आने वाली पार्टी की तैयारियों के बीच मेल्विन ने इस बार अपनी माँ के साथ-साथ रेबेका के भी मोम डैड को इनवाइट करने का मन बना लिया था। उसे यकीन था कि पार्टी के खुशनुमा माहौल और चकाचौंध के बीच उनसे रेबेका का हाथ माँगने में आसानी होगी। बाकी जो उपरवाले की मर्ज़ी होगी वैसा तो होना ही है।

वहीं पार्टी कोई ऐसी वैसी जगह पर नहीं था बल्कि शहर के सबसे जाने माने होटल होटल ब्लू पर्ल में था जहाँ शहर के बड़े जानी मानी हस्तियाँ आया-जाया करते हैं। मेल्विन को पता था कि मिस्टर कपूर अपने मैगज़ीन के बिजनेस से अच्छा फायदा कमाते हैं लेकिन इतनी बड़ी पार्टी को ऑर्गनाइज कराना उनलोगों के बीच मिस्टर कपूर के स्तर को और भी ऊँचा करता है। 

अब क्योंकि पार्टी बड़ी थी, इसलिए खरीददारी भी बड़ी ही होनी थी। इसलिए तमाम दुज़रे ख़रीदारियों के बीच उसने रेबेका के लिए एक बहुत ही सुंदर नेकलस लेने का मन बना लिया था जो कि आर्टिफीसियल हीरों से सजा हो। सोचा, अगर रेबेका के मम्मी पापा इस शादी को मान जाए तो वे रेबेका को यह खूबसूरत से नेकलस देते हुए अपने रिश्ते की शुरुआत करेगा। उसने नेकलेस एक जाने माने आर्टिफीसियल ज्वेलरी के दुकान से ली, जो सुंदर ज्वेलरी बनाने में पूरे शहर में फेमस था।

दिखते ही देखते पार्टी वाला दिन भी पास आ गया जो इनविटेशन कार्ड के अनुसार उसी ब्लू पर्ल होटल में था। युँ तो मेल्विन इस कंपनी में सत्रह साल से काम कर रहा था पर फिर भी ब्लू पर्ल में उसका भी पहला दिन ही था। 

वह पूरा होटल एक बहुत ही सुंदर आलीशान बंगले से कम न था। आस पास एक बहुत ही सुंदर बगीचा था, अंदर संगमरमर के नक्काशे थे। आस पास कई बड़े बड़े पेंटर्स के पेंटिंग्स थे। खाने में भी कई तरह के लज़ीज़ पकवान परोसे हुए थे। वहाँ आये लगभग सभी लोग किसी ऊँचे घराने से थे और सभी ने काफी शानदार कपड़े पहने हुए थे। यह सब कुछ मेलविन के लिए किसी सपने से कम न था। 

"ये तू कहाँ ले आया बेटा।"- मेल्विन की माँ ने हैरत भरी निगाहों के साथ पूछा। 

"माँ! मैंने तुझसे कहा था न कि जिस दिन भी मेरे हाथ खाली होंगे, तुम्हें पैराडाइस की सैर कराऊंगा। यह देखो माँ, यही वो पार्टी है जिसके बारे में मैं तुम्हें बता रहा था।"- मेल्विन ने मुस्कुराते हुए कहा। 

मेल्विन अपनी माँ से बातें कर ही रहा था कि तभी मिस्टर कपूर ने दूर से ही मेल्विन को आवाज दिया। 

"अरे मेल्विन! तुम यहां हो? मैंने तुम्हें कहाँ कहाँ नहीं ढूंढा।"- मिस्टर कपूर ने कहा। 

इसके तुरंत बाद मिस्टर कपूर ने अपने साथ खड़े दुसरे व्यक्ति को कहा- 

"अमिश! तुम्हें याद है वो टैलेंटेड आर्टिस्ट जिसके बारे में मैं तुम्हें बता रहा था? वो ये हैं हैं। ये हैं मिस्टर मेल्विन फर्नांडीज, हमारी कंपनी के शान।"- मिस्टर कपूर ने मेल्विन का परिचय देते हुए कहा। 

"ओहो। तो ये ही हैं वो महान शख्सियत। तुम्हारे आर्ट ने हमारे जैसे एग्जिबिशनर्स के न जाने कितने ही एग्जिबिशन के शोभा बढ़ाई है। तुम से मिलकर मुझे खुशी हुई मेल्विन। मेरा नाम अमिश सिंघानिया है। मेरा पेंटिंग्स का छोटा मोटा व्यापार है।"- अमिश ने कहा। 

"मुझे भी आपसे मिलकर बेहद खुशी हुई अमिश जी। बस गॉड की कृपा से आपलोगों को मेरा काम पसन्द आया, इससे बढ़कर खुशी मेरे लिए क्या ही हो सकती है।"- मेल्विन ने मुस्कुराते हुए कहा। 

"अरे कपूर! ये अपना श्याम कहाँ गया? आज वो यहाँ अपने हीरों के नेकलेस की प्रदशर्नी नहीं करेगा?"- अमिश ने मिस्टर कपूर से कहा। 

"वो बस यहाँ आता ही होगा। अक्सर वो अपने काम को लेकर लेट लतीफ ही रहता है।"- मिस्टर कपूर ने हंसते हुए कहा। 

श्याम सुंदर लाल, हीरों का बहुत बड़ा जोहरी। उसका इस हीरों के सिंडिकेट में जितना बड़ा नाम था उतना और किसी का भी नहीं था। कहते हैं उसके हीरे खास अफ्रीका के माईन्स से आते थे। और उसका दबदबा ऐसा, की वो अगर कुछ कह दे तो भरोसा पहले किया जाएगा और इसकी पुष्टि बाद में। यूँ तो इतने बड़े नाम तक मिस्टर कपूर की पहुँच बेहद मुश्किल था पर मिस्टर कपूर के नेटवर्क ऑफ सर्कल्स ही ऐसे थे कि कई बड़े बड़े दिग्गज उससे बिना कनेक्शन रखे रह ही नहीं सकता था। मिस्टर कपूर की मैगज़ीन्स शहर में सबसे ज्यादा बिकने वाली मैगज़ीन्स में से एक थी। जहाँ कुछ भी छपवाना, मतलब लाखों लोगों तक पहुंचाना था। इसलिए इस पार्टी में प्रदर्शनी कराकर मिस्टर श्याम भी अपने हीरों का प्रमोशन ही कराना चाहते थे। हालांकि उनकी मिस्टर कपूर से ऐसी कोई खास दोस्ती नहीं थी, पर धंधे में कौन अपना कौन पराया। 

यूँ तो उन्हें यहाँ समय तक पहुंच जाना चाहिए था पर पता नहीं क्यों उन्हें भी आज यहाँ आने में काफी देरी हो रही थी। 

खैर, उनके आने से पहले पीटर और बांकी लोग भी पार्टी में आ गए। 

"कैसे हो दोस्त!"- पीटर ने मेल्विन को दूर से ही हाथ हिलाते हुए कहा। 

"वैसे ही जैसे तुम हो, मेरे दोस्त!"- मेल्विन ने भी हाथ हिलाते हुए पीटर को जवाब दिया। 

"यार पार्टी तो बड़ी शानदार है, मिस्टर खड़ूस से ऐसी पार्टी की तो उम्मीद नहीं थी।"- पीटर ने कहा। 

"बात तो तुम्हारी बिल्कुल सही है।"- मेल्विन ने कहा। 

"अच्छा आंटीजी भी आई हैं, गुड मॉर्निंग आंटीजी। आपका बेटा तो बिल्कुल छा गया है। उसके कारनामों के किस्से तो पूरे ऑफिस में छाए हुए हैं।"- पीटर ने कहा। 

मेल्विन की मम्मी ये सुनकर थोड़ी मुस्कुरा दी और हाँ में हाँ मिला दी। वे यूँ ही कुछ देर ऐसे बातें करते रहे फिर अचानक से पीटर ने कहा। 

"यार कब से ढूंढ रहा हुँ, ये लक्ष्मण नहीं आया अभी तक।"- पीटर ने पूछा। 

"हाँ। मेरी अभी उससे थोड़ी देर पहले बात हुई। वह किसी काम में अटका हुआ है। बस थोड़ी ही देर वो आता ही होगा।"- मेल्विन अपनी बात पूरी करने ही वाला था कि तभी पीटर ने एक झटके के साथ बोल पड़ा। 

"मेल्विन। मेरे भाई। उधर देख, तेरे सपनों की परी आ गयी, रेबेका आ गयी। कितनी सुंदर लग रही है आज वो।"- पीटर ने मेल्विन को इशारा करते हुए कहा। 

मेल्विन की भी नजर वहाँ पड़ गयी। दूसरी और से सच में रेबेका आ रही थी। लाल रंग के गाउन में वो सच में बेहद खूबसूरत लग रही थी। पर वो अकेली नहीं थी। साथ में उसके मम्मी दादी भी थे। वे भी बड़े ठाठ से यहाँ आ रहे थे। 

पीटर उन्हें देखते ही उनकी तरफ बढ़ चला। 

"अह… हाय रेबेका।"- मेल्विन ने थोड़ा झिझकते हुए कहा- " हाय, मिस्टर एंड मिसेज फर्नांडिस!"- उसने रेबेका के मम्मी पापा को अभिवादन किया। 

"हेलो मेल्विन,आज तो बड़े हैंडसम लग रहे हो। कोई तुम्हें देखकर बोल ही नहीं सकता कि 40 पर हो। बिल्कुल कॉलेज स्टूडेंट लग रहे हो।"- रेबेका ने भी शर्माते हुए कहा। 

"थैंक यू रेबेका। सच कहूँ तो तुम भी बहुत खूबसूरत लग रही हो। तुम्हारे मम्मी पापा बहुत लकी हैं कि उनके घर स्वर्ग की अप्सरा रहती है, जिसे देखकर एंजेल्स तक शर्मा जाए।"- मेल्विन ने रेबेका के लिए तारीफ के पूल बांधते हुए कहा। 

यह सुनकर रेबेका भी शर्मा गयी। 

"बातें तो सच में बहुत बड़ी बड़ी कर लेते हो। वरना रेबेका ऐसे थोड़ी किसी के प्यार में पड़ती। पर मिस्टर, यहाँ बात बातों की नहीं जिंदगी की चल रही है। तो बताओ, रेबेका को लेकर तुम्हारा क्या प्लान है।"- रेबेका के डैडी ने कहा। 

"जी मैं रेबेका से शादी करना चाहता हूँ।"- मेल्विन ने बिना वक़्त जाया किये कहा। 

"आराम से बरखुरदार। आराम से, इतने समय तक अकेले ज़िंदगी बिताना सच में काफी मुश्किलों भरा होता है। इसलिए रेबेका को लेकर तुम्हारे इमोशन्स हिचकोले खा रहे हैं। लेकिन मैं एक बार फिर से तूमहें कहना चाहूंगा कि रेबेका रिलेशनशिप के मामले में उतनी अच्छी नहीं रही हैं, न ही उसका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा रहा है। तो जो भी बोलो, सोच समझकर बोलना।"- रेबेका के डैडी ने कहा। 

"आपकी बातें भी बिल्कुल सही है अंकल। लेकिन मैंने भी अपना भी अपना मन बना लिया है। मैन भी इस बारे में बहुत सोचा है और जो भी कह रहा हूँ सोच समझकर ही कह रहा हूँ। मैं रेबेका से शादी करना चाहता हूँ।"- मेल्विन ने एक दृढ़ निश्चय के साथ कहा। 

"यह जानते हुए की उसके कई बोयफ़्रेंडस रह चुके हैं? यह जानते हुए की हो सकता हो कि बाकियों की तरह रेबेका से तुम्हारा टूट सकता है।"- उन्होंने आगे पूछा। 

"हाँ।"- मेल्विन ने आगे कहा। 

 

इसके तुरंत बाद मेल्विन ने अपने बैग से एक गिफ्ट पैकेट निकालकर रेबेका की तरफ अपने घुटनों के बल खड़ा हो गया और बेहद प्यार भरी नजरों के साथ उसने उस गिफ्ट को रेबेका की तरफ खोलते हुए कहा-

"रेबेका। तुम मेरा लकी चार्म हो। मेरे जिगर का टुकड़ा है। तुम्हारे बिना मेरी ज़िंदगी ठीक वैसी ही है जैसे बिन पहियों के गाड़ी है। मुझे नहीं पता आगे कौन से रोडब्लॉकस आएंगे पर मैं तुम्हारे साथ रास्तों के अंत तक सफर करना चाहता हूँ और मुझे उम्मीद है कि हमारा यह सफर बेहद खुशियों से भरा होगा। इसलिए मैं एक बार तुमसे पूछना चाहूंगा। क्या तुम मेरी ज़िंदगी का वो पहिया बनना चाहोगी? क्या तुम मुझसे शादी करोगी।"- मेल्विनने कहा। 

उसके जवाब में रेबेका ने भी जवाब दिया जिसे मेल्विन ठीक से सुन न पाया। उसने एक बार फिर पूछा। 

"रेबेका। मैंने तुम्हारी बात ठीक से सुनी नहीं। क्या तुम मुझसे शादी करोगी? अगर हाँ तो इस हीरों के नेकलस को अपने गलों में बांधकर मुझे कन्फर्मेशन दे दो।"- मेल्विन ने फिर एक बार पूछा।

"मेल्विन, मेरे इमोशन फेलो। मुझे तो लगता था तुम अभी तक बस तस्वीरें ही अच्छी बनाते हो। मुझे नहीं पता था कि तुम बातें भी इतनी अच्छी कर लेते हो। मेल्विन, मैंने हाँ बोला है बेवकूफ। पता नहीं ऐसे मौकों में तुम्हारे कान क्यों बंद हो जाते हैं।"- रेबेका ने मुस्कुराते हुए कहा। उसने फिर मेल्विन के हाथ से वह हीरों का सुन्दर से नेकलेस उठाया और अपने गले में बांध लिया। 

"जब मियां बीबी राजी, तो क्या करेगा काजी। हमें भी यह रिश्ता मंजूर है।"- रेबेका के पापा ने कहा। 

यहाँ काफी खुशियों का माहौल था। वह फूल सच में फर्नांडीज फैमिली के लिए खुशियों का सौगात लेकर आई थी। मेलविन कि किस्मत बदलने वाली थी। बस यह जानना था कि वह अच्छा होता या फिर बुरा। 

 

वहीं दूसरी तरफ एक अनजान व्यक्ति एक वेटर को अपनी तरफ आने का इशारा करते हुए कहा-

“एक वाइन इधर भी देना।”

"सर आप!"- वेटर ने उन्हें देखते ही कहा- "लेकिन सर आप तो…"  जैसे ही वो इसके आगे कुछ बोल पाता की तभी उसने उसे वहीं रुकने का इशारा किया।

इसके बाद उसने उस वेटर के ट्रे के पर से एक वाइन का ग्लास उठा लिया और हल्के से उसकी चुस्की लेने लगा। जबकि वहाँ खड़ा वेटर उसे अभी भी बड़ी हैरानी के साथ देख रहा था जैसे मानो वो उसे काफी पहले से जानता हो। उसके मन में कई सवाल खड़े हो रहे थे जो उसके हावभाव से लग भी रहा था और ऐसा वो व्यक्ति भी समझ रहा था लेकिन वो इस वक्त किसी भी तरह के सवाल जवाब के मूड में नहीं था। उसने चुप चाप उस वाइन के ग्लास से सारा वाइन  खत्म किया और उस खाली गिलास को उस ट्रे के ऊपर रख दिया। फिर उसने एक हल्की सांस ली और मुस्कुराते हुए बोला- 

"शांति।" 

इसके तुरंत बाद जैसे पार्टी में तूफान सा आ गया। चारों तरफ शोर शराबा होने लगा और सभी को उनके लिए रास्ता देने के लिए कहा। जब लोगों ने एक दूसरे से पूछा कि यहाँ पर क्या चल रहा है तभी लोगों को पता चला कि शहर के सबसे मशहूर हीरे के व्यापारी और इस देश के सबसे ताकतवर लोगों में से एक श्री श्याम सुंदर लाल जी यहाँ आ गए हैं और उनके साथ पुलिस की एक टुकड़ी भी है। उड़ती उड़ती यह बात सबको पता चली की उनके एग्जिबिशन के लिए प्रदर्शित होनेवाला वह कीमती नेकलेस चोरी हो गया है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है उनलोगों ने चोर को ढूंढ निकाला है और वो यहीं इसी पार्टी में है। 

सबकी निगाहें अब श्याम सुंदर लाल जी के अगले कदम पर था जो उनकी उम्मीद से भी परे होने वाला था। श्याम सुंदर लाल जी तुरन्त मेल्विन फर्नांडिस के पास पूरे पुलिस फोर्स को लेकर खड़े हो गए और एक गड़गड़ाहट के साथ उसपर उंगली उठाते हुए बोल पड़े- 

"इंस्पेक्टर! यही है वो चोर, अरेस्ट हिम।" 

अब आगे क्या होगा? क्या मेलविन ने सच में श्याम सुंदर लाल जी के नेकलेस को चुराया था या फिर इसके पीछे कोई गहरी साजिश रची जा रही थी। अब कैसे वो खुद को इस मुदिबत से छुड़ा पाएगा। और रेबेका का क्या? क्या अब भी उनके पेरेंट्स उनके रिश्ते को लेकर मां पाएंगे या फिर उनके रिश्ते में कोई नया मोड़ आएगा। और कहिर कौन है वह रहस्यमयी व्यक्ति और उसका इन सब से क्या कनेक्शन है? जानने के लिए पढे कहानी का अगला भाग। 

 

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