जतिन, राघव के नए गेटअप को बड़े ही ध्‍यान से देख रहा था…जैसी प्‍लानिंग कि गई थी, दिल्‍ली आने के पहले राघव अपना लुक चेंज करेगा, जिससे वो नैना जो उसे किसी भूखी लोमड़ी की तरह इधर से उधर ढूंढ रही थी वह पहचान न सके। 

राघव ने न केवल अपनी दाढ़ी मूंछे हद से ज्‍यादा बढ़ा ली थी बल्‍कि वजन भी बढ़ा लिया था। कपड़े पहनने का ढंग भी बदल गया था, अब वह एक नए पहचान के साथ दिल्‍ली की सड़कों पर घूम रहा था, नैना की साजिशों का पर्दाफाश जो करना था, अपने परिवार से फिर से मिलना था। 

जतिन ने राघव को पूरी तरह से मुआयना करने के बाद कहा, ‘’इसमें तो खुद नैना अगर तुम्‍हारे सामने आ जाए तो वह भी नहीं पहचान सकती है।‘

‘यही तो मैं चाहता हूं, वैसे मेरी फैमिली के बारे में कोई खबर, क्‍या चल रहा है वहां?’

‘’खबर क्‍या? तुम्‍हें तो पता ही है कि शादी की तैयारी चल रही है, कल से हल्‍दी की रस्‍म शुरू हो जाएगी।‘’ 

राघव ने चैन की सांस ली, चलो कम से कम इस घर में पांच साल बाद खुशियां तो आएगी…रमन का घर बस जाएगा। 

राघव, तुम्‍हारे पिता शेखर और तुम्‍हारी मां को पूरा भरोसा है कि तुम रमन की इस हल्‍दी की रस्‍म में जरूर आओेगे, नैना को भी आशंका है, इसलिए उसके गुंडे तुम्‍हारे घर के आसपास घात लगाकर बैठे हैं। आज कई सारे रिलेटिव हल्‍दी की रस्‍म में जा रहे हैं, जैसा कि नैना ने उन गुंडो को तुम्‍हारा हुलिया बताया है, वैसा ही दिखने वाले किसी भी आदमी पर वे कड़ी नजर जरूर रखेंगे।‘’

‘’क्‍या नैना के आदमी मेरे घर पर आने वाले लोगों की पर्सनल चेकिंग भी कर रहे हैं?‘’

‘’नहीं, जहां तक मुझे जानकारी मिली है नैना ने तुम्‍हारे घर के आसपास के सीसीटीवी को अपने मोबाइल से कनेक्‍ट कर लिया है, वह खुद तुम्‍हारे घर आने वाले रिश्‍तेदारों पर नजर रखेगी...क्‍योंकि एक वही है जो तुम्‍हें पहचानती है, मुझे डर है कि तुम्‍हारे इस हुलिए पर उसको कहीं शक न हो जाए।‘’  

राघव ने कहा, ‘’ऐसा कुछ नहीं होगा, कल हल्‍दी की रस्‍म में केवल रिलेटिव ही नहीं, लाइट लगाने वाले लोग आएंगे, कैटरिंग के लोग आएंगे, घर को सजाने वाले लोग भी आएंगे, हल्‍दी की रस्‍म की वीडियो ग्राफी और फोटोग्राफी करने के लिए कैमरामैन आएंगे और ढोल नगाड़े वाले लोग भी आएंगे, और जहां तक मुझे लगता है कि नैना इन सबको तो शक की निगाह से नहीं देखेगी, इनमें से कुछ भी बनकर घर में एंट्री ली जा सकती है।‘’ 

जतिन ने राघव को प्रशंसापूर्ण निगाहों से देखकर कहा, ‘’मानना पड़ेगा, तुमने पांच सालों में भेष बदलकर लोगों को चकमा देना सीख लिया है, मैंने तो यह भी सुना है कि तुम पकड़े भी नहीं गए थे।‘’

‘’बिल्‍कुल सही सुना था....वैसे वह तो टेस्‍टिंग थी, पर रियल में कल मैं अपना भेष बदलकर जाउंगा, और अपने परिवार से मिलकर नैना की नाक के नीचे से निकल आउंगा।‘’

‘’फिर भी सावधान रहना...’’ कहकर जतिन ने एक लिस्‍ट देखी और कहा, सबसे ज्‍यादा लोग केटरिंग की टीम में हैं, तुम्‍हारे घर के छत पर लंच का इंतजाम किया गया है, केटरिंग में लगभग बीस लोग हैं…सात हलवाई और बाकी वेटर हैं, मेरे ख्‍याल से तुम हलवाई बनकर अपने घर जा सकते हो।

‘’पर क्‍या केटरिंग टीम मुझे लेगी?‘’ 

‘मैं केटरिंग टीम से बात करता हूं, कह दूंगा कि तुम केटरिंग का बिजनेस र्स्‍टाट करना चाहते हो इसलिए केटरिंग के कुछ गुण सीखने के लिए तुम्‍हारे साथ आना चाहता है।‘

राघव ने कुछ सोचते हुए कहा, ‘’अगर वह नहीं माना तो….?

‘’अगर नहीं माना तो उस पर लक्ष्‍मी जी की कृपा बरसानी होगी, इससे तो बड़े-बड़े लोग जी हूजुरी करने लगते हैं, केटरिंग स्‍टाफ क्‍या चीज है?‘’ जतिन ने एक थैले से नोटो की गड्डी दिखाते हुए कहा। 

‘’ये इतने पैसे कहां से आए तुम्‍हारे पास?‘’ 

भूलो मत तुम पुलिस कमिश्‍नर के सामने खड़े हो।

हां पर तुम तो इमानदार पुलिस कमिश्‍नर हो, यह तुम्‍हारी सैलरी से कहीं ज्‍यादा है‘’ 

‘’हां सही कहा, मैं सच में बहुत इमानदार हूं और अपना इमान धर्म नहीं बदला है, यह तो मुझे उस बलवंत सिंह ने दिया है, मेरी इमानदारी और सच्‍चाई से प्रभावित होकर..’’ 

‘और तुमने ले भी लिया?’’ राघव ने जतिन से पूछा। 

‘’लेना पड़ा मेरे दोस्‍त, क्‍योंकि तुम जिस मिशन पर निकलने वाले हो वहां पर ऐसे ब्‍लैक मनी की बहुत जरूरत पड़ने वाली है, बस अब नैना के गुंडो को खरीदने की जरूरत है, अगर ऐसा हो गया तो नैना के जरिए हम बहुत से लोगों तक पहुंच सकते हैं।‘’

अभी हम कहां निकल रहे हैं, क्‍योंकि जहां तक मुझे लगता है आज की रात हमें वेस्‍ट नहीं करनी चाहिए।‘’

‘हां बिल्‍कुल, पहले हम बलवंत सिंह से मिलने जाएंगे…एक सीक्रेट जगह, तुम्‍हारा नाम राघव केवल मैं और बलवंत ही जानेगें और यहां के लोगो के लिए तुम रॉकी हो केवल रॉकी…और अगर कोई ज्‍यादा पूछताछ करे, तुम्‍हारा सरनेम और फैमिली के बारे में पूछे तो बता देना की तुम अनाथ-आश्रम में पले बढ़े हो, वहां कोई सरनेम नहीं रखा जाता और अनाथ आश्रम के बच्‍चे ही तुम्‍हारा परिवार हैं।‘

‘’क्‍या बात है जतिन तुम्‍हारे दिमाग की तो दाद देनी होगी‘’ 

‘’बिल्‍कुल देनी होगी, यूं ही आइपीएस ऑफिसर नहीं बन गया हूं, तो अब चलें बलवंत के यहां फिर केटरिंग टीम को रिश्‍वत देकर तुम्‍हें उसमें शामिल भी तो करना है।‘’

राघव ने सिर हिलाकर हां में सहमति दी। 

 

मैं आर्यन से ऐसे कैसे लिपट सकती हूं? मीरा खुद पर शर्मिंदा थी और चकित भी। 

‘’अरे क्‍या हुआ, ऐसे मुझसे अलग क्‍यों हो गई? क्‍या मेरे शरीर से कोई करंट लग गया या फिर मेरे सीने में कांटा उग आया?‘’ आर्यन ने वही अपने शरारती अंदाज में पूछा। 

मीरा झेंप गई, ‘’नहीं…नहीं ऐसी बात नहीं है, ओके तो सब क्‍लीयर हो गया, वह आपका बाउंसर था और सामने यह आपकी शिप है। अब मैं सोने जा रही हूं, वैसे भी मेरे कारण आपकी भी नींद खराब हो गई है, ओके गुडनाइट‘’ कहकर मीरा बड़ी ही तेजी के साथ नीचे उतरी और अपने रूम में घुस गई। 

 

मीरा ने खुद को दीवार से सटा लिया...क्‍या मुझे सच में कुछ प्‍यार जैसा होने लगा है? एक बार फिर से प्‍यार या फिर मुझे वाकई किसी साथी की जरूरत होने लगी है? यह सब क्‍यों हो रहा है? मुझे फिर से प्‍यार में पड़ना ही नहीं है, एकदम नहीं...पर मैं उसकी ओर खिंची क्‍यों चली जा रही हूं? मैं उसे प्‍यार नहीं कर सकती हूं कहीं उसकी अमीरी तो मुझे नहीं खींच रही है? नहीं…नहीं मैं ऐसी लड़की कभी नहीं थी...कि किसी दौलतमंद को देखकर उसे रिझाने की कोशिश करूं, यह आर्यन मेरे बारे में जानता होगा? मैं उन लड़कियों में से नहीं हूं...बिल्‍कुल नहीं, पर अब आर्यन मुझे बिल्‍कुल बुरा नहीं लग रहा है, वह कभी बुरा नहीं था। पर उसका किसी लड़की को प्रपोज करने का तरीका अलग ही है, जबरदस्‍ती सड़क से उठाकर अपने घर ले आता है फिर किसी रानी महारानी की तरह उसकी सेवा करता है, क्‍या लड़कियों को ऐसे इम्‍प्रेस किया जाता है? क्‍या इसे नहीं पता कि लड़कियां प्‍यार भरी बातें पसंद करती हैं? अपनी तारीफ सुनना पसंद करती हैं और...’’ 

बाहर शिप की तेज आवाज से मीरा का ध्‍यान टूट गया…मीरा अपने रूम के खिड़की के पास गई। उसने पहले ध्‍यान ही नहीं दिया था रूम के पास एक बालकनी थी जहां से दूर तक समुद्र और उसमें खड़ी शिप भी दिखाई दे रही थी। 

मीरा बालकनी में आ गई...यह तो कोई दूसरी शिप थी, उस शिप के पास एक आदमी खड़ा था। उसका डीलडौल जाना-पहचाना सा लग रहा था, अरे यह तो आर्यन था, अभी तो कुछ देर पहले ऊपर वाले रूम में मेरे साथ था और अब तुरंत बंगले से बाहर निकलकर समुद्र के किनारे पहुंच गया। 

इतनी रात को वहां क्‍या करने गया है, तभी मीरा को ध्‍यान आया यह तो आर्यन की शिप थी, उसने बताया था कि रात भर में तीन चार शिप आएंगे, हे भगवान यह इंसान है या कुछ और कितना काम करता है।‘’ 

तभी आर्यन पलटा और अपना चेहरा उस ओर किया जहां मीरा खड़ी थी, मीरा को ऐसा लगा जैसे आर्यन ने उसे देख लिया हो…वह झट से बालकनी से अंदर आ गई और दीवार पर अपना शरीर टिका दिया, ओह गॉड उसने मुझे जरूर देख लिया होगा? क्‍या सोच रहा होगा कि मैंने सबकुछ बता दिया फिर भी यह लड़की छिप-छिपकर मुझे पर निगाह रखे हुए है? नहीं, मैं बिल्‍कुल भी निगाह नहीं रख रही थी…मैं तो केवल यह शिप देख रही थी, मैंने सच में अपनी पूरी लाइफ में इतनी बड़ी शिप नहीं देखी थी। कहीं वह फिर से तो यहां नहीं आ जाएगा? 

 

मीरा ने बालकनी का परदा हटाकर धीरे से बाहर झांककर देखा, आर्यन किसी से फोन पर बाते कर रहा था...थैंक गॉड वह यहां नहीं आया और आए भी ना तो अच्‍छा है। मीरा झट से बेड पर लेट गई, लेटकर वह आर्यन के बारे में सोचने लगी…यह दिन रात इतना काम क्‍यों करता रहता है? सारे अमीर आदमी केवल ज्‍यादा से ज्‍यादा पैसा कमाने के बारे में ही क्‍यों सोचते रहते हैं? अपनी सेहत से खिलवाड़ करते हैं? अपनी जान दांव पर लगा कर रखते हैं? हमेशा लोगों के सवालों के जवाब देते रहते हैं? आखिर आर्यन इतना प्रेशर झेलता कैसे है? और इन सबके बाद मेरे जैसी लड़की को अजीबोगरीब तरीके से इम्‍प्रेस करने की कोशिश करता है?

मीरा बहुत देर तक आर्यन के बारे में सोचती रही...सोचते-सोचते कब उसे गहरी नींद आ गई पता ही नहीं चला। 

 

बलवंत के बताए सीक्रेट फ्लैट में राघव, जतिन और बलवंत बैठे थे…साथ में बलवंत का बहुत ही ज्‍यादा भरोसेमंद पीए सुनील बैठा था। यह सुनील का खुराफाती और लोमड़ी वाला दिमाग कमाल का था कि बलवंत के अफेयर और उससे पैदा हुई लड़की की खबर आज तक बलवंत के परिवार को नहीं मिल पाई थी। 

सुनील ही सबके लिए चाय पानी का इंतजाम कर रहा था, क्‍योंकि किसी नौकर को रखने का मतलब था…बलवंत के कारगुजारियों का सबके सामने आना। 

बलवंत किसी भी हाल में अपनी बेटी को बचाना चाहता था, अभी तक यह नहीं पता चल पाया था कि किन लोगों ने उसे किडनेप किया था, पर इतना पता था कि वह दिल्‍ली के उसी इलाके में कहीं है जो देशभर के अपराधियों का गढ़ माना जाता है। 

इसका नाम राघव है, पर मिशन के तहत आप इसे रॉकी कहेंगे…मैं बहुत कुछ इसके बारे में नहीं बता सकता पर इतना कहूंगा कि सुबह होने से पहले आपकी बेटी आपके पास होगी। 

हमने उस जगह का मैप राघव को दे दिया है और सबसे अच्‍छी बात यह है कि वहां मौजूद अपराधियो में हमारे कुछ खुफिया एजेंट भी हैं, जो चोर लूटेरे और झूठे मर्डर कर के उस जगह पर हैं। 

उनसे केवल इतना पता चल पाया कि मिट्टी और झाड़फूस से बनी एक झोपड़ी में एक लड़की को कैद कर के रखा गया है, एक्‍चयुली इस समय वहां कई अलग-अलग जगह लगभग तीस से ज्‍यादा लोगों को किडनेप किया गया है, ज्‍यादातर अमीर बाप के बच्‍चे ही हैं और उन्‍हें फिरौती के लिए ही किडनेप किया गया है।

‘’पर मेरे पास तो ऐसा कोई फोन नहीं आया है, क्‍योंकि यहां केवल चार पांच लोगों को ही पता है कि मेरी एक बेटी भी है।‘

यशवर्मन ने कहा, ‘तो फिर यह रीजन हो सकता है कि उन्‍होंने किसी और परपज़ से सुमेधा का अपरहरण किया है, एक जवान और खूबरसूरत लड़की का अपहरण किया जाए और फिरौती के लिए कोई फोन न आए तो इसका केवल यही कारण हो सकता है कि उसके साथ...’’ कहकर यशवर्मन चुप हो गया, क्‍योंकि बलवंत डर के मारे कांपने लगा था। 

अपनी बेटी के साथ कुछ ऐसा वैसा होने की आशंका से उसका कलेजा छलनी हो गया था। 

राघव खड़ा हो गया और बलवंत के पास आकर उनके कंधे पर हाथ रखकर बोला, ‘’आपकी बेटी को कुछ नहीं होगा...जैसा कि मैंने प्रामिस किया है, सुबह होने से पहले आपकी बेटी आपके सामने होगी।‘’ 

बलवंत ने भावावेश में आकर कह दिया...’’प्‍लीज प्‍लीज मेरी बेटी को बचा लो, मैं तुम्‍हें खूब सारी दौलत दूंगा...इतना मालामाल कर दूंगा कि तुम्‍हें पूरी लाइफ कुछ करने की जरूरत ही नहीं रहेगी और....और उसकी शादी तुम्‍हारे साथ करवा दूंगा।‘’ 

बलवंत ने एक ही सांस में सबकुछ कह दिया….यह जानने की जरूरत ही नहीं समझी कि यह रॉकी ऊर्फ राघव है कौन..? कहीं यह शादीशुदा तो नहीं है या फिर कहीं यह किसी से प्‍यार तो नहीं करता है?

राघव का चेहरा गंभीर हो गया…प्‍यार और शादी उसकी जिंदगी में अब कोई मायने नहीं रखता था, मीरा से अलग होने के बाद सबकुछ खत्‍म हो गया था। 

पर उसे नहीं पता था कि बलवंत ने जो कहा, वह सच होने वाला था।

 

 

क्‍या राघव भी मीरा की तरह अपने आप को एक बार फिर से प्‍यार करने का मौका देगा?

क्‍या मीरा अब आर्यन की हो जाएगी?

क्‍या राघव भेष बदलकर अपने परिवार वालों से मिल पाएगा? 

क्‍या राघव एक रात में सुमेधा को खतरनाक किडनैपरों की कैद से छुड़ाकर बलवंत के पास ले आएगा?

क्‍या बलवंत सच में अपनी बेटी की शादी राघव से करवाएगा?

जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्‍बत।

   

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                 

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