पार्टी में मौजूद हर व्यक्ति क्लार्क की इस जीत से खुश था, लेकिन कोई नहीं जानता था कि क्लार्क के दिमाग में क्या चल रहा था। वह केवल जीत का जश्न नहीं मना रहा था, बल्कि वह नीना की बर्बादी का भी मज़ा ले रहा था। क्लार्क की बातें सुनकर उसके सहयोगी भी हंसने लगे थे। कमरे में हर ओर तालियां गूंजने लगीं।
उस वक्त जब क्लार्क अपनी जीत का जश्न मना रहा था, नीना को अचानक एक खबर मिली जिसने उसके पैरों तले जमीन खिसका दी। उस को अस्पताल से वापस जेल भेजने की तैयारी की जा रही थी। वह जानती थी कि जेल में उस के लिए फिर से खतरा बढ़ सकता है, खासकर तब जब सविता जैसी कैदी वहां थी, जिसने पहले ही नीना पर हमला किया था।
नीना : "मैं वापस जेल नहीं जाऊंगी। वहां मेरी जान को खतरा है। आप लोग यह जानते हैं, फिर भी मुझे वापस भेज रहे हैं? मुझे सुरक्षा की जरूरत है, न कि फिर से उस नरक में लौटने की।"
पुलिस ने नीना को समझाने की कोशिश की, लेकिन नीना पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था। उसने एक बार फिर से जेल जाने से मना कर दिया। लेकिन पुलिस के पास आदेश थे, और वे वही कर रहे थे जो उन्हें बताया गया था। ऐसे में एक अधिकारी बोला - देखिए, हमें भी आपकी चिंता समझ में आती है। लेकिन यह ऊपर से आया आदेश है। हमें आप को वापस जेल ले जाना ही पड़ेगा। हम उसे पूरी सुरक्षा देंगे, यह हमारा वादा है।"
नीना का डर कम होने का नाम नहीं ले रहा था। उसे यकीन था कि जेल में वापस जाने का मतलब उसकी जान को और खतरे में डालना होगा। भले ही पुलिस सुरक्षा देने का वादा कर रही थी, लेकिन नीना को इस पर भरोसा नहीं हो रहा था।
जब श्रेया को पता चला कि नीना को अस्पताल से वापस जेल भेजने की तैयारी की जा रही है, वह नीना से मिलने हॉस्पिटल पहुंची। उसे डर था कि जेल में नीना फिर से खतरे में पड़ सकती है, और वह इस बार किसी भी हाल में नीना को सुरक्षित रखना चाहती थी।
अस्पताल पहुंचते ही श्रेया सीधे नीना के कमरे में गई। नीना अब भी कमजोर दिख रही थी, लेकिन उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा था। श्रेया ने बिना किसी देरी के नीना से बात शुरू की।
श्रेया : "नीना, मुझे पता है कि तुम पर कितना बड़ा खतरा मंडरा रहा है और मुझे ये भी पता है कि तुमने आरव को नहीं मारा। लेकिन हमें एक ऐसा रास्ता निकालना होगा, जिससे तुम जेल में सेफ रह सको, क्या तुम मुझे बता सकती हो जेल में तुम्हारे साथ क्या - क्या हुआ था?
नीना ने गहरी सांस ली, उसकी आंखों में डर था, और उसने धीरे-धीरे श्रेया को बताया कि सविता ने उसे मारने की धमकी दी थी। वह जानती थी कि सविता बेहद खतरनाक है और जेल में उसका सामना करना उसकी जान के लिए सबसे बड़ा खतरा हो सकता है। इसके बाद नीना ने आरव की हालत के बारे में पूछा -
नीना - अब आरव की हालत कैसी है?
श्रेया - डॉक्टर कह रहे है कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। उसके होश में आने के कोई रास्ते नहीं दिखाई दे रहे हैं।
नीना - नहीं, उसे होश में आना होगा। उसे सच बताना होगा क्योंकि सविता ने साफ कह दिया है कि मैंने उस को मारा है, और इसके लिए वो मुझे मार देगी। मैं वहां नहीं लौटना चाहती, श्रेया।"
श्रेया को सविता के बारे में जानकर चिंता हुई, लेकिन उसने नीना को यकीन दिलाया कि वो इस समस्या का हल निकालेगी। उस ने तय किया कि वह खुद सविता से बात करेगी। उसे यकीन था कि सविता से सीधी बात करके वह उसे नीना को बचा सकती है। फिर श्रेया ने पुलिस ने बात की।
श्रेया - आप एक दिन की मोहलत दे दे बस, मैं कल एक बार जेल में किसी से मिल आऊं, उसके बाद आप नीना को ले जाइएगा। और तब तक इसका ध्यान रखना।
पुलिस ने श्रेया को यकीन दिलाया कि नीना की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे। पर नीना किसी भी हालत में वापस जेल नहीं जाना चाहती थी, लेकिन सरकारी आदेशों के सामने उसकी आवाज़ कोई मायने नहीं रख रही थी। पर श्रेया ने पुलिस अधिकारी को मना लिया और अधिकारी ने एक दिन की इजाजत दे दी।
अगले ही दिन, श्रेया जेल पहुंची और सीधे सविता से मिलने की मांग की। जब सविता को यह बताया गया कि श्रेया उससे मिलने आई है, तो उसने तुरंत उसे पहचान लिया।
सविता ने श्रेया को आरव के साथ कई बार देखा था, और वह जानती थी कि श्रेया आरव के बेहद करीब थी। जब श्रेया उसके सामने आई, तो सविता के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान आ गयी। और वो बोली - आरव कैसा है? उसकी तबियत में कुछ सुधार हुआ या नहीं?
श्रेया ने सविता की आंखों में एक पल के लिए देखा और एक गहरी साँस ली , फिर कहा -
श्रेया : "आरव की तबियत बिलकुल भी सही नहीं है, वो अभी भी उसी हालत में हैं। पर नीना को इस हत्या का झूठा दोषी ठहराया गया है। वह भी एक साजिश का शिकार हुई है।"
सविता का चेहरा गंभीर हो गया। वह आरव के बारे में सुनकर चुपचाप बैठी रही, उसकी आंखों में एक गहरा दुख झलक रहा था। कुछ देर की चुप्पी के बाद, सविता ने गहरी सांस लेते हुए कहा, -"आरव को मैं बहुत मानती थी। वो हमेशा गरीबों और कमजोरों के लिए खड़ा रहता था। अगर नीना भी उसी साजिश का शिकार है, तो मैं उसे कुछ नहीं करूंगी।"
श्रेया ने राहत की सांस ली। उसने सविता को धन्यवाद दिया और उसे समझाया कि नीना पूरी तरह निर्दोष है। सविता ने अपना गुस्सा छोड़कर नीना को बख्शने का फैसला कर लिया था।
श्रेया, तुरंत नीना से मिलने अस्पताल पहुंची। उसके दिल में एक हल्की सी राहत थी, क्योंकि सविता ने आरव की यादों के चलते नीना को कुछ न करने का वादा किया था। वह जानती थी कि नीना को यह बताना बेहद जरूरी था, ताकि वह बिना डर के वापस जेल जा सके। श्रेया जब नीना के कमरे में पहुंची, तो उसने देखा कि नीना अभी भी डरी और घबराई हुई थी। उसे जेल वापस भेजे जाने का ख्याल ही उसके चेहरे को डर से भर देता था।
श्रेया ने नीना के पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रखा और मुस्कुराते हुए कहा,
श्रेया - "नीना, अब चिंता की कोई बात नहीं है। मैंने सविता से बात कर ली है। वह तुम्हें कुछ नहीं करेगी। उसने तुम्हें माफ कर दिया है।"
नीना ने श्रेया की आंखों में देखा, और एक गहरी साँस ली। हालांकि नीना का दिल अब भी डर से भरा हुआ था, लेकिन श्रेया की बातों ने उसे कुछ हद तक शांत किया।
नीना - "अगर सविता ने मुझे कुछ न करने का वादा किया है, तो मैं अब वापस जेल जा सकती हूँ। लेकिन मैं अब भी डरी हुई हूँ, श्रेया।"
श्रेया - "मैं समझती हूँ, नीना। लेकिन अब तुम्हें कोई खतरा नहीं है। सविता ने वादा किया है, और वो अपने वादे पर कायम रहेगी। तुम सुरक्षित हो।"
थोड़ी देर तक सोचने के बाद, नीना ने आखिरकार सहमति में सिर हिला दिया। डर अभी भी उसके चेहरे पर था, लेकिन अब उसे यकीन था कि श्रेया ने जो कहा है, वह सही है। नीना ने धीरे-धीरे खुद को तैयार किया और डरते हुए ही सही, लेकिन वह वापस जेल जाने के लिए तैयार हो गई।
दूसरी तरफ, क्लार्क अपनी नई ऊंचाइयों को छूने में पूरी तरह सफल हो रहा था। उसकी कंपनी "कनेक्ट मी" अब सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नहीं रह गई थी, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली नेटवर्क बन चुकी थी। अपनी सफलता के बाद, क्लार्क को न सिर्फ निजी कंपनियों से बड़े-बड़े विज्ञापन मिल रहे थे, बल्कि अब उसे सरकारी विज्ञापनों के ऑर्डर भी मिलने लगे थे। यह उसके लिए एक नई शुरुआत थी - सरकार के साथ जुड़कर वह अपनी पकड़ और मजबूत कर रहा था।
क्लार्क का प्रभाव सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं था, बल्कि अब वह धीरे-धीरे सरकार के ऊंचे पदों पर भी अपनी जगह बना रहा था। बड़े सरकारी अधिकारियों से संपर्क बढ़ाने के बाद, वह जानता था कि अब वह अपनी शक्ति का सही इस्तेमाल कर सकता है। सरकारी विज्ञापनों से उसे न सिर्फ भारी मुनाफा मिल रहा था, बल्कि इससे उसे सरकार में बैठे ऊँचे पदों के लोगों से भी सीधा कनेक्शन मिल गया था। क्लार्क ने अब तय कर लिया था कि वह अपने कॉम्पिटिटर्स को पूरी तरह खत्म करके इस साम्राज्य को और भी बड़ा बनाएगा।
क्लार्क ने अपनी कंपनी को बढ़ाना करना शुरू कर दिया। अब उसका लक्ष्य छोटे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बंद करवाना था, ताकि कोई भी उसके "कनेक्ट मी" के मुकाबले में न आ सके। उसने सरकारी रिलेशन का इस्तेमाल करके इन छोटे प्लेटफार्मों के खिलाफ कानूनी मुकदमे दायर करने शुरू कर दिए। इन मुकदमों का नतीजा यह था कि धीरे-धीरे कई छोटे सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद होने लगे, और बाकी जो बचे थे, वे भी भारी दबाव का सामना कर रहे थे। जो भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद होने वाले होते थे, क्लार्क उन्हें जा कर खरीद लेता था, जिससे उनके कस्टमर एंड कोडिंग डाटा क्लार्क को मिल जाता। पर सभी लोग अपनी कंपनी बंद नहीं कर रहे थे।
हर रोज कोई न कोई क्लार्क की कंपनी के खिलाफ अपनी आवाज उठाने की कोशिश करता था, लेकिन उसकी ताकत इतनी बढ़ चुकी थी कि कोई भी उसे रोकने में सफल नहीं हो रहा था। वह सरकार के अंदर तक अपनी जड़ें फैला चुका था, और हर किसी को यह एहसास होने लगा था कि क्लार्क के खिलाफ खड़ा होना आसान नहीं था।
छोटे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के मालिक परेशान हो गए थे। उन्होंने अपने-अपने प्लेटफार्म पर वीडियो और पोस्ट डालकर जनता से मदद मांगनी शुरू की। वे अपने यूजर्स को बता रहे थे कि क्लार्क कैसे उनको बर्बाद करने की कोशिश कर रहा था। वे खुलकर क्लार्क के खिलाफ आवाज उठा रहे थे, यह कहते हुए कि वह अपने सरकारी रिलेशन का दुरुपयोग करके उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म को खत्म कर रहा था।
छोटे प्लेटफार्मों ने वीडियो, पोस्ट, ब्लॉग्स सब कुछ इस्तेमाल करके लोगों तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन जितनी मेहनत वे कर रहे थे, उतना ही ज्यादा उन्हें क्लार्क के गुस्से का सामना करना पड़ रहा था। धीरे - धीरे उनकी पोस्ट्स पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी, न ही कोई उन्हें देख रहा था। शुरुआत में उन्होंने इसे नॉर्मल प्रॉब्लम समझा, लेकिन जल्द ही उन्हें यह समझ में आ गया कि इसके पीछे भी क्लार्क का हाथ था।
क्लार्क ने सिर्फ छोटे प्लेटफार्मों के खिलाफ कानूनी मुकदमे दायर नहीं किए थे, बल्कि उसने "कनेक्ट मी" की पूरी ताकत का इस्तेमाल करके उनकी ऑनलाइन प्रजेंस को भी कमजोर कर दिया था। उसने अपनी टेक्निकल टीम से इन छोटे प्लेटफार्मों के वीडियो और पोस्ट्स को "शैडो बैन" करवा दिया था। शैडो बैनिंग का मतलब था कि जब कोई यूजर इन छोटे प्लेटफार्मों की पोस्ट देखना चाहे, तो वह पोस्ट दिखाई तो देती थी, लेकिन उसकी रीच बहुत ही लिमिटेड कर दी गई थी। न तो यूजर्स को सही से नोटिफिकेशन मिल रहे थे, और न ही पोस्ट्स की कोई विशेष रीच हो रही थी।
यह शैडो बैनिंग का तरीका बेहद चालाकी से किया गया था, ताकि किसी को सीधे तौर पर पता न चले कि उनकी पोस्ट को जानबूझकर दबाया जा रहा है। छोटे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों ने इस समस्या को हल करने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उनके लाखों यूजर्स अचानक गायब हो गए थे, और उनकी पोस्ट्स की पहुंच जीरो के बराबर हो गई थी।
छोटे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के मालिक और उनके यूजर्स लगातार हताश हो रहे थे। हर दिन नए वीडियो और पोस्ट डालने के बावजूद, उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। कुछ ने तो अपनी वेबसाइटों पर यह तक लिख दिया कि वो सुसाइड करने की कगार पर आ चुके है, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। क्लार्क के बनाए हुए इस टेक्निकल फंदे ने उनकी ऑनलाइन प्रजेंस को लगभग खत्म कर दिया था।
क्लार्क बाकी के सोशल मीडिया की ऐसी हालत देखकर खुश था। उसे पता था कि उसकी कंपनी न सिर्फ सबसे बड़ी है, बल्कि उसका मुकाबला करने वाला भी कोई नहीं बचा था। वह अपने ऑफिस में बैठे हुए यह सब देख रहा था और मुस्कुरा रहा था।
पर क्या क्लार्क हमेशा नंबर वन रह पायेगा? या वेव वापिस से खड़ी हो जाएगी?
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