रफ़ीक़ की बातें अभी तक किसी के समझ में नहीं आ रही थी। उसके वाइटल्ज़ की मोनिट्रिंग से यह भी पता चल रहा था की वह जो कह रहा है वह सब सच है। टीम इस सोच में डूबी हुई थी की अचानक ही सभी स्क्रीन अचानक ब्लैक हो गईं। कमरे की लाइट्स हल्की-हल्की झपकने लगीं, और वही अनजान आवाज और छुपा हुआ चेहरा स्क्रीन पर उभर आया। "शाबाश, टीम गांडीव," "तुमने अच्छा काम किया है। रफीक को पकड़कर तुमने सचमुच एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। लेकिन तुम्हें बधाई देने का यह मतलब नहीं है कि तुम जीत गए हो। टीम के चेहरों पर चौंकने और गुस्से का भाव साफ दिख रहा था। आवाज ने बात जारी रखी। यह जो इंसान तुम्हारे सामने है, यह सिर्फ एक कड़ी है। इसका एक ही काम था। असेंबली में माइक के अंदर वह सिस्टम इंस्टॉल करना और रीमोट को डस्टबिन में फेंक देना।" सहदेव ने गुस्से में स्क्रीन की ओर देखा, लेकिन कुछ बोलने से पहले ही आवाज ने एक और बम गिरा दिया। 
"लेकिन वह गैस कैसे पहुंची? बटन किसने दबाया? इस साजिश में कितने लोग शामिल हैं? इसका इसे अंदाजा भी नहीं है। और सबसे बड़ा सच यह है कि इसे मैं तुम्हारी झोली में खुद डालकर गया हूँ। यह तुम्हारे लिए सिर्फ एक मोहरा था।

मीरा ने गहरी सांस ली, उसकी आंखों में संदेह और बेचैनी थी।  

मीरा: "क्या यह सब सिर्फ समय बर्बाद करने के लिए किया गया था?"

सहदेव: हमसे यह कहने का मतलब क्या है? तुम कौन हो?" दम है तो सामने आओ!

स्क्रीन पर छुपे चेहरे ने एक बार फिर हल्की हंसी के साथ कहा, "मुझे पहचानने की कोशिश मत करो। मैं हमेशा एक कदम आगे रहूंगा। इस खेल का असली मास्टरमाइंड अभी भी तुम्हारी पहुंच से बाहर है। लेकिन याद रखना, मैं तुम्हें हर कदम पर देख रहा हूँ।" इतना कहती है वह आवाज और वह चेहरा वहाँ से चला गया।  

एक भारी सन्नाटा पूरे कमरे में छा गया था। हर किसी के चेहरे पर अनिश्चितता और चिंता की लकीरें थीं। टीम में हर कोई यही सोच रहा था कि अब आगे उन्हें क्या करना चाहिए? तभी आयुष के फोन की घंटी बजी। उसने तुरंत टीम को बताया, "डिफेंस मिनिस्टर विक्रम सिन्हा ने पूरी टीम को बुलाया है।"  

जैसे ही टीम उनसे मिलने पहुंची यह एक नई जगह थी! उनके सामने खुला देश का सबसे अत्याधुनिक और शक्तिशाली कंप्यूटर रूम। यह कोई आम कमरा नहीं था, बल्कि एक डिजिटल किला था, जहाँ हर दीवार पर, यहाँ तक कि छत तक पर बड़े-बड़े स्क्रीन लगे हुए थे। उन स्क्रीन पर देश भर की हर जानकारी की चल रही थीं।  

यह जगह पूरे देश की साइबर सुरक्षा की रीढ़ थी। यहाँ से बैठकर वे लोग सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की गतिविधियों पर नज़र रख सकते थे। सर्वरों के बीच से गुजरते हुए टीम के होश उड़ गए जब उन्होंने देखा कि देश भर के हर कोने में लगे कैमरों का लाइव फीड इस रूम में मौजूद था। सेटेलाइट एक्सेस, लोकेशन ट्रैकिंग, नेटवर्क ट्रैफिक मॉनिटरिंग—हर वो टेक्नोलॉजी, जो एक कदम आगे सोच सके, यहाँ मौजूद थी। यह जगह किसी जंग के मैदान से कम नहीं थी, और आज इसकी जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही थी।  

जैसे ही कबीर ने इस नए सायबर वॉर रूम में कदम रखा, उसकी आंखें चमक उठीं। यह जैसे उसकी जन्नत थी—एक टेक्नोलॉजी जीनियस के लिए इससे बेहतर और कुछ हो ही नहीं सकता था। उसकी नजरें तेजी से पूरे कमरे का जायजा ले रही थीं। इतने बड़े-बड़े स्क्रीन, सर्वर की लाइनें, और हाई-टेक कंप्यूटर सिस्टम्स को देख कर कबीर के चेहरे पर एक विजेता जैसी मुस्कान आ गई।  

"ये है असली ताकत!" कबीर ने मन ही मन सोचा। यहाँ की टेक्नोलॉजी इतनी पावरफुल थी कि वह किसी भी नेटवर्क में घुस सकता था, किसी भी सिस्टम को हरा सकता था, और किसी भी इंसान की जानकारी पलक झपकते ही निकाल सकता था। और यह सब सिर्फ इसलिए नहीं था क्योंकि वह टेक्नोलॉजी में माहिर था, बल्कि इसलिए भी क्योंकि उसे अब सरकारी एक्सेस मिल चुका था—देश के हर छोटे-बड़े आदमी की जानकारी उसकी उंगलियों के नीचे थी।  

"अब मैं वो कर सकता हूँ जो मैंने हमेशा सोचा था," कबीर के दिमाग में यह ख्याल दौड़ रहा था। यह कमरा, ये सिस्टम्स— उसने स्क्रीन की ओर देखा, और हर कोड, हर डेटा उसके लिए खुली किताब की तरह था।  

वहीं दूसरी तरफ, टीम के बाकी सदस्य भी इस विशाल टेक्नोलॉजिकल साम्राज्य को देख कर हैरान थे। बड़े-बड़े स्क्रीन पर देश भर से लाइव डेटा उनकी आंखों के सामने था। सहदेव तो जैसे लॉस्ट ही हो गया था। आर्मी में रहकर जिस जानकारी को हासिल करने के लिए वे दिन-रात मेहनत करते थे, वह अब बस एक क्लिक की दूरी पर थी। पहली बार उन्होंने टेक्नोलॉजी की इतनी बड़ी ताकत देखी थी, और यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।  

"ये तो... अद्भुत है!" सहदेव के मुंह से निकला। यह कमरा, ये तकनीकें, यह साइबर ताकत—यह सब उन्हें किसी दूसरी ही दुनिया में ले आई थी। उनकी आंखों के सामने दुनिया का हर कोना खुला पड़ा था। "आज तो बोलती बंद हो गई हमारी," किसी ने धीरे से कहा, और बाकी सबने उसकी बात की हामी में सिर हिला दिया। इस जंगी मैदान में उनकी जीत की कुंजी चाबी थी—इससे बड़ी कोई ताकत शायद ही उन्होंने पहले देखी हो।  

कमरे को बारीकी से देखते हुए टीम को देख विक्रम ने कहा,  

विक्रम: मुझे आशा है की इस कमरे का इस्तेमाल तुम लोग अच्छे से करोगे ? इस कमरे में देशभर का सर डाटा मौजूद है चाहे वो राष्ट्रपति हो या फिर चाहे वो देश का कोई गरीब भिखारी हो ! और तुम लोग भी अपने अपने तरीके से काम पर लग जाओ, मुझे डर है की हम किसी खतरनाक षडयंत्र का शिकार बन रहे है।  

विक्रम के ऑर्डर्स मिलते ही पूरी टीम जोश के साथ काम पर लग गई ! कबीर ने तुरंत ही पूरे सायबर वॉर रूम का एक्सेस अपनी उंगलियों में ले लिया और देखते ही देखते उसने पूरे सर्वर पर अपना कब्जा जमा लिया था।  

कबीर अपने काम में माहिर था और जरूरी संसाधनों के साथ उसकी काबिलियत में चार चाँद लग गए थे, उसे इस तरह से काम करते देख बाकी लोग भी उत्साहित थे, उन्होंने भी अपने अपने तरीके से तहकीकात शुरू कर दी ।  

"अगर कोई बड़ा नाम इस साजिश में शामिल है, तो हमें उसका सबूत उसके पैसों में मिलेगा," मीरा ने मन ही मन सोचा। उसकी उंगलियाँ तेजी से चलने लगीं। सबसे पहले उसने नेताओं के बैंक खातों की जानकारी निकालनी शुरू की। स्क्रीन पर बैंक ट्रांजेक्शंस की फाइलें खुलने लगीं, और मीरा की नजर हर छोटे से छोटे डिटेल पर थी।  

"इतने बड़े मिशन को अंजाम देने के लिए एक भारी रकम की जरूरत होती है," मीरा ने टीम को समझाया, "और ऐसी रकम या तो किसी बड़े राजनेता के पास हो सकती है या फिर किसी ताकतवर बिजनेसमैन के पास।"  

स्क्रीन पर आकड़ों की बाढ़ सी आ गई थी, और मीरा हर नाम को ध्यान से पढ़ रही थी। वह बड़े पैसों के ट्रांजेक्शंस पर नजर रखे हुए थी—कोई भी ट्रांजेक्शन जो संदिग्ध लगे, वो इस साजिश की एक और कड़ी हो सकता था। "हमारा काम है उस एक नाम को ढूँढना," मीरा ने खुद से कहा।  

दूसरी तरफ अदिति ने भी अपने नेटवर्क को सक्रिय करते हुए कहा, 'इस साजिश में केवल राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि कुछ बड़े कारोबारी और अंडरवर्ल्ड के लोग भी शामिल हो सकते हैं। हमें हर तरफ से जानकारी इकट्ठी करनी होगी।'  

दूसरी ओर सहदेव के लिए जानकारी हंसिल करना एक मुश्किल काम था इसलिए वह बस अपने बाकी के टीम मेम्बरस की हेल्प कर सकता था और इसलिए वह चुप चाप उन तीनों लोगो के काम पर नजर रखकर उनकी हेल्प कर रहा था ! तहकीकात जोरों से चल रही थी और सभी अपने अपने काम में लगे हुए थे, लेकिन अचानक ही कबीर की आवाज ने सबका ध्यान उसकी ओर कर लिया, कबीर ने स्क्रीन पर देखते हुए कहा,  

“ मुझे कुछ ईमेलस मिले है, बातचित कोड्स में की गई है लेकिन एक ही ईमेल आइडी से ढेरों अज्ञात मेल किए गए है ! ”  कबीर की बात सुन अदिति ने क्यूरियस होते हुए पूछा,  “ हाँ, लेकिन इसका प्रधानमंत्री की मौत से क्या संबंध  है ?” अदिति की बात सुन कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा,  

कबीर: संबंध है, क्योंकि इन सभी मेल्स में बार बार एक बड़ी मछली का जिक्र हो रहा है, कोड मे बोला गया है की बड़ी मछली आज दाना चुगने जरूर आएगी, या फिर इस तरह से की क्या शार्क मछली का इंतजाम हो गया है ! इसी तरह से बार बार मछलीयों के रेफ़रन्स लेकर किसी को मरने की पूरी प्लानिंग जैसा साउन्ड कर रहा है ! ”  

कबीर की बात सुन अदिति ने अपना दिमाग लड़ाते हुए कहा, मेसेज से तो लगता है की किसी मछली को जाल में फँसाने की बात हो रही है, लेकिन कोई मेल पर ऐसी बात क्यूँ करेगा ? कबीर की बात में दम है ये किसी बड़ी प्लानिंग की ही बात चल रही थी कोड में ! लेकिन फिर भी तुम यह कैसे कह सकते हो की यह मेल प्रधानमंत्री की मौत से जुड़ा हुआ है ? इन बातों से यह तो साबित नहीं होता न ?”  

“ मैं आपकी बात से पूरी तरह सहमत हूँ, लेकिन मुझे कुछ ऐसा मिला है की जो मेरे इस दावे को सही साबित कर सकता है !”  

मीरा के सवाल को सुन कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा,  

“ क्योंकि इसी में से कुछ मेल्स में बार बार पार्लिमेंट, असेंबली और प्रधानमंत्री भवन के बारे में बाते हुई है, अब हर किसी जगह को तो तुम कोड में नहीं बोल सकते ना ? तो यही गलती इस शख्स ने भी की है ! अगर हम इस ईमेल को भेजने वाले तक पहुँच जाए तो शायद हमारे हाथ भी एक बड़ी मछली फंस सकती है !”  

कबीर की बात सुन सहदेव ने कहा,  सही कहा, लेकिन हम एक मेल के जरिए उस आदमी तक कैसे पहुँच सकते हैं ? सहदेव की बात सुन कबीर ने मजाकियाँ अंदाज में जवाब देते हुए कहा,   जब कोई ईमेल भेजता है तो वह या तो मोबाईल या फिर किसी कंप्युटर का ही इस्तेमाल करेगा ना,और अगर डिवाइस है तो उसका IP Address भी जरूर होगा, अगर हम थोड़ी और तहकीकात करे यानि में थोड़ी गहराई से इस ईमेल को डिकोड करने की कोशिश करूँ तो शायद हमे उसका Ip ढूंढ सकते है और एक बार Ip मिल गया, तो उसकी लोकेशन भी मिल ही जाएगी !  

कबीर की बात सुन पूरी टीम खुश हो गई, लेकिन यह समय खुश होने का नही काम करने का था, इसलिए कबीर बिना समय गवाएं फिर एक बार अपने कंप्युटर में उन अंजान मेल्स के बारे में गहराई से तहकीकात करने कगा, उसने मेल के सर्वर में एंट्री ले ली थी और अब उसका काम था मेल के सोर्स को ढूँढना ! अदिति, सहदेव और मीरा कबीर के रिस्पॉन्स का इंतजार कर रहे थे, कुछ देर तक अपनी उंगलियों को कीबोर्ड पर चलाने के बाद अचानक ही कबीर को स्क्रीन पर कुछ अजीब दिखा, यह देखते ही उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई ! उसने तुरंत ही चिल्लाते हुए कहा ,  

“ यह मेल किसी राजनेता का है ? ” कबीर के मुँह से यह सुन बाकी किस टीम हैरान रह गई! कौन है यह राजनेता? क्या मिल है कबीर को ऐसा? जानने के लिए पढ़ते रहिए।  

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