दर्द और घबराहट के मारे मीरा का चेहरा पीला पड़ गया, वह चीफ ताज होटल आ रहा है… ये सुनते ही मीरा का दिमाग घूम गया। मैं भी तो वहीं जा रही हूं आर्यन के साथ.…क्या वह सपना कोई संकेत था, वह सच होने वाला है.…नहीं, नहीं एकदम नहीं। न तो चीफ मुझे जानता है और ना ही मैं उसे पहचानती हूं.…वो तो अपने किसी बिजनेस डील के लिए आ रहा होगा।
पता नहीं वह कौन है? किस नाम से बिजनेस चलाता और संभालता है? पर क्या यह सब केवल संयोगवश ही हो रहा है? अब चीफ ताज होटल आ रहा है और उसी समय आर्यन मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाकर ले जा रहा है या फिर ऊपर वाला मेरी कोई मदद कर रहा है?
वह मुझे चीफ तक पहुंचाने के लिए रास्ता बना रहा है, मुझे अपने डर पर काबू करना होगा। उसका चेहरा तो पूरी तरह से बदल गया है, पर मैं आंखे पहचान सकती हूं….आंखे तो नहीं बदली जा सकती - वह भूरी आंखे, आंखों के ऊपर शायद वह कटे का निशान न हो पर मैं उसे पहचानने की कोशिश तो जरूर करूंगी। क्या मैं आर्यन से इस बारे में बात करूं? नहीं, नहीं पता नहीं वह इसे क्या समझे….पर घुमाफिराकर कुछ तो पूछ सकती हूं ना।
मीरा से साड़ी नहीं लपेटी जा रही थी...उसने कभी बिना हेल्प के साड़ी पहनी ही नहीं थी। हमेशा उसकी मां, पिंकी या कोई फ्रेंड साड़ी पहनने में हेल्प करती थी, उसे ध्यान भी नहीं आ रहा था कि आखिरी बार उसने साड़ी कब पहनी थी? शायद पिंकी की शादी में या लास्ट ईयर नवंबर में अपनी मम्मी पापा की मैरिज एनिर्वसरी में…’’
तभी बाहर से उसे एक लड़की की आवाज आई...मैम आप बस साड़ी ऐसे ही लपेट लिजिए मैं आकर सेट कर दूंगी।
मीरा को इसी हेल्प की जरूरत थी, वैसे भी उसका दिमाग इस समय तमाम उलझनों में फंसा हुआ था। उसे अपने ऑफिस के दोस्तों की पार्टी में जाना था पर यहां आर्यन ने उसे फंसा लिया, एहसान के बदले उसे फिर से अपने हिसाब से चला रहा था…इस आदमी से मैं पीछा भी तो नहीं छुड़ा सकती, पिछली बार निहारिका के कारण इसके आदेश की गुलाम थी और इस बार हमारी नौकरी और आजादी बचाने के लिए......एक ओर मीरा आर्यन की बेकार की जिद के कारण परेशान थी।
वहीं दूसरी ओर मारिया की नई खबर ने उसे परेशान कर दिया...पता नहीं वह माउंट आबू ठीकठाक पहुंच भी पाएगी या नहीं, कहीं रास्ते में उसे कुछ हो ना जाए और फिर रह रहकर वह भयानक सपना उसकी आंखों में तैर रहा था। आज ही वह सपना आया और आज ही चीफ से मिलने का संयोग भी बन गया, उसके सपने मे चीफ उससे कह रहा था कि रास्ते में एक्सीडेंट होते ही रहते हैं.…एक एक्सीडेंट और हो गया तो क्या हो जाएगा?
मारिया अपने हसबैंड के पास चली जाएगी.....नहीं नहीं नहीं...’’
मीरा जैसे-तैसे साड़ी लपेटकर जब बाहर निकली....उस लड़की ने कहा, ‘’चलिए मैं आपकी साड़ी अच्छे से सेट कर के आपको रेडी कर देती हूं।‘’
‘’कहां चलना है?‘’ मीरा ने झुंझलाकर पूछा।
‘’मेकअप रूम में मैम, आपका हेयर स्टाइल और आपका मेकअप भी ठीक करना है।‘’ मीरा की आवाज में जितनी सख्ती थी उसकी आवाज में उतनी ही नरमी, उसकी नजरों में मीरा आर्यन देशमुख की गर्लफ्रेंड थी…इतने बड़े आदमी की गर्लफ्रेंड थोड़ी नखरीली, थोड़ी घमंडी और थोड़ी सी गुस्सैल हो तो भी कोई बात नहीं।
इस शो रूम में बड़ा सा मेकअप रूम था…करीब एक दर्जन से भी ज्यादा मेकअप आर्टिस्ट हाथ बांधकर खड़े थे। सभी ने एक जैसा ड्रेस पहन रखा था, वे मीरा को ऐसे मुस्कुराकर देख रहे थे जैसे वह कोई वीआईपी हो और मानों उन्हें मीरा के लिए बुक कराया गया हो। मीरा तुम क्यों भूल रही हो कि तुम आर्यन के साथ आई हो, इस समय दुनिया की कोई भी चीज तुम्हारे कदमों में होगी.…बस जब तक आर्यन तुम्हारे साथ है।
‘’आइए मैम यहां बैठिए...’’
मीरा का ध्यान भंग करते हुए एक अधेड़ उम्र की लेडी ने एक बड़े से शीशे के सामने रखी एक चेयर की ओर इशारा किया। मीरा उस पर बैठ गई.…उस लेडी ने एक लड़के को इशारा किया वह मीरा के पास आया और उसके बालों में कंघी करने लगा, एक दूसरे लड़के ने मीरा को अपना चेहरा ऊपर करने के लिए कहा, जिससे वह उसका मेकअप कर सके…मेकअप आर्टिस्ट ने मीरा का चेहरा क्लींजर से साफ किया फिर बोला, ‘’मैम अब आप पहले हेयर सेट करवा लीजिए फिर में आपका मेकअप कर देता हूं।
मीरा सकुचा उठी...आज तक कभी किसी मेल मेकअप आर्टिस्ट ने उसका न तो मेकअप किया था और ना ही हेयर स्टाइल बनाया था। कंघा कर रहे लड़के ने मीरा से पूछा, मैम इस साड़ी के ऊपर तो जूड़ा ही अच्छा लगेगा....आप कैसा जूड़ा बनवाना पसंद करेंगी? कहकर उसने एक मोटी सी एलबम जैसी किताब खोली....उसमें एक से एक सुंदर जूड़े के फोटो थे।
‘’कोई भी बना दीजिए जो मेरे चेहरे को सूट करे’ मीरा इन सबमें अपना दिमाग नहीं खपाना चाहती थी।
मीरा इतने सारे फोटो देखकर पहली ही नजर में कन्फ्युज हो गई थी।
‘’जी मैम, मैं साइड से बालों में मांग निकालकर जूड़ा बना देता हूं, आपके ओवल फेस पर यह बहुत अच्छा लगेगा, और फिर जूड़े पर एक गजरा भी लगा दूंगा। वह परफेक्ट काम्बिनेशन होगा‘’ कहकर वह मीरा की हेयर स्टाइल संवारने लगा।
पांच मिनट के अंदर जूड़ा बनकर तैयार हो गया, फिर मेकअप वाले लड़के ने अपना काम स्टार्ट कर दिया…मीरा ने अपनी आंखें बंद कर ली, इस समय वह खुद को किसी शो रूम में खड़ी डमी से कम नहीं समझ रही थी।
आर्यन इस शोरूम के स्टाफ को जो कहता जा रहा था, वे सभी चुपचाप करते जा रहे थे, मीरा भी पुतले की तरह चुपचाप बैठी थी।
तभी मीरा का फोन बजा…राशी का फोन था - आधे घंटे से भी ऊपर हो गया था, अब तक तो मीरा को पहुंच जाना चाहिए था…पर वह यहां एक करोड़पति बिजनेस मैन की गर्लफ्रेंड बनने का नाटक करने जा रही थी। बात ही ऐसी थी कि वह राशी को सच बता भी नहीं सकती थी, पिछली बार भी आर्यन के बारे में किसी को नहीं बताया कि वह एक पूरी रात उसके घर बिताकर आई थी...आर्यन को तो मीरा का पूरा स्टाफ जानता था।
मीरा ने फोन रिसीव किया…’’हैलो, मीरा बोली।
उधर से राशी ने कहा, ‘’कहां हो यार तुम? पिज्जा आए हुए दस मिनट से ऊपर हो गया है, किसी ट्रैफिक जाम में फंसी हो क्या? कब तक आओगी? हम सब तुम्हारा वेट कर रहे हैं।‘’
मीरा ने गहरी सांस ली, ’’मैं…मैं नहीं आ पाऊंगी...एक्चुली जरूरी काम याद आ गया था, कोई नहीं तुम लोग इन्जॉय करो...मैं कल ऑफिस में मिलती हूं।‘’
‘’व्हाट…तुम नहीं आ रही हो? यह क्या मजाक बना रखा है तुमने मीरा? कभी कह रही हो कि नहीं आ रही हूं, फिर कहोगी कि आ रही हूं फिर कह रही हो कि नहीं आ रही हूं...सुबह से यही चल रहा है, इतनी जल्दी तो गिरगिट भी अपना रंग नहीं बदलता जितनी जल्दी तुम्हारा मूड बदलता है।‘’
राशी कुछ ज्यादा ही नाराज हो गई थी, मीरा को बहुत बुरा लग रहा था, पर वह एक तरह से आर्यन के चंगुल में फंसी थी, चाहकर भी नहीं बता सकती थी। अगर बता भी देती तो कोई क्या कर लेता...आर्यन जैसे पॉवरफुल लोगों के सामने मीरा और उसके साथियों की औकात कौड़ी भर की नहीं है ‘’आई एम सॉरी राशी…प्लीज समझो...जरूरी न होता तो मैं ऐसा नहीं करती, मेरा खुद आने का बहुत मन हो रहा है पर लगता है कि शाम तक ही यह काम खत्म होगा और फिर उसके बाद आने का तो कोई मतलब ही नहीं है।
राशी ने कहा, ‘’हां था तो, पर हमने तो तुम्हारा फेवरेट कैप्सिकम ओनियन चीज पिज्जा भी आर्डर किया था, वह कौन खाएगा?‘’
‘’ओह थैक्ंस राशी, तुम्हें मेरी पसंद याद है पर कोई बात नहीं, तुम सब मिलकर खा लो और इंजॉय करो, ऐसा समझना मैं वही पर हूं अगली पार्टी हम जल्दी ही करेंगे और वह पार्टी मेरी ओर से होगी।‘’
‘’पक्का ना?‘’ राशी का मूड थोड़ा बदल गया था।
‘’हां हां पक्का और सुनो अगर बॉस मेरे बारे में पूछे तो मेरी ओर से उनसे सॉरी बोल देना।‘’
मुझे नहीं लगता है कि बॉस इतना ध्यान देंगे, अभी तो वे अपनी नई गर्लफ्रेंड की खुमारी में खोए हैं, चल कोई नहीं बात नहीं।‘’
‘’नई गर्लफ्रेंड…तुम्हें कैसे पता?‘’
‘’निहारिका मैम की मॉम ने बताया था, सुना है वह एक्ट्रेस बनना चाहती है, इसलिए हमारे नए बॉस के मुंबई आने का एक बहाना भी है।’’
‘ओह, ओके मैं कल फोन करती हूं।‘
मैम आपका मेकअप हो गया, अब आप यह सैंडिल पहन लीजिए…सर आपका वेट कर रहे हैं।
मीरा ने खुद को आइने में देखा, वह खुद को ऐसे देखकर चौंक गई थी….न जाने कितने साल हो गए थे उसे सजे संवरे, शादी का वह दिन....जब वह और राघव एक होने वाले थे उसी दिन तो मीरा ने पूरे मन से खुद को सजाया था...उसके बाद जैसे मेकअप करने खुद को निखारने सवांरने का ख्याल ही मन से चला गया।
इन पांच सालों में उसका एक ही स्टाइल हो गया था, खुले बाल, माथे पर छोटी सी काली बिंदी....मन किया तो कभी लाइट कलर की लिपिस्टिक लगा ली वरना नहीं, केवल लिपबॉम से ही काम चला लेती थी।
किसके लिए वह सजती संवरती? किसको रिझाती? जिसे चाहा था वह तो छोड़कर चला गया था। पर आज जो शीशे के सामने खड़ी थी, वह ताजमहल सी चमचमाती लाजवाब सुंदरी खड़ी थी। मीरा को पता नहीं था कि उसका यह मेकओवर एक नए सफर की शुरूआत है।
उधर नोएडा के आलीशान अपार्टमेंट में नैना दांत भींचे अपने पाले हुए भाड़े के गुंडो को दांत पीसते हुए गुस्से से देख रही थी…वह उन गुंडो पर चिल्ला रही थी, गुंडे सिर झुकाए हाथ बांधे नैना के सामने खड़े थे। सबके चेहरे भावहीन थे…उनकी बॉडी लैंग्वेज से लग रहा था कि वे जो कुछ नैना से सुन रहे हैं, उसके लिए वे पहले से ही तैयार थे। नैना कुछ भी नया नहीं कह रही थी।
‘’तुम सब के सब…नपुंसक हो, कायर हो, कामचोर हो, बुजदिल हो, लाखों रूपए तुम लोगों पर मैं खर्च करती हूं, एक आदमी और उसके पांच साल के बच्चे को नहीं पकड़ पाए तुम लोग? पकड़ना तो दूर यह भी नहीं पता लगा पाए कि वह कहां गया।‘’
उन गुंडो में से एक बोला, ‘’मैडम हम सच कह रहे हैं...वह राघव और उसका बेटा कबीर दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कहीं नहीं दिखे।‘’
बेवकूफ उन्हें रेलवे स्टेशन पर देखने के लिए किसने कहा था? मुझे सूचना मिली थी कि राघव कबीर के साथ मुंबई से दिल्ली रवाना हो चुका है, मैंने ट्रेन का नाम, उसके दिल्ली आने का समय तुम लोगों को भेजकर सारी बातें समझा दी थी, फिर राघव कहां गायब हो गया?
मैडम हमने ट्रेन का कोना-कोना छान मारा, राघव और उसका बच्चा कहीं भी नजर नहीं आए।
दूसरे आदमी ने नैना से कहा, ‘’मैडम दिल्ली और मुंबई के बीच कई सारे स्टॉपेज हैं, क्या पता राघव इन्हीं स्टापेज के बीच में कहीं पर...’’ उसके आगे वह नहीं बोल सका, नैना जैसी स्मार्ट और तेजतर्रार औरत के सामने इतना ही कह देना काफी था।
गुस्से से चिंघाड़कर नैना इधर-उधर चहलकदमी करने लगी….फिर वह चेयर पर बैठ गई, खुद से बड़बड़ाते हुए बोली, ‘’यह राघव कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, वह भूल रहा है कि उसके साथ एक बच्चा है जो उसका सब कुछ है, अगर कबीर हमारे हाथ लग जाए तो हम राघव को पीछे हटने पर मजबूर कर सकते हैं।
अभी कुछ दिन पहले मीरा ने हमारा काम बिगाड़ने की कोशिश की और अब राघव मेरा सिर दर्द बन गया है…पांच साल पहले ही इस राघव का काम तमाम कर देती तो आज मेरे रास्ते पर इतने कांटे न बिछे होते….ये राघव और मीरा मेरे लिए नासूर बन गए हैं।
तभी नैना का एक सहयोगी फोन लेकर आया और बोला, ‘मैडम, चीफ आप से बात करना चाहते हैं, वे वीडियो कॉल पर है।‘’
चीफ और वीडियो कॉल पर, सुनते ही नैना चेयर से ऐसे उछल पड़ी मानों वह चेयर गरम तवे में तब्दील हो गई हो।
एयरकंडिशन रूम में जहां कुछ सेकेंड पहले नैना सामान्य थी, चीफ का नाम सुनते ही पसीना-पसीना हो गई, उसने फोन लेकर अपने गुंडो से बाहर जाकर अपना काम करने के लिए कहा, और फोन सामने रखकर ‘’हैलो चीफ, गुडऑफ्टर नून।‘’
जैसी उम्मीद थी, चीफ की दहकती सुनहरी आंखे नैना को घूर रही थी, बाकी चेहरा उनका काले मास्क से ढका था…केवल वे आंखे जो नैना ने हमेशा देखी थी वो दिख रही थी। डर के मारे नैना के प्राण हलक में अटक गए, चेहरा ऐसा पीला हो गया मानों उस पर हल्दी पुत गई हो।
चीफ ने नैना से कहा, ‘’नैना मैं यह क्या सुन रहा हूं, लैब में काम स्टार्ट क्यों नहीं हुआ?‘’
नैना ने पहले तो भगवान का नाम लिया और फिर पीसना पोछते हुए कहा, ‘’सबकुछ स्टार्ट हो गया है, सर। अगले हफ्ते दो ट्रक भरकर दवाईयां मार्केट में पहुंचेंगी हम अपना टारगेट पूरा करने के करीब हैं सर, जैसा आप चाहते हैं कि आयुष्मान फार्मेसी कम्पनी और शरद अहलुवालिया वैक्सीन कारपोरेशन लिमिटेड पर हमेशा के लिए ताला लग जाए और मेडिकल वर्ल्ड में हमारी दवाई और वैक्सीन का एकाधिकार हो, अगले कुछ महीनों में यही होगा।‘’
चीफ, नैना को वैसे ही घूर कर देखते हुए बोला, ‘’गुड, वेरी गुड। थोड़ा डिले हो गया पर तुम काम अच्छा करती हो, अब और देर नहीं होनी चाहिए, तुम्हें पता है ना कि मेरे काम में देरी करने वालों का क्या अंजाम होता है?
‘’जी जी सर’’ नैना केवल इतना ही कह पाई, अंजाम सोचकर उसका तालु कंठ से जा चिपके…वह जानती थी कि काम में देरी करने वालो को चीफ अपने हाथों से गोली मारते हैं और गदृारी करने वालों को एसिड टैंक में डलवा देते हैं या फिर पच्चीस फुट भूखे मगरमच्छ के सामने फेंक देते हैं।
नैना ने दोनों किया था.…देरी भी और गदृारी भी, उसने अमरीश के खातिर मीरा की जगह किसी और लड़की को मरवा दिया था अगर अगर चीफ को पता चल गया तो…? नैना अपना भयानक अंजाम सोचकर दहल उठी, राघव से पहले मीरा को सच में मारना होगा।
क्या नैना मीरा तक पहुंच पाएगी?
क्या चीफ को पता चल पाएगा की अमरीश और नैना ने उनके साथ बहुत बड़ी गदृारी की है?
क्या मीरा आर्यन के करीब आकर राघव को भूल जाएगी?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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