एपिसोड 17 - अनहोनी

 घनश्याम के लोकेशन पर पहुंच कर मेल्विन ने देखा कि वहां भीड़ लगी हुई है। 

मेल्विन और पीटर भीड़ देखकर डर गए थे।

“यहां यह भीड़ क्यों लगी हुई है?” पीटर ने पूछा।

“लोकेशन के हिसाब से घनश्याम का घर यही है।” महेश ने जानकारी दी, “कहीं यहां कोई अनहोनी घटना तो नहीं घट गई?”

वे तीनों जल्दी-जल्दी भीड़ को हटाते हुए आगे गए।

एक बड़े से सोसायटी के बाहर लॉन में एक डेड बॉडी पड़ी हुई थी। डेड बॉडी का चेहरा चादर से ढका हुआ था।

मेल्विन धीरे से डेड बॉडी के पास गया। उसने डेडबॉडी के चेहरे से चादर हटाकर देखा तो घनश्याम का चेहरा उसे दिखाई दिया।

“यही घनश्याम है।” मेल्विन ने बताया, “शायद किसी ने इसे जान से मार दिया है।”

अभी मेल्विन ने ये जानकारी दी ही थी कि पीटर की नजर भीड़ में एक ऐसे शख्स पर पड़ी जो उन्हें देखकर वहां से भागने की तैयारी करने लगा था। पीटर को तुरंत उस पर शक हुआ। और वो भीड़ से निकलकर उसके पीछे लग गया।

“क्या आप इसे जानते हैं?” एक हवलदार में मेल्विन से पूछा जो वहीं पर खड़ा था।

“नहीं।” मेल्विन ने कहा, “लेकिन मैं इसे जानना जरूर चाहता था। कुछ दिन पहले इसके पिता मुझसे मिलने मेरे ऑफिस आए थे। वो तो मुझे न मिल सके लेकिन उनका दिया हुआ एक लेटर लेकर ये मेरे पास आया था। वो लेटर मुझसे कहीं खो गया। उस लेटर के बारे में जानने के लिए ही मैं आज घनश्याम से मिलने यहां आया था। यहां आकर मुझे इसकी लाश मिली है।”

“ठीक है, आपके थाने जाकर अपना पूरा बयान देना होगा। इस आदमी को फ्लैट से धक्का देकर नीचे गिराया गया है। सीधे-सीधे ये हत्या का मामला है। आपको हमारी मदद करनी होगी।” हवलदार ने आगे कहा।

“मैं आपकी पूरी मदद करने के लिए तैयार हूं। जिस मकसद से मैं यहां आया था वो तो पूरा नहीं हो पाया। शायद आप मेरी इसमें कुछ मदद कर पाए। ये रहा मेरा कार्ड। आप जब भी थाने बुलाएंगे, मैं आ जाऊंगा।”

हवलदार ने मेल्विन के हाथ से वो कार्ड ले लिया।

“ओह, तो आप मशहूर कार्टूनिस्ट मेल्विन फर्नांडिस हैं।” हवलदार ने कहा, “आप कहां इन अपराधियों के पीछे पड़ गए?”

“पीछे ही तो नहीं पढ़ा था। अगर आज मैं यहां समय पर आ जाता तो इस मरने से बचा लेता।” मेल्विन ने इतना कहा और फिर पीटर को ढूंढने के लिए उठा। 

“पीटर कहां गया?” मेल्विन ने पीटर को आसपास न देखकर महेश से पूछा।

“पीटर! वाले तो यही था।”

दोनों पीटर को आसपास ढूंढने लगे।

दूसरी तरफ पीटर उस शख्स के पीछे जा रहा था जो मेल्विन को देखकर वहां से भागने लगा था।

तभी पीटर के फोन पर मेल्विन का कॉल आ गया, “पीटर, कहां हो तुम?”

“मेल्विन, मुझे एक आदमी मिला है। वो घनश्याम की लाश के पास ही खड़ा था। तुम्हें देखते ही एक भागने लगा। मैं उसी के पीछे हूं।”

“तुम किस तरह हो?” मेल्विन ने फोन पर पूछा। 

“मैं फिल्म सिटी की तरफ हूं। यहां भीड़ बहुत है।” पीटर ने बताया।

तब तक पीटर को अपने पीछे आते देखकर उस शख्स ने दौड़ लगा दी थी। पीटर भी उसके पीछे दौड़ पड़ा। मुंबई हाईवे पर दोनों ने रेस लगानी शुरू कर दी थी। पीटर मुंबई के उस इलाके से अच्छा–खासा परिचित था। वो काफी देर तक उस आदमी का पीछा करता रहा। एक जगह भीड़ में जाकर वो आदमी कहीं खो गया।

तभी वहां मेल्विन और महेश भी पहुंच गए। 

“कहां गया वो आदमी?” मेल्विन ने आते ही पूछा।

“अभी यहीं कहीं था। भीड़ में आते ही कहीं गायब हो गया।” पीटर ने बताया, “शायद घनश्याम की मौत के पीछे उसी का हाथ है।”

“शायद नहीं पीटर, मुझे पूरा यकीन है कि घनश्याम की हत्या उसने ही की है।” मेल्विन ने कहा, “वहां एक हवलदार से मेरी बात हुई। उसने मुझे बताया कि घनश्याम को किसी ने उसके फ्लैट की खिड़की से नीचे धकेल दिया था।”

इसके बाद काफी देर तक उन तीनों ने उस आदमी को ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो उन्हें कहीं नहीं मिला। थक–हराकर वे वापस घर लौट आए थे।

“घनश्याम के बारे में भी हम कुछ नहीं जान पाए।” मेल्विन ने कहा, “अब उसके बारे में हमें पुलिस ही कोई जानकारी दे सकती है। वो भी तब जब पुलिस उसके बारे में कुछ पता लगा पाए।”

“तुम अब भी कुछ पता लगाना चाहते हो मेल्विन?” पीटर ने पूछा, “मुझे नहीं लगता कि तुम्हें इन सब के पीछे पड़ना चाहिए। तुम्हारी मां सही कहती हैं, पुरानी कब्र खोदने से डेडबॉडी के सिवा और क्या हासिल हो सकता है। वो भी डीकंपोज्ड डेडबॉडी।”

मेल्विन के पास पीटर के इस सवाल का कोई जवाब नहीं था।

“मैं तुम्हारी बात से इत्तेफाक नहीं रखता हूं पीटर।” महेश ने कहा, “मेल्विन ने मुझे उस डायरी के बारे में बताया है। बॉस जरूर कोई बहुत मोटी मलाई खा रहा है। और ऐसा कम से कम पिछले 50 साल से हो रहा है। डायरी में बहुत कम जानकारी थी लेकिन जितनी भी थी उससे यही अंदाजा लगता है कि ये मामला काफी ज्यादा हाई प्रोफाइल है।

“मैं जानता हूं महेश। तुम्हारी बातों में सच्चाई है लेकिन हमें ये समझना होगा कि उस मामले से हमारा क्या लेना–देना है। मेल्विन का क्या लेना देना। शायद किसी का भी इस मामले इस मामले से कुछ भी लेना–देना नहीं है। इसमें मुझे सिर्फ खतरा ही खतरा दिखाई देता है। बात अब मर्डर तक भी पहुंच चुकी है। मैं मेल्विन को इन सब से दूर रहने की सलाह दूंगा।”

“तुम्हारा क्या कहना है मेल्विन?” महेश ने मेल्विन से पूछा, “हम तुम्हारी वजह से यहां हैं। क्या तुम्हें लगता है कि हमें ये सब कुछ यहीं रोक देना चाहिए?”

“हां भी और नहीं भी।” मेल्विन ने कहा, “पीटर और महेश उसकी तरफ हैरानी से देखने लगे।”

“क्या मतलब है तुम्हारा?” पीटर ने पूछा।

“मतलब हमें ये दिखावा करना होगा कि हमें इन सब से कुछ नहीं लेना–देना। हमें अब सही समय का इंतजार करना होगा। उस समय का इंतजार जब बॉस कोई गलती करें। कोई ऐसा कदम उठाए जिससे हमारी मदद हो सके। और बॉस ऐसा कदम जरूर उठाएगा।”

“तुम्हें ऐसा क्यों लगता है मेल्विन?” महेश ने पूछा।

“क्योंकि ये वही बॉस है जिसने मुझे वो डायरी दी थी। जिस मकसद से उसने मुझे ये डायरी दी है, वो मकसद बॉस जरूर पूरा करना चाहेगा। मुझे चुपचाप उसका यही मकसद जानना है।” मेल्विन ने कहा। 

उन तीनों का पूरा दिन बेचैनी में गुजरा था। देर रात तक मेल्विन शराब पीता रहा इसलिए अगले दिन सुबह भी उसका सिर भारी रहा। 

सुबह करीब 6 बजे मेल्विन की मां का फोन आया।

“हेलो मेल्विन बेटे, कैसे हो?” मेल्विन की मां ने फोन की दूसरी तरफ से पूछा।

मेल्विन ने भारी आवाज में कहा, “ठीक हूं मां।”

“तुम्हारी आवाज इतनी भारी क्यों लग रही है मेल्विन? क्या तुम कल रात देर से सोए थे?” मेल्विन की मां ने पूछा।

“कल संडे का दिन था न। कुछ दोस्त घर आए हुए थे। वो देर रात को लौटे इसलिए सोने में देर हो गई।” मेल्विन ने झूठ बोलते हुए कहा।

“कल रात को भी मैंने तुम्हें कॉल किया था। तुमने फोन ही नहीं उठाया।” मेल्विन की मां ने शिकायत करते हुए कहा।

“कहिए, क्या बात है मां?” मेल्विन ने पूछा।

“मेरी कल तुम्हारे मामा से बात हुई। उन्होंने बताया कि उनके पास तुम्हारे पापा की कई तस्वीरें हैं। कुछ फैमिली फोटोज हैं और कुछ उनके काम की फोटोज। वे अभी नागपुर में हैंरहते हैं। अगर तुम्हें अब भी अपने पिता के बारे में जानना है तो जाकर उनसे मिल आओ।”

“नहीं मां। मैंने फैसला कर लिया है। मुझे अपने पापा के बारे में अब और कुछ भी नहीं जानना।” मेल्विन ने कहा, “ये कहानी अब खत्म हो चुकी है। मुझे आपकी बात पहले ही मान लेनी चाहिए थी।”

“क्या हुआ मेल्विन? तुम ठीक तो हो? तुम्हारी आवाज मेरे दिल में शंका पैदा कर रही है।” मेल्विन की मां ने पूछा। 

“नहीं मां, यहां सब ठीक है। आप गलत सोच रही हैं। बस मैं एक अंधी दौड़ में निकल चुका था इसलिए थोड़ा परेशान था। लेकिन अब सारी परेशानी खत्म हो चुकी है।” मेल्विन ने कहा, “मां, अब मैं फोन रखता हूं। मुझे ऑफिस पहुंचने में लेट हो जाएगा।”

फोन कट करने के बाद मेल्विन फटाफट तैयार होकर रेलवे स्टेशन पहुंच गया।

खुशकिस्मती से उस दिन लक्ष्मण नहीं आया था। पीटर और मेल्विन भी इस घटना को रामस्वरूप जी और डॉक्टर ओझा से शेयर करने के लिए बेताब थे। 

पीटर ने कल की सारी कहानी उन दोनों को सुनाई। सबकुछ सुनने के बाद दोनों हैरानी से एक–दूसरे की ओर देखने लगे थे।

“मेल्विन, इतना सब कुछ हो गया और तुमने हमें कुछ नहीं बताया।” डॉक्टर ओझा ने कहा।

“मैं जानता हूं कि मेल्विन ने हमें कुछ भी क्यों नहीं बताया।” राम स्वरूप जी ने कहा, “मेल्विन ने जरूर ऐसा लक्ष्मण के कारण किया होगा। उसके सामने इस तरह की बातें करना ठीक नहीं है। लेकिन मेल्विन, अगर इन सब में जान जाने का खतरा है तो तुम्हें इससे दूर ही रहना चाहिए।”

“यही मैं कल मेल्विन को समझा रहा था। मेल्विन समझ तो चुका है लेकिन पूरी तरीके से नहीं।” पीटर ने कहा, “वो अब भी इस मामले में पड़े रहना चाहता है लेकिन गुप्त रूप से।”

“मतलब?” डॉक्टर ओझा ने पूछा। 

“मेल्विन अब बिना कोई गतिविधि किए अपने बॉस पर नजर रखने वाला है। मेल्विन को लगता है कि उसके बॉस ने अगर वो डायरी उसे दी है तो जरूर उसके पीछे उसकी कोई साजिश होगी। मेल्विन समझता है कि उसका बॉस ज्यादा देर तक शांत नहीं बैठेगा। वो जरूर कोई न कोई ऐसी गलती करेगा जिससे मेल्विन को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।”

“मैं अब ये दर्शाना चाहता हूं कि मुझे इन सब से कोई मतलब नहीं है। और इसका साफ मतलब है कि मैं अब इस मामले के बारे में कोई चर्चा नहीं करना चाहता। मैं अब अपने काम पर फोकस करना चाहता हूं। पहले की तरह जीना चाहता हूं।”

उसके बाद इस विषय पर किसी ने कोई चर्चा नहीं की।

कुछ देर बाद ट्रेन मलाड रेलवे स्टेशन पर जाकर खड़ी हो गई। मेल्विन की नजर एक बार फिर उस अजनबी लड़की को ढूंढने के लिए खिड़की के बाहर गई। वो अजनबी लड़की मलाड से सांताक्रुज के लिए रोजाना मुंबई लोकल में सफर करती थी। आज मलाड स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होने के बाद भी वो लड़की कहीं दिखाई नहीं दी थी। मेल्विन की बेचैनी बढ़ने लगी थी। वो चाहे किसी भी परेशानी से घिरा हुआ क्यों न हो लेकिन मलाड स्टेशन आते ही उसकी नजर उस अजनबी लड़की को ढूंढने लगती थी।

इंतजार करते-करते ट्रेन मलाड रेलवे स्टेशन से छूट गई। तभी मेल्विन ने देखा एक लड़की भागते हुए ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही थी।

मेल्विन अपने सामने से भीड़ हटाते हुए जल्दी-जल्दी ट्रेन के दरवाजे पर पहुंचा। पीटर, रामस्वरूप जी और डॉक्टर ओझा उसे देखते रह गए थे। इससे पहले कि ट्रेन की स्पीड बढ़ जाती है मेल्विन ने उस लड़की का हाथ पकड़कर ऊपर खींच लिया था।

“थैंक यू मेल्विन?” उस लड़की ने कहा। मेल्विन तुरंत समझ गया था कि ये वही लड़की है।

“योर वेलकम। मेल्विन ने मुस्कुराते हुए कहा। 

वो लड़की शायद किसी गिल्ट में थी। मेल्विन की ओर देखते हुए उसकी नजर अपने आप झुक गई।

“आई एम सॉरी मेल्विन!” उस लड़की ने कहा। 

“पहले थैंक यू और अब सॉरी। वो किस लिए?” मेल्विन ने पूछा।

“उस दिन आपकी निर्दोष कोशिश पर हंसने के लिए।” उसने माफी मांगने वाले अंदाज से कहा। 

मेल्विन ने तब मुस्कुराते हुए कहा, “निर्दोष कोशिश नहीं, एक बेवकूफी भरी हरकतें थी मेरी। मेरा इरादा आपसे दोस्ती करने का था। लेकिन शायद मैं अपनी फिलिंग ठीक से जता नहीं पाया।”

“मैं आपकी फीलिंग शुरू से समझती थी मेल्विन! लेकिन मैं उसके लिए तैयार नहीं थी।” उस लड़की ने बताया। 

“तो क्या अब आप तैयार हैं?” मेल्विन ने तुरंत पूछ लिया था। उसका सवाल सुनकर वो लड़की फिर मुस्कुराने लगी थी। 

“आप मेरे बारे में कुछ भी नहीं जानते। फिर भी मेरे दिल का हाल क्यों जानना चाहते हैं?” उस लड़की ने होंठों पर मुस्कुराहट लिए हुए पूछा।

“क्योंकि आपकी इस एक सवाल के जवाब पर मेरे कई सवालों के जवाब टिके हुए हैं। अगर मुझे जवाब मिल जाए तो मैं उन सवालों से छुटकारा पा जाऊंगा।” मेल्विन ने कहा। 

“एक शर्त पर आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा मेल्विन साहब!” उस लड़की ने कहा। 

“मुझे आपकी शर्त मंजूर है।” मेल्विन ने तुरंत कहा। 

“बिना शर्त जाने आपने शर्त मंजूर भी कर लिया?”

“आपसे दोस्ती करनी है तो एक शर्त तो क्या, मैं और भी कई शर्त मंजूर करने को तैयार हूं। आप अपनी शर्त तो रखिए।”

“आपको मेरा एक स्केच बनाना होगा मेल्विन साहब। अगर वो स्केच मुझे पसंद आया तो मैं आपको अपना जवाब दूंगी। “

उस लड़की के इतना कहते ही मेल्विन तुरंत अपने हाथ में पेंसिल और पेज लेकर तैयार हो गया।

क्या मेल्विन का स्केच उस अजनबी लड़की को पसंद आएगा? या फिर मेल्विन की दोस्ती कबूल करने में उस लड़की को और समय लगेगा? क्या मेल्विन को अपने मामा से अपने पिता के बारे में और कुछ जानकारी मिल सकेगी?

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