"यही है वह एग्जिबिशन वाला हार जिसे इसने मेरे घर से चुराया था।"- श्याम सुंदर लाल ने कहा। 

पूरी भीड़ उन्हें बड़ी हैरानी भरी नजरों से देख रही थी। आखिर श्याम सुंदर लाल के हीरों के नेकलस को चुराने की भी जुर्रत कोई कर सकता है यह उनकी सोच से भी परे था। अब कुछ लोगों के मन में मेल्विन के लिए घृणा थी तो कुछ लोग ऐसे भी थे जो उसे दया भरी नजरों से देख रहे थे। निश्चित रूप से ये लोग वही थे जो मेल्विन को करीब से जानते थे और समझते थे कि मेल्विन ऐसी हरकत नहीं कर सकता। पर फिलहाल किसी के भी मन में श्याम सुंदर लाल के खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं थी। क्योंकि श्याम जी न सिर्फ एक बहुत ही प्रतिष्ठित व्यापारी थे बल्कि एक बहुत पहुँचे हुए अपराधी भी रह चुके थे। ऐसे में किसी भी कारणवश उनसे रास्ता भी टकराना सिर्फ मुसीबत ही लाता। 

"देखिए सर। आपको कोई बहुत बड़ी गलीफ़हमी हुई है। ये आपका वाला नेकलेस नहीं है। इसे मैंने पास वाले आर्टिफीसियल ज्वेलरी के शोरूम से खरीदा था। देखिए मेरे पास इसकी रसीद भी है।"- मेल्विन इससे पहले की उन्हें वह रसीद दिखा पाता श्याम सुंदर लाल जी के सामने खड़े इंस्पेक्टर साहब, मेल्विन पर तुरन्त बरस पड़े। 

"चुप! एकदम चुप। एक तो चोरी और ऊपर से सीना जोरी। तू कहना चाहता है कि श्यामजी भरी पार्टी में झूठ बोलेंगे? चुपचाप खड़े रह, ये रसीद वाला नाटक मच रच। तेरे जैसे चोरों के हर पैतरे से वाकिफ हूँ मैं। पहले तो गहने चोरी करते हैं फिर उनमें हेर फेर करके उनका डुप्लीकेट रसीद बनवा लेते हैं।"- इंस्पेक्टर साहब ने कहा। 

"पर साहब! यह नेकलेस आर्टिफीसियल हीरों के बने हैं। मार्किट में इनके दाम वैसे भी उतने नहीं है। अगर आपको कोई शक हो तो आप खुद चेक करा लीजिए।"- मेल्विन ने फिर बात टोकते हुए कहा। 

"वो तो हम अभी वैसे भी करेंगे। अभी दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।"- इंस्पेक्टर साहब ने कहा। 

"मैडम! वो नेकलेस अपने गले से उतारना। हमें जरा अभी इसकी क्वालिटी चेक करने दीजिए। ये चोरी का माल है।"- इंस्पेक्टर साहब ने वह नेकलेस रिबेका से मांगते हुए कहा।  

"देखिए साहब! मेल्विन को मैं अच्छे से जानती हूँ। वो ऐसा कुछ नहीं कर सकता।"-" रेबेका ने बीच बचाव की कोशिश की। 

"आपको जितना कहा जा रहा है सिर्फ उतना कीजिए। समझ रही हैं न आप वरना चोरी के नेकलेस रखने के आरोप में आपको भी अंदर कर दिया जाएगा।"- इंस्पेक्टर ने गुस्से से कहा। 

"देखिए साहब। हम कानूनी प्रक्रिया का पूरा सहयोग करेंगे। यह अभी भावनाओं से भरी हुई है इसलिए बातों को उतने अच्छे से समझ नहीं पा रही है।"- रेबेका की मम्मी ने तुरंत बचाव किया। 

 

इसके बाद उसने वह नेकलेस रेबेका से ले लिया गया और उसे सामने खड़े हीरे के जोहरी को दे दिया गया । उस जोहरी ने भी उसे टोल-टटोल के देखकर पुलिस को वापिस कर दिया। 

"हीरे की असली समझ सिर्फ जोहरी को ही होती है। यही वो नेकलेस है जिसे प्रदर्शनी में दिखाना था। इसके कैरेट्स, इस पर लगे स्पेशलाइज्ड मारकिंग्स बिल्कुल प्रदशर्नी की तरह ही है। श्यामलाल जी, यही है आपका नेकलेस।"- जोहरी ने उस नेकलेस को श्यामलाल जी को थमाते हुए कहा। 

"लो जी भाई। हो गया केस सोल्व। हवलदार पकड़ लो इस चोर को।"- इंस्पेक्टर ने हवलदार को कहा इसके बाद वो मेल्विन की तरफ मुड़ा- "तो भाई। तुझे अपनी गर्लफ़्रेंड को इम्प्रेस करने के लिए हीरे ही चाहिए थे तो कमाकर खरीदता, आजकल तो बाजार में न जाने कितने ऐसे आर्टिफीसियल हीरे मिल जाते हैं, जो बिल्कुल इसकी तरह हुबहु होते हैं। लेकिन नहीं, भाई साहब की हिम्मत तो देखो। सीधा हीरे ही चोरी कर लिए, वो भी किनके यहाँ से? श्याम सुंदर लाल जी के यहाँ से। श्याम लालजी, अब मैं केस आप पर छोड़ता हूँ। आप बताओ, क्या करना है इसका।"- इंस्पेक्टर ने कहा। 

श्याम लाल जी खुद को इतने रसुखदार समझते थे कि छोटे मोटे बातों पर खुलकर बात करना भी अपनी तौहीन मानते थे। इसलिए उन्होंने अपने पर्सनल असिस्टेन्ट के कानों में फुसफुसाया। फिर असिस्टेन्ट ने कहा- 

"श्याम लाल जी का इस मैगज़ीन कंपनी से बहुत अच्छे रिश्ते हैं। इसलिए वे नहीं चाहते कि इस छोटी सी घटना के लिए उनकी विरासत पर कोई आंच आये। इससे उनके रुतबे को चोट पहुंचेगी। इसलिए वे चाहते हैं कि अगर यह व्यक्ति भरी सभा के आगे श्याम लाल जी के पैरों के आगे गिरकर माफी मांग ले तो उसे जाने देंगे।"- उस असिस्टेन्ट ने कहा। 

इसी दौरान मेल्विन के भी मन में हलचल चल रही थी। वो आस पास खड़े भीड़ की बातों को सुन पा रहा था। सब उसे बेहद घृणा भरी नजरों से देख रहे थे। जो लोग अब तक मेल्विन कि शराफत पर भरोसा टिकाए थे, अब वे भी उससे अपना मुँह किनारा कर चुके थे। 

"छि। इस भोली-भाली शकल के पीछे ऐसा शातिर चोर होगा। मुझे तो नहीं पता था।"- भीड़ में से एक ने कहा। 

"लोग हमेशा जैसे अच्छे बनते हैं, वैसे होते नहीं हैं। सामने दिख रहे मास्क के पीछे कैसा इंसान होगा वो इतनी जल्दी थोड़े ही सामने आता। इसने हीरे चुराए, वो तो आज हमें पता चला, इससे पहले इसने क्या क्या चुराया होगा कौन जानता होगा।"- भीड़ में ही किसी और शख्स ने कहा। 

ताने सिर्फ मेल्विन की तरफ नहीं थे, बल्कि कुछ लोग तो उसकी माँ पर भी तंज कसा रहे थे।

"मैं तो यह बात पहले से ही जानती थी कि मेल्विन कुछ सही नहीं है। मैंने तो यह भी सुना है कि इसका बाप भी एक बहुत बड़ा क्रिमिनल था, सही है भाई, जैसा बाप वैसा बेटा। वैसे इस बुढ़िया ने ऐसे और कितने करामातें किये होंगे कौन जानता है। मैं तो कहता हूँ कि एक बार इसका भी बैग चेक हो जाए। क्या पता इसके बैग से भी दो चार सोने के गहने निकल जाए।"- एक महिला ने कहा। 

यह पूरी बातों को मेल्विन की माँ, रेबेका और उसकी फैमिली भी सुन रही थी। मेल्विन कि माँ यह सुनकर तो जैसे टूट सी ही गयी थी। पर फिर भी वे तंज कसना बंद ही नहीं हो रहे थे। 

"छोटे लोग, छोटी सोच। और नहीं तो क्या। जिंदगी में कभी इतनी बड़ी पार्टी देखी नहीं होगी। हम जैसे बड़े लोगों से मिला नहीं होगा। जब यहाँ आया तो इनके मुँह में पानी आ गया होगा। हमारे इतने सुंदर सुंदर गहनों को देखकर आखिर कौन इन्हें नहीं चुराना चाहेगा।"- एक और महिला ने कहा। 

मेल्विन के मम्मी के सब्र का बांध अब तक टूट चुका था। उनकी आंखों से आँसूं गिर रहे थे। उन्हें इस बात पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका बेटा आखिर ऐसा कर कैसे कर सकता है। उन्होंने रोते हुए मेल्विनन से पूछा- 

"देखो। बेटा। सबको सच सच बता दो। इनको नहीं तो कम से कम मुझे ही बता दो। मैं तेरी माँ हूँ न। क्या तुमने सच में इनका नेकलेस चुराया था?"- उन्होंने रोते हुए पूछा। 

"माँ। तुम्हारी कसम। इन दी नेम ऑफ होली जीसस क्राइस्ट, मैंने कोई नेकलेस नहीं चुराया है। मेरा यकीन करो। अगर कोई सवाल हो तो मैं अभी उस ज्वेलरी शॉप से बात करा दूँगा।"- मेलविन ने भावुक रूप से समझाते हुए कहा। मेलविन ने इससे पहले अपनी माँ को इतना दुखी कभी नहीं किया था। यह उसके लिए किसी बहुत बुरे सपने से कम नहीं था जिससे जागने की वो पूरी कोशिश कर रहा था। 

"देखो। देखो। कैसा ढीठ आदमी है। अभी-अभी इसकी सच्चाई दुनिया के सामने आई है, लेकिन इसको अभी भी अपनी बेगुनाही साबित करनी है। सही है, वैसे भी, इसके लिए यह कैसे गलत हो सकता है। इसका खानदानी बिज़नेस है न।"- भीड़ से आवाज आई।

उन सभी आवाजों के बीच एक आवाज रेबेका के पापा की भी थी। 

"देखा बेटा। मैंने कहा था न! इससे दूर रहना। अच्छा हुआ इसकी असलियत इतनी जल्दी सामने आ गयी वरना यह तुम्हें और कैसे-कैसे दिन दिखाता, उसके बारे में तुम सिर्फ सोच ही सकती हो।"- उन्होंने कहा, इसके बाद उन्होंने श्याम लालजी और इंस्प्सक्टर क सामने सर झुकाते हुए कहा -

"देखिए इंस्प्सक्टर साहब और श्याम लाल जी। इन सबका हमसे कोई लेना देना नहीं है। यह शातिर चोर ही हमारे बेटी को फांसने के लिए ऐसे साजिशों को रच रहा था। आप इन्हें जैसी चाहें सजा दे, इसका हमसे कोई ताल्लुक नहीं है। आप बस हमें इज़ाज़त दें।"- इतना कहकर उन्होंने श्याम लाल जी के आगे उन्होंने हाथ जोड़कर सर झुका लिए, जिसे श्याम लाल जी के द्वारा बिल्कुल भी अनसुनी नहीं किया गया, उन्होंने तुरंत उन्हें यहाँ से जाने का इशारा किया। इसके बाद रेबेका के पापा ने उसका हाथ जोर से पकड़ा और भीड़ से दूर निकल पड़े। रेबेका भी दुख भरी नजरों से बार-बार मेलविन को मुड़कर देख रही थी। उसे भी इन हालातों को लेकर कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। 

"देखा… देखा। ऐसे मांगते हैं माफी। देखो, श्यामलाल जी का दिल कितना बड़ा है, बस थोड़े से हाथ जोड़ते ही उन्होंने इतने बड़े अपराध को नजरअंदाज कर दिया।"- भीड़ में से किसी ने कहा। 

मेल्विन भी अब तक सोच में डूबा था। वह भी यह तक यह बात समझ चुका था कि अभी इनसे बहस करके कोई फायदा नहीं। पर फिर भी उनके पैरों पर गिरकर माफी मांगना एक बहुत बड़ी बात होगी। न सिर्फ इसलिए कि यह उसके लिए अपमानजनक था बल्कि उनसे माफी मांगने का मतलब यह भी था कि ज़िंदगी भर के लिए खुदपर चोर का लांछन लगाना जो वह हरगिज़ नहीं चाहता था। वह अभी भी इसी असमंजस में डूबा हुआ था कि तभी वहाँ दूर खड़े मिस्टर कपूर, जो पूरे परिस्थिति को दूर से ही देख रहे थे, वे भी तुरन्त बीच में कूद पड़े। 

"देखो मेल्विन। मैं तुम्हें अच्छे से जानता हुँ और मैं यह बात भी अच्छे से समझता हूँ कि तुमने चोरी नहीं कि होगी। बल्कि ऐसा हो सकता हो कि किसी ने तुम्हारे बैग में चुपके से यह नेकलेस डाल दिया हो। लेकिन यह वक़्त इसको सुलझाने का नहीं बल्कि इसको जाने देने का है। अभी के लिए इनसे माफी मांग, बाद में हम तुम्हारे बेगुनाही के लिए कोई न कोई दूसरा रास्ता ढूंढ लेंगे। अभी के लिए इनसे माफी मांग लो।"- मिस्टर कपूर ने समझाते हुए कहा। 

मिस्टर कपूर के बातों में दम था लेकिन इसकी भी कोई गारंटी नहीं थी कि मेल्विन के माफी मांगने से यह गुत्थी सुलझ ही जाती थी, बात और भी ज्यादा बिगड़ सकती थी। लेकिन अभी के हालातों को देखते हुए मेल्विन के पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। इसलिए उसने माफी मांगने को ही सबसे सही विकल्प माना और श्याम लाल जी के सामने वह झुकने लगा। 

यह दृश्य वहीं खड़ा वह अनजान व्यक्ति जो पूरी हालात पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए था, देखते साथ ही मुस्कुरा दिया या कहा जाए कि उसके चेहरे से हँसी छूट पड़ी। उसने कहा- 

"लगता है अब मुझे यहाँ से जाना चाहिए।"  

इतना कहकर वो वहाँ से निकल पड़ा और देखते ही देखते वह भीड़ के बीच कब गायब हो गया इसकी भनक तक उस भीड़ को न चली।  वहीं मेल्विन अब मिस्टर श्याम लाल के आगे अपने घुटनों के बल आने ही वाला था कि तभी एक तेज़ तर्रार आवाज ने वहाँ मोजूद घुप्त सन्नाटे को एकदम से चिर गयी। 

"रुक जाइये।" 

अब मेलविन और श्याम लाल के साथ पूरी भीड़ की नजर उस और जा गिरी। वह आवाज लक्ष्मण की थी। वह अब तक जिस भी मुसीबत में फंसा था, वो उससे बाहर निकल चुका था और बिल्कुल सही वक्त में उस पार्टी में पहुँच चुका था।

"मेल्विन निर्दोष है। और यह बात मैं अभी साबित कर सकता हूँ।"- लक्ष्मण ने आगे कहा। 

"तुम्हें पता है न तुम अभी क्या कह रहे हो? अगर तुम इसकी बेगुनाही नहीं साबित कर पाए तो इसे माफी मांगने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा। उसके बाद अगर यह माफी मांग भी ले तब भी इसे हवालात का रास्ता देखना पड़ेगा। और एक चोर को बचाने के जुर्म में तुमको भी बराबर सज़ा मिलेगा। क्या तुम अब भी अपनी बात रखना चाहोगे।"- श्याम लाल जी के पर्सनल असिस्टेन्ट ने जोर देते हुए कहा। 

"हां। क्योंकि मुझे पूरा भरोसा है मैं मेल्विन की बेगुनाही साबित  कर लूँगा।"- लक्ष्मण ने बेहद आत्मविश्वास के साथ कहा। 

"तो ठीक है तब। तुम्हारे पास बस 5 मिनेट होंगे अपनी बात रखने को। अगर इतने देर में तुमने अपनी बात साबित नहीं कि तो, अंजाम तुम जानते हो या मैं तुम्हें दुबारा सुना दूँ?"- उसी पर्सनल असिस्टेन्ट ने कहा। 

"हाँ, मुझे कंडीशन्स याद हैं।"- लक्ष्मण ने जवाब दिया।

"ठीक है तब। तुम्हारा समय शुरू होता है अब। बोलों जो बोलना है।"- उन्होंने कहा। 

वे भी अब इस मसले को लेकर बेहद उत्सुक हो चले थे क्योंकि लक्ष्मण के बात करने के लहजे से ही लग रहा था कि उसके हाथ कोई ऐसा सबूत लग चुका है जिससे उन्हें वह मेल्विन की बेगुनाही साबित कर ही देगा। 

लेकिन कैसे? और क्या मिस्टर श्याम लाल उसके बातों को मानेंगे भी? आखिर कैसे छूटेगा मेल्विन इस परेशानी से? आखिर कौन था वह रहस्यमयी व्यक्ति। आखिर कयुनि वह हाथ धोकर मेल्विन के पीछे लग गया है। आखिर उसका उद्देश्य क्या है? जानने के लिए सुनते रहिए। 

  

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