अभी मेडिटेशन कैंप शुरू हुए तीन दिन भी नहीं हुए थे और रोहित और नेहा की लड़ाइयाँ पूरे कैंप में मशहूर हो गई थीं। नेहा का बार-बार रूठना और रोहित का हर बार उसे मनाना जैसे कैंप के सेशंस का हिस्सा बन गया था।
लेकिन इस बार बात कुछ अलग थी। नेहा इस बार रोहित से सिर्फ गुस्सा नहीं बल्कि निराश थी। रोहित का नेहा से इतनी बार झूठ बोलना नेहा के दिल को गहरी ठेस पहुँचा गया था। रोहित ही तो एक ऐसा शख्स था जो नेहा को इन अजनबियों के बीच अपनापन महसूस करा रहा था। पर नेहा इस झूठे रोहित को नहीं जानती थी।
गुस्से में नेहा रोहित को गार्डन में अकेला छोड़कर चली तो आई, पर अब उसके मन में रोहित को लेकर शक पैदा हो गया था। जो कुछ भी रोहित ने पहले कहा था, अगर वो सब झूठ है, तो फिर आखिर सच क्या है। नेहा सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है, पर किसी का झूठ नहीं।
रोहित और नेहा की जोड़ी कॉलेज में बहुत मशहूर थी। कॉलेज प्रोजेक्ट्स से लेकर कोई स्पोर्ट्स टूर्नामेंट हो, दोनों हमेशा साथ ही कम्पीट किया करते थे। रोहित कॉलेज में नेहा पर सबसे ज्यादा भरोसा करता था, और आज उसने नेहा से ही झूठ बोल दिया था। नेहा को ये बात बहुत बुरी लग रही है और इस बार नेहा ये नहीं चाहती कि रोहित फिर से आकर उसे मनाए। नेहा को ऐसा लगने लगा है कि रोहित मृत्युंजय की ही तरह नेहा को ट्रीट कर रहा है। झूठ-फरेब के जिस दलदल से निकलकर नेहा इस मेडिटेशन कैंप में आई है, उसी में नेहा वापस फँसती जा रही थी। और ये बात नेहा के बर्दाश्त के बाहर थी।
यही सब सोचते हुए, नेहा अपने कमरे में लौट आई और सोने चली गई। वो भूल गई कि शायद रोहित अब भी वहीं गार्डन में अकेला बैठा उसका इंतजार कर रहा होगा।
अगली सुबह, चिड़ियों के चहचहाने के बीच नेहा की आँखें खुलीं। उसने अपने कमरे की खिड़की से सूरज को उगते देखा, इसी बीच उसके कमरे में मौजूद बाकि दोनों रूम मेट्स आपस में बात करने लगीं कि उनको कैंप का बेस्ट कमरा मिला है, लेकिन दूसरी रूम पार्टनर का कहना था कि कमरे कि लोकेशन से ज़्यादा मज़ा इस बात में है कि कमरे से सुबह सुबह सीधे रोहित के दर्शन हो जाते है वो ज़्यादा ज़रूरी है।
इस बीच, जैसे ही नेहा ने खिड़की से गार्डन में झाँककर देखा, तो उसका दिल एक पल के लिए थोड़ा पिघला। रोहित वहीं बेंच पर सोया हुआ था जहाँ उसने उसे कल रात छोड़ा था। उसके चेहरे पर थकान और हल्का सा दर्द था, जैसे उसने नेहा का इंतजार करते हुए पूरी रात वहीं गुजार दी हो।
नेहा कुछ पल के लिए चुपचाप उसे देखती रही। उसके अंदर एक लड़ाई चल रही थी, एक तरफ़ उसका दिल उसे कह रहा था कि वो रोहित के पास जाए और देखे कि वो ठीक है, पर दूसरी तरफ़ उसका गुस्सा और दिल में छुपी नाराजगी उसे रोक रही थी। नेहा को अब तक याद था कि कैसे रोहित ने उससे बार-बार झूठ बोला था, और वो नहीं चाहती थी कि वो दोबारा उसी दर्द को झेले।
तभी नेहा की नजर घड़ी पर गई। 7 बज चुके थे। आधे घंटे में ब्रेकफास्ट लगने वाला था। नेहा बिना कुछ बोले फ्रेश होने चली गई। जब नेहा कमरे में वापस आई, तो उसकी रूममेट्स आपस में हँस रही थीं। नेहा के कमरे में आते ही दोनों चुप हो गईं। नेहा को पता है कि दोनों नेहा और रोहित के बारे में ही बात कर रही थीं। नेहा ऐसे ही रोहित को लेकर दुखी है, और अब इस कैंप में फैली गॉसिप्स ने नेहा को परेशान कर दिया था।
नेहा अपने दोनों रूममेट्स को इग्नोर कर के रूम से बाहर जाने लगी। तभी एक ने उससे पूछा कि उसकी और रोहित की किस बात पर लड़ाई हुई थी। नेहा उसी मोमेंट वापस उसी तरफ़ देखने लगी, जिधर रोहित सोया हुआ था। पर रोहित अब तक वहाँ से जा चुका था। नेहा अभी उस तरफ़ देख ही रही होती है कि उसकी रूममेट उसके पास आ जाती है और उसको बताती है कि रोहित उठ चुका है और वो पूरी रात नेहा का वेट ही कर रहा था।
दोनों ने नेहा को छेड़ते हुए कहा कि वो उनसे भी तो फ्लर्ट कर सकता है! वो बुरा नहीं मानेंगीं, न ही नेहा कि तरह रूठेंगी।
इतना कहकर, दोनों रूममेट्स आपस में फिर से मजाक करने लगीं। रोहित किसी और के साथ ऐसे बात करे, ये सोचकर भी नेहा को गुस्सा आने लगा। नेहा को ये फीलिंग्स बिल्कुल भी समझ नहीं आ रही थीं। एक पल वो रोहित को देखना भी नहीं चाहती, वहीं दूसरी तरफ़ ये जलन, आखिर क्या चल रहा है नेहा के दिमाग में।
ब्रेकफास्ट के समय, नेहा को रोहित नजर नहीं आया। एक पल को नेहा सोचती है कि, फिर से वो बाहर चला गया होगा, पर इस बार नेहा को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। नेहा खुद को समझाने लगी। रोहित आखिर कुछ भी करे, नेहा को उससे कोई मतलब नहीं अब।
सेशंस का समय हो चुका है, कैंप के सारे लोग अब सेशंस के लिए चले गए। आज रोहित पहले से सेशन में, नेहा के पास वाली सीट पर बैठा है। ये देखकर, नेहा आज दूसरी जगह बैठ गई। रोहित थोड़ा इरिटेटेड होकर, नेहा की तरफ़ देखने लगा। फिर वो उठकर, वहीं जाकर बैठ गया, जहाँ नेहा बैठी हुई है। इन दोनों की ये हरकतें देखकर, कैंप के बाकी लोग हँसने लगे। नेहा को फिर से अटपटा लगने लगा। नेहा ने इस बार अपनी सीट नहीं बदली।
सेशन के दौरान, रोहित ने बार-बार नेहा की तरफ़ देखा, लेकिन नेहा ने एक बार भी उसकी तरफ़ नजर नहीं उठाई। सेशंस के बाद भी नेहा ने अपना पूरा दिन दूसरों के साथ ही गुजार दिया, और रोहित के साथ अकेले में बात करने का कोई मौका ही नहीं दिया।
रोहित पूरा दिन इस इंतजार में रहा कि कब नेहा उससे अकेले में मिलेगी, पर जब तक नेहा दूसरों के बीच थी, उससे बात कर पाना मुश्किल था। रोहित के लिए ये बेचैनी बढ़ती जा रही थी, लेकिन उसका प्लान पूरा नहीं हो पा रहा था।
ऐसे ही दिन गुजर गया और रात हो चुकी थी। रोहित गार्डन में इस उम्मीद में बैठा था कि शायद नेहा अपनी रात की वॉक के लिए आएगी और वो उससे बात कर पाएगा। पर नेहा शाम से ही अपने कमरे से बाहर नहीं आई, और रोहित बस उसका इंतजार करता रह गया।
नेहा का पूरा दिन रोहित को इग्नोर करना और उसके साथ अलग बर्ताव करना, अब रोहित की समझ से परे था। रोहित के मन में एक ही सवाल था—नेहा उसके साथ ऐसा क्यों कर रही थी? और अब रोहित को इस सवाल का जवाब चाहिए। इसी बेचैनी में, रोहित ने रात के समय नेहा के कमरे तक पहुँचने की सोची।
आधी रात का वक्त था और कैंप के सब लोग अपने कमरों में सो रहे थे। रोहित गार्डन में आया और मेंबर्स की बिल्डिंग को देखा। गार्डन के सामने ही वो बिल्डिंग थी जिसमें सबके कमरे थे, पहले और दूसरे फ्लोर पर बॉयज के रूम्स और तीसरे फ्लोर पर गर्ल्स के रूम्स थे। रोहित को अब बिना किसी गार्ड के देखे तीसरे फ्लोर तक पहुँचना था।
उसके पास दो ऑप्शंस थे: पहला ऑप्शन था रिसेप्शन एरिया का स्टेयरकेस, लेकिन वहाँ गार्ड्स मौजूद थे जो रात के इस वक्त उसे ऊपर नहीं जाने देते। दूसरा ऑप्शन था, एक बॉलीवुड हीरो की तरह गार्डन से पाइप के सहारे तीसरे फ्लोर तक चढ़कर पहुँचना। ये काम आसान नहीं था और किसी आम इंसान के लिए मुश्किल हो सकता था। लेकिन रोहित के लिए नेहा से बात करना अब जरूरी हो गया था, और उसका इंतजार करना उसके बस में नहीं था।
रोहित कुछ देर तक बिल्डिंग को दूर से ही देखता रहा, जैसे अपने मन को तैयार कर रहा हो। फिर वो धीरे-धीरे बिल्डिंग के पास आया और बालकनी की ग्रिल्स पकड़कर ऊपर चढ़ने लगा। कुछ ही मिनट्स में, वो तीसरे फ्लोर तक पहुँच गया, जैसे ये उसके लिए बहुत ही आसान हो।
जैसे ही रोहित तीसरे फ्लोर पर पहुँचा, उसे याद आया कि उसे नेहा के कमरे का नंबर तो पता ही नहीं था, तभी नीचे से किसी ने आवाज लगाई, “कॉरिडोर का सबसे आखिरी कमरा।”
रोहित अचानक वो आवाज सुनकर घबरा गया। उसे लगा कि वो पकड़ा गया है और अब कैंप के लोग उसे बाहर कर देंगे। लेकिन फिर वही आवाज दोबारा आई, “घबराओ मत, मैं कुछ नहीं कहूँगा।”
रोहित ने नीचे झाँक कर देखा और शुक्रिया का इशारा करके आगे बढ़ गया। उसके मन में अब यह सवाल था, यह कौन है जिसने उसे ग्रिल के सहारे ऊपर चढ़ते हुए देखा और फिर भी शिकायत करने के बजाय उसकी मदद कर रहा है?
रोहित ने नीचे गार्डन में उस आदमी का चेहरा देखने की कोशिश की, पर अंधेरा होने की वजह से कुछ साफ नजर नहीं आ रहा था। थोड़ी देर बाद, वो आदमी गार्डन से चला गया। अब रोहित के पास नेहा के कमरे की तरफ़ बढ़ने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था। वापस जाने का तो कोई सवाल ही नहीं था। जैसे ही रोहित कुछ कदम आगे बढ़ा, कॉरिडोर में हलचल की आवाजें आने लगीं। एक कमरे से किसी झगड़े की आवाज आ रही थी, तो किसी कमरे से हँसी की आवाज। रोहित इन सब आवाजों को नजरअंदाज करते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा।
रोहित पैर दबाते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। जैसे ही वो नेहा के कमरे के पास पहुँचा, उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। देर रात किसी के कमरे में जाना उसे अजीब लग रहा था। उसने एक गहरी सांस ली और दरवाजे की कुंडी पर हाथ रखा। दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था, जिसे देखकर रोहित को नेहा पर थोड़ा गुस्सा भी आया।
रोहित (खुद से): “आखिर इस लड़की को अपनी सेफ़्टी की कोई चिंता है भी या नहीं? ऐसे तो कोई भी उसके कमरे में घुस सकता है।”
रोहित आराम से अंदर चला गया। जब रोहित ने कमरे में एंट्री की, तो उसने देखा कि नेहा चुपचाप बालकनी में खड़ी थी और चाँद की तरफ़ देख रही थी। रोहित धीरे से नेहा के पीछे खड़ा हो गया और चाँद को देखने लगा। वो एक पल चाँद की रोशनी को देखता, फिर चाँद की रोशनी में चमकते नेहा के चेहरे को देखता। वो कुछ देर के लिए नेहा की मासूमियत और खूबसूरती में खो गया।
10 साल बाद भी, नेहा अब भी उतनी ही खूबसूरत लग रही थी, वही मासूम और शांत लड़की, जो रोहित को हमेशा से पसंद थी। रोहित बस वहीं खड़ा नेहा की मासूमियत को देखता रह गया। लेकिन जब तक वो अपने होश में आया, तब तक नेहा की एक रूममेट की नींद खुल गई।
रूममेट ने बालकनी में एक अनजान शख्स को खड़ा देखा और डर के मारे जोर से चिल्लाने लगी। रोहित और नेहा दोनों अचानक उसकी चीख सुनकर पीछे मुड़ गए, और उसकी चीख से अब दूसरी रूममेट भी जाग गई। नेहा रोहित को देखकर शॉक्ड थी। अंधेरे में उन लड़कियों को अपने कमरे में एक लड़का देखकर डर लग गया, और दोनों मिलकर "हेल्प हेल्प!" चिल्लाने लगीं। उनकी आवाज़ सुनकर सारे गार्ड्स तुरंत कमरे के बाहर पहुँच गए और अंदर आने के लिए दरवाजा खोलने को कहा।
क्या रोहित अब पकड़ा जाएगा? नेहा कैसे इस प्रॉब्लम से उसे बचाएगी? अगर सबको पता चला कि रोहित रात को छुपकर उसके कमरे में गया था, तो कैंप के सभी मेंबर्स के सामने उसकी क्या इमेज रह जाएगी?
जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।
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