शैलजा मल्होत्रा का नाम सुन कर काव्या को ऐसा लगा जैसे उसने और पहले इस नाम को किसी और के मुंह से भी सुना था। पर उसे कुछ याद नहीं आया।

शैलजा ने काव्या को ऊपर से नीचे तक देखा। फिर पास आ कर कहा,

शैलजा: “मैंने सुना है कि तुम बहुत होनहार  हो। देखो मैं तुम्हें बता देती हूं कि मैं इस प्रोजेक्ट में किसी भी तरह की कोई कमी या डिलै  बरदाश्त नहीं करूंगी। अगर तुम एक लिमिटिड  माइंडसेट को पुश करके मेरे साथ अपनी क्रीऐटिवटी  दिखाओगी, तो तुम्हारे और तुम्हारी कंपनी के लिए बहुत अच्छी डील साबित होगी।”

ये सुनकर काव्या काफी सतर्क हो गई थी। उसे बिलकुल अंदाजा नहीं था कि उसका सामना आर्यन की एक्स की मॉम से हो रहा था। काव्या ने माथे पर बिना किसी शिकन को दिखाए बोल दिया,

काव्या: “ आपको जैसी डिजाइंस चाहिए, वैसे ही मिलेंगी! हम आपको निराश  नहीं करेंगे!”

ये सुनकर काव्या की बॉस ने भी काव्या के साथ हां में हां मिलाई। शैलजा ने ट्रायल के लिए काव्या को उनके फार्म हाउस में एक दिन आने के लिए इन्वाइट किया। जिससे काव्या को जगह और उनकी क्लास  का अंदाजा लग जायेगा।

शैलजा के सख्त मिजाज को देख कर काव्या नर्वस होते ही भी खुद को कॉन्फिडेंस से भरपूर दिखा रही थी। दोनों एक दूसरे के आर्यन के साथ उनके कनेक्शन के बारे कुछ नहीं जानते थे।

शैलजा के जाने के बाद काव्या ने अपनी बॉस के साथ काफी देर तक डिजाइन को ले कर मीटिंग की। तभी कुछ देर बाद उसके पास किसी अनजान नंबर से टेक्स्ट आया। ‘हे ’

टेक्स्ट देख कर काव्या को समझ नहीं आया कि ये कौन था! उसने रिप्लाई में लिखा, ‘हे ! आप कौन?’

काव्या के दिमाग में पीयूष का चेहरा आया कि शायद पीयूष ने किसी दूसरे नंबर से उसे टेक्स्ट तो नही किया। लेकिन तब ही कुछ देर बाद आए अगले टेक्स्ट से काव्या को समझ आ गया था कि ये कौन था। जब सामने से टेक्स्ट आया, “बिरयानी पार्टनर उर्फ पानी का मसीहा”

तो काव्या समझ गई थी कि ये कोई और नहीं हमज़ा था।

हमज़ा ने उस रात जाते वक्त काव्या और आर्यन का नंबर ले लिया था। हमज़ा ने आगे टेक्स्ट में बताया कि आज उसकी बेबी का बर्थडे था जिसमें वो काव्या और आर्यन को इन्वाइट कर रहा था।

अपने ही क्रश की बंदी के जन्मदिन पर जाने का बुलावा आना, काव्या के लिए बड़ा अजीब सा था। उसने यहां तक कि हमज़ा की गर्लफ्रेंड को देखा तक भी नहीं था। पर उसके मन में उसकी गर्लफ्रेंड से मिलने की इच्छा जरूर थी। वो देखना चाहती थी कि इतने हैंडसम से शायर की गर्लफ्रेंड कैसी होगी!

काव्या ने हमज़ा को लिख दिया कि वो रात में पार्टी में जरूर आएगी पर वो आर्यन के आने के बारे में श्योर नहीं थी। उसे लगता था, उस रात के बाद से आर्यन हमज़ा से नहीं मिलना चाहेगा!

तभी काव्या के अंदर सवाल जवाब शुरू हुए। और उसने खुद को कटघरे में रख कर ये सवाल किया कि क्या उसका हमज़ा की गर्लफ्रेंड की बर्थडे पार्टी में जाना आर्यन को पसंद आएगा? हालांकि आर्यन था कौन? न ही वो उसका पति था न पिता।

सिर्फ आर्यन की फीलइंग्स  के बारे में सोचते हुए काव्या अपने आप पर मुकदमा चला रही थी। कुछ देर बाद उसने हमज़ा के घर जाने का ही डिसाइड किया।

आर्यन के पास भी हमज़ा का टेक्स्ट आया था। पर आर्यन मॉल में कपड़े खरीदने में बिजी था। दरअसल उसकी शर्त को लगाए हुए आज दूसरा दिन बीत रहा था। अगर उसने एक हफ्ते के अंदर काव्या का दिल नहीं जीता तो फिर से सारा सामान पैक करवाना पड़ जाएगा।

इसके लिए वो मॉल में काव्या के लिए बेहतरीन सी ड्रेस खरीदने आया था। पर उसने आज से पहले कभी किसी लड़की को ड्रेस गिफ्ट में नहीं दी थी। उसकी जितनी पहली गिरलफरेंडस  रहीं थीं वो सब को वो प्लांट्स या कोई पालतू जानवर दिया करता था। जिससे उसकी गिरलफरेंडस का ध्यान उससे हटकर भी किसी न किसी चीज की देखरेख में लगा रहे।

पर पहली बार किसी लड़की का ध्यान अपनी तरफ खींचना था। जिसके लिए वो आज मॉल में ड्रेस ढूंढने आया था।

पर इतने सारे कपड़ों के बीच कोई भी ड्रेस समझ नहीं आ रही थी। उसे काव्या के कपड़ों की चॉइस के बारे में कोई भी अंदाजा नहीं था। यहां आने से पहले आर्यन ने निकिता से मदद मांगी थी पर निकिता ने ये कहकर फोन काट दिया, “मेरे पास तुम दोनों की रोमांटिक की कहानी के अलावा भी अपनी एक लाइफ है। तो प्लीज़ खुद से ही पता लगाओ!”

आर्यन ने सोचा था ये काम इतना मुश्किल वाला नहीं होगा। पर यहां इतने सारे ऑप्शंस देख कर वो बिल्कुल कन्फ्यूज हो गया था। तभी उसने काव्या की हालत समझ आई। उसने अपनी इस हालत से काव्या की जिंदगी की हालत की तुलना करते हुए सोचा कि ऑप्शन ज्यादा होने पर कोई भी कन्फ्यूज हो जाता है। तो काव्या का भी किसी लड़के को पार्टनर की तरह बनाने के लिए confuse होना आम बात थी।

वो इधर से उधर शॉपिंग मॉल में टहल रहा था तभी उसको इस तरह परेशान देखते हुए एक आदमी ने आ कर उसकी मदद करते हुए कहा,

पीयूष: “वैसे जो आपके राइट  हैंड के पास है, वो ड्रेस काफ़ी अच्छी रहेगी!”

ये सुनकर आर्यन पीछे मुड़ा तो सामने एक आदमी खड़ा था जोकि उस शो रूम के स्टाफ में से भी नज़र नहीं आ रहा था।

आर्यन ने जब उसी आदमी की बताई डिजाइन को उठाया तो उसे भी वो काफ़ी अच्छी लगने लगी थी। ये ड्रेस में ट्रेडिशनल के साथ साथ वेस्टर्न टच भी था। आर्यन ने पीछे मुड़कर उस आदमी को बोला,

आर्यन: “थैंक्स ! वैसे मेरा नाम आर्यन है!”

आर्यन नाम सुनकर उस आदमी ने अपना हाथ बढ़ाते हुए बताया

पीयूष: “मेरा नाम पीयूष है! मैं भी यहीं शॉपिंग करने आया था!”

पीयूष नाम सुन कर आर्यन को थोड़ा झटका लगा। पर उसने सोचा कि ये सामने खड़ा आदमी काव्या का एक्स पीयूष नहीं हो सकता था। पीयूष नाम के तो हजारों लड़के होंगे दुनिया में!

ऐसा बोलते हुए आर्यन ने वो ड्रेस लेने का सोच लिया। पीयूष लेकिन आर्यन को जानता था। उसका यहां पर आना इतिफाक भी था और उसका प्लान भी। आर्यन और पीयूष ने एक दूसरे से घुलना मिलना शुरू कर दिया था।

आर्यन को अंदाजा नहीं था कि वो अभी काव्या की जिंदगी की सबसे बड़ी तकलीफ के कारण, उसके एक्स के सामने खड़ा था।

आर्यन ने बताया कि वो अपनी होने वाली गर्लफ्रेंड के लिए ही शॉपिंग करने आया था। कुछ देर बाद उनमें इतना घुलना मिलना हो चुका था कि दोनों ने एक दूसरे से नंबर भी एक्सचेंज करा लिए थे।

आर्यन ड्रेस ले कर मॉल से निकल चुका था। उसने रास्ते में ही हमज़ा का टेक्स्ट देखा तो उसे बड़ी खुशी हुई क्योंकि वो जानता था कि अब हमज़ा से उसे कोई खतरा नहीं था। हमज़ा पहले से ही किसी के साथ था और आज उसकी गर्लफ्रेंड के बर्थडे पर जाना एक ऑकेजन भी बन गया था काव्या के लिए नई ड्रेस पहनने का।

शाम के वक्त जब काव्या और आर्यन फ्लैट पर मिले। तो आर्यन बर्थडे पार्टी में जाने के लिए काफी एक्साइटेड दिख रहा था। काव्या ने आर्यन को इतना खुश देखा तो उसे हैरानी हुई। उसने आर्यन से पूछा,

काव्या: “क्या तुम हमज़ा के यहां जाना चाहते हो?”

इस पर आर्यन ने तुरंत खुश मन से कहा,

आर्यन: “हां बिलकुल, तुम्हें याद नहीं, उसने क्या कहा था कि आस पास रहने वाले पड़ोसियों से रिश्ता बना कर रखना चाहिए! और अब जब आज उसने खुद अपनी गर्लफ्रेंड के बर्थडे पार्टी में बुलाया है तो हमें जाना चाहिए!”

काव्या आर्यन को इतना खुश देख कर समझ गई थी कि आर्यन को हमज़ा से अब कोई जलन नहीं हो रही थी।

पर काव्या को डर था कि वो वहां अजीब न महसूस करे।

वो सोच ही रही थी तभी आर्यन ने पीछे से आकर उसकी आंखों में हाथ रख दिया। जिसके बाद काव्या की चीख निकल गई।

काव्या: “ये क्या हरकत है?”

इस पर आर्यन ने काव्या को शांत कराते हुए कहा,

आर्यन: “तुम्हारे लिए आज एक और सरप्राइज़ है!”

काव्या का दिल धड़कने लगा था कि आज आर्यन उसे क्या सरप्राईज देने वाला था। तभी आर्यन को उसको धीरे धीरे टेबल के पास ले कर गया और उसने धीरे से काव्या के कान में कहा,

आर्यन: “अपना हाथ बढ़ाओ!”

काव्या ने आगे हाथ बढ़ाया तो सबसे पहले उसका हाथ वहां रखी कांच की शीशी पर जाने लगा था। तभी आर्यन ने तुरंत चिल्लाते हुए कहा,

आर्यन: “नहीं नहीं, राइट की तरफ हाथ बढ़ाओ!”

काव्या कन्फ्यूज हो गई थी और उसने तेज़ी से राइट की तरफ हाथ बढ़ाया तो प्लांट रखा हुआ था। वो जैसे ही हाथ लग के गिरने वाला होता, आर्यन ने काव्या का हाथ पकड़ कर पीछे खींच लिया और सामने रखा पैकेट काव्या के हाथ में देते हुए बोला,

आर्यन: “ये लो! तुम्हें इधर उधर हाथ घुमा कर तोड़ने की जरूरत नहीं है! वरना उसका भी इल्ज़ाम मुझ पर ही लगाओगी!”

काव्या ने पैकेट देखा तो उसे अंदर एक ड्रेस दिखाई थी। जो ट्रेडिशनल और वेस्टर्न का फ्यूजन थी। ड्रेस देख कर काव्या का चेहरा लाल पड़ गया था। उसने आर्यन की तरफ देख कर कहा,

काव्या: “ये तो वाकई में काफ़ी प्यारी है! पर तुम मेरे लिए ये क्यों लाए?”

आर्यन ने कहा,

आर्यन: “मैं बस तुमको खुश देखना चाहता था। और मुझे पता था एक लड़की को ड्रेसेज काफी पसंद होती हैं। तो इसलिए मैने तुम्हारे लिए ये खरीदा!”

काव्या को ड्रेस काफ़ी पसंद आई थी। उसने आर्यन को तंज कसते हुए कहा,

काव्या: “मुझे नहीं पता था तुम्हारी कपड़ों के मामले में पसंद इतनी अच्छी है!”

हालांकि आर्यन जानता था इसका क्रेडिट पीयूष को जाता था पर काव्या पर अपना इंप्रेशन जमाने के लिए उसने ब्लश कर दिया।

काव्या ड्रेस पहन कर तैयार हुई तो वो परी जैसी लग रही थी। आर्यन ने भी ब्लेजर और शर्ट पहन ली थी। दोनों साथ में काफी ट्विन कर रहे थे।

हमज़ा की बेबी के बर्थडे की पार्टी किसी होटल में हो रही थी। जहां पर काफ़ी लोग आए थे। कई सारी औरतों ने सिर पर हिजाब पहना हुआ था। काव्या और आर्यन जब एक साथ आए तो उनकी नजरें हमज़ा को ढूंढ रही थीं।

काव्या को देखते ही कई लोगों की नजरें उसकी तरफ मुड़ी।

कई औरतें उसको देख कर कान में खुसुर पुसूर कर रही थीं। काव्या थोड़ा ऑक्वर्ड  होने लगी थी तभी उसके पास सलवार कमीज़ पहनी आंटी आईं और उन्होंने काव्या की तरफ आते हुए कहा, “माशाल्लाह, आप तो काफ़ी सुंदर हैं! आपकी ड्रेस तो बहुत ही सुंदर लग रही है!”

किसी अनजान से इस तरह की तारीफ सुनकर काव्या जैसे हवा में उड़ने लगी हो। उसके अंदर धीरे धीरे एक कॉन्फिडेंस आने लगा। तभी हमज़ा भी नज़र आया। हमज़ा काव्या को देखते ही हैरान रह गया।

उसने शेर और शायरी से काव्या की तारिफ करते हुए कुछ शब्द फेंके।

हमज़ा: “हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा!

जो दिल जला है बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे!!”

हमज़ा के मुंह से फिर से ये शेर शायरी में बातें सुनकर आर्यन ने अपनी आंखों चढ़ा ली थीं। काव्या का दिल बाग बाग हुआ पर उसे हैरानी भी हुई कि आज अपनी गर्लफ्रेंड के जन्मदिन पर हमज़ा काव्या के हुस्न पर शेर सुना रहे थे। काव्या ने बात को बदलकर सवाल किया।

काव्या; “थैंक्स हमें बुलाने के लिए पर यहां तो मुझे आपके पूरे खानदान के लोग दिख रहे हैं। आपकी बेबी के बारे में सब जानते हैं क्या?”

हमज़ा मुस्कुरा कर बोला,

हमज़ा: “अरे! सब जानते ही नहीं, दिल से मानते भी हैं! आखिर हमारी बेबी हम सबकी जान हैं।”

हमज़ा के परिवार की खुली सोच देख कर काव्या को काफी जलन हुई। उसके घर पर बॉयफ्रेंड के पता चलने पर जूते चप्पल चलते थे। जब वो पीयूष के साथ रिलेशनशिप में भी आई थी तब भी उसने काफ़ी समय तक डर के मारे घर पर नहीं बताया था। और यहां हमज़ा के घर तो उसकी गर्लफ्रेंड का बर्थडे पार्टी में पूरा मजमा जमा था।

तभी हमज़ा ने सभी के सामने आ कर अनाउंसमेंट की।

हमज़ा: “सभी लोगों का बेबी के जन्मदिन पार्टी में आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! अब मैं अपने दिल के करीब उस सदस्य को यहां बुलाना चाहूंगा जिसने इतने साल मेरा खूब ध्यान रखा। जिसके बिना शायद ही मेरी कोई जिंदगी होती। और जिसका आज सबसे खास दिन है। प्लीज़ वेलकम माय बेबी!”

लाइट्स ऑफ हो गई थी, चारों तरफ धुआं कर दिया गया था। उसके बाद तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी। आर्यन और काव्या ताली बजाते हुए सामने हाज़िर होने वाली बेबी को ध्यान से देखने के लिए खड़े थे।

तभी सामने से एक व्हीलचेयर पर बैठा हुआ कोई नज़र आया। काव्या की आंखें धीरे धीरे सिकुड़ने लगीं। लेकिन जब धुएं से निकलकर व्हीलचेयर आगे आई। तो आर्यन और काव्या हैरान रह गए।

व्हीलचेयर पर एक बूढ़ी औरत बैठी थी। उसको देखते ही आर्यन ने काव्या के कान ने कहा,

आर्यन: “ये हमज़ा का टेस्ट कुछ ज्यादा ही बूढ़े लोगों में तो नहीं हो गया!”

ये सुनने के बाद काव्या ने आर्यन को घूर कर देखा। आर्यन शांत हो गया और चुपचाप सामने देखने लगा। तभी हमज़ा ने आगे कहा,

हमज़ा: “ये हैं मेरी प्यारी, राज दुलारी, मेरी सब कुछ – मेरी बेबी! मेरी दादी!”

ये सुनते ही आर्यन और काव्या के होश उड़ गए। उन्होंने ये सोचा ही नहीं था कि जिस बेबी के बारे में हमज़ा बात कर रहा था वो दरअसल उसकी गर्लफ्रेंड नहीं दादी थीं।

क्या हमज़ा दोबारा से आर्यन और काव्या के बीच में एक रुकावट बन कर आ जायेगा? क्या होगा जब काव्या को पता चलेगा वो ड्रेस आर्यन की नहीं पीयूष की पसंद  थी? क्या होगा जब शैलजा और काव्या दोनों जानेंगे एक दूसरे का सच? जानने के लिए पढ़िये अगला एपिसोड। 

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