शाम का समय…
निका ब्रांड की कंपनी की आज मीटिंग थी, कंपनी के सभी मेन और सीनियर मेम्बर की मीटिंग हो रही थी। यह मीटिंग ताज होटल में हो रही थी।
निहारिका के लिए यह दोहरी खुशी की बात थी पहली - उसकी बनाई कंपनी ने अब अपनी अच्छी खासी जगह बना ली थी, दूसरी निहारिका को प्यार हो गया था…उस लड़की को जिसे प्यार मोहब्बत में कभी विश्वास ही नहीं था, किसी जगह प्रेमी जोड़ों को घूमते देखती तो उन पर कटाक्ष करती थी, पर कोई था जिसने निहारिका को बदल दिया था।
एक मीटिंग हाल में सभी लोग गोलाई में बैठे थे, निहारिका ने कहा, ‘’हमारा पहला टारगेट पूरा हो गया...पांच साल पहले हमने एक टारगेट फिक्स किया था कि हम मुंबई के लोअर और मिडिल क्लास लोगो के दिलों में निका ब्रांड की जगह बनाकर रहेंगे, और वह हमने कर दिखाया....निका ब्रांड एक विश्वास बन चुका है, पर अभी हमें यहीं नहीं रूकना है, अब आगे भी सोचना है, वहां तक जहां तक हमारी पहुंच नहीं है यानी अपर क्लास की पसंद भी हमें बनना है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि विडियो गेम में कई लेवल होते हैं, दूसरा लेवल पहले लेवल से कहीं ज्यादा कठिन होता है, तीसरा उससे भी ज्यादा और चौथा उससे भी ज्यादा...पर अगर खेलना पसंद है तो हर कठिन लेवल खेलने में मजा आता है, हमारा हाल भी कुछ ऐसा है। इन पांच सालों में हमने कई कठिन लेवल पार किए है, मेंटली, फैमिली, इमोशनली…इन सबको परे रखकर हम आगे बढ़ते गए.....आखिर क्यों? क्योंकि हमें अपने काम से प्यार था, रास्ते में बहुत सी चुनौतियां आई….दूसरे कई ब्रांड ने हमारे खिलाफ साजिश की, हमें मार्केट से हटाने के लिए नए नए गेम खेले पर हम डटे रहे। अब समय आ गया है आगे बढ़ने का, अब जो हम करने जा रहे हैं, वो अब तक का सबसे कठिन लेवल है…पर मजा बहुत आएगा।
निहारिका मैडम कुछ सेकेंड के लिए रूकी और बोली, ‘’मुंबई शहर करोड़पतियों और अरबपतियों से भरा है, और यहां हर दूसरे दिन कोई न कोई करोड़पति बनता ही रहता है, ईश्वर की मरजी हुई तो जल्द ही हम भी उस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे।‘’
सभी ने मेज थपथपाकर निहारिका को चियर किया।
‘’आपको पता है यह मीटिंग तो यूं ही रखी गई है...आप लोग तो मेरी इंगेजमेंट अटेंड करने आए हैं और मैं अपने मंगेतर अमित बजाज से मिलाने के बजाय आप लोगों के साथ एक बोरिंग सी मीटिंग कर रही हूं। बाइ द वे आप सभी बहुत अच्छे लग रहे हैं।‘’ निहारिका ने सबको देखकर कहा।
हल्की हंसी के ठहाके गूंज उठे…‘’पर मैम आप तो हूर की परी लग रही हैं‘’ राशी ने कहा।
निहारिका मुस्कुरा दी, वह निहारिका जो अपने सारे टीम के बीच एक खड़ूस बॉस के नाम से जानी जाती थी….अचानक ही बदल गई, मुस्कुराने लगी, खिलखिलाने लगी, सजने संवरने लगी।
कुछ दिनों पहले, एक दिन उसने आफिस में बताया कि वह ताज होटल में इंगेजमेंट कर रही है, निका की पूरी टीम को इन्वाइट किया गया है, दस पंद्रह मिनट की एक छोटी सी मीटिंग थी उसके बाद निहारिका की इंगेजमेंट पार्टी हुई।
‘’तो हम सब उस हॉल में चले, उस जगह जहां मेरा मंगेतर मेरा वेट कर रहा है।‘’
सभी उत्साहित थे कि आखिर अमित बजाज की खासियत क्या है जिसने निहारिका मैम को पूरी तरह बदल कर रख दिया?
आखिर कौन सी जादू की छड़ी घुमाई जिससे निहारिका मैम पूरी तरह पिघल गई और प्यार मोहब्बत शादी जैसी चीजों में यकीन रखने लगी?
निहारिका अपनी टीम के साथ नीचे उतरने लगी, एक कॉरिडोर से होते हुए वे एक बड़े से हाल में पहुंचे, वो हॉल बहुत ही भव्य तरीके से सजाया गया था।
टीम के कुछ लोग फुसफुसाकर धीरे धीरे कह रहे थे कि निहारिका मैम ने एक करोड़पति फसाया है, उन्हें तो आगे बढ़ना है और इसके लिए अपने बनाए नियम कानून तोड़ने में उन्हें कोई प्राब्लम नहीं है।
मीरा ने इसे सुनकर भी अनसुना कर दिया....कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना...जब शादी नहीं कर रही थी तो परेशानी और जब मैम शादी कर रही हैं तो चार बातें बना रहे हैं…अरे करोड़पति से शादी नहीं करेंगी तो क्या किसी मिडिल क्लास के सरकारी कर्मचारी से शादी करेंगी? मैम तो खुद ही खानदानी रईस हैं, वे अमीर रही हैं पर उन्हें इस बात का घमंड कभी नहीं रहा और शादी तो अपने बराबरी वाले से ही की जाती है।
लोग चाहे जो भी बातें बनाए पर मीरा उनके लिए बहुत खुश थी...पर यूं अचानक से जब निहारिका ने मीरा को बताया तो मीरा को विश्वास नहीं हुआ...पहली बार निहारिका ने कुछ अलग बात कही थी, मीरा ने फोन पर तीन बार कर्न्फम किया कि मैम आप क्या कह रही है? किसकी इंगेजमेंट..? किसकी शादी..? कौन पहला प्यार?’’
मीरा को ऐसा लग रहा था कि शायद निहारिका मैम को किसी की इंगेजमेंट और शादी के लिए ड्रेस डिजाइन करवाना है। निहारिका को मीरा से ऐसे ही रिएक्शन की उम्मीद थी...मीरा क्या टीम के बाकी मेंबर भी उतने ही शाक्ड थे।
सभी एक दूसरे को फोन पर फोन करने लगे, पर चाहे जो हो इधर कुछ दिनों से मीरा थोड़ी खुश थी…पिछले दिनों में उसे बहुत मानसिक तनाव मिला था। जैसा उसने राघव से कहा था कि मेरे सामने मत आना....राघव ने वही किया था। कबीर को चोट लगे दो महीने बीत चुके थे...राघव, मीरा को कहीं नहीं दिखा।
एक दो बार मीरा को बेचैनी हुई कि वह कबीर का हालचाल जाने फिर खुद को ही डांटा कि पहले तो तुम राघव को खुद से दूर रहने के लिए कहती हो और अचानक कहीं ना कहीं से तुम्हारी इच्छा हो जाती है उससे मिलने की...कबीर एकदम ठीक हो गया होगा। वैसे भी घुटने में चोट लगी थी, कोई बड़ा एक्सीडेंट तो नहीं था।
वह अक्सर ग्लोबल गोल्डन स्कूल के सामने से गुजरती तो मन होता था कि कबीर का हालचाल पूछ लें, अब राघव हर समय तो स्कूल में नहीं होगा ना…पर कोई भरोसा नहीं, क्या पता वह टकरा ही जाए।
इससे राघव को कहने का मौका मिल जाता कि मीरा तुम अभी मुझसे प्यार करती हो.....कबीर तो एक बहाना है, तुम मुझे देखना चाहती हो।
वह मुझे फिर से कमजोर करने के सारे तिकड़म करेगा….कपटी कहीं का, अच्छा है उसे पता तो चला ना कि मीरा क्या चीज है।
पर मीरा का दिल अक्सर धड़क उठता था, जब उसके शोरूम का दरवाजा खुलता और कोई एंट्री करता था...कहीं राघव तो नहीं......बे वक्त उसके घर की बेल बजती तो कहीं ना कहीं दिमाग झन्ना उठता था कि कहीं राघव वापस तो नहीं आ गया है, रोड पर चलती तो लगता कि कहीं पीछे से राघव आकर चौका न दें, यह उसकी पुरानी आदत थी और आदतें कभी नहीं बदलती हैं।
वह केवल नफरत के लायक है...इस बार तो मैंने उसे बता दिया कि मैंने तुम्हें अपनी लाइफ से पूरी तरह निकाल दिया है। आखिर वह मेरे दिल दिमाग से क्यों नहीं उतर पा रहा है, मैं बेवजह उस धोखेबाज के बारे में सोचती रहती हूं। इधर सबकुछ तो अच्छा हो रहा है - हमारा नया शोरूम खुलेगा...जुहू बीच के पास।
मीरा का वह डिजाइन भी सेलेक्ट हो गया था जो उसने ग्लोबल स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति मैम को दिखाया था।
मीरा ने जो नर्सरी और प्रेप के बच्चों के ड्रेस का डिजाइन बनाया, वही सेलेक्ट हुआ बाकी क्लास के बच्चों के ड्रेस किसी दूसरे डिजाइनर के पंसद किए गए थे। निहारिका, शांतनु और पूरी टीम बहुत खुश थी चलो सारी नहीं कम से एक डिजाइन तो सेलेक्ट कर ही लिया।
शांतनु ने कहा था मीरा तुम्हारी अच्छाई ज्योति मैम ने देखी थी इसलिए तुम्हें सेलेक्ट करने से रोक नहीं पाई...पर सच बताऊं मैं होता तो तुम्हारे सारे डिजाइन सेलेक्ट कर लेता।
मीरा ने मुस्कुराकर कहा, ‘’सर मुझे तो इसकी भी उम्मीद नहीं थी।‘’
तभी किसी ने मीरा के कंधे पर हाथ रखकर उससे कहा, ‘’अरे मीरा कहां खोई हो, चलो निहारिका मैम की रिंग सेरेमनी होन वाली है।‘’
वह राशी थी, मीरा की कंपनी की साथी और उसी के जैसी अच्छी ड्रेस डिजाइनर। सभी लोग उस स्टेज के आसपास जमा हो गए जिस पर निहारिका की रिंग सेरेमनी होने वाली थी।
निधि पूरे हाल में घूमघूमकर चहक रही थी...’’कभी सोचा ही नहीं था कि होटल ताज में मैं कोई पार्टी अटेंड कर पाऊंगी, मुंबई तो मैं कई बार घूमने आ चुकी हूं, गेटवे ऑफ इंडिया और ताज होटल के बाहर फोटो भी खिंचवा चुकी हूं, पर अंदर कभी नहीं आई थी, मेरे पापा को बिना बात के होटल में आना पसंद नहीं था, क्योंकि यहां पर आकर खाना खाना हमारे तो बजट से बाहर था...पर मैंने तय कर रखा था कि एक दिन मैं ताज होटल के अंदर जाऊंगी, आज मेरा सपना सच हो गया।
राशी ने कहा, ‘’लो इन मैडम की सुनो…सपना भी देखा तो क्या केवल ताज होटल के अंदर आकर खाना खाने को, अरे आज तो फ्री में खा रही हो, अगले महीने तो तेरा बर्थडे है, तो चलो हम सबको इसी होटल में डिनर पार्टी दे दो।‘’
निधि बोली, ‘’क्या कहा, डिनर पार्टी वो भी ताज होटल में, अरे मेरी महीने भर की सैलरी चली जाएगी, निहारिका मैम से कहो ना किअपनी शादी की खुशी में हमें बोनस दे दें।
सब खिलखिलाकर हंसने लगे।
‘’मैम के होने वाले हस्बेंड कहां हैं...?’’ राशि ने चारों ओर देखते हुए कहा।
चारो ओर खूब चहलपहल थी, पर निहारिका की टीम के मेंबर को समझ में नहीं आ रहा था कि कौन लड़की वाला है, कौन लड़के वाले।
एकाएक मीरा को एक लड़का दिखा...मीरा को ऐसा लगा कि उसने इस लड़के को कहीं तो देखा है। मीरा अपने दिमाग पर जोर डालने लगी कि इसे शायद मुंबई....... नहीं..... कहीं और देखा है, वह लड़का पूरे हॉल में घूम-घूमकर खाने, डेकोरेशन रिंग सेरेमनी वाले स्टेज का जायजा ले रहा था और बार बार मीरा को भी मुड़कर देख रहा था, उसके देखने का ढंग ऐसा था जैसे उसने भी मीरा को कहीं देखा हो।
मीरा फिर सोचने लगी, ‘’कहां देखा है इसे, किसी फैशन शो में? किसी ड्रेस शो रूम में...? नहीं नहीं...यह तो कोई बाउंसर या बाडीगार्ड जैसा लग रहा है। हो सकता है यह कभी निहारिका मैम की शोरूम से कुछ खरीदने आया हो और मैंने देखा हो।‘’
निहारिका रेडी होकर अपने पैरेंट्स और दोनों छोटी बहनों के साथ आ रही थी...उन्होंने अपने ही ब्रांड का एक खूबसूरत लंहगा पहना हुआ था जिसे मीरा सहित बारह ड्रेस डिजाइनरों ने डिजाइन किया था।
चेहरे पर गजब की चमक थी…पहली बार निहारिका मैम इतनी सजी संवरी थी। वे स्टेज पर जाकर खड़ी हो गई, दो फोटोग्राफर और कुछ विडियोग्राफर ने उन्हें घेर लिया। निहारिका ने एक दो बड़े पत्रकारों को भी बुलाया था, इस समय तो वे अपनी टीम को जैसे भूल ही गई थी।
वे पत्रकार कोई मामुली पत्रकार नहीं थे, बड़े बड़े फिल्मी सितारे, माडल डायरेक्टर प्रोडयूसर का इंटरव्यू लेते थे।
‘’निहारिका मैम की पहुंच तो बहुत ऊपर तक है।‘’ निधि ने कहा।
बंगलोर से आई एक डिजाइनर राखी जो बंगलौर का निका ब्रांड का शोरूम देखती है उसने निधि से कहा, ‘’अब मैम बहुत आगे का सोचने लगी हैं, उनका इरादा अब पेज थ्री में छाने का है। जैसे मनीष मल्होत्रा... रितु बेरी…नीता लुल्ला…रोहित बल…पेज थ्री पर छाए रहते हैं, अब निहारिका मैम भी उसी कटेगरी में आने का सपना देख रही हैं।‘’
‘’पर हमारी मैडम तो कभी ड्रेस डिजाइनिंग करती ही नहीं, सबकुछ तो हम करते हैं, कभी कभी किसी ड्रेस का स्केच बनाकर दे देती हैं, बाद में खुद ही रिजेक्ट कर देती हैं।‘’ निधि ने मुंह बनाकर कहा।
‘’बड़े, बड़े डिजाइनर ऐसे ही काम करते हैं, अपने अंडर में नए नए टैलेंटेड डिजाइनर रखते हैं, अच्छे पैसे देते हैं, पर नाम इनका होता है।‘’
‘’अब तो सुना है कि निका ब्रांड निहारिका ब्रांड होने वाला है।‘’
‘’ऐसा क्यों?‘’
‘’पता नहीं, पर सुनने में आया कि उनके होने वाले हसबैंड ने यह सुझाव दिया है, मैम मान गई, एक एडवरटाइजिंग कम्पनी को अच्छा एड बनाने के लिए कहा गया है। उसके लिए अमित सर, मैम के होने वाले हसबैंड ने अच्छे खासे पैसे दिए हैं।‘’
‘’मतलब हमारी मैडम शादी नहीं बल्कि बहुत बड़ा गेम खेल रही हैं।‘’
‘’और तुम्हें क्या लगता है कि मैम इमोशनल हो गई हैं एक लड़के को दिल दे बैठी हैं, अब वो दिन भी दूर नहीं जब मैडम हमें बाहर का रास्ता दिखा देंगी, हमें इसके लिए पहले से ही तैयार रहना होगा, क्योंकि मैंने सुना है अमित सर के अंडर में बहुत सारे ड्रेस डिजाइनर हैं।‘’
मीरा ने कहा, ‘’सब बकवास है, ऐसा कुछ नहीं होने वाला। यह केवल एक लव मैरिज है जो मैम अपने ही प्रोफेशन के लड़के से कर रही हैं, और ठीक है अगर सर मैम के लिए कुछ कर रहे हैं, कोई भी लड़का अपनी होने वाली बीवी के लिए करता है।‘’
बातें करते करते मीरा की नजर उस लड़के पर पड़ी जिसे देखकर मीरा याद करने की कोशिश कर रही थी कि उसे कहां देखा है...
वह एक क्रिसमस ट्री के पास खड़ा था, जिसे रंगबिरंगी लाइटों से सजाया गया था, वह मीरा की ओर ही देख रहा था, उसने अपना हाथ धीरे से उठाकर मीरा को दिखाकर अपने पास आने का इशारा करने लगा।
‘’क्या मैं आपको जानती हूं?‘’ मीरा उसके पास आकर बोली। मीरा को अभी भी याद नहीं आया कि इसे कहां देखा है।
‘’मैडम, मेरे पास बहुत समय नहीं है, मैं अमित सर का बॉडीगार्ड हूं, यहां की सिक्योरिटी चेक करने आया हूं....मैडम मेरा नाम सूर्या है…इससे पहले मैं राजवीर सर का बॉडीगार्ड हुआ करता था। आपकी और मेरी एक मुलाकात हो चुकी है, आज से पांच साल पहले राजवीर मेहता के घर, जब शादी की रात आपने बहुत ज्यादा शराब पी थी और होश खो बैठी थी तो राजवीर सर आपको अपने घर ले आए थे।‘’
मीरा को याद आया...’’ओह हां, तो तुमने अब राजवीर की नौकरी छोड़ दी..?’’
‘’हां मैडम, मैंने उनके साथ मिलकर बहुत से जुर्म किए हैं, अब और नहीं कर सकता मौत के बाद ऊपर वाले का भी सामना करना है’’
‘’जुर्म..? मैं कुछ समझी नहीं...’
‘’मैम अभी मेरे पास टाइम नहीं है, बस इतना कहना चाहता हूं कि आप जरा सावधान रहिएगा….यह राजवीर बहुत खतरनाक इंसान है और इसके साथ और भी बहुत से लोग हैं जो आपका और राघव का बुरा चाहते हैं।‘’
राघव के नाम पर मीरा सिहर उठी…‘’मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा है, यह सब मैं पीछे छोड़ आई हूं।‘’
‘’मैम......मैं आपको एक राज की बात बताता हूं, यह राघव जिस कबीर नाम के बच्चे को पाल रहा है वह उसका है ही नहीं, शादी के एक दिन पहले रात को जब राघव सर बैचलर पार्टी में थे, उस दिन कोई बहुत बड़ा कांड हुआ था, जो मैं नहीं जानता पर इतना पता है कि आपके ही कोई करीबी थे जिनके कारण आपकी शादी टूटी ओर राघव को भागना पड़ा।’’
क्या सूर्या सच कह रहा है?
राजवीर मीरा की जान के पीछे क्यों पड़ा है?
मीरा का वह कौन करीबी है जो नहीं चाहता था कि मीरा राघव से शादी करें?
क्या हुआ था बैचलर पार्टी में?
कबीर अगर राघव का बेटा नहीं है तो वह उसकी परवरिश क्यों कर रहा है?
जानने के लिए पढ़ते रहिए 'बहरूपिया मोहब्बत!'
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