मीरा के गले से सिसकारी फूट गई…उसे अपनी सांसे बोझिल सी महसूस होने लगी, उसे लगा कि अगर वह कुछ सेकेंड और यहां खड़ी रही थी शायद बेहोश होकर गिर जाएगी। यह उसके लिए एक भयानक मंजर था...किसी डेडबॉडी को उसने ऐसी हालत में आजतक नहीं देखा था। वह तुंरत पलटी और लोगों के बीच से जगह बनाते हुए अपने फ्लैट में आ गई।
उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी, उसकी सिसकियां भी तेज होने लगी थी, उसने अपनी आंखे कसकर भींच ली, जिससे आंखों में भरे आंसू उसके गालो पर लुढ़क गए। उसकी अंतरआत्मा का एक कोना कह रहा था कि यह आर्यन ने किया था...रजनीश ने उसके साथ बदतमीजी जो की थी पर दूसरा कोना यह कह रहा था कि आर्यन तो खुद अपने ऍम्पलाई के एक्सीडेंट से परेशान है…वह ऐसा नहीं कर सकता है। वह घंमडी है जिददी है अड़ियल है तानाशाही रवैये वाला इंसान है पर किसी का ऐसे मर्डर तो नहीं कर सकता, रजनीश का जरूर किसी न किसी से कुछ पंगा हुआ होगा तभी इसे इतनी बुरी मौत मिली है, इसने जरूर किसी लड़की से छेड़छाड़ से ज्यादा ही कुछ किया होगा।
बारिश कम हो गई थी, जिससे नीचे चीखने की आवाज और भी तेज हो गई थी, मीरा रजनीश की मां के लिए दुखी हो रही थी। मां के लिए अपना बेटा बहुत प्यारा होता है भले ही वह कैसा भी क्यों ना हो? और इकलौता बेटा चला जाए तो इसके दर्द की कोई भरपाई नहीं हो सकती।
मीरा ने अपने आप को सामान्य करने की कोशिश की और बालकनी से झांककर नीचे देखने लगी...अब उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि वह नीचे जाकर रजनीश के मां बाप को सांत्वना देती। एंबुलेंस के पास एक मोर्चरी वैन आकर खड़ी हो गई, पुलिस वालों की जीप भी आ गई थी।
रजनीश की डेडबॉडी पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी वैन में रखी जाने लगी, उसकी मां की चीखे और भी बढ़ गई थी, प्लीज मेरे बेटे को मत ले जाओ, हमारे बेटे के शरीर का चीड़फाड़ मत करो, उसका शरीर मत बिगाड़ो, हमें उसका ऐसे ही अंतिम संस्कार करने दो।‘’
पुलिस वाले ने कहा, ‘’देखिए मैडम यह सरकारी काम है इसमें हम कुछ नहीं कर सकते हैं, आपको जो कहना है जाकर गर्वमेंट से कहिए।‘’
डेडबॉडी रखवाकर वैन आगे बढ़ गई, रजनीश की मां उस वैन के पीछे-पीछे पागलों की तरह भाग रही थी, मीरा से यह हृदयविदारक दृश्य नहीं देखा गया, वह अपनी छाती पर हाथ रखकर अंदर आ गई। कितना अच्छा होता कि मैं यहां आती ही नहीं…आर्यन के घर से निकलकर कहीं और चली जाती तो अच्छा था, किसी पार्क में या किसी मॉल में कम से कम यह सब तो देखने को नहीं मिलता।
चीफ की आंखो से मानो ज्वालामुखी निकल रही थी...वह उन सभी गददारों के बारे में सोच रहा था जिसे चीफ ने मरवाया था, चीफ को लग रहा था कि यह काम जरूर उन्हीं फैमिली में से किसी एक है। पर कौन कर सकता था यह काम? क्योंकि कुछ के परिवार वाले तो चीफ के डर से विदेश भाग गए थे, और जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जो बाहर नहीं जा पाए वे देश के अंदर ही कहीं गुमनाम जिंदगी जी रहे थे।
चीफ आंखे भींचे सोच रहा था…यह किसी घातक दिमाग वाली लड़की का काम हो सकता है। जिसने भी यह किया है उसने करन के बारे में बहुत कुछ स्टडी कर लिया होगा या फिर कहीं मेरे ही आसपास कोई गददार तो नहीं है। नहीं, नहीं…पर कौन हो सकती है वो लड़की? अचानक चीफ के दिल में जैसे विस्फोट सा हुआ। वे अपने हर एम्पलाई खासकर जो उनके लैब में काम करते थे उनके परिवार के बारे में पूरी जानकारी रखते थे।
जॉन नाम के उस एम्पलाई जिसे अभी कुछ समय पहले ही नोएडा के लैब में मारा गया था…उसकी एक बीवी थी, सुना था कि वह ब्लैक कैट कमांडो थी, लोमड़ी जैसा दिमाग रखती थी, जॉन से इतना प्यार करती थी कि उसके लिए अपना कैरियर भी छोड़ दिया था और वह सुंदर भी तो बहुत थी।
चीफ ने एक फाइल निकाली, जॉन की फाइल जिसमें मारिया की एक फोटो थी जिसे जॉन ने चीफ को दिखाया था, क्योंकि चीफ अपने किसी भी एम्पलाई के परिवार से सीधे मिलना पसंद नहीं करता था। वह उनकी फोटो देखकर परिचय प्राप्त करता था।
चीफ बाहर निकला…रूम के बाहर युग, मकरंद और अभिजीत खड़े थे, अचानक युग की नजरे चीफ के हाथ में पकड़ी मारिया की फोटो पर गई.…युग को ऐसा लगा जैसे उसके सामने पूरा ब्रहमांड ही डोल गया।
‘’ओह गॉड तो क्या चीफ ने पता कर लिया, कि मारिया ही? ओह माई गॉड अब किसी तरह मारिया से कान्टेक्ट कर के उसे एलर्ट करना ही होगा, अब वह किसी भी कीमत पर चीफ से बच नहीं सकती है भले ही दुनिया के किसी भी कोने में क्यों ना हो। वह चाहे कितना ही हुलिया क्यों न बदल ले, तब भी चीफ उस तक पहुंच ही जाएगा, पता नहीं मारिया अब किस पाताल लोक में जाकर छिपेगी।
चीफ एक दूसरे कॉमन रूम में गया उसके पीछे-पीछे ये तीनो भी चले गए। चीफ ने अभिजीत से पूछा, ‘उस मैनेजर ने उस लड़की का हुलिया बता दिया?‘
‘हां चीफ बता तो दिया, उनकी बातों से लग रहा है कि वह लड़की जानबूझकर अपना हुलिया बदलकर आई थी जिससे वह पहचान में ना आए, शायद उसे पहले से ही अंदाजा था कि ऐसा कुछ होगा, बहुत ही पहुंची हुई खिलाड़ी है वह लड़की।‘
मकरंद पास आकर बोला, ‘’इंसपेक्टर भोसलेकर ने उस लड़की का बनाया हुआ स्केच हमें भेजा है, कहकर उसने अपने मोबाइल में वह स्केच दिखाया। जिसे देखकर चीफ के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गई, वह केवल बीस परसेंट मारिया के फोटो से मैच कर रही थी। सुदीप, चीफ और उसका स्टाफ ही मारिया को पहचान सकता था वरना अगर इस स्केच को पूरे देश मे जगह-जगह लगा भी दिया जाता तो शायद ही मारिया कभी पहचान में आती।
मिसेज जॉन मारिया…तो तुम मिली थी करन से, हुलिया तो तुमने बदल लिया था पर कोई भी इंसान मेकअप से अपने आप को पूरी तरह से बदल नहीं सकता है।
वह युग के पास आया और बोला, ‘उस मैनेजर सुदीप और उसके स्टॉफ को यहां बुलाओ, जल्दी।‘
‘’जी बॉस...मैं अभी उस इंस्पेक्टर को फोन करता हूं, वह सबको लेकर एक घंटे के अंदर-अंदर यहां पहुंच जाएगा।।‘’
वहीं शोभित उस मसाज पार्लर वाली जिसका नाम जूली था उसके सामने खड़ा था, जिसके बारे में लोगों को सीक्रेट खबर थी कि यह मसाज पार्लर के नाम पर हाई प्रोफाइल लोगों को पार्लर में बुलाती है और उन्हें लड़कियां मुहैया कराती है। पुलिस में भी इसके खबरी थे इसलिए जब भी पुलिस को कोई सूचना मिलती थी यह जूली एलर्ट हो जाती थी।
जूली मोटी और बेडौल शरीर की, गोल मटोल भरा चेहरा, जिस पर चेचक के ढेर सारे दाग थे, जिसे प्राइमर और फाउंडेशन भी नहीं छिपा पा रहे थे, होठों को गुलाबी लिपस्टिक से रंगा हुआ था, गाल लाल ब्लशर से चमक रहे थे, पलकों पर हल्के नीले रंग का आई शैडो लगाया हुआ था। अपने ओरिजनल चेहरे से कहीं ज्यादा बदसूरत और घिनौनी लग रही थी।
जूली ब्युटी एक्सपर्ट भी थी, लोकल पत्र और पत्रिकाओं में समय-समय पर जूली की ब्यूटी टिप्स छपे रहते थे। वह अपने सामने खड़े अधेड़ शोभित को बहुत ही ध्यान से देख रही थी...शोभित की सारी बातें सुनने के बाद पहले तो उसने ना नुकर किया कि वह ऐसा कोई काम नहीं करती, तुम पुलिस वाले मेरे खिलाफ कोई सबूत तो नहीं जुटा सके तो यह सब करके मेरा पार्लर बंद करवाना चाहते हो।
शोभित ने कहा, ‘’देखो जूली जहां तक मुझे लगता है कि मेरे यहां आने से पहले तुम्हें खबर तो लग ही गई होगी कि मैं यहां क्यों आ रहा हूं? तो मुझे और कुछ बताने की जरूरत नहीं है। देखो मुझे अपनी कुछ सुंदर लड़कियों को अच्छे से तैयार करके केवल थोड़ी देर के लिए दे दो...मैं तुम्हें पहले ही बता चुका हूं कि उनसे कुछ ऐसा वैसा काम नहीं करवाउंगा, केवल थोड़ी देर के लिए उनका ध्यान भटकाना है, इसके लिए पूरे दो लाख दे रहा हूं।‘ कहकर शोभित ने पांच सौ रूपए की चार मोटी गड्डी जूली के सामने रख दी।
जूली उन नोटो को ललचाई दृष्टि से देखते हुए बोली, ‘’वो तो ठीक है इंस्पेक्टर साहब, पर वे सब गुंडे हैं, मेरी लड़कियों को देखकर बेकाबू हो गए तो और पागल सांड की तरह उन पर टूट पड़े तो, मेरी लड़कियों को कुछ हो गया तो मेरा तो पार्लर ही बंद हो जाएगा।‘’
ऐसा कुछ नहीं होगा जूली, आसपास मेरे कुछ आदमी सादे कपड़ो में रहेंगे, कुछ भी गड़बड़ी की आशंका हुई तो वे गोली चलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे, मैं वादा करता हूं कि तुम्हारी लड़कियों को जैसे लेकर जा रहा हूं वैसे ही लेकर लौटूंगा, शोभित ने आश्वासन दिया तो जूली ने फिर से पूछा, ‘’अच्छा, और उसके बाद?‘’
उसके बाद तुम आपना पार्लर चलाना, जैसा चलाती हो।‘
मतलब आपको मेरे पार्लर के काम से कोई एतराज नहीं है? जूली ने भौंहे मटकाकर पूछा।
शोभित ने खीजते हुए जवाब दिया, ‘’वो सब मैं कुछ नहीं जानता, मैं इतना कह सकता हूं कि मैं इस मामले में नहीं पड़ूंगा और वैसे भी मैं रिटायर पुलिस ऑफिसर हूं, यह काम होते ही मैं शिमला निकल जाऊंगा।‘’
जूली ने कुछ सोचा…सामने नोटो की गडडियां, लड़कियों को भी कुछ ऐसा वैसा नहीं करना था, केवल उन गुंडो के सामने जाकर नाच-खाकर उनका ध्यान भटकाना था, यह काम करने में तो मेरी लड़कियां माहिर हैं। जूली तुरंत अंदर गई ओर आधे घंटे के अंदर ही छ: सात सुंदर सुंदर लड़कियों को रेडी करवाकर शोभित के सामने ले आई।
शोभित ने उन लड़कियों को समझा दिया कि क्या करना है, उसने राघव के चार मंजिला घर की फोटो उन लड़कियों को दिखाते हुए कहा, ‘’इस घर के सामने कुछ गुंडे होंगे, उन्हें तुम्हें रिझाना है, कुछ ऐसा करना है कि वे राघव के घर में आने जाने वाले लोगों पर नजर न रख सकें, घर के बाहर एक गार्ड है, उसका भी ध्यान भटकाना है, केवल थोड़ी ही देर के लिए जैसे ही घर के अंदर हल्दी की रस्म शुरू होगी, बाहर ढोल नगाड़े बजने लगेंगे और तुम लोग अपना काम शुरू कर देना। सभी लड़कियों ने हां में सिर हिला दिया, फिर शोभित ने सभी लड़कियों को कार में बैठने का इशारा किया।
जतिन का यह प्लान भी सफल हुआ…पार्लर वाली लड़कियों ने अपना काम बखूबी निभाया, वैसे ही उन सभी ने उत्तेजक ड्रेस पहने थे, नैना ने जिस काम के लिए अपने गुंडो को राघव के घर के सामने लगाया था...उसकी तो ऐसी की तैसी हो गई। सीसीटीवी को भी इस तरह हैक किया गया था कि नैना को राघव के घर में हर दो तीन मिनट में किसी मेहमान की एंट्री करते हुए दिखाया जा रहा था।
जतिन के हैकर बखूबी अपना काम कर रहे थे...इधर मौका देखकर राघव घर में घुस गया। शेखर घर के एक विशेष कमरे में केवल अपने परिवार के साथ बैठा था, सभी के चेहरे पर एक ही सवाल था कि शेखर हल्दी जैसे विशेष रस्म की शुरूआत होने वाली है तो वे सबको लेकर यहां क्यों आए हैं?
अनन्या ने शेखर से पूछा, ‘’पापा, आप बहुत ज्यादा सस्पेंस क्यों क्रिएट कर रहे हैं, बता तो दीजिए कि बात क्या है? हल्दी की रस्म तो हो जाने दीजिए हम बाद में बातें कर लेंगे, मेहमान बाहर इंतजार कर रहे हैं।‘
शेखर ने कहा, मेहमानों को तो अब शादी तक रहना है….तो उन्हें इंतजार करने दो, पर जो शख्स यहां आने वाला वह शायद शादी में आ ही ना पाए।‘ कहकर शेखर ने अपने छोटे बेटे रमन को देखा रमन के चेहरे पर कई सारे सवाल तैरने लगे।
तुम्हारे सवालों का जवाब मिलने वाले हैं, कहकर शेखर ने दरवाजे से रूम के अंदर आ रहे एक शख्स की ओर इशारा किया।
उस इंसान को देखते ही सबकी पलकें ठहर गई....राघव की पर्सनालिटी बदल जरूर गई थी पर इतनी भी नहीं कि दाढ़ी मूंछ आ जाने पर और थोड़ा सा वजन बढ़ने पर उसकी अपनी फैमिली भी उसे न पहचान पाए।
स्नेहा ने दौड़कर राघव को गले लगा लिया और देखते ही देखते सब राघव से लिपट गए थे। अनन्या की आंखो में आंसू थे...वह अपने भाई को इतने सालों बाद देख रही थी। सच तो यह भी था कि मीरा के साथ उसकी शादी टूटने पर वह खुश थी…पर खुश वह इसलिए थी कि मीरा और राघव की जान बचाने के लिए उसे और अनुज को बहुत कुछ करना पड़ा था…वह जल्दी ही राघव को सच बताने वाली थी।
वह सच क्या था...जो अनन्या और अनुज जानते थे?
क्या नैना को पता चल पाएगा कि राघव उसकी नाक के नीचे से होकर अपने परिवार से मिलने गया था?
मारिया का सच जानने के बाद अब चीफ क्या करेगा?
जानने के लिए पढ़ते रहिए बहरूपिया मोहब्बत।
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