पिछली रात की असफलता के कारण, रेणुका का दिमाग आज सुबह से ही खराब था। आधी अधूरी नींद के बाद, रेणुका ने जैसे तैसे अपना बिस्तर छोड़ा और नहा धोकर ब्रेकफास्ट करने के लिए नीचे हॉल में आ गई। उसके चेहरे पर थकान और परेशानी साफ दिखाई दे रही थी।

दूसरी तरफ, अम्मा भी रात भर सो नहीं पाई थी, इसलिए आज उनकी आंखें भी सूजी सूजी सी लग रही थीं। उनके चेहरे पर भी थकान और चिंता के निशान साफ दिखाई दे रहे थे।

जब वैभव ने अम्मा और रेणुका के बीमार से चेहरे देखे, तो उसने समझदारी दिखाते हुए माहौल को थोड़ा नॉर्मल करने की कोशिश की। रात के बाद गुस्सा तो वैभव को बहुत  आ रहा था, पर वो अपनी मां से बहुत  प्यार करता है इसलिए वो उन पर अभी गुस्सा करना नहीं चाहता था।

वैभव ने मुस्कुराते हुए अम्मा की तरफ देखकर कहा,

वैभव- "प्रणाम अम्मा, कैसे हो आप?”

अम्मा ने भी मुस्कुराते हुए कहा,

अम्मा- "हाँ, ठीक हूँ बेटा। बस रात भर सो नहीं पाई।”

वैभव –”क्यों दादाजी को याद कर रही थी क्या?”

इस पर अम्मा ने ‘हट पागल’ कहकर बात टाल दी। फिर वैभव ने रेणुका की तरफ देख कर उसे गुड मार्निंग कहा।

रेणुका ने थकी सी आवाज में जवाब दिया,

रेणुका –"Good Morning बेटा"

लट्टू काका ने आज सब के लिए नाश्ते में आलू के पराठे बनाए थे, पर जब उन्होंने सब के थके थके चेहरे देखे, तो वो सभी के लिए पहले जूस लेकर आ गए।

लट्टू काका ने अम्मा से पूछा, “अभी तक तो बस रेणुका बिटिया बीमार दिख रही थी, आज आपका चेहरा भी उदास लग रहा है?

रेणुका ने अभी तक अम्मा पर अच्छे से ध्यान नहीं दिया था पर लट्टू काका की बात सुनकर उसने अम्मा से तुरंत पूछा,

रेणुका – क्या हुआ अम्मा? तभीयत खराब है क्या आपकी? डॉक्टर को बुलाऊँ?

रात की गलतफहमी के कारण अम्मा रेणुका से बहुत  नाराज थी, उन्हें लग रहा था कि रेणुका का इस उम्र में किसी मर्द से चक्कर चल रहा है। इसलिए जब रेणुका ने उनसे उनकी तबियत का हाल पूछा, तो उन्होंने उसकी ओर देखा तक नहीं और लट्टू काका की तरफ देखकर कहा,

अम्मा –"लट्टू!, आज मेरी नींद नहीं लगी।"

वैभव को अम्मा का रेणुका को जवाब ना देना थोड़ा अजीब लगा, पर वो ये भी जानता था कि अम्मा कभी-कभी गुस्से में ऐसा बर्ताव कर देती है। वैभव को अम्मा और रेणुका की सास-बहू की किचकिच में पड़ना नहीं था, इसलिए उसने बस माहौल को थोड़ा ठंडा करने के लिए अम्मा से कहा,

वैभव –"अम्मा, आप मेरे लिए आंवले की चटनी कब बनाओगे, बहुत  दिन हो गए खाए हुए!"

अम्मा के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उन्होंने वैभव से कहा,

अम्मा –"अरे, पहले क्यों नहीं बोला, आज ही आएगा आंवला।“

लट्टू काका अपनी ग्रोसरी लिस्ट में आंवला लिखने वाले थे, तो अम्मा ने उन्हें रोका और कहा,

अम्मा – "नहीं, लट्टू, मैं खुद आंवला लेने जाऊंगी।"

अम्मा को आज गायत्री मंदिर भी जाना था, इसलिए उन्होंने तय किया कि वो पहले गायत्री मंदिर दर्शन करने जाएंगी और फिर वहीं से सब्ज़ी  मार्केट जाकर आंवला खरीद लाएंगी। उन्होंने वैभव से कहा,

अम्मा – "वैभव बउआ आज शाम को बनेगी तुम्हारी आंवले की चटनी।“

वैभव ने मुस्कुराते हुए कहा,

वैभव- "थैंक यू, अम्मा। आप वर्ल्ड की बेस्ट दादी हो।”

वैभव, अम्मा और रेणुका नाश्ता करने के बाद अपने-अपने कमरों में चले गए। अम्मा अपने कमरे में आराम करने लगी और वैभव अपने कमरे में जाकर फोन में कुछ ढूंढने लगा। वहीं रेणुका को आज एक दोस्त के घर, किटी में जाना था। वैसे तो वो बहुत  थकी हुई थी, लेकिन किटी में जाना भी जरूरी था। तो उसने अलमारी से एक सुंदर सी पीली साड़ी निकाली। ये पीली साड़ी वैभव ने अपनी पहली कमाई से रेणुका को गिफ्ट की थी। वो साड़ी देखकर कुछ पल के लिए पुरानी यादों में खो गई। जब उसके पति अशोक जिंदा थे, तब वैभव ने उसके लिए ये साड़ी और अशोक के लिए एक शर्ट खरीदी थी। ये सोचते हुए  रेणुका की आंखें नम हो गई। थोड़ी देर बाद उसने खुद को उन पुरानी यादों से बाहर निकाला और किटी पार्टी में जाने के लिए तैयार होने लगी।

आज रेणुका की दोस्त, ऊषा, के घर किटी पार्टी है। ऊषा, रेणुका की सहेली अभी कुछ सालों पहले ही बनी है। रेणुका उससे अपनी खास दोस्त सुनीता की एक पार्टी में मिली थी। तब से ऊषा और रेणुका की बहुत  अच्छी दोस्ती हो गई थी।

इधर वैभव ना जाने अपने फोन में क्या ढूंढ रहा था। बहुत  देर ढूंढने के बाद उसे आखिरकार कुछ स्क्रीनशॉट्स नज़र  आए, जिसे देखकर उसकी आंखों में एक अलग सी चमक आ गई। जैसे उसकी कोई खोज पूरी हो गई हो। वो वैभव के किसी लड़की से चैट के screenshots थे। उस लड़की का नाम Elsie था! वैभव बहुत  देर तक उन screenshots को देखता रहा। मानो पुरानी chats में खो सा गया हो। एक पल को तो वैभव को लगने लगा कि वो फिर से उन दिनों में पहुंच गया है जब Elsie के साथ वो घंटों बातें किया करता था!

वहीं रेणुका तैयार होकर किटी पार्टी के लिए ऊषा के घर पहुंच गई। वहां सुनीता, ऋद्धि और ऊषा के अलावा और भी 5-6 सहेलियाँ थीं।

ऋद्धि रेणुका के गले लग गई। ऋद्धि ने धीरे से रेणुका से पूछा, "रेणुका, मुझे कब तक ब्लॉक कर के रखेगी?"

इस बात पर रेणुका को थोड़ी शर्म आई और उसने ऋद्धि से माफी मांगी। रेणुका ने तुरंत अपना फोन निकाला और ऋद्धि को unblock किया।

थोड़ी देर उन दोनों ने आपस में ढेर सारी बातें की, फिर रेणुका बाकी दोस्तों के पास जाकर बैठ गई। आज फिर रेणुका से बात करते-करते उसकी किटी की सहेलियों ने वैभव की शादी और फिरंगन बहू  वाली बात छेड़ दी, "रेणुका, क्या वैभव की भी कोई फिरंगन गर्लफ्रेंड है? मैंने सुना है जो लोग विदेश जाते है वो फिर अपने देश की लड़कियों से शादी नहीं करते!”

रेणुका इस पर कुछ कह पाती कि ऋद्धि ने मज़ाक में इसका जवाब दिया, “ये कैसा सवाल हुआ, होगी ही, वैसे भी वो तो बचपन में ही कहता था कि बड़े होकर किसी फिरंगन से ही शादी करेगा! क्यों रेणुका?”

ऋद्धि ने मज़ाक तो उड़ा दिया पर रेणुका ये सुनकर जब थोड़ी हैरान नज़र  आई तो ऋद्धि ने अपनी बात पूरी की, “अरे रेणुका तुझे याद होगा ना, जब मेरी लंदन वाली दीदी की बेटी यहां आई थी तो वैभव उसके दोस्तों की फोटो देखकर बोलता था कि वो भी लंदन की किसी लड़की से शादी करेगा!”

ऋद्धि की इस बात पर रेणुका ने थोड़े गुस्से में जवाब दिया,

रेणुका (थोड़ा गुस्से से) – उस समय वैभव सिर्फ 9 साल का था, ऋद्धि! वो तो बचपना था, अब वो बड़ा हो गया है और उसकी सोच भी बदल गई है। तुमको तो बस बात का बतंगड़ बनाना ही आता है। एक बच्चे की बचकानी बात आज तक याद करे बैठी हो।

ऋद्धि को तो रेणुका के गुस्से का कारण समझ नहीं आया, लेकिन जैसे-जैसे रेणुका की सहेलियां वैभव और फिरंगन बहू  की बातें कर रहे थे, वैसे-वैसे रेणुका के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी।

किटी की सहेलियों की इन बातों के कारण रेणुका सोच में पड़ गई और उसे मन ही मन कुछ सवाल परेशान करने लगे।

रेणुका( मन में) – क्या वाकई वैभव किसी फिरंगन से शादी कर लेगा? क्या वो एक लड़की के लिए अपने परिवार और संस्कृति को छोड़ देगा? करना तो नहीं चाहिए लेकिन उसके लक्षण मुझे ठीक भी नहीं लगते। चिढ़ने लगा है अपनी ही माँ से।

रेणुका को वैभव की चिंता सताने लगी और अक्सर इंसान चिंता में होता है तो कुछ भी कर बैठता है।

रेणुका की किटी की सहेलियों ने तो वैभव की यहां तक कहानियां बना दी कि वैभव जिस ऑफिस में काम करता है क्या पता वहीं कोई लड़की हो जिससे वो प्यार करने लगा हो। दूसरी तरफ एक सहेली ने तो हद्द ही पार कर दी जब उसने कहा कि उसने सुना है वैभव ने ग्रीन कार्ड के लिए वहां पहले ही एक लड़की से शादी कर चुका है और रेणुका ये बातें छुपाती है।

ये बातें सुनकर रेणुका का दिल बैठा जा रहा था पर उसकी सहेलियों को तो ये कहानियां बनाने में मज़ा  आ रहा था।

तभी एक सहेली ने रेणुका से पूछा, “रेणुका, तू तो अपनी फिरंगन बहू  से मिल चुकी होगी ना? हमें भी मिलवा दे, अब छुपाना कैसा?”

इस पर रेणुका कोई जवाब दे पाती कि एक दूसरी दोस्त ने फिर एक नई कहानी बना दी, “रेणुका, कहीं तेरा बेटा live in में तो नहीं रहता? आजकल ये बात trending हैं। क्या पता बहू के साथ पोत पोती फ्री मिल जाएँ।“

रेणुका को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो इन सवालों का मुंह तोड़ जवाब कैसे दे। किटी की सहेलियों की बातें भले ही बनावटी थीं लेकिन रेणुका साहनी के मन में घर कर गईं थीं। वो सोच रही थी कि दो लड़कियों को उसने बड़ी मुश्किल से पसंद किया था लेकिन वो भी हाथों से निकल गईं। अब कहाँ से उसके सपनों की perfect बहू मिलेगी और इन society की तितलियों का मुंह बंद होगा।

जब ये सब बातें उसका तनाव बढ़ाने लगी तो रेणुका ने अपने मन में ठान लिया कि वो वैभव की शादी के लिए एक अच्छी लड़की ढूंढने के लिए पहले से ज़्यादा मेहनत करेगी और किसी भी हालत में वो अपने घर में किसी फिरंगन बहू  को नहीं आने देगी।

थोड़ी देर बाद वो उस किटी से निकलकर अपने डिटेक्टिव से मिलने के लिए वहां से निकल गई।

दूसरी तरफ वैभव अपने कमरे में सुबह से अकेला बैठा था। वो अभी भी अपने फोन में वो पुराने चैट्स वाले स्क्रीनशॉट्स को देख रहा था। उसकी आंखे बता रही थी कि वो Elsie को बहुत  मिस कर रहा है। तभी उसके फोन पर एक unknown number से कॉल आया, वैभव थोड़ा हैरान हुआ पर जैसे ही उसने फोन उठाया, सामने से एक लड़की की आवाज़ आई, “हेलो, क्या मेरी बात वैभव से हो रही है?”

किस लड़की का फोन आया था वैभव को? क्या रेणुका का डर, सच में तब्दील हो जाएगा? क्या वैभव के जीवन में सच में कोई फिरंगी लड़की है? आखिर Elsie है कौन और वैभव क्यों बार-बार उसे याद कर रहा है? 


जानने के लिए पढ़िए कहानी का अगला भाग।

 

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