काव्या की मॉम की घबराई हुई आवाज़ उसके कानों में गूंज रही थी। चंचल के अचानक गायब होने को ले कर वो काफी परेशान हो गई थी। उसे याद आया कि कुछ टाइम पहले ही जब उसने चंचल को कॉल किया था तो उसने उठाया नहीं था। कहीं तब से ही चंचल घर से गायब तो नहीं थी और वो किसी मुसीबत में फंस गई हो। अजीब से ख़्याल, काव्या के दिमाग में आए जा रहे थे।

उसने चंचल को अपनी तरफ से फिर कॉल मिलाया पर उसका कोई भी जवाब नहीं मिला।

काव्या के दिमाग में विचारों का सैलाब उमड़ रहा था, और वह जितनी जल्दी हो सके, अपने घर पहुंचना चाह रही थी। उसे लग रहा था कि घर जाने पर ही उसे कोई जवाब मिलेगा। पर इतने टाइम बाद वो अपने पापा से भी मिलेगी। ये सोचते हुए उसका दिल भारी होता जा रहा था।

जैसे ही काव्या अपने घर पहुंची, उसने देखा कि उसकी मॉम दरवाज़े पर बेचैनी से टहल रही थीं। काव्या को देखते ही उसके पास आ कर बोलने लगीं,

काव्या की मॉम: "आ गई तुम? मैं कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूं। चंचल का कोई अता-पता नहीं है!"

काव्या की मॉम अंदर से काफी घबराई हुई थीं। मॉम को इस तरह घबराते देख कर काव्या ने सीधा सवाल किया,

काव्या: “आप लोगों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई?"

इस पर उन्होंने कहा,

काव्या: "हाँ, तेरे पापा गए थे लेकिन पुलिस ने कहा है कि वह लड़की खुद से कहीं गई होगी, और वो 48 घंटे बीतने तक कुछ नहीं कर सकते। मुझे बहुत डर लग रहा है।”

काव्या ने उन्हें शांत करने की कोशिश की,

काव्या: "मॉम, मैं उसे ढूंढने में पूरी कोशिश करुंगी। हो सकता है वो किसी दोस्त के घर हो। हम पहले उसके दोस्तों से पूछताछ करते हैं।"

काव्या ने चंचल के दोस्तों को कॉल करना शुरू किया, लेकिन किसी को उसके बारे में कुछ नहीं पता था। वो सभी चंचल के हाल को ले कर बेखबर थे। काव्या को भी बेचैनी होने लगी थी। अगर चंचल दोस्तों के साथ नहीं है, तो फिर वो कहाँ जा सकती थी?

काव्या अपने दिमाग में चंचल के साथ हुई पिछली कुछ घटनाओं को याद करने लगी। लास्ट टाइम जब उसने चंचल को देखा था, तो वो किसी ऋषि नाम के लड़के के साथ थी। पर ऋषि का नंबर काव्या को किसी दोस्त के पास नहीं मिला। फिर उसने पापा के बारे में पूछा कि वो कहां गए थे?

इस पर उसकी मॉम ने बताया कि काव्या के पापा अपने दोस्तों के साथ इधर उधर ढूंढने निकले थे। चंचल कल सुबह से ही गायब थी। और उनकी मॉम को लगता था कि वो कल रात से पहले वाली रात में भी घर पर नहीं थी।

उन्होंने रो कर चिल्लाना शुरू कर दिया था।

काव्या की मॉम: “आखिर कहां चली गई मेरी बेटी? कहीं कुछ उसके साथ कुछ हो न गया हो!”

इस पर काव्या ने मॉम को समझाते हुए कहा,

काव्या: “आप प्लीज उल्टा सीधा मत सोचो। वो मिल जायेगी!”

काव्या जानती थी चंचल हमेशा से ही ज़िद्दी और बेपरवाह रही थी। मम्मी पापा से छुपा छुपा कर वो स्कूल में बॉयफ्रेंड से मिला करती थी। अभी भी कहीं वो सब को परेशान करने का तो नहीं सोच रही थी, ऐसे ख्याल काव्या के दिमाग़ में आ रहे थे।

पर इतने लंबे समय के लिए गायब होना काव्या को और डरा रहा था।

काव्या ने ठान लिया था कि अब वो किसी भी हाल में चंचल का पता लगाएगी। उसने मॉम को हौसला रखने को कहा, और चंचल को ढूंढने वहां से निकल गई।

सबसे पहले उसने आर्यन को कॉल करने की कोशिश की। उसे लगा शायद आर्यन चंचल को ढूंढने में उसकी मदद कर दे। लेकिन आर्यन का फोन स्विच ऑफ आ रहा था। दरअसल आर्यन ने अपना फोन एरोप्लेन मोड में लगा रखा था क्योंकि वो अपने प्रोजेक्ट के सिलसिले में एक जरूरी मीटिंग में था।

काव्या ने निकिता को कॉल मिलाया। तभी उसे पता चला निकिता और विवेक बाहर दो दिन के लिए कसौल ट्रिप पर गए हुए थे। काव्या को समझ नहीं आ रहा था कि वो कैसे चंचल का पता लगाए। उसने फिर हमज़ा का नंबर घुमा दिया। और हमज़ा ने तुरंत ही फोन उठा लिया था।

उसने हमज़ा से जब अपनी बहन के अचानक से गायब होने की बात बताई तो वो फ़ौरन काव्या के पास आने के लिए रेडी हो गया था।

काव्या ने हमज़ा को बीच रास्ते में बुला लिया था जहां उसने चंचल को ऋषि के साथ देखा था। इससे पहले की हमज़ा वहां आता, उसके पास आर्यन का भी फोन आ गया।

आर्यन की कॉल को उठाकर जब उसे सारा हाल बताया तो आर्यन भी उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया।

काव्या को समझ ही नहीं आ रहा था कि किस्मत उसके साथ कैसा खेल खेल रही थी। आर्यन और हमज़ा एक साथ फिर से टकराने वाले थे।

काव्या एक चाट भंडार के पास खड़े खड़े उन दोनों का ही इंतज़ार कर रही थी। तभी सबसे पहले वहां हमज़ा पहुंचा। हमज़ा को देखते ही काव्या को थोड़ी राहत मिली। उसने हमज़ा को अपनी बहन और उसकी पिछली मुलाक़ात के बारे में बताया। बोलते बोलते काव्या हांफने लगी थी। ये देख कर

हमज़ा ने तुरंत उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा,

हमज़ा: “अरे! तुम क्यों इतनी फिकर कर रही हो? वो मिल जाएगी!”

हमज़ा ने काव्या को कंधे से पकड़ा हुआ था कि तभी वहां आर्यन भी पहुंचा। हमज़ा को वहां देखते ही उसके मुंह से निकला

आर्यन: “तुम? तुम यहां?”

हमज़ा भी आर्यन को देख कर हैरान हो गया था। ऊपर से आर्यन के इस सवाल से उसके दिल में और तेज सनसनी मची और उसने भी उल्टा आर्यन से सवाल करते हुए पूछा,

हमज़ा: “मुझे तो काव्या ने बुलाया था। आप जनाब यहां क्या कर रहे हैं? आपका तो ऑफिस था!”

आर्यन अच्छी तरह से हमज़ा के ऐसा बोलने का मतलब समझ गया था। उसे ताज़्जुब इस बात पर था कि काव्या ने हमज़ा को भी यहां बुलाया था। उसने भी हमज़ा को उसी तरह से तंज कसते हुए कहा,

आर्यन: “हां! पर ये प्रोब्लम मेरे लिए ज्यादा इंपोर्टेंट थी। आख़िर काव्या इतनी परेशान जो थी। उसने मुझे तुरंत कॉल करके बताया, तो मैं तुरंत काम छोड़ कर चला आया।”

काव्या दोनों की हरकतों को देख रही थी। इसके पहले हमज़ा कोई जवाब देता। काव्या ने बीच में चिल्लाते हुए कहा,

काव्या: “क्या तुम दोनों मेरी मदद करने आए भी हो या बस डींगें मारने?”

ये बात सुन कर हमज़ा चुप हो गया। काव्या ने उन दोनों को अलग अलग जगह जा कर ढूंढने को कहा। क्योंकि उसे लगता था कि उसकी बहन यही कहीं होगी। जहां उसने पिछली बार देखा था।

उसने अपनी बहन के फोटो भी दोनों के फोन में भेज दी थी।

आर्यन और हमज़ा पूरी तरह सीआईडी की टीम में काम करने वाले बन गए थे। दोनों इधर उधर ढूंढने में लग गए।

आस पास के घरों में जा कर देखने से हमज़ा और आर्यन के अंदर एक अलग ही रोमांच आ रहा था। उन्हे ये पूरी चीज एक खेल की तरह लग रही थी। दोनों में से जिसने भी अगर चंचल को ढूंढ लिया वो काव्या के दिल में अपनी एक खास जगह बना लेगा, ऐसा सोचते हुए आगे बढ़ रहे थे।

आर्यन के मन में ढूंढते हुए कई सारे ख्याल आ रहे थे। काव्या और हमज़ा का एक साथ डांस करना, और उस दौरान लोगों का उन दोनों की तारीफ करना—ये सब बातें कल रात से उसे परेशान कर रही थीं। उसे लगने लगा था कि शायद वो काव्या को कहीं खो तो नही रहा।

हालांकि, उसने खुद से ये वादा किया था कि वो काव्या को खुश देखना चाहता है, फिर चाहे वो उसकी वजह से हो या किसी और के। लेकिन जब उसने काव्या को हमज़ा के साथ देखा था, तो उसकी फीलिंग्स कंट्रोल से बाहर हो गई थीं। वो बार-बार ये सोच रहा था कि क्या काव्या ने अपने दिल में हमज़ा के लिए जगह बना ली थी?

उधर, हमज़ा भी चंचल की खोज में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। वो आस पास हर किसी से ऋषि और चंचल के बारे में पूछ रहा था। कुछ देर तक जब तीनों अलग अलग जगह ढूंढते रहे, तभी काव्या के पास अनजान नंबर से कॉल आया।

उसने कॉल उठाया तो एक अजीब सी आवाज़ आई।

पीयूष: “जिसको भी तुम ढूंढ रही हो वो शिवराज बिल्डिंग के तीसरे फ्लोर के रूम नंबर 410 में है!”

उसके बाद कॉल कट हो गई थी।

ये जानकर काव्या का दिल तेज़ी से धड़कने लगा था। उसे ऐसे लगा जैसे वो ये आवाज़ को अच्छे से जानती थी। शिवराज बिल्डिंग वहां से आधे घंटे की दूरी पर ही थी। काव्या हमज़ा और आर्यन के साथ कॉल पर बताए एड्रेस की तरफ़ निकल पड़ी थी।

आर्यन ने रास्ते में जाते हुए काव्या को सलाह देते हुए कहा,

आर्यन: “काव्या! हमें ऐसे अनजानी जगह से आई कॉल पर अकेले नहीं जाना चाहिए। हमें पुलिस को भी बता देना चाहिए।”

हम्ज़ा भी आर्यन की बात से सहमत था। पर काव्या ने मना करते हुए कहा,

काव्या: “मुझे पता है वहां कौन है!”

ये सोच कर आर्यन और हमज़ा हैरान रह गए थे। रास्ते में ही काव्या ने अपनी मॉम को कॉल करके बता दिया था कि उसे चंचल के बारे में एक जगह का पता चला था और वो वहां पहुंच कर ही उनको आगे का हाल बताएगी।

काव्या जब पहुंची तो उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। उसे जिस बात का शक था आखिर वही हुआ। जब दरवाज़ा खुला तो सामने कोई और नहीं उसकी जिंदगी का पास्ट, पीयूष खड़ा था।

पीयूष को देखते ही आर्यन पहचान गया कि ये वही आदमी है जो उसको मॉल में मिला था। काव्या के साथ दो दो लड़कों को देख कर पीयूष चौंक गया था।

काव्या की आंखों में भयानक गुस्सा था। उसने भारी आवाज़ में पीयूष से पूछा,

काव्या: “चंचल कहां है?”

पीयूष ने काव्या को पहले रिलैक्स करने को कहा। और फिर ये बताया कि चंचल अंदर कमरे में सो रही थी।

ये सुनते ही काव्या के सब्र का बांध टूट गया और एक ज़ोर का थप्पड़ पीयूष के गाल पर मारते हुए काव्या दहाड़ी।

काव्या: “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? मेरी बहन को यहां अपने घर पर लाने की?”

काव्या के इस रूप को देखकर आर्यन और हमज़ा के होश उड़ गए थे। आर्यन को अचानक एहसास  हुआ कि जिस पीयूष से वो मॉल में मिला था वो और काव्या का एक्स सेम ही थे। ये एहसास  होने के बाद आर्यन को भी गुस्सा आने लगा था।

थप्पड़ खाने के बाद पीयूष पूरा हिल चुका था। उसने काव्या को समझाते हुए कहा,

पीयूष: "चंचल घर से भागना चाह रही थी। उसने खुद यहां रहने के लिए मुझसे मदद मांगी थी।"

काव्या को पीयूष की बोली हर बात झूठी लग रही थी। तभी अंदर से चंचल खुद बाहर निकल कर आई। उसकी आंखों के नीचे काले गड्ढे हो रखे थे।

चंचल को देखते ही काव्या उसकी तरफ आगे बढ़ी। उसने चंचल की हालत देख कर पूछा,

काव्या: “क्या हुआ तुझे? चंचल तू ठीक है? तू यहां क्या कर रही है?”

काव्या ने घबराकर जब चंचल को गले लगाया तो चंचल ने काव्या को दूर करते हुए कहा,

चंचल: “प्लीज़ ये सब ड्रामा मत करो! मुझे तुम लोगों में से किसी के साथ नहीं रहना!”

ये बात सुनते ही काव्या को धक्का लगा। उसने पूछा कि आखिर ऐसी कौन सी बात हो गई थी कि जिसकी वजह से चंचल ऐसी बात कर रही थी?

चंचल ने गुस्से में झुंझलाते हुए कहा,

चंचल: “आपका क्या है? आप तो घर छोड़ कर निकल लीं। पर मम्मी पापा ने फिर मुझे टॉर्चर करना स्टार्ट कर दिया था। एक दिन ऋषि हमारे घर आया तो मम्मी ने इतना कलेश मचा दिया। ऊपर से पापा को भी जा कर बता दिया था। उसके बाद से पापा ने मेरे किसी भी दोस्त का घर आना बंद करवा दिया।”

ये बोलते बोलते चंचल रोने लगी थी। काव्या का दिल चंचल की बात सुनकर पसीज सा गया था। लेकिन उसे चंचल की हरकत पर गुस्सा भी आ रहा था। उसने चंचल को झिंझोड़ते हुए कहा,

काव्या: “अगर इतनी दिक्कत थी घर में, तो घर से निकलकर सही जगह जाती। इस आदमी के यहां आने को किसने कहा था?”

आर्यन गुस्से से पीयूष की तरफ घूर रहा था। जबकि पीयूष आर्यन से नजरें चुराते हुए अपने गाल को सहलाए जा रहा था।

चंचल ने मिनमिनाते हुई आवाज़ में कहा,

चंचल: “यहां आने के अलावा मेरे पास कोई ठिकाना नहीं था। पीयूष एक दिन हमारे घर आया था, तुमसे मिलने। पर जब तुम नहीं मिलीं, तो हमारी बात शुरू हुई और उन्होंने बताया कि उन्होंने नया घर लिया है।”

काव्या को ये बातें सुनकर मन कर रहा था कि एक थप्पड़ चंचल के गाल पर रख दे। उसने खुद को रोकते हुए गुस्से से कहा,

काव्या: “ये भी बता दिया कि मैने फ्लैट कहां लिया है! तुझसे बड़ी बेवकूफ लड़की मैने आज तक नहीं देखी!”

ये सुनते ही चंचल ने नाराजगी जताई। उसने आखों को गोल घुमाते हुए कहा,

चंचल: “हां तो? किसी से मेरी वाइब मैच करेगी तो मैं उससे दोस्ती करूंगी। मैं तुम्हारी तरह ओल्ड स्कूल नहीं हूं।”

काव्या ने चंचल का हाथ पकड़ कर उसे तुरंत वहां से चलने के लिए कहा। इस पर चंचल ने विरोध भी किया ये कहकर कि वो घर वापस नहीं जाएगी। और उसके बाकी दोस्तों के पास उसे रुकवाने की जगह नहीं थी।

काव्या किसी भी हालत में चंचल को पीयूष के साथ नहीं रहने देना चाहती थी। इसलिए उसने चंचल को अपने फ्लैट में चलने के लिए कहा।

काव्या: “अगर तुझे घरवालों के साथ नहीं रहना तो तू मेरे फ्लैट पर तब रह सकती है, जब तक तू अपना खुद का फिगर आउट  नहीं कर लेती!”

हालांकि काव्या जानती थी कि चंचल का उसके पास आते ही उसकी जिंदगी में एक नया भूचाल आ जाएगा। और वो अब इसको भी संभालने के लिए रेडी है?

क्या चंचल काव्या के साथ उसके नए फ्लैट में रहने के लिए मान जायेगी? क्या होगा जब काव्या के मम्मी पापा को चंचल के फैसले के बारे में पता चलेगा? आखिर आर्यन और हमज़ा में कौन जीतेगा काव्या का दिल? जानने के लिए पढिए अगला एपिसोड। 

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