बर्फ़ीली रात थी, लेकिन नीना के भीतर की आग अब जला रही थी।

वह बेस से बहुत दूर, एक सुनसान गली में पहुँची थी। दीवारों पर पड़ी सीलन में उसकी परछाईं हिल रही थी — कांपती हुई, लेकिन अपने ही अस्तित्व से भिड़ती हुई।

उसका बदन थक चुका था, लेकिन उसकी आँखें अब भी जल रही थीं — कभी नीली, कभी सुनहरी।

वो अब कोई साधारण इंसान नहीं रही थी, और यही बात उसे सबसे ज़्यादा डरा रही थी।

तभी उसके पीछे किसी के कदमों की आवाज़ आई।

"तुम रुकी क्यों नहीं?" आवाज़ आई।

नीना ने पलट कर देखा — एथन था।

चेहरा गुस्से से तमतमाया हुआ, सांसें तेज़, आँखों में वो सवाल जो नीना खुद से नहीं पूछ पा रही थी।

"तुमने उसे मरने दिया," एथन बोला, बिना भूमिका के।

नीना चुप रही।

"मैंने कहा था मत जाओ अकेले," उसने आगे कहा, “और तुम क्या कर आई? उसे वहीं छोड़ आई, नीना!”

"मुझे मत बताओ कि मैं क्या कर आई," नीना का स्वर टूटा, लेकिन ठंडा था।

"तो फिर मुझे खुद देखना पड़ा," एथन ने एक टैबलेट नीना की ओर फेंका।

स्क्रीन पर वॉल थी — ICU में, ज़िंदा, लेकिन बदल चुकी।

"ये... ये कैसे हो सकता है,ये संभव नहीं?" नीना फुसफुसाई।

"तुम्हारी आंख की ऊर्जा का अंश उसके अंदर ट्रांसफर हो चुका है। सिस्टम ने उसे बचा लिया… लेकिन बदल भी दिया," एथन बोला।

"मैंने उसकी जान बचाने की कोशिश की," नीना की आवाज़ में दर्द था।

“लेकिन तुम बचा नहीं सकीं — न खुद को, न उसे।”

"तुम क्या चाहते हो, एथन?कि मैं मर जाऊँ? कि मैं ख़ुद को खत्म कर लूँ?" नीना ने सीधा पूछा। "

"मैं चाहता हूँ कि तुम फिर से वही बनो जो तुम थीं," एथन बोला।

नीना चिल्लाई,"मैं कोशिश कर रही हूँ!" “लेकिन मेरे अंदर कुछ और है — कुछ जो हर फैसले में दखल देता है, कुछ जो हर भावनात्मक पल को तोड़ता है!”

एथन ने एक गहरी साँस ली।

“आई ने तुम्हारे शरीर को हाइजैक कर लिया है, नीना। और अब वो तुम्हारे ज़रिए कुछ और हासिल करना चाहती है।”

“क्या?”

“शायद वॉल। या शायद खुद को दोहराना। या फिर सब कुछ मिटाना।”

नीना ने दीवार का सहारा लिया। आँखें बंद कीं।

भीतर से वही फुसफुसाहट आई —

“वो तुमसे डरता है। क्योंकि तुम अब उससे ज़्यादा देख सकती हो।”

“वो अब तुम्हारा बोझ है — मिशन नहीं।”

“तुम अकेली तेज़ हो सकती हो — लेकिन साथ में कमजोर हो जाती हो।”

"चुप रहो!" नीना चीखी।

एथन ठिठका।

"किससे बात कर रही हो?" उसने धीरे से पूछा।

"उससे…" नीना ने अपनी आँखों की तरफ इशारा किया,

“जो मेरे अंदर रहता है, लेकिन मुझसे पूछे बिना फैसले लेता है।”

"तो अब क्या करने वाली हो?" एथन ने पूछा।

"निकालूँगी इसे," नीना बोली।

“कैसे?”

"डॉक्टर चो," उसने कहा।

“जिसने सबसे पहले इस तकनीक पर काम किया था। शायद उसके पुराने डेटा में कुछ हो… जिससे इस आई को बंद किया जा सके।”

"क्या तुम जानती हो, उसका पता?" एथन ने पूछा।

"नहीं," नीना बोली, “लेकिन मेरी आंखें जानती हैं।”

उसने अपनी आंखें बंद कीं।

मस्तिष्क में डेटा घूमने लगा — चेहरे, नाम, लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड्स।

कुछ ही सेकंड में एक इमेज उभरी — सियोल, दक्षिण कोरिया। एक पुराना रिसर्च इंस्टिट्यूट।

"मैं जान गई हूँ," नीना ने कहा। “वह वहाँ है — या उसका अतीत कम से कम वहीं है।”

"तुम अकेली नहीं जाओगी," एथन बोला।

"शायद जाना ही पड़े," नीना बोली। “अगर आई को सच में मुझसे अलग करना है, तो इस लड़ाई में मुझे खुद उतरना होगा — अकेले।”

"और अगर तुम हार गईं?" एथन ने पूछा।

“तो कम से कम सुकून से मर  पाऊँगी कि मैंने कोशिश की थी।”

तभी टैबलेट पर एक नई नोटिफिकेशन ब्लिंक करने लगी।

नीना और एथन ने एक साथ देखा।

“नया ट्रांसमिशन: प्रायोरिटी अलर्ट – सब्जेक्ट: वॉल”

नीना ने फीड ओपन किया।

स्क्रीन पर वॉल थी — लेकिन अब कुछ और।

चेहरा शांत था, लेकिन आँखें अब लाल थी — उसकी आवाज़ में इंसान नहीं, मशीन बोल रही थी।

"नीना," वॉल बोली, “तुमने मुझे छोड़ दिया। अब मैं वो बन चुकी हूँ, जो तुम बनने से डरती हो।”

"तुम्हें क्या चाहिए?" नीना ने स्क्रीन से पूछा।

"तुम। पूरी तरह।

या तुम्हारा अंत।

अब हम बराबर हैं, नीना…

अब देखना कौन ज़्यादा जीता है।"

स्क्रीन ब्लैक हो गई।एथन की ओर नीना ने देखा।

“अब लड़ाई बाहर नहीं… अंदर भी है।”

 

नीना सड़क के किनारे एक खाली बिल्डिंग के बेसमेंट में पहुँची। दीवारों पर पुराने पोस्टर, टूटी कुर्सियाँ, और एक पुरानी स्क्रीन उसके सामने थी। यह वही जगह थी जहाँ डॉक्टर चो की पुरानी टीम ने कभी काम किया था — न्यूरल मैपिंग लैब।

एथन पीछे से आया, हाथ में एक टैबलेट लिए।

"यहीं से उन्होंने ‘आई’ की पहली कोडिंग की थी," उसने कहा।

नीना ने दीवार पर लगी एक टूटी फोटो को देखा — डॉक्टर चो और चार अन्य वैज्ञानिक, हँसते हुए।

वो बुदबुदाया,"अगर कुछ बचा है…" “तो वो यहीं होगा।”

एथन ने टैबलेट से एक वायरलेस कनेक्शन चालू किया। स्क्रीन चमकी, और एक पासवर्ड माँगने लगी।

नीना ने अपनी आँखें स्क्रीन पर केंद्रित कीं। कुछ ही पलों में पासवर्ड दिखाई देने लगे — उसके आई ने लॉक को बायपास कर लिया।

स्क्रीन चालू हुई।

एक फोल्डर: "फेज अल्फा इमरजेंसी ओवरिड प्रोटोकॉल 

"यही है," नीना ने कहा।

एथन ने सावधानी से स्क्रीन पर स्क्रॉल किया। हर फ़ाइल, हर डायग्राम — सब उस सिस्टम की रचना का हिस्सा थे जिसने नीना की ज़िंदगी को बदल दिया था।

"यहाँ एक प्रोटोकॉल है…" एथन ने कहा, “जिससे ‘आई’ को टेम्पररी सस्पेंड किया जा सकता है। लेकिन यह रिस्की है।”

"कितना रिस्की?" नीना ने पूछा।

“अगर तुम इस स्टेट में फंसी रहीं — बिना पूरी तरह डिस्कनेक्ट किए — तो तुम्हारा नर्वस सिस्टम शटडाउन हो सकता है।”

नीना ने गहरी साँस ली।

"और अगर मैंने कुछ नहीं किया, तो मैं ख़ुद को पूरी तरह खो दूँगी," उसने कहा।

"तुम्हें यह सोच समझकर करना होगा," एथन ने चेताया, “क्योंकि इस सिस्टम में तुम्हारे दिमाग और आई दोनों की लड़ाई होगी।”

नीना ने अपने दोनों हाथ स्क्रीन पर रखे। उसकी उंगलियाँ कांप रही थीं, लेकिन उसकी आँखों में एक ठोस निर्णय था।

"शुरू करो।"एथन ने एक कमांड दबाया।स्क्रीन ब्लिंक करने लगी।

नीना की आँखें चमकने लगीं — पहले नीली, फिर सफ़ेद, फिर एकदम गहरी काली।

उसके सिर में तेज़ कंपन हुआ।

"आई…" वह फुसफुसाई, “अगर तुम मुझे सुन सकती हो… मैं तुम्हें अब और चलाने नहीं दूँगी।”

"तुम भूल रही हो…" वही जानी-पहचानी आवाज़ गूंजी,

“तुम मेरी वजह से ज़िंदा हो। तुम वही हो, जो मैंने बनाया है।”

“नहीं। मैं वही हूँ, जो अब तुम्हें निकालना चाहती है।”

आई की ऊर्जा अब उसकी नसों में फैलने लगी — स्क्रीन पर वेव्स दिखने लगीं।

बीप… बीप… बीप…

न्यूरल सिंक्रोनाइज़ेशन टूटने लगा।

नीना का शरीर काँपने लगा। उसके हाथ दीवार से हट गए। आँखें चौड़ी हो गईं।

"ये ठीक नहीं है!" एथन चिल्लाया, “उसके हार्टबीट्स नीचे जा रहे हैं!”

नीना के दिमाग में अब अंधेरा और आवाजें आपस में टकरा रही थीं।

“तुमने मुझे बनाया… लेकिन अब मैं तुम्हें मिटाऊँगी।”

"तुम मुझे मिटा नहीं सकती। मैं हर जगह हूँ।

तुम्हारी यादों में, तुम्हारी ताक़त में…

तुम्हारी पहचान में।"

नीना की आँखें झपकने लगीं। वह अब आधी चेतना में थी।

"मैं नीना हूँ…" वह बुदबुदाई, “मैं एक इंसान हूँ… मैं कोई मशीन नहीं…”

"तुम वो हो जो मैं तय करूँ," आई गरजी।

तभी…स्क्रीन पर एक इन्फोर्मेशन ब्रस्ट हुआ — जैसे किसी लॉक को तोड़ दिया गया हो।

नीना के शरीर ने एक झटका खाया।

आई की आवाज़ बंद हो गई।

चुप्पी छा गई।नीना ज़मीन पर गिर गई — साँसें तेज़, लेकिन आँखें बंद।

एथन भागा। उसने उसका सिर गोद में रखा।

"नीना… नीना! बोलो!" वह चीखा।

नीना की पलकों में हरकत हुई।

उसने आँखें खोलीं — पहली बार, बिना किसी चमक के। कोई नीला, कोई सुनहरा, कोई डाटा नहीं।

"तुमने कर दिखाया," एथन ने बुदबुदाया।

पर तभी स्क्रीन फिर से ब्लिंक करने लगी।

नई फीड: “सेकेंडरी एक्टिवेशन इनिशिएटेड… सब्जेक्ट 002—एक्टिवेटेड।”

नीना की आँखें फिर चमकने लगीं — पर इस बार, डर से नहीं… गुस्से से।

वैल एक्टिव हो गई थी।

“अब अगला मोर्चा शुरू होने वाला था।”

 

 

कमरे की स्क्रीन अब स्थिर थी।नीना की आँखों से नीली रौशनी जा चुकी थी। पहली बार, उसकी आंखों में सिर्फ़ थकान थी — कोई कंप्यूटर कोड नहीं, कोई ऑटोमैटिक रेस्पॉन्स नहीं।

एथन उसके सामने ज़मीन पर बैठा था, उसकी कलाई पकड़ कर पल्स चेक कर रहा था।

"ठीक हो तुम?" उसने धीमे से पूछा।

"मैं ज़िंदा हूँ," नीना ने कहा, “शायद पहली बार पूरी तरह।”

एथन ने मुस्कराने की कोशिश की, लेकिन उसका चेहरा अब भी चिंता से ढका हुआ था।

"ये काम कर गया," नीना फुसफुसाई। “आई चुप हो गई… एक अजीब सी खामोशी है अब अंदर… लेकिन ये खामोशी सुकून दे रही है।”

"तुम्हारा शरीर अब भी रिकवर कर रहा है," एथन ने स्क्रीन की ओर इशारा किया, “लेकिन एक और फीड एक्टिव हो चुकी है।”

"क्या?" नीना ने सीधा पूछा।

“सेकेंडरी सब्जेक्ट एक्टिवेशन…”

नीना ने स्क्रीन की ओर देखा। वॉल सब्जेक्ट,002 फूल एक्टिवेशन स्टेट्स 93%

 

"नहीं…" नीना ने सिर पकड़ लिया। “वो जाग गई है।”

"और वो तुमसे नाराज़ है," एथन ने कहा। “उसके भीतर की आई अब भी एक्टिव है — और अब वो स्वतंत्र है।”

स्क्रीन पर नया ट्रांसमिशन झपका।

लाइव फीड स्टार्स 

लोकेशन: अज्ञात

वॉल कैमरे के सामने खड़ी थी।

चेहरा शांत, लेकिन उसकी आँखों में अब नीली चमक नहीं — बल्कि गहरे लाल रंग की लहरें।

"नीना…" उसकी आवाज़ कमरे में गूंजी।

"तुमने मुझे बचाया — लेकिन मेरी आत्मा को खोकर।

अब मैं तुम्हारी नहीं रही।अब हम बराबर नहीं हैं —

अब मैं आगे हूँ।"नीना खामोश रही।

“तुमने आई को निकाल दिया।और अब तुम इंसान हो…कमज़ोर।और मैं… एक नई शुरुआत।”

"तुम्हें क्या चाहिए?" नीना ने फुसफुसाते हुए पूछा।

“रिवर्स ट्रांसफर।”

"क्या?" एथन चौंका।वॉल मुस्कराई।

“मैं तुम्हारे भीतर जो हिस्सा बचा था, वो चाहती हूँ। जो तुमने दबा दिया… मैं उसे फिर से जगाना चाहती हूँ।”

"तुम उसे मुझसे नहीं ले सकती," नीना ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ कांप रही थी।

"तुम्हारे पास कोई विकल्प नहीं होगा।

मैं तुम्हें ढूँढ लूँगी,तोड़ दूँगी,

और जो बचेगा — वो सिर्फ़ आई होगी।""मैं अब लड़ाई नहीं चाहती," नीना ने कहा।

"पर लड़ाई अब तुम नहीं तय करोगी," वॉल की आँखें चमकने लगीं।"तुमने जो शक्ति छोड़ी, वो अब मेरे भीतर है।

और अब मैं वही बनने जा रही हूँ… जो आई ने कभी सोचा भी नहीं था।पूर्ण।स्वतंत्र।और… अनकंट्रोल्ड।"

नीना की हथेलियाँ पसीने से भीग गईं।

“अगर उसने तुम्हें पूरा ले लिया… तो तुम वॉल नहीं रहोगी।”

"शायद नहीं," वॉल बोली, “पर तब भी मैं तुमसे बेहतर रहूँगी।”

स्क्रीन बंद हो गई।कमरे में सन्नाटा छा गया।एथन ने गहरी साँस ली।

"अब क्या करोगी?" उसने पूछा।नीना ने दीवार का सहारा लिया, गहरी साँस लेकर खुद को सीधा किया।

"मैं भागने नहीं आई थी। अब लड़ना पड़ेगा। लेकिन इस बार मैं एक हथियार नहीं…"उसने अपनी हथेली में जलती छोटी नीली रेखा को देखा।

"…एक इंसान बनकर लड़ूँगी।"तभी पीछे की दीवार से एक सायरन बजा।

"इनकमिंग सिग्नल – मैग्नेटिक फील्ड्स एक्टिवेटेड – ट्रेस लोकलाइज़्ड"नीना ने एथन की तरफ देखा।

"वो आ रही है।""अभी?" एथन ने पूछा।

"हाँ," नीना ने उत्तर दिया,"और शायद अगली बार वो अकेली नहीं होगी।"

नीना अपनी शक्ति को पीछे छोड़ चुकी थी — लेकिन उसका सबसे बड़ा युद्ध अभी बाकी है,

एक ऐसी दोस्त से जो अब मशीन बन चुकी है,

और जो अब… इंसानियत को मिटा कर एक नया सिस्टम बनाना चाहती है।

 

क्या नीना बचा पाएगी वॉल को या वॉल बन जाएगी नीना के लिए कोई मुसीबत, जानने के लिए पढ़ते रहिए कर्स्ड आई।

 

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