मीरा का मन हो रहा था कि यहां से भाग जाए....रजनीश की मां की चीखे उसके कानो में रह रहकर गूंज रही थी....कहीं न कहीं मीरा को ऐसा लग रहा था कि मैं ही रजनीश की मौत की जिम्मेदार तो नहीं हूं? मुझे छेड़ने के बाद वह गायब हो गया...क्या कोई मुझ पर नजर रख रहा है? यह तो सच है कि आर्यन नहीं हो सकता, तो फिर कौन है?
मीरा का मन तमाम उलझनों से भर गया....पता नहीं सोसाइटी में लोग क्या-क्या बातें बना रहे होंगे, कहीं वे लोग भी रजनीश की मौत का कारण मुझे ही तो नहीं ठहरा रहे हैं?
जब रजनीश के माता पिता को पता है, सोसाइटी के गार्ड को पता है कि रजनीश यहां से गायब होने से पहले जिस आखिरी इंसान से मिला था वह मैं ही थी…तब वे मेरे बारे में क्या सोचेंगे पर वह तो अपने डांस बार से उठाया गया था, और मैंने तो यह भी सुना है कि वह कई लड़कियों के साथ छेड़छाड़ कर चुका है। मेरा इसमें कहीं से हाथ नहीं है…किसी के पास कोई सबूत नहीं है कि रजनीश की ऐसी हालत की जिम्मेदार मैं ही हूं।
मीरा को इस समय अपनी मां की बहुत याद आ रही थी, जब से वह दोबारा राघव से मिली और मुश्किलों का सिलसिला शुरू हुआ वह अब तक नहीं रूका था। क्या राघव भी इन्हीं मुश्किलों से गुजर रहा होगा? उसने मुझसे किसी तरह का कोई कान्टेक्ट नहीं किया...वह ठीक तो होगा ना? क्या वह भी चीफ तक पहुंचने के लिए हाथ पैर मार रहा होगा? आखिर उसी चीफ के कारण तो हम अलग हुए थे, हमारी शादी टूटी थी।
ओह नहीं, मैं उसे क्यों याद कर रही हूं, अब हमारे रास्ते अलग हो चुके हैं…उसके साथ एक बच्चा है, भले ही उसका न हो पर अब कबीर ही तो उसकी दुनिया है, और मेरी दुनिया क्या है? क्या आर्यन? वह मेरे दिल में जगह बना रहा है, अगर सच में मैं इस वक्त किसी को अपने पास चाहती हूं तो शायद मेरी मां है या फिर आर्यन...आर्यन के पास रहकर मैं अपनी सारी तकलीफें भूल जाती हूं।‘
मीरा ने अपने भटकते हुए मन पर काबू किया, सच में अब मैं यहां नहीं रह सकती।‘’
मीरा ने फैसला कर लिया कि अब वह यह घर छोड़ देगी...क्योंकि अगर यहां रही तो रजनीश के मां बाप से सामना होगा ही होगा और कहीं ना कहीं वह अपने आप को ही दोषी मानेगी।
मारिया ने मुझसे अब तक कान्टेक्ट क्यों नहीं किया?
मन को शांत करने के लिए मीरा ने बहुत ही धीमी आवाज में भजन चला लिया, जो वह अक्सर परेशान होने पर चला लिया करती थी, कुछ ही मिनटों में उसके दिल और दिमाग में एक शांति छा गई और वह चादर ओढ़कर लेट गई।
ऊधर युग ने जैसे ही चीफ के हाथ में मारिया की फोटो देखी...उसके बाद मौका देखकर कोडवर्ड में मारिया को मैसेज कर दिया कि जितनी जल्दी हो सके यहां से निकल जाओ। अब युग को पता चल गया था कि अब चीफ से मारिया को इस दुनिया का कोई आदमी तो क्या खुद स्वर्ग के फरिश्ते भी नहीं बचा सकते हैं।
मारिया जहां मीरा को सरप्राइज देने के लिए उसके घर जाने वाली थी कि युग का मैसेज देखकर उसके होश उड़ गए। चीफ की काबिलियत और उसकी सोचने की शक्ति पर मारिया का दिमाग चकरा गया, करन के कत्ल का कुछ ही घंटो में चीफ ने पता लगा लिया कि करन को कौन मार सकता है। अब मीरा से मिलने का वक्त नहीं रह गया था...चीफ किसी भी समय मुझ तक पहुंच सकता है, मैं उसके मौत देने का तरीका जानती हूं पर मैं अपनी मौत खुद चुनुंगी।
मारिया ने अपनी बिल्डिंग से देखा, बिल्डिंग के पास एक पार्क था और पार्क के पास एक कब्रिस्तान...मारिया ने बाइबिल उठाई और अपनी छाती से लगाकर मन ही मन कुछ बुदबुदाने लगी।
दस मिनट बाद उसके चेहरे पर असीम संतुष्टि और शांति...एक ऐसी शांति जो मन की सारी इच्छाएं खत्म होने के बाद परमआनंद की होती है। उसने अपने गले में पहने क्रास को अपनी मुटठी में बांधा और जीसस को याद करते हुए कहा, ‘’प्रभु यीशु मैं आपके पास आ रही हूं।‘’ मन ही मन ध्यान करके मारिया ने बाइबिल को स्टूल पर रखा और मीरा को फोन लगाकर केवल इतना ही कहा कि अभी इसी वक्त जहां भी है जैसी भी हालत में है, कब्रिस्तान में पहुंचे और हां अब मुझे फोन मत करना, क्योंकि मैं यह फोन तोड़कर…इसके टुकड़े-टुकड़े कर के आग में जलाने वाली हूं।‘’ कहकर मारिया ने वो जहर का पाउडर उठाया, जिसे इस्तेमाल करने का समय आ गया था और कहीं ना कहीं मारिया को लग रहा था कि बहुत ही जल्दी इसकी जरूरत पड़ेगी।
सुदीप और उसका स्टाफ आनन-फानन में चीफ के ऑफिस में लाया गया...चीफ को जल्दी से जल्दी करन के कातिल तक पहुंचना था, इसके लिए उसने आकाश पाताल एक कर दिया था...वह करन के कातिल को करन के मरने के चौबीस घंटे के अंदर-अंदर यमराज के पास पहुंचाना चाहता था।
चीफ के हाथ में वाइन का गिलास था और दूसरे हाथ में सिगरेट…आज चीफ ने हद से ज्यादा सिगरेट पी ली थी। अभिजीत बार-बार उसे मना कर रहा था पर चीफ ने उसे हाथ दिखाकर मना कर दिया। चीफ के सामने सुदीप अपने होटल के उन लोगों के साथ बैठा था जिन लोगों ने मारिया को देखा था, भोसलेकर अपने दो साथी पुलिसवालों के साथ एक कोने में खड़ा था।
युग मन ही मन भगवान से मांग रहा था कि इतनी देर में मारिया अपने बचने का कोई ना कोई तरीका तो खोज ही लेगी...पर कितनी देर बचेगी। अगर केवल स्केच होता तो मारिया का मिलना मुश्किल था पर फोटो ने सबकुछ बर्बाद करके रख दिया।
आई एम सॉरी मारिया...तुम जो चाहती थी वह नहीं हो पाया, अफसोस इस बात का रहेगा कि तुम अपने पति की मौत का बदला नहीं ले पाई पर मै इस चीफ से अपने बाप की मौत का बदला जरूर लूंगा....वह तुम तक पहुंच सकता है पर मुझ तक नहीं। मुझे विश्वास है कि मरने से पहले तुम वे सारे कोडवर्ड वाले मैसेज मिटा दोगी जो मैंने तुम्हें भेजे हैं, इस समय युग की भी जान उसके हलक में फंसी हुई थी।
सुदीप ने मारिया की वह फोटो देखी और उसके मुंह से वह सच निकल गया जो वह छिपा रहा था कि करन अपने साथ एक लड़की को होटल में लेकर आया था। अति उत्साहित होकर सुदीप ने कहा, ‘’हां सर, यह तो वही लड़की है जो मुझे एक नाइट क्लब में मिली थी और मैंने ही उसे करन सर के लिए चुना था...फिर तुरंत जैसे सुदीप के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने यह क्या बोल दिया था? उसका स्टाफ आंखे फाड़े डर के मारे सुदीप और चीफ को देख रहा था....चीफ वैसे ही सामान्य होकर खड़ा था, उसने अपने हाथ में वाइन पकड़ी थी जिसे वह गोल गोल घुमाकर सुदीप को देखकर तिरछी स्माइल दे रहा था...मानो उसे पता था कि सुदीप इतनी देर से झूठ बोल रहा है, पर मारिया की फोटो देखते ही सच जरूर बोलेगा।
सुदीप की नजर चीफ के चारो ओर खड़े बाउंसरो पर पड़ी फिर मेन तीन बाउंसर ...युग..अभिजीत और मकरंद पर....मकरंद का चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था, अभिजीत के चेहरे पर हैरानी के भाव थे और युग का चेहरे पर अफसोस और सहानुभूति का भाव था। सुदीप ने अपनी बेवकूफी से केवल अपनी ही नहीं बल्कि अपने स्टाफ की जिंदगी भी खतरे में डाल दी थी।
हैरानी के कारण इंसपेक्टर का मुंह खुला का खुला रह गया, वे गुस्से से भन्ना उठे और गुर्राते हुए सुदीप से बोले, ’मतलब तू हमें इतनी देर से पोपट बना रहा था हरामखोर...झूठ पर झूठ बोले जा रहा था, तूझे तो मैं लॉकअप में उल्टा लटकाकर पीटूंगा।‘
चीफ ने हाथ उठाकर इंस्पेक्टर को चुप रहने को कहा। इंस्पेक्टर मन मसोस कर रह गए।
वह हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा...सर सर मुझे माफ कर दीजिए, आप जैसे पॉवरफुल इंसान को देखकर मैं डर गया था...सर सर मैं सबकुछ सच बताता हूं। फिर सुदीप ने मारिया से नाइट क्लब में मिलने की बात और मारिया की झूठी स्टोरी के बारे में बताकर होटल में लाने की बात कह डाली....सर मैं तो उसे एक मजबूर लड़की समझकर ले आया था....मुझे एकदम नहीं पता था सर कि वह एक हत्यारिन है। करन सर तो हमारे रेगुलर कस्टमर थे, उन्हें खुश रखना हमारी प्राथमिकता थी...हम उनके साथ ऐसा कैसे कर सकते हैं?
चीफ के चारो ओर खड़े बाउंसर एकदम रेडी लग रहे थे कि चीफ अब इन सभी को गोली मारने का आदेश देंगे...सुदीप के साथ आया उसका स्टाफ पसीने से पानी पानी हो गया था...चीफ के रूप में साक्षात काल उनके सामने खड़ा था। मरने वाला भी तो चीफ का खास था और सबसे बड़ी बात इन सबने केवल पुलिस ही नहीं बल्कि चीफ से भी झूठ बोला था…वह चीफ जिसे गददारी के साथ-साथ झूठ से भी सख्त नफरत थी।
‘सर हम तो गरीब लोग है, आपके सामने हमारी क्या औकात है....हमें जाने दीजिए सर...हम जिंदगी भर आपके गुलाम बनकर रहेंगे...आपको भगवान मानेंगे।‘ सुदीप के साथ-साथ उसके सारे साथी भी हाथ जोड़कर चीफ के सामने गिड़गिड़ाने लगे।
चीफ ने सर्द आवाज में कहा, ‘’ठीक है जाओ।‘’
सुदीप को अपने कान पर विश्वास ही नहीं हुआ कि चीफ ने अभी क्या कहा।
जी जी सर…’’ सुदीप ने कांपती आवाज में कन्फर्म करते हुए फिर से पूछा।
चीफ ने वाइन का गिलास होंठो से लगाया और उसे पूरा खाली करके टेबल पर रखकर अपने दोनों हाथ पैंट की दोनों जेब में डालकर कहा, ‘’मैंने कहा जाओ, फिर चीफ ने इंस्पेक्टर भोसलेकर से कहा, ‘’इन सभी लोगों पर लगे सारे चार्जेस हटा दो, इनके होटल को खुलवा दो, वह जैसा चल रहा है वैसा चलने दो। किसी को भी यह पता नहीं चलना चाहिए कि उस होटल में कोई मर्डर हुआ था।‘’
भोसलेकर ने कहा, ‘’लेकिन सर, इस मैनेजर सुदीप ने आपके साथ फ्राड किया है....केवल इसने ही नहीं, रिसेप्शनिस्ट, किचन स्टाफ, फूड सर्विंग स्टाफ ने भी आपसे झूठ बोला, इन पर फ्राड का केस तो बनता है, दफा चार सौ बीस लगाना होगा, एक तरह से इन सभी ने आपकी इंसल्ट की है, आप इन पर चाहे तो मानहानि का दावा ठोंक कर इन्हें सड़क का भिखारी बना सकते हैं।‘
चीफ ने सिगरेट सुलगाते हुए कहा, ‘वह तो मैं ऐसे भी कर सकता हूं, इनका होटल बंद करवाकर वैसे ही भिखारी बना सकता हूं और मेरे पास इतना समय नहीं है कि में ऐसे छोटे-छोटे लोगों से उलझता फिरूं…अगर मैं ऐसा करता तो जहां पहुंचा हूं वहां कभी न पहुंचता, मुझे केवल करन के कातिल का पता चाहिए था वह मुझे मिल गया।
‘’ओके मिस्टर चीफ...जैसा आप कहें, अगर आप चाहते हैं कि इन्हें बाइज्जत जाने दिया जाए तो ऐसा ही होगा, पर मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं?‘’
फिर चीफ ने उस लड़की की फोटो भोसलेकर को दिखाते हुए कहा, ‘’अगर आप मेरे लिए वाकई में कुछ करना चाहते हैं तो कल तक इस लड़की को मेरे सामने ले आइए।‘’
भोसलेकर ने मारिया की फोटो अपने मोबाइल में लेकर चीफ से कहा, ‘’कल तक क्यों सर, मैं आज रात तक इसे आपके सामने पेश कर दूंगा।‘’
चीफ चेयर पर बैठ गया और सिगरेट का लम्बा कश लगाते हुए बोला, ‘’रिलैक्स इंस्पेक्टर...आप सुबह से इस केस में लगे हैं, ऐसा कीजिए अब आप घर जाइए, अपनी पसंद का डिनर कीजिए, बीवी से प्यार मोहब्बत कीजिए, और आराम कीजिए…अब इतनी भी जल्दी मत मचाइए। मेरे दुशमन को सेलिब्रेट करने का मौका तो दे दीजिए...उसे कहीं भागना है तो भागने का मौका दे दीजिए.... मैं चाहता हूं कि वह अपनी मौत से पहले हजार बार मरे...वरना कल तक तो उसे मौत मिलनी ही है, वह भी मेरे हाथों।‘’
इंस्पेक्टर ने सहमति में गरदन हिला दी।
इधर फोन रिंग होते ही मीरा हड़बड़ाकर उठ गई....मोबाइल उठाकर देखा तो मारिया का फोन...मीरा ने राहत की सांस ली, थैंक गॉड इसने फोन तो किया।
‘’हैलो, कान में लगाकर उसने कहा।
‘’हैलो मीरा, क्या तुम सेवरी कब्रिस्तान में आ सकती हो....अभी इसी वक्त बहुत इमरजेंसी है।‘’
व्हाट, कब्रिस्तान...हां हां आ जाउंगी....अभी निकलती हूं।‘’ कहकर मीरा ने फोन रखा और फटाफट तैयार होकर निकल गई...वह खुद मारिया से मिलना चाहती थी पर उसने कब्रिस्तान क्यों बुलाया है? हो सकता है कि कोई सीरियस बात हो जो वह अपने घर में नहीं करना चाहती हो और किसी होटल रेस्टोरेंट में भी नहीं...किसी भी पब्लिक प्लेस में नहीं।
मारिया ने अपने सारे जासूसों को मैसेज कर दिया कि चीफ के बारे में जो भी जानकारी मिले वह मीरा को भेज दी जाए, अब उससे किसी तरह का कान्टेक्ट न किया जाए, वजह मीरा बता देगी। मारिया के लिए कितनी अजीब बात थी जिस मीरा से वह दूसरी बार मिलने जा रही थी उसी से अपना अंतिम संस्कार भी करवाने जा रही थी।
मारिया ने जहर की छोटी शीशी को देखकर कहा, ‘सॉरी चीफ, अपनी मौत मैं खुद तय करूंगी...मेरे जीते जी तो तुम मुझे नहीं पकड़ सकते और मेरी मौत के बाद मेरे शरीर को भी नहीं। कहकर मारिया ने वह जहर की शीशी को अपने होंठो से लगाया और दो सेकेंड में ही पूरी खाली कर दी।
क्या मारिया सच में अपनी जान दे रही है, तो फिर उसने मीरा को क्यों बुलाया?
क्या चीफ मारिया को जिंदा पकड़ लेगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
No reviews available for this chapter.