वान्या ने ठान लिया था कि वो वरुण को जॉब से निकाल कर ही रहेगी| वहीं मिस्टर रायजादा नहीं चाहते थे कि वरुण उनको छोड़ कर जाए क्योंकि वो उनका अच्छे से ख्याल रख रहा था| वान्या ने वरुण पर चिल्लाते हुए कहा,

वान्या (चिल्लाते हुए) – वरुण तुम इसी वक्त घर से निकल जाओ| जो अपने फ्रेंड को उसकी घटिया हरकतों में सपोर्ट करता है वो इस घर में एक मिनट के लिए भी खड़े रहने के लायक नहीं है|

मिस्टर रायजादा (समझाते हुए) – वान्या बेटा, इस तरह से गुस्सा नहीं होते| उसका फ्रेंड चीटर निकला तो उसमे वरुण की क्या गलती? अब कोई भी अपने फ्रेंड को सपोर्ट तो करेगा ही ना| तुम भी निशा को सपोर्ट कर रही हो| फिर वरुण की सोच क्या है उस से क्या फर्क पड़ता है? वो मेरी अच्छे से देखभाल कर रहा है वो इम्पोर्टेन्ट है|  

वान्या किसी भी हाल में वरुण को निकालना चाहती थी| उसने मिस्टर रायजादा को जवाब दिया,

वान्या – मैं अपनी फ्रेंड को उसके गलत काम में सपोर्ट नहीं करती| निशा ने चीटिंग की होती तो हॉकी लेकर मैं उसके पास गयी होती| पापा, रही बात सोच की तो, उसका काम के साथ लेना देना है| जिस इन्सान की सोच में धोखा देना है, उसका क्या भरोसा कि वो हमें भी आगे जाकर धोखा नहीं देगा? आप कितना भी कहें लेकिन मैं आप कि बात सुनने वाली नहीं हूँ| मैं आज ही वरुण को जॉब से निकाल रही हूँ| इसके जैसी छोटी सोच वाले इन्सान के पास खड़े रहना भी मुझे पसंद नहीं है|

वरुण को बार-बार वान्या के मुंह से अपनी बेइज्जती सुनना पसंद नहीं आ रहा था| उसने मिस्टर रायजादा को निराश होकर कहा,

वरुण (निराश होकर) – सर, मैं खुद ही ये जॉब छोड़ना चाहता हूँ| वान्या जी बार-बार मेरी बेइज्जती कर रही है| ये जो कुछ भी बोल रही है वो सब कुछ झूठ है| मेरी भी सेल्फ रिस्पेक्ट है| मैं बिना जॉब के रह लूँगा लेकिन अपना अपमान नहीं सहूंगा| एक और बात, मैं अपने फ्रेंड को अच्छे से जानता हूँ, वो कभी किसी लड़की को चीट नहीं कर सकता|

वरुण ने मिस्टर रायजादा को देख कर हाथ जोड़े और रूम से बाहर चला गया| उसने जाते वक्त वान्या को देखा भी नहीं। वान्या को वरुण की बात से कोई फर्क नहीं पड़ा| वरुण के जाने के बाद मिस्टर रायजादा फिर से वान्या को समझाने लगे,

मिस्टर रायजादा (समझाते हुए) – तुम क्यों सभी लड़कों से नफरत करती हो? सारे लड़के एक जैसे नहीं होते| तुम इसी तरह से सब को जॉब से निकालती रहोगी तो मेरा क्या होगा? एक बार अपने पापा के बारे में सोचो| वरुण मेरा अच्छे से ख्याल रख रहा था| मुझे बाहर ले जाता था, साथ में बैठता था…  वो मुझे कभी बोर भी होने नहीं देता था| मैं कह देता हूँ वान्या, तुम्हें वरुण से अच्छा केयरटेकर कहीं नहीं मिलेगा| वो मुझे अपना समझ कर देखभाल करता था|

वान्या (असहमत होकर) – मुझे सारे लड़कों से इसलिए नफरत है क्योंकि कोई भी लड़का मेरे पापा जैसा नहीं है| रही बात वरुण की तो मैं उस से भी अच्छा केयरटेकर ढूंढ कर लाऊंगी|

मिस्टर रायजादा वान्या से आगे बोलने जा रहे थे लेकिन तभी वान्या रूम से बाहर चली गयी| उसने अपने पापा का ध्यान रखने के लिए एक सर्वेंट को अन्दर भेज दिया| वान्या अब और ज्यादा वरुण की तरफदारी नहीं सुन सकती थी| वहीं वरुण के पास अब घर जाने के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं था| उसे डर था कि जब उसकी माँ को जॉब छूटने के बारे में पता चलेगा तो वो बहुत परेशान हो जाएगी| वरुण की माँ सुनीता एक घरेलु औरत हैं| वरुण के परिवार में उसकी माँ के अलावा और कोई भी नहीं था| इस वजह से वो अपनी माँ से सब से ज्यादा प्यार करता है| जब वो घर आया तो सुनीता उसे देख कर चौंक गयी| वरुण ने अपनी माँ से कहा था कि वो दो दिन बाद घर आएगा लेकिन जॉब से निकाले जाने की वजह से पहले ही घर आ गया था|

सुनीता (चौंक कर) – वरुण, तुम जल्दी घर आ गए? बहुत अच्छा किया तुम पहले ही आ गए| अपने बेटे से पूरे तीन दिन के बाद मिल रही हूँ| कैसा चल रहा है काम?

सुनीता अपने बेटे को देख कर बहुत खुश थी लेकिन वरुण के चेहरे पर उदासी छाई हुई थी| वरुण को समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी माँ को कैसे सच बताये? सुनीता उसके चेहरे पर चिंता  देखकर समझ गयी कि कोई गड़बड़ है| उसने वरुण से प्रॉब्लम के बारे में पूछा तो उसने हिचकिचाते हुए जवाब दिया,

वरुण (हिचकिचाते हुए ) – माँ, वो मैंने जॉब छोड़ दी है| मैं आज के बाद वापस उस नकचड़ी लड़की वान्या के घर नहीं जाऊंगा।

सुनीता उसकी बात सुनकर हैरान हो गयी| वो वरुण से बार-बार जॉब छोड़ने की वजह पूछने लगी लेकिन वरुण कोई जवाब नहीं दे रहा था| वो परेशान होकर एक कोने में जाकर बैठ गया| सुनीता समझ गयी कि वरुण के साथ जरुर कुछ गलत हुआ है| वो अपने बेटे को परेशान नहीं देख सकती थी| वो भी उसके पास जाकर बैठी और उसके सिर पर हाथ सहलाते हुए बोली,

सुनीता (प्यार से) – जो हुआ उसे भूल जाओ बेटा| अब नयी शुरुआत करो| तुम्हें घर की जिम्मेदारी को लेकर ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है| मैंने तुम्हें कितनी बार कहा है कि मैं भी कहीं छोटी-मोटी जॉब कर के घर चलाने में तुम्हारी हेल्प कर सकती हूँ लेकिन तुम हो कि मेरी बात मानते ही नहीं हो| मैं भी जॉब करुँगी तो तुम भी अपना मनपसंद काम कर पाओगे| फिर तुम्हें ये केयरटेकर की जॉब करने की जरुरत नहीं पड़ेगी|

वरुण – नहीं माँ.. आप को जॉब करने की कोई जरुरत नहीं है| इस उम्र में अब आप कहाँ ठोकरें खायेंगी? आप को पता नहीं है जॉब पर लोगों को नौकर की तरह रखा जाता है और फिर आप के साथ कोई बदतमीज़ी से बात करे ये मुझे पसंद नहीं है| रही बात जॉब की तो मैं जल्द ही कुछ अरेंज कर लूँगा। आप फ़िक्र मत करो। आपका बेटा नकारा नहीं है।

वरुण ने अपनी माँ को जॉब करने से साफ़ मना कर दिया| वो अच्छे से जानता था कि आज के टाइम में जॉब करना यानी कंपनी में बॉस की गुलामी करना है| उसने अपनी माँ को बचपन से ही बहुत स्ट्रगल करते देखा है, अब वो उन्हें आराम की ज़िंदगी देना चाहता था। वरुण अक्सर सुनीता की घर के काम में भी मदद करता था|

वहीं दूसरी ओर वान्या अपने पापा के लिए नया केयरटेकर ढूँढने लगी थी| उसने एजेंसी में कॉल किया तो पता चला कि एजेंसी के जितने भी केयरटेकर फ्री थे उन सब से वान्या पहले ही मिल चुकी थी और उसने उन सब को रिजेक्ट भी कर दिया था| वान्या को समझ नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे| तभी उसे भूमिका का कॉल आया| भूमिका ने उस से कहा कि उन दोनों को निशा से मिलना चाहिए और उसे कहीं बाहर ले जाना चाहिए| ऐसा करने से निशा अपने ट्रॉमा से बाहर निकल पायेगी| वान्या को भूमिका का आईडिया अच्छा लगा| वो दोनों निशा को लेकर एक कैफ़े में पहुँच गए| निशा बाहर आने के बाद भी बहुत उदास दिख रही थी|

वान्या – निशा, अब तुम उस लफंगे को भूल जाओ| उसकी वजह से तुम अपना मूड ख़राब मत करो| अच्छा हुआ तुम्हें उसकी सच्चाई के बारे में पता चला गया वरना पता नहीं कितने सालों तक तुम्हें उसके जैसे लीचड़ आदमी को झेलना पड़ता|

वान्या निशा को मोटिवेट करने की कोशिश कर रही थी लेकिन निशा और भी ज्यादा उदास हो रही थी| निशा ने परेशान होकर कहा, “वान्या, कैसे भूल जाऊँ पृथ्वी को? उस से प्यार करती हूँ मैं| इतना आसान नहीं होता अपने प्यार को भुलाना| वैसे तुमने उसके साथ बिलकुल ठीक किया| तुम्हारे हाथ की मार खा कर उसे अब पता चल गया होगा कि cheating करने वालों का क्या हाल होता है| तुम सही कह रही हो, मुझे मूव ऑन करना ही होगा|”

वान्या और भूमिका निशा की बात सुनकर खुश थी| उन तीनों ने कॉफ़ी का ऑर्डर दिया और फिर कॉफ़ी पीते-पीते यहाँ वहां की बातें करने लगीं| तभी एक लड़का उन लोगों के टेबल के पास आया| वो निशा को देखकर चौंक  कर बोला, “निशा, व्हाट ए सप्राइज़! तुम यहाँ कैसे? अपनी फ्रेंड्स के साथ आयी हो?”

उस लड़के को देखकर निशा को झटका लगा| निशा झिझकते हुए उसे वहां से जाने के लिए कहने लगी, “गौरव तुम यहाँ क्या कर रहे थे? तुम अभी जाओ| हम दोनों बाद में मिलते है| इस वक्त मैं अपनी फ्रेंड्स के साथ बिज़ी हूँ|”

वान्या निशा के हाव भाव से समझ गयी कि वो उस लड़के को भगाने की कोशिश कर रही है| उसने निशा से उस लड़के के बारे में पूछा लेकिन निशा उसके सवाल को बार-बार टालने लगी| जब वान्या फ़ोर्स करने लगी तो गौरव ने सब सच बता दिया, “अरे निशा, अपनी फ्रेंड्स को बताओ मैं कौन हूँ| रुको मैं ही बता देता हूँ| मैं निशा का बॉयफ्रेंड हूँ और हम दोनों पिछले दो साल से रिलेशनशिप में है| मैं तो यहाँ एक क्लाइंट के साथ मीटिंग के लिए आया था तो निशा नज़र आ गयी| वैसे आप दोनों से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा| मझे अभी जाना होगा, बाहर क्लाइंट वेट कर रहा है|” इतना कह कर गौरव कैफ़े से बाहर चला गया| निशा ने अपनी जीभ दाँतों तले दबा ली। उसकी पोल खुल चुकी थी| वो वान्या को समझाने के लिए उसकी ओर मुड़ी तो वो बहुत गुस्से में दिख रही थी| वान्या उसके ऊपर चिल्लाते हुए बोली,

वान्या (गुस्से में) – इसका मतलब वरुण और उसका फ्रेंड सच बोल रहे थे| वरुण के फ्रेंड ने नहीं बल्कि तुमने उसको चीट किया है? एक टाइम पर तुम दो लोगों को डेट कर रही थी? जब पकड़ी गयी तो उस बिचारे लड़के पर चीटिंग का इलज़ाम डाल दिया और वो suicide? तुमने वो fake किया था? तुम ऐसा कैसे कर सकती हो निशा? अब तो मुझे तुम्हें अपना फ्रेंड कहने में भी शर्म आ रही है|

निशा उस से माफ़ी मांगने लगी लेकिन वान्या ने उस से मुंह फेर लिया था| भूमिका को भी निशा पर बहुत गुस्सा आ रहा था| उसने भी निशा को जमकर खरी-खोटी सुनायी| वान्या भूमिका को लेकर कैफ़े से बाहर आ गयी| उसे अपनी गलती का एहसास हो गया कि उसने वरुण को गलत समझा और उसे घर से निकाल दिया| उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी गलती कैसे सुधारे?

क्या वान्या अपनी गलती मान कर वरुण को वापस जॉब पर रख लेगी? क्या वरुण का वान्या के लिए गुस्सा कम हो जायेगा?
 

जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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