सभी के मन में ये सवाल बना हुआ था कि जिस सर्प्राइज़ की बात रणविजय कर रहा है, क्या वो इस चोरी का हिस्सा है। सभी के मन में तरह तरह की बातें आ रही थी। वो जितना आसान इस चोरी को सोच रहे थे, शायद उतनी आसान ये चोरी थी नहीं। उस्मान ने अपनी बात रखते हुए कहा: “बॉस, क्या इस सर्प्राइज़ को जानने के लिए हमें और इम्तिहान से गुज़रना होगा?”
चैंग ने हमेशा कंप्युटर के बल पर ही लोगों को लूटा था। वो इस मार धाड़ से बहुत दूर था। उसने कभी नहीं सोचा था कि उसे इतनी मारा मारी भी देखनी पड़ सकती है। रणविजय ने सभी की बेचैनी को कम करने के लिए कहा:
रणविजय:
आप लोगों से मैं जिस सर्प्राइज़ की बात कर रहा हूं। वो यहां नहीं है, बल्कि उसके लिए हमें कहीं और चलना होगा।
रणविजय की इस बात ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया था। अभी तक वो सोच रहे थे कि चोरी को लेकर जो भी प्लान बन रहे हैं वो सब इसी बंगले में बन रहे हैं। मगर इस बंगले से बाहर जाने की बात को सुन कर हंसमुख से रहा नही गया। उसने तुरंत सवाल करते हुए कहा: “बॉस, इसके अलावा आपके और कहाँ कहाँ ठिकाने है?”
हंसमुख की इस बात को सुन कर रोज़ी चिढ़ सी गई थी। उसने अपने मन ही मन में कहा:
“ये आदमी जब भी सवाल करेगा, उल्टे ही सवाल करेगा। अब इसे किस तरह समझाऊं?”
अगर उस समय वो कुछ नही बोलती तो दूसरे लोग भी यही सवाल करते। हंसमुख के सवाल का जवाब दे कर वो बात को यहीं ख़त्म करना चाहती थी। उसने जवाब देते हुए कहा:
“बॉस के कितने बंगले हैं? इस बंगले के अलावा कितने ठिकाने हैं ? बॉस के पास कितनी दौलत है? बॉस के कॉनटैक्ट किस किस के साथ है? इन सब बातों में क्या रखा है? हमें अपना सारा फ़ोकस इस चोरी पर रखना है, बस और कुछ नहीं।”
विक्की की नज़र में रोज़ी ने बिलकुल सही बात कही थी। चैंग और उसमान भी रोज़ी की बात से पूरी तरह सहमत थे। हंसमुख को भी उसके सवाल का जवाब मिल गया था। फिर भी रणविजय ने बात को और साफ करते हुए कहा:
रणविजय:
मैं, एक बार फिर आपको बता रहा हूं, अगर हम इस चोरी को करने में कामियाब हो गए तो हर किसी के पास इतनी दौलत होगी कि वो दुनिया के अमीर लोगों में शुमार हो जायेगा। . उसके पास वह हर चीज़ होगी जो अमीर लोगों के पास होती है।
पैसे की बात जहां आती थी, सभी लोग उससे बदलने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगते थे। इस बार भी रणविजय ने इस चोरी से हासिल होने वाली दौलत के बारे में बात की तो सभी अपने सपने में चले गए। रोज़ी ने उनके बदलते हुए चेहरों के भाव को देखा। उसने खुद से बात करते हुए कहा : “पैसा चीज़ ही ऐसी है। अच्छे अच्छों को बदल देती है। लोग तो रात को सपने देखते है। ये दिन में ही सपने देखने लगे।”
अमीर बनने के सपने के आगे वो इस चोरी में होने वाली परेशानी के बारे में बिल्कुल नहीं सोच रहे थे। उनको तो बस पैसा चाहिए था। उस पैसे के बल पर वह दुनिया की हर चीज़ खरीदना चाहते थे। रणविजय ने अपनी बात को पूरा करते हुए कहा:
रणविजय:
हमें सिर्फ अपने अपने काम पर फ़ोकस करना होगा। रही बात सर्प्राइज़ कि कल सुबह में उसके बारे में बताऊंगा नही बल्कि उसके बारे में दिखाऊंगा। अभी आप लोग अपने अपने कमरे में जाकर आराम कीजिए।
रणविजय ने अपनी आखिरी बात के साथ ही आज की मीटिंग को खतम कर दिया था। सभी के मन में अभी भी बहुत से सवाल थे मगर ये समय सवाल करने का नहीं बल्कि अपने अपने रूम में जाकर आराम करने का था , इसीलिए सभी लोग बिना कुछ कहे अपने कमरे की तरफ चले गए थे.. वहीँ दूसरी तरफ गाड़ियों से उतर कर गार्ड्स ने ध्रुव और बल्ली को चारों तरफ से घेर लिया था। तभी अचानक ध्रुव के सामने एक लग्शरी गाड़ी आकर रूकी। उस शानदार गाड़ी को देख कर बल्ली खुद को बोलने से रोक नही पाया। उसने अपने पास खड़े ध्रुव से कहा:
“क्या शानदार गाड़ी है। मरने से पहले इस गाड़ी में बैठने को मिल जाए तो मज़ा ही आ जायेगा।
बल्ली ने ये बात इतनी आहिस्ता से कही थी कि पास खड़े ध्रुव के अलावा किसी ने नहीं सुनी थी। ध्रुव ने उसी टोन में बल्ली की बात का जवाब देते हुए कहा:
“सामने मौत खड़ी है और तुझे मज़े की पड़ी है। कैसा आदमी है तू भाई।
ध्रुव अपने पास खड़े बल्ली से बस इतना ही कह पाया था कि तभी गाड़ी का दरवाज़ा खुला और उसमे से एक पचास साल का आदमी बाहर निकल कर आया। उस आदमी को देख ध्रुव और बल्ली बुरी तरह चौंक गए थे। उन्होंने कभी सोचा भी नही था कि ये आदमी इस तरह उनके सामने खड़ा हुआ मिलेगा।
उधर रोज़ी ने सभी के खाने का इंतजाम उन्हीं के कमरे में कर दिया था। विक्की ने अपने कमरे में जाकर खाना खाया। उसका मन हुआ कि खाना खाने के बाद एक सिगरेट पी जाये। पिछली रात को उसने सिगरेट के पैकेट को कमरे में रखी मेज़ पर ही रख दिया था। खाना खाने के बाद उसने मेज़ पर रखे पैकेट के अंदर से एक सिगरेट निकाली और उसे लाइटर की मदद से जला लिया। अभी सिगरेट उसके हाथ में ही थी। उसे एक आवाज़ आई : “मैंने कितनी बार कहा कि सिगरेट सेहत के लिए हानिकारक होती है। फिर भी तुमने इसे जलाया। अब देखो अगर जला लिया है तो प्लीज़ पीना नहीं।”
ये आवाज़ किसी और की नही बल्कि विक्की की पत्नी पारो की थी। भले ही दोनों साथ में नहीं थे मगर एक दूसरे के साथ बिताए अच्छे पल उनके साथ हमेशा थे। विक्की ने सिगरेट को बिना अपने मुंह से लगाए बुझा दिया था।
शादी होने से पहले जब भी पारो और विक्की कहीं बाहर मिलते थे तो साथ में घूमने के साथ साथ किसी अच्छे रेस्टोरेंट में खाना भी खाते थे। विक्की को खाना खाने के बाद सिगरेट की तलब लगती थी। विक्की पान की दुकान से सिगरेट खरीद तो लेता था मगर वह उसे पी नहीं पाता था। असल में पारो उसे सिगरेट पीने ही नहीं देती थी।
इन्ही प्यारे पलों को याद करके विककी के चेहरे पर मुस्कान आ गयी। उसने अपनी फीलिंग्स को शब्दों में बदलते हुए कहा:
विक्की:
अब तो तुम खुश हो ना, मैंने तुम्हारी बात मान ली और सिगरेट को फ़ेंक दिया।
विक्की जब भी अकेला होता था तो उसे अपनी पत्नी पारो की बहुत याद आती थी। उसका मन था कि वो किसी भी तरह उड़ कर उसके पास चला जाये। मगर वह ऐसा नहीं कर सकता था। वह किसी बात से मजबूर नहीं था। रणविजय की तरफ से किसी को भी ज़बरदस्ती रोका नहीं गया था।
सभी लोग अपनी मर्ज़ी के मालिक थे। सभी को अमीर बनना था। सभी को पैसे कमाने थे। इसलिए वह अपनी मर्ज़ी से यहाँ थे। विक्की की नज़र एक बार फिर कमरे की चीज़ों पर गयी। उसने देखा कबर्ड के ऊपर एक रेडियो रखा हुआ है। विक्की को पुराने गाने सुनने का बड़ा शौक़ था। जब भी वह अकेला होता था तो रेडियो ही सुनता था। उसने खुद से बात करते हुए कहा:
विक्की:
इस समय रेडियो पर दिल को छु लेने वाले गाने आते हैं। हो सकते है, मेरी पसंद के ही गाने आ रहे हो।
अपने आप से बातें करता विक्की रेडियो के पास गया। वो रेडियो ऑन ही करने वाला था कि उसके बराबर में उसे एक व्हिस्की की बोतल रखी हुयी दिखाई दी। उसने पलट कर देखा कि मेज़ पर ट्रे में कुछ ग्लास भी रखे है। वह तुरंत मेज़ के पास वापस आया और ट्रे के अंदर से ग्लास को उठा कर दुबारा रेडियो की तरफ चला गया।
उसने ग्लास में थोड़ी सी व्हिस्की निकाली। विक्की कभी कभी शराब पीता था। पारो को उसके शराब पीने के बारे में पता ही नहीं था। अगर उसे पता होता तो वह ज़रूर विक्की को मना करती। ग्लास में व्हिस्की निकालने के बाद विक्की ने रेडियो को on किया। रेडियो पर जो गाना था वह बहुत ही मधुर और सदा बहार था।
गाने के बोल के साथ विक्की भी गुन गुना रहा था। इस मधुर गाने का आनंद लिए विक्की खिड़की की तरफ गया। उसने बाहर देखा तो गाना मौसम पर एक दम ही सूट कर रहा था।आसमान पर चाँद और सितारों ने ऐसी चाँदनी बिखेरी हुयी थी कि चांदनी रात जैसे खुद ही गुनगुना रही हो।
विक्की हाथ में व्हिस्की के गिलास से एक सिप लेता और फिर गाने के बोल को गुनगुनाने लगता। विक्की ने अपनी पत्नी पारो को याद करते हुए कहा:
विक्की:
सच कह रहा हूँ पारो, तुम्हारे बिना मैं इस जीवन के बारे में सोच भी नहीं सकता। बस एक बार ये काम हो जाये, तो तुम मेरे साथ होगी। तभी विक्की की जेब में रखा फ़ोन vibrate होता है।
वो अपनी जेब से फ़ोन निकालता है और उसकी स्क्रीन पर देखता। स्क्रीन के नंबर तो देख कर विक्की चौंक जाता है।
एक तरफ विक्की गाने के साथ व्हिस्की का मज़ा ले ले कर अपनी पत्नी को याद कर रहा था तो वहीं दूसरी तरफ उसमान ने भी अपनी पत्नी को फ़ोन लगा दिया था। उसमान के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं था। वह एक सिम्पल आदमी था और सिंपल ही फ़ोन इस्तेमाल करता था। उसने अपनी बीवी से बेटी की तबियत के बारे में पूछते हुए कहा:
उसमान:
कैसी तबियत है शानू की?
उसमान के सवाल पर उसकी बीवी का जवाब था कि अब शानू ठीक है। उसमान की बीवी ने जो "अब" शब्द का इस्तेमाल किया था। उसमान समझ गया था कि उसकी बेटी की तबियत बिगड़ गयी होगी। उसने तुरंत अपनी बीवी से सवाल करते हुए कहा:
उसमान:
तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओ, शानू की तबियत कैसी है? वह ठीक तो है ना? तुम मेरी उससे बात करवाओ।
जिस तरह उसमान ने अपनी बेटी के लिए बीवी से सवालो की छड़ी लगा दी, उसकी बीवी के लिए उसमान से कुछ भी छिपाना मुश्किल था। उसमान ने एक बार फिर सवाल करते हुए कहा:
उसमान:
तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो। मैंने तुमसे कुछ पूछा है। मुझे उसका जवाब दो।
इस बार उसमान की ज़बान में थोड़ी सख्ती थी। तभी उसमान को फ़ोन पर बीप की आवाज़ आती है। उसमान को मालूम ही नहीं था कि फ़ोन कट गया है। वो अभी भी हैलो हैलो कर रहा था। कई बार हैलो करने के बाद जब उसकी बीवी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो उसने फ़ोन की तरफ देखते हुए कहा:
उसमान :
रज़िया ने फ़ोन क्यों काट दिया? सब ठीक तो है ना। शानू की तबियत तो ठीक है?
अचानक से फ़ोन कटने से उसमान परेशान हो गया था। उसके दिल में तरह तरह के ख्याल आ रहे थे। क्या सच में शानू की तबियत ख़राब हो गयी थी? रज़िया ने उसमान का फ़ोन क्यों काट दिया। उधर शानदार गाड़ी से जो आदमी उतरा था वह कौन था? विक्की के फ़ोन पर किसका फ़ोन आया था?
जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।
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