शाम का समय.…मारिया कब्रिस्तान में एक खुदे हुए कब्र के पास बैठी थी...चारों ओर गहरा सन्नाटा पसरा था। उसके बगल वाले कब्र पर कुछ ताजे फूल और बुके रखे हुए थे, वो कब्र शायद किसी एंजल नाम की औरत की थी, आज उसकी बर्थ एनिर्वसरी थी। एंजल की फैमिली उसकी कब्र पर आई होगी और प्रभु यीशु से एंजल की आत्मा की शांति के लिए प्रेयर कर के एंजल के लिए फूल चढ़ा गई होगी।
मारिया के दिल से करूण सिसकारी उठ गई…वह हर साल अपने पैरेंट्स के कब्र पर जाकर यही करती थी। जॉन के अंतिम क्रियाक्रम में तो वह नहीं थी....जॉन को तो युग ने पूरे सम्मान सहित कब्र में दफन कर दिया था, मारिया की एक दिली इच्छा यह रह गई थी कि वह जॉन की कब्र पर एक बार भी जाकर फूल नहीं चढ़ा पाई, उसकी कब्र से लिपटकर जी भरकर रो भी नहीं पाई। सोचा था चीफ के खात्में के बाद ये सारी ख्वाहिशें पूरी करेगी, पर अब ऐसी स्थिति आ गई है कि न चाहते हुए भी इस नश्वर शरीर को समय से पहले ही छोड़ने का समय आ गया था।
वैसे भी अब उसके लिए बचा भी कुछ नहीं था....मलाल इस बात का था कि उस चीफ की बरबादी के लिए कुछ खास नहीं कर पाई, पर संतुष्टि इस बात की थी कि युग और मीरा मिलकर इस काम को अंजाम तक जरूर पहुंचाएंगे। बस चीफ मुझ तक न पहुंचे...वैसे भी अगर वह मुझ तक पहुंच भी गया तो मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
मारिया को एक जोर की हिचकी आई और उसके मुंह से खून निकल आया, जहर ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था। उसने दूर तक जहां उसकी नजरें जा सकती थी, मारिया ने देखा, मीरा कहीं आते हुए दिखाई नहीं दे रही थी...क्या उसने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया? अरे मैं अब यह दुनिया छोड़कर जा रही हूं...मीरा प्लीज मेरे अंतिम समय में तो मेरे पास आ जाओ। तुम्हें बहुत कुछ बताना है...यह भी कि अब तुम यहां से चली जाओ।
तभी मारिया की धुंधली नजरों ने कुछ देखा….ब्लू कलर की कुर्ती और ब्लैक कलर की जींस पहने एक लड़की उसी की ओर चली आ रही थी। यह जरूर मीरा होगी…मारिया ने अपना सिर झटका और आंखे कसकर भींच ली ताकि मीरा को ठीक से पहचान सके। मारिया ने अपनी आंखे खोली और अब मीरा उसे साफ-साफ अपनी ओर आती दिखाई दे रही थी।
थैंक गॉड, कहकर मारिया ने मन ही मन प्रभु यीशु के संदेशो को पढ़ना जारी रखा, उसके बाद उसने फूलों से भरी एक टोकरी को खुदे हुए कब्र के पास रख दिया। मीरा के लिए यह सब बहुत ही अजीब सा था। वह भयभीत नजरों से कब्रिस्तान को देख रही थी...अपनी लाइफ में वह पहली बार किसी कब्रिस्तान में आई थी, वह बहुत ज्यादा बच बच कर संभलकर कदम रख रही थी, उसे डर लग रहा था कि कहीं उसका पैर किसी की कब्र पर न पड़ जाए।
‘’डरो मत…’’ मारिया की आवाज मीरा के कान में पड़ी, ‘’ये सब अपनी लाइफ की जर्नी पूरी कर के चिरनिद्रा में हैं, ये कभी नहीं उठेंगे, तुम चाहे तो इन पर चढ़ जाओ, कूदो शोर मचाओ या फिर इनके ऊपर कुछ भी फेंको, ये नहीं उठने वाले हैं।‘’
मारिया को दोबारा देखकर मीरा को कुछ हौसला मिला पर वह पिछली बार से इस बार कुछ अजीब सी लग रही थी। मीरा तेज कदमों से चलकर मारिया के पास आई, मारिया बगल वाली कब्र से रिस टिकाकर बैठी हुई थी। उसका चेहरा थका-थका सा लग रहा था, आंखे बुझी हुई, पूरा शरीर निस्तेज हो रहा था।
‘क्या हुआ मारिया तुम ठीक तो हो ना, मुझे कब्रिस्तान में क्यों बुलाया है?‘ कहकर मीरा ने एक सरसरी नजर कब्रिस्तान में डाली, न जाने क्यों वह बहुत ज्यादा डरी हुई थी।
मारिया ने मीरा का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘’मीरा अब मेरे पास समय नहीं रह गया है, मैंने चीफ के एक बॉडीगार्ड को मार दिया...और अब चीफ पागलों की तरह मुझे ढूंढ रहा है। मीरा मुझे चीफ की गर्लफ्रेंड के बारे में कुछ पता चला है, जो कुछ भी डिटेल मुझे मिली है वह मैंने अपने दिल्ली वाले घर में पोस्ट कर दी है, मैं चाहती हूं कि तुम वहां चली जाओ, अब तुम्हारा भी यहां रहना खतरे से खाली नहीं है।‘’
मीरा के पूरे शरीर में सिहरन सी दौड़ गई….फिर भी वह मारिया को हिम्म्त देते हुए बोली, ‘’रिलैक्स मारिया कुछ नहीं होगा, यह बात तुम मेरे घर पर भी आकर कह सकती थी। अगर तुम्हें चीफ से अपनी जान का खतरा है तो तुम पुलिस प्रोटेक्शन भी ले सकती हो, वह चीफ तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता…यहां कब्रिस्तान मे आने की क्या जरूरत थी? तुम्हारी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है।‘
मीरा ने मारिया के माथे पर हाथ रखकर उसे सहलाते हुए कहा। ‘’शायद बहुत ज्यादा काम के कारण तुम बहुत थक गई हो, मेरे घर चलो, रेस्ट करो, आगे क्या करना है यह बाद में सोचेंगे।‘’
‘’मैंने कहा ना मीरा, अब चीफ मुझे नहीं छोड़ेगा।‘’
‘’मारिया मैं भी कह रही हूं ना कि पुलिस प्रोटेक्शन ले लो, चीफ तुम तक नहीं पहुंच पाएगा।‘
‘’मीरा इस मुंबई की पूरी पुलिस भी मेरी प्रोटेक्शन में लग जाए तो भी उस चीफ से मुझे कोई नहीं बचा सकता है, खुद पुलिस चीफ का नाम सुनकर बहरी हो जाती है।‘’
मीरा को आर्यन का ध्यान आ गया…वह मारिया को बचा सकता है। मीरा ने मारिया का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा, ‘’इस पूरे मुंबई में पुलिस न सही पर एक शख्स है जो तुम्हें चीफ के हाथों से बचा सकता है, आर्यन देशमुख...’
आर्यन देशमुख उससे तुम्हारी जान पहचान कैसे हुई.?
बस हो गई…अब तुम चलो यहां से...’’ कहकर मीरा, मारिया को अपनी ओर खींचकर खड़ा करने की कोशिश करने लगी।
मारिया ने पूछा, ‘क्या तुम फिर से प्यार में पड़ गई हो?‘’
मारिया के इस सवाल से मीरा हड़बड़ा गई...वह कुछ दिनों से अपने अंदर कुछ अलग सा महसूस तो कर रही थी पर वह प्यार ही था यह मीरा नहीं जानती थी पर इतना तो पता था कि आर्यन उसे अच्छा लगने लगा था।
‘’पता नहीं मैं नहीं जानती।‘’ मीरा ने सर्द सा जवाब दिया, इस समय वह केवल मारिया को अपने घर ले जाना चाहती थी।
तभी मारिया को एक हिचकी आई और मुंह के साथ-साथ नाक से भी खून की बूंदे टपक पड़ी।
मीरा सकते में आ गई…’’यह... यह क्या है मारिया.? तुम्हारी तो तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। हे भगवान तुम्हें तो हास्पिटल में होना चाहिए था, तुम यहीं रूको मैं देखती हूं कि यहां बाहर कोई टैक्सी ऑटो मिल जाए तो तुम्हें अभी इसी वक्त हास्पिटल ले चलती हूं।‘’
कहकर मीरा खड़ी हो गई पर मारिया ने झट से मीरा का हाथ पकड़ लिया और पूरी ताकत लगाकर अपनी ओर खींचते हुए बोली, ‘’मैं एकदम ठीक हूं मीरा, और थोड़ी ही देर में मुझे इन सबसे मुक्ति मिल जाएगी…फिर मुझे किसी हास्पिटल या इलाज की जरूरत ही नहीं रहेगी।
मीरा की समझ में नहीं आ रहा था कि मारिया क्या कह रही है? उसे लगा की मारिया अंधविश्वासी होकर ऐसा कह रही है कि कब्रिस्तान मे आने से बीमारियां खत्म हो जाती है, ‘’तुम पागल हो गई हो क्या तुम कब्रिस्तान में, कब्रिस्तान में होने से कोई ठीक कैसे हो सकता है? तुम मुझे बहुत ही वीक लग रही हो और पता नहीं क्या हो गया है तुम्हें? नाक और मुंह से ब्लड आ रहा है, तुम बहुत ही सीरियस हो।‘’
मारिया की सांसे तेज हो गई, वह मीरा से बोली, ‘’प्लीज मेरे पास बैठो, मुझे तुमसे कुछ कहना है।‘’
झुंझलाई और मजबूर मीरा मन मारकर बैठ गई, उसे मारिया की ऐसी हालत देखी नहीं जा रही थी, पर मारिया की जिद के आगे वह कुछ कर नहीं पा रह थी।
मारिया कहने लगी, ‘’मीरा जैसा मैंने तुम्हें बताया कि चीफ को पता चल चुका है मैंने उसके बॉडीगार्ड को मारा है, अब वह किसी भी समय मुझ तक पहुंच सकता है, और यह बात तो तय है कि वह मुझे यातना देकर ही मारेगा, पर मारेगा जरूर और मेरी बॉडी की भी दुर्गति होगी। मैं ऐसा नहीं चाहती....मीरा सुनो.....मैंने जहर पी लिया है…’’
‘’क्या?‘’ मीरा के पूरे शरीर में बिजली सी दौड़ गई।
उसने मारिया का चेहरा अपने हाथों में लेकर रूधे गले से कहा, ‘’यह क्या किया तुमने मारिया? तुम मुझे ऐसे अकेले छोड़कर नहीं जा सकती हो, प्लीज प्लीज हास्पिटल चलो, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी....मैं तुम्हें चीफ से बचा लूंगी.....आर्यन बचा लेगा....’’
मारिया ने मीरा का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा, ‘’अब कोई मुझे नहीं बचा सकता है मीरा...मैंने तुम्हें यहां इसलिए बुलाया कि तुम मेरा अंतिम संस्कार कर दो, यह लकड़ी का ताबूत देख रही हो ना, जो कब्र के अंदर रखा है, यह मैंने अपने लिए लिया है…ताकि मैं एक सम्मान पूर्वक मौत मरकर दफन हो जाऊं....मुझे चीफ द्वारा यातना और दर्दनाक मौत नहीं चाहिए। मीरा मैंने तुम्हारा दिल्ली जाने का टिकट करवा दिया है, मैंने अपने घर का पता तुम्हारे फोन पर भेज दिया है, मेरे कुछ जासूस तुम्हें चीफ के बारे में जानकारी भेजते रहेंगे। तुम चीफ की गर्लफ्रेंड नेहा के घर जाकर उसके बारे में कुछ पता कर सकती हो।
मीरा की आंखो से झर झर आंसू बहने लगे, ‘’इतना बड़ा कदम तुमने क्यों उठा लिया मारिया.? मुझे कुछ तो बताया होता, मैं भी तो इस काम में तुम्हारी बराबर की भागीदार थी तो सबकुछ तुम अकेले क्यों सह रही हो, ऐसी नौबत क्यों आने दी कि तुम्हें जान देनी पड़ रही है।‘’
मीरा के इस सवाल का जवाब न देकर मारिया बोली, ’’मेरी मानो तो मुझे यहां दफन करने के बाद बिना किसी को बताए दिल्ली के लिए निकल जाओ, और वहीं कोई जॉब ज्वाइन कर लो।‘’
यह कहते ही मारिया को एक जोरदार हिचकी आई और उसके मुंह से खून का फौव्वारा निकल आया। उसका शरीर खून से भीग गया। मीरा सदमें में जड़ हो गई....आज का दिन भी कितना अनिष्टकारी था, अभी कुछ समय पहले ही रजनीश का खून से लथपथ शरीर देखा और अब मारिया का।
किसी तरह हिम्मत जुटाकर मारिया ने फिर कहा, ‘’बहुत कुछ करना चाहती थी पर कर नहीं पाई मीरा, इसी बात का बहुत दुख है। पर खुशी इस बात की है कि मैं जॉन के पास जा रही हूं, अपने पैरेंट्स के पास जा रही हूं, अपने जुड़वा भाइयों के पास जा रही हूं, तुम्हें पता है मीरा मेरे जुड़वा भाई थे, मेरे डैडी जो कार चला रहे थे उसका एक्सीडेंट हो गया था उसमें मम्मी के अलावा मेरे दोनों जुड़वा भाई भी थे, सब एक साथ मुझे छोड़कर चले गए...फिर जॉन मेरी लाइफ मे आया मुझे जीने की वजह मिल गई पर वह भी मुझे छोड़कर चला गया। अब जीने की सारी वजह ही खत्म हो गई है मीरा, पर थोड़ा सूकुन इस बात का है कि चीफ को थोड़ा सा दुख देकर जा रही हूं…अब मैं सबसे मिलूंगी....अपने पूरे परिवार से, परिवार से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नहीं होता है ना मीरा...परिवार सबकुछ होता है। ओह वो देखो मीरा.…ऊपर उड़ते बादलों के बीच जॉन झांक रहा है…मेरे दोनों भाई मुझे बुला रहे हैं, मम्मी डैडी मुस्कुरा कर बांहे फैलाकर मुझे बुला रहे हैं। यह कितना अच्छा समय है मीरा, मैं बेवजह यहां नीचे अकेले भटक रही थी…मेरा सब कुछ तो वहां है, उस अनंत आसमान में.....’’
मीरा हिचकियां ले लेकर रोने लगी...’’प्लीज प्लीज मत जाओ, मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगी।‘
मारिया अस्फुट स्वर में बोले जा रही थी…’’एक सुंदर दुनिया मेरा इंतजार कर रही है, मैं वहां जा रही हूं, जहां केवल प्यार ही प्यार होगा। नफरत, छलकपट, हिंसा द्वेष का नामोनिशान नहीं होगा...सबकुछ सुंदर होगा…कहते-कहते मारिया के होंठो ने काम करना बंद कर दिया, आंखे पत्थर की तरह स्थिर हो गई।
मीरा को मारिया का हाथ ठंडा सा महसूस हुआ। मारिया एकदम स्थिर हो चुकी थी...मीरा उसे कांपते हुए देख रही थी। उसने मारिया की सांसे और नब्ज चेक की सबकुछ बंद हो चुका था, मारिया की आत्मा चुपके से अनंत यात्रा के लिए निकल गया था।
मीरा बिलखकर रोने लगी…कुछ देर रोने के बाद वह शांत होकर बैठ गई। अंधेरा घिरने लगा था, मीरा के शरीर में सिहरन दौड़ गई, अब बहुत देर तक अकेले और अंधेरे में कब्रिस्तान मे रहना भी ठीक नहीं था।
फिर फटाफट मीरा ने वही किया जो मारिया ने कहा था, किसी तरह मारिया की बॉडी को घसीटकर ताबूत में डालकर मारिया की बॉडी पर बाइबिल रख दी जो उसने ली थी...फिर पर्ची में लिखे उस संदेश को पढ़ा जो मारिया ने उसे दिया था। ताबूत बंद करके उसपर मिट्टी चढ़ा दी और उसके बगल में रखे फूलों की टोकरी से फूल लेकर कब्र पर चढ़ा दिए।
''तुम्हारी आत्मा को शांति मिले…तुम परमब्रहृा में विलीन हो जाओ…जीवन मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त कर लो, भगवान से मेरी यही प्रार्थना है।''
अब पूरी तरह से अंधेरा छा गया थ, मीरा ने मोबाइल से टार्च आन किया और सधे कदमों से कब्रिस्तान से बाहर निकलने लगी...अचानक पता नहीं क्यों उसके मन का डर खत्म हो गया...उसके मन में चीफ के लिए नफरत चार गुना और बढ़ गई।
अब मीरा का अगला कदम क्या होगा?
क्या मारिया की मौत के बाद मीरा चीफ का सच जान पाएगी?
क्या युग मीरा की कोई मदद करेगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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