मरने से पहले करन गहरे सदमे में आ गया था, उसने सामने खड़ी मारिया को देखा और एक भयानक दुख से भर उठा…वह ऐसी मौत नहीं मरना चाहता था, वह अपने चीफ की रक्षा करते हुए वीर की मौत मरना चाहता था। पर वह रंगरलिया मनाने की ख्वाहिश लिए हुए अधनंगा होकर कायर और कुत्ते की मौत मर रहा था...शराब और शबाब को भोगने की लालसा में इतना मूर्ख हो गया था कि एक बार भी सावधानी नहीं बरती कि कहीं उसके पीछे मौत साए की तरह लगी हुई है।
वह जानता था उसके चीफ इस मारिया को यातना देकर मारेंगे पर क्या फायदा? मैं इसकी दुर्गति देखने के लिए जिंदा नहीं रहूंगा।
‘’हे भगवान, मेरे चीफ और मेरे तीनों दोस्तों की रक्षा करना’’ करन ने मन ही मन ढेर सारी दुआएं मांगी और फिर वह कटे पेड़ की तरह फर्श पर गिर गया, मारिया ने गोली करन के सीने के ठीक बाई ओर दिल में मारी थी, इसलिए दोबारा मारिया को गोली चलाने की जरूरत ही नहीं पड़ी...कुछ ही सेकेंड में करन हमेशा के लिए शांत हो गया।
सीने में जहां गोली लगी थी वहा से खून बड़ी ही तेजी से बह रहा था पर मारिया को बिना विचलित हुए अपने अगले एक्शन पर ध्यान देना था...होटल मे मैनेजर के मुताबिक उसे करन का रातभर मनोरंजन करना था, इसलिए अब रात भर तो इस रूम में कोई नहीं आने वाला। उसे जल्दी से जल्दी यहां से निकलकर मुंबई जाना था और फिर दिल्ली की फ्लाइट पकड़नी थी।
उसने रिवॉल्वर को करन की लाश के पास फेंकी, हाथ में पहने स्किन कलर के दस्ताने भी निकालकर अपने पर्स में रख लिए और बेड के साइड में पड़ा करन का मोबाइल उठा लिया…उससे चीफ के बारे में कुछ जरूरी जानकारी मिल सकती थी।
उसे ऑन कर के देखा, वह लॉक था और फिंगरप्रिंट मांग रहा था, मारिया ने करन के दाएं अंगूठे को उठाकर मोबाइल स्क्रीन पर रखा वह खुल गया, फिर मारिया ने लॉक को हटा दिया जिससे वह आसानी से यूज कर सके।
करन के मोबाइल को अपने पर्स में रखकर मारिया ने उस रूम की खिड़की से नीचे झांका…पीछे घने जंगल के अलावा कुछ नहीं था। शुक्र था कि यहां खतरनाक जंगली जानवर नहीं थे, अगर थे तो कुछ बंदर, लंगूर और, छिट-पुट सियार…ऐसे जानवरों से तो मारिया निपट ही सकती थी। जानवर को डराने के लिए लाइटर और न्यूजपेपर उसके पास रखे हुए थे।
मारिया ने कुछ सोचा और अपनी साड़ी उतारी….उसे खिड़की के बगल में लगे सीवर पाइप से बांधकर नीचे उतर गई…बैग में रखा एक टॉप और कैप्री निकालकर पहन ली, उसके बाद साड़ी में आग लगा दी, शिफान की साड़ी चंद सेकेंड में जलकर खाक हो गई। शुक्र था कि सीवर पाइप में आग नहीं लगी,क्योंकि मारिया ने उसे पहले ही पानी से गीला कर दिया।
ऊपर गांठ लगा साड़ी का छोटा सा टुकड़ा गीले पाइप से बंधे रहने के कारण अधजला रह गया, पर उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि कोई कह नहीं सकता था कि यह साड़ी है सूट है या दुपट्टा।
नीचे के रूम भी लगभग खाली ही थे, क्योंकि यह अभी पूरी तरह से बना नहीं था….तो बहुत ज्याद लोग आते भी नहीं थे, जो भी आता था वह करन के जैसे केवल अय्याशी करने ही आता था, जो होगा भी वह करन के जैसा ही नशे में धुत्त किसी कॉलगर्ल की बाहों में होगा।
मारिया ने जो प्लान किया था, उसमें वह पूरी तरह से सफल हो गई थी। मारिया ने एक बार ऊपर टॉप फ्लोर के रूम नंबर टेन को देखा और गहरी सांस लेकर अपने मोबाइल का टॉर्च ऑन किया और जंगल में विलुप्त हो गई। आधे घंटे तक चलने के बाद जंगल समाप्त हुआ और सड़क नजर आई, शुक्र था कि कोई भी जानवर सामने नहीं आया।
मारिया ने अपनी कार सड़क के एक साइड में झाड़ियों के पीछे छुपाई थी। यह सुनसान इलाका था…वह कार में बैठी ओर करन के मोबाइल की सारी जानकारी अपने लैपटॉप में ट्रांसफर करने लगी, और काम पूरा हो जाने के बाद उसने मोबाइल को जंगल में ही फेंक दिया। वह चाहती तो मोबाइल की सिम निकालकर उसे नष्ट भी कर सकती थी, पर उसने ऐसा नहीं किया…क्योंकि वह चाहती थी कि उसका चीफ और बाकी तीनों बाउंसर यहां आकर देखे कि जल्द ही उनका भी यह हाल होने वाला है।
मोबाइल फेंकने के बाद मारिया ने कार स्टार्ट की और मुंबई शहर की ओर निकल गई।
मारिया के लिए यह सब प्लान करना इतना आसान नहीं था, आज सुबह जब वह मुंबई एयरपोर्ट के बाहर निकली और उसके एक आदमी ने उसे करन के बारे में मैसेज किया….कि वह मुंबई से तीस किलोमीटर एक निमार्णाधीन होटल में अक्सर मौजमस्ती करने जाता है….बिना किसी सिक्योरिटी के, वह होटल यंग कपल के इंजॉय करने के लिए ही बना है। उस होटल का मैनेजर अक्सर मुंबई के एक डांस बार में करन के लिए नई-नई लड़कियां ढूंढने आता है, जो लड़की उसे सबसे सुंदर लगती है, और पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है ऐसी ही लड़की को वह करन के लिए पसंद कर के ले जाता है।
मारिया के दिमाग ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया था, यह काम वह किसी और लड़की से नहीं करवा सकती थी...क्योंकि करन जैसे कमांडो को मारना बच्चों को खेल नहीं था, उसे मारने से पहले उसके शरीर को पॉवरलेस करना जरूरी था। भले ही उसके साथ सिक्योरिटी नहीं थी पर वह अकेला दस लोगों पर भारी पड़ता और मारिया को तो चुटकियों में मसल देता।
प्लान के मुताबिक होटल का मैनेजर जिस नाइट बार में आता था, उसके आने के कुछ मिनट बाद ही मारिया बहुत ही आकषर्ण और उत्तेजक साड़ी पहनकर बार में आई।
मारिया ने रेड कलर की झीनी सी साड़ी, डीप नेक और शोल्डरलेस ब्लाउज पहन रखा था, बालों को समेटकर जूड़ा बना लिया था, जिससे पीठ कुछ ज्यादा ही नजर आए और साड़ी नाभि के नीचे बांधी थी। चेहरे का मेकअप कुछ ज्यादा ही स्मोकी किया था…जब मैनेजर ने उसे देखा तो देखता रह गया।
’’आज रात करन सर इसे पाकर तो झूम उठेंगे....तेज छुरी और तीखी मिर्ची के माफिक है...लग रहा है किसी कस्टमर की तलाश में है’’ सोचकर होटल मैनेजर मारिया के पास गया और बातों ही बातों में उसने मारिया से पता कर लिया कि वह बिहार के एक छोटे से गांव से मुंबई एक्ट्रेस बनने आई थी, पर कहीं काम न मिलने के कारण वापस नहीं गई क्योंकि वहां उसका मजाक उड़ाया जाता इसलिए डांस बार में डांस कर के या किसी मोटे आदमी को फंसाकर पैसे कमा लेती है।
मारिया ने होटल मैनेजर को अपनी नकली दुखभरी कहानी में फंसा लिया…उसने भी मारिया को इतने पैसे देने का वादा किया कि कई महीनों तक उसे पैसे कमाने के लिए डांस बार में नहीं आना पड़ेगा। मारिया को तो यही चाहिए था....उसे बस करन चाहिए था।
मैनेजर उसे डांस बार के बाहर लेकर अपने कार के पास आ गया, मारिया ने सामने दिख रहे एक मेडिकल स्टोर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘’मैं बस अभी दो मिनट में आई।‘’
मेडिकल स्टोर को देखकर मैनेजर के चेहरे पर दुष्टता भरी मुस्कान तैर गई...वह बोला, ‘’ओह, प्रोटेक्शन…तुम तो बहुत समझदार हो, वैसे यह सारे प्रोटेक्शन हम भी देते हैं...खैर तुम जाओ ले लो।‘’
मेडिकल स्टोर जाकर मारिया ने कुछ नशीली दवाईयां खरीद ली जो इस मेडिकल स्टोर में अवैद्य रूप से बिकती थी, फिर पूरी तैयारी के साथ मारिया चल दी होटल मैनेजर के साथ।
रास्ते में मैनेजर ने कहा, ‘’तुम ऐसे ही सजसंवरकर हमारे उस कस्टमर के सामने जाना, तुम्हें बहुत बढ़िया टिप भी मिलेगी और उसके बाद मुझसे भी बहुत कुछ मिलेगा।‘’ मैनेजर उसे वासना भरी दृष्टि से देख रहा था...अपने कस्टमर के बाद वह खुद मारिया के साथ समय बिताना चाहता था।
होटल में लाने के बाद मैनेजर ने मारिया को सबकुछ समझा दिया था, तभी मैनेजर को करन के होटल में एंट्री की सूचना मिली, उसके बाद उसने होटल के सर्विस बॉय को समझाया...करन के पीने के लिए स्पेशल वाली रेड वाइन पहले ही अलग रख दी गई थी, साथ में उसके लिए तंदूरी चिकन का भी इंतजाम होने लगा था....मैनेजर ने मारिया को बता दिया था कि करन के लिए पहले ड्रिंक और तंदूरी चिकन जाएगा उसके बाद तुम उसके पास जाने के लिए तैयार रहना।
मारिया ने हां में सिर हिला दिया और जानबूझकर किचन में घूमघूमकर चारो ओर देखने लगी....किचन में काम करने वाले शेफ के इर्दगिर्द मंडराने लगी। मैनेजर ने उससे कहा कि वो ऐसे किचन में न घूमे नहीं तो धुएं और मसालों के छींटे उसके कपड़े और मेकअप खराब कर देंगे।
मारिया ने कहा, ऐसा कुछ नहीं होगा…वो करन के पास जाने से पहले अपने आप को एकदम रेडी कर लेगी, मैनेजर को शिकायत का मौका नहीं देगी।मैनेजर खुश होकर वहां से चला गया
वहां के सारे शेफ मारिया की संगमरमरी सुंदरता को निहारने में लग गए...इतनी सुंदर लड़की तो केवल उनके सपनों में ही आती थी। मारिया उस शेफ के पास गई और बहुत ही मोहक आवाज में अपने लिए एक गिलास पानी मांगा...शेफ पहले तो हिचकिचाया और फिर वाटर बॉटल से भरे फ्रिज की ओर इशारा कर दिया।
’’आप ले आइए ना‘’ मारिया ने बड़े ही प्यार से उससे रिक्वेस्ट की। इतनी सुंदर औरत इतने प्यार से रिक्वेस्ट करे तो भला कौन नहीं पिघलेगा।
‘’जी अच्छा.…शेफ ने कहा और बॉटल लेने फ्रीज की ओर चला गया।
सारे शेफ की नजरें अभी भी मारिया पर ही थी…मारिया ने उन सबसे थोड़े कड़े स्वर में कहा, ‘’आप सब को मुझे घूरने के अलावा कोई काम नहीं है क्या?‘’ मारिया का इतना कहना था कि दो तीन सेकेंड के लिए सारे शेफ ने अपनी नजरें या तो नीची कर ली या फिर दूसरी ओर मुंह फेर लिया...मारिया को अपना काम करने के लिए इतना ही समय चाहिए था।
उसने बिजली की गति से हाथ में लिए नशीले पाउडर की पुड़िया में से पाउडर निकाला और झट से उस चिकन पर छिड़क दिया जो करन के लिए जाने वाला था।
तभी मैनेजर, मारिया को ढूंढते हुए किचन में आया....वह मारिया को देखकर बोला, ‘’अरे आप अभी यहीं पर हैं, मैं आप से यह कहने आया था कि करन सर का आर्डर जाने वाला है, उसके पांच मिनट बाद आपको जाना है, आप अपने आप को रेडी कर लीजिएगा और हो सके तो अपने रूम में चली जाइए।‘’
‘’जी बिल्कुल मैं भी करन सर को सेवा देने के लिए तैयार हूं, वैसे भी मेरा अब कोई काम नहीं है‘’ मारिया ने अपना गुस्सा दबाते हुए कहा।
मैनेजर ने शेफ से कहा, ‘’ए, सर का आर्डर उनके रूम में पहुंचा दो।‘’
शेफ ने हां में सिर हिलाया….फिर मारिया को देखा, तो मारिया ने उसे देखकर आंख मार दी।
उस करन तक पहुंचने के लिए मारिया को कुछ खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी, पर वह उस होटल के सारे स्टाफ की नजरों में आ गई थी। गनीमत था कि उसकी वहां कोई फोटो नहीं थी, होटल स्टाफ, पुलिस और चीफ का ध्यान भटकाने के लिए मारिया ने उस होटल रूम में जो मैनेजर ने उसे दिया था उसमें एक आधार कार्ड छोड़कर आई थी जो उसे माउंट आबू से वापस आते समय एक रेस्टोरेंट के पास गिरा मिला था, वह किसी ज्योति शाह नाम की लड़की का था, अब पुलिस और चीफ के आदमी ज्योति शाह के पीछे पड़ जाएंगे, लेकिन वह उन्हें मिलेगी ही नहीं क्योंकि वह तो दो साल पहले ही मर चुकी है।
इससे कुछ हद तक पुलिस को गुमराह करने में आसानी होगी…स्केच बना तो भी इतना नहीं मैच हो पाएगा, क्योंकि मारिया को जल्दी से जल्दी अपना हेयरस्टाइल चेंज करना था, उसने अपने लम्बे भूरे स्ट्रेट हेयर को ब्लैक, कर्ली और छोटे करना थे, जिससे उसकी पहचान काफी हद तक छुप जाए।
इन सबके बाद भी मारिया को यह लग रहा था कि वह चीफ से बहुत दिनों तक नहीं बच पाएगी…आखिर उसने अपने सिर पर कफन बांध लिया था।
वहीं फाइव स्टार होटल में ठहरा राघव….ग्लास विंडो से दिल्ली शहर का नजारा देखते हुए जतिन से बोला इन पांच सालों में दिल्ली में कितनी हरियाली हो गई।‘’
‘प्रदूषण भी तो खूब बढ़ा है‘’ यशवर्मन यानी जतिन एक बड़े से गोल सोफे पर बैठकर बोला।
‘’अब आगे क्या इरादा है..? जतिन ने राघव से पूछा।
‘’इरादा क्या? बस किसी तरह मुझे अपने परिवार से मिलने जाना है।‘’
‘’नैना की कड़ी निगाहें हैं उस घर पर।‘’
भाड़ में जाए वो‘’ राघव ने रोष भरे स्वर में कहा।
‘’ओके मैं देखता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं? वैसे यह अच्छा है कि तुम्हारा हुलिया पांच साल पहले वाले राघव जैसा बिल्कुल नहीं है वरना नैना तुम्हें झट से पहचान लेती।‘’
राघव ने ठंडी आह भरी....उसे मीरा की याद आ रही थी…इसी कुतुबमीनार के नीचे उन्होंने कितने रोमांटिक डेट की थी, क्या वे पल फिर से लौटेंगे?
क्या चीफ को करन के कातिल का पता लग पाएगा?
क्या मारिया चीफ से बच निकलने में कामयाब हो पाएगी?
क्या राघव अपने परिवार से मिल पाएगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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