जवाब के इंतजार में खड़े खड़े, आर्यन के दिमाग में ख्याल तेज़ी से दौड़ते जा रहे थे। उसके दिल की रफ्तार भी बढ़ चुकी थी। काव्या जो अपनी कंफ्यूजन में फंसी थी उसने आर्यन से कहा,
काव्या: “मुझे थोड़ा टाइम चाहिए आर्यन!”
आर्यन ये सोच कर डाउट में आ गया। उसने काव्या से पूछा
आर्यन: “कितना टाइम?”
काव्या इस सवाल से इरिटेट हो गई थी। वो कैसे इस बात का सीधा जवाब दे सकती थी।
उसने फिर भी आर्यन की फीलिंग का ध्यान रखते हुए कहा,
काव्या: “कुछ दिन… एक हफ्ता! मैं अभी तुम्हें और जानना चाहती हूं!”
ये सुनकर आर्यन का कॉन्फिडेंस वापस आ गया और उसने अपने कॉलर को ऊपर करके कहा,
आर्यन: “एक हफ्ता? और मुझे अभी नहीं जान पाई हो बस यही इशू है न? कहीं इसके पीछे तुम्हारा वो पीयू…”
काव्या: “नहीं!”
आर्यन उससे पहले पीयूष का पूरा नाम लेता। काव्या ने टोककर मना कर दिया।
आर्यन ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा,
आर्यन: “थैंक गॉड ! ठीक है! फिर तो एक हफ्ते के अंदर तुम्हें मैं खुद से अच्छे से मिलवाता हूं। एक हफ्ते के अंदर अगर तुम मेरे प्यार में पागल हो कर मेरे पास न आई न तो मेरा नाम भी आर्यन नहीं! तुम मेरे बारे में और जानना चाहती हो न तो मैं तुम्हें अपने बारे में सब कुछ बताऊंगा!”
आर्यन का इतना कॉन्फिडेंस देख कर काव्या ने कहा,
काव्या: “कॉन्फिडेंस अच्छी चीज है! मगर ओवर कॉन्फिडेंस इंसान के लिए खतरनाक हो जाता है! अगर एक हफ्ते के अंदर मैं खुद नहीं आई तो?”
आर्यन ने चौड़ दिखाते हुए कहा,
आर्यन: “अगर तुम एक हफ्ते बाद नहीं आईं तो मैं ये घर छोड़ कर कहीं और चला जाऊंगा। और फिर हम कभी एक दूसरे से नहीं मिलेंगे!”
आर्यन की ये बात सुनते ही काव्या ठिठक सी गई। आर्यन ने आगे उससे कहा,
आर्यन: “बताओ? लगी शर्त?”
आर्यन ये सब अभी मज़ाक में कह रहा था या वो वाकई यहां से निकल जायेगा अगर काव्या उसके पास न आई तो? काव्या सोच रही थी कि आखिर ये कैसी शर्त है। पर वो आर्यन को और लटकाना नहीं चाहती थी। इसलिए उन दोनों के लिए ये साफ हो जाएगा कि किस्मत उन दोनों को एक साथ लाना चाहती है या नहीं?
काव्या के दिमाग में सिर्फ अभी कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन ही थी। एक तरफ आर्यन था जिससे मिल कर काव्या को अच्छा लगा था, फिर रहते रहते उससे एक कम्फर्ट भी मिलने लगा था। पर आर्यन उसे अभी थोड़ा नादान लगता था। दूसरी तरफ हाल ही में उसको हमज़ा के ऊपर क्रश हो गया था, हालांकि हमज़ा के बारे में वो ज्यादा कुछ जानती नहीं थी पर उसके साथ उसे बातें करना अच्छा लगने लगा था। उसके बाद पीयूष था जिसके लिए उसके मन ने बहुत ज्यादा गुस्सा और नफरत थी। जो सबसे बड़ा कारण था काव्या का किसी के साथ भी रिलेशनशिप में आने की रुकावट बनने का।
काव्या अपने दिमाग की कंफ्यूजन किसी से शेयर कर सकती थी तो वो थी निकिता। वो निकिता से मिलने उसके फ्लैट पर गई।
निकिता टैरो कार्ड्स रीड करना ऑनलाइन सीख रही थी। उसे एस्ट्रोलॉजी और टैरो रीडिंग में काफ़ी ज्यादा इंटरेस्ट था। काव्या ने जब उसे ये टैरो कार्ड्स के साथ प्ले करते हुए देखा तो उसको अजीब लगा कि निकिता इन सब चीजों में विश्वास करती थी।
पर उसने निकिता का अटेंशन अपनी तरफ खींचते हुए निकिता को अपने दिमाग की सारी उधेड़ बुन की कहानी बता डाली।
निकिता काफी देर तक काव्या की बक बक सुन रही थी। सारी बातें सुनने के बाद वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी। उसको इस तरह से हंसते हुए देखकर काव्या को ऐसा लगा जैसे काव्या उसका मज़ाक उड़ा रही थी। उसने निकिता के मुंह पर तकिया फेंकते हुए कहा,
काव्या: “तुझे हंसी आ रही है! यहां मेरा दिमाग खराब हुआ जा रहा है! एक हफ्ते के बाद भी मैं किसी को ले कर श्योर नहीं हुई तो आर्यन चला जायेगा, फिर क्या होगा?”
निकिता ने कहा,
निकिता: “क्या होगा? क्या हो जायेगा? अगर तू आर्यन को अपनी लाइफ में नहीं लाना चाहती होगी तो तुझे क्या फर्क पड़ेगा। तुझे नया रूममेट मिल जाएगा। तुझे आगे वैसे भी जो मिलना होगा उससे कोई नहीं रोक सकता। सब किस्मत का खेल होता है!”
काव्या को निकिता कोई लव गुरु माता जैसी लग रही थी। उसने निकिता से कहा,
काव्या: “मुझे नहीं पता ये किसका खेल है, पर मुझे नहीं खेलना!”
काव्या को इस तरह झुंझालते हुए देख कर काव्या बोली,
निकिता: “तो मत खेलो! कौन कह रहा है तुझे इन्ही ऑप्शन में चूज़ करने के लिए? तू चाहे तो अपने अलग ऑप्शन ढूंढ सकती है जिससे तू किस्मत की कटपुतली भी नहीं लगेगी। और अपनी किस्मत खुद तय करेगी! जरुरी नही है तू अभी किसी को भी चुने! तू खुद को चुनकर आगे का रास्ता भी तय कर सकती है!”
काव्या निकिता की बात सुनकर इस बारे में सोचते सोचते इतनी खो गई कि निकिता ने उसके मुंह पर चुटकी बजाते हुए पूछा,
निकिता : “कहां खो गईं मैडम? चल तू मुझे एक बात बता, हमज़ा की तो तूने अभी बताया एक गर्लफ्रेंड है! तो वो तो इन ऑप्शन से पहले ही हट चुका है! और पीयूष को तू वैसे भी अब मौका नहीं देगी। बचा आर्यन! अगर तुझे वो पसंद है तो डेट करने में क्या जाता है? तुझे वो पसंद नहीं है क्या?”
इस बात काव्या को कोई रिएक्शन नहीं दिया। वो अपने दिल का हाल खुद भी समझ नहीं पा रही थी। तभी निकिता ने उसकी टैरो कार्ड रीडिंग करने का डिसाइड किया।
काव्या हालांकि इस पर भरोसा नहीं करती थी। फिर भी अपने जवाबों को समझने के लिए हां किया।
निकिता ने जब रीडिंग की तो उसमें डेथ और लवर्स कार्ड्स एक साथ आए। जिसे देखकर निकिता थोड़ा हिचकी फिर उसने बताया।
निकिता: “आने वाले दिनों में पुराने रिश्तों का अंत होगा। और किसी नए रिश्ते की शुरुआत होगी।”
ये सुनकर काव्या ठिठक सी गई। उसे लगा शायद आर्यन ये शर्त हार जायेगा। इसके आगे निकिता कुछ बताती काव्या ने मना कर दिया। “जो होगा देखा जायेगा” बोलकर वो अपने ऑफिस जा कर अपने काम में लग चुकी थी।
उधर आर्यन को अपना प्रोजेक्ट वापिस मिल चुका था। और उसने उस पर दोबारा काम शुरू कर दिया था। पर उसके दिमाग में अपनी लगाई शर्त के बारे में ही ख्याल आ रहे थे। वो कैसे एक हफ्ते में काव्या का दिल जीतेगा?
ये सोचने के बाद उसे याद आया काव्या शाहरुख खान की फैन है। और किसी फैन को उसका हीरो मिल जाए तो इससे बड़ी बात क्या होगी? पर शाहरुख से मिलने की आर्यन की हैसियत कहां थी। इसलिए उसने अपने दिमाग़ में एक अलग प्लान बनाया और निकिता को फोन मिला कर उसे अपना पूरा प्लान बताया।
उधर काव्या को अपने ऑफिस में बड़ी तारीफें हो रही थीं। कैसे उसके डिजाइंस की वजह से उनकी कंपनी ने एक नया रिकॉर्ड सेट कर दिया था। काव्या की वाहवाही सुनकर आशीष ने उससे बोला,
आशीष: “वाउ ! अब तो तुम्हें पूरा क्वीन ट्रीटमेंट मिल रहा है!”
काव्या ये सारी तारीफें सुनकर खुश तो काफी थी। पर रह रह कर उसकी बहन चंचल की हरकत पर गुस्सा आ रहा था। आखिरी चंचल ने पीयूष को उसके घर का एड्रेस ये जानते हुए भी पीयूष ने उसके साथ क्या किया था, क्यों बताया।
काव्या ने चंचल को कॉल करने की कोशिशें की पर चंचल ने उसकी कोई कॉल नहीं उठाई। काव्या ने ठान लिया कि अगली बार चंचल से मिलने पर वो उसे छोड़ेगी नहीं।
तभी काव्या की बॉस ने उसको अपने केबिन में बुलाया। केबिन में काव्या की बॉस ने एक्साइटेड हो कर काव्या को खबर दी कि एक काफ़ी बड़ी कंपनी की मालकिन काव्या को अपने नए फार्म हाउस के इंटीरियर के लिए प्रोजेक्ट देना चाहती थीं। ये भी बताया कि ये कंपनी की मालिक के स्टैंडर्ड काफी हट कर हैं, जिन्हे इंप्रेस करना आसान नहीं होगा। इसके लिए काव्या को उनसे मीटिंग करने से पहले भी खुद को अच्छे से प्रिपेयर करना पड़ेगा।
काव्या को अपने लास्ट प्रोजेक्ट में अच्छा काम करने की वजह से एक अलग ही आत्मविश्वास आ गया था। उसने अपनी बॉस को आश्वासन दिया कि वो सब संभाल लेगी।
धीरे धीरे काव्या अपनी जिंदगी में वापिस कैरियर के उस ट्रैक पर आ रही थी, जहां से पहले वो रास्ता भटक गई थी। उसका घर से बाहर रहने का फैसला, उसके व्यक्तित्व के निखार के लिए काफ़ी ज़रूरी था। उसे अपने पापा की बात याद थी कि दोबारा मुड़ के घर आने की ज़रूरत नहीं थी। पर उसे कभी कभी उनसे मिलने का मन होता तो दिल में भारीपन सा लगने लग जाता था। पर उसे कहीं न कहीं यकीन था कि उसके पापा उसकी जिंदगी जीने के तरीके को एक न एक दिन एक्सेप्ट कर लेंगे।
काव्या जब फ्लैट वापिस पहुंची तो ये देख कर चौंक गई की अंदर पूरा अंधेरा हो रखा था। उसने लाइट जलाई, पर कोई भी लाइट नहीं जली। उसे लगा शायद light चली गई थी। जैसे ही काव्या ने अपना कदम आगे बढ़ाया।
तभी उसे लगा जैसे उसके पैर किसी चीज़ से टकराए। जैसे ही वो समझ पाती, सामने खिड़की के पास कई झालरें लगी थीं वो जलने लगीं। पूरा कमरा एक अलग ही तरह की रोशनी से जगमगाने लगा था कि ऐसा लग रहा था कि वो किसी लाइट शो में आ गई हो। काव्या ने गौर किया उसके पैरों के पास कई सारे गुब्बारे पड़े हुए थे।
ये सब देखकर काव्या को कुछ समझ नहीं आया। उसने आर्यन कहकर पुकारा पर कोई नज़र नहीं आया काव्या को थोड़ा अजीब सा लगने लगा था। उसे ये सोच कर डर भी लग रहा था कि कहीं पीयूष ने उसके घर में आ कर ये सब तैयारी नहीं की। पीयूष का ख्याल आते ही काव्या का दिमाग खराब होने लगा था तभी म्यूजिक बजना शुरू हुआ।
गाने की धुन ओम शांति ओम फिल्म के गाने “आंखों में तेरी, अजब सी” गाने की धुन थी। ये बजते ही अंदर किचन से जैकेट, जींस, हाई नेक पहनकर आर्यन ने एंट्री ली।
शाहरुख खान के अंदाज़ में उसने अपनी बाहें फैलाई और फिर काव्या की तरफ गाना गाते हुए आगे बढ़ने लगा था।
काव्या आर्यन को देख कर हैरान रह गई। आर्यन के एक्सप्रेशन देख कर काव्या को आर्यन पर प्यार आने लग रहा था। उसके बाद लगातार शाहरुख के अलग अलग गाने बजते रहे। और आर्यन काव्या को इधर से उधर बाहों में ले कर नचा रहा था। जैसे शाहरुख अपनी फिल्म की हीरोइनें के साथ डांस किया करता था।
काव्या इस तरह घूम जा रही थी जैसे उसका इधर से उधर घूमना उसके बस में ही न हो।
शाहरुख के सारे 90s के गानों पर नाचते नाचते काव्या थोड़ी देर बाद जोर जोर से हंसने लगी थी। आर्यन की शाहरुख बनने की कोशिश में बहुत हंसी आ रही थी। तभी गानों का दौर बंद हुआ और काव्या ज़ोर ज़ोर से सांसे लेने लगी। उसने आर्यन से कहा,
काव्या: “ये क्या हो गया तुमको आज! ये पूरा सारा सरोजिनी मार्केट का माल पहनकर आज क्या ही मिजाज़ हैं तुम्हारे?”
आर्यन सरोजिनी मार्केट सुनकर थोड़ा सा चिढ़ा लेकिन फिर से अपने कैरेक्टर में वापिस आ कर उसने काव्या के पास आ कर कहा,
आर्यन: “तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँ, तेरी हँसी की बेपरवाह गुस्ताखियाँ, तेरी ज़ुल्फ़ों की लहराती अंगड़ाइयाँ, नहीं भूलूँगा मैं, जब तक है जान, जब तक है जान।”
काव्या के पेट में तितलियों ने चक्कर काटना शुरू कर दिया था। इसके पहले वो कुछ और बोलती आर्यन ने उसके और करीब आ कर कहा,
आर्यन: “मैं जब भी आपको देखता हूँ मुझे रब दिखता है। रब के सामने माथा टेकता हूँ तो दिल को सुकून मिलता है। आपको हँसते हुए देखता हूँ तो…तो…!”
ये बोल कर आर्यन आगे अपना डायलॉग भूल गया था। उसने एक बड़ा से पेपर निकाल कर उसमें से पढ़ने की कोशिश की। तभी काव्या ने बोलना शुरू कर दिया।
काव्या: “हंसते हुए देखता हूं…तो दिल को और भी सुकून मिलता है। तो मैं तो आपको रब से भी ज़्यादा प्यार करता हूँ।”
काव्या के इतना बोलते ही आर्यन ने काव्या को बाहों में भर लिया। पहली बार था जब दोनों एक दूसरे से इस तरह गले मिले थे। काव्या को अचानक लगा जैसे वो फीलिंग्स में आ कर काफी आगे बढ़ गई।
उसने खुद को पीछे करते हुए आर्यन से पूछा,
काव्या: “ये सब शर्त जीतने के लिए?”
आर्यन ने मुस्कुराते हुए कहा,
आर्यन: “नहीं तुम्हारा दिल जीतने के लिए!”
काव्या को यकीन नहीं हो रहा था कि आर्यन उसकी जिंदगी में आने के लिए इतना एफर्ट करेगा। तभी उसे याद आया कि आर्यन शाहरुख खान का फैन नहीं है तो उसने ये सारे डायलॉग्स और गाने के स्टेप्स कैसे पता किए?
तब आर्यन ने बताया कि इस प्लान को कामयाब बनाने के लिए निकिता ने उसका साथ दिया था। उसके बाद आर्यन ने काव्या से पूछा कि उसे ये सप्राइज़ परफॉर्मेंस कैसी लगी? वो कितने मार्क्स देना चाहेगी?
इस पर काव्या ने करीना के पू किरदार की तरह बनते हुए जवाब दिया,
काव्या: “टू!”
ये सुनकर आर्यन के होश उड़ गए। उसने काव्या के मुंह पर चुटकी बजाते हुए कहा,
आर्यन:“अभी भी छह दिन और हैं, और ये तो बस शुरुआत है!”
काव्या ये सुन कर अपनी कंफ्यूजन के दलदल में फिर फंस गई थी। रात भर वो आर्यन के बारे में सोचते हुए स्माइल कर रही थी। ये सोच कर कि कल उसकी खास क्लाइंट से मीटिंग होने वाली थी। काव्या ने अपने दिमाग के ख्यालों को शांत किया और आंखें बंद कर लीं।
अगले दिन जब वो ऑफिस पहुंची तो काव्या ने खुद को मीटिंग के लिए अच्छे से तैयार कर लिया था। वो मीटिंग हॉल में पहुंची तो सामने उसके नए क्लाइंट, बड़ी कंपनी की मालकिन ही बैठी थीं। काव्या ने उनकी तरफ देखा तो उसका आत्मविश्वास थोड़ा डगमगाने लगा था।
तभी बॉस ने क्लाइंट का इन्ट्रोडक्शन कराते हुए कहा,
काव्या की बॉस: “... और ये हैं मल्होत्रा एंटरप्राइजेज की मालकिन…शैलजा मल्होत्रा!”
दरअसल काव्या की नई क्लाइंट कोई और नहीं बल्कि प्रज्ञा की मॉम ही थीं। पर शैलजा जी इस बात से वाकिफ नहीं थी कि आर्यन ने काव्या की वजह से ही प्रज्ञा के साथ ब्रेक अप करने का डिसिशन लिया था।
क्या होगा जब शैलजा मल्होत्रा को पता चलेगा आर्यन ने काव्या के लिए ही प्रज्ञा के साथ ब्रेक अप किया था? क्या काव्या जान पाएगी कि उसकी नही क्लाइंट कोई और नहीं प्रज्ञा की मॉम हैं? क्या आर्यन अपने एक हफ्ते के चैलेंज में सफल हो पाएगा? जानने के लिए पढ़िए अगला एपिसोड।
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