युग चीफ के बाहर वाले रूम में अकेला खड़ा था...मकरंद और अभिजीत इंसपेक्‍टर भोसलेकर के साथ मारिया को ढूंढने के लिए निकल गए थे। मरने से पहले मारिया ने युग को कुछ कोडवर्ड में मैसेज किया और फिर अपने फोन को पूरी तरह से नष्‍ट कर दिया था। उन सभी सीसीटीवी कैमरों को हैक कर दिया था जो मारिया के कब्रिस्‍तान पहुंचने तक का रास्‍ता चीफ को दे सकते थे। 

मारिया ने अपने सारे जासूसों को भी फिलहाल इधर-उधर हो जाने के लिए कह दिया था...बाई चांस अगर चीफ को पता भी चलता तो उसे केवल मारिया की लाश मिलती पर मारिया नहीं। चीफ के पास एक से बढ़कर एक खोजी कुत्‍ते थे पर मारिया भी कम नहीं थी, उसकी पूरी कोशिश की थी मरने से पहले अपने सारे निशान मिटाकर जाए। 

युग इस समय गहरे तनाव में आ गया था, उसने मारिया के सारे कोडवर्ड मैसेज पढ़े और फिर उन्‍हें मिटा दिया। जो कुछ उसने और मारिया ने सोचा था वैसा तो एक परसेंट भी नहीं हो पाया। शायद उनकी तैयारियों में कहीं कोई कमी रह गई थी...वह चीफ जिसने सालों में इतनी ताकत और इतना पैसा कमाया था उसे हिला पाना युग और मारिया के बस की बात नहीं थी, उसके लिए जरूरी थी एक विशेष प्‍लानिंग जो युग और मारिया नहीं कर पाए थे। 

युग के पास एक नहीं हजार मौके थे चीफ को खत्‍म करने के पर उसके खत्‍म होने पर चीफ का कारोबार संभालने और बांटने के लिए सैकड़ो लोग बैठे थे, चीफ के सारे लैब खत्‍म करने थे...इससे उसकी ताकत वैसे ही आधी से कम हो जाती, उसे करोड़ों का नुकसान हो जाता। यह चोट चीफ बरदाश्‍त नहीं कर पाता। 

तभी एक बेल बजी, यह चीफ ने बजाई थी जिसका मतलब यह था कि चीफ युग को अंदर बुला रहा था। 

युग अंदर गया...चीफ इस समय रूम की बालकनी में खड़ा होकर ठंडी हवा का आनंद ले रहा था। उसके चेहरे से लग ही नहीं रहा था कि अभी कुछ समय पहले वह गहरे तनाव में था, करन के कातिल का पता लगते ही चीफ के चेहरे पर रहस्‍यमई संतुष्‍टि के भाव नजर आ रहे थे। 

क्‍या चीफ को पता नहीं है अब तक तो मारिया जमीन के अंदर दबी पड़ी होगी...चीफ भले ही कितना चालाक हो पर उसके दुश्‍मन भी कम चालाक नहीं है, मारिया की मौत चीफ के लिए बहुत बड़ी हार साबित होने वाली है, वे यह कभी नहीं जान पाएंगे कि मारिया ने करन को क्‍यों मारा?

तभी चीफ ने युग से कहा, ‘मैं जानता हूं कि मारिया ने करन को क्‍यों मारा।‘

ये सुनकर जैसे युग गहरी नींद से जाग उठा हो, उसके पैर कांपने लगे, क्‍या चीफ मन में चल रही बातों को भी पढ़ लेता है, इसे कैसे पता लचा कि मैं क्‍या सोच रहा हूं?‘ 

युग ने अनजान बनने का नाटक करते हुए कहा, ‘’क्‍या कहा चीफ आपने...?

चीफ ने फिर से कहा, ‘’अरे मैं यह कह रहा हूं मारिया ने करन को क्‍यों मारा...’’

क्‍यों क्‍यों चीफ...?’’ युग के होंठ कांप उठे थे। 

’क्‍योंकि वह मुझे नहीं मार सकती थी इसलिए...कम से कम उसका कुछ तो गुस्‍सा कम हुआ होगा, आखिर हमने उसके पति को जो मारा था, जॉन उसका प्रेमी या मंगेतर तो था नहीं पति था जिसे वह बहुत प्‍यार करती थी।‘

युग ने कहा, ‘पर चीफ जॉन को तो मैंने मारा था, इस नाते तो मारिया को मेरी जान लेनी चाहिए थी, बेकार में करन को अपनी जान गंवानी पड़ी, वह भी मेरे कारण।‘

‘तुम अपना दिल छोटा मत करो युग...यह मौका जल्‍द ही मिलेगा। फिलहाल खुशी की बात तो यह है कि सब कुछ साल्‍व हो गया है....’’ 

‘’अभी कहां साल्‍व हुआ है चीफ..? अभी तो मारिया का पता भी नहीं चल पाया है।‘’

चीफ बालकनी के अंदर आ गया, कांच की टेबल पर वाइन से भरी एक बोतल रखी थी और एक ट्रे में कुछ कांच की गिलास थे। चीफ ने दो गिलास उठाए और उसमें वाइन भरने लगा। 

युग ने देखा इस समय चीफ शर्टलेस था...उसी टेबल के दूसरी ओर साइलेंसर युक्‍त एक रिवाल्‍वर रखी थी, जो फुल लोडेड थी। चीफ हर तरफ से निहत्‍था था, युग के पास पूरा मौका था रिवाल्‍वर की सारी गोलिया चीफ के सीने में उतारने का...चीफ के बाकी बाउंसर नीचे और ऊपर वाले फ्लोर पर थे, अभिजीत और मकरंद भी यहां नहीं थे। युग आसानी से चीफ को मौत के घाट उतार सकता था, यह चीफ का प्राइवेट रूम था...यहां कोई सीसीटीवी भी नहीं था। 

युग चीफ का विश्‍वसनीय बॉडीगार्ड था, अगर वह चीफ को मारकर बाहर सबको झूठ बोल देता कि चीफ को किसी हत्‍यारे ने मार दिया है तो कोई भी आंख बंद करके विश्‍वास कर लेता…क्‍योंकि यह युग कह रहा था। वह बहुत बड़ा काम कर लेगा...कम से कम लीडर को तो मारकर चैन मिलेगा, एक बार लीडर मर गया तो इसकी सारी वैक्‍सीन की इंडस्‍ट्री ढह जाएगी। बाकी के साजिशकर्ता भी धीरे-धीरे बाहर आ जाएंगे, चीफ की कम्‍पनी के शेयर औधे मुंह जा गिरेंगे...हर तरफ केवल विनाश ही विनाश होगा।

इससे अच्‍छा मौका तुम्‍हें अब कभी नहीं मिलेगा...मारिया चली गई और अब ऊपर वाला तुम्‍हारे साथ है, उठाओ ये गन और भून डालो इस चीफ को।

''क्‍या सोच रहे हो युग..?

युग झटके से अपनी सोच से बाहर आया..उसने देखा की चीफ उसके सामने खड़ा होकर मुस्कुरा रहा है, उसने अपनी दोनों हाथ में वाइन से भरे गिलास पकड़ रखे थे और एक गिलास युग की तरफ बढ़ाकर मुस्‍कुरा रहा था। 

युग ने भी हल्‍की सी स्‍माइल दी और वाइन भरा गिलास पकड़ लिया। 

‘क्‍या सोचने लगे थे..ऐसा लग रहा था कि तुम यहां रहकर भी नहीं थे।‘

‘’चीफ मुझे करन की याद आ रही थी...अभिजीत और मकरंद यहां नहीं है तो ऐसी सिचुएशन में मैं और करन हमेशा आपके साथ रहते थे...पर आज हम अकेले है।‘’ 

चीफ ने वाइन का एक घूंट अपने मुंह में डालकर कहा, ‘करन चला गया है युग, अब उसके बारे में क्‍या सोचना..? वह होता तो बहुत कुछ होता, पर अब वह नहीं है, अब उसके कातिल को कड़ी सजा देकर उसका चैप्‍टर हमेशा के लिए क्‍लोज करना है और आगे के बारे में सोचना है।‘’

युग ने सहमति में सिर हिलाया, चीफ ने उसे वाइन पीने का इशारा करते हुए खुद भी पीने लगा। युग एक सांस में ही सारी वाइन पी गया, वह चीफ की तरह वाइन का एक-एक घूंट इंजॉय करके नहीं पीना चाहता था। गिलास को टेबल पर रखकर युग ने चीफ से पूछा, ‘’मुझसे कुछ काम था चीफ..?’’

‘’आह..नहीं, काम वाम कुछ नहीं बस कुछ करने का मन नहीं हो रहा था तो सोचा तुम्‍हारे साथ एक ड्रिंक कर लेता हूं।‘

‘’ओके….चीफ तो मैं जाऊं?‘

‘इतनी भी क्‍या जल्‍दी है युग..? एक ड्रिंक और बनाता हूं, चिल करते हैं।‘ कहकर चीफ ने वाइन की बोतल की ओर अपना हाथ बढ़ाया। 

‘’नहीं चीफ रहने दीजिए...अब मन नहीं है, करन के जाने के बाद कुछ भी करने का मन नहीं कर रहा है।‘’ 

चीफ का हाथ वहीं का वहीं रूक गया। चीफ ने कंधे उचकाकर कहा, ‘’ओके जैसा तुम चाहो, चलो बालकनी में ठंडी हवा खाते हैं, दो दिन से बारिश हो रही है मौसम कितना सुहाना हो गया है।‘’ कहकर चीफ बालकनी में चला आया, साथ-साथ युग भी आकर खड़ा हो गया। 

चीफ का घर हरे भरे पेड़ो से घिरा हुआ था...उसके बाद उसकी ही बनाई हुई मल्‍टीस्‍टोरी बिल्‍डिंग जगमग कर रही थी। 

चीफ ने वाइन का गिलास खत्‍म करके कहा, ‘’इतने सुहाने मौसम में गर्लफ्रेंड साथ हो तो मौसम का मजा दोगुना हो जाता है, क्‍यों है ना युग..?’’ 

‘’पता नहीं चीफ’’ 

चीफ ने हंसते हुए कहा, ‘’अच्‍छा तो तुम्‍हें ऐसा मौसम रोमांटिक नहीं लगता है…क्‍या तुम्‍हें अपनी गर्लफ्रेंड इशिका की याद नहीं आ रही है?‘’ 

युग ने पहले तो चीफ को अजीब नजरों से देखा, आज से पहले चीफ ने उसकी गर्लफ्रेंड का नाम कभी लिया ही नहीं था। आज क्‍यों..? यह चीफ को हो क्‍या गया है..? करन की मौत से कुछ ज्‍यादा ही सदमें में आ गए हैं और मुझे उसे भूलने के लिए कह रहे हैं।‘ 

क्‍या सोच रहे हो युग..? सच में इशिका की याद आ रही है ना...इतने रोमांटिक और सुहाने मौसम में गर्लफ्रेंड की बाहों से ज्‍यादा अच्‍छी जगह और क्‍या हो सकती है?‘’ 

युग ने सपाट स्‍वर में कहा, ‘’नहीं चीफ, ऐसी सिचुएशन में जब आपके करीबी दोस्‍त का कत्‍ल हो गया हो आप अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में सोच भी कैसे सकते हैं?‘’ 

मैं तो सोच रहा हूं, मीरा के बारे में....काश वह यहां होती मेरे साथ, उसके साथ रोमांटिक बातें करता, उसे कुछ रोमांटिक शायरियां सुनाता, इस भीगे भीगे मौसम को पूरी तरह से इंजॅाय करता।‘’ 

युग कुछ न बोला...क्‍या चीफ नहीं जानता कि मारिया के जैसे मीरा भी उसकी जान के पीछे पड़ी है पर मीरा तो एक छईमुई सी लड़की है, वह मारिया जैसी स्‍ट्रांग नहीं है, वह टूट जाएगी पूरी तरह से बिखर जाएगी अगर वह चीफ के हाथ लग गई या फिर चीफ की सच्‍चाई उसे पता चल गई। 

चीफ ने फिर से युग का ध्‍यान तोड़ा...तुम बार-बार कुछ सोचने लगते हो...’’ 

युग ने अपने माथे को सहलाते हुए कहा, ‘’हां चीफ, वो बताया तो आपको कि मेरा मन खराब है।‘’ 

‘’ओके तो मन खराब है तो तुम यहां से चले जाओ, मुझे लग रहा है कि तुम्‍हें ब्रेक की जरूरत है..तुम घर जाकर आराम करो।‘

नहीं चीफ मैं कहीं नहीं जाना चाहता, मैं यही आपके पास ही रहना चाहता हूं।‘ 

‘’क्‍यों तुम्‍हें डर है कि करन के जैसे तुम्‍हारा भी कत्‍ल कर दिया जाएगा?‘’

‘’नहीं चीफ ऐसी कोई बात नहीं है, मैं मरने से नहीं डरता और मारिया मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती, वह करन को अपने रूपजाल में फंसा सकती है पर मुझे नहीं...मैं बस यहीं रहना चाहता हूं और कुछ नहीं।‘’ 

‘’ओके जैसी तुम्‍हारी मरजी, आज न सही तो कल छुट्टी ले लेना, या फिर जब मकरंद और अभिजीत आ जाए तब चले जाना।‘’ 

तभी चीफ का फोन बजा...अभिजीत का फोन था...अभिजीत मुंबई की पूरी पुलिस फोर्स के साथ पूरे मारिया को ढूंढने के लिए पूरे मुंबई की नाकेबंदी कर चुका था..इतना तो अभिजीत को पता चल गया था कि मारिया अभी तक मुंबई में ही है….इतना काफी था। अभिजीत जल्‍दी से जल्‍दी करन की कातिल को चीफ के सामने पेश करना चाहता था। 

चीफ ने फोन को कान से लगाकर कहा, ‘’हां अभिजीत कहो क्‍या खबर है, मारिया का कुछ पता चला।‘ 

इधर से अभिजीत ने कहा, ‘’सर मारिया का तो कुछ नहीं पता चला पर यहां मुझे कोई और दिखा है।‘’

चीफ ने अभिजीत की बात सुनकर कहा, ‘’व्‍हाट...क्‍या कह रहे हो.? एयरपोर्ट पर मीरा..को देखा तुमने...पर वह तो अपने घर पर है, तुम्‍हारे आदमियों ने ही तो यह सूचना दी थी।‘’ 

‘’हां सर दी तो थी, पर शाम को किसी से मिलने गई थी, मिलकर आई तो तुरंत अपना सामान पैक किया और एयरपोर्ट आ गई।‘’ 

‘’कहां गई थी वह किससे मिलने गई थी.?’’ 

हमें नहीं पता सर...उस समय तेज बारिश हो रही थी और हमारे वे आदमी जो मीरा पर नजर रख रहे थे बारिश के कारण किसी आड़ वाली जगह चले गए थे, इसी बीच लगता है कि मीरा कहीं निकल गई, हमारे आदमियों को तब पता चला जब मीरा आटो में बैठकर सोसाइटी में लौटी, हमें लगा की...की...आगे अभिजीत नहीं बोल पया। 

‘थर्ड क्‍लास की सिक्‍योरिटी है तुम्‍हारी अभिजीत..अगर मीरा को कुछ हो जाता तो..?’’ चीफ गरज उठा।

‘’सॉरी बॉस, आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा...’’ 

‘’मीरा कहां जा रही है इसके बारें में कुछ पता चला।‘’ 

नहीं बॉस, अब तो एयरपोर्ट के अंदर जाकर ही कुछ पता चल पाएगा।

‘’पता लगाओ, जल्‍दी।‘’ कहकर झुंझलाते हुए चीफ ने फोन को टेबल पर रख दिया। 

मीरा इतनी जल्‍दी मुंबई से बाहर जा रही है, जरूर मारिया ने उसे ऐसा करने के लिए कहा होगा। थैंक गॉड अभिजीत के आदमियों को यह नहीं पता चल पाया कि मीरा शाम को कहां गई थी। 

 

मारिया को दफनाने के बाद मीरा घर लौटी और जल्‍दी-जल्‍दी अपना सामान पैक करने लगी...अब उसे मुंबई छोड़कर हमेशा के लिए जाना था...इसलिए वह अपने सारे जरूरत के कपड़े पैक कर रही थी। 

मारिया ने मरने से पहले उसके लिए टिकट बुक कर दिया था, अपने घर के साथ-साथ उस घर का पता भी दे दिया था जहां उसे जाना था, चीफ की मरी हुई गर्लफ्रेंड के घर। 

मीरा ने सारी तैयारी करने के बाद एक गहरी नजर घर पर डाली, घर का अधिकतर सामान मकान मालिक का ही था इसलिए उसे कोई फर्नीचर ले जाने की जरूरत भी नहीं थी, उसका केवल किचन का सामान था। जिसे उसने अपनी कामवाली को कल आकर ले जाने के लिए मैसेज डाल दिया था, फिर शांतनु को मैसेज डाल दिया कि अब वह यह जॉब नहीं करेगी। 

मीरा अपना बैग लेकर बाहर आई...तीन घंटे बाद उसकी फ्लाइट थी मीरा को जल्‍दी से जल्‍दी एयरपोर्ट पहुंचना था, उसने अपने फ्लैट की चाभी पड़ोसी को दी और साथ में अपनी कामवाली के बचे हुए पैसे देकर कहा कि कल आए तो उसे यह दे दीजिएगा और घर में कुछ सामान भी हैं जो उसके काम आ सकता हैं तो वह भी दे दीजिएगा। 

मीरा ने अपने पड़ोसी को यह नहीं बताया कि अब वह हमेशा के लिए यह घर छोड़कर जा रही है। घर से बाहर निकलकर मीरा ने आर्यन को याद किया और कहा, ‘’आई एम सॉरी आर्यन...पर मुझे पता है कि तुम मुझे ढूंढते हुए दिल्‍ली तक जरूर आओगे...मैं तुम्‍हारा इंतजार करूंगी।‘’ 

 

क्‍या मीरा को आर्यन से प्‍यार हो गया है? 

क्‍या युग को चीफ को मारने का दोबारा मौका मिलेगा?

क्‍या चीफ मीरा को मुंबई से बाहर जाने से रोक पाएगा?

जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्‍बत।

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