अनिकेत ने आधी आँखें खोली और टाइम देखकर हड़बड़ाकर उठ गया। उसको 10.30 पर ऑफिस पहुँचना था और वो 11 बजे सोकर उठा था। हालाँकि वो कंपनी का सीनियर एम्प्लॉयी था, थोड़ा बहुत लेट हो सकता था। मगर कल रात को बॉस ने कंपनी के ग्रुप में मैसेज करके सभी को टाइम पर आने के लिए बोला था। वो उठकर जल्दी-जल्दी तैयार हुआ और ऑफिस जाने के लिए कमरे से बाहर निकल गया।
ऑफिस पहुंचने में उसको लगभग 30 मिनिट लग चुके थे। अंदर इंटर हुआ, तो ख़ाली ऑफिस को देखकर चौंक गया। उसने ऑफिस बॉय की ओर देखा, ऑफिस बॉय ने बॉस के केबिन की ओर इशारा करते हुए कहा, “बॉस आज सभी की जमकर क्लॉस ले रहे हैं।” उसकी बात सुनकर वो और ज़्यादा पैनिक हो गया था। वो जैसे ही बॉस के केबिन में जाने के लिए आगे बढ़ा, ऑफिस बॉय ने उसको ये कहते हुए रोक दिया कि, “बॉस ने किसी को भी मीटिंग में आने के लिए मना किया है। आज आप बहुत लेट हो, वो आपसे मीटिंग के बाद मिलेंगे।”
अनिकेत समझ गया था कि आज उसको जमकर डॉट पड़ने वाली थी। अब उसको अपनी ही गलती पर रिग्रेट फील हो रहा था। उसने झुंझलाकर अपने आप से कहा,
Aniket (regret) - बॉस ने मुझ पर भरोसा करके मुझे प्रमोट किया था। मुझे उन्होंने टीम लीडर बना दिया था, और मैं ख़ुद ही काम में इंट्रेस्ट नहीं ले रहा हूँ। इंडिया-पाक टेंशन की वजह से ऑफिस में वैसे ही कुछ ठीक नहीं लग रहा है और आज तो मैंने हद ही पार कर दी है। 11.30 पर ऑफिस पहुँच रहा हूँ मैं। Im very disoppointed on myself.
उस दिन बॉस की मीटिंग काफ़ी लंबी चली थी। अपनी डेस्क पर बैठे-बैठे उसको काफ़ी नेगेटिव थॉट्स आने लगे थे। उसको अपने डिमोशन का डर सताने लगा था। लगभग 1 घंटे बाद बॉस के केबिन का डोर खुला, तो वो अपने जूनियर्स के उतरे हुए चेहरे देखकर और ज़्यादा नर्वस हो गया। उसने मीटिंग के बारे में पूछने की कोशिश भी की, लेकिन कोई कुछ बताता, उससे पहले ही बॉस ने उसको अपने केबिन में बुला लिया। केबिन में जाते टाइम उसकी धड़कने बढ़ चुकी थी। धीरे से डोर ओपन करके वो अंदर पहुंचा, तो बॉस का ग़ुस्से से तमतमाया हुआ चेहरा देखकर और ज़्यादा नर्वस हो गया था। उसके बॉस ने घूरकर उसको देखा और पूछा, “आज इतनी लेट ऑफिस आने का कोई रीजन? मैंने कल रात को ही इन्फॉर्म कर दिया था न? फिर इतना लेट क्यों?”
अनिकेत के पास कोई ज़वाब नहीं था। वो क्या बोलता? सर कल रात को नींद नहीं आई थी, इसलिए सुबह उठने में लेट हो गया? या फिर ये कि नींद नहीं आ रही थी इसलिए नुसरत फ़तेह अली खान के गाने सुन रहा था? या फिर ये कि सर एक लड़की के ख़यालों ने मुझे रात भर सोने नहीं दिया। ख़ैर कुछ तो बोलना ही था, इसलिए उसने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा,
Aniket (nervous) - सर..... वो…..... मैंने VISA की अपडेट लेने के लिए PCL ग्रुप की एक लड़की से रिक्वेस्ट की है। वो आज अपने सीनियर से पूछकर अपडेट दे देगी हमें।”
उसके इस ज़वाब पर उसका बॉस और ज़्यादा ग़ुस्सा हो गया। उसने लगभग चिल्लाते हुए कहा, “तुमसे किसने बोला था, उस ग्रुप के किसी पर्सन को पर्सनल मैसेज करने के लिए? और वो भी एक लड़की को? और कौन सा VISA और कैसा PCL? उसके जितने भी फॉरेन इन्वेस्टर्स थे, सबने PCL से हाथ खींच लिए है। कोई इन्वेस्टर नहीं बचा अब PCL के पास।”
Aniket (shocked) - What? लेकिन सर मेरे पास तो ऐसी कोई न्यूज़ नहीं आई है? न ही PCL ग्रुप में ऐसी कोई अपडेट है। ऐसा कुछ होता, तो उस लड़की ने मुझे कल ही बता दिया होता न?
उसका बॉस इसी बात का ग़ुस्सा आज उसके एम्प्लॉइज़ पर निकाल रहा था। PCL को लेकर अनिकेत के पास कोई अपडेट नहीं थी। उसके बॉस की बात सुनकर वो कन्फ़्यूज़्ड भी था और शॉक्ड भी। उसका ग़ुस्सा अभी तक कम नहीं हुआ था। उसने SLOW लेकिन RUDE होकर कहा, “तुम्हें क्या लगता है? जब बात ऑफिसियल होगी, तभी मुझे पता चलेगा क्या? अभी official अनाउंसमेन्ट नहीं हुआ है, लेकिन कन्फर्म है कि PCL अब नहीं होगा।”
Aniket (confused) - सर…. इंडिया-पाकिस्तान में तो अब समझौता हो चुका है न? वॉर के हालात ज़रूर बने थे, पर अब तो सब short हो गया है, फिर ऐसा क्यों हुआ?
(RUDE) “इतना सब मैं नहीं जानता। शायद वे लोग कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हो। अभी मामला शांत हुआ है, इसका ये मतलब नहीं कि आगे कुछ नहीं हो सकता। हो सकता हो ये तूफ़ान से पहले की शांति हो? हो सकता है उनके इन्वेस्टर्स को कुछ ऐसा पता लगा हो, जो हम नहीं जानते? या उन पर प्रेशर बनाया गया हो? कारण कुछ भी हो सकता है। अब जाओ और अपना काम करो। आज मेरा मूड ठीक नहीं है। आगे क्या करना है, वो हम बाद में डिसकस करेंगे।”
इतना बोलकर उसके बॉस ने केबिन से बाहर निकलने के लिए डोर ओपन किया, तभी अनिकेत ने कुछ सोचकर बोला,
Aniket (excited) - सर..... इस बात पता मैं लगा सकता हूँ कि इन्वेस्टर्स ने बैक ऑउट क्यों किया और अब PCL कब हो सकता है?
उसके इस दावे ने उसके बॉस को चौंका दिया था। वो रुककर, उसको देखने लगा। वो अपनी बात पर कॉंफिडेंट था। “कैसे”, उसके बॉस ने उसको घूरते हुए पूछा। उसने एक स्माइल देते हुए कहा,
Aniket (confident) - सर … मेरे पास एक ऐसा सोर्स है, जो दुनिया भर की बहुत अंदर तक की बातें जानता है। बहुत अंदर की मतलब...... बहुत-बहुत ज़्यादा अंदर की। बस मुझे उसके लिए 2 घंटे के लिए ऑफिस से बाहर जाना होगा।
“तो जाओ, रोका किसने है? इसका पता लगाने के लिए तो, मैं तुझे ऑफिस से बाहर क्या, चाँद पर जाने की भी परमिशन दे सकता हूँ।” उसके बॉस ने ख़ुश होकर कहा। अनिकेत जल्दी से मुड़ा और तेज़-तेज़ चलता हुआ ऑफिस से बाहर निकल गया।
ऑफिस से निकल कर उसने अपनी बाइक स्टार्ट की और सीधा अपने कमरे पर आ गया। उसका सोर्स और कोई नहीं, बल्कि उसका मकान मालिक, सुनील शुक्ला ही था। अनिकेत ने एक्साइटेड होकर अपने बॉस से बोल तो दिया था, but अब वो थोड़ा नर्वस हो रहा था। कमरे में इधर से उधर टहलता हुआ, वो सोच रहा था,
Aniket (thinking & nervous) - मैं ये तो जानता हूँ कि सुनील अंकल किसी सीक्रेट सर्विस में है, और उनको हर देश की बहुत अंदर तक की इन्फॉर्मेशन पता भी रहती है। उनको पता नहीं भी होगी, तो भी वे अपने सोर्सेस से पता कर ही लेंगे, पर क्या वे मुझे ये सब इन्फॉर्मेशन बताएँगे? अगर उन्होंने मना कर दिया तो? अभी तो मुझे ये भी नहीं पता कि वो घर पर है भी या नहीं है? आज बॉस मुझे फायर ही कर देगा, अगर मैंने इन्फॉर्मेशन नहीं दी तो।
यही सब सोचता हुआ वो अपने कमरे से बाहर निकलकर ग्राउंड फ्लोर पर पहुँचा और उसके मकान मालिक को आवाज़ दी, “शुक्ला अंकल.......” अंदर से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। काफ़ी देर तक आवाज़ देने के बाद उसका मकान मालिक नींद से उठकर बाहर आया और पूछा, (sleppy) “क्या है? इंसान को सुकून से सोने भी मत दिया कर तू। बोल क्या काम आ गया सुबह-सुबह।” उसकी बात सुनकर अनिकेत चौंक गया। उसने आसमान की ओर देखते हुए कहा,
Aniket (requesting) - अंकल अभी सुबह नहीं, दिन हो रहा है। मुझे आपसे एक अंदर की बात जानना है। प्लीज़ मना मत करना, वरना मेरी जॉब चली जाएगी, फिर मैं आपका रेंट भी नहीं दे पाऊंगा।
उसको गिड़गिड़ाता देख, उसके मकान मालिक की नींद उड़ गयी थी। उसने अनिकेत को ऊपर से नीचे तक घूरकर देखा और उसका हाथ पकड़कर अपने घर के अंदर खींच लिया। अचानक हुए इस इंसिडेंट से उसकी धड़कने बढ़ गयी थी। मकान मालिक ने घूरते हुए slow और rude अवाज़ में पूछा, “कौन सी अंदर की बात जानना चाहता है तू? और तुझे कैसे पता कि मैं अंदर की बातें जानता हूँ?”
Aniket (scared & slow) - अंकल कल रात को अपने ही तो बताया था मुझे। भूल गए क्या आप?
“उसके मकान मालिक ने घबराकर पूछा, “क्या बताया था मैंने कल तुझे?” अनिकेत ने उसको पिछली रात का पूरा इंसिडेंट बताया, तब कही उसको अपनी ही बोली बातें याद आई और वो अचानक हंस पड़ा। अनिकेत को उसका बिहेवियर बहुत कन्फ्यूज़ कर रहा था। वो सोच रहा था,
Aniket (thinking) - कही ये अंकल मुझसे मज़ाक तो नहीं कर रहा था। पुरानी जनरेशन के लोगों की आदत होती है, किसी बात को बढ़ा-चढ़ाकर कहने की। हो सकता है, इसने मुझ पर इम्प्रेशन ज़माने के लिए झूठ बोला हो और मैं इसकी बात को सच मान बैठा। अगर ऐसा हुआ तो, मेरा बॉस मुझ पर कभी बिलीव नहीं करेगा।
ये भी तो हो सकता है कि कल रात इसने ड्रिंक वगैरह कर रखी हो? इसलिए सच बोल गया हो? लेकिन अब झूठ बोल कर अपनी आइडेंटिटी छुपा रहा हो? आख़िर ये सीक्रेट सर्विस के लोग अपनी वाइफ को भी कुछ नहीं बताते, फिर ये मुझे क्यों बताएगा? लेकिन इसकी तो शादी ही नहीं हुई है, फिर वाइफ कहा से आएगी?
मुझे तो लगता है, इसकी वाइफ कही और रहती होगी। सेफ्टी के लिए उसको अपने साथ नहीं रखता होगा। वरना 40-45 साल की एज में अनमैरिड कौन रहता है? ये इंसान बहुत mysterious है अनिकेत, इसके समझना तेरे बस का खेल नहीं है। कब आता है? कब वापस चला जाता है? क्या खाता है? कहां जाता है? इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चलने देता। इतने सालों से मैं इसके यहां रह रहा हूँ, पर कॉलोनी के एक भी इंसान से बात करते नहीं देखा इसको।
अनिकेत सोच में डूबा हुआ था। उसके मकान मालिक ने हँसते हुए पूछा, “क्या सोच रहा है भाई? मैंने कल मज़ाक में तुझसे बोला और तूने मेरी बात मान भी ली? गज़ब इंसान है यार तू? कल रात को जिस तरह तू ख़ुश था, उसी तरह मैं भी एक्साइटेड था, इसलिए तुझसे थोड़ा मज़ाक कर रहा था बस, और जो बातें मैंने तुझे बताई थी, वो तो पहले से ही पब्लिक डॉमेन में थी। रोज़ न्यूज़ में चल रही थी. इसका ये मलतब थोड़ी कि मैं सब कुछ जानता हूँ।”
उसके मकान-मालिक ने अपनी गलती सुधारने के लिए बात घुमाने की कोशिश की। अनिकेत का चेहरा उतर गया था। उसको अपनी भूल पर रिग्रेट हो रहा था। उसको अपने आप पर ही ग़ुस्सा आ रहा था। उसको समझ नहीं आ रहा था कि वो अपने बॉस को क्या ज़वाब देगा। अपसेट होकर वो वापस जाने के लिए जैसे ही उठा, तभी उसके बॉस का कॉल आ गया। कॉल देखकर उसका चेहरा पीला पड़ गया था।
उसकी हालत देखकर उसके मकान मालिक को भी अपनी गलती का एहसास हो रहा था। उसने माफ़ी मांगते हुए कहा, “सॉरी अनिकेत, मुझे नहीं पता था कि मेरे मज़ाक को तू इतना सीरियस ले लेगा। तू सबसे पहले अपना मोबाइल ऑफ कर और जो जानना चाहता है, वो मुझे बता दे। मैं कोशिश कर सकता हूँ, उसके बारे में कुछ इन्फॉर्मेशन निकालने की। हो सकता है कही से कुछ पता चल जाये। वैसे तू मेरे बारे में, जो सोच रहा है, मैं ऐसा कोई काम नहीं करता हूँ। हाँ, थोड़ा बहुत 2 नंबर का बिज़नेस है मेरा, इसलिए मैं अपने से दूर रहने के लिए बोलता हूँ तुझे।”
उसका सच जानकर अनिकेत को उस पर और ज़्यादा डाउट होने लगा। वो अब जल्दी से जल्दी उसके पास से वापस जाना चाहता था। अनिकेत ने जल्दी से अपना सवाल उसको बताया और तेज़-तेज़ कदमों से चलता हुआ वापस अपने कमरे में आ गया।
अपने मकान मालिक का सच जानकर उसकी हालत ख़राब हो गयी थी। उसने पानी का गिलास उठाया और एक ही घूँट में पूरा गिलास ख़ाली कर दिया। वो ग़ुस्से में बड़बड़ाता हुआ पूरे कमरे में इधर से उधर घूम रहा था। उसको अपने मालिक की किसी भी बात पर भरोसा नहीं हो रहा था और वो अपने आप से ही पूछ रहा था,
Aniket (thinking) - कितना बेवकूफ़ और गैर-ज़िम्मेदार इंसान हूँ मैं, जो इतने सालों से एक ऐसे इंसान के साथ रह रहा हूँ, जिसकी आईडेन्टिटी का ही मुझे पता नहीं है। पक्का ये इंसान 2 नंबर का कोई बड़ा काम करता होगा, तभी तो अपने बारे में कुछ नहीं बताता। किसी दिन ख़ुद तो पकडायेगा ही और साथ में मुझे भी किसी केस में फंस देगा।
नहीं मैं ऐसा होने ही नहीं दूंगा। मेरे साथ ऐसा कुछ हो, मैं उससे पहले ही ये कमरा ख़ाली कर दूंगा।
वो सोच ही रहा था कि तभी किसी ने उसके कमरे का डोर-बेल बजाया। पहले से डरा हुआ अनिकेत डोर-बेल की आवाज़ सुनकर और ज़्यादा डर गया था।
आख़िर क्या था उसके मकान-मालिक का असली रहस्य? वो एक सीक्रेट सर्विस में था या फिर करता था गलत काम? अनिकेत की प्रेम कहानी का क्या होगा आगे अंजाम?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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