी। अब कोई और रास्ते में नहीं आएगा। बस एक वेव और मेरे नाम हो जाये उसके बाद कनेक्ट मी अनबीटेबल हो जाएगा।

क्लार्क ने जिस तरह से ये पूरा गेम खेला था, लगभग सारे छोटे प्लेटफॉर्म ख़तम हो चुके थे। सरकार में उसके कनेक्शन के आगे कोई भी व्यक्ति टिक नहीं पा रहा था, और उसका सोशल मीडिया का साम्राज्य हर दिन और मजबूत होता जा रहा था।

एक महीना बीत चुका था, आरव की हालत अभी भी वैसी ही थी, उसकी हालत में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा था। नीना को जेल में महीना भर हो चुका था। हर गुजरते दिन के साथ उसकी हालत और भी मुश्किल होती जा रही थी। वह अकेली थी, घुटन भरे माहौल में फंसी हुई, और उसे यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर कब यह संघर्ष खत्म होगा। वेव, जिसे उसने अपने खून-पसीने से खड़ा किया था, अब पूरी तरह तबाह हो चुका था। बाहर की दुनिया से कोई खबर न मिल पाने के कारण वह धीरे-धीरे पागल होते जा रही थी।

इसी बीच, एक दिन नीना को बताया गया कि कोई उससे मिलने आया है। नीना को यह सुनकर थोड़ी हैरानी हुई, क्योंकि इतने दिनों में उससे मिलने कोई नहीं आया था। जब वह जेल के मिलने वाले कमरे में पहुंची, तो उसने देखा कि सामने क्लार्क बैठा हुआ था।

क्लार्क को देखकर नीना के दिल में एक बार फिर से वही पुरानी नफरत और गुस्सा उमड़ पड़ा। वह जानती थी कि वेव को बर्बाद करने के पीछे क्लार्क का ही हाथ था। लेकिन आज वह खुद उससे मिलने आया था, और वह समझ नहीं पा रही थी कि उसकी मंशा क्या है।

क्लार्क : "नीना, मुझे पता है कि तुम्हारे लिए यह समय कितना कठिन है। मैं समझ सकता हूँ कि वेव अब तुम्हारे हाथ से निकल चुका है। पूरी दुनिया जानती है कि वेव अब खत्म हो चुका है, और इसका कोई भविष्य नहीं बचा है।"

नीना ने क्लार्क की ओर बिना कुछ कहे देखा, लेकिन उसकी आंखों में गुस्सा था। वह जानती थी कि क्लार्क वही आदमी था जिसने उसे इस हालत में पहुंचाया था।

क्लार्क : "देखो नीना, मैं यहाँ किसी लड़ाई के लिए नहीं आया हूँ। बल्कि, मैं तुम्हारे लिए एक प्रस्ताव लेकर आया हूँ। वेव अब टूट चुका है, लेकिन मैं इसे खरीदने के लिए तैयार हूँ। तुम बस इसके सभी अधिकार मुझे बेच दो। बदले में, मैं तुम्हें यहां से बाहर निकलने में मदद करूंगा। तुम्हें पता है, मेरे पास इतने कनेक्शन हैं कि तुम्हारी रिहाई एक दिन में हो सकती है।"

नीना ने गहरी सांस ली, उसकी आंखों में अब गुस्से की जगह एक अजीब सा तनाव और असमंजस था।

क्लार्क की यह बात सुनकर नीना एक पल के लिए सोच में पड़ गई। एक तरफ वेव, जो उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना था, और दूसरी तरफ उसकी आजादी। क्लार्क ने उसे उसके सपने और उसके अस्तित्व के बीच चुनाव करने की स्थिति में डाल दिया था। नीना कुछ बोलती उससे पहले ही क्लार्क उससे बोल पड़ा।

क्लार्क : "देखो, नीना। वेव अब बर्बाद हो चुका है। इसे जिंदा रखने का कोई फायदा नहीं है। इसके सभी अधिकार मुझे बेच दो, और मैं सुनिश्चित करूंगा कि तुम जल्द ही इस जेल से बाहर आ जाओ। तुम्हें फिर से अपनी जिंदगी जीने का मौका मिलेगा। और अगर तुम चाहती हो तो कनेक्ट मी को ज्वाइन कर सकती हो, मैं पूरा यकीन दिलाता हूँ कि कनेक्ट मी को तुम्हारे जैसे एम्प्लॉई पाकर फायदा ही होगा।"

नीना ने कुछ देर तक कुछ नहीं कहा। वह सोच में पड़ गई थी। उसके दिमाग में कई सवाल और उलझनें चल रही थीं। क्या वह वेव को बेचकर अपनी आजादी हासिल कर ले? या फिर वेव के लिए लड़ाई जारी रखे, भले ही उसका कोई भविष्य न हो? क्लार्क की चालाकी नीना को समझ में आ रही थी, लेकिन उसकी परिस्थिति ऐसी थी कि उसे ये डिसिशन बहुत सोच-समझकर लेना था। उसने आखिरकार कुछ बोलने का फैसला किया। उसने क्लार्क की ओर देखा और कहा,

नीना - "मुझे सोचने के लिए कुछ समय चाहिए। यह फैसला आसान नहीं है।"

क्लार्क : "बिल्कुल, नीना। मैं जानता हूँ कि यह आसान नहीं है। सोच लो, और जब भी फैसला कर लो, मुझे बता देना। मैं इंतजार करूंगा।"

क्लार्क ने यह कहकर अपनी एक हलकी मुस्कान के साथ नीना को अलविदा कहा और जेल से बाहर निकल गया। नीना वहीं बैठी रही, उसकी आंखों में असमंजस और दिल में बेचैनी थी। वह जानती थी कि क्लार्क का यह ऑफर उसकी आजादी और उसके सपने के बीच की दीवार बन चुका था, और उसे अब बहुत सोच-समझकर फैसला लेना था।

उसने इस दुविधा में पड़कर आखिरकार श्रेया को फोन किया। नीना ने श्रेया को सारी बात बताई — कैसे क्लार्क ने वेव को खरीदने का प्रस्ताव दिया और बदले में उसकी आजादी का वादा किया।

नीना : "श्रेया, क्लार्क मेरे पास आया था। उसने वेव के सारे अधिकार खरीदने का प्रस्ताव दिया है... और बदले में मेरी रिहाई का वादा किया है। मैं क्या करूं?"

श्रेया ने नीना की बात सुनते ही फौरन इन्कार कर दिया। उसकी आवाज में गुस्सा और चिंता दोनों झलक रहे थे।

श्रेया : "नीना, यह क्लार्क की एक और चाल है। वो सिर्फ तुम्हें अपने जाल में फंसाना चाहता है। वेव को बेचना हल नहीं है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। तुम्हें उसे कोई अधिकार नहीं देना चाहिए।"

नीना की स्थिति बेहद कठिन थी। जेल की तंग दीवारी और डर के माहौल में रहते हुए वह पागल होने लगी थी। वह अब किसी भी कीमत पर जेल से बाहर आना चाहती थी, भले ही इसका मतलब वेव को खोना ही क्यों न हो।

श्रेया को नीना की चिंता और बेबसी का अहसास हो गया था। इसलिए उसने तय किया कि वह नीना से पर्सनली मिलेगी और उसे समझाने की कोशिश करेगी। श्रेया तुरंत जेल जाने का फैसला कर चुकी थी, क्योंकि वह जानती थी कि नीना इस वक्त कितनी कमजोर स्थिति में है।

श्रेया जब जेल पहुंची, तो उसने देखा कि नीना बहुत ही टेंशन और इनडिसाइसिव सिचुएशन में थी। क्लार्क के प्रपोजल ने उसे मानसिक तौर पर झकझोर दिया था। वह जेल से बाहर आने की बेताबी में थी, और उसकी यह हालत देखकर श्रेया का दिल भी भारी हो गया। नीना के पास दो ऑप्शन थे—एक तरफ वेव को बेचना और दूसरी तरफ अपनी आजादी का इंतजार करना। श्रेया ने समझ लिया था कि नीना कमजोर पड़ रही है, और उसे एक मजबूत रास्ता दिखाने की जरूरत थी। उस ने नीना के पास बैठकर उसे शांत करने की कोशिश की। उसने नीना का हाथ थामते हुए कहा,

श्रेया - "नीना, मुझे पता है कि यह समय तुम्हारे लिए कितना कठिन है। लेकिन मुझे यकीन है कि हम क्लार्क को हराने का कोई और रास्ता निकाल सकते हैं। मैं एक नया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बना रही हूँ, और हमें बस एक महीने का समय चाहिए। एक बार जब वह लॉन्च हो जाएगा, तो हम वेव को वापस ला सकेंगे, और क्लार्क की कोई चाल काम नहीं आएगी।"

नीना ने श्रेया की बात ध्यान से सुनी। उसे पता था कि श्रेया जो कह रही थी, उसमें दम है। लेकिन जेल की घुटन और क्लार्क के प्रपोज़ल ने उसे बहुत उलझा दिया था। वह चाहती थी कि यह सब जल्द खत्म हो, लेकिन उसे श्रेया की बातें भी सही लग रही थी, क्योंकि श्रेया को केवल एक महीने का समय चाहिए था, वेव को बचाने के लिए और वेव उसका अपना सपना था।

नीना : "क्या एक महीना और इंतजार करना सही होगा, श्रेया? मुझे डर है कि मैं यहां और ज्यादा नहीं सह पाऊंगी। लेकिन मैं तुम्हारी बात भी मानती हूँ। अगर तुम कहती हो, तो मैं एक महीना और रुकूँगी "

श्रेया ने राहत की सांस ली। उसने नीना को भरोसा दिलाया कि वह हर हाल में उसका साथ देगी और जल्द ही इस कठिन दौर से निकलने का रास्ता निकाल लेगी। नीना ने श्रेया से वादा किया कि वह क्लार्क से आगे कोई रिलेशन नहीं रखेगी।

नीना : "ठीक है, श्रेया। मैं तुम्हारी बात मानती हूँ। मैं क्लार्क से कोई बात नहीं करूंगी और वेव को नहीं बेचूंगी। मैं सिर्फ तुम्हारे साथ खड़ी रहूंगी।"

नीना के इस वादे से श्रेया को सुकून मिला। लेकिन उसे अब एक और इम्पोर्टेन्ट काम करना था — क्लार्क को नीना से दूर रखना। उसे पता था कि अगर क्लार्क जेल में आता रहा और नीना पर दबाव डालता रहा, तो नीना फिर से कमजोर हो सकती है। इसलिए, श्रेया ने फैसला किया कि वह सविता से बात करेगी और क्लार्क को जेल में आने से रोकने के लिए उसे तैयार करेगी।

श्रेया तुरंत सविता से मिलने गई। जेल में सविता का रुतबा किसी डॉन जैसा था, और श्रेया जानती थी कि अगर सविता चाह ले, तो क्लार्क को जेल में कदम रखने से रोक सकती है।

श्रेया : "सविता, मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है। क्लार्क ने नीना को वेव बेचने के लिए मजबूर करने की कोशिश की है। मैं नहीं चाहती कि वह फिर से यहां आए और नीना को परेशान करे। क्या तुम इस चीज का ध्यान रख सकती हो कि क्लार्क कभी इस जेल में कदम न रखे?"

सविता हमेशा से आरव की इज्जत करती थी और नीना के लिए उसके मन में कोई भी दुश्मनी नहीं थी। पर श्रेया की बात से वो यह समझ गयी थी कि क्लार्क का जेल में आना नीना के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए उसने श्रेया को विश्वास दिलाया -

सविता ; "तुम्हें इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं वादा करती हूँ कि क्लार्क इस जेल में कभी कदम भी नहीं रख सकेगा। अगर उसने यहां आने की कोशिश की, तो उसे अंजाम भुगतना पड़ेगा।"

सविता के इस वादे से श्रेया को गहरा सुकून मिला। अब उसे पता था कि कम से कम जेल के अंदर नीना सुरक्षित रहेगी और क्लार्क उसके करीब नहीं आ सकेगा। श्रेया ने सविता को धन्यवाद कहा और यह जानकर लौट गई कि नीना अब सुरक्षित है।

श्रेया जेल के गलियारों से गुजर रही थी। सविता से मिलकर वह राहत महसूस कर रही थी कि नीना अब जेल में सुरक्षित रहेगी और क्लार्क को उससे दूर रखा जाएगा। लेकिन इसी बीच, उसकी नजर अचानक एक कोने में बैठी हुई लड़की पर पड़ी। वह लड़की अकेली, उदास और खामोश बैठी थी, जैसे उसे दुनिया से कोई मतलब ही न हो। उसकी आंखें झुकी हुई थीं, और चेहरा उस खामोशी की झलक दिखा रहा था।

श्रेया : "यह वही है... आरव ने मुझे इसके बारे में बताया था। उसने कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद की थी, सिर्फ अपने लालच के लिए। और अब देखो, यही लड़की यहां बैठी है, चुप, शांत... शायद अपनी गलतियों पर पछता रही है।"

नैरेटर: श्रेया बिना कुछ कहे, कुछ कदम और आगे बढ़ी, लेकिन उसके मन में आरव की बातें गूंज रही थीं। और अपने आप से ही बात करने लगी -

श्रेया - ये लड़की किस तरह लोगों को फंसाती थी, कैसे वह अमीर आदमियों को ब्लैकमेल करती और उनसे पैसे ऐंठती थी लेकिन आरव की नजर में, हर इंसान के पास खुद को बदलने का मौका होता है। क्या इस लड़की ने अपने अंदर बदलाव महसूस किया होगा? क्या उसे अपनी गलतियों का अहसास हुआ होगा?

श्रेया : "आरव ने हमेशा कहा था कि कोई भी इंसान सिर्फ हालात का शिकार नहीं होता, बल्कि अपने फैसलों का शिकार होता है। उसने इसे भी एक मौका दिया था, उसकी सच्चाई सबके सामने लाई थी... लेकिन क्या इसने वो सबक सीखा होगा?"

श्रेया  - आरव ने कहा था कि इस लड़की के अंदर बदलाव लाने की गुंजाइश थी, अगर वह खुद चाहे तो। उस का मानना था कि हर अपराधी को मौका दिया जाना चाहिए कि वह अपनी गलतियों से सबक ले और अपनी जिंदगी को फिर से सुधार सके।

कौन थी ये लड़की और आरव कैसे उसे जानता था? क्या वो सुधर पायी? क्या नीना एक महीने तक इंतज़ार कर पायेगी? क्या सविता क्लार्क को जेल में आने से रोक पाएगी ?

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